Friday, February 4, 2011

मस्तानी ताई पार्ट--1

हिंदी सेक्सी कहानियाँ


मस्तानी ताई पार्ट--1
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा आपके लिए एक और मस्त कहानी लेकर
हाजिर हूँ . दोस्तो एक बार मे काफ़ी दीनो के बाद अपने गाँव जा रहा था .
गाँव मे मेरे ताउजि जी का परिवार रहता है ताई जी का स्नेह मुझ पर कुछ
ज़्यादा ही रहता था वो मुझे कई बार बुला चुकी थी अचानक ताउजि को फालिश (
पेरालाइसिस-मार गई तो मैं अपने आपको गाँव जाने से नही रोक पाया आज काफ़ी
दिनो बाद मैं अपने गाँव जा रहा था .
में घर करीबन शाम के 4 बजे पोह्चा, ताइजी सुजाता और पूजा मुझे देखकर खुश
भी हुई क्यूँ कि में उनसे काफ़ी समय के बाद मिल रहा था, पर इस हादसे के
चलते खुद को रोने से रोक भी ना पाई और मेरे सामने रो पड़ी, मेने तीनो को
संभाला और हौसला दिया के सब ठीक हो जाएगा, कुछ देर बाद वो शांत हो गये,
और मा मेरे लिए चाइ बना के ले आई, जब मेने ताइजी से पूछा ताउजि के बारे
मेने तो उन्होने बताया के काफ़ी दीनो से टेन्षन में थे, और काम का
स्ट्रेस भी बाद गया था, सब से बड़ा टेन्षन उन्हे सुजाता की शादी का था,
इसी वजह से उनको परॅलिसिस हुआ है, और अब डॉक्टर कहते हैं कि उन्हे ठीक
होते होते कम से कम 1 साल लग जाएगा अगर आछे से देख भाल की तो, वरना
मुश्किल है ताउजि का ठीक होना, और वो यह सब घर दो बेटियाँ, खेती का काम
कैसे देख पाएगी, उपर से ताउजि की सेहत का ध्यान भी रखना था, ताइजी काफ़ी
टेन्षन में थी, मेने ताइजी को भरोसा दिलाते हुए कहा के सब ठीक हो जाएगा
और ताउजि की तबीयत भी ठीक हो जाएगी.


रात में सोते वक़्त में मा और पापा बैठ के बात कर रहे थे, और मेने जो
ताइजी ने मुझसे कहा वो उन्हे बताया, तो पापा ने कहा बेटा हमे भी यह सब
पता है पर इस का कुछ ना कुछ रास्ता निकाल ना ही पड़ेगा, में अपनी भाभी और
2 भतीजियो को ऐसे नही छोड़ सकता, कुछ देर बात करते करते पापा ने कहा बेटा
तुम क्यूँ नही देख लेते यह सब जब तक ताउजि ठीक ना हो जाए, में अपना फाइनल
एअर का एग्ज़ॅम दे चुक्का था बस अब रिज़ल्ट आने की देरी थी, ताकि में आगे
पढ़ाई के लिए अड्मिशन ले सकूँ, और मेने पापा से कहा के में अपनी पढ़ाई
कैसे छोड़ सकता हूँ, उन्होने मुझे काफ़ी समझाया बाद में मम्मी भी पापा के
सुर में सुर मिलाने लगी और यह तय होगया के मेरे रिज़ल्ट आने तक जो 2
महीने बाद आने वाला था में ताउजि के घर पे ही रहूँगा और ताइजी की हर काम
में मदद करूँगा.


मुझे बिल्कुल अछा नही लगा पापा मम्मी का यह ड्सिशन पर मेने कुछ नही कहा
और छत पर चला गया, रात के तकरीबन 11 बजे चुके थे सब सो गये थे, में यह
सोचने में बिज़ी था के में अपना टाइम कैसे बिताउन्गा, तभी मेरी नज़र
ताउजि के रूम पे पड़ी, छत से उनके रूम की खिड़की सॉफ दिखाई देती थी, मेने
देखा ताइजी ताउजि की तेल से मालिश कर रही थी, दोस्तों तब तक मेरे मंन में
ताइजी या किसी और घर की लेडी के बारे में कोई ग़लत विचार नही था, मेने
देखा ताइजी ने सारी पहन रखी थी और वो ताउजि के बॉडी पे मालिश कर रही थी,
वैसे आपको ताइजी के बारे में बता दूँ उनकी उमर करीबन 45 साल है और वो
थोड़ी खूबसूरत है, उनकी बॉडी थोड़ी हेवी है, ख़ास करके उनकी गांद और थाइस
का एरिया और उनके बूब्स भी बड़े हैं, अचानक मेने देखा के तेल की बॉटल जो
कि बिस्तर पे पड़ी हुई थी वो गिर गयी, सारा तेल बिस्तर पे फैल ना जाए
इसलिए ताइजी उसे सॉफ करने में लग गयी, और इस चक्कर में थोड़ा तेल ताइजी
की सारी पे भी लग गया, ताइजी सब साफ कर के बाथरूम में चली गयी, शायद अपनी
सारी सॉफ करने गयी होंगी, जब वो बाहर आई तो सिर्फ़ पेटिकोट ओर ब्लाउस में
थी, ताइजी का फिगर मेरी आँखों के सामने था, और सच बताउ दोस्तों उन्हे देख
के मेरे अंदर अजीब से हुलचूल मच गयी, कुछ मिनिट में ही मेरा उनको देखने
का नज़रिया बदल गया, फिर उन्होने लाइट बंद की और सो गयी, में बोहत निराश
हुआ और सोने चला गया, मुझे पूरी रात नींद नही आई और में ताइजी के बारे
में ही सोचता रहा...


