पड़ोसी से चुडवाया
प्रेषक -राज शर्मा
हेलो फ्रेंड्स. मैं किरण भोपाल से दोस्तो हमारे पड़ोस मे एक नई फेमिली
रहने आई थी उनका एक प्रमोद नाम का लड़का था प्रमोद बहुत हॅंडसम और
स्मार्ट लड़का है, जिस पर मोहल्ले की हर लड़की फिदा है. .मैं भी उसे बहुत
पसंद करती थी. यहाँ मैं बता दूँ की अभी तक मेरा कोई बाय्फ्रेंड नही था और
मैं अभी तक वर्जिन थी.
धीरे धीरे मेरी और प्रमोद की दोस्ती हो गयी. हम लोग अक्सर छत पर बैठकर
ढेर सारी बातें किया करते थे. हम लोगों को यह भी महसूस होने लगा कि हम एक
दूसरे से प्यार करने लगे हैं. लेकिन रोज आपस में मिलना भी संभव नही हो
पाता था. मेरे घरवाले भी ऐतराज़ किया करते थे. हम दोनो ही अकेले मिलने का
काफ़ी जुगाड़ किया करते, पर सफलता नही मिलती थी.
हमारे पड़ोसे में एक फॅमिली और थी. वो लोग मियाँ बीवी ही थे. बीवी का नाम
सुधा था, जिससे मेरी अच्छि दोस्ती हो गयी थी. एक दिन मैने उसे अपने प्यार
के बारे में बताया और ये भी बताया कि प्रमोद से अकेले मिलने की बहुत
इच्च्छा होती है लेकिन संभव नही हो पाता. सुधा ने मज़ाक करते हुए पुछा
क्या बात है रानी , लगता है बहुत चुदासी हो रही हो. चुदवाने का प्रोग्राम
है क्या. मैने बनावटी गुस्सा दिखाते हुए कहा, बेकार की बातें मत करो, मैं
तो प्रमोद को प्यार करती हूँ और उससे अकेले मिलना चाहती हूँ. सुधा ने फिर
मुझे पुचकार्ते हुए कहा, यार बुरा मत मानो, तुम उसको यहाँ बुला लो, हमारे
घर पर मिल लिया करो, किसी को शक भी नही होगा. लेकिन, किरण डार्लिंग, मेरी
एक बात याद रखना, ये प्यार व्यार कुच्छ नही होता, ये सब चूत और लंड का
चक्कर है. तुम उससे मेरे घर पर मिलना ज़रूर लेकिन बहुत जल्दी अपनी चूत मत
दे देना. मैं मन ही मन बहुत खुश हुई, और उसको आश्वस्त किया, चिंता मत
करो. हम लोगों को केवल मिलकर प्यार भरी बातें करनी है. अपनी चूत का
उद्घाटन करवाने के पहले तुमसे ज़रूर बताउन्गि.
अगले दिन मौका मिलते ही मैने प्रमोद को मिलने की जगह बता दी. इसके बाद हम
लोग अक्सर सुधा के घर पर मिलने लगे. जब भी हम दोनो सुधा के घर पर होते,
तो उसके बेड रूम में घंटों बैठ कर प्यार मोहब्बत की बातें किया करते और
सुधा ड्रॉयिंग रूम में बैठकर टीवी देखा करती. धीरे धीरे हम दोनो आपस में
बहुत खुल गये थे.
एक दिन दोपहर को हम दोनो सुधा के बेड रूम में एक दूसरे से चिपके बैठे
बातें कर रहे थे, तभी प्रमोद अपने एक हाथ से मेरी चूचियों को सहलाने लगा.
उसके हाथ रखते ही मेरे शरीर में सिहरन सी दौड़ गयी. पूरे शरीर के रोम-रोम
खड़े हो गये, लेकिन अच्च्छा भी लग रहा था. धीरे धीरे उसका हाथ मेरी
टी-शर्ट के अंदर पहुँचने की कोशिश कर रहा था. मुझे बहुत शरम आ रही थी.
