हिंदी सेक्सी कहानियाँ
सेक्स की आग में जलती जवानी--2
गतांक से आगे............... नहा कर जब चंदा बाथरूम से निकली तो दरवाज़ा खोलते ही महेश दिखा. दोनों टांगो के बीच हाथ भींच के खड़ा था. उसे देखते ही वो शर्माया और झट से बाथरूम में घुस गया. चंदा को अचानक ख्याल आया कि वोह केवल ब्लाउज़ और पेट्टीकोट में बाथरूम से निकल आई थी. वो भूल गयी थी पति और बेटी के अलावा अब घर में एक जवान लड़का भी था. झेम्पती हुई वोह बेडरूम चली गयी और दरवाज़ा बंद कर लिया.
अंदर जाकर लोहे के कपाट पर लगे आईने में देखने लगी कि कहीं कुछ अप्पतिजनक तो नहीं था?
अपने आपको निहारते निहारते वो खो गयी. पलट पलट के, घूम घूम कर अपने आपको देखने लगी. २७ कोई ज्यादा उम्र नहीं है. बॉलीवुड कि कई हेरोइनें उससे बूढी थी. चंदा कोई हेरोइने या मॉडल तो नहीं लगती थी लेकिन थी बहुत 'सेक्सी'. चंदर उसे अक्सर सेक्सी डार्लिंग कहते थे. चेहरा उसका लंबा था, नाक नुकीली, आँखे भूरी. कद ज्यादा नहीं था. हल्का सा पेट निकला था, परन्तु कमर अभी भी उसकी ३० ही थी. छाती काफी उभरी थी. 34c उसके ब्रा का साइज़ था. स्तन उसके काफी बड़े थे. चंदर उन्हें ख्होब दबाते और चूसते थे. जब तारा पैदा हुई थी, तो अक्सर चंदर उसका दूध पी लेते थे. लेकिन उसके शरीर में कोई देखने लायक अंग अगर था, तो वो थे उसके नितंब, कूल्हे यानि कि 'गांड'. ३६ कि गदराई गोलाइयों को चंदर खूब मसलते थे. उसकी जांघें गदराई हुई थी. यह सब देखते देखते और चंदर के साथ बिताए पलों के बारे में सोचते सोचते उसे अचानक याद आया कि उसे साड़ी पहन लेनी चाहिए.
सबेरे उठ के चंदर और तारा को तैयार करके, उनका दोपहर का खाना बांध कर उसने उन्हें विदा कर दिया था. महेश तब भी सो रहा था. किचन के अन्य काम निबटा के जब वो नहाने चली थी तब भी महेश सो रहा था. साड़ी पहन के जब वो बाहर आई तो देखा महेश नहाने गया है. उसके लिए चाय चढा कर नाश्ता निकलने लगी.
किचन में चाय छानते हुए उसे महेश के बाथरूम से निकलने की आवाज़ सुनाई दी. उसने हलवा एक पलते में निकाला और चाय का कप साथ ले कर बाहर निकल आई. देखा तो महेश केवल तौलिए में लिपटा पंखे के नीचे बदन सुखा रहा था.
वो थोड़ी सी झेंप गयी, फिर बोली, "बेटा, चाय नाश्ता ले लो!"
महेश पलटा और हल्का सा झेंप गया. "और तुम्हारा नाश्ता मामी?"
"ला रही हूँ. साथ में करेंगे."
अपना नाश्ता और चाय ले कर वो लौटी. साथ में बैठकर दोनों नाश्ता खाने लगे. वो इस उधेड़बुन में थी कि बात क्या करे. उसे बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं था कि गोलू जवान हो गया होगा.
"मामी, मुंबई कैसी है?" महेश ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा.
"ठीक ही है." वो बोली. उसे पता नहीं क्यूँ ऐसा लगा कि महेश उसके ब्लाउस कि गली में झाँक रहा है. पैरों के बीच एक हलकी सी तीस उठी. उसका चेहरा लाल हो गया.
"क्या हुआ मामी?" महेश के पूछने पर वो बोली, "कुछ नहीं, गर्मी कुछ ज़्यादा है, है ना?"
"है तो! मामी मैं कपडे बदल लूं अंदर जा कर?" उसने देखा कि महेश नाश्ता और चाय, दोनों खत्म कर चूका है. "अरे, पूछता क्या है. तेरा ही घर है."