किसी तरह सुबेह हुई छोटे दोनो चाचा उनकी फॅमिली अपने घर जाने को तैयार
थे, तभी पापा ने सबको बुलाया और बताया कि कुछ महीने में यहीं रहूँगा और
ताउजि के घर और घरवालों की देख भाल करूँगा, सब यह सुन कर सब खुश हुए ख़ास
करके ताइजी क्यूँ की वो यह सब अकेले संभाल ने में घबरा रही थी, फिर पापा
ने ताइजी से कहा के आप निश्चिंत रहे यह आप लोगो की देख भाल आछे से करेगा,
बस कुछ देर बाद नाश्ता करके दोनो चाचा ने अपने घर चलने की तैयारी की,
दोपेहेर को सिर्फ़ में पापा मम्मी और ताउजि की फॅमिली थी, में पूरा दिन
ताइजी को ही देखता रहा क्यूँ कि अचानक वो मेरे लिए किसी हेरोयिन की तरह
हो गयी थी, जिसे पाने के लिए में बेताब था, जब वो झाड़ू लगा रही थी तो
पीछे से उनकी मोटी गांद देख कर मंन कर रहा था के अभी जाके अपने हाथों में
भर लूँ उनके चूतड़ और उनकी गांद मार दूं, पर यह सब किसी सपने जैसा ही था,
क्यूँ की में जान ता था रास्ता आसान नही है.


जब रात को सब सो गये तो में भी छत पे चला गया और ताइजी के रूम में आने का
इंतज़ार कर रहा था, तभी कुछ देर बाद ताई रूम में आई, आज उन्होने मालिश से
पहले एक खराब कपड़ा बिस्तर पे रखा और वहीं खड़े खड़े अपनी सारी उतार दी,
गर्मियों का वक़्त भी था और शायद ताइजी अपनी सारी के खराब होने के डर से
भी उसे निकाल ना ठीक समझा होगा, ताइजी काले रंग के ब्लाउस और पेटिकोट में
थी, उनका रंग सॉफ था इसलिए खूबसूरती और भी निखर के सामने आ रही थी, जब भी
वो झुकती तो उनकी चुचियाँ जो के बाहर आने को तड़प रही थी सॉफ नज़र आ रही
थी, और उनकी गांद ने मुझे बेकाबू कर दिया था, में वहीं छत पे बैठे बैठे
अपने लंड को मसल रहा था, और कैसे ताइजी को चोद सकूँ उस बारे में सोच रहा
था, फिर जब ताइजी ने मालिश ख़तम की तो वो बाथरूम में चली गयी, और जब बाहर
आई तो मे देखता ही रह गया, ताइजी सिर्फ़ पेटिकोट में बाहर आई उन्होने
ब्लाउस निकाल दिया था, और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा जो कि काले रंग
की थी और पेटिकोट में थी, मेने जितना सोचा था उससे ज़्यादा बड़ी चुचियाँ
थी उनकी, तभी उन्होने गाउन पहन लिया और सो गयी, अब मेरा सिर्फ़ एक ही
अरमान था किसी तरह ताइजी को चुदवाने के लिए तैयार करने करूँ

पूरी रात ताइजी के ख़यालों में ही निकल गयी, सुबेह जब उठा तो आँखे थोड़ी
सूजी हुई थी और लाल भी थी, में जब अपने कमरे से बाहर आया तो सबसे पहले
मुझे मेरी ताइजी ही मिली, मेने उन्हे देखकर स्माइल दी, तब उन्होने का कहा
बेटा तुम्हारी आँखें सूजी हुई क्यूँ है और लाल भी है, और मेने उनसे कहा
ताइजी आपके बारे में सोच सोच कर नींद नही आती, उनकी आँखें भर आई उन्हे
लगा के में उनके लिए इतना सोचता हूँ पर उन्हे क्या पता था के में उन्हे
चोदने का प्लान बना रहा हूँ, फिर जब में नीचे आया तो देखा के पापा मम्मी
भी घर जाने की तैयारी कर रहे थे , मेने मम्मी से पूछा के इतनी जल्दी तभी
उन्होने बताया के पापा के ऑफीस में ज़रूरी काम है अब वो और नही रुक सकते,
इस तरह दोपेहेर तक पापा मम्मी भी चले गये.


अब हम 5 लोग ही बचे थे घर में, पूजा अपने किसी दोस्त के यहाँ गयी थी
क्यूँ कि उसके भी एग्ज़ॅम कुछ दिनो में थे, सुजाता घर का सब काम देखती थी
और ताइजी खेत खलियान और ताउजि को का, दोपेहेर को मेने देखा के ताइजी एक
बड़ा सा पोतला जिसमे बोहत सारे कपड़े थे वो लेके खेत की तरफ जा रही थी,
मेने उन्हे आवाज़ लगाई तो वो रुक गयी और पूछा क्या है बेटा, मेने कहा
ताइजी इतनी धूप में आप कहाँ जा रहे हो, उन्होने कहा बेटा यह सब चदडार और
बाकी घर के कुछ कपड़े है वो देने जा रही हूँ, मेने कहा किसे देने जा रही
हैं आप, तब ताइजी ने बताया के हमारे पंप हाउस पे एक मजदूर रखा है वो वहीं
रहता है अपनी बीवी के साथ, उसी की बीवी को धोने के लिए देने जा रही हूँ,
मेरे पास भी कोई काम नही था तो मेने कहा लाओ ताइजी में ले लेता हूँ, मेने
ताइजी के हाथ से पोतला ले लिया और उन्हे कहा चलिए, ताइजी मेरे आगे चल रही
थी, ताइजी ने ब्लू कलर की सारी और मॅचिंग ब्लाउस पहन रखा था, और गर्मी की
वजह से उन्हे बोहत पसीना आरहा था, इससे उनकी वाइट ब्रा भी दिख रही थी, वो
मेरे आगे चल रही थी और उनके मटकते हुए चूतड़ देख के मंन कर रहा था उन्हे
वहीं चोद दूं, पर में मजबूर था, दोस्तों में जानता हूँ और स्टोरी की तरह
मेरी स्टोरी काफ़ी स्लो है पर हक़ीक़त और कल्पना में बोहत फरक होता है,
खैर जब हम पंप हाउस पर पोहचे तो वहाँ कोई नही था, ताइजी ने आवाज़ लगाई उस
औरत का नाम पार्वती था, पर काफ़ी देर तक जब कोई नही आया.