मैने उसका हाथ पकड़ लिया और रोकने की कोशिश की, लेकिन वो कहाँ मानने वाला
था.कुच्छ देर के बाद मेरा विरोध भी काफ़ी कम हो गया और उसने एक हाथ मेरी
गले की तरफ से अंदर डाल दिया. चूँकि मैं अंदर ब्रा पहने थी इस कारण उसको
अपना हाथ सीधे ब्रा के अंदर घुसेड़ने में काफ़ी दिक्कत हो रही थी थी.
कुच्छ देर तक वो ब्रा के ऊपेर से ही मेरी चूचियाँ दबाता रहा. मेरी साँसे
भी बहुत तेज़ चल रही थीं.
कुच्छ देर के बाद उसने अपना हाथ निकालकर मेरी पीठ के तरफ से अंदर डाल
दिया और मुझे सहलाता रहा. इस बीच वो लगातार मुझे किस कर रहा था. मेरे
लिप्स उसके लिप्स से फँसे हुए थे. पीठ सहलाते सहलालते उसने धीरे से मेरी
ब्रा का हुक खोल दिया जिससे मेरे दोनो कबूतर ब्रा की गिरफ़्त से आज़ाद हो
चुके थे. तुरंत उसने अपना हाथ निकाल कर फिर से सामने डाल दिया. मैं अपने
नियंत्रण में नही थी. प्रमोद अब मेरी शर्ट के अंदर ब्रा को हटाकर दोनो
चूचियों को खूब मसल रहा था. बीच बीच में मेरी निपल्स अपनी दो ऊँगलियों के
बीच में लेकर दबा देता था जिससे मेरी चीख निकलते निकलते रह जाती थी. डर
भी लग रहा था की दूसरे कमरे में कहीं सुधा मेरी आहें ना सुन ले. दूसरी
तरफ मेरी टाँगों के बीच भी हलचल बढ़ रही थी. मेरी पॅंटी गीली होकर चिपक
रही थी. मन कर रहा था की अंदर हाथ डालकर अपनी चूत को भींच डालूं.
तभी कमरे में हलचल सुनकर सुधा अंदर आ गयी. उसे देखकर हम दोनो घबरा गये.
वो भी अंदर का सीन देखकर चौंक गयी और कहने लगी सॉरी यार दरवाज़ा तो बंद
कर लेते. तब तक प्रमोद संभाल चुक्का था. उसने मेरी टी शर्ट से झटके से
हाथ बाहर खींच लिया जिससे ब्रा उसके हाथ में फँसी फँसी गले के बाहर तक
निकल गयी. फिर वो शरमाते हुए बोला, सॉरी भाभी. लेकिन ये कैसे पूछ रही हो
आप कि क्या हो रहा है. अर्रे आप के साथ भी तो रोज़ होता होगा. कोई नयी
बात थोड़े ही है. मैं शरम के मारे उठ कर जाने लगी तो भाभी ने टोंक दिया
किरन ये कौनसी स्टाइल में ब्रा पहनी है. और वो मुस्कुराते हुए बाहर चली
गयीं. मैने प्रमोद को गुस्से से देखा तो वो हंसते हुए बाहर निकल
गया.प्रमोद के जाने के बाद में अपने कपड़े अड्जस्ट करने के बाद चुपचाप
सुधा के पास आकर बैठ गयी.
सुधा ने मुझे छेड़ते हुए पुच्छा क्या बात है रानी आज बहुत गरम लग रही हो.
चुदवाने का मूड था क्या. मैने शरमाते हुए कहा धात. वो तो प्रमोद ने
ज़बरदस्ती मेरी शर्ट में हाथ डाल दिया था और मेरी चूचियाँ मसल रहा था.
