FUN-MAZA-MASTI
बड़ी बहू
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मेरी नयी नयी शादी हुई है. जब से मेरा रिश्ता इस घर मे हुआ है तब से ही मैने नोट किया कि मेरे घर मे हर काम घर की बड़ी बहू याने कि मेरी जेठानी से ही पूछ कर होता है. कोई भी एक पानी का ग्लास भी उनसे पूछे बगैर नहीं पीता है. उनका नेचर बड़ा अच्छा है पर फ़िर भी अजब बात है कि इतनी सी भी किसी की नहीं चलती मेरी ससुराल में. आगे बताने के पहले मैं आप को हमारी ससुराल के मेंबर्स के बारे में बता दूं. परिवार में दस लोग हैं, मेरे ससुर, मेरी सास (दोनों रिटायर्ड हैं और घर पर ही रहते हैं) मेरे ससुर के छोटे भाई (वो पैरालिटिक हैं, चल फ़िर नहीं सकते) मेरे जेठ याने पति के बड़े भाई, मेरी जिठानी (घर की बड़ी बहू), मेरे पति (मेरे पति और मेरे जेठ, दोनों का साझा बिज़िनेस है, और ऊपर वाले की दया से बहुत अच्छा है), मेरी ननद (बी ए पार्ट २ मे पढती है), दो छोटे देवर (एक १२वीं मे और एक १०वीं मे) और मैं.
तो कहानी वहां से शुरू करती हूं जब से मेरा रिश्ता इस घर में हुआ, तभी से मैं देखती थी और सुनती थी कि कोई भी काम या कोई भी डिसिशन मेरी जिठानी के बिना नहीं होता था. हर चीज बस उनकी मर्जी से होती थी. यहां तक कि मुझे उन्होंने ही फ़ाइनल किया था. तो मेरी शादी हो गयी. मैंने शुरू से ही गौर किया कि भाभी (याने मेरी जिठानी, बड़ी बहू) मेरा बहुत खयाल रखती थी. वो छोटी छोटी बातें भी नोट करती थी कि मुझे कुछ चाहिये तो नहीं. या मुझे कुछ बुरा तो नहीं लगा. मैं उनसे बड़ी इम्प्रेस हो गयी. ऐसे ही टाइम निकलता गया. भाभी मुझे कुछ काम नहीं करने देती थी, वो कहती थी कि अभी आराम करो, फ़िर तुमने ही काम करना है सारा. मुझे बिलकुल अपनी बेटी जैसे मानती थी. पर एक बात मुझे बहुत चुभती थी कि हर कोई उनको ही बुलाता है मुझसे कोई कभी कुछ काम नहीं कहता. अगर मैं इनिशिएटिव लेती थी तो सब मुझसे कहते थे कि रिद्धिमा, छोड़ दो, तुमसे नहीं होगा.और भाभी को बुला लेते थे. तो एक दिन मैंने ठान ली कि बिलकुल उनके जैसी बनूंगी. तो तब से मैंने उनको फ़ॉलो करना शुरू कर दिया कि वो कब क्या कैसे करती है.
तो उस दिन की बात है, शाम का समय था, लगभग ७ बजे होंगे. मैंने भाभी का पीछा करना शुरू कर दिया. हमारा घर बहुत बड़ा है. अगर कोई किसी को फ़ॉलो कर रहा हो तो आसानी से पता नहीं चलता. मेरे सास ससुर ७ बजे खाना खा लेते हैं. भाभी नौकर के साथ उनके कमरे में घुसी खाना लेकर, और मैं खिड़की पर खड़ी होकर देखने लगी. भाभी ने पलंग पर खाना लगाया और माताजी और पिताजी ने खाना खा लिया. भाभी तब तक वहीं खड़ी रही.
उनका खाना होने के बाद भाभी ने नौकर को बुलाया और उसे जूठे बर्तन दे दिये. नौकर के जाने के बाद भाभी माताजी के पैर दबाने लगीं. पिताजी उनके सामने कुर्सी पर बैठे थे. माताजी ने भाभी से कहा "बहू, आज इनका बहुत मन हो रहा है" मैं तो कुछ समझी नहीं पर भाभी तुरंत बोली "जी मां". और वह उठी और जाकर दरवाजा अंदर से लगा लिया. फ़िर माताजी के पास आकर बैठ गई और उनके पैर दबाने लगी. तब तक मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है. धीरे धीरे भाभी ने पैर दबाते दबाते माताजी की साड़ी घुटने तक कर दी. ससुरजी यह देख रहे थे. उन्होंने अपना हाथ अपने लंड पर रखकर सहलाना शुरू कर दिया. भाभी ने धीरे धीरे माताजी की साडी पूरी ऊपर कर दी जिससे उनकी चूत दिखने लगी. भाभी ने उनकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद ऑइल की बॉटल में से ऑइल निकाल कर उनकी चूत पर लगा दिया अच्छी तरह से. और अपनी उंगली से फिंगर करने लगी. माताजी बहुत जोर जोर से सांसें लेने लगीं.
भाभी ने पिताजी को पलंग पर आने को कहा. पिताजी उठ कर उन दोनों के बगल में बैठ गये. भाभी उनकी तरफ़ मुडी और दूसरे हाथ से पिताजी की धोती ऊपर करके उनके लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगी. वो दूसरे हाथ से अभी भी माताजी की चूत में उंगली कर रही थी. फ़िर वे पिताजी का लंड अपने मुंह में लेकर जोर जोर से चूसने लगीं. ये सब करीब आधे घंटे तक चलता रहा. इस आधे घंटे के पूरे टाइम भाभी का सिर पर घूंघट था और पिताजी ने अपनी तरफ़ से भाभी को नहीं छुआ था. आधे घंटे बाद भाभी उठी और पिताजी को सहारा देकर बेड पर बिठाया और माताजी की टांगें फ़ैलाकर पिताजी को उनके ऊपर आने को कहा. पिताजी माताजी के ऊपर आये तो भाभी ने पीछे से माताजी कि टांगें उठाकर पिताजी के पीठ के ऊपर रख दीं और फ़िर पिताजी ने अपना लंड माताजी की चूत में डाला और पेलने लगे. उसके बाद वे दोनों चालू रहे और भाभी उनको प्रणाम करके कमरे के बाहर आ गयी. मैं दीवार के पीछे छुप गयी जिससे वो मुझे देख न सके.
७:४५ बज चुके थे. भाभी वहां से निकल कर रसोई में से चाचाजी (पिताजी के छोटे भाई) के लिये खाना लेने चली गयी. चाचाजी को खाना उन्होंने अपने हाथों से खिलाया और फ़िर उनका मुंह साफ़ किया. मैं ये सब दरवाजे के पीछे से देख रही थी. चाचाजी बिलकुल भी नहीं हिल सकते थे. भाभी ने उनके कपड़े चेंज करने के लिये उतारे. उनको कुरता पहनाया पर धोती नहीं पहनायी. खराब कपड़े उन्होंने बाथरूम में रखे और वापस आयीं. चाचाजी का लंड पकड़ कर उन्होंने सहलाना शुरू कर दिया. मैं देख कर दंग रह गयी. ये भाभी क्या कर रही है एक फ़िज़िकली डिसेबल्ड के साथ! उसके बाद भाभी ने ब्लाउज़ में से अपना एक ब्रेस्ट ब्लाउज़ के गले से निकालर चाचाजी के मुंह के पास ले जाकर मुंह में घुसेड़ने लगी. चाचाजी धीरे धीरे उनके ब्रेस्ट को चूसने लगे. साथ ही भाभी अपने एक हाथ से जोर जोर से चाचाजी के लंड को हिला रहीं थीं. थोड़ी देर बाद भाभी ने अपना ब्रेस्ट ब्लाउज़ के अंदर कर दिया और दोनों हाथों से पकड़कर जोर जोर से चाचाजी का लंड हिलाने लगी. ५ मिनिट में चाचाजी का पानी निकल गया. पानी निकलते ही मैंने देखा कि चाचाजी ने अपना हाथ हिलाया और उठाकर भाभी के सर पर रख दिया. भाभी बहुत खुश होने लगीं और कहने लगीं कि चाचाजी बहुत इम्प्रूवमेंट है और ऊपर वाले ने चाहा तो आप जल्दी ठीक हो जायेंगे. फ़िर उन्होंने उनका लंड साफ़ किया और धोती पहनाकर बाहर आ गयीं.
मेरे देवर सोनू और मोनू जिनके बोर्ड के एक्ज़ाम चल रहे थे, उनको भाभी ही पढ़ाया करती थी. तो चाचाजी को फ़्री करके भाभी सोनू जिसका बारवीं का बोर्ड था, उसके रूम में गयीं. भाभी ने उसको पूछा "सोनू बेटा, पढ़ाई हो गयी?" सोनू बोला "हां भाभी, हो गयी" भाभी बोले "चलो तो फ़िर ये पेपर करके दिखाओ" और भाभी ने उसको एक क्वश्चन पेपर दिया और कहा कि इसको एक घंटे में खतम करो, अगर सही किया तो इनाम मिलेगा. सोनू बोला "पक्का?" तो भाभी बोलीं कि पक्का बेटा, बिलकुल पक्का. सोनू बोला "प्लीज़ भाभी, एग्ज़ाम शुरू होने के पहले थोड़ा सा मूड फ़्रेश कर दो ना प्लीज़!" भाभी बोलीं "नहीं, पहले एग्ज़ाम करो" सोनू बोला "नहीं भाभी प्लीज़! पेपर अच्छा करूंगा, प्लीज़!"
भाभी बोलीं कि अच्छा ठीक है पर थोड़ी सा ही बस, मुझे बहुत काम हैं. और भाभी पलंग पर बैठ्य गयीं और सोनू जमीन पर. भाभी ने अपनी टांगें जमीन की ओर लटका दीं जिससे उनका पैर (फ़ूट) सोनू की गोद में था. सोनू भाभी के फ़ूट को पागलों की तरह टच करने लगा. वो उनके पैरों को जोर जोर से पागलों की तरह सहला रहा था और चाट रहा था. वैसे मैं आप लोगों को बता दूं कि भाभी बहुत ही गोरी थीं और उनके पैर और टांगें भी बहुत गोरी और सुंदर थीं. तो सोनू उनके पैरों की उंगलियों को लॉलीपॉप की तरह चूस रहा था. और उस समय भाभी बिलकुल कूल बैठी थीं और न्यूज़पेपर पढ़ रही थीं. थोड़ी देर के बाद जैसे ही सोनू ऊपर करके उनके घुटनों तक पहुंचा वैसे ही भाभी ने उसको कहा "चलो सोनू, बहुत हुआ, बाकी टेस्ट पेपर करने के बाद." सोनू ने 'अच्छा भाभी' कहके उनके पैर के तलवे को किस किया और ज़मीन से उठ गया. भाभी वहां से उठीं और बाहर आ गयीं और सोनू टेबल पर बैठ्य कर टेस्ट पेपर करने लगा.
भाभी वहां से निकल कर रसोई में चली गयी और खाना बनाने लगी. मैं भी उनके साथ रसोई में चली गयी और उनका हाथ बटाने लगी. मैं देख रही थी कि वो कैसे रियैक्ट करती हैं पर भाभी ऐसे थी जैसे कुछ हुआ ही ना हो. मुझे लगा कि ये सब उनके लिये रोज का था. भाभी मुझे बोलीं. "तुम आराम करो बेटा" मैं बोली "नहीं, बहुत आराम हो गया, मुझे भी कुछ काम दीजिये." और मैं सब्जी काटने लगी. थोड़ी देर में मेरी ननद ने आवाज दी "भाभी बहुत जोर की भूख लगी है और नींद भी आ रही है, प्लीज़ आओ ना" भाभी बोलीं "आती हूं गुडिया" और भाभी उसके कमरे में खाना लेकर चली गयीं, और उसको खाना देकर फ़िर से वापस आ गयीं. मुझे लगा कि कम से कम यहां तो सब कुछ नॉर्मल है. भाभी फ़िर काम में लग गयीं. पर शायद मैं गलत थी. थोड़ी देर में फ़िर गुड़िया की आवाज आयी "भाभी खाना खा लिया ... प्लीज़ सुला दो" भाभी मुझे बोलीं कि रिद्धिमा, प्लीज़ ये सब्जी देखना, मैं अभी गुड़िया को सुला कर आती हूं" और वो वहां से चली गयीं.
मैंने सब्जी बंद कर दी और उनके पीछे पीछे गयी तो मैंने देखा कि भाभी पलंग पर बैठी हुई हैं और गुड़िया उनकी गोद में सिर रखकर लेटी हुई है. भाभी उसके सिर पर हाथ फ़ेर रही थीं. थोड़ी देर बाद भाभी उसकी गर्दन पर से होते हुए ब्रेस्ट पर गाउन के ऊपर से हाथ फ़ेरने लगी. गुड़िया की आंखें बंद थीं पर उसने लंबी सांसें लेना शुरू कर दिया. फ़िर भाभी ने ऊपर गले से उसके गाउन में हाथ डाला और दबाने लगी. गुड़िया का सेटिस्फ़ेक्शन उसके चेहरे पर दिख रहा था. १० मिनिट तक भाभी ऐसा ही करती रही. फ़िर भाभी ने उसको पूछा कि "क्या हुआ, नींद नहीं आ रही?" गुड़िया बोली "नहीं" तो भाभी पलंग से उठ कर गुड़िया के पैरों की तरफ़ आयीं और उसका गाउन उठा कर पैंटी के ऊपर कर दिया.
उसने ब्ल्यू कलर की पैंटी पहनी हुई थी. भाभी ने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी वर्जिन चूत पर हाथ फ़ेरने लगी. गुड़िया बहुत जोर जोर से सांस ले रही थी. फ़िर भाभी ने अपना मुंह उसकी चुत के पास ले जाकर उसकी चूत मुंह में भर ली और चूसने लगी. गुड़िया बहुत जोर जोर से अपनी कमर हिला रही थी. थोड़ी देर बाद भाभी उठी और फ़िर से उसकी चूत को सहलाने लगी. गुड़िया बोली "भाभी प्लीज़ उंगली अंदर डालिये ना" भाभी बोलीं "नहीं ... मैंने तुम्हें मना किया है ना कि ये तुम्हारा पति ही करेगा" और जोर से उसकी चूत को सहलाने लगी. थोड़ी देर बाद गुड़िया झड़ गयी. भाभी ने उसको पैंटी पहनाई और फ़िर से उसके सिर को गोदी में ले लिया. दो तीन मिनिट में गुड़िया सो गयी. भाभी ने उसको चादर ओढ़ाई और लाइट बंद करके बाहर आ गयीं.
वहां से भाभी मोनू के पास गयीं जो कि टेरेस पर था. भाभी बोलीं "मोनू बेटा, चैप्टर याद हो गया?" मोनू बोला "जी हां भाभी" भाभी बोलीं "अच्चा चलो सुनाओ" भाभी ने उसको कुछ क्वश्चन पूछे, मोनू ने सब के जवाब सुना दिये. भाभी बोलीं "शाबास बेटा, अब दूसरे चैप्टर की तैयारी करो" और अपनी साड़ी का पल्लू हटाया और मोनू के हाथ ले जाकर ब्लाउज़ के ऊपर से उस पर रख दिया. भाभी के बूब्स बहुत बड़े थे और वे डीप नेक का ब्लाउज़ पहने थीं. मोनू उनके बूब्स को दबाता रहा, फ़िर वो भाभी का ब्लाउज़ खोलने लगा तो भाभी ने बोला "नहीं पहले पूरे सब्जेक्ट खतम करो, तब खेलने दूंगी" वो ज़िद करने लगा कि "भाभी बस थोड़ा सा प्लीज़ बहुत मन कर रहा है भाभी प्लीज़" भाभी बोलीं "ठीक है बस थोड़ा सा" और भाभी ने उसका हाथ अपने ब्लाउज़ में डाल दिया और मोनू उनके बूब्स को दबाने लगा. थोड़ी देर बाद भाभी ने उसका हाथ बाहर निकाला और उसको पढ़ने के लिये बोल कर चली गयीं.
फ़िर क्यों कि एक घंटा हो चुका था तो भाभी सोनू के पास वापस गयीं. बोली "टेस्ट पेपर हो गया बेटा?" सोनू बोला "बस ५ मिनिट भाभी" भाभी ने कहा "ओके" कहकर बैठ गयीं. ५ मिनिट के बास सोनू ने भाभी को पेपर दिया और उनके पास बैठ गया. भाभी उसका पेपर चेक करने लगीं. सोनू उनके पैरों में बैठकर उनसे खेलने लगा. उसने उनकी साड़ी घुटने के ऊपर उनकी जांघों तक कर दी. भाभी की गोरी गोरी और सुडौल टांगें देखकर मेरा भी मन मचल गया. भाभी अब उसको कुछ भी मना नहीं कर रही थीं. वो थोड़ी देर तक भाभी की टांगें सहलाता रहा और चाटता रहा. फ़िर वो लोग ६९ पोज़ीशन में हो गये यानी सोनू भाभी की टांगों की तरफ़ हो कर लेट गया और उनकी टांगों से खेलने लगा और भाभी धीरे से उसकी पैंट की ज़िप खोल कर उसका लंड निकालकर सहलाने लगीं. फ़िर उन्होंने उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया. सोनू भाभी से बोला "डालने दो ना प्लीज़" भाभी ने बोला "नहीं अभी नहीं तुम अभी छोटे हो, तुम्हारे जब बारहवीं का रिज़ल्ट आयेगा और तुम अगर फ़र्स्ट डिविजन में आये तो तुम्हें डालने दूंगी पक्का" और फ़िर दोनों अपने अपने काम में मस्त हो गये. भाभी के मुंह में ही सोनू का पानी निकल गया. भाभी ने पानी पिया और सोनू के लंड को अपनी टंग से साफ़ किया और उसको सोने को कह कर उसके रूम से बाहर आ गयीं.
मैं ये सब देख कर बहुत हैरान थी. समझ नहीं आ रहा था कि कैसे रियेक्ट करूं.
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BADI BAHU
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Mari nayee nayee shadi hui hai. Jab se mera rishta is ghar me hua hai tab se hi maine note kya ki mere ghar me har kaam ghar ki BADI BAHU yani ki meri Jithani se hi pooch kar hota tha. Koi bhi ek pani ka glass bhi unke puche bina nahi peeta tha. Although she has got a very good nature but still itni bhi kisi ki nahi chalti apni sasural main. Before further proceedings I'll let you know about my family & family members. We are ten members in the family. Mere Sasur, Meri Saas (dono retired hai aur ghar par hi rehetain hain), Mere Sasur ke chote bhai (he is a paraletic patient he can't move from the bed), Mere Jeth (mere pati ke bade bhai), Meri Jithani (Ghar Ki BADI BAHU), Mere Pati (Mere pati & mere jeth dono ka sanjha business hai aur upar wale ki daya se bahut achcha hai), meri nanad (B.A. Part 2 me padti hai), do chote Devar (Ek 12th main hai Aur dusra 10th main) Aur main.
To kahani weha se shuru karti hon ki jab se mera rishta is ghar me hua tabhi se main sunti thi aur dekhti thi ki koi bhi kaam ya koi bhi decision meri jithani ki bina nahi hota tha. Rather I can say that she used to decide each & every thing. Mujhe bhi unhone hi final kiya tha. To meri shadi ho gayee. Maine shurooo se hi note kiya ki bhaabhee (meri juthani Badi Bahu) mera bahut khayal rakhti thi. Who choti choti baat note karti thi ki mujhe kuch chahiye to nahi, ya mujhe kuch bure to nahi laga. I was totally impressed with her. aise hi time nikalt gayaa. bhaabhee mujhe kuch kaam nahi karne deti thi wo keheti thi ki abhi aram karo fir to tumne ho karma hai sab kuch. She treats me like her own daughter. Magar ek baat mujhe bahut chubhti thi ki har koi unko hi bulata hai mujhse koi kuch kaam nahi keheta agar main initiative lati thi to sab mujhse kehete the ki "Ridia tum chod do tum se nahi hoga" aur bhaabhee ko bula lete the. So, one day I decided ki main bilkul unki jaysi banongi. To tab se maine unko follow karma shuru kiya. Wo kya – kab – kaise karti hain. To us din ki baat hai shaam ka samye tha lag bagh 7 baje honge. Maine bhaabhee ka picha karma shuro kiya. Humara ghar bahut bada hai. Agra koi kisi ko follow kar reha ho to asani se pata nahi chalta. Mere saas sasur 7 baje khana kha lete hai. bhaabhee naukar ke sath unke room me ghusi khana lekar aur main khidki pa khadi ho kar dekhne lagi. bhaabhee ne palang par khana lagaya aur Mataji & Pitaji ne khana kha liyaa. bhaabhee tab tak wahi khadi raheee.
Unke khana khane ke baad bhaabhee ne naukar ko bulaya aur aur use jhothe bartan de diye. Naukar ke jane ke baad bhaabhee mataji ke per daba rahi thee aur pitaji unke samne aram kursi par baithe the. Mata ji ne bhaabhee se keha "Bahu ajj inka bahut mann ho reha hai" mai to kuch samji nahi par bhaabhee turant boli "Ji maa" aur waha se uthee aur jake darwaja undar se band kar liya Aur Mata ji ke pass aa ker baith gayee aur unke pair dabane lagi. Tab tak mujhe kuck samajh nahi aa raha tha ki kya ho reha hai. Dheere – Dheere bhabhi pair dabate dabate Mataji ki Sadi ghutne tak kar di. Sasur ji ye dekh rahi the. Unhone apne haat apne lund par rakh kar sehelane lage. bhaabhee ne Dheere –2 unke sadi pooree upar kar di jisese unki choot dikhne lagee. bhaabhee ne unki choot ko sehelana shooro kiya aur thodi deir baad oil ki bottle me se oil nikal kar unki choot par laga diya achi terha se. Aur apne ungli se fingering karne lagee. Mataji bahut joor jor se saanse lene lagiiiii. bhaabhee ne Pitaji ko palang par ane ko keha. Pitaji uth kar un dono ke bagal main baith gayee. bhaabhee unki taraf moodi aur Doosre hath se pitaji ki dhoti ko upar kar ke unke lund ko bahar nikal kar sehelane lagi. Wo dusre haath se abhi bhi mataji ki choot me ungli kar rahi thi. Unhone pitaji ka lund apne muh me leke bahut jor jor se chusne lagi. Ye sab kareeb adhe ghante tak chalta reha. Is adhe ghante ke pure time bhaabhee ke sar par ghunghat tha aur pitaji ne apni taraf se bhaabhee ko nahi chua tha. Adhe ghante baad bhaabhee uthee aur pitaji ko sehara de kar bed par bithaya aur mataji ki tange fila kar pitaji ko unke upar ane ko keha. Pitaji mataji ke upar aye to bhaabhee ne peeche se Mataji ki tange utha kar Pitaji ke peeth ke upar tak kar di Aur fir pitaji ne apna lund mataji ki choot me dala aur pelne lage. Uske baad wo done chaloo rahe aur bhaabhee unko namashkar kar ke room ke bahar aa gayee. Main deewar ke peeche choop gayee jisese wo mujhe dekh na saken….
7:45 baj chukka tha. bhaabhee weha se nikal kar bhaabhee rasoi me se Chachaji (Pitaji ke chote bhai) ke liye khana lene chali gayee. Chacha ji ko khana unhone apne haat se khana khilaya aur fir unka muh saf kiya. Main ye sab kuch darwaje ke peeche se dekh rahi thee. Chachaji bilkul bhi nahi hil sakte the. bhaabhee ne unke kapde change karne ke liye utare. Unko kurta pehenaya par dhoti nahi pehenayee. Kharab kapde unhone bathroom me rakhee aur wapas aye. Chachaji ka lund pakad kar unhone sehelana shuroo kiya. Mai to dang rehe gayee. Ye bhaabhee kya kar rahi hai ek physically disable admi ke sath. Uske bad bhaabhee ne apna blouse me se ek breast upar se nikal kar chachaji ke muhke pass jaa kar breast pakar kar unke muh me ghusane lagee. Chacha ji unke breast ko dheere – 2 chusne lage. Sath-2 bhaabhee apne ek hath se chachaji ke lund ko jor jor se hilla rahin thee. Thodi der breast chuswane ke baad bhaabhee ne ne apne breast undar kar liye aur lund ke pass aa kar aur jor jor se hilane lagi. 5 min baad chacha ji ka pani nikal gaya. Pani nikalte hi maine dekhaa ki chachaji ne apna hath hilaya aur utha kar bhaabhee ke sar par rakha. bhaabhee bahut khush hone lagee aur kehene lageen ki Chachaji bahut improvement hai aur upar wale ne chaha to aap jaldi theek ho jayenge. Fir unhone unka lund saaf kiya aur unko dhoti pehena kar bahar aa gayee.
Mere devar (Sonu aur Monu) jinke bord ke exam chal rahe the unko bhaabhee hi padaya karti theen. To Chacha ji free ho kar bhaabhee Sonu (jiska 12 ka bord tha) uske room me gayee. bhaabhee ne usko pucha ki "Sonu beta Padayee ho gayee" Sonu: "Haan bhaabhee ho gayee" bhaabhee: "Chalo fir ye paper kar ke dikhao" aur bhaabhee ne usko ek question paper diya aur keha isse 1 hour me khatam karo agar sahi kiya to gift milega. Sonu bola pakka to bhaabhee boli pakka beta bilkul pakka. Sonu: "bhaabhee pls exam shuru hone se pehele thoda sa mood fresh kar do pls". bhaabhee:"nahi pehele exam karo. Sonu:" nahi bhaabhee pls paper chacha karunga.Plsssssss". bhaabhee boli achcha theek hai magar thoda sa hi kyon ki mujhe bahut kaam hai. Sonu bola theek hai… Aur bhaabhee Palang pad baith gayee Aur suno jameen par. bhaabhee ne apni tange neeche ki taraf latka di jisese unke pair (foot) Sonu ki goodh me the. Sonu ne bhaabhee ke foot ko paglon ki terhan touch karne laga. Wo onkw pairo ko paglon ki tarhan sehla reha tha aur chaat reha tha. Waise main aap logo ko bata doon ki bhaabhee bahut hi goori theen aur unke pair aur tange bhi bahut goori aur sundar theen. To Sonu ukne pairo ki unlgeeyon ko lollypop ki terha choos reha tha. Aur us samaye bhaabhee bilkul cool baithee the aur news paper pad rahi thee. Thodi der baad jaise hi Sonu upar kar ke unke Ghutno tak pahuncha waise hi bhaabhee ne uske keha "chalo sonu bas bahut hua baki Test paper karne ke baad. Sonu ne achcha bhaabhee kehe kar unke pair ke taluye par kiss kiya aur zameen se uth gya. bhaabhee weha se uthee aur bahar aa gayee aur Sonu table par baith kar test karne laga.
bhaabhee weha se nikal kar rasoni me chalee gayee aur khana banana lagi mai bhi unke sath Rasoi me chalee gayee aur unka haath batane lagee. Aur who aise react kar rahi thi ki jaise kuch hua hi nahi ho. I think she is used to it. bhaabhee: "Tum aram karo beta". Me" Nahi bahut aram ho gaya mujhe bhi kuch kaam dijiye". Aur uke sath sabzi katne lagi. Thodi der baad Meri Nanand ki awaz aaii "bhaabhee bahut zor ki bhuk lagi hai aur neend bhi aa rahi hai please aaoo na". bhaabhee: "Ati hoon Gudiya" Aur bhaabhee uske karma me Khana leke chalee gayee. Aur usko Khana de kar wapas aa gayee. Mujhe laga yeha to atleast sab kuch normal hai. bhaabhee fir Kam me la gayee. Par mai shayad galat thee. Gudiya ki thodi der baad fir se aawaz aayee "bhaabhee khana kha liya pls sula do". bhaabhee ne mujhko bole ki Ridima pls ye sabzi dekhna mai abhi Gudiya ko sula kar aati koon. Aur who weha se chalee gayee.
Mai sabzi band kar ke unke peeche gayee to maine dekha ki bhaabhee palang par baithee hui hain aur Gudiya unki godi mein sar rakh kar leti hui hai. bhaabhee uske sar par hath fer rahi thi. Thodi der baad bhaabhee ne uske garden se hote hue uske breast par (Gown ke upar se) hath ferne lagi. Gudiya ki aanke band thi par usne lambi sanse lena shuru kar diya. Fir bhaabhee ne uske Gown me upar se andar hath dala aur dabane lage. Gudiya ka satisfaction uske face par dikh reha tha. 10 min tak bhaabhee aisa hi karti rahi. Fir bhiabi ne usko pucha ki "kya hua need nahi aa rahi". Gudiya bole nahi. To bhaabhee palag se uth kar Gudiya ke pairo ki taraf aayeen aur uske Gown utha kar panty ke upar har diya. Usne Blue colour ki panty pahani thee. bhaabhee ne uske panty utar de Aur uske vergine choot par haath ferne lagee. Gudiya bahut Zor – 2 se saans le rahi thee. Fir bhaabhee ne apne moh uski choot ke paas le ja ka uske cunt ko apne moh me le kar choosne lagee. Gudiya Bahut zor-2 se apni kamar hi rahi thee. Thodi der baad bhaabhee uthee aur fir se uske choot ko sehe lane lagi zor-2 se. Gudiya boli"bhaabhee pls unlgi andar daliye na" bhaabhee:" Nahi maine timhe mana kiya hai na ki ye tumhara pati hi karega" Aur aur se choot ko sehelane lagi. Thodi der me Gudiya Zad gayee. Aur bhaabhee ne ne usko panty pehenayee aur fir se aske ser ko apni godi me rakh kar sehelane lagii. 2-3 min me hi Gudiya so gayee. bhaabhee ne usko chadar udayee aor light band karke bahar aa gayee.
Weha se bhaabhee Monu ke pass gayee jo ki tarrece par tha, bhaabhee"Monu beta cheptar yaad ho gaya" Monu:" ji haan bhaabhee" bhaabhee:"Achcha chalo sunao" bhaabhee ne usko kuch question puchee usne unko sab kuch suna diye. bhaabhee:"Shabash beta chal ab dusra chepter tyar karo" Aur apni sadi ka pallu hataya aur Monu ka haath leja kar Blouse ke upar se us par rakh diya. bhaabhee ke boobs bahut bade the aur wo deep neck ka blouse pehenti thee. To monu unke boobs ko upar se babata reha thodi der mein wo bhaabhee ka blouse kolne laga to bhaabhee ne bola ki"nahi pahele pure subject khatam karo tab khelne ko dongee". Wo zid karne laga ki" bhaabhee pls thoda sa" bahut mann kar reha hai, bhaabhee plsssss" bhaabhee: theek hai bas thoda sa" Aur bhaabhee ne uska haath apne blouse me daal diya aur monu unke boobs ko danabe laga. Thodi der baad bhaabhee ne uska haath bahar nikala aur uske padne ke liye bol kar chalee gayee.
Fir Kyon ki ek ghanta ho chukka tha to bhaabhee Sonu ke pass wapas gayee. bhaabhee: Test paper ho gayaa beta" Sonu:"bas 5min". bhaabhee o.k. kehe kar baith gayee 5 min baad sonu ne bhaabhee ko paper diya aur unke pass bait gya. bhaabhee uska paper test karne lagi. Sonu unke pairo me baith kar unse khelne laga. Usne unki sadi Unke Ghutno se upar unki jango tak kar di. bhaabhee ki goori – 2 aur sudail tange dekh kar mera bhi mann machal gaya. bhaabhee ab usko kuch bhi manaa nahi kar rahi theen. Wo thodi der tak bhaabhee ki tange sehelata reha aur chateta reha. Fir who log 69 position me ho gaye yanee who bhaabhee ki tango ke taraf ho kar let gaya aur unki tango se khelne laga aur bhaabhee ne dheere se uski pant ki zip ko kar uska lund nikal kar sehelane lagi. Fir unhone uske lund ko chusna shuru kar diya. Sonu bhaabhee se bola: "Dalne do pls" bhaabhee ne bola ki"nahi abhi nihi tum abhi chote ho, Tumhare jab 12 kar result ayega aur tumhari agar first division aye to tumhe dalne dungee pakka" aur fir se do no apne-2 kaamo me mast ho gaye. bhaabhee ke muh me hi Suno ka paani nikal gayaa. bhaabhee ne sara pani piyaa aur Sonu ke lund to apni tongue se saaf kiya aur usko sone ka kehe kar asku room se baahar aa gayee.
Main ye sab kuch dekh kar Bahut hairan thee. Samajh nahi aa reha tha ki kaise react karoo.
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बड़ी बहू
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मेरी नयी नयी शादी हुई है. जब से मेरा रिश्ता इस घर मे हुआ है तब से ही मैने नोट किया कि मेरे घर मे हर काम घर की बड़ी बहू याने कि मेरी जेठानी से ही पूछ कर होता है. कोई भी एक पानी का ग्लास भी उनसे पूछे बगैर नहीं पीता है. उनका नेचर बड़ा अच्छा है पर फ़िर भी अजब बात है कि इतनी सी भी किसी की नहीं चलती मेरी ससुराल में. आगे बताने के पहले मैं आप को हमारी ससुराल के मेंबर्स के बारे में बता दूं. परिवार में दस लोग हैं, मेरे ससुर, मेरी सास (दोनों रिटायर्ड हैं और घर पर ही रहते हैं) मेरे ससुर के छोटे भाई (वो पैरालिटिक हैं, चल फ़िर नहीं सकते) मेरे जेठ याने पति के बड़े भाई, मेरी जिठानी (घर की बड़ी बहू), मेरे पति (मेरे पति और मेरे जेठ, दोनों का साझा बिज़िनेस है, और ऊपर वाले की दया से बहुत अच्छा है), मेरी ननद (बी ए पार्ट २ मे पढती है), दो छोटे देवर (एक १२वीं मे और एक १०वीं मे) और मैं.
तो कहानी वहां से शुरू करती हूं जब से मेरा रिश्ता इस घर में हुआ, तभी से मैं देखती थी और सुनती थी कि कोई भी काम या कोई भी डिसिशन मेरी जिठानी के बिना नहीं होता था. हर चीज बस उनकी मर्जी से होती थी. यहां तक कि मुझे उन्होंने ही फ़ाइनल किया था. तो मेरी शादी हो गयी. मैंने शुरू से ही गौर किया कि भाभी (याने मेरी जिठानी, बड़ी बहू) मेरा बहुत खयाल रखती थी. वो छोटी छोटी बातें भी नोट करती थी कि मुझे कुछ चाहिये तो नहीं. या मुझे कुछ बुरा तो नहीं लगा. मैं उनसे बड़ी इम्प्रेस हो गयी. ऐसे ही टाइम निकलता गया. भाभी मुझे कुछ काम नहीं करने देती थी, वो कहती थी कि अभी आराम करो, फ़िर तुमने ही काम करना है सारा. मुझे बिलकुल अपनी बेटी जैसे मानती थी. पर एक बात मुझे बहुत चुभती थी कि हर कोई उनको ही बुलाता है मुझसे कोई कभी कुछ काम नहीं कहता. अगर मैं इनिशिएटिव लेती थी तो सब मुझसे कहते थे कि रिद्धिमा, छोड़ दो, तुमसे नहीं होगा.और भाभी को बुला लेते थे. तो एक दिन मैंने ठान ली कि बिलकुल उनके जैसी बनूंगी. तो तब से मैंने उनको फ़ॉलो करना शुरू कर दिया कि वो कब क्या कैसे करती है.
तो उस दिन की बात है, शाम का समय था, लगभग ७ बजे होंगे. मैंने भाभी का पीछा करना शुरू कर दिया. हमारा घर बहुत बड़ा है. अगर कोई किसी को फ़ॉलो कर रहा हो तो आसानी से पता नहीं चलता. मेरे सास ससुर ७ बजे खाना खा लेते हैं. भाभी नौकर के साथ उनके कमरे में घुसी खाना लेकर, और मैं खिड़की पर खड़ी होकर देखने लगी. भाभी ने पलंग पर खाना लगाया और माताजी और पिताजी ने खाना खा लिया. भाभी तब तक वहीं खड़ी रही.
उनका खाना होने के बाद भाभी ने नौकर को बुलाया और उसे जूठे बर्तन दे दिये. नौकर के जाने के बाद भाभी माताजी के पैर दबाने लगीं. पिताजी उनके सामने कुर्सी पर बैठे थे. माताजी ने भाभी से कहा "बहू, आज इनका बहुत मन हो रहा है" मैं तो कुछ समझी नहीं पर भाभी तुरंत बोली "जी मां". और वह उठी और जाकर दरवाजा अंदर से लगा लिया. फ़िर माताजी के पास आकर बैठ गई और उनके पैर दबाने लगी. तब तक मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है. धीरे धीरे भाभी ने पैर दबाते दबाते माताजी की साड़ी घुटने तक कर दी. ससुरजी यह देख रहे थे. उन्होंने अपना हाथ अपने लंड पर रखकर सहलाना शुरू कर दिया. भाभी ने धीरे धीरे माताजी की साडी पूरी ऊपर कर दी जिससे उनकी चूत दिखने लगी. भाभी ने उनकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद ऑइल की बॉटल में से ऑइल निकाल कर उनकी चूत पर लगा दिया अच्छी तरह से. और अपनी उंगली से फिंगर करने लगी. माताजी बहुत जोर जोर से सांसें लेने लगीं.
भाभी ने पिताजी को पलंग पर आने को कहा. पिताजी उठ कर उन दोनों के बगल में बैठ गये. भाभी उनकी तरफ़ मुडी और दूसरे हाथ से पिताजी की धोती ऊपर करके उनके लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगी. वो दूसरे हाथ से अभी भी माताजी की चूत में उंगली कर रही थी. फ़िर वे पिताजी का लंड अपने मुंह में लेकर जोर जोर से चूसने लगीं. ये सब करीब आधे घंटे तक चलता रहा. इस आधे घंटे के पूरे टाइम भाभी का सिर पर घूंघट था और पिताजी ने अपनी तरफ़ से भाभी को नहीं छुआ था. आधे घंटे बाद भाभी उठी और पिताजी को सहारा देकर बेड पर बिठाया और माताजी की टांगें फ़ैलाकर पिताजी को उनके ऊपर आने को कहा. पिताजी माताजी के ऊपर आये तो भाभी ने पीछे से माताजी कि टांगें उठाकर पिताजी के पीठ के ऊपर रख दीं और फ़िर पिताजी ने अपना लंड माताजी की चूत में डाला और पेलने लगे. उसके बाद वे दोनों चालू रहे और भाभी उनको प्रणाम करके कमरे के बाहर आ गयी. मैं दीवार के पीछे छुप गयी जिससे वो मुझे देख न सके.
७:४५ बज चुके थे. भाभी वहां से निकल कर रसोई में से चाचाजी (पिताजी के छोटे भाई) के लिये खाना लेने चली गयी. चाचाजी को खाना उन्होंने अपने हाथों से खिलाया और फ़िर उनका मुंह साफ़ किया. मैं ये सब दरवाजे के पीछे से देख रही थी. चाचाजी बिलकुल भी नहीं हिल सकते थे. भाभी ने उनके कपड़े चेंज करने के लिये उतारे. उनको कुरता पहनाया पर धोती नहीं पहनायी. खराब कपड़े उन्होंने बाथरूम में रखे और वापस आयीं. चाचाजी का लंड पकड़ कर उन्होंने सहलाना शुरू कर दिया. मैं देख कर दंग रह गयी. ये भाभी क्या कर रही है एक फ़िज़िकली डिसेबल्ड के साथ! उसके बाद भाभी ने ब्लाउज़ में से अपना एक ब्रेस्ट ब्लाउज़ के गले से निकालर चाचाजी के मुंह के पास ले जाकर मुंह में घुसेड़ने लगी. चाचाजी धीरे धीरे उनके ब्रेस्ट को चूसने लगे. साथ ही भाभी अपने एक हाथ से जोर जोर से चाचाजी के लंड को हिला रहीं थीं. थोड़ी देर बाद भाभी ने अपना ब्रेस्ट ब्लाउज़ के अंदर कर दिया और दोनों हाथों से पकड़कर जोर जोर से चाचाजी का लंड हिलाने लगी. ५ मिनिट में चाचाजी का पानी निकल गया. पानी निकलते ही मैंने देखा कि चाचाजी ने अपना हाथ हिलाया और उठाकर भाभी के सर पर रख दिया. भाभी बहुत खुश होने लगीं और कहने लगीं कि चाचाजी बहुत इम्प्रूवमेंट है और ऊपर वाले ने चाहा तो आप जल्दी ठीक हो जायेंगे. फ़िर उन्होंने उनका लंड साफ़ किया और धोती पहनाकर बाहर आ गयीं.