तभी एक दूसरा मजदूर आया और उसने बताया के भोला और पार्वतीके किसी
रिश्तेदार के यहाँ मौत हो गयी है वहाँ गये हैं, कल तक आ जाएँगे, तो मेने
ताइजी से पूछा अब घर वापस चले तो उन्होने कहा अब यहाँ तक आ ही गये हैं तो
कपड़े धो ही लिए जाए क्या भरोसा यह लोग कल आए के ना आए, उन्होने कहा क्या
तू मेरी मदद करेगा मेने तुरंत हां कर दी, फिर ताइजी पंप हाउस में गयी
वहाँ से कपड़े धोने का सामान ले आई और हम ट्यूबिवेल के पास चले गये, वहाँ
जाते ही ताइजी ने अपनी सारी को थोड़ा उँचा कर उसे कमर में फसा दिया, ताकि
उनकी सारी गीली ना हो, उनकी गोरी टांगे देख कर मंन कर रहा था उन्हे छू
लूँ और किस करूँ

ताइजी एक पत्थर पर बैठ गयी और सारे कपड़े एक तरफ रख दिए, मेने उनसे पूछा
ताइजी मुझे क्या करना है, तो उन्होने कहा के यह सारे कपड़े भिगो दे और
फिर एक एक कर के देता जा, मेने झट से सारे कपड़े भिगो दिए और थोड़ा
वॉशिंग पाउडर भी डाल दिया, ताइजी कहने लगी तुझे सब पता है, मेने कहा
ताइजी हॉस्टिल में सारा काम खुद ही करना पड़ता है, कपड़े भिगोने के बाद
में ताइजी के साइड में बैठ गया और उन्हे एक एक कर के कपड़े दे रहा था,
ट्यूबिवेल के आस पास की जगह पत्थर से बनाई हुई थी, कुछ काम ना होने की
वजह से मेने कहा लाओ में भी ब्रश मारने में आपकी मदद कर देता हूँ,
उन्होने कहा रहने दे बेटा में कर लूँगी मेने कहा ताइजी ऐसे तो शाम हो
जाएगी, उन्होने स्माइल दी और अपना काम करने लगी, फिर में ताइजी के सामने
आके बैठ गया, और भिगोये हुए कपड़ो को धोने लगा, तभी अचानक बाल्टी में हाथ
डाल ते वक़्त मेरे हाथ में ब्रा आ गई, जब मेने उसे निकाला तो ताइजी थोड़ा
शर्मा गयी, मेने कहा ताइजी आप तो कह रहे थे चदडार और दूसरे घर के कपड़े
हैं, तो वो शरमाते हुए बोली बेटा यह भी कई दिनो से धुले नही थे इसलिए
सोचा इन्हे भी धुल्वा दूँगी..

फिर जब में ब्रा को गौर से देख रहा था तो उन्होने हिचकिचाते हुए पूछा
क्या देख रहा है, में अचानक चौक गया हड़बड़ा ते हुए कहा कुछ नही, उन्होने
प्रेशर दिया तो मेने कह दिया के डिज़ाइन काफ़ी मॉडर्न है इसलिए देख रहा
था, फिर डरते डरते मेने पूछा क्या यह आपकी है, वो शरमाते हुए कहने लगी
हां यह मेरी है, वो ब्लश करने लगी, उसके बाद हमारे बात करने के तरीके में
डबल मीनिंग आ रहे थे, ताइजी ने कहा तुझे बड़ा पता चलता है डिज़ाइन के
बारे में तो में कुछ नही बोला और मुस्कुरा दिया, मेने हिम्मत करके कह
दिया ताइजी यह तो आप पे खुद सजती होगी, वो मेरी तरफ देखती ही रह गयी और
जैसे ही मेने उनकी तरफ देखा वो शर्मा गयी, अब इन सब बातों में उन्हे भी
मज़ा आरहा था, वो अचानक खड़ी हुई के मेरी कमर अकड़ गयी है ज़रा सीधा कर
लूँ, फिर थोड़ी देर बाद बैठ गयी पर जब बैठी तो उन्होने अपनी सारी और उपर
कर ली, अब सारी घुटनो के उपर तक आ गई थी, ताइजी के गोरे पैर और थोड़ी
थोड़ी झांगे दिख रही थी, मुझे पता ही नही चला के में ताइजी के टांगे
देखने में इतना मस्त था के कब उन्होने मुझे देखते हुए पकड़ लिया, जब मेरी
नज़र उन पर पड़ी तो वो मेरी तरफ ही देख रही थी, में थोडा डर गया पर
उन्होने कुछ नही बोला और स्माइल दे कर अपना काम करने लगी.

