Wednesday, July 24, 2013

FUN-MAZA-MASTI मेरी बीवी की होली से बात बढ़ी आगे-5

FUN-MAZA-MASTI मेरी बीवी की होली से बात बढ़ी आगे-5 मेरे बेल बजाते साथ ही दरवाजा खुल गया. दरवाज़ा सोनिया ने खोला. उसके कपडे थोड़े से अस्तव्यस्त थे. टीशर्ट थोडा ऊपर चढ़ी थी. नीचे से पेट लगभग नाभि तक दिख रहा था. टीशर्ट का बटन खुला था सो मम्मों का काफी भाग झांक रहा था. शॉर्ट्स के ऊपर से लाल पैंटी हल्का सा नज़र आ रही थी. सोनिया को भी शायद आदत पड़ चुकी थी अब तक चुदाई के बाद अस्त-व्यस्त रहने की. या जब रेल बनी हुई है तो कब तक अपने को ठीक रखे! कर्नल सोफे पे बैठा था. उसके कपडे बिलकुल ठीक थे जैसे मेरे जाने से पहले थे. मैं अन्दर आया और धम्म से बेड पर बैठ गया. मैच के आखरी चार पांच ओवर बचे थे. श्रीलंका की वैसे ही धुनाई चल रही थी जैसे कुछ देर पहले सोनिया की हुई थी. 'बेटा काफी काम रहता है तुम्हें भी. बड़ी देर लगा दी.' कर्नल ने मुझसे कहा 'हाँ कर्नल साहब सीज़न में तो होता ही है.' मैंने जवाब दिया. 'हाँ कुछ लोग बहुत देर लगाते हैं और कुछ बहुत जल्दी आ जाते हैं.' सोनिया ने कर्नल को देखकर कहा. उसका साफ कटाक्ष कर्नल पर था जिसने उसे प्यासा छोड़ दिया. मैं अनजान बनते हुए झूंठे ही हंस दिया. कर्नल भी खिसियाई हंसी हंसा. सोनिया की हिम्मत कितनी बढ़ गयी है! मैच में दोनों इनिंग्स के बीच ब्रेक चल रहा था. 'मैं और चाय बनती हूँ' सोनिया बोल कर उठी और किचेन में चली गयी. जाते हुए मुझे लगा की कुछ ज्यादा कमर लचका रही है. शॉर्ट्स और टीशर्ट के बीचसे पेट और पीठ का काफी हिस्सा दिख रहा था. 'और रोहित तुम तो घूमते रहते हो कभी सोनिया को भी घुमाया करो.' कर्नल ने ऐसे ही बोला. ‘हाँ सो तो है पर काम से समय ही कहाँ मिलता है.’ हम फिर टीवी देखने लगे. सोनिया चाय लेकर आ गयी. ‘बेटी मैं रोहित से बोल रहा था कि तुम्हें घुमाने कहीं ले जाया करे. ‘ ‘क्या अंकल इनको कहाँ फुर्सत.’ सोनिया ने थोडा शिकायती लहजे में कहा. ‘हाँ ये तो है. देखो मै भी खाली तुम भी खली; चलो हम ही घूम आया करेंगें.’ ‘नहीं अंकल मैं जानती हूँ आप कैसा घुमायेंगें.’ मेरा माथा ठनका. ये सोनिया बोल क्या रही है! इतना खुला! फिर मुझे ध्यान आया की सोनिया की चुदाई मैंने तो देखी है पर सोनिया को ये बात पता नहीं है. तो सोनिया सोच रही होगी की मैं उसकी ये छुपी बातें नहीं समझ पाऊंगा. ‘अरे बेटी अभी घुमाया कहाँ है मैंने.’ ‘नहीं अंकल मुझे तो बक्श ही दें.’ मैंने सोचा कुछ छुपी बातें हो रहीं हैं. चालो इन्हें कुछ समय दिया जाए. और मैं बाथरूम चला गया. पर हाँ बाथरूम से भी मेरा पूरा ध्यान उन्ही पर था, की-होल जिंदाबाद! मेरे बाथरूम जाते साथ ही कर्नल ने सोनिया को कमर से पकड़ अपने ऊपर बैठा लिया. सोनिया अपने को छुड़ाने की कोशिश करती रही. कर्नल के हाथों का घेरा सोनिया की कमर के गिर्द कस गया. ‘क्यों, नाराज़ लग रही हो बेटी?’ ‘अंकल ऐसे मत कीजिये. मुझे अच्छा नहीं लगता. कहीं इन्हें पता लगा तो मेरी मुसीबत हो जाएगी.’ ‘अभी तो अच्छा लग रहा था.’ ‘छोडिये भी अंकल मैं आप की कितनी इज्ज़त करती हूँ.’ ‘मैं भी तो तुम्हारी इज्ज़त करता हूँ.’ 'इज्ज़त करते हैं तो ये क्या है?' सोनिया खुश नहीं थी. ‘ये तो दोस्ती है.’ कर्नल ने हल्के से सोनिया का गाल चूम लिया. ‘मुझे नहीं करनी आपसे दोस्ती.’ कर्नल ने सोनिया को अपने से और चिपका लिया. 'झूठ मत बोलो. अभी थोड़ी देर पहले तो पूरी दोस्ती थी.' ‘नहीं अंकल न तब दोस्ती थी न अब है.’ अब कर्नल के चेहरे के भाव कुछ कठोर हो रहे थे. उसने सोनिया पर अपनी पकड़ ढीली कर दी. अब सोनिया को शायद मजबूरन कर्नल के ऊपर से उठाना पड़ा. पर वो बगल में ही बेड पर बैठ गयी. 'क्यों क्या कमी है मेरी दोस्ती में?' कर्नल ने जब ये कहा तो मै कुछ सहम गया. लेकिन सोनिया पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा. 'आप इतना बड़े हो मेरे से. हम में दोस्ती से कैसे हो सकती है.' ‘तुम झूठ बोल रही हो.’ बहस जारी थी. अचानक कर्नल ने कहा 'ठीक है मै कल तीन बजे दोपहर में आऊंगा. अगर तुम्हारे घर का दरवाज़ा बंद होगा तो मैं समझ लूँगा की तुम्हें मेरी दोस्ती मंज़ूर नहीं. और अगर तुम ये दोस्ती आगे बढ़ाना चाहती हो तो दरवाज़ा खुला रखना.' कर्नल भाषण सा दे उठकर चला गया. सोनिया कुछ सोचती सी बैठी रही. मै भी अब असमंजस में था. ये साला कर्नल तो अजीब आदमी है. पर जो भी हो मुझे जानना है पूरी कहानी. पर जानू कैसे अगर मै घर पर रहा तो कुछ होगा ही नहीं. यही सोचते मैं बहार आ गया. 'अरे कर्नल साहब कहाँ गये' चौकने का नाटक करते हुए मैंने पूंछा. ‘उन्हें शायद कुछ ज़रूरी काम याद आ गया. बस उठकर चले गए.’ 'चलो ठीक है मैं भी थक गया हूँ.' मैं बेड पर लेट गया. सोनिया भी मेरे बगल पेट के बल लेट गयी और मेरे बालों में उंगलियाँ चलाने लगी. ‘एक बात बोलूँ?’ सोनिया कुछ कहना चाहती थी ‘हाँ’ ‘यार घर में ये शॉर्ट्स वगैरह पहनना ठीक है क्या?’ ‘क्यों क्या हुआ? तुम्हें अजीब लगता है?’ ‘नहीं अजीब की बात नहीं पर कोई आता है तो वो क्या सोचता होगा.’ 'क्यों किसीने कुछ कहा?' मैं जानना चाहता था की सोनिया कहाँ तक खुलेगी. छोटे कपड़ों से सोनिया का एतराज़ तो मुझे समझ आ रहा था. जो आता है वो ठोंक देता है. मैंने सोचा की सोनिया जी वो तो अब तुम्हें बुर्के में भी चोद देंगें. 'नहीं ऐसे ही देखो न अंकल या सुन्दर अजीब नज़रों से देखते हैं.' सोनिया मुझे टटोलने की कोशिश कर रही थी. 'अरे मुझे तो ऐसा कुछ नहीं लगा.' ‘यार वो सब देखने के लिए तुम्हें औरत की तरह जीना होगा.’ सोनिया ने हल्के से मेरे गलों पर होंठ रख दिए. सोनिया का आमन्तरण मुझे समझ आ रहा था पर मुझे सोनिया के मन में क्या चल रहा है ये भी जानना था. ‘क्यों देखो न कर्नल साहब कैसे तुम्हारी फोटो खींच रहे थे.’ ‘हाँ उन्होंने तुम्हारे सामने टीशर्ट का बटन खोल दिया और तुम कुछ बोले भी नहीं.’ सोनिया का हाथ मेरे बालों और सीने से होता हुआ नीचे जा रहा था. ‘तुम भी क्या दकियानुसी बात करती हो. अरे ऐसे फोटो खिचवाने से क्या होता है? मॉडल नहीं देखे तुमने.’ मेरे शारीर में सिरहन तो पहले ही शुरू हो चुकी थी. जब तक सोनिया का हाथ लंड तक पहुंचा तब तक वो पूरा खड़ा हो चूका था. अब सोनिया ने शोर्ट्स के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ना और दबाना शुरू कर दिया.   ‘तुम्हें अच्छा लगेगा कोई मेरी मॉडल की तरह तस्वीरें खींचे?’ सोनिया ने मेरी ज़िप खोल दी थी और अब उसका हाथ मेरे अंडरवियर के अंदर सरकने लगा. क्यों इसमें हर्ज ही क्या है? सुन्दर चेहरा तो लोग खूब दिखाते हैं तो सुन्दर शरीर क्यों छुपाते हैं! अगर सुन्दर शरीर सभी दिखाने लगें तो देखना ये जो लोग भूखी नज़रों से देखते है न वो सब काफी खत्म हो जायेगा. ‘तुम भी न..’ सोनिया के ठन्डे हाथ मेरे गर्म लंड को आनंद दे रहे थे. वो धीरे से अपना कमर के ऊपर मेरे ऊपर ले आई थी. उसके मम्मे मेरी छाती पर थे. मैंने हाथ उसकी पीठ ले गया और उसके होंठों को चूसने लगा. फिर मेरा हाथ उसकी टीशर्ट के अंदर था. सोनिया ने लगभग खींचते हुए मेरी टीशर्ट उतार दी और पूरी तरह मेरे ऊपर आ गयी. मैंने अपनी बाँहों से सोनिया की पीठ घेर ली. मेरे लंड को अब सोनिया की निक्कर चुभ रही थी. सो मैंने भी बिना समय गंवाए सोनिया को निक्कर और टीशर्ट की कैद से आज़ाद कर दिया. सोनिया को हल्का सा धक्का नीचे की ओर दिया. सोनिया तुरंत इशारा समझ गयी पर लंड चूसने के लिए नीचे जाने के बजाए वो घूम गयी. अब सोनिया का मुंह मेरे लंड पर था और मेरे मुंह पर सोनिया की पैंटी रगड रही थी. मुझे सोनिया का नया अग्रेशन भला लग रहा था. मैंने उसकी पैंटी को एक ओर कर उसकी चिकनी चुत में अपनी जीभ डाल दी. सोनिया का शरीर थोडा सा अकड गया और दुसरे ही क्षण मेरा लंड सोनिया के गरम मुंह मे था. आज सोनिया पूरे जान से लंड चूस रही थी. उसके होंठ लंड की जड़ तक पहुंच रहे थे. ये आपसी चुसाई ज्यादा देर नही चल पाई. मुझे लगा की अगर ये रुका नहीं तो मेरा पानी छुट जाएगा. मैंने सोनिया को फिर से पलट दिया और नीचे से ही अपना लंड सोनिया की चुत में डालने लगा. सोनिया ने हाथ से लंड पकड़ मेरा निशाने बिलकुल सटीक बैठा दिया. फिर एक धक्के के साथ मेरा लंड सोनिया के अंदर था. मैं सोनिया को नीचे ले आया और उसकी टाँगें उठा कर चुत की गहराई नापने लगा. कुछ देर में सोनिया की चुत से आवाज़ आने लगी. अब मैं बैठ गया और सोनिया को अपने ऊपर बिठा लिया. चुत उसकी अभी भी भरी थी. मैंने सोनिया के होंठ अपने होंठो में लिए और सोनिया को अपनी जांघों पर उछालने लगा. सोनिया का हाल खराब था. वो पागलों की तरह अपनी जीभ मेरे मुंह में डाले जा रही थी. हम दोनों के शरीर पसीने से तरबतर थे. सोनिया अचानक मेरे बाल खींचने लगी. मै भी मंजिल के करीब था. अब मैंने सोनिया को फिर नीचे लिटा दिया और पूरे जोश में धक्के लगाने लगा. सोनिया के बाल बिखरे हुए थे और उसके शरीर आनंद से तड़प रहा था. इसी सब के बीच मैंने अपना पानी छोड दिया. सोनिया ने मुझे कसकर पकड़ा हुआ था और मेरे दिमाग में था की कैसी थी मेरी परफोर्मेंस! अब भाई कम्पीटीशन जो बहुत हो गया था. मैंने सोनिया को कस के चोदा. उसकी आज की प्यास शायद पहली बार बुझी थी. वो थोडा निढाल सी मेरे से हटकर लेट गयी. फिर उठकर उसने नाइटी पेहेन ली. मैंने सिर्फ शोर्ट्स ही पहने थे. टीवी पर श्रीलंका की बैटिंग शुरू हो चुकी थी. मै फिर मैच देखने लगा. सोनिया ने खाना दे दिया. ऊपर से मैं शांत था पर मेरा दिमाग तेज़ी से चल रहा था. कल कर्नल ने तीन बजे आने को कहा है. मुझे जानना है की क्या होता है; या क्या नहीं होता है. अगर मैं घर में रुक जाता हूँ तो कुछ होगा ही नहीं. छिप कर देखना खतरनाक