इसी कारण मैं गरम हो गयी थी. सुधा ने पूछा तो अब क्या हाल है तेरी चूत
का. मैने कहा क्या बताउ, बहुत खुजली मची है और मेरी पूरी पॅंटी गीली हो
गयी है. तब सुधा ने कहा इसका मतलब है तुम चूची दब्वा कर एक बार झाड़ चुकी
हो और चुदने को बिल्किल तैयार हो. चिंता मत करो कल वो तुम्हारी चुदाई
ज़रूर कर देगा. मैने कहा, हां लगता तो है. मैं क्या करूँ. उसने कहा चुदवा
लो रानी जवानी के मज़े जम कर लो. हां लेकिन यदि कल चुदवाना हो तो मुझे
पहले बता देना ताकि मैं तुम्हारा चुदाई के बाद तुरंत एक टॅबलेट दे दूँगी
जिसको खाकर तुम्हे प्रज्ञेंसी का ख़तरा नही रहेगा.
अगले दिन प्रमोद और मैं फिर से सुधा के बेडरूम में दोपहर को पहून्च गये.
सुधा बाहर बैठी थी, उसने कहा की आज कोई गड़बड़ नही होना चाहिए. हालाँकि
प्रमोद ने कहा नही भाभी आज वैसा कुच्छ नही होगा, लेकिन वो कहाँ मानने
वाला था. कुच्छ देर चूमा चाती के बाद उसने फिर पीछे से हाथ डालकर ब्रा का
हुक खोल दिया और ब्रा को चूचियों के ऊपेर से खिसकाकर मेरे दोनो मुममे
शर्ट के ऊपेर से ही चूसना शुरू कर दिया. कहीं दबाता और कहीं पूरी चूची
मूँह में भर लेता. अब तक उसका लंड भी खड़ा हो गया था और मेरी टाँगों के
बीच चुभ रहा था. फिर उसने मेरा एक हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया. उसके
लंड पर हाथ पहुँचते ही मैं काफ़ी उतेज़ित हो गयी और पॅंट के ऊपेर से ही
उसके उभार पर हाथ फिराने लगी.
ऊधर मेरी चूचियों को चूस चूस कर वो गीला कर चुक्का था. मेरी पूरी शर्ट
भीग चुकी थी और शर्ट के फॅब्रिक से निपल्स और पूरा एरोला बाहर से झलक रहा
था. उसका दूसरा हाथ मेरी गांद को थामे था. उसने हाथ आगे बढ़ाकर मेरी
जीन्स की ज़िपर खोलना शुरू कर दिया. मैं पूरी तरह से गरम हो चुकी थी.
मुझे मालूम था कि आज मेरी चूत की खैर नही. फिर ऊसने अचानक अपने दोनो
हाथों से पकड़ कर मेरी शर्ट निकाल दी. ब्रा खुली होने के कारण शर्ट उतरते
ही मेरी दोनो चुचियाँ उसकी आँखों के सामने थीं. फिर उसने फटाफट अपने पूरे
कपड़े उतारे. अंडरवेर उतरते ही उसका 6" का खड़ा लंड मेरी आँखों के सामने
फुफ्कार रहा था. प्रमोद ने मेरा हाथ पकड़कर धीरे से अपने लंड पर रख दिया.
अब मैं उसके नंगे लंड पर प्यार से हाथ फिरा रही थी. उसका गुलाबी सूपड़ा
पूरा फूल चुका था. प्री कम के कारण वो चिपचिपा रहा था. ऊधर प्रमोद अब
मेरी पॅंट उतार रहा था. उसने मेरी पॅंट उतार कर फेंक दी. तभी मुझे ध्यान
आया की दरवाजा खुला है और दूसरे कमरे में सुधा बैठी हुई है. मैने प्रमोद
को दरवाजा बंद करने का इशारा किया, लेकिन वो तो मेरी पॅंटी के ऊपेर से
मेरी चूत सहलाने में लगा था. मेरे इशारे पर उसने कोई ध्यान नही दिया और
पॅंटी एक तरफ खिसककर मेरी चूत के इनस्पेक्षन में लगा रहा. फिर उसने मेरी
पॅंटी उतारनी चाही और मैने धीरे से अपनी गांद ऊपेर उठा दी, और मैं भी अब
पूरी नंगी थी. मैने अपने आप को उससे छुड़ाया और दरवाजा बंद करने के लिए
उठी. दरवाजा टिका कर मैं फिर बेड पर आ गयी.
प्रमोद ने मुझे बेड पर चित लिटा दिया और मेरी चूत सहलाने लगा. अचानक उसने
एक अंगुली मेरी दरार में घुसेड दी. मेरी चूत अब तक पानी फेंकना शुरू कर
चुकी थी. अचानक उंगली के हमले से मैं चिहुन्क गयी. प्रमोद कुच्छ देर तक
इसी तरह मेरी चूत का ऊन्गल चोदन करता रहा. फिर उसने मुझे सीधा किया ओए
मेरी दोनो टाँगें उठाकर अपने कंधे पर रख कर अपना लॉडा मेरी चूत के छेद पर
टीका दिया. मैं उत्तेजना से काँप रही थी. वो अपना लंड मेरे चूत के मुहाने
पर बड़ी देर तक घिसता रहा. मैं पागल हुई जा रही थी. मन कर रहा था कि
कितनी जल्दी उसका लंड मेरी चूत में घुस जाए. लेकिन प्रमोद मुझे अपना लंड
घिस घिस कर और तडफा रहा था. फिस उसने अचानक एक ज़ोर का धक्का लगाया और
उसका लंड आधे से ज़्यादा मेरी दरार को चीरता हुआ अंदर पहुँच गया था और
इसके साथ ही मुझे ऐसा लगा की मेरी चूत में किसी ने बहुत सी मिर्चियाँ
ठूंस दी हो. बहुत तेज दर्द उठ रहा था मेरी चूत में और कुच्छ गाढ़ा गाढ़ा
सा मेरी चूत से निकल रहा था. मैने नीचे झुक कर देखा तो ब्लड निकलता दिखा.
मेरी चूत की झिल्ली फॅट चुकी थी. दर्द के कारण मैं बहुत ज़ोरों से चीख
पड़ी. मेरी आवाज़ बाहर बैठी सुधा को भी सुनाई दी और वो बड़ी तेज़ी से
अंदर आ गयी. तभी प्रमोद ने दूसरा धक्का लगाया और उसका लंड मेरी चूत को
फड़ता हुआ ¾ चूत के अंदर था. मैं चिल्ला रही थी, प्लीज़ मत करो…… निकाल
लो………मुझे नही चुदवाना है…मैं मर जाऊंगी. लेकिन वो अब कहाँ रुकने वाला
था.
सुधा ने अंदर का सीन देखा तो चौंक कर खड़ी रह गयी और तेज आवाज़ में पुछा
प्रमोद ये क्या कर रहे हो. तुम लोग बड़े बेशर्म हो दिन दहाड़े चुदाई शुरू
कर दी. प्रमोद ने उसे देखा और बेशर्मी से हंसते हुआ जवाब दिया क्यों भाभी
तुमने कभी दिन में नही चुडवाया क्या. सुधा उसकी बात सुनकर शर्मा गयी और
प्यार से डाँटते हुए कहा, नालयक मैं तो शादी शुदा हूँ. मेरी बात और है.