आधे कपड़े हम धो चुके थे, और आज तक जिंदेगी में मुझे कपड़े धोने में इतना
मज़ा कभी नही आया, धूप तेज होती जा रही थी और गर्मी भी बढ़ रही थी, ताइजी
फिर खड़ी हुई कहने लगी के अब उमर हो गयी है इसलिए यह कमर भी जवाब दे रही
है, मेने कहा ताइजी किस ने कहा आपसे के आपकी उमर हो गयी है, आप तो अभी भी
किसी भी जवान लड़की को पीछे छोड़ दे, वो ब्लश करने लगी और कहने तू तो
पागल है, मेने कहा सच ताइजी आपको देख कर उमर का अंदाज़ा नही लगाया जा
सकता, वो मुस्कुरई और कहने लगी पता नही तुझे ऐसा क्यूँ लगता है, फिर कहने
लगी देख तो मेरी सारी भीग गयी और पेटिकोट भी, मेने कहा ताइजी यहाँ आपके
और मेरे सिवाय कोई नही है, थोड़ी देर में कपड़े भी ख़तम हो जाएँगे तो आप
अपनी सारी उतार के सूखा दो, पहले तो वो हिचकिचाई पर मेरे बोलने पे
उन्होने एक कोने में जाके सारी निकाल दी और सुखाने डाल दी, जब वो आई तो
में उन्हे देखता ही रह गया, ब्लू ब्लाउस और पेटिकोट में बड़ी कामुक लग
रही थी, वो जान चुकी थी के में उनके शरीर को उपर से नीचे तक देखे जा रहा
हूँ पर कुछ बोली नही, वो बैठने जा रही थी तभी मेने कहा अर्रे ताइजी संभाल
ना कहीं पेटिकोट और गीला ना हो जाए, इस पर वो बैठने से पहले उसे थाइस तक
उपर कर के बैठ गयी, अब जब वो बैठी तो मिड थाइस तक सॉफ नज़र आरहा था, और
उनकी सफेद रंग की पॅंटी भी दिख रही थी.

मेने कहा ताइजी कमर ज़्यादा दुख रही है क्या, तो उन्होने कहा हां दुख तो
रही है बेटा पर कोई उपाय नही है, काम तो करना है ना, मेने कहा में मालिश
कर देता हूँ आपको अछा लगेगा, बोली रहने दे बेटा तू इतना काम करवा रहा है
वोही बोहत है, मेने ज़ोर देते हुए कहा इसमे क्या हुआ, वैसे भी पापा ने
मुझे कहा है के में आपका आछे से ध्यान रखूं, तो यह तो मेरा फ़र्ज़ है ना,
वो मान गयी और कहने लगी पहले कपड़े धो लेते हैं फिर देखते हैं, मेरी नज़र
उनकी थाइस से हट ही नही रही थी, उन्होने कहा कहाँ खोया है तू, मेने कहा
जगह बोहत अछी है यह, अछा लग रहा है, और में यह सब कह रहा था ताइजी की
थाइस की तरफ देख के, वो कहने लगी चल अब यहाँ वहाँ देखना छोड़ और यह कपड़े
सुखाने में मेरी मदद कर, हमने सारे कपड़े लिए और झदिओ पे सुखाने लगे,
ताइजी का पेटीकोत पूरा भीग चुक्का था और पॅंटी भी इसलिए कपड़ा उनके चूतड़
से चिपक गया था, उन्होने जान बुझ कर कपड़े सही नही किए, वो मेरे आगे खड़ी
थी और में उन्हे कपड़े पास कर रहा था सुखाने के लिए, फिर में हिम्मत करके
ताइजी के दम पीछे खड़ा हो गया अब उनकी गांद और मेरे लंड में सिर्फ़ एक या
दो इंच का फासला था, और उनके पसीने की स्मेल ने मुझे पागल कर रखा था, जब
वो कपड़े लेने के लिए पीछे पलटी तो उनकी चुचियाँ मेरी छाती से टकरा गयी,
वो थोड़ा मुस्कुराइ पर पीछे नही हटी, और कपड़े मेरे हाथ से ले कर सुखाने
लगी, जान बुझ कर वो भी थोड़ा पीछे आई, अब उनके चूतड़ हल्के हल्के मेरे
सख़्त लंड से टकरा रहे थे.

फिर जब सारे कपड़े सुखाने डाल दिए वो बोली आ कुछ देर आराम करे, हम पंप
हाउस में चले गये, वहाँ थोड़ा बोहत रसोई का समान था और एक खाट थी, पंप
हाउस की चाबी भोला और ताइजी के पास ही होती है, खैर जब हम अंदर गये तो
मेने ताइजी को पानी दिया उन्हे बोहत गर्मी हो रही थी, मेने हाथ पंखा उठा
या और उन्हे हवा देने लगा, उन्हे बड़ा आराम मिल रहा था, और मुझे उनकी
मदमस्त चुचियों को देख कर बड़ा आराम मिल रहा था, उन्होने आँख खोली तो
देखा मेरी नज़र उनकी चुचियों की तरफ है, पर कुछ ना बोली और कहने लगी के
में बाथरूम हो कर आती हूँ.

जब वो वापस आई तो वहीं आके बैठ गयी, पर मेने देखा के उन्होने ब्लाउस के
दो हुक खोल दिए हैं और आँख बंद कर बैठ गयी में फिर से हवा देने लगा और
उनकी चुचियों को देखने लगा, अब तक में जान गया था के वो भी इंट्रेस्टेड
है पर पहल करने में शायद शर्मा रही थी, तभी मेने कहा आपका कमर का दर्द
कैसा है, तो वो कहने लगी अब तो कमर के साथ पूरा शरीर टूट रहा है, में समझ
गया मेने कहा आप लेट जाइए में मालिश कर देता हूँ थोड़ा आराम मिलेगा, वो
कहने लगी बेटा रहने दे तू भी तक गया होगा मेने कहा नही ऐसी कोई बात नही,
और बार बार कहने पे वो खाट पे लेट गयी, में सबसे पहले उनके पाँव की तरफ
आके बैठा और उन्हे दबाने लगा, उनके पाँव काफ़ी मुलायम थे, उन्हे काफ़ी
अछा लग रहा था, कह रही थी बड़ा आराम मिल रहा है, मेने कहा ताइजी आप देखते
जाओ में आपको किसी चीज़ में तकलीफ़ आने नही दूँगा, फिर में कपड़े के उपर
से घुटनो के नीचे तक दबा रहा था, वो आँखें बंद कर लेटी हुई थी, फिर थोड़ी
देर बाद मेने उनसे कहा ताइजी कपड़े गीले होने की वजह से में सही तरीके से
दबा नही पा रहा हूँ, अगर आप कहे तो में थोड़ा उपर चढ़ा दूं, उन्होने कहा
बेटा तुझे जैसे ठीक लगे कर मुझे काफ़ी आराम मिल रहा है तेरे दबाने से.