महेश अंदर गया तो चंदा गहरी सोच में पड़ गयी. यह सब क्या हो रहा था. उसे ज्ञात था कि यह शायद कुछ गलत था, परन्तु उसे रोक पाने में वो खुद को बहुत लाचार महसूस कर रही थी.
महेश लौटा तो एक सफ़ेद रंग कि हाफ पैंट पहने था. तौलिए से पोछने के बावजूद शरीर पर लगे पानी को सोख कर उसके पैंट उसके लिंग से सैट कर उसके आकार और प्रकार का प्रदर्शन कर रहा था. ऊपर उसने कुछ नहीं पहना था.
चंदा उसे टकटकी लगा कर देखती रही. उसकी नज़र को अपने लंड पर देख महेश उत्तेजित हो उठा. पुछा, "क्या बात है मामी?"
"कुछ नहीं." वो बोली और सारे प्लेट गिलास इत्यादि उठा कर किचन कि ओर चल पड़ी. उसकी साँसे तेज हो चली थी.
"मामी मैं ज़रा बाहर घूम के आता हूँ"
"हाँ ठीक है"
जब उसने महेश के निकलने के बाद दरवाज़े के बंद होने कि आवाज़ सुनी तो उसके कदम न जाने क्यों बाथरूम कि ओर बढ़ चले. बाथरूम के फर्श पे उसने वीर्य पड़ा हुआ देखा. वो समझ गई कि ज़रूर महेश ने मूठ मारी थी. न जाने उसे क्या हुआ कि उसने उस वीर्य को अपनी ऊँगली से छुआ. अब भी गर्मी थी उसमे. उसका अन्र्डर्वेअर वहीँ रखा था. मदहोश सी चंदा ने महेश कि चड्ढी उठाई और उसे सूंघने लगी. सूंघते सूंघते उसकी आँखों के सामने महेश कि हाफ पैंट से उभरे हूए लंड का चित्र उसकी आँखों के सामने घूमने लगा.
उसे जैसे कोई नशा हो गया था. महेश कि चड्ढी पकडे जब वो बेडरूम में पहुंची तो उसके पैर शिथिल पड़ गए थे. उसका शरीर गर्म हो गया था और उसकी छोट गीली हो गयी थी. उसके मन में महेश का लंड उसकी चूत को चीरने के लिए तैयार था. हाफ पैंट में से वो समझ गयी थी कि महेश का लंड राक्षशी था. करीब ८- साढ़े ८ इंच लंबा और खूब मोटा.
बिस्तर में लेटते लेटते लान्खो ख्याल उसके मन से गुज़र रहे थे. "मुझे चोदो ना गोलू, मेरे बेटे" "फाड दो मेरी चूत" "पागल मत बन, यह सब क्या सोच रही है?" इत्यादि, इत्यादि. उसने उसे गोद में खिलाया था. पर आज उसके तन मन में जो आग लगी थी, उसका वो क्या करे? इसी कश्मोकश में उसने अपनी साड़ी ढीली की और पेट्टीकोट का नाडा खोल कर अपनी ऊँगली से अपनी चूत सहलाई.
उसे इतना आनंद वर्षों में नहीं मिला था. डर और अनैतिक ख्यालों से उसकी चूत कुछ ज्यादा ही गीली हो गयी थी. उसने अपनी ऊँगली कि रफ़्तार तेज कर दी. जल्दी ही वो पस्त हो गयी. जब होश में आई तो उसे एहसास हुआ कि रमेश कि चड्ढी जो वो मुंह में दबाए हुए थी, उससे पेशाब कि बदबू आ रही थी. झट से उसने अपने कपडे ठीक किये और चड्ढी वापस बाथरूम में रख आई. वो समझ नहीं पा रही थी कि इस आग का वो क्या करे.
एक तरफ उसकी चूत न जाने क्यों उसके भांजे के लंड कि प्यासी थी तो दूसरी तरफ़ उसके संस्कार उसे उलाहना दे रहे थे उसके पापी विचारों पर.
चंदा दोपहर का खाना बना कर, चंदर और महेश कि राह देखने लगी. चंदर ने कहा था कि आज दोपहर में खाना खाने घर आएगा और फिर महेश को साथ लेकर वी. टी. जायेगा. वहीँ पर महेश को कुछ मर्चंट नेवी के लिए रेजिस्ट्रेशन कराना था.
महेश को घूमने गए हुए काफी देर हो चुकी थी. २ बजने में कुछ मिनट ही बचे थे. तारा के स्कूल से लौटने का वक्त हो रहा था. अच्छा है! पूरा परिवार साथ में भोजन करेगा!
थोड़ी देर में जब घर कि घंटी बजी तो दरवाज़ा खोलने पर उसने देखा कि तीनों साथ में खड़े थे. तारा को महेश ने गोद में उठा रखा था. तीनों तारा के बचपने पे हंस रहे थे. घर में घुसते ही तारा महेश कि गोद से उतर कर तारा के पास दौडी आई. चंदा सबके लिए खाना परोसने लगी. बाहर चंदर और महेश उसके मर्चंट नेवी के बारे में बातें कर रहे थे.
खाना खाकर मामा और भांजा निकलने लगे. चंदर ने तारा को साथ ले लिया. ज़माने के अनुसार तारा को भी ट्यूशन जाना पड़ता था. ट्यूशन के बाद, पास में ही वह कथक सीखने जाती थी. शाम को ७ बजे तारा या चंदर उसे ले आते.
उन सबके जाने के बाद, चंदा ने सोचा कि ७ बजे के पहले कोई आने वाला तो है नहीं, न ही उसे कहीं जाना था. गर्मी भी काफी थी, उसपर से उमस ने उसका हाल बुरा कर दिया था. घर के सारे परदे लगा कर चंदा ने अपने सारे कपडे निकाल दिए और पंखा तेज कर नंगी होकर टी.वी. देखने लगी.
ऐसा वह अकेले में अक्सर करती थी. टी.वी. देखते देखते किसी सिरिअल के किरदार को देखकर उसे अचानक महेश कि याद आई. फिर सुबह कि बातें भी याद आई. कुछ देर के लिए वह सब कुछ भूल चुकी थी. लेकिन फिर उसके अंदर एक अजीब सी उथल-पुथल फिर शुरू हो गयी. तभी दरवाज़े कि घंटी बजी. अचानक तन्द्रा से बाहर आकर वह सोच ही रही थी कि क्या करे कि घंटी फिर बजी. उसने झट से बिना ब्रा और पैंटी पहने झट से पेटीकोट बंधा, ब्लाउस पहना और फटाफट सदी लपेट कर पल्लू डाल कर ब्रा और पैंटी को बाथरूम में फ़ेंक कर दरवाज़ा देखने चली गयी.
दरवाज़ा खोलने पर उसने महेश को पाया, चंदर साथ नहीं था.
"मामा अपना बटुआ भूल गए, इसलिए मुझे भेज दिया लेने."
थोड़ी चंदा कि हालत खराब थी और उसे पसीने छूट रहे थे. कपडे भी उसने जल्दबाजी में पहने थे. महेश जब घर में घुसा तो वह बेडरूम में चली गयी चंदर का बटुआ खोजने. इससे पहले कि वह अपने वस्त्र ठीक करती महेश भी उसके पीछे पीछे चला आया. अचानक उसे चंदर का बटुआ फर्श पर पड़ा हुआ दिखा. उसे उठाने के लिए वह झुकी तो उसका पल्लू गिर गया. सकपका कर वह पल्लू ठीक करते हुए उठी तो उसने देखा कि महेश सन्न सा खड़ा है और उसके चेहरे का रंग उड़ गया है. टकटकी लगाये वह उसके बूबों को निहार रहा था. उसने उसे बटुआ थमाया तो महेश को कुछ होश आया. जिज्ञासापूर्वक चंदा का ध्यान महेश कि पन्त कि ओर गया तो उसके लिंग में हुई हरकत उसे साफ़ साफ़ दिखने लगी.
महेश बटुआ लेकर जब चला गया तो दरवाज़ा अंदर से बंद करके वह आईने के सामने कड़ी हुई और पल्लू हटा कर झुक गयी. वह देखना चाहती थी कि आखिर महेश ने क्या देखा. जैसे ही वह झुकी, उसका बांया स्तन ब्लाउस से लगभग बाहर निकल आया था. उसका निप्प्ल लगभग बाहर झाँक रहा था. दायें कि गोलाई भी साफ नज़र आ रही थी.