है. मुझे याद आया कि करोलबाग वाले ओबेरॉय गारमेंट्स वाले ओबरॉय जी के लड़के ने एल्क्ट्रोनिक्स का काम शुरू किया है. ये एक रास्ता था कि मै घर में कैमरे लगा दूं और आराम से सोनिया कि लीला को देखूं. खाना खत्म कर मैं तुरंत छत पर आ गया और ओबरॉय को फोन किया. कई फोन के बाद पूरा इंतज़ाम हो गया. कल ग्यारह बजे मेरे पास दो अच्छे कैमरे आ जायेंगे. ये कैमरे घर में जो कुछ हो रहा है वो रिकॉर्ड भी करेंगे और मै चाहूँ तो जो भी हो रहा है उसे अपने खास इन्टरनेट अकाउंट से लाइव भी देख सकता हूँ. हाँ इसमें मेरी हैसियत के हिसाब से काफी पैसे लग जायंगे. पर वो इतना जरूरी नहीं है! सारा इंतज़ाम कर मैं तस्सली से नीचे आ गया. मैच इकतरफ़ा था और मै काफी थका भी था. सोनिया का भी शायद यही हाल था. हमने कूलर चलाया और सो गए. सुबह सात बजे सोनिया ने चाय के साथ उठाया. ‘रात बड़ी जल्दी सो गए थे?’ सोनिया ने चाय मेरी ओर बढ़ाई. ‘हाँ थक सा गया था. तुम सुनाओ.’ ‘बस और आज का क्या प्रोग्राम है?’ अब समझा सोनिया कर्नल के तीन बजे आने के बारे में सोच रही थी. ‘अभी कुछ देर को पेमेंट लेने जाऊँगा फिर दो बजे आर्डर लेने जाना है. शाम छे बजे तक आ जाऊँगा.’ पेमेंट लेना तो बहाना था असल में कैमरे की डिलीवरी लेनी थी. फिर सुबह कुछ खास नहीं हुआ. मै ग्यारह बजे तक कैमरे ले आया और दोनों कैमरे और माइक छुपा दिए. छुपाना मुश्किल नहीं था क्योंकि एक कैमरा दीवार घडी में छुपा था और एक पैन स्टैंड में. दोनों को सेट कर मैं कैफे पर चला गया और अपने खास अकाउंट में लाग ओन किया. मरे दोनों कैमरे और माइक बिलकुल भली तरह काम कर रहे थे. सोनिया कुछ गुनगुना रही थी. उसने दरवाज़ा अंदर से बंद किया और नाइटी उतार दी अब वो बस एक लाल प्रिटेड पैंटी में थी. उसकी गोलाईयां तनी हुई थीं. शायद नहाने की तैयारी कर रही थी. उसने अलमारी खोली और पहले एक डिब्बा निकाला. ये वेक्सिंग का सामान था. फिर काफी देर ढूढ कर एक सेक्सी सी ब्रा और पैंटी निकाली. में उत्सुक था की और क्या पहनेगी आज मेरी सोनिया. पर वो ये सब लेकर बाथरूम में चली गयी. अब मुझे खाली कमरा और किचेन दिख रहा था. बाथरूम से बस कुछ आवाजें आ रहीं थीं. मैं और बीस मिनट तक सब देखता रहा. फिर सोनिया को बाथरूम से आते देखा. उसने सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनी थी जोकि काली और जालीदार थीं. ब्रा कन्धों पर बिना स्ट्रेप वाली थी. उसका सेक्सी रूप देख मुझे कुछ कुछ होने लगा पर इस सब का अभी समय नहीं था. सोनिया तो कर्नल के लिए तैयार हो रही थी. मैं तुरंत उठा और पांच मिनट में घर की बेल बजा रहा था. सोनिया ने दरवाज़ा खोला तो मैं उसे देखता रह गया. उसने छोटी सी स्किर्ट पहनी थी जिसमें उसकी चिकनी टांगें लगभग पूरी नज़र आ रही थीं. ऊपर उसने एक टी शर्ट पहनी थी जिसका गला इतना बड़ा था कि पूरे नंगे कंधे नज़र आ रहे थे. उसके मम्मे भी लगभग आधे से ज्यादा नंगे नज़र आ रहे थे. ‘कैसी लग रही हूँ?’ सोनिया ने पूंछा ‘बहुत अच्छी. ये ड्रेस कब खरीदी?’ मैंने पूंछा ‘अरे बस ऐसे ही. बुरा तो नहीं लग रहा? कुछ ज्यादा ही छोटी हो गयी है स्किर्ट लगता है.’ नहीं ऐसा कुछ नहीं है. तुम तो बेकार सोचती रहती हो. हर लड़की को कुछ सेक्सी लगना चाहिए. छोडिये भी. आप का बस चले तो मुझे कुछ पहनने ही न दो! हाँ ये तो सही है. तुम बिना कपडे तो बहुत ही सुन्दर लगती हो. आज किसे क़त्ल करने का इरादा है? अरे जाइए आप तो बस क्या क्या बोलते रहते हो. वैसे भी होली के दिन से आप कुछ बदले बदले लग रहे हो. नहीं तो ऐसा क्या है. क्यों कल जब कर्नल अंकल मेरी फोटो खींच रहे थे तो तुमने कोई एतराज़ नहीं किया. अरे इसमें एतराज़ वाली क्या बात है? सुन्दर औरत कि सेक्सी तस्वीरें देखने में मज़ा आता है. तुम्हें अच्छा नहीं लगता क्या. ‘नहीं अच्छा तो लगता है पर कहीं बदनामी न हो इससे डरती हूँ. अरे बदनामी कि सवाल ही क्या. हम अपने घर में कैसे भी रहें किसी को क्या? अपने घर में कैसे भी रहें तुम्हे एतराज़ नहीं है? ‘नहीं बिलकुल नहीं.’ मैंने जवाब दिया. सोच लो अभी कहीं बाद में सोचना पड़े. और मुझे न बोलना फिर कभी. मैं तो तुम्हारी मर्ज़ी से चल रही हूँ. फिर कभी शिकायत करो. सोनिया अब कुछ खुला खेल रही थी. बात जो होली से शुरू हुई वो अब काफी आगे निकल रही थी. ‘नहीं मै कोई शिकायत नही करूँगा.’ ‘और कभी मुझसे कुछ पूंछोगे भी नहीं.’ सोनिया बोली क्यों मैडम इरादा क्या है?’ मैंने सोनिया को छेड़ा ‘नहीं वैसे ही. अब तुम कहते रहते हो कि खुल कर रहो तो सोचा कि हर्ज ही क्या है.’ ‘चलो तुम खाना खा लो तुम्हें निकलना भी होगा.’ एक बज गया था. खाना खाते खाते दो बज गए. फिर मैं तैयार होकर लिकल पड़ा. कैफे पहुंचकर अपने घर के कैमरे देखने शुरू किया तब तक ढाई बज गया था. घर का दरवाज़ा अभी अंदर से लोक था. सोनिया ने अलमारी खोली हुई थी. फिर उसने चूडियों का डिब्बा निकला और लाल चटक रंग कि चूडियाँ पहनने लगी. अब कर्नल के बताये समय में सिर्फ १५ मिनट बाकी थे. तभी सोनिया किसी को फोन करने लगी. फोन मेरा ही बज उठा. ‘हाँ बोलो’ सोनिया – कब तक आओगे मैं – क्यों सोनिया - अरे सोचा जरा सब्जी वगैरह ले आऊं. जल्दी आओगे तो घर पर ताला मिलेगा. में – चिंता मत करो मुझे कम से कम तीन चार घंटे लगेंगे. फिर भी आने से पहले मैं फोन कर लूँगा. ओके बाय कह कर सोनिया ने फोन काट दिया. मेरी भावों पर हल्का सा पसीना आ गया. मुझे मालुम था कि सोनिया को कहीं जाना नहीं था. बस ये उसकी एक चाल थी कि कहीं मैं बीच खेल में न आ जाऊं. अब मुझे सोनिया कि चाल ढाल अजीब लग रही थी. मैं उसे चला रहा था या वो मुझे! फिर उसने सेंट उठाई और हल्की सी लगा ली. अब दरवाज़े का लोक खोल दिया. खुद वो बेड पर पैर फैला कर बैठ गयी. क्या सीन था. सोनिया बेड के सिराहने टेक लगाकर बैठी थी. टाँगें जो उसने सामने कि ओर फैला रखी थी चमक रहीं थीं. टीशर्ट से कंधे और दो तिहाई मम्मे बाहर थे. गले में मंगलसूत्र था जो टीशर्ट के अंदर लटक रहा था. टीशर्ट थोड़ी लुज़ थी सो हल्का सा झुकने से ही उसका कला ब्रा नज़र आ रहा था. मैंने घडी देखी. ठीक तीन बजे थे. फिर दरवाज़ा धीरे से खुला और कर्नल शोर्ट्स और टीशर्ट में नज़र आया. ‘अरे अंकल आप’ सोनिया ने हल्के से उठने कि कोशिश कि पर कर्नल ने उसे जांघों से पकड़ लिया. ‘बैठो बेटी’ ‘कैसे आना हुआ’ सोनिया ने पैर मोड लिए थे. कहा था न तीन बजे आऊंगा. तुम तो अनजान बन रही हो. दरवाज़ा क्यों खुला छोड़ा अरे वो तो अंकल ऐसे ही कर्नल ने उठकर दरवाज़ा कि सिटकिनी लगा दी. ‘अरे क्या कर रहे हैं अंकल’ सोनिया उठते हुए बोली ‘छोडो सोनिया ये खेल मत खेलो. टाइम खराब मत करो.’ कर्नल ने अपनी टीशर्ट उतार कर सोफे पर फ़ेंक दी. अब उसका बालों से भरा सीना और ऊपर का भाग बिना कपड़ों के था. उसने तुरंत सोनिया को गले से लगा लिया और उठा कर गुडिया कि तरह बेड पर फिर से बिठा दिया. अरे अंकल रुको ये क्या कर रहे हो? पानी तो पी लो. मुझे तो कोई और प्यास लगी है सोनिया. ‘कैसी प्यास’ सोनिया ने ऑंखें नचाकर कहा कर्नल सोनिया के बगल में बैठ गया और सोनिया के बाल पीछे से पकड़कर उसके होंठ अपने होंठों तक ले आया. अब सोनिया के होंठ कर्नल के होंठों में कैद थे, सोनिया कि हल्की सी गुं गुं कि आवाज़ ही आ रही थी. कर्नल का दायाँ हाथ सोनिया कि जांघों पर फिसल रहा था. जल्दी ही वो स्किर्ट के अंदर पहुँच गया था. सोनिया ने किसी तरह अपने होंठों को छुडाया. ‘क्या अंकल आप बहुत परेशान करते हो. मेरे पास ऐसी प्यास का कोई इलाज नहीं हैं. चाय पीनी हो तो कहिये.’ सोनिया ने मुस्कुराते हुए कहा. ‘चलो चाय ही पीला दो’ सोनिया उठकर चाय बनाने लगी. कर्नल ने अपना शोर्ट्स भी उतार कर सोफे पर रख दिया. अब उसने सिर्फ फ्रेंची पहनी थी. वो उठा और किचेन कि ओर बढ़ गया. सोनिया चाय में चीनी डाल रही थी. कर्नल ने सोनिया को पीछे से पकड़ लिया. उसके होंठ सोनिया के कंधे को चूमने लगे. क्या कर रहे हैं अंकल ‘रोहित कहाँ गया है सोनिया’ कर्नल ने सोनिया को अपने से चपका लिया. सोनिया को तुरंत कुछ महसूस हुआ और मुड़कर देखा. ‘अरे आपने शोर्ट्स क्यों उतार दिए?’ बस ऐसे ही गर्मी लग रही थी. ‘कल तो ये गर्मी कहीं चली गयो थी शायद.’ सोनिया ने छेड़ा. ‘वो तो आज देखेंगे.’ कर्नल ने सोनिया को कसकर भींच लिया. अरे अंकल आप सांस तो लेने दो. ‘रोहित कब आएगा बोलोना.’ ‘पता नहीं.’ सोनिया ने छोटा सा ऊत्तर दिया. ‘ठीक है मै फोन करके पता करता हूँ.’ और कर्नल अपना मोबाइल लेने चला गया. ‘अरे सात बजे तक आयेंगे’ सोनिया ने जल्दी से कहा ‘हूँ. पहले बोलना था तुम भी बहुत शैतान हो गयी हो.’ अब कर्नल फिर बेड पर आराम से पसर गया. सोनिया थोड़ी देर में दो कप में चाय ले आई. एक कप कर्नल को पकड़ा कर खुद सोफे पर बैठ गई. कर्नल के कपडे शायद उसे चुभे. ‘आप भी न ...’ भुनभुनाते हुए उसने कपडे उठाए और सामने कुर्सी पर रख दिए. दोनों चाय कि चुस्की ले रहे थे. ‘बुझी कुछ प्यास अंकल?’ सोनिया कि मुस्कराहट अजीब सी थी. अरे बेटा चाय कि प्यास तो ठीक है पर मुझे कुछ और ही प्यास लगी है. तुम्हें भी पता है कि वो प्यास तो तूम ही बुझाओगी. मुझे नहीं पता किस प्यास कि बात कर रहे हैं आप. बता दूँ हां कहिये मुझे तेरी चुत कि प्यास है. ऐसा खुला सुनके मुझे और सोनिया को झटका लगा. क्या बोल रहे हैं अंकल. अरे क्यों तू नहीं चुदना चाहती? अंकल ऐसे मत बोलो प्लीज़. ऐसा कुछ नहीं है. कर्नल उठा अपना और सोनिया का कप केचेन में रख कर आ गया. वो सोनिया के सामने खड़ा हो गया. उसका खड़ा लंड फ्रेंची के उंदर से साफ दिख रहा था. सोनिया कि नज़र एक बार उसके लंड पर टिकी फिर उसने ऊपर कर्नल कि आँखों मे देखा. कर्नल ने सोनिया की टीशर्ट को पकड़ा