फिर मेने पेटिकोट को घुटनो तक सरका दिया और दबाने लगा और अपना हाथ उनकी
नंगी टाँगो पे घुमाने लगा, वो बीच बीच में सिसकिया ले रही थी, फिर मेने
बिना पूछे पेटिकोट उनके घुटनो के उपर तक, यानी लोवर थाइस तक चढ़ा दिया अब
आधे से ज़्यादा टाँगे नंगी थी, मेने कभी दबाता और कभी उनकी टाँगे और लोवर
थिग्स फील कर रहा था, मेरा लंड मेरे पाजामे में टाइट हो चुक्का था, पर
ढीले कपड़े होने के वजह से बाहर दिख नही रहा था, फिर कुछ देर ऐसे ही करने
के बाद पेटिकोट को उपर थाइस तक चढ़ाने गया तो उन्होने कहा क्या कर रहा है
मेने कहा ताइजी उपर तक दबा देता हूँ बोली नही ठीक है इतना काफ़ी है, मेरा
मंन किया के अभी उनका बलात्कार कर दूं, पर सोचा के में अभी जल्द बाजी
करके गेम खराब नही करता हूँ, फिर मेने उनसे कहा आप उल्टे लेट जाओ में
थोड़ी कमर दबा देता हूँ, वो उल्टा हो के लेट गयी, में हल्के हल्के कमर
दबा रहा था उन्हे मज़ा भी आ रहा था और आराम भी मिल रहा था, फिर मेने कहा
ताइजी यह पेटिकोट का नाडा बीच में आरहा है, मेने ठीक से मालिश नही कर
पाउन्गा तो उन्होने हल्के से अपने पेट उठाया और नाडा खोल दिया उससे
पेटिकोट ढीला पड़ गया, कहने लगी अब जैसे चाहिए वैसे कर ले, मेने कहा अगर
में खाट पे बैठ जाउन्गा तो आछे से कर पाउन्गा, वो बोली क्या मतलब मेने
कहा अगर में घोड़े वाले पोज़ में आपके उपर आ जाउन्गा तो आछे से कर
पाउन्गा, वो बोली ठीक है, फिर में उनके उपर आगया, मेने अपनी बॉडी उनसे
दूर रखी ताकि उन्हे गुस्सा ना आए.
क्रमशः................

Mastaani taai paart--1
dosto mai yaani aapka dost raj sharma aapke liye ek our mast kahaani
lekar hajir hun . dosto ek baar me kafi dino ke bad apne gaanv ja raha
tha . gaanv me mere taau ji ka parivaar rahta hai taai ji sneh mujh
par kuch jyada hi rahta tha vo mujhe kai baar bulaa chuki thi aaj kafi
dino baad apne gaanv ja raha tha .
Mein ghar kareeban shaam ke 4 baje pohcha, taiji sujata aur pooja
mujhe dekhkar khush bhi hui kyun ki mein unse kafi samay ke baad mil
raha tha, par iss hadse ke chalte khud ko rone se rok bhi na payi aur
mere saamne ro padi, meine teeno ko sambhala aur hausla diya ke sab
thik ho jayega, kuch der baad woh shaant ho gaye, aur maa mere liye
chai bana ke aayi, jab meine taiji se pucha tauji ke baare meine to
unhone bataya ke kaafi dino se tension mein the, aur kaam ka stress
bhi bad gaya tha, sab se bada tension unhe sujata ke shaadi ka tha,
issi wajah se unko paralysis hua hai, aur ab doctor kehte hain ke unhe
thik hote hote kam se kam 1 saal lag jayega agar ache se dekh bhal ki
to, warna mushkil hai tauji ka thik hona, aur woh yeh sab ghar do
betiyan, kheti ka kaam kaise dekh payegi, upar se tauji ki sehat ka
dhyan bhi rakhna tha, taiji kaafi tension mein thi, meine taiji ko
bharosa dilate hue kaha ke sab thik ho jayega aur tauji ki tabiyat bhi
thik ho jayegi.


Raat mein sote waqt mein maa aur papa baith ke baat kar rahe the, aur
meine jo taiji ne mujhse kaha who unhe bataya, to papa ne kaha beta
hume bhi yeh sab pata hai par iss ka kuch na kuch rasta nikal na hi
padega, mein apni bhabhi aur 2 bhatijiyo ko aise nahi chod sakta, kuch
der baat karte karte papa ne kaha beta tum kyun nahi dekh lete yeh sab
jab tak tauji thik na ho jaye, mein apna final year ka exam de chukka
tha bas ab result aane ki deri thi, taki mein aage padhayi ke liye
admission le sakun, aur meine papa se kaha ke mein apni padhayi kaise
chod sakta hun, unhone mujhe kafi samjhaya baad mein mummy bhi papa ke
sur mein sur milane lagi aur yeh tay hogaya ke mere result aane tak jo
2 mahine baad aane wala tha mein tauji ke ghar pe hi rahunga aur taiji
ki har kaam mein madad karunga.