मैं दर्द के मारे तड़फ़ रही थी. मैने चिल्लाते हुए कहा तुम लोग बातें
करना बंद करो, मैं मरी जा रही हू. सुधा, प्लीज़ इससे कहो अपना लंड निकाले
मेरी चूत से, मुझे अब नही चुदवाना है. सुधा मेरे पास आते हुए बोली, सब्र
करो रानी. अब चिंता की कोई बात नही है, तुम्हारी सील टूट चुकी है. बस दो
मिनिट रूको, मज़ा आने लगेगा. सुधा धीरे धीरे मेरे माथे पर अपना हाथ फेर
रही थी. उसने प्रमोद से कहा कि अब क्यों रुक गया, लगा ना ज़ोर का धक्का
और घुसेड दे पूरा लंड. इतना सुनते ही प्रमोद ने फिर से अपने दोनो हाथ
मेरी चूचियों पर रखकर एक और धक्का मारा. इसके साथ ही उसका पूरा लंड मेरी
चूत के अंदर था. मेरे मुँहा से एक बार फिर चीख निकल पड़ी. अब प्रमोद कुछ
देर तक लंड डाले मेरी चूचियों को मसल्ते हुए मेरे लिप्स को चूस्ते हुए
शांत पड़ा रहा. सुधा मेरे पास बैठी अपने एक हाथ से मेरी बाईं चूची सहलाते
हुए मेरी निपल से खेल रही थी. कुच्छ देर तक इसी तरह पड़े रहने के बाद
मैने नीचे से अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया. प्रमोद समझ गया की मेरा दर्द
कम हो गया है. अब वो फिर से जोश में आ गया और उसने अपना लंड एक बार पूरा
बाहर निकाल कर फिर से मेरी चूत में पेल दिया. मैं एक बार फिर से चीख
पड़ी. लेकिन अब प्रमोद रुकने का नाम नही ले रहा था. अब वो मेरी चूचियों
को मसल्ते हुए जोरदार धक्के लगा रहा था. मैं भी नीचे से गांद उचका उचका
कर उसका साथ दे रही थी. कमरे में हम दोनो की तेज साँसें गूँज रही थी.
ऑश……..आआआआहह………..उउउफफफफफफफफ्फ़….श… आआआअहह. जैसे ही उसका लंड अंदर घुस
कर मेरी चूत को ठोकर मारता तो मैं और उत्तेजित हो जाती. कमरे में सेक्सी
आवाज़ें फह..फह.पच.पच. पचा फ़च..फ़च.फ़च शोर मचा रही थी. उधर सुधा भी ये
सब देखकर आवेश में आ गयी थी. लगता था उसकी चूत भी पनिया गई थी. उसने अपना
एक हाथ सारी के अंदर घुसेड लिया था. मैं समझ गयी कि वो अपनी चूत में
उंगली डाल कर मज़े ले रही है. प्रमोद ये देखते ही और जोश में आ गया और
तेज़ धक्के मारते हुए कहने लगा कि क्या भाभी चुदास लगी है क्या. क्या कर
रही होसारी के अंदर हाथ डालकर.
सुधा इतना सुनते ही शर्मा गयी लेकिन उसने अपना हाथ बाहर नही निकाला.
अचानक प्रमोद ने सुधा की सारी ऊपेर उठा दी. अंदर सुधा की दो उंगलियाँ चूत
के अंदर थीं और पूरी तेज़ी से अपनी उंगलियाँ चला रही थी. प्रमोद ने सुधा
का हाथ उसकी चूत पर से हटा दिया और उसकी जगह अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत
में घुसेड दीं. इधर वो लगातार मेरी चूत का भुर्ता बनाए जा रहा था. अचानक
मैं चिल्लाई, आआआअहह……..मैं गयीईईइ. प्रमोद सुधा कि चूत का ऊन्गल चोदन
करते हुए और तेज धक्के मारते हुए चिल्लाया हाआआ….ले रानी……..ले…मैं भी
आआआययययया. और इसके साथ ही उसके लंड ने पिचकारी छ्चोड़ दी. उसके लंड का
पूरा फ्लूईड मेरी चूत को भरता जा रहा था. ढेर सारा फ्लूईड मेरी चूत से
बहकर मेरी जांघों को और बिस्तर को गीला कर रहा था. कुच्छ देर हम दोनो ऐसे
ही चिपके पड़े रहे लेकिन प्रमोद का एक हाथ अब भी सुधा की चूत में उलझा
हुआ था. अचानक सुधा का शरीर भी अकड़ने लगा और उसकी चूत का पानी निकल गया
जो प्रमोद की ऊँगलियों को भिगो रहा था. इसके बाद प्रमोद ने अपना लंड मेरी
चूत से बाहर निकाला जो मुरझाकर लटक गया था और फिर उसने मेरी दोनो टाँगें
नीचे करके मेरे बगल में लेट गया. सुधा उसके मुरझाए लंड पर टूट पड़ी और
उसे मूँह में लेकर चाटना शुरू कर दिया. मैं आश्चर्या से ये सब देख रही
थी.
