Thursday, September 8, 2011

हिंदी सेक्सी कहानियाँ सहेली क़ी खातिर पार्ट--1

हिंदी सेक्सी कहानियाँ
सहेली क़ी खातिर पार्ट--1
मैं अनिता हूँ। ३३ साल की बहुत ही खूबसूरत महिला। मेरे पति राज शेखर
business-man हैं। मैं आपको उस घटना के बारे में बताना चाहती हूँ जो आज
से कोई दस साल पहले घटी थी। इस घटना ने मेरी ज़िंदगी ही बदल दी। मेरे
जिसमानी सम्बंध मेरी सहेली के हसबंड से हैं और इसके लिए वो ही दोषी है।
मेरे दो बच्चों में एक का पिता मेरे हसबंड नहीं बल्कि मेरी सहेली का
हसबंड है। उस समय मैं पढ़ाई कर रही थी। मेरी एक प्यारी सी फ्रैंड थी, नाम
था रिटा। वैसे आजकल वो मेरी ननद है। राज रिटा का ही भाई है। रिटा के भाई
से शादी करने के लिए मुझे एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। - हम दोनों कॉलेज में
साथ साथ पढ़ते थे। हमारी जोड़ी बहुत मशहूर थी। दोनों ही बहुत खूबसूरत और
छरहरे बदन की थी। बदन के कटाव बड़े ही सैक्सी थे। मेरे चूचियाँ रिटा से भी
बड़ी बड़ी थी। लेकिन एक दम टाईट थी। हम अक्सर एक दूसरे के घर जाती थीं।
मेरा रिटा के घर जाने का मक्सद एक और भी था… उसका भाई राज। वो मुझे बहुत
अच्छा लगता था। उस समय वो B.tech कर रहा था। बहुत ही हेंडसम और खूबसूरत
शख्सियत का मालिक था। मैं उससे मन ही मन प्यार करने लगी थी। राज भी शायद
मुझे पसंद करता था। लेकिन मुँह से कभी कहा नहीं। मैंने अपना दिल रिटा के
सामने खोल दिया था। हम आपस में लड़कों की बातें भी करती थी। मुसीबत तब आयी
जब रिटा केशव के प्यार में पड़ गयी। केशव कॉलेज युनियन का लीडर था। उसमें
हर तरह की बुरी आदतें थी। वो एक अमीर बाप की बिगड़ी हुई औलाद था। उसके
पिताजी एक जाने माने उद्योगपति थे। अनाप शनाप कमाई थी। और बेटा उस कमाई
को अपनी अय्याशियों में खर्च कर रहा था। दो साल से फेल हो रहा था। मैं
उससे बुरी तरह नफ़रत करती थी। केशव मुझ पर भी गंदी नज़र रखता था। मगर मैं
उससे दूर ही रहती थी। रिटा पता नहीं कैसे उसके प्यार में पड़ गयी। मुझे
पता चला तो मैंने काफी मना किया लेकिन उसने मेरी बात की बिल्कुल भी परवाह
नहीं की। वो तो केशव की लछेदार बातों के भुलावे में ही खोयी हुई थी। एक
दिन उसने मुझे बताया कि उसके साथ केशव के शारीरिक सम्बंध भी हो चुके हैं।
मैंने उसे बहुत बुरा भला कहा मगर वो थी मानो चिकना घड़ा। उस पर कोई भी बात
असर नहीं कर रही थी। एक दिन मैं अकेली student रूम में बैठी कुछ तैयारी
कर रही थी। अचानक केशव वहाँ आ गया। उसने मुझ से बात करने की कोशिश की मगर
मैंने अपना सिर घुमा लिया। उसने मुझे बाँहों से पकड़ कर उठा दिया। "क्या
बात है क्यों परेशान कर रहे हो।" "तू मुझे बहुत अच्छी लगती है।" "मैं
तेरे जैसे आदमी के मुँह पर थूकना भी पसंद नहीं करती।" मैंने कहा तो वो