Mujhe bilkul acha nahi laga papa mummy ka yeh decession par meine kuch
nahi kaha aur chhat par chala gaya, raat ke takreeban 11 baje chuke
the sab so gaye the, mein yeh sochne mein busy tha ke mein apna time
kaise bitaunga, tabhi meri nazar tauji ke room pe padi, chhat se unke
room ki khidki saaf dikhaye deti thi, meine dekha taiji tauji ki tel
se maalish kar rahi thi, doston tab tak mere mann mein taiji yan kisi
aur ghar ki lady ke baare mein koi galat vichar nahi tha, meine dekha
taiji ne saree pehn rakhi thi aur who tauji ke body pe maalish kar
rahi thi, waise aapko taiji ke baare mein bata dun unki umar kareeban
45 saal hai aur woh thodi khubsurat hai, unki body thodi heavy hai,
khaas karke unki gaand aur thighs ka area aur unke boobs bhi bade
hain, achanak meine dekha ke tel ki bottle jo ki bistar pe padi hui
thi who gir gayi, sara tel bistar pe fail na jaye isliye taiji usse
saaf karne mein lag gayi, aur iss chakkar mein thoda tel taiji ki
saree pe bhi lag gaya, taiji sab saaf kar ke bathroom mein chali gayi,
shayad apni saree saaf karne gayi hongi, jab woh bahar aayi to sirf
peticot or blouse mein thi, taiji ka figure meri ankhon ke saamne tha,
aur sach bataun doston unhe dekh ke mere ander ajeeb se hulchul mach
gayi, kuch minute mein hi mera unko dekhne ka najariya badal gaya,
phir unhoone light band ki aur so gaya, mein bohat nirash hua aur sone
chala gaya, mujhe puri raat neend nahi aayi aur mein taiji ke bare
mein hi sochta raha...


Kisi tarah subeh hui chote dono chacha unki family apne ghar jane ko
taiyaar the, tabhi papa ne sabko bulaya aur bataye ki kuch mahine mein
yahin rahunga aur tauji ke ghar aur gharwalon ki dekh bhal karunga,
sab yeh sun kar khush hue khaas karke taiji kyun ki woh yeh sab akele
sambhal ne mein ghabra rahi thi, phir papa ne taiji se kaha ke aap
nishchint rahe yeh aap logo ki dekh bhal ache se karega, bas kuch der
baad nashta karke dono chacha ne apne ghar chalne ki taiyaari ki,
dopeher sirf mein papa mummy aur tauji ki family thi, meine pura din
taiji ko hi dekhta raha kyun ki achanak woh mere liye kisi heroine ki
tarah ho gayi thi, jisse pane ke liye mein betaab tha, jab woh jhadu
laga rahi thi to piche se unki moti gaand dekh kar mann kar raha tha
ke abhi jake apne haathon mein bhar lun unke chutad aur unki gaand mar
dun, par yeh sab kisi sapne jaisa hi tha, kyun ki mein jan ta tha
rasta aasaan nahi hai.


jab raat ko sab so gaye to mein bhi chhat pe chala gaya aur taiji ke
room mein aane ka intzar kar raha tha, tabhi kuch der baad chachi room
mein aayi, aaj unhone maalish se pehle ek kharab kapda bistar pe rakha
aur wahin khade khade apni saree utar di, garmiyon ka waqt bhi tha aur
shayad taiji apni saree ke kharab hone ke darr se bhi usse nikal na
thik samjha hoga, taiji kale rang ke blouse aur peticot mein thi, unka
rang saaf tha isliye khubsurati aur bhi nikhar ke saamne aa rahi thi,
jab bhi woh jhukti to unki chuchiyan jo ke bahar aane ko tadap rahi
thi saaf nazar aa rahi thi, aur unki gaand ne mujhe bekabu kar diya
tha, meine wahin chhat pe baithe baithe apne lund ko masal raha tha,
aur kaise taiji ko chod sakun uss bare mein soch raha tha, phir jab
taiji ne maalish khatam ki to woh bathroom mein chali gayi, aur jab
bahar aayi to me dekhta hi reh gaya, taiji sirf peticot mein bahat
aayi unhone blouse nikal diya tha, aur ab woh mere saamne sirf bra jo
ki kale rang ki thi aur peticot mein thi, meine jitna socha tha usse
jyada badi chuchiyan thi unki, tabhi unhone gown pehn liya aur so
gaye, ab mera sirf ek hi armaan tha kisi tarah taiji ko chudwane ke
liye taiyaar karne ka….

Puri raat taiji ke khayalon mein hi nikal gayi, subeh jab utha to
aankhe thodi suji hui thi aur lal bhi thi, mein jab apne kamre se
bahar aaya to sabse pehle mujhe meri taiji hi mili, meine unhe dekhkar
smile di, tab unhone ka kaha beta tumhari aankhen suji hui kyun hai
aur lal bhi hai, aur meine unse kaha taiji aapke bare mein soch soch
kar neend nahi aati, unki aankhen bhar aayi unhe laga ke mein unke
liye itna sochta hun par unhe kya pata tha ke meine unhe chodne ka
plan bana raha hun, phir jab mein neeche aaya to dekha ke papa mummy
bhi ghar jane ki taiyari ki, meine mummy se pucha ke itni jaldi tabhi
unhone bataya ke papa ke office mein jaruri kaam hai ab woh aur nahi
ruk sakte, iss tarah dopeher tak papa mummy bhi chale gaye.


Ab hum 5 log hi bache the ghar mein, pooja apne kisi dost ke yahan
gayi thi kyun ki uski bhi exam kuch dino mein thi, sujata ghar ka sab
kaam dekhti thi aur taiji khet khaliyan aur tauji ka, dopeher ko meine
dekha ke taiji ek bada sa potla jisme bohat sare kapde the who leke
khet ki taraf ja rahi thi, meine unhe awaaj lagayi to woh ruk gayi aur
pucha kya hai beta, meine kaha taiji itni dhoop mein aap kahan ja rahe
ho, unhone kaha beta yeh sab chaddar aur baki ghar ke kuch kapde hai
woh dene ja rahi hun, meine kaha kise dene ja rahi hain aap, tab taiji
ne bataya ke humare pump house pe ek majdur rakha hai woh wahin rehta
hai apni biwi ke saath, ussi ki biwi ko dhone ke liye dene ja rahi
hun, mere pass bhi koi kaam nahi tha to meine kaha lao taiji mein le
leta hun, meine taiji ke haath se potla le liya aur unhe kaha chaliye,
taiji mere aage chal rahi thi, taiji ne blue colour ki saree aur
matching blouse pehn rakhta tha, aur garmi ki wajah se unhe bohat
paseena aaraha tha, isse unki white bra bhi dikh rahi thi, woh mere
aage chal rahi thi aur unki matakte hue chutad dekh ke mann kar raha
tha unhe wahin chod dun, par mein majbur tha, doston mein janta hun
aur story ki tarah meri story kafi slow hai par haqeeqat aur kalpana
mein bohat farak hota hai, khair jab hum pump house par pohche to
wahan koi nahi tha, taiji ne awaaz lagaai us aurat ka naam parvati
tha, par kaafi der tak jab koi nahi aaya.