और उतारने लगा. सोनिया ने थोड़े न नुकर के बाद टीशर्ट उतरने दिया. अब उसकी गोरी काया पर कला ब्रा चमक रहा था. मंगलसूत्र जो अभी तक टीशर्ट के अंदर तक लटक रहा था अब पूरा नज़र आ रहा था. कर्नल ने सोनिया को बगलों से उठाया और अपने से चिपका लिया. सोनिया भी अपने पैरों को कर्नल के कमर के गिर्द बाँध कर कर्नल से चिपक गयी. कर्नल फिर से सोनिया के होंठ पीने लगा. सोनिया किसी बेल की तरह कर्नल से चिपकी थी. कर्नल का लंड सोनिया की पैंटी के ऊपर से उसकी चुत को सलामी दे रहा था. कुछ देर ऐसे ही सोनिया के होंठ चूसने के बाद कर्नल ने सोनिया को बेड पर लिटा दिया और खुद ऊपर लेट गया. सोनिया की उंगलियां कर्नल के बालों में धंसी थीं. हर हरकत के साथ उसकी चूडियाँ खिल खिला रहीं थीं. कर्नल ने हाथ नीचे ले जाकर सोनिया की स्किर्ट का बकल खोल दिया. क्या करते हो अंकल तुझे चोदने जा रहा हूँ. ‘नहीं अंकल ऐसा मत करो.’ सोनिया की आवाज़ की कंपन साफ़ थी. ‘तुझे भी तो चुदने का मन है मेरी जान.’ कर्नल खुलता जा रहा था. नहीं ऐसा कुछ नहीं है. आप जबरदस्ती कर रहे हो. ‘तो ठीक है जब तक तू खुद नहीं कहेगी की मुझे चोदो तब तक मै तुझे नहीं चोदूंगा.’ आज कर्नल सोनिया से खेल रहा था. मेरा बुरा हाल था. कैफे के काबिन में मैंने शर्ट बाहर निकाल ली और ज़िप खोल कर लंड पर हाथ फेरने लगा. उधर कर्नल सोनिया के बगल में लेट गया और सोनिया के हाथ अपनी फ्रेंची मे डाल दिया. सोनिया का हाथ मशीन की तरह कर्नल के लंड को सहलाने लगा. कर्नल ने सोनिया की पीठ पर हाथ लेजा सोनिया की ब्रा खोल दी. ब्रा हटाने में सोनिया ने कर्नल का सहयोग किया. होंठ तो उसके फिर से कर्नल के होंठों में कैद थे. सोनिया की स्किर्ट तो पहले से खुल चुकी थी. कर्नल ने उसे भी अपने पैरों से नीचे सरका दिया. अब सोनिया सिर्फ पैंटी मे थी और कर्नल के हाथ सोनिया के मामों को गूंध रहे थे. सोनिया का हाथ अभी भी कर्नल के लंड पर था पर शायद फ्रेंची के अंदर सोनिया को लंड सहलाने में दिक्कत हो रही थी. उसने कर्नल का लंड फ्रेंची से बहार निकाल लिया. अब वो पूरी तन्मयता से लंड की सेवा करने लगी. नीचे गोलियों के पास से हाथ सहलाते हुए पूरी लंड की लम्बाई नापते हुए ऊपर तक जाती फिर चमड़ी पीछे कर टोपे को सहलाती. छिद्र पे हाथ फेरती और फिर नीचे का सफर शुरू कर देती. कर्नल को कितना आनंद आ रहा है ये मैं महसूस कर सकता था. फिर कर्नल ने सोनिया के सर को नीचे धकेलना शुरु कर दिया. सोनिया ने तुरंत इशारा समझ लिया. उसने अपनी जीभ निकली और कर्नल का टोपा आइसक्रीम की तरह चाटने लगी. कर्नल ने अपनी ऊँगली सोनिया की पैन्टी के बगल से अंदर डाली और चुत में घुसा दी. सोनिया ने एक लंबी सी सांस अंदर ली. सोनिया का जोश बढ़ता जा रहा था. उसने अपना मुंह खोल सीधा कर्नल के लंड पर धंसा दिया. अब सोनिया के होंठ से कर्नल के लंड के आस पास के बाल टकरा रहे थे. लगभग सात इंच का पूरा लंड सोनिया के मुंह मे था. कर्नल की ऊँगली तेज़ी से चुत में चल रही थी और मजबूरन सोनिया भी कर्नल के लंड को तेज़ी से अपने मुंह के अंदर बहार कर रही थी. कर्नल ने सोनिया की पैंटी लगभग फाड़ते हुए उतर दी. और अपनी फ्रेंची भी जल्दी से अलग हटा दी. अब बेड पर दो पूरे निवस्त्र जिस्म थे. कर्नल ने सोनिया को कमर से अपनी ओर खिंचा और अपनी जीभ सोनिया की गीली चुत में घुसा दी. अब तो सोनिया की हालत खराब हो गयी. कर्नल की जीभ सोनिया की चुत में घुसी थी और हाथ सोनिया के मम्मों को दबा रहे थे. सोनिया पूरी तरह से कर्नल से चिपकी थी. उसका मुंह कर्नल के लंड पर ऊपर नीचे फिसल रहा था. कमरे में चप् चप् की आवाजें आ रही तथी. कर्नल ने सोनिया की पोनी खोल दी. अब उसके बाल बिखर चुके थे. चेहरे के पसीने में उसके कुछ बाल उसके चेहरे से चिपक गए थे. उसका मंगलसूत्र बार बार कर्नल के लंड से उलझ जा रहा था. कर्नल ने अपना मुंह सोनिया की चुत में और धंसा दिया. अब सोनिया के लिए सहना मुश्किल था. उसने अचानक अपना मुंह लंड से हटा लिया. जैसे सांस ले रही हो. ओह करो न अंकल क्या बेटा उंह अंकल परेशान मत करो बोलो तो बेटा आप भी मुझे पूरा बेशर्म बना दोगे.... चोदो न अंकल. कर्नल की चेहरे पर एक विजयी मुस्कान थी. पर वो सोनिया को और तरसना चाहता था. ‘क्या चाहिए बेटा.’ सोनिया लंबी लंबी सांसे ले रही थी. ‘बोलो न’ ‘लंड चाहिए आपका’ कर्नल ने लेटे ही लेटे सोनिया को गुडिया की तरह उठाया और उसकी चुत को अपनी लंड पर उतरने लगा. सोनिया की तसल्ली भरी आह निकली. कर्नल ने सोनिया की कमर को कस के नीचे दबाया और नीचे से एक जबरदस्त झटका दिया. एक आह के साथ सोनिया की चुत में पूरा लंड उतर गया. कर्नल ने अब सोनिया को करवट से लिटा दिया और उसकी एक जांघ पर बैठ गया. सोनिया का दूसरा पैर हवा में उठाकर धक्के लगाने शुरू कर दिए. हर धक्के के साथ सोनिया के मुंह से आह निकल रही थी और चूडियाँ खनखना रहीं थीं. सोनिया के मम्में उछल उछल कर चुदाई की तेज़ी बयान कर रहे थे. फिर कर्नल ने सोनिया को घोड़ी बना दिया और पीछे से लंड पेल दिया. सोनिया की एक और आनंद भरी चीख निकली और फिर आह आह की रिदम कायम हो गयी. थोड़ी देर ऐसे ही चला फिर शायद सोनिया थक गयी. पेट के बल बेड पर लेट गयी. कर्नल ने लंड को बहार नहीं निकलने दिया. अब भी उसके धक्के जोरों पर थे. सोनिया की ऑंखें आनंद से बंद थीं. फिर एक जोर की चीख के साथ सोनिया ने बेड की चादर को मुठ्ठियों में भींच लिया. करनल ने धक्के और तेज कर दिए. दोनों ही एक साथ आये. सोनिया निढाल हो गयी. करनल हल्के हल्के धक्के मारता रहा. मेरा हाथ मेरे लंड पर तेज तेज चल रहा था. मज़ा आ गया आज के खेल में. पर सोनिया कितना बदल गई थी कुछ ही दिनों में! Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | मराठी जोक्स | ट्रैनिंग | kali | rani ki | kali | boor | सच | | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | छातियाँ | sexi kutiya | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bharat | india | japan |funny animal video , funny video clips , extreme video , funny video , youtube funy video , funy cats video , funny stuff , funny commercial , funny games ebaums , hot videos ,Yahoo! Video , Very funy video , Bollywood Video , Free Funny Videos Online , Most funy video ,funny beby,funny man,funy women

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator