Friday, September 9, 2011

हिंदी सेक्सी कहानियाँ (खूबसूरत भूल)

हिंदी सेक्सी कहानियाँ
(खूबसूरत भूल)

डार्लिंग आज तो बहुत सेक्सी दिख रही हो किस पर कयामत गिरने का इरादा है
समीर ने अपनी पत्नी को देखकर हंसते हुए कहा जिसे वो अपने बॉस की पार्टी
में अपनी कार पर लेजा रहा था,
धत आप भी निशा ने शरमाकर अपने पति से कहा,
आज समीर के बॉस विजय खन्ना की पार्टी थी जो उसने अपने एक्लोते बेटे
प्रवीण के लिए की थी क्यॉंके वो दूसरे दिन बिजनिस के सिलसिले में कुछ समय
के लिए फॉरेन जाने वाला था .... समीर ने अपनी कार को एक आलीशान बंगल के
सामने रोक दिया जहाँ पर पहले से बहुत गाड़ियाँ खड़ी थी .... और वो पूरा
बुंगला रोशनी से चमक रहा था, समीर कार को पार्क करने के बाद निशा के साथ
बंगल में दाखिल होगया जहाँ पर उसने पहले खाना .... और फिर प्रवीण से निशा
का इंट्रोडक्षन कराया,
हेलो निशा जी प्रवीण ने अपना हाथ आगे बढ़ाकर निशा की तरफ बढ़ाते हुए कहा
.... निशा का सिर तो प्रवीण को देखते ही चक्कर खाने लगा था उसने प्रवीण
से हाथ मिलाया .... और फिर प्रवीण और समीर से नज़रें चुराकर दूसरी तरफ
आगयी.

निशा के दिमाग़ में पुरानी यादें घूमने लगी उसने जब कॉलेज में आदमिसन
लिया था तो प्रवीण भी वहीं पढ़ता था वो बहुत ही शरीफ और इंटेलिजेंट लड़का
था .... निशा को देखते ही वो उसके प्यार में डूब गया निशा को भी प्रवीण
पसंद था उन्दोनो के बीच बहुत जल्द ही दोस्ती होगयी .... और वो दोस्ती कब
प्यार में तब्दील हुई दोनों को पता ही नही चला, अचानक निशा की मा की मौत
होगयी .... और उसके बाप ने अपनी पत्नी के मौत के बाद अपना ट्रान्स्फर
कहीं और करा लिया जहाँ पर बहुत जल्द ही उसने निशा की शादी समीर के साथ
फिक्स करदी .... निशा को प्रवीण से मिलने या बताने का कोई मोका ही नही
मिला .... और उसने फिरसे प्रवीण से मिलने की कोई कोशिश भी नही की किस्मत
का खेल समझकर वो समीर के साथ खुश रहने लगी मगर आज 4 सालों बाद उसकी
मुलाक़ात फिरसे प्रवीण से हुई थी.

निशा जी क्या मैं आपके साथ डॅन्स करसकता हूँ? अचानक प्रवीण ने निशा के
पास आते हुए कहा,
वाइ नोट सर तभी समीर भी कहीं से उधर आगया .... और निशा के हाथ को पकड़कर
प्रवीण के हाथ में थमा दिया प्रवीण ने ड्रिंक की हुई थी क्यॉंके वो चलते
हुए लड़खड़ा रहे थे,
निशा कहाँ गायब होगयी थी तुम में आज तक तुम्हें नही भुला पाया हूँ प्रवीण
ने डॅन्स करते हुए निशा की आँखों में देखते हुए कहा,
प्रवीण प्लीज़ मुझे भूल जाओ में अब एक शादी शुदा औरत हूँ निशा ने प्रवीण
को समझाते हुए कहा,
हां मैं जानता हूँ तुम्हारी शादी होचुकी है प्रवीण ने निशा की बात सुनकर
जज़्बाती होकर उसकी कमर को पकड़ कर अपने से सटाते हुए कहा,
प्रवीण क्या कर रहे हो? निशा ने प्रवीण को देखते हुए कहा प्रवीण के हाथ
को अपनी कमर पर महसूस करके नचाहते हुए भी निशा को अपने जिस्म में कुछ
अजीब किस्म के मज़े का अहसास होरहा था.

निशा में तुम्हें करीब से महसूस कर रहा हूँ प्रवीण ने निशा से डॅन्स करते
हुए अपना चहरा उसके चहरे के बिल्कुल करीब करते हुए कहा इतना करीब के उसकी
गरम साँसें निशा को अपने मूह के पास महसूस होने लगी,
प्रवीण प्लीज़ मुझे छोड़ दो निशा ने कहा परवीन को देखते हुए कहा उसका
सारा बदन उत्तेजीना के मारे काँप रहा था,
ठीक है जेसे तुम्हारी मर्ज़ी प्रवीण ने निशा से दूर हटते हुए कहा .... और
समीर के साथ जाकर बातें करने लगा .... पार्टी रात के 1 बजे तक चली सभी
लोग अब धीरे धीरे जाने लगे जब निशा समीर के पास पुहँची तो वो नशे में
सोफे पर गिरे हुए थे निशा के उठाने पर भी वो नही उठे निशा बहुत परेशान
होगयी क्यॉंके ड्राइविंग तो वो जानती नही थी,
क्या हुया निशा? प्रवीण ने निशा को परेशान देखकर उसके पास आते हुए कहा,
प्रवीण यह तो बेहोश होगये हें .... और मुझे ड्राइविंग नही आती निशा ने
प्रवीण को देखते हुए कहा,
कोई बात नही मैं समीर और आपको अपनी कार पर घर छोड़ आता हूँ प्रवीण ने
निशा को देखते हुए कहा .... प्रवीण की बात मानने के सिवा निशा के पास कोई
चारा नही था उसने अपनी गाड़ी निकाली .... और अपने नौकरों की मदद से समीर
को कार में पीछे लेटा दिया, निशा भी प्रवीण के साथ आगे कार में बैठ गयी.

सारे रास्ते निशा ने प्रवीण से कोई बात नही की घर पुहँचकर प्रवीण ने निशा
के साथ मिलकर समीर को बेडरूम में लेजाकर लेटा दिया .... और वो खुद भी
वहीं बैठ कर हाँफने लगा वो बहुत थक चुका था,
यह लीजिए पानी पीजिए निशा ने प्रवीण को पानी का ग्लास देते हुए कहा,
थॅंक्स प्रवीण ने ग्लास लेकर निशा को घूरते हुए कहा निशा ने जब गौर किया
तो उसे पता चला के वो उसकी चुचियो को घूर रहा है नीचे झुकने की वजह से
उसका पालु उसके सीने से नीचे गिर गया था जिस वजह से निशा की चुचयों के
उभार ब्रा के उपर से ही आधे नंगे होकर प्रवीण की आँखों के सामने आ गये थे
.... निशा ने सीधा होकर अपने पल्लू को वापस अपने सीने पर रख दिया प्रवीण
ने पानी पीने के बाद ग्लास वहीं रखा .... और उठकर खड़ा होगया.

निशा में जा रहा हूँ प्रवीण ने निशा के हाथ को पकड़ते हुए कहा,
ठीक है निशा ने प्रवीण के हाथों से अपने हाथ पकड़ने पर हेरान होते हुए
कहा जाने क्यों प्रवीण का हाथ लगते ही निशा के जिस्म में कुछ अजीब किस्म
की सिहरन होरही थी,
निशा मैं अब कभी भी तुमसे नही मिलूँगा क्या तुम मेरी एक ख्वाइश पूरी कर
सकती हो? प्रवीण ने निशा के हाथ को सहलाते हुए कहा,
क्या प्रवीण? निशा ने प्रवीण की आँखों में देखते हुए कहा,
निशा में बस एक बार तुम्हें अपनी बाहों में भरना चाहता हूँ प्रवीण ने भी
निशा की आँखों में देखते हुए कहा,
प्रवीण तुम यह क्या कह रहे हो में एक शादीशुदा औरत हूँ .... और मैं
क़िस्सी भी कीमत पर अपने पति को धोका नही दे सकती निशा ने प्रवीण की बात
सुनकर चोन्कते हुए कहा.

निशा मैं जानता हूँ के मैं ग़लत कह रहा हूँ मगर मेने भी तुमसे सच्चा
प्यार किया था इसी लिए मैं तुम्हें आखरी बार गले लगाना चाहता हूँ प्रवीण
ने अपने एक हाथ से निशा की नंगी कमर को पकड़ कर अपने से सटाते हुए कहा,
आआहह प्रवीण यह ठीक नही है निशा ने प्रवीण के हाथ को अपनी नंगी कमर पर
महसूस करते ही सिसकते हुए कहा,
मैं जानता हूँ लेकिन मैं मजबूर हूँ प्रवीण ने अपना मूह निशा के चहरे के
करीब करते हुए कहा .... निशा की सारी का पल्लू फिर से नीचे गिर गया ....
और उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ उसकी साँसों के साथ उपर नीचे होने लगी प्रवीण
की गर्म साँसें अब उसे अपने मूह के बिल्कुल पास महसूस होरही थी, प्रवीण
अपने होन्ट धीरे धीरे निशा के गुलाबी लबों के करीब लेजाने लगा.

निशा का पूरा बदन काँपने लगा .... और उसके होन्ट भी प्रवीण के होंटो को
अपने इतना नज़दीक देखकर फदक रहे थे .... प्रवीण ने ने अपने होंटो को निशा
के तपते होंठो पर रख दिया प्रवीण के होन्ट अपने होंटो पर लगते ही निशा की
आँखें अपने आप बंद होगयी .... और उसके हाथ प्रवीण के पीठ पर चले गये,
प्रवीण भी निशा के होंटो को बड़े प्यार से चूस्ता हुआ उसके बालों को
सहलाने लगा निशा को एक नशा सा चढ़ गया था वो खुद नही समझ पारही थी के उसे
क्या होगया है प्रवीण के होंटो के लगते ही उसपर बस मदहोशी छागई थी .....
प्रवीण 2 मिनिट तक ऐसे ही निशा के होंटो को चाट्ता .... और चूस्ता रहा
.... जब दोनों की सासे फूलने लगी तो प्रवीण ने निशा के गुलाबी लबों से
अपने होंटो को अलग कर्दिया.

निशा प्रवीण के अलग होते ही ज़ोर से हाँफने लगी उसकी सारी का पल्लू नीचे
होने की वजह से उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ भी उपर नीचे होने लगी .... प्रवीण
ने निशा की सारी को पकड़ा .... और उसे उसके जिस्म से अलग करने लगा,
प्रवीण बस बहुत होचुका में बहक गयी थी छोड़ो मुझे निशा ने प्रवीण को रोकते हुए कहा,
निशा आज मुझे मत रोको जो होता है होने दो प्रवीण ने निशा की सारी को उसके
जिस्म से खींचकर अलग कर दिया,
नही प्रवीण यह सही नही है निशा ने अपनी सारी के हटते ही ज़ोर से हान्फ्ते हुए कहा,
निशा में तुम्हें अपने प्यार का तोहफा देना चाहता हूँ प्रवीण ने निशा को
अपनी बाहों में उठाकर बेड पर लेजाकर सुलाते हुए कहा,
प्रवीण प्लीज़ मुझे छोड़ो समीर भी यहीं है अगर उसने देखलिया तो मेरी
ज़िंदगी तबाह होज़ायगी निशा ने प्रवीण को मना करते हुए कहा,
यह बेवड़ा सुबह से पहले नही उठने वाला आज में अपने प्यार को पूरी तरह से
अपने रंग में रंगडूंगा प्रवीण ने बेड के उपर चढ़ कर अपनी शर्ट को उतारते
हुए कहा.

प्रवीण निशा के पेर को पकड़ कर अपनी जीभ से चाटने लगा,
आअहह प्रवीण प्लीज़ ऐसा मत करो निशा अपने पेर पर प्रवीण की जीभ के लगते
ही सिसकने लगी .... प्रवीण अपनी जीभ से निशा को पेर से लेकर उसकी चिकनी
टाँगों को चाटते हुए उपर बढ़ने लगा,
आअहह प्रवीण नही निशा का सारा बदन उत्तेजीना के मारे काँपने लगा और उसके
मूह से सिसकयाँ निकालने लगी .... प्रवीण ने निशा की चूत के करीब पहुच कर
उसके पेटिकोट .... और पॅंटी को उसके जिस्म से अलग कर्दिया,
निशा मुझे पता है तुम भी मुझसे उतना ही प्यार करती हो जितना के मैं यह
देखो तुम्हारी चूत मुझे सब कुछ बता रही है कि मेरी हरकतों से आप भी मज़ा
लेरही हो प्रवीण ने निशा की गीली चूत को देखकर खुश होते हुए कहा ..... और
अगले पल ही वो अपने होंटो और जीभ से पागलों की तरह निशा की चूत को चाटने
लगा,
आअहह प्रवीण इस्शह निशा जो इतनी देर से परवीन के हरकतों से गरम होचुकी थी
वो अपनी चूत पर एक गेर मर्द की जीभ के लगते ही ज़ोर से चिल्लाते हुए झरने
लगी.

परवीन ने निशा के झरने के बाद अपना मूह उसकी चूत से हटाया ....
और अपने पूरे कपड़े निकाल दिए, उसने निशा को भी पूरी तरह नंगा कर दिया
.... परवीन निशा के साथ लेटते हुए उसकी बड़ी बड़ी चुचयों से खेलने लगा वो
निशा की चुचयों को अपने हाथों से मसल्ते हुए अपने मूह में लेकर चाटने
लगा,
"आअहह प्रवीण बस करो" निशा के मूह से सिर्फ़ सिसकयाँ निकल रही थी उसकी
आँखें मज़े से बंद थी वो प्रवीण की हर हरकत का पूरा मज़ा लेरही थी
क्यॉंके आज तक उसके साथ उसके पति ने ऐसे प्यार नही किया था,
"निशा आँखें खोलकर मुझे देखो" प्रवीण ने निशा के हाथ को पकड़कर अपने खड़े
लंड पर रखते हुए कहा,
"आअहह प्रवीण तुम्हारा तो बहुत बड़ा है" निशा ने अपने आँखें खोलते ही
प्रवीण के तगड़े लंड को देखकर उसे अपने हाथों से सहलाते हुए कहा,
"हां निशा आज में तुम्हें ऐसा मज़ा दूँगा जो तुम सारी ज़िंदगी नही भुला
पाओगि" परवीन यह कहते हुए निशा की टाँगों के बीच आगेया .... और अपने लंड
को निशा की गुलाबी काली झांतों वालीचूत पर घिसने लगा.

"ओह प्रवीण " निशा ने प्रवीण के लंड को अपनी चूत पर महसूस करते ही ज़ोर
से सिसक उठी,
"निशा आजके बाद ज़िंदगी भर तुम्हें इसका अहसास याद रहेगा" प्रवीण ने अपने
लंड को निशा की चूत के छेद पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का मारते हुए कहा,
"आअहह प्रवीण बहुत मोटा है तुम्हारा" निशा प्रवीण के आधे लंड के घुसते ही
हल्की चीख उठी क्यॉंके उसने आज तक सिर्फ़ अपने पति के लंड से ही चुदवाया
था और प्रवीण का लंड उसके पति से बहुत ज़ियादा मोटा और लंबा था ....
प्रवीण निशा की चीख सुनकर कुछ देर तक उसकी चूत में अपने आधे लंड से ही
धक्के मारता रहा जब निशा भी मज़े से सिसकने लगी तो प्रवीण ने 3-4 ज़ोरदार
धक्के मारते हुए अपना पूरा लंड उसकी चूत में जड़ तक घुसा दिया,
"ओइईई ईश्ह्ह्ह्ह्ह प्रवीण बहुत दर्द होरहा है" प्रवीण का पूरा लंड घुसते
ही निशा की चीखें निकलने लगी,
"बस होगआया डार्लिंग" प्रवीण ने निशा के उपर झुककर उसकी बड़ी बड़ी चुचयों
को चूस्ते हुए कहा .... और नीचे से अपने लंड को भी धीरे धीरे उसकी चूत
में अंदर बाहर करने लगा,
"आअहह प्रवीण तुमने यह क्या कर्दिया ओह तेज़ करो" कुछ ही देर में निशा भी
फिर से गरम होकर सिसकते हुए कहने लगी,
प्रवीण भी निशा की बात सुनकर जोश में आते हुए सीधा होकर उसकी चूत में
बहुत ज़ोर के धक्के मारने लगा प्रवीण अपना पूरा लंड निकालकर फिरसे उसे
निशा की चूत में घुसा रहा था जिस वजह से उसके हर धक्के के साथ निशा के
मूह से उत्तेजना के मारे सिसकयाँ निकल रही थी .... और उसकी मोटी मोटी
चुचियाँ हर धक्के के साथ बहुत ज़ोर से हिल रही थी,
"आआहह प्रवीण और तेज़ ओह में झरने वाली हूँ ईश्ह्ह्ह" निशा का जिस्म
अचानक आकड़ने लगा .... और वो चिल्ला कर अपने चूतेरों को ज़ोर से उछालते
हुए झरने लगी .... प्रवीण भी निशा को झरता देखकर उसकी चूत में बहुत तेज़ी
और ताक़त के साथ धक्के मारने लगा, निशा की चूत झरते हुए प्रवीण के लंड पर
ज़ोर से सिकोड़ने .... और खुलने लगी जिस वजह से प्रवीण भी ज़ोर से
हान्फ्ते हुए निशा की चूत को अपने गरम वीर्ये से भरने लगा,
"निशा आइ लव यू वेरी मच" प्रवीण झरते हुए नीचे झुककर अपने लंड को पूरा
निशा की चूत में जड़ तक घुसा दिया,
"प्रवीण आइ लव यू टू" निशा भी प्रवीण के गरम वीर्ये को अपनी चूत की
गहराइयों में गिरता हुया महसूस करके उसे अपनी बाँहो में भरते हुए कहने
लगी.

प्रवीण कुछ देर तक योही नंगा ही निशा की बाहों में पड़े रहने के बाद उठकर
कपड़े पहनने लगा ..... निशा वेसे ही लेटे हुए हाँफ रही थी उसकी चूत का
छेद अब भी खुला हुया था .... और उसकी चूत से प्रवीण का वीर्य निकल रहा
था, प्रवीण की चुदाई से निशा की चूत सूजकर लाल होचुकी थी,
"प्रवीण यह सब ठीक नही हुया" निशा ने प्रवीण के कपड़े पहनने के बाद उसे
देखते हुए कहा,
"निशा आज के बाद में कभी भी तुम्हारी ज़िंदगी में नही आउन्गा जो कुछ भी
हुया वो हम दोनों की एक भूल थी" प्रवीण ने निशा को देखते हुए कहा .... और
निशा के करीब आकर उसके होंटो पर अपने होन्ट रख दिए .... निशा प्रवीण के
होन्ट को अपने लबों पर महसूस करते ही फिरसे एक अजीब नशे में डूब गयी ....
और प्रवीण को ज़ोर से अपनी बाहों में भरते हुए चूमने लगी, प्रवीण कुछ देर
तक निशा के होंटो से वेसे ही खेलने के बाद उसे वहीं छोड़ कर बाहर निकल
गया .... निशा प्रवीण के जाने के बेड से उठकर अपने कपड़े पहनने लगी वो मन
ही मन में सोचने लगी के उससे एक बड़ी भूल होगयी है मगर वो भूल उसके लिए
एक खूबसूरत भूल थी जिसे वो चाहकर भी कभी नही भुला पाएगी. दोस्तो आपको ये
कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
........................... दा एंड ..........


(Khubsoorat Bhool)

"Darling aaj to buht sexy dikh rahi ho kis par kayaamat girane ka
irada hai" Sameer ne apni patni ko dekhkar hanste huye kaha jise woh
apne boss ki party men apni car par lejaraha tha,
"dhat aap bhi" Nisha ne sharmakar apne pati se kaha,
aaj Sameer ke boss Vijay Khana ki party thi jo usne apne eklote bete
Praveen ke liye ki thi kyonke woh doosre din besuines ke silsile men
kuch samay ke liye forien jaane waala tha .... Sameer ne apni car ko
ek alishan bungle ke saamne rokdiya jahan par pahle se buht gadiyan
khadi thi .... aur woh poora bungla roshni se chamak raha tha, Sameer
car ko park karne ke bad Nisha ke saath bungle men daakhil hogaya
jahan par usne pahle Khana .... aur phir Praveen se Nisha ka
introduction karaaya,
"hello Nisha jee" Praveen ne apna haath aage badhakar Nisha ki taraf
badhate huye kaha .... Nisha ka sir to Praveen ko dekhte hi chakar
khaane laga tha usne Praveen se haath milaya .... aur phir Praveen aur
Sameer se nazren churakar doosri taraf aagayee.

Nisha ke dimag men purani yaaden ghoomne lagi usne jab college men
admision liya tha to Praveen bhi wahin padhta tha woh buht hi shareef
aur inteligent ladka tha .... Nisha ko dekhte hi woh uske pyar men
doob gaya Nisha ko bhi Praveen pasand tha undonon ke beech buht jald
hi dosti hogayee .... aur woh dosti kab pyaar men tabdeel huyee donon
ko pata hi nahi chala, achaanak Nisha ke maa ki mout hogayee .... aur
uske baap ne apni patni ke mout ke bad apna transfer kahin aur kardiya
jahan par buht jald hi usne Nisha ki shadi Sameer ke saath fix kardi
.... Nisha ko Praveen se milne ya bataane ka koi moka hi nahi mila
.... aur usne phirse Praveen se milne ki koi koshish bhi nahi ki
kismat ka khel samajhkar woh Sameer ke saath khush rahne lagi magar
aaj 4 saalon bad uski mulaqat phirse Praveen se huyee thi.

"Nisha jee kia men aapke saath dance karsakta hoon?" achaanak Praveen
ne Nisha ke paas aate huye kaha,
"why not sir" tabhi Sameer bhi kahin se udhar aagaya .... aur Nisha ke
haath ko pakadkar Praveen ke haath men thama diya Praveen ne drink ki
huyee thi kyonke woh chalte huye ladkhada rahe the,
"Nisha kahan gaayab hogayee thi tum men aaj tak tumhen nahi bhula
paaya hoon" Praveen ne dance karte huye Nisha ki aankhon men dekhte
huye kaha,
"Praveen please mujhe bhool jao men ab ek shadi shuda aurat hoon"
Nisha ne Praveen ko samjhaate huye kaha,
"haan men jaanta hoon tumhari shadi hochuki hai" Praveen ne Nisha ki
baat sunkar jazbaati hokar uski kamar ko pakarkar apne se sataate huye
kaha,
"Praveen kia kar rahe ho?" Nisha ne Praveen ko dekhte huye kaha
Praveen ke haath ko apni kamar par mahsoos karke nachaahte huye bhi
Nisha ko apne jism men kuch ajeeb kism ke maze ka ahsaas horaha tha.

"Nisha men tumhen kareeb se mahsooa karraha hoon" Praveen ne Nisha se
dance karte huye apna chahra uske chahre ke bilkul kareeb karte huye
kaha itna kareeb ke uski garam saansen Nisha ko apne mooh ke paas
mahsoos hone lagi,
"Praveen please mujhe chordo" Nisha ne Parveen ko dekhte huye kaha
uska saara badan uttejina ke maare kaamp raha tha,
"theek hai jese tumhari marzi" Praveen ne Nisha se door hatte huye
kaha .... aur Sameer ke saath jaakar baaten karne laga .... party raat
ke 1 baje tak chali sabh log ab dheere dheere jaane lage jab Nisha
Sameer ke paas puhanchi to woh nashe men sofe par gire huye the Nisha
ke uthaane par bhi woh nahi uthe Nisha buht pareshan hogayee kyonke
driving to woh jaanti nahi thi,
"kia huya Nisha?" Praveen ne Nisha ko pareshan dekhkar uske paas aate huye kaha,
"Praveen yeh to behosh hogaye hen .... aur mujhe driving nahi aati"
Nisha ne Praveen ko dekhte huye kaha,
"koi baat nahi men Sameer aur aapko apni car par ghar chor aata hoon"
Praveen ne Nisha ko dekhte huye kaha .... Praveen ki baat maanne ke
siwa Nisha ke paas koi chaara nahi tha usne apni gaadi nikali .... aur
apne noukaron ki madad se Sameer ko car men peeche letadiya, Nisha bhi
Praveen ke saath aage car men beth gayee.

Saare raaste Nisha ne Praveen se koi baat nahi ki ghar puhanchkar
Praveen ne Nisha ke saath milkar Sameer ko bedroom men lejaakar leta
diya .... aur woh khud bhi wahin bethkar haanfne laga woh buht thak
chuka tha,
"yeh lijiye paani pijiye" Nisha ne Praveen ko paani ka glass dete huye kaha,
"thanks" Praveen ne glass lekar Nisha ko ghoorte huye kaha Nisha ne
jab gour kia to use pata chala ke woh uski chuchyon ko ghoor raha hai
neeche jhukne ki wajah se uska palu uske seene se neeche gir gaya tha
jis wajah se Nisha ki chuchyon ke ubhaar bra ke upar se hi aadhe nange
hokar Praveen ki aankhon ke saamne aagaye the .... Nisha ne seedha
hokar apne pallu ko waapas apne seene par rakhdiya Praveen ne paani
peene ke bad glass wahin rakha .... aur uthkar khada hogaya.

"Nisha men jaaraha hoon" Praveen ne Nisha ke haath ko pakarte huye kaha,
"theek hai" Nisha ne Praveen ke haathon se apne haath pakarne par
heraan hote huye kaha jaane kyon Praveen ka haath lagte hi Nisha ke
jism men kuch ajeeb kism ki sihran horahi thi,
"Nisha men ab kabhi bhi tumse nahi miloonga kia tum meri ek khuwahish
poori kar sakti ho?" Praveen ne Nisha ke haath ko sahlaate huye kaha,
"kia Praveen?" Nisha ne Praveen ki aankhon men dekhte huye kaha,
"Nisha men bas ek baar tumhen apni baahon men bharna chaahta hoon"
Praveen ne bhi Nisha ki aankhon men dekhte huye kaha,
"Praveen tum yeh kia kah rahe ho men ek shadishuda aurat hoon .... aur
men kissi bhi keemat par apne pati ko dhoka nahi desakti" Nisha ne
Praveen ki baat sunkar chonkte huye kaha.

"Nisha men jaanta hoon ke men galat kah raha hoon magar mene bhi tumse
sacha pyaar kia tha isi liye men tumhen akhri baar gale lagaana chahta
hoon" Praveen ne apne ek haath se Nisha ki nangi kamar ko pakarkar
apne se sataate huye kaha,
"Aaaahhh Praveen yeh theek nahi hai" Nisha ne Praveen ke haath ko apni
nangi kamar par mahsoos karte hi sisakte huye kaha,
"men jaanta hoon lekin men majboor hoon" Praveen ne apna mooh Nisha ke
chahre ke kareeb karte huye kaha .... Nisha ki saari ka pallu phir se
neeche gir gaya .... aur uski badi badi chuchyan uski saanson ke saath
upar neeche hone lagi Praveen ki garm saansen ab use apne mooh ke
bilkul paas mahsoos horahi thi, Praveen apne hont dheere dheere Nisha
ke gulabi labon ke kareeb lejaane laga.

Nisha ka poora badan kampne laga .... aur uske hont bhi Praveen ke
honton ko apne itna nazdeek dekhkar fadak rahe the .... Praveen ne ne
apne honton ko Nisha ke tapte honton par rakhdiya Praveen ke hont apne
honton par lagte hi Nisha ki aankhen apne aap band hogayee .... aur
uske haath Praveen ke peeth par chale gaye, Praveen bhi Nisha ke
honton ko bade pyaar se choosta huya uske baalon ko sahlaane laga
Nisha ko ek nasha sa chadh gaya tha woh khud nahi samajh paarahi thi
ke use kia hogaya hai Praveen ke honton ke lagte hi uspar bas madhoshi
chhagayee thi ..... Praveen 2 minute tak aise hi Nisha ke honton ko
chaatta .... aur choosta raha .... jab donon ki saasen phoolne lagi to
Praveen ne Nisha ke gulabi labon se apne honton ko alag kardiya.

Nisha Praveen ke alag hote hi zor se haanfne lagi uski saari ka pallu
neeche hone ki wajah se uski badi badi chuchyan bhi upar neeche hone
lagi .... Praveen ne Nisha ki saari ko pakra .... aur use uske jism se
alag karne laga,
"Praveen bas buht hochuka men bahak gayee thi chodo mujhe" Nisha ne
Praveen ko rokte huye kaha,
"Nisha aaj mujhe mat roko jo hota hai hone do" Praveen ne Nisha ki
saari ko uske jism se kheenchkar alag kardiya,
"nahi Praveen yeh sahih nahi hai" Nisha ne apni saari ke hatte hi zor
se haanfte huye kaha,
"Nisha men tumhen apne pyar ka tohfa dena chaahta hoon" Praveen ne
Nisha ko apni baahon men uthakar bed par lejakaar sulate huye kaha,
"Praveen please mujhe chordo Sameer bhi yahin hai agar usne dekhliya
to meri zindgi tabaah hojayegi" Nisha ne Praveen ko minaten karte huye
kaha,
"yeh bewda subah se pahle nahi uthne waala aaj men apne pyaar ko poori
tarah se apne rang men rangdoonga" Praveen ne bed ke upar charhkar
apni shirt ko utaarte huye kaha.

Praveen Nisha ke per ko pakarkar apni jeebh se chaatne laga,
"Aaahhhhh Praveen please aisa mat karo" Nisha apne per par Praveen ki
jeebh ke lagte hi sisakne lagi .... Praveen apni jeebh se Nisha ko per
se lekar uski chikni taangon ko chaatte huye upar badhne laga,
"Aaahhh Praveen nahiiii" Nisha ka saara badan uttejina ke maare
kaampne laga aur uske mooh se siskyan nikalne lagi .... Praveen ne
Nisha ki choot ke kareeb puhachkar uske peticot .... aur panty ko uske
jism se alag kardiya,
"Nisha mujhe pata hai tum bhi mujhse utna hi pyaar karti ho jitna ke
men yeh dekho tumhari choot mujhe sabh kuch bata rahi hai ke meri
harkaton se aap bhi maza lerahi ho" Praveen ne Nisha ki geeli choot ko
dekhkar khush hote huye kaha ..... aur agle pal hi woh apne honton aur
jeebh se paagalon ki tarah Nisha ki choot ko chaatne laga,
"Aaahhhh Praveen Isshhhhhhh" Nisha jo itni der se Parveen ke harkaton
se garam hochuki thi woh apni choot par ek ger mard ki jeebh ke lagte
hi zor se chilaate huye jharne lagi.

Parveen ne Nisha ke jharne ke bad apna mooh uski choot se hataya ....
aur apne poore kapre nikaaldiye, usne Nisha ko bhi poori tarah nanga
kardiya .... Parveen Nisha ke saath lette huye uski badi badi chuchyon
se khelne laga woh Nisha ki chuchyon ko apne hathon se masalte huye
apne mooh men lekar chaatne laga,
"Aaahhhh Praveen bas karo" Nisha ke mooh se sirf siskyan nikal rahi
thi uski aankhen maze se band thi woh Praveen ki har harkat ka poora
maza lerahi thi kyonke aaj tak uske saath uske pati ne aise pyaar nahi
kia tha,
"Nisha aankhen kholkar mujhe dekho" Praveen ne Nisha ke haath ko
pakadkar apne khade lund par rakhte huye kaha,
"Aaahhh Praveen tumhara to buht bada hai" Nisha ne apne aankhen kholte
hi Praveen ke tagre lund ko dekhkar use apne haathon se sahlaate huye
kaha,
"haan Nisha aaj men tumhen aisa maza doonga jo tum saari zindgi nahi
bhula paogi" Parveen yeh kahte huye Nisha ki taangon ke beech aagaya
.... aur apne lund ko Nisha ki gulabi kaali jhanton waalichoot par
ghisne laga.

"Ohhhhhh Praveen " Nisha ne Praveen ke lund ko apni choot par mahsoos
karte hi zor se sisak uthi,
"Nisha aajke bad zindgi bhar tumhen iska ahsaas yaad rahega" Praveen
ne apne lund ko Nisha ki choot ke cher par rakhkar ek zordar dhaka
maarte huye kaha,
"Aaahhhh Praveen buht mota hai tumhara" Nisha Praveen ke aadhe lund ke
ghuste hi halki cheekh uthi kyonke usne aaj tak sirf apne pati ke lund
se hi chudwaya tha aur Praveen ka lund uske pati se buht ziyadah mota
aur lamba tha .... Praveen Nisha ki cheekh sunkar kuch der tak uski
choot men apne aadhe lund se hi dhake maarta raha jab Nisha bhi maze
se sisakne lagi to Praveen ne 3-4 zordar dhake maarte huye apna poora
lund uski choot men jad tak ghusadiya,
"Oyeeeeeee Ishhhhhh Praveen buht dard horaha hai" Praveen ka poora
lund ghuste hi Nisha ki cheekhen nikalne lagi,
"bas hogaya darling" Praveen ne Nisha ke upar jhukkar uski badi badi
chuchyon ko chooste huye kaha .... aur neeche se apne lund ko bhi
dheere dheere uski choot men andar baahar karne laga,
"Aaahhh Praveen tumne yeh kia kardiya Ohhhhhh tez karo" kuch hi der
men Nisha bhi phir se garam hokar sisakte huye kahne lagi,
Praveen bhi Nisha ki baat sunkar josh men aate huye seedha hokar uski
choot men buht zor ke dhake maarne laga Praveen apna poora lund
nikaalkar phirse use Nisha ki choot men ghusa raha tha jis wajah se
uske har dhake ke saath Nisha ke mooh se utejina ke maare siskyan
nikal rahi thi .... aur uski moti moti chuchyan har dhake ke saath
buht zor se hil rahi thi,
"Aaaahhhh Praveen aur tez Ohhhhh men jharne waali hoon Ishhhh" Nisha
ka jism achaanak aakarne laga .... aur woh chilaakar apne chuteron ko
zor se uchalte huye jharne lagi .... Praveen bhi Nisha ko jharta
dekhkar uski choot men buht tezi aur taaqat ke saath dhake maarne
laga, Nisha ki choot jharte huye Praveen ke lund par zor se sikodne
.... aur khulne lagi jis wajah se Praveen bhi zor se haanfte huye
Nisha ki choot ko apne garam veerye se bharne laga,
"Nisha I love you very much" Praveen jharte huye neeche jhukkar apne
lund ko poora Nisha ki choot men jad tak ghusadiya,
"Praveen I love You too" Nisha bhi Praveen ke garam veerye ko apni
choot ki gahrayon men girta huya mahsoos karke use apni bahaon men
bharte huye kahne lagi.

Praveen kuch der tak yonhi nanga hi Nisha ki baahon men pade rahne ke
bad uthkar kapre pahnne laga ..... Nisha wese hi lete huye haanf rahi
thi uski choot ka cher ab bhi khula huya tha .... aur uski choot se
Praveen ka veerya nikal raha tha, Praveen ki chudai se Nisha ki choot
soojkar laal hochuki thi,
"Praveen yeh sabh theek nahi huya" Nisha ne Praveen ke kapre pahnne ke
bad use dekhte huye kaha,
"Nisha aaj ke bad men kabhi bhi tumhari zindgi men nahi aaonga jo kuch
bhi huya woh hum donon ki ek bhool thi" Praveen ne Nisha ko dekhte
huye kaha .... aur Nisha ke kareeb aakar uske honton par apne hont
rakhdiye .... Nisha Praveen ke hont ko apne labon par mahsoos karte hi
phirse ek ajeeb nashe men doob gayee .... aur Praveen ko zor se apni
baahon men bharte huye choomne lagi, Praveen kuch der tak Nisha ke
honton se wese hi khelne ke bad use wahin chorkar baahar nikal gaya
.... Nisha Praveen ke jaane ke bed se uthkar apne kapre pahnne lagi
woh man hi man men sochne lagi ke usse ek badi bhool hogayee hai magar
woh bhool uske liye ek Khubsoorat Bhool thi jise woh chahakar bhi
kabhi nahi bhula payegi.
........................... The end ..........

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