Tabhi ek doosra majdur aaya aur usne bataya ke bhola aur parvati kisi
rishtedar ke yahan maut ho gayi hai wahan gaye hain, kal tak aa
jayenge, to meine taiji se pucha ab ghar wapas chale to unhone kaha ab
yahan tak aa hi gaye hain to kapde dho hi liye jaye kya bharosa yeh
log kal aaye ke na aaye, unhone kaha kya tu meri madad karega meine
turant haan kar di, phir taiji pump house mein gayi wahan se kapde
dhone ka saaman le aayi aur hum tubewell ke pass chale gaye, wahan
jate hi taiji ne apni saree ko thoda uncha kar usse kamar mein phasa
diya, taki unki saree gili na ho, unki gori taange dekh kar mann kar
raha tha unhe chu lun aur kiss karun…

Taiji ek pathar par baith gayi aur saare kapde ek taraf rakh diye,
meine unse pucha taiji mujhe kya karna hai, to unhone kaha ke yeh sare
kapde bhigo de aur phir ek ek kar ke deta ja, meine jhat se sare kapde
bhigo diye aur thoda washing powder bhi daal diya, taiji kehne lagi
tujhe sab pata hai, meine kaha taiji hostel mein sara kaam khud hi
karna padta hai, kapde bhigone ke baad mein taiji ke side mein baith
gaya aur unhe ek ek kar ke kapde de raha tha, tubewell ke ass pass ke
jagah pathar se banayi hui thi, kuch kaam na hone ki wajah se meine
kaha lao mein bhi brush marne mein aapki madad kar deta hun, unhone
kaha rehne de beta mein kar lungi meine kaha taiji aise to shaam ho
jayegi, unhone smile di aur apna kaam karne lagi, phir mein taiji ke
saamne aake baith gaya, aur bhigoye hue kapdo ko dhone laga, tabhi
achanak balti mein haat dal te waqt mere haath mein bra aagayi, jab
meine usse nikala to taiji thoda sharma gayi, meine kaha taiji aap to
keh rahe the chaddar aur doosre ghar ke kapde hain, to woh sharmate
hue boli beta yeh bhi kai dino se dhule nahi the isliye socha inhe bhi
dhulwa dungi..

Phir jab mein bra ko gaur se dekh raha tha to unhone hichkichate hue
pucha kya dekh raha hai, mein achanak chauk gaya hadbada te hue kaha
kuch nahi, unhone pressure diya to meine keh diya ke design kaafi
modern hai isliye dekh raha tha, phir darte darte meine pucha kya yeh
aapki hai, who sharmate hue kehne lagi haan yeh meri hai, woh blush
karne lagi, uske baad humare baat karne ke tarike mein double meaning
aa rahe the, taiji ne kaha tujhe bada pata chalta hai design ke bare
mein to mein kuch nahi bola aur muskura diya, meine himmat karke keh
diya taiji yeh to aap pe khud sajti hogi, woh meri taraf dekhti hi reh
gayi aur jaise hi meine unki taraf dekha woh sharma gayi, ab in sab
baton mein unhe bhi maja aaraha tha, woh achanak khadi hui ke meri
kamar akad gayi hai jara seedha kar lun, phir thodi der baad baith
gayi par jab baithi to unhone apni saree aur upar kar li, ab saree
ghutno ke upar tak aagayi thi, taiji ki gore pair aur thodi thodi
jhange dikh rahi thi, mujhe pata hi nahi chala ke mein taiji ke taange
dekhne mein itna mast tha ke kab unhone mujhe dekhte hue pakad liya,
jab meri najar un par padi to woh meri taraf hi dekh rahi thi, mein
thoda darr gaya par unhone kuch nahi bola aur smile de kar apna kaam
karne lagi.

Aadhe kapde hum de chuke the, aur aaj tak jindegi mein mujhe kapde
dhone mein itna maja kabhi nahi aaya, dhoop tej hoti ja rahi thi aur
garmi bhi bad rahi thi, taiji phir khadi hui kehne lagi ke ab umar ho
gayi hai isliye yeh kamar bhi jawab de rahi hai, meine kaha taiji kis
ne kaha aapse ke aapki umar ho gayi hai, aap to abhi bhi kisi bhi
jawan ladki ko piche chod de, woh blush karne lagi aur kehne tu to
pagal hai, meine kaha sach taiji aapko dekh kar umar ka andaza nahi
lagaya ja sakta, who muskurai aur kehne lagi pata nahi tujhe aisa kyun
lagta hai, phir kehne lagi dekh to meri saree bheeg gayi aur peticot
bhi, meine kaha taiji yahan aapke aur mere siway koi nahi hai, thodi
der mein kapde bhi khatam ho jayenge to aap apni saree utar ke sukha
do, pehle to woh hichkichai par mere bolne pe unhone ek kone mein jake
saree nikal di aur sukhane daal di, jab who aayi to mein unhe dekhta
hi reh gaya, blue blouse aur peticot mein badi kamuk lag rahi thi, woh
jaan chuki thi ke mein unke sharer ko upar se niche tak dekhe ja raha
hun par kuch boli nahi, woh baithne ja rahi thi tabhi mein kaha arre
taiji sambhal na kahin peticot aur gila na ho jaye, is par woh baithne
se pehle usse thighs tak upar kar ke baith gayi, ab jab who baithi to
mid thighs tak saaf najar aaraha tha, aur unki safed rang ki panty bhi
dikh rahi thi.

Meine kaha taiji kamar jyada dukh rahi hai kya, to unhone kaha haan
dukh to rahi hai beta par koi upay nahi hai, kaam to karna hai na,
meine kaha mein maalish kar deta hun aapko acha lagega, boli rehne de
beta tu itna kaam karwa raha hai wohi bohat hai, meine jor dete hue
kaha isme kya hua, waise bhi papa ne mujhe kaha hai ke mein aapka ache
se dhyan rakhun, to yeh to mera farz hai na, woh maan gayi aur kehne
lagi pehle kapde dho lete hain phir dekhte hain, meri nazar unki
thighs se hat hi nahi rahi thi, unhone kaha kahan khoya hai tu, meine
kaha jagah bohat achi hai yeh, acha lag raha hai, aur mein yah sab keh
raha tha taiji ki thighs ki taraf dekh ke, woh kehne lagi chal ab
yahan wahan dekhna chod aur yeh kapde sukhane mein meri madad kar,
humne sare kapde liye aur jhadioyon pe sukhane lage, taiji ka peticot
pura bhig chukka tha aur panty bhi isliye kapda unke chutad se chipak
gaya tha, unhone jaan bujh kar kapde sahi nahi kiye, woh mere aage
khadi thi aur mein unhe kapde pass kar raha tha sukhane ke liye, phir
meine himmat karke taiji ke dum piche khada ho gaya ab unki gaand aur
mere lund mein sirf ek yan do inch ka faslta tha, aur unke paseene ki
smell ne mujhe pagal kar rakha tha, jab woh kapde lene ke liye piche
palti to unki chuchiyan meri chhati se takra gayi, who thoda muskurayi
par piche nahi hati, aur kapde mere haath se le kar sukhane lagi, jan
bujh kar woh bhi thoda piche aayi, ab unke chutad halke halke mere
sakht lund se takra rahe the.

Phir jab sare kapde sukhane dal diye woh boli aa kuch der aaram kare,
hum pump house mein chale gaye, wahan thoda bohat rasoi ka samaan tha
aur ek khat thi, pump house ki chabi bhola aur taiji ke pass hi hoti
hai, khair jab hum under gaye to meine taiji ko pani diya unhe bohat
garmi ho rahi thi, meine haath pankha utha ya aur unhone hawa dene
laga, unhe bada aaram mil raha tha, aur mujhe unki madmast chuchiyon
ko dekh kar bada aaram mil raha tha, unhone aankh kholi to dekha meri
najar unki chuchiyon ki taraf hai, par kuch na boli aur kehne lagi ke
mein bathroom ho kar aati hun.

Jab woh wapas aayi to wahin aake baith gayi, par meine dekha ke unhone
blouse ke do hook khol diye hain aur aankh band kar baith gayi mein
phir se hawa dene laga aur unki chuchiyon ko dekhne laga, ab tak mein
jan gaya tha ke woh bhi interested hai par pehl karne mein shayad
sharma rahi thi, tabhi meine kaha aapka kamar ka dard kaisa hai, to
woh kehne lagi ab to kamar ke saath pura sharer tut raha hai, mein
samajh gaya meine kaha aap let jayiye mein maalish kar deta hun thoda
aaram milega, woh kehne lagi beta rehne de tub hi thak gaya hoga meine
kaha nahi aisi koi baat nahi, aur baar baar kehne pe woh khat pe let
gayi, meine sabse pehle unke paanv ki taraf aake baith aur unhe dabane
laga, unke paanv kaafi mulayam the, unhe kaafi acha lag raha tha, keh
rahi thi bada aaram mil raha hai, meine kaha taiji aap dekhte jao mein
aapko kisi cheez mein taklif aane nahi dunga, phir mein kapde ke upar
se ghutno ke neeche tak daba raha tha, woh aankhen band kar leti hui
thi, phir thodi der baad meine unse kaha taiji kapde gile hone ki
wajah se mein sahi tarike se daba nahi pa raha hun, agar aap kahe to
mein thoda upar chada dun, unhone kaha beta tujhe jaise thik lage kar
mujhe kaafi aaram mil raha hai tere dabane se.

Phir meine peticot ko ghutno tak sarka diya aur dabane laga aur apna
haath unki nangi tango pe ghumane laga, woh beech beech mein siskiya
le rahi thi, phir meine bina puche peticot unke ghutno ke upar tak,
yani lower thighs tak chada diya ab aadhe se jyada tange nangi thi,
meine kabhi dabata aur kabhi unki tange aur lower thihgs feel kar raha
tha, mera lund mere pyajame mein tight ho chukka tha, par dheele kapde
hone ke wajah se bahar dikh nahi raha tha, phir kuch der aise hi karne
ke baad peticot ko upper thighs tak chadane gaya to unhone kaha kya
kar raha hai meine kaha taiji upar tak daba deta hun boli nahi thik
hai itna kaafi hai, mera mann kiya ke abhi unka **** kar dun, par
socha ke mein abhi jald baji karke game kharab nahi karta hun, phir
meine unse kaha aap ulte let jao mein thodi kamar daba deta hun, woh
ulta ho ke let gayi, meine halke halke kamar daba raha tha unhe maja
bhi aa raha tha aur aaram bhi mil raha tha, phir meine kaha taiji yeh
peticot ka nada beech mein aaraha hai, meine thik se maalish nahi kar
paunga to unhone halke se apne pet uthaya aur nada khol diya usse
peticot dheela pad gaya, kehne lagi ab jaise chahiye waise kar le,
meine kaha agar mein khat pe baith jaunga to ache se kar paunga, woh
boli kya matlab meine kaha agar mein ghode wale pose mein aapke upar
aajaunga to ache se kar paunga, woh boli thik hai, phir mein unke upar
aagaya, meine apni body unse dur rakhi taki unhe gussa na aaye.
kramashah................

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