यह देख कर उसका चेहरा लाल और गर्म हो गया. वह समझ गयी कि महेश के लिंग में फडकन तो होनी ही थी. वह समझ पा रही थी कि महेश का लिंग विशाल था. उसकी पन्त में उसके लिंग के उभर को वह दो बार देख चुकी थी. वह मन ही मन उस लिंग के रूप आकार को देखने लगी और यहाँ उसकी योनी गीली होने लगी. अब उसे साफ़ दिख रहा था कि महेश उसके स्तनों को जानवर कि तरह मसल रहा था, काट रहा था और चूस रहा था. उसका लंबा, मोटा और काला लिंग उसकी चूत को फाड रहा था. उसके नीचे पसीने से तार, वह उचक उचक कर उससे चुदवा रही थी. यह सोचते सोचते कब उसकी ऊँगली ने उसे पस्त कर दिया उसे पता ही नहीं चला. होश में आते ही वह फिर तड़प उठी. इस अंदरूनी कश्मोकश के चलते उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था.
शाम को करीब ६ बजे चंदर का फोन आया कि वे दोनों ट्रेन में आधे रस्ते पहुंच चुके थे और तारा को लेते हुए आयेंगे. चंदा से महेश ने खाना जल्दी तैयार करने को कहा क्यूंकि दिन कि छुट्टी के बाद रात में उन्हें काम करना होगा और फिर दो दिनों कि उन्हें छुट्टी मिलेगी.
चंदर खाना साथ ले जाना चाहते थे. चंदा ने आधी नींद में बिना आँखे खोले फोन पर बात की और अंगडाई लेकर उठी. आपने चंदा के नीरस और सामान्य जीवन के बारे में जाना है. आप जानते हैं कि चंदा महेश की ओर काफी आकर्षित है. किन्तु महेश का क्या?
भाग २ से आपको याद होगा कि महेश एक १६ साल का लड़का था. उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में उसके माता पिता रहते थे. आठवीं तक वह गांव में ही पढ़ रहा था. नौवीं से उसके माता पिता ने उसे इलाहाबाद उसके नाना नानी के यहाँ भेज दिया. शहर में कुछ अच्छे स्कूल थे जो गांव में कभी नहीं हो सकते थे. उसके माता पिता चाहते थे कि चंदर मेहनत करे और पढ़ लिख कर बड़ा आदमी बने.
महेश को इलाहाबाद में किसी ने बताया कि मर्चंट नवी में भविष्य अच्छा है. मुंबई जाकर ट्रेनिंग ले लो. बारहवीं कि परीक्षा देकर मुंबई में जानकारी लेने आया था. मुंबई देखने कि लालसा भी थी. महेश पढाई में बहुत होशियार नहीं था, लेकिन पास हमेशा हो जाता था. इस कारण वो आस पास के फ़ैल होने वाले मिड्डल स्कूल के बच्चों को पढ़ा दिया करता था. जिससे उसका जेब-खर्च भी निकल जाता और काफी पैसे बच भी जाते. जब उसने अपने माता पिता को बताया कि वह मुम्बई जाना चाहता है, क्यों जाना चाहता है और यह कि उसने किस तरह तुतिओं से कुछ हज़ार रुपये बचा लियें है जिससे वह अपनी यात्रा का खर्च उठा सकता है, तो उसके माता पिता गर्व से फूल उठे. उन्हें उसे अकेले भेजते हुए डर तो लग रहा था, किन्तु महेश की ज़िम्मेदारी देखकर वह उसे जाने से रोक ना सके. चंदर मामा और मामी मुंबई में थे, वह जानता था. काफी सालों से उसकी उनसे बात चीत भी नहीं हुई थी. लेकिन उसके माता पिता भी जानते थे कि वे उनके अपने थे. निस्संकोच उन्होंने चंदर को फोन करके महेश के आने के बारे में बताया था.
चंदर और चंदा, जैसा कि आप जानते हैं, उसके आने से बहुत प्रसन्न थे. बल्कि चंदा महेश को लेकर ऐसी दुविधा में फासी थी कि अंदर ही अंदर जले जा रही थी.
क्रमशः.............
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया ,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन ,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت ,
No comments:
Post a Comment