अभी तक मैं और प्रमोद नंगे ही पड़े थे. प्रमोद ने सुधा को अपने लंड पर से
हटाते हुए उसकी चूचियाँ पकड़ ली और कहने लगा जान लगता है तुझे भी आज
चोदना पड़ेगा. चल आ जा हो जा नगी. इतना सुनते ही सुधा अपने कपड़े उतारने
लगी. कुच्छ ही देर में वो अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगी हू चुकी थी. हम
लोगों की निगाह जैसे ही उसकी चूत पर पड़ी तो हम दोनो चौंक गये. उसकी चूत
झांतों के घने जंगल से घिरी हुई थी. बड़ी बड़ी काली झांतों ने उसके छेद
को पूरा ढँक रखा था. प्रमोद ये देखते ही कहने लगा, क्या सुधा तेरा
हज़्बेंड इस जंगल में गुफा का दरवाजा कैसे ढूंढता है. सुधा ने हंसते हुए
चूत की दोनो फाँकें अलग करते हुए कहा ऐसे.
सुधा के इस आक्षन पर प्रमोद पागल सा हो गया और उसको खींच कर मेरी बगल में
पटक कर लिटा दिया. अब तक प्रमोद का लॉडा फिर से तन कर लोहे जैसा सख्त हो
गया था. उसने सुधा की दोनो टाँगें उठाकर उसके कंधे से लगा दीं जिससे सुधा
की चूत उभर कर बिल्कुल प्राओद की आँखों के सामने आ गयी. मैं सुधा के बाजू
में लेटी ये सब देख रही थी. अंजाने में मेरा हाथ भी फिर से चूत पर पहुँच
गया था और मैं अपनी ही चूत से खेल रही थी. तभी प्रमोद ने सुधा की खूली
चूत देखकर अपना मूँह उस पर लगा लिया और जीभ घुसेड कर सुधा की चूत चूसने
लगा. प्रमोद की जीभ टच होते ही सुधा भड़क गई और चिल्लाने लगी, बेहन्चोद
जीभ से चोदेगा क्या. खड़ा लंड अपनी बेहन की चूत के लिए बचा कर रखा है
क्या. चोद साले. मेरी चूत में आग लगी है और तुझे चूसने का शौक चढ़ा है.
इतना सुनते ही प्रमोद ने अपना मूँह हटाया और गाली देते हुए कहने लगा रुक
जा रंडी अभी चूत की मरम्मत करता हूँ. आज तेरी चूत को फाड़ नही दिया तो
कहना. और इसके साथ ही एक ही झटके में अपना पूरा लंड सुधा की चूत में पेल
दिया.. सुधा इस दमदार धक्के से चीख उठी और चिल्लाई अब हरामी बाप का माल
समझा है क्या. प्रमोद ने उसके चूचे मसल्ते हुए कहा बाप का नाम मत लेना,
वो चोदेन्गे तो चलने फिरने लायक नही रह जाएगी रांड़. और फिर प्रमोद उसकी
चूत में ज़ोर ज़ोर के धक्के मारने लगा. साथ ही वो बेदर्दी से सुधा की
घुंडीयों को मसल रहा था और खींच खींच कर बड़ा कर रहा था. सुधा सिसकारियाँ
भर रही थी उहह……उम्म्म्मममममम…..अया. अब सुधा भी चिल्ला रही थी घुसेड दो
पूरा…पूरा लंड घुसेड मेरी चूत में. चोद डाल. और तेज.और तेज. और ज़ोर से
चोद साली को…..लाल कर दे…. प्रमोद मुस्कुराते हुए बोला संभाल अपनी चूत
को. रात को ख़सम से नही चुदवाना है क्या. सुधा ने भी उसी लहजे मैं जवाब
दिया राजा हज़्बेंड से जितना चुदवाना था चुदवा लिया. अब तो तुम्हारा लंड
ही लूँगी.
इसके साथ ही दोनो में धक्के मारने की रेस लग गयी. कुच्छ ही देर में सुधा
चिल्लाई आआआअहह…ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लो.मैं गाइिईईईईई. साथ ही साथ प्रमोद ने भी
दो-चार जोरदार धक्के लगाए और सुधा की पूरी चूत अपने पानी से भर दी. इसके
बाद दोनो अलग हो गये और हम तीनों बिस्तर पर लेते सुस्ताते रहे. प्रमोद हम
दोनों के बीच लेटे लेटे बीच बीच में कहीं हमारी चूचियों से और कहीं चूतो
से खेलता रहा. करीब आधे घंटे आराम करने के बाद हम लोग उठे और कपड़े पहन
कर फ्रेश हुए.
इसके बाद लगभग हर रोज़ प्रमोद मुझे चोद्ता रहा. सुधा ज़रूर रोज नही
चुदवाती थी. एक बार जब मैने मज़ाक में पुचछा की यार मुझे रोज चुदते देखकर
भी तुम्हारा मन चुदवाने का क्यों नही होता, तो उसने हंसते हंसते बताया;
रानी मेरी बात और है. मुझे रोज रात को अपने हज़्बेंड से चुदवाना ही पड़ता
है और वो भी रात भर में रोज कम से कम दो बार तो मुझे रगड़ता ही है, इसके
अलावा मेरा यार (कुंदन) भी नही मानता है. वो भी मुझे रोज दिन में चोद्ता
है. अब अगर प्रमोद से भी रोज चुदवंगी तो मेरी चूत तो फॅट जाएगी. सुधा के
यार कुंदन के बारे मे अगली बार बताउन्गि. हां लेकिन प्रमोद ज़रूर मुझे
लगभग हर रोज सुधा के बेडरूम में चोद्ता रहा और यह सिलसिला मेरी शादी तक
जारी रहा.
पूरी कहानी जानने के लिए इस कहानी का अगला भाग सुधा ज़रूर पढ़े आपका
दोस्त राज शर्मा
Padosi se chudwaya
Hello friends. Main kiran from Bhopal. Meri age 25 years hai. Log
kehte hain main bahut khoobsurat hoon. Mera size 34-28-30 hai. Rang
gora aur aankhein badi badi hain. Humare padose main kuchh dino pehle
hi ek nayi family rahne aayi thi. Unka ek ladka hai jiska naam Pramod
hai. Uski age bhi aagbhag 27 saal hai. Peshe se wo advocate hai. Abhi
tak kunwara hai. Pramod bahut handsome aur smart ladka hai, Jis par
mohalle ki har ladki fida hai. .Main bhi use bahut pasand karti thi.
Yahan main bata doon ki abhi tak mera koi boyfriend nahi tha aur main
abhi tak virgin thi.
Dheere dheere meri aur Pramod ki dosti ho gayi. Hum log aksar chhat
par baithkar dher sari baatein kiya karte the. Hum logon ko yeh bhi
mehsoos hone laga ki hum ek doosre se pyar karne lage hain. Lekin roj
aapas mein milna bhi sambhav nahi ho pata tha. Mere gharwale bhi
aitraaz kiya karte the. Hum dono hi akele milne ka kafi jugad kiya
karte, par safalta nahi milti thi.
Humare padose mein ek family aur thi. Wo log miyan biwi hi the. Biwi
ka naam Sudha tha, jisse meri achchhi dosti ho gayi thi. Ek din maine
use apne pyaar ke bare mein bataya aur ye