मेरे देवर सोनू और मोनू जिनके बोर्ड के एक्ज़ाम चल रहे थे, उनको भाभी ही पढ़ाया करती थी. तो चाचाजी को फ़्री करके भाभी सोनू जिसका बारवीं का बोर्ड था, उसके रूम में गयीं. भाभी ने उसको पूछा "सोनू बेटा, पढ़ाई हो गयी?" सोनू बोला "हां भाभी, हो गयी" भाभी बोले "चलो तो फ़िर ये पेपर करके दिखाओ" और भाभी ने उसको एक क्वश्चन पेपर दिया और कहा कि इसको एक घंटे में खतम करो, अगर सही किया तो इनाम मिलेगा. सोनू बोला "पक्का?" तो भाभी बोलीं कि पक्का बेटा, बिलकुल पक्का. सोनू बोला "प्लीज़ भाभी, एग्ज़ाम शुरू होने के पहले थोड़ा सा मूड फ़्रेश कर दो ना प्लीज़!" भाभी बोलीं "नहीं, पहले एग्ज़ाम करो" सोनू बोला "नहीं भाभी प्लीज़! पेपर अच्छा करूंगा, प्लीज़!"
भाभी बोलीं कि अच्छा ठीक है पर थोड़ी सा ही बस, मुझे बहुत काम हैं. और भाभी पलंग पर बैठ्य गयीं और सोनू जमीन पर. भाभी ने अपनी टांगें जमीन की ओर लटका दीं जिससे उनका पैर (फ़ूट) सोनू की गोद में था. सोनू भाभी के फ़ूट को पागलों की तरह टच करने लगा. वो उनके पैरों को जोर जोर से पागलों की तरह सहला रहा था और चाट रहा था. वैसे मैं आप लोगों को बता दूं कि भाभी बहुत ही गोरी थीं और उनके पैर और टांगें भी बहुत गोरी और सुंदर थीं. तो सोनू उनके पैरों की उंगलियों को लॉलीपॉप की तरह चूस रहा था. और उस समय भाभी बिलकुल कूल बैठी थीं और न्यूज़पेपर पढ़ रही थीं. थोड़ी देर के बाद जैसे ही सोनू ऊपर करके उनके घुटनों तक पहुंचा वैसे ही भाभी ने उसको कहा "चलो सोनू, बहुत हुआ, बाकी टेस्ट पेपर करने के बाद." सोनू ने 'अच्छा भाभी' कहके उनके पैर के तलवे को किस किया और ज़मीन से उठ गया. भाभी वहां से उठीं और बाहर आ गयीं और सोनू टेबल पर बैठ्य कर टेस्ट पेपर करने लगा.
भाभी वहां से निकल कर रसोई में चली गयी और खाना बनाने लगी. मैं भी उनके साथ रसोई में चली गयी और उनका हाथ बटाने लगी. मैं देख रही थी कि वो कैसे रियैक्ट करती हैं पर भाभी ऐसे थी जैसे कुछ हुआ ही ना हो. मुझे लगा कि ये सब उनके लिये रोज का था. भाभी मुझे बोलीं. "तुम आराम करो बेटा" मैं बोली "नहीं, बहुत आराम हो गया, मुझे भी कुछ काम दीजिये." और मैं सब्जी काटने लगी. थोड़ी देर में मेरी ननद ने आवाज दी "भाभी बहुत जोर की भूख लगी है और नींद भी आ रही है, प्लीज़ आओ ना" भाभी बोलीं "आती हूं गुडिया" और भाभी उसके कमरे में खाना लेकर चली गयीं, और उसको खाना देकर फ़िर से वापस आ गयीं. मुझे लगा कि कम से कम यहां तो सब कुछ नॉर्मल है. भाभी फ़िर काम में लग गयीं. पर शायद मैं गलत थी. थोड़ी देर में फ़िर गुड़िया की आवाज आयी "भाभी खाना खा लिया ... प्लीज़ सुला दो" भाभी मुझे बोलीं कि रिद्धिमा, प्लीज़ ये सब्जी देखना, मैं अभी गुड़िया को सुला कर आती हूं" और वो वहां से चली गयीं.
मैंने सब्जी बंद कर दी और उनके पीछे पीछे गयी तो मैंने देखा कि भाभी पलंग पर बैठी हुई हैं और गुड़िया उनकी गोद में सिर रखकर लेटी हुई है. भाभी उसके सिर पर हाथ फ़ेर रही थीं. थोड़ी देर बाद भाभी उसकी गर्दन पर से होते हुए ब्रेस्ट पर गाउन के ऊपर से हाथ फ़ेरने लगी. गुड़िया की आंखें बंद थीं पर उसने लंबी सांसें लेना शुरू कर दिया. फ़िर भाभी ने ऊपर गले से उसके गाउन में हाथ डाला और दबाने लगी. गुड़िया का सेटिस्फ़ेक्शन उसके चेहरे पर दिख रहा था. १० मिनिट तक भाभी ऐसा ही करती रही. फ़िर भाभी ने उसको पूछा कि "क्या हुआ, नींद नहीं आ रही?" गुड़िया बोली "नहीं" तो भाभी पलंग से उठ कर गुड़िया के पैरों की तरफ़ आयीं और उसका गाउन उठा कर पैंटी के ऊपर कर दिया.
उसने ब्ल्यू कलर की पैंटी पहनी हुई थी. भाभी ने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी वर्जिन चूत पर हाथ फ़ेरने लगी. गुड़िया बहुत जोर जोर से सांस ले रही थी. फ़िर भाभी ने अपना मुंह उसकी चुत के पास ले जाकर उसकी चूत मुंह में भर ली और चूसने लगी. गुड़िया बहुत जोर जोर से अपनी कमर हिला रही थी. थोड़ी देर बाद भाभी उठी और फ़िर से उसकी चूत को सहलाने लगी. गुड़िया बोली "भाभी प्लीज़ उंगली अंदर डालिये ना" भाभी बोलीं "नहीं ... मैंने तुम्हें मना किया है ना कि ये तुम्हारा पति ही करेगा" और जोर से उसकी चूत को सहलाने लगी. थोड़ी देर बाद गुड़िया झड़ गयी. भाभी ने उसको पैंटी पहनाई और फ़िर से उसके सिर को गोदी में ले लिया. दो तीन मिनिट में गुड़िया सो गयी. भाभी ने उसको चादर ओढ़ाई और लाइट बंद करके बाहर आ गयीं.
वहां से भाभी मोनू के पास गयीं जो कि टेरेस पर था. भाभी बोलीं "मोनू बेटा, चैप्टर याद हो गया?" मोनू बोला "जी हां भाभी" भाभी बोलीं "अच्चा चलो सुनाओ" भाभी ने उसको कुछ क्वश्चन पूछे, मोनू ने सब के जवाब सुना दिये. भाभी बोलीं "शाबास बेटा, अब दूसरे चैप्टर की तैयारी करो" और अपनी साड़ी का पल्लू हटाया और मोनू के हाथ ले जाकर ब्लाउज़ के ऊपर से उस पर रख दिया. भाभी के बूब्स बहुत बड़े थे और वे डीप नेक का ब्लाउज़ पहने थीं. मोनू उनके बूब्स को दबाता रहा, फ़िर वो भाभी का ब्लाउज़ खोलने लगा तो भाभी ने बोला "नहीं पहले पूरे सब्जेक्ट खतम करो, तब खेलने दूंगी" वो ज़िद करने लगा कि "भाभी बस थोड़ा सा प्लीज़ बहुत मन कर रहा है भाभी प्लीज़" भाभी बोलीं "ठीक है बस थोड़ा सा" और भाभी ने उसका हाथ अपने ब्लाउज़ में डाल दिया और मोनू उनके बूब्स को दबाने लगा. थोड़ी देर बाद भाभी ने उसका हाथ बाहर निकाला और उसको पढ़ने के लिये बोल कर चली गयीं.
फ़िर क्यों कि एक घंटा हो चुका था तो भाभी सोनू के पास वापस गयीं. बोली "टेस्ट पेपर हो गया बेटा?" सोनू बोला "बस ५ मिनिट भाभी" भाभी ने कहा "ओके" कहकर बैठ गयीं. ५ मिनिट के बास सोनू ने भाभी को पेपर दिया और उनके पास बैठ गया. भाभी उसका पेपर चेक करने लगीं. सोनू उनके पैरों में बैठकर उनसे खेलने लगा. उसने उनकी साड़ी घुटने के ऊपर उनकी जांघों तक कर दी. भाभी की गोरी गोरी और सुडौल टांगें देखकर मेरा भी मन मचल गया. भाभी अब उसको कुछ भी मना नहीं कर रही थीं. वो थोड़ी देर तक भाभी की टांगें सहलाता रहा और चाटता रहा. फ़िर वो लोग ६९ पोज़ीशन में हो गये यानी सोनू भाभी की टांगों की तरफ़ हो कर लेट गया और उनकी टांगों से खेलने लगा और भाभी धीरे से उसकी पैंट की ज़िप खोल कर उसका लंड निकालकर सहलाने लगीं. फ़िर उन्होंने उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया. सोनू भाभी से बोला "डालने दो ना प्लीज़" भाभी ने बोला "नहीं अभी नहीं तुम अभी छोटे हो, तुम्हारे जब बारहवीं का रिज़ल्ट आयेगा और तुम अगर फ़र्स्ट डिविजन में आये तो तुम्हें डालने दूंगी पक्का" और फ़िर दोनों अपने अपने काम में मस्त हो गये. भाभी के मुंह में ही सोनू का पानी निकल गया. भाभी ने पानी पिया और सोनू के लंड को अपनी टंग से साफ़ किया और उसको सोने को कह कर उसके रूम से बाहर आ गयीं.
मैं ये सब देख कर बहुत हैरान थी. समझ नहीं आ रहा था कि कैसे रियेक्ट करूं.
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BADI BAHU
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Mari nayee nayee shadi hui hai. Jab se mera rishta is ghar me hua hai tab se hi maine note kya ki mere ghar me har kaam ghar ki BADI BAHU yani ki meri Jithani se hi pooch kar hota tha. Koi bhi ek pani ka glass bhi unke puche bina nahi peeta tha. Although she has got a very good nature but still itni bhi kisi ki nahi chalti apni sasural main. Before further proceedings I'll let you know about my family & family members. We are ten members in the family. Mere Sasur, Meri Saas (dono retired hai aur ghar par hi rehetain hain), Mere Sasur ke chote bhai (he is a paraletic patient he can't move from the bed), Mere Jeth (mere pati ke bade bhai), Meri Jithani (Ghar Ki BADI BAHU), Mere Pati (Mere pati & mere jeth dono ka sanjha business hai aur upar wale ki daya se bahut achcha hai), meri nanad (B.A. Part 2 me padti hai), do chote Devar (Ek 12th main hai Aur dusra 10th main) Aur main.
To kahani weha se shuru karti hon ki jab se mera rishta is ghar me hua tabhi se main sunti thi aur dekhti thi ki koi bhi kaam ya koi bhi decision meri jithani ki bina nahi hota tha. Rather I can say that she used to decide each & every thing. Mujhe bhi unhone hi final kiya tha. To meri shadi ho gayee. Maine shurooo se hi note kiya ki bhaabhee (meri juthani Badi Bahu) mera bahut khayal rakhti thi. Who choti choti baat note karti thi ki mujhe kuch chahiye to nahi, ya mujhe kuch bure to nahi laga. I was totally impressed with her. aise hi time nikalt gayaa. bhaabhee mujhe kuch kaam nahi karne deti thi wo keheti thi ki abhi aram karo fir to tumne ho karma hai sab kuch. She treats me like her own daughter. Magar ek baat mujhe bahut chubhti thi ki har koi unko hi bulata hai mujhse koi kuch kaam nahi keheta agar main initiative lati thi to sab mujhse kehete the ki "Ridia tum chod do tum se nahi hoga" aur bhaabhee ko bula lete the. So, one day I decided ki main bilkul unki jaysi banongi. To tab se maine unko follow karma shuru kiya. Wo kya – kab – kaise karti hain. To us din ki baat hai shaam ka samye tha lag bagh 7 baje honge. Maine bhaabhee ka picha karma shuro kiya. Humara ghar bahut bada hai. Agra koi kisi ko follow kar reha ho to asani se pata nahi chalta. Mere saas sasur 7 baje khana kha lete hai. bhaabhee naukar ke sath unke room me ghusi khana lekar aur main khidki pa khadi ho kar dekhne lagi. bhaabhee ne palang par khana lagaya aur Mataji & Pitaji ne khana kha liyaa. bhaabhee tab tak wahi khadi raheee.
Unke khana khane ke baad bhaabhee ne naukar ko bulaya aur aur use jhothe bartan de diye. Naukar ke jane ke baad bhaabhee mataji ke per daba rahi thee aur pitaji unke samne aram kursi par baithe the. Mata ji ne bhaabhee se keha "Bahu ajj inka bahut mann ho reha hai" mai to kuch samji nahi par bhaabhee turant boli "Ji maa" aur waha se uthee aur jake darwaja undar se band kar liya Aur Mata ji ke pass aa ker baith gayee aur unke pair dabane lagi. Tab tak mujhe kuck samajh nahi aa raha tha ki kya ho reha hai. Dheere – Dheere bhabhi pair dabate dabate Mataji ki Sadi ghutne tak kar di. Sasur ji ye dekh rahi the. Unhone apne haat apne lund par rakh kar sehelane lage. bhaabhee ne Dheere –2 unke sadi pooree upar kar di jisese unki choot dikhne lagee. bhaabhee ne unki choot ko sehelana shooro kiya aur thodi deir baad oil ki bottle me se oil nikal kar unki choot par laga diya achi terha se. Aur apne ungli se fingering karne lagee. Mataji bahut joor jor se saanse lene lagiiiii. bhaabhee ne Pitaji ko palang par ane ko keha. Pitaji uth kar un dono ke bagal main baith gayee. bhaabhee unki taraf moodi aur Doosre hath se pitaji ki dhoti ko upar kar ke unke lund ko bahar nikal kar sehelane lagi. Wo dusre haath se abhi bhi mataji ki choot me ungli kar rahi thi. Unhone pitaji ka lund apne muh me leke bahut jor jor se chusne lagi. Ye sab kareeb adhe ghante tak chalta reha. Is adhe ghante ke pure time bhaabhee ke sar par ghunghat tha aur pitaji ne apni taraf se bhaabhee ko nahi chua tha. Adhe ghante baad bhaabhee uthee aur pitaji ko sehara de kar bed par bithaya aur mataji ki tange fila kar pitaji ko unke upar ane ko keha. Pitaji mataji ke upar aye to bhaabhee ne peeche se Mataji ki tange utha kar Pitaji ke peeth ke upar tak kar di Aur fir pitaji ne apna lund mataji ki choot me dala aur pelne lage. Uske baad wo done chaloo rahe aur bhaabhee unko namashkar kar ke room ke bahar aa gayee. Main deewar ke peeche choop gayee jisese wo mujhe dekh na saken….
7:45 baj chukka tha. bhaabhee weha se nikal kar bhaabhee rasoi me se Chachaji (Pitaji ke chote bhai) ke liye khana lene chali gayee. Chacha ji ko khana unhone apne haat se khana khilaya aur fir unka muh saf kiya. Main ye sab kuch darwaje ke peeche se dekh rahi thee. Chachaji bilkul bhi nahi hil sakte the. bhaabhee ne unke kapde change karne ke liye utare. Unko kurta pehenaya par dhoti nahi pehenayee. Kharab kapde unhone bathroom me rakhee aur wapas aye. Chachaji ka lund pakad kar unhone sehelana shuroo kiya. Mai to dang rehe gayee. Ye bhaabhee kya kar rahi hai ek physically disable admi ke sath. Uske bad bhaabhee ne apna blouse me se ek breast upar se nikal kar chachaji ke muhke pass jaa kar breast pakar kar unke muh me ghusane lagee. Chacha ji unke breast ko dheere – 2 chusne lage. Sath-2 bhaabhee apne ek hath se chachaji ke lund ko jor jor se hilla rahin thee. Thodi der breast chuswane ke baad bhaabhee ne ne apne breast undar kar liye aur lund ke pass aa kar aur jor jor se hilane lagi. 5 min baad chacha ji ka pani nikal gaya. Pani nikalte hi maine dekhaa ki chachaji ne apna hath hilaya aur utha kar bhaabhee ke sar par rakha. bhaabhee bahut khush hone lagee aur kehene lageen ki Chachaji bahut improvement hai aur upar wale ne chaha to aap jaldi theek ho jayenge. Fir unhone unka lund saaf kiya aur unko dhoti pehena kar bahar aa gayee.
Mere devar (Sonu aur Monu) jinke bord ke exam chal rahe the unko bhaabhee hi padaya karti theen. To Chacha ji free ho kar bhaabhee Sonu (jiska 12 ka bord tha) uske room me gayee. bhaabhee ne usko pucha ki "Sonu beta Padayee ho gayee" Sonu: "Haan bhaabhee ho gayee" bhaabhee: "Chalo fir ye paper kar ke dikhao" aur bhaabhee ne usko ek question paper diya aur keha isse 1 hour me khatam karo agar sahi kiya to gift milega. Sonu bola pakka to bhaabhee boli pakka beta bilkul pakka. Sonu: "bhaabhee pls exam shuru hone se pehele thoda sa mood fresh kar do pls". bhaabhee:"nahi pehele exam karo. Sonu:" nahi bhaabhee pls paper chacha karunga.Plsssssss". bhaabhee boli achcha theek hai magar thoda sa hi kyon ki mujhe bahut kaam hai. Sonu bola theek hai… Aur bhaabhee Palang pad baith gayee Aur suno jameen par. bhaabhee ne apni tange neeche ki taraf latka di jisese unke pair (foot) Sonu ki goodh me the. Sonu ne bhaabhee ke foot ko paglon ki terhan touch karne laga. Wo onkw pairo ko paglon ki tarhan sehla reha tha aur chaat reha tha. Waise main aap logo ko bata doon ki bhaabhee bahut hi goori theen aur unke pair aur tange bhi bahut goori aur sundar theen. To Sonu ukne pairo ki unlgeeyon ko lollypop ki terha choos reha tha. Aur us samaye bhaabhee bilkul cool baithee the aur news paper pad rahi thee. Thodi der baad jaise hi Sonu upar kar ke unke Ghutno tak pahuncha waise hi bhaabhee ne uske keha "chalo sonu bas bahut hua baki Test paper karne ke baad. Sonu ne achcha bhaabhee kehe kar unke pair ke taluye par kiss kiya aur zameen se uth gya. bhaabhee weha se uthee aur bahar aa gayee aur Sonu table par baith kar test karne laga.
bhaabhee weha se nikal kar rasoni me chalee gayee aur khana banana lagi mai bhi unke sath Rasoi me chalee gayee aur unka haath batane lagee. Aur who aise react kar rahi thi ki jaise kuch hua hi nahi ho. I think she is used to it. bhaabhee: "Tum aram karo beta". Me" Nahi bahut aram ho gaya mujhe bhi kuch kaam dijiye". Aur uke sath sabzi katne lagi. Thodi der baad Meri Nanand ki awaz aaii "bhaabhee bahut zor ki bhuk lagi hai aur neend bhi aa rahi hai please aaoo na". bhaabhee: "Ati hoon Gudiya" Aur bhaabhee uske karma me Khana leke chalee gayee. Aur usko Khana de kar wapas aa gayee. Mujhe laga yeha to atleast sab kuch normal hai. bhaabhee fir Kam me la gayee. Par mai shayad galat thee. Gudiya ki thodi der baad fir se aawaz aayee "bhaabhee khana kha liya pls sula do". bhaabhee ne mujhko bole ki Ridima pls ye sabzi dekhna mai abhi Gudiya ko sula kar aati koon. Aur who weha se chalee gayee.
Mai sabzi band kar ke unke peeche gayee to maine dekha ki bhaabhee palang par baithee hui hain aur Gudiya unki godi mein sar rakh kar leti hui hai. bhaabhee uske sar par hath fer rahi thi. Thodi der baad bhaabhee ne uske garden se hote hue uske breast par (Gown ke upar se) hath ferne lagi. Gudiya ki aanke band thi par usne lambi sanse lena shuru kar diya. Fir bhaabhee ne uske Gown me upar se andar hath dala aur dabane lage. Gudiya ka satisfaction uske face par dikh reha tha. 10 min tak bhaabhee aisa hi karti rahi. Fir bhiabi ne usko pucha ki "kya hua need nahi aa rahi". Gudiya bole nahi. To bhaabhee palag se uth kar Gudiya ke pairo ki taraf aayeen aur uske Gown utha kar panty ke upar har diya. Usne Blue colour ki panty pahani thee. bhaabhee ne uske panty utar de Aur uske vergine choot par haath ferne lagee. Gudiya bahut Zor – 2 se saans le rahi thee. Fir bhaabhee ne apne moh uski choot ke paas le ja ka uske cunt ko apne moh me le kar choosne lagee. Gudiya Bahut zor-2 se apni kamar hi rahi thee. Thodi der baad bhaabhee uthee aur fir se uske choot ko sehe lane lagi zor-2 se. Gudiya boli"bhaabhee pls unlgi andar daliye na" bhaabhee:" Nahi maine timhe mana kiya hai na ki ye tumhara pati hi karega" Aur aur se choot ko sehelane lagi. Thodi der me Gudiya Zad gayee. Aur bhaabhee ne ne usko panty pehenayee aur fir se aske ser ko apni godi me rakh kar sehelane lagii. 2-3 min me hi Gudiya so gayee. bhaabhee ne usko chadar udayee aor light band karke bahar aa gayee.
Weha se bhaabhee Monu ke pass gayee jo ki tarrece par tha, bhaabhee"Monu beta cheptar yaad ho gaya" Monu:" ji haan bhaabhee" bhaabhee:"Achcha chalo sunao" bhaabhee ne usko kuch question puchee usne unko sab kuch suna diye. bhaabhee:"Shabash beta chal ab dusra chepter tyar karo" Aur apni sadi ka pallu hataya aur Monu ka haath leja kar Blouse ke upar se us par rakh diya. bhaabhee ke boobs bahut bade the aur wo deep neck ka blouse pehenti thee. To monu unke boobs ko upar se babata reha thodi der mein wo bhaabhee ka blouse kolne laga to bhaabhee ne bola ki"nahi pahele pure subject khatam karo tab khelne ko dongee". Wo zid karne laga ki" bhaabhee pls thoda sa" bahut mann kar reha hai, bhaabhee plsssss" bhaabhee: theek hai bas thoda sa" Aur bhaabhee ne uska haath apne blouse me daal diya aur monu unke boobs ko danabe laga. Thodi der baad bhaabhee ne uska haath bahar nikala aur uske padne ke liye bol kar chalee gayee.
Fir Kyon ki ek ghanta ho chukka tha to bhaabhee Sonu ke pass wapas gayee. bhaabhee: Test paper ho gayaa beta" Sonu:"bas 5min". bhaabhee o.k. kehe kar baith gayee 5 min baad sonu ne bhaabhee ko paper diya aur unke pass bait gya. bhaabhee uska paper test karne lagi. Sonu unke pairo me baith kar unse khelne laga. Usne unki sadi Unke Ghutno se upar unki jango tak kar di. bhaabhee ki goori – 2 aur sudail tange dekh kar mera bhi mann machal gaya. bhaabhee ab usko kuch bhi manaa nahi kar rahi theen. Wo thodi der tak bhaabhee ki tange sehelata reha aur chateta reha. Fir who log 69 position me ho gaye yanee who bhaabhee ki tango ke taraf ho kar let gaya aur unki tango se khelne laga aur bhaabhee ne dheere se uski pant ki zip ko kar uska lund nikal kar sehelane lagi. Fir unhone uske lund ko chusna shuru kar diya. Sonu bhaabhee se bola: "Dalne do pls" bhaabhee ne bola ki"nahi abhi nihi tum abhi chote ho, Tumhare jab 12 kar result ayega aur tumhari agar first division aye to tumhe dalne dungee pakka" aur fir se do no apne-2 kaamo me mast ho gaye. bhaabhee ke muh me hi Suno ka paani nikal gayaa. bhaabhee ne sara pani piyaa aur Sonu ke lund to apni tongue se saaf kiya aur usko sone ka kehe kar asku room se baahar aa gayee.
Main ye sab kuch dekh kar Bahut hairan thee. Samajh nahi aa reha tha ki kaise react karoo.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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