गुस्से से तिलमिला गया। उसने मुझे खींच कर अपनी बाँहों में ले लिया और
तपाक से एक चुंबन मेरे होंठों पर दे दिया। मैं एक दम हकबका गयी। मुझे
विश्वास नहीं था की वो किसी कॉमन जगह पर ऐसा भी कर सकता है। इससे पहले की
मैं कुछ संभलती, उसने मेरे दोनों बूब्स पकड़ कर मसल दिए। मैं फोरन होश में
आयी। मैंने एक जबरदस्त चाँटा उसके गाल पर रसीद कर दिया। पाँचों अँगुलियाँ
छप गयी थीं गाल पर। वो तिलमिला गया। "कुत्ते मुझे कोई बाजारू लड़की मत
समझना जो तेरी बाँहों में आ जाऊँगी" उसे भी मुझसे ऐसी हरकत की शायद
उम्मीद नहीं थी। वो अभी अपने गाल सहलाता हुआ कुछ कहता कि तभी किसी के
कदमों की आवाज सुनकर वो वहाँ से भाग गया। मेरा उस पूरे दिन मूड खराब रहा।
ऐसा लग रहा था जैसे वो अभी भी मेरे बूब्स को मसल रहा हो। बहुत गुस्सा आ
रहा था। दोनों बूब्स छूने से ही दर्द कर रहे थे। घर पहुँच कर अपने कमरे
में जब कपड़े उतार कर अपनी गोरी छातियों को देखा तो रोना आ गया। छातियों
पर मसले जाने के नीले-नीले निशान दिख रहे थे। शाम को रिटा अयी। "आज सुना
है तू केशू से लड़ पड़ी?" उसने मुझसे पूछा। "लड़ पड़ी? मैंने उसे एक जम कर
चाँटा मारा। और अगर वो अब भी नहीं सुधरा तो मैं उसका सैंडलों से स्वागत
करूँगी… साला लोफर" "आरे क्यों गुस्सा करती है? थोड़ा सा अगर छेड़ ही दिया
तो इस तरह क्यों बिगड़ रही है। वो तेरा होने वाला नंदोई है। रिश्ता ही कुछ
ऐसा है कि थोड़ी बहुत छेड़छाड़ तो चलती ही रहती है," उसने कहा। "थोड़ी छेड़
छाड़… my foot। देखेगी क्या किया उस तेरे आवारा आशिक ने?"मैंने कहकर अपनी
कमीज़ ऊपर करके उसे अपनी छातियाँ दिखयीं। "चच्च कितनी बुरी तरह मसला है
केशू ने" वो हँस रही थी। मुझे गुस्सा आ गया मगर उसकी मिन्नतों से मैं
आखिर हँस दी। लेकिन मैंने उसे चेता दिया "अपने उस आवारा आशिक को कह देना
मेरे चक्कर में नहीं रहे। मेरे आगे उसकी नहीं चलनी" बात आयी गयी हो गयी।
कुछ दिन बाद मैंने महसूस किया कि रिटा कुछ उदास रहने लगी है। मैंने कारण
जानने की कोशिश की मगर उसने मुझे नहीं बताया। मुझ से उसकी उदासी देखी
नहीं जाती थी। एक दिन उसने मुझ से कहा"नीतू तेरे प्रेमी के लिए लड़की
ढूँढी जा रही है।" मैं तो मानो आकाश से जमीन पर गिर पड़ी"क्या?" "हाँ।
भैया के लिए रिश्ते आने शुरू हो गए। जल्दी कुछ कर नहीं तो उसे कोई और ले
जायेगी और तू हाथ मलती रह जायेगी।" "लेकिन मैं क्या करूँ? "तू भैया से
बात कर" मैंने राज से बात की। लेकिन वो अपने मम्मी पापा को समझाने में
अस्मर्थ था। मुझे तो हर तरफ अँधेरा ही दिख रहा था। तभी रिटा एक रोशनी की
किरण की तरह आयी। "बड़ी जल्दी घबड़ा गयी? अरे हिम्मत से काम ले।" "मगर मैं
क्या करूँ? राज भी कुछ नहीं कर पा रहा है।" "मैं तेरी शादी राज से करवा
सकती हूँ।" रिटा ने कहा तो मैं उसका चेहरा ताकने लगी।"लेकिन… क्यों?"
"क्यों? मैं तेरी सहेली हूँ… हम दोनों ज़िंदगी भर साथ रहने की कसम खाती
थीं। भूल गयी?" "मुझे याद है सब लेकिन तुझे भी याद है या नहीं मैं देख
रही थी।" उसने कहा,"मैं मम्मी पापा को मना लूँगी तुम्हारी शादी के लिए
मगर इसके बदले तुझे मेरा एक काम करना होगा" "हाँ बोल ना क्या चाहती है
मुझसे" मुझे लगा जैसे जान में जान आयी हो। "देख तुझे तो मलूम ही है कि
मैं और केशव सारी हदें पार कर चुके हैं। मैं उसके बिना नहीं जी सकती,"
उसने मेरी और गहरी नज़र से देखा, "तू मेरी शादी करवा दे मैं तेरी शादी
करवा दूँगी।" "मैं तेरे मम्मी पापा से बात चला कर देखूँगी" मैंने घबड़ाते
हुए कहा। "अरे मेरे मम्मी पापा को समझाने की जरूरत नहीं है। ये काम तो
मैं खुद ही कर लूँगी," उसने कहा। "फिर क्या परेशानी है तेरी?" "केशव"
उसने मेरी आँखों में आँखें डाल कर कहा,"केशव ने मुझसे शादी करने की एक
शर्त रखी है।" "क्या?" मैंने पूछा। "तुम" उसने कहा तो मैं उछल पड़ी।"क्या?
क्या कहा?" मेरा मुँह खुला का खुला रह गया। "हाँ उसने कहा है कि वो मुझ
से तभी शादी कर सकता है जब मैं तुझे उसके पास ले जाऊँ" "और तूने… तूने
मान लिया?" मैं चिल्लाई। "धीरे बोल मम्मी को पता चल जायेगा। वो तुझे एक
बार प्यार करना चाहता है। मैंने उसे बहुत समझाया मगर उसे मनाना मेरे बस
में नहीं है।" "तुझे मालूम है तू क्या कह रही है?" मैंने गुर्रा कर उस से
पूछा। "हाँ… मेरी प्यारी सहेली से मैं अपने प्यार की भीख माँग रही हूँ।
तू केशव के पास चली जा… मैं तुझे अपनी भाभी बना लूँगी।" मेरे मुँह से कोई
बात नहीं निकली। कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा है।
"अगर तूने मुझे बर्बाद किया तो मैं भी तुझे कोई मदद नहीं करूँगी।" मैं
चुपचाप वहाँ से उठकर घर चली आयी। मुझे कुछ नहीं सूझ रहा था कि क्या करूँ।
एक तरफ कुआँ तो दूसरी तरफ खायी। राज के बिन मैं नहीं रह सकती और उसके साथ
रहने के लिए मुझे अपनी सबसे बड़ी दौलत गँवानी पड़ रही थी। रात को काफी देर
तक नींद नहीं आयी। सुबह मैंने एक फैसला कर लिया। मैं रिटा से मिली और
कहा,"ठीक है तू जैसा चाहती है वैसा ही होगा। केशव को कहना मैं तैयार
हूँ।" वो सुनते ही खुशी से उछल पड़ी। "लेकिन सिर्फ एक बात और… किसी को पता
नहीं चलना चाहिए… एक बात और…।" "हाँ बोल जान तेरे लिए तो जान भी हाजिर
है।" "उसके बाद तू मेरी शादी अपने भाई से करवा देगी और तेरी शादी होती है
या नहीं मैं इसके लिए जिम्मेदार नहीं होऊँगी" मैंने उससे कहा। वो तो उसे
पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार थी। रिटा ने अगले दिन मुझे बताया कि
केशव मुझसे होटल सलीम में मिलेगा। वहाँ उसका सुइट बुक है। शनिवार शाम ८
बजे वहाँ पहुँचना था। रिटा ने मेरे घर पर चल कर मेरी मम्मी को शनिवार की
रात को उसके घर रुकने के लिए मना लिया। मैं चुप रही। शनिवार के बारे में
सोच सोच कर मेरा बुरा हाल हो रहा था। समझ में नहीं आ रहा था की मैं ठीक
कर रही हूँ या नहीं। शनिवार सुबह से ही मैं कमरे से बाहर नहीं निकली। शाम
को रिटा आयी। उसने मम्मी को मनाया अपने साथ ले जाने के लिए। उसने मम्मी
से कहा कि दोनों सहेलियाँ रात भर पढ़ाई करेंगी और मैं उसके घर रात भर रुक
जाऊँगी। उसने बता दिया कि वो मुझे रविवार को छोड़ जायेगी। मुझे पता था कि
मुझे शनिवार रात उसके साथ नहीं बल्कि उस आवारा केशव के साथ गुजारनी थी।
हम दोनों तैयार होकर निकलीं। मैंने हल्का सा मेक-अप किया। एक सिम्पल सा
कुर्ता पहन कर निकलना चाहती थी मगर रिटा मुझसे उलझ पड़ी। उसने मेरा सब से
अच्छा सलवार कुर्ता निकाल कर मुझे पहनने को दिया और मुझे खूब सजाया और
ऊँची हील के सैंडल अपने हाथों से मुझे पहनाए। फिर हम निकले। वहाँ से
निकलते-निकलते शाम के सढ़े सात बज गये थे। "रिटा मुझे बहुत घबड़ाहट हो रही
है। वो मुझे बहुत जलील करेगा। पता नहीं मेरी क्या दुर्गती बनाए।"मैंने
रिटा का हाथ दबाते हुए कहा। "अरे नहीं मेरा केशू ऐसा नहीं है" "ऐसा नहीं
है… साला लोफर… मैं जानती हूँ कितनी लड़कियों से उसके संबंध हैं। तू वहाँ
मेरे साथ रहेगी। रात को तू भी वहीं रुकेगी। नहीं तो मैं नहीं जाऊँगी।"
"अरे नहीं मैं तेरे साथ ही रहूँगी। घबड़ा मत… मैं उसे समझा दूँगी। वो तेरे
साथ बहुत अच्छे से पेश आयेगा।" हम ऑटो लेकर होटल सलीम पहुँचे। वहाँ हमें
सुइट नम्बर २०५ के सामने पहुँचा दिय गया। रिटा ने डोर-बेल पर अँगुली रखी।
बेल की आवाज हुई और कुछ देर बाद दरवाजा थोड़ा सा खुला। उसमें से केशव का
चेहरा दिखा। "good girl!" उसने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और अपने होंठों
पर जीभ फ़िरायी। मुझे लगा मानो मैं उसके सामने नंगी ही खड़ी हूँ। "आओ अंदर
आ जाओ" उसने दरवाजे को थोड़ा सा खोला। मैं अंदर आ गयी। मेरे अंदर आते ही
दरवाजे को बँद करने लगा। रिटा ने आवाज लगायी"केशू मुझे भी तो आने दो।"
"तेरा क्या काम है यहाँ। चल भाग जा यहाँ से… कल सुबह आकर अपनी सहेली को
ले जाना" कह कर भड़ाक से उसने दरवाजा बँद कर दिया। मैंने चारों और देखा।
अंदर अँधेरा हो रहा था। एक decorative स्पॉट लाईट कमरे के बीचों बीच गोल
रोशनी का दायरा बना रही थी। कमरा पूरा नज़र नहीं आ रहा था। उसने मेरी बाँह
पकड़ी और खींचता हुआ उस रोशनी के दायरे में ले गया। "बड़ी शेरनी बनती है।
आज तेरे दाँत ऐसे तोड़ूँगा कि तेरी कीमत दो टके की भी नहीं रह जायेगी।"
मैं अपने आप को समेटे हुए खड़ी हुई थी। उसने मुझे खींच कर अपने सीने से
लगा लिया और मेरे होंठों पर अपने मोटे होंठ रख दिए। उसकी जीभ मेरे होंठों
को एक दूसरे से अलग कर मेरे मुँह में प्रवेश कर गयी। शराब की तेज बू आ
रही थी उसके मुँह से। शायद मेरे आने से पहले पी रहा होगा। वो मेरे मुँह
का कोई कोना अपनी जीभ फिराए बिना नहीं छोड़ना चाहता था। एक हाथ से मेरे
बदन को अपने सीने पर भींचे हुए था और दूसरे हाथ को मेरी पीठ पर फेर रहा
था। अचानक मेरे चूत्तड़ों को पकड़ कर उसने जोर से दबा दिया और अपने से सटा
लिया। मैं उसके लंड को अपनी चूत के ऊपर सटा हुआ महसूस कर रही थी। मैं उस
के चेहरे को दूर करने की कोशिश कर रही थी मगर इसमे सफल नहीं हो पा रही
थी। उसने मुझे पल भर के लिए छोड़ा और मेरे कुर्ते को पकड़ कर ऊपर कर दिया।
मैं सहमी सी हाथ ऊपर कर खड़ी हो गयी। उसने कुर्ते को बदन से अलग कर दिया।
फिर मेरी ब्रा में ढके दोनों बूब्स को पकड़ कर जोर से मसल दिया। इतनी जोर
से मसला कि मेरे मुँह से "आआआआहहहह" निकल गयी। उसने मेरी दोनों चूचियों
के बीच से ब्रा को पकड़ कर जोर से झटक दिया। ब्रा दो हिस्सों में अलग हो
गयी। मेरे बूब्स उसकी आँखों के सामने नग्न हो गए। उसने मेरे बदन से ब्रा
को उतार कर फेंक दिया और दोबारा मेरे निप्पलों को पकड़ कर जोर जोर से
मसलने लगा। "ऊओफफफफ प्लीज़ज़ज़…. प्लीज़ धीरे करो" मैंने दर्द से तड़पते हुए
कहा। "क्यों भूल गयी अपने झापड़ को। आज भी मैं भूला नहीं हूँ वो
बे-इज्जती। आज तेरे परों को ऐसे कुतर दूँगा कि तू कभी अपना सिर उठा कर
बात नहीं कर पायेगी। सारी ज़िंदगी मेरी राँड बन कर रहेगी" कह कर वो मेरी
एक छाती को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। उसने मेरी सलवार के नाड़े को एक
झटके में तोड़ दिया। सलवार सरसराती हुई मेरे कदमों पर ढेर हो गयी। "मैं
ऐसा ही हूँ। जो भी मेरे सामने खुलने में देर लगाती है उसे मैं तोड़ देता
हूँ।" उसने मेरी एक बाँह पकड़ कर उमेठ दी। मैं दर्द के मारे पीछे घूम गयी।
उसने जमीन से मेरी चुन्नी उठा कर मेरे दोनों हाथ पीछे की और करके सख्ती
से बाँध दिए। अब मैं उसे रोकने की स्तिथि में भी नहीं रही। उसने लाईट का
स्विच ऑन कर दिया। पूरा कमरा रोशनी से जगमगा उठा। सामने सोफे पर एक और
आदमी बैठा हुआ था। "इसे तो तुम पहचानती होगी। मेरा दोस्त सुरेश। आज तेरा
गुरूर हम दोनों अपने कदमों से कुचलेंगे।" मैं अपना बचाव करने की स्तिथि
में नहीं थी। सुरेश उठा कर पास आ गया। उसने मेरे बदन की तरफ हाथ बढ़ाए।
मैंने झुक कर अपना बचाव करने की कोशिश की। सुरेश ने मेरे बालों को पकड़ कर
मेरे चेहरे को अपनी तरफ खींचा। मेरे चेहरे को अपने पास लेकर मेरे होंठों
पर अपने होंठ रख दिए। केशव मेरे शरीर के नीचे के हिस्सों पर हाथ फिरा रहा
था। मेरे चूत्तड़ों पर कभी चिकोटी काटता तो कभी चूत के ऊपर हाथ फेरता।
मेरी पैंटी को शरीर से अलग कर दिया। फिर उसने एक झटके से अपनी दो
मोटी-मोटी अँगुलियाँ मेरी चूत में डाल दीं। ज़िंदगी में पहली बार चूत पर
किसी बाहरी वस्तु के प्रवेश ने मुझे चिहुँक उठने को मजबूर कर दिया। "अभी
से क्यों घबड़ा रही है जानेमन अभी तो सारी रात दो मूसल तेरी चूत को
कूटेंगे तब क्या होगा," केशव मेरी मजबूरी पर हँसने लगा,"पता है सुरेश इस
दो टके की छोकरी ने मुझे केशव को… खुले आम झापड़ मारा था। उस दिन मैंने तय
किया था कि इसकी हालत कुत्तिया की तरह बना कर रहूँगा। तू तो अब देखती जा
कैसे मैं तुझे अपने इशारे पर नचाता हूँ।" उसने हँसते हुए अपनी अँगुलियों
को चूत में डाल कर ऊपर की और उठाया। मैं हाई हील सैंडल के बावजूद भी अपने
पँजों पर उठने को मजबूर हो गयी। पहली बार मेरे बदन से कोई खेल रहा था इस
लिए ना चाहते हुए भी शरीर गरम होने लगा। मेरा दिमाग का कहना अब मेरा शरीर
नहीं मान रहा था। "अब तुझे दिखाते हैं कि लंड किसे कहते हैं।" कहकर दोनों
अपने अपने शरीर पर से कपड़े खोलने लगे। दोनों बिल्कुल नंगे हो गए। दोनों
के लंड देख कर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया। मेरी चूत का छेद तो बहुत
ही छोटा था। एक अँगुली डालने में दर्द होता था मगर दोनों के लंडों का घेर
तो मेरी मुठ्ठी से भी ज्यादा था। घबड़ाहट से मेरे माथे पर पसीना आ गया।
"प्लीज़ मुझे छोड़ दो" मैंने सुबकते हुए कहा। हम ने तो तुझे नहीं पकड़ा। तू
खुद चलकर इस दरवाजे से अंदर आयी है… हम से चुदने के लिए। आयी है कि नहीं…
? बोल।" मैंने सिर हिलाया। "फिर क्यों कह रही है कि मुझे छोड़ दो। तू जा
मैं भी रिटा से अपने संबंध तोड़ देता हूँ। तुझे पता है… रिटा प्रेगनेंट
है? मेरा बच्चा है उसके पेट में। तेरी मर्जी तू चली जा।" उसकी बात सुनकर
ऐसा लगा मानो किसी ने मेरे अंदर की हवा निकाल दी हो। मैंने एक दम विरोध
छोड़ दिया। केशव ने मुझे घुटनों पर बैठने को मजबूर कर दिया। दोनों
अपने-अपने लंड मेरे होंठों पर फिराने लगे। "ले इन्हें चाट," केशव ने
कहा,"खोल अपना मुँह।" मैंने अपने मुँह को थोड़ा सा खोला। केशव ने अपने लंड
को मेरे मुँह में डाल दिया। मेरे सिर को पकड़ कर अपने लंड को अंदर तक पेल
दिया। बहुत ही तीखी गंदी सी गंध आयी। मुझे घिन्न सी आने लगी। सुरेश मूवी
कैमरा लकर मेरी तस्वीरें लेने लगा। मेरी आँखें उबल कर बाहर को आ रही थी।
मुझे साफ दिख रहा था कि आज मेरी बहुत बुरी गत बनने वाली है। पता नहीं
सुबह तक क्या हालत हो जायेगी। केशव मेरे मुँह में धकाधक अपना लंड अंदर
बाहर कर रहा था। कुछ देर इस तरह मेरे मुँह को चोदने के बाद उसने अपना लंड
बाहर निकाल। उसकी जगह सुरेश ने अपना लंड मुँह में डाल दिया। फिर वोही
होने लगा जो पहले हो रहा था। मेरे जबड़े दर्द करने लगे। जीभ भी खुरदरी हो
गयी थी। "चल अपना मुँह और खोल… हम दोनों अपना लंड एक साथ डालेंगे" केशव
ने कहा। "नहीं…." मैंने अपना मुँह हटाना चाहा मगर दोनों ने मेरे सिर को
अपने हाथों में जकड़ रखा था। मगर मेरे मुँह में एक साथ दो मूसल जा सकते
हैं क्या। दोनों अपने अपने लंड ठेल रहे थे अंदर करने के लिए। मैं दर्द से
चीख रही थी। ऐसा लग रहा था कि शायद मुँह फट जायेगा। केशव ने अपना लंड तो
वापस मुँह में डाल दिया मगर सुरेश बाहर गालों पर ही फेरता रह गया। मेरे
होंठों के कोने शायद फट गये थे। उसका लंड मुँह के अंदर आधा ही जा कर रह
जता था। वो उसे पूरा अंदर डालने में सफल नहीं हो पा रहा था। मुझे खींच कर
वहाँ बिस्तर पर पटक दिया और मेरे सिर को खींच कर बेड के कोने तक इस तरह
लाया कि मेरा सिर बिस्तर से नीचे झूल रहा था। अब उसने वापस मेरा सिर अपने
हाथों में उठाकर अपना लंड अंदर डालन शुरू किया और लंड को गले के अंदर तक
डाल दिया। लंड पूरा समा गया था। उसकी झाँटें मेरे नथुनों में घुस रही थी।
मैं साँस लेने के "अरे ये मर जायेगी केशू। ऐसे मत ठोक उसे"सुरेश जो मेरी
तस्वीरें ले रहा था, उसने कहा। ये सुन कर केशव ने अपना लंड थोड़ा बाहर
खींचा। वो तो अब पूरा वहशी लग रहा था। आँखों में खून उतर आया था। सुरेश
की बातों से थोड़ा सा नॉर्मल हुआ। फिर कुछ देर तक मेरे मुँह को मेरी चूत
की तरह चोदने के बाद मुझे बिस्तर पर चित लिटा दिया। अब वोह भी बिस्तर पर
चढ़ गया और मेरी टाँगें फैला दीं और जितना हो सकता थ उतना फैला कर हाथों
से पकड़े रखा। "अबे अब पास आ कर क्लोज़-अप ले। एक-एक हर्कत को रिकॉर्ड कर।
अभी इसकी चूत से खून भी टपकेगा। सब कैमरे में आना चाहिए," उसने सुरेश को
कहा। सुरेश मेरी चूत के होंठों के बीच सटे रजेश के लंड पे फोकस करने लगा।
वो अब धीरे -धीरे मेरी चूत पर दबाव डाला। मगर उसका लंड इतना मोटा था कि
अंदर ही नहीं घुस पा रहा था। उसके लंड से निकले pre-cum से और कुछ मेरे
रस से वो जगह चिकनी हो रही थी। दबाव बढ़ता गया मगर बार-बार उसका लंड फ़िसल
जाता था। "तेल लाऊँ" सुरेश ने पूछा।"अबे तेल लगाने से तो आराम से अंदर
चला जायेगा। फिर क्या मजा आयेगा। मैं तो इसे चींखते हुए देखना चाहता
हूँ।" वो बिस्तर की चादर से मेरी चूत को साफ करने लगा। एक अँगुली में
चादर का कोना पकड़ कर चूत के अंदर भी साफ़ कर दिया। अब मेरी चूत सूखी हो
गयी। इस बार अपनी अँगुलियों से मेरी चूत के मुँह को फैला कर अपने लंड के
टोपे को वहाँ लगाया और अपने शरीर का पूरा वजन मेरे ऊपर डाल दिया। उसका
लंड मेरी चूत के दीवारों को छीलता हुआ अंदर जाने लगा। मैं जोर-जोर से
चींखने लगी "ओह्हहहह उहहहहऊऊऊऊऊ….. माँआआआआआ… मर गयीईईईईईई मुझे कोईईईईईई
बचाओओ ऊऊऊऊऊऊऊहहहहह नहींईंईंईंईं" अगले झटके में मेरी virginity तोड़ते
हुए अपने लंड को पूरा अंदर डाल दिया। अगर चूत गीली होती या उसमे कोई तेल
लगाया होता तो इतना दर्द नहीं होता लेकिन वो तो मेरी जान लेना चाहता था।
मुझे दर्द से चींखते और तड़पते देख कर उसे बहुत मज आ रहा था। दूसरे झटके
में इतना दर्द हुआ कि मैं कुछ ही देर के लिए बेहोश हो गयी। जब होश आया तो
मैंने उसके लंड को उसी स्थिति में पाया। उसका लंड इतना मोटा था कि चूत की
चमड़ी उसके लंड पर चिपक सी गयी थी। कुछ देर तक इसी तरह रहने के बाद जैसे
ही वो अपने लंड को बाहर खींचने लगा तो ऐसा लगा कि मेरा गर्भाशय भी लंड के
साथ बाहर आ जायेगा। मैं वापस छटपटाने लगी। उसने अपने लंड को पूरा बाहर
निकाला और मेरे सामने ले कर आया। उसके लंड पर मेरे खून के कतरे लगे हुए
थे। मेरी चूत से खून रिस कर बिस्तर पर टपक रहा था। "देखा मुझसे पँगा लेने
का अँजाम। तेरी चूत को आज फड़ ही दिया। ले इसे चाट कर साफ कर।" मैंने नफ़रत
से आँखें बँद कर ली। मगर वो मानने वाला तो था नहीं। मैंने आँखें बँद किए
हुए अपना मुँह खोल दिया। उसने अपना लंड वापस मेरे मुँह में डाल दिया जिसे
जीभ से चाट कर साफ करना पड़ा। फिर उसने वापस उसे मेरी चूत में घुसेड़ दिया
और तेज तेज धक्के मारने लगा। उसके हर धक्के से मेरी जान निकल रही थी।
लेकिन कुछ ही देर में दर्द खतम हो गया और मुझे भी मजा आने लगा। मैं भी
नीचे से अपनी कमर उछालने लगी। आधे घंटे तक इस तरह से चोदता रहा। इस बीच
मेरा एक बार रस झड़ गया था। उसके बाद उसने मुझे उठा कर अपने ऊपर बिठा
लिया। मैं उसके लंड को अपनी चूत पर सैट कर के उस पर बैठ गयी। उसका लंड
पूरा अंदर चला गया। उसके सीने पर घने बाल थे जिसे अपने हाथों से सहलाते
हुए मैं अपनी कमर ऊपर नीचे कर रही थी। मेरी दोनों चूंचियाँ ऊपर नीचे उछल
रही थी। सुरेश से नहीं रहा गया। और बिस्तर पर खड़ा होकर मेरे मुँह में
अपना लंड डाल दिया। मैं उसके लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। इस तरह
दोनों से चुदते हुए मैं वापस झड़ गयी। केशव मेरे छातियों से खेल रहा था।
सुरेश इतना उत्तेजित थ कि उसका लंड थोड़ी ही देर में झड़ गया और ढेर सारे
वीर्य से उसने मेरा मुँह भर दिया। मुझे घिन्न सी आ गयी। मैंने सारा वीर्य
बिस्तर पर ही उलट दिया। वो लेटा-लेटा अब गहरी साँसें ले रहा था। मगर केशव
की स्पीड में कोई कमी नहीं आयी थी। इस आसन में भी वो मुझे पँद्रह मिनट तक
चोदता रहा। "प्लीज़ अब बस भी करो। मैं थक गयी हूँ। अब मुझसे ऊपर नीचे नहीं
हुआ जा रहा।" मैंने उससे विनती की। मगर वो कुछ भी नहीं बोला। लेकिन अगले
पाँच मिनट में उसका बदन सख्त हो गया। उसके हाथ मेरी चूँचियों पर गड़ गये।
मैं समझ गयी की अब वोह ज्यादा देर का मेहमान नहीं है। उसने मेरे निप्पलों
को पकड़ कर अपनी और खींचा। मैं उसके सीने पर लेट गयी। उसने मेरे होंठ पर
अपने होंठ रख दिए और ऐसा लगा मानो एक गरम धार मेरे अंदर गिर रही हो। अब
हम तीनों एक दूसरे से लिपटे लेटे हुए थे। मेरा पूरा बदन पसीने से भीगा
हुआ था। ए/सी चल रहा था मगर उसके बाद भी मैं पसीने से नहा गयी थी। पहली
बार में ही इतनी जोरदार चुदाई ने मेरे सारे अँग ढीले कर दिए थे। एक एक
अँग मेरा दुख रहा था। मैंने किसी तरह उठा कर बिस्तर के पास रखा पानी का
ग्लास आधा पिया और आधा अपने चेहरे पर डाल लिया। क्रमशः.......... Tags =
Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold |
HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews |
Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India
| Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby |
Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical |
Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting |
Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry |
HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis
| Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad |
New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी
कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स |
सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स |
vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा |
सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी
सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी
सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such
| सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi |
कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult
kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई |
एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre
ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein |
चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain |
चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी
चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा |
सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai |
payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग
कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk |
vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana
ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ |
कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का
तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ |
हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी |
हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट |
chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai
| sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai |
mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन,
यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग,
यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic
stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi
stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story
bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi
stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi
bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty
chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali
chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti
chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani
chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri
chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi
chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi
chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy
chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot
kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi
bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri
choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi
choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan
choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa
chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi
gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty
doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti
stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh
stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi
bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke
sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni
stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri
aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi
stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi
chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag
raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke
saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher
aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari
choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka
maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा
बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की
कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और
मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर
दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories
,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी
बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk
kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया
,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है
,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला
,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास
बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग
,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स
,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ
मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन
,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल
,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले
होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो
,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी
,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे
लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों
के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி
,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा
,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
,چوت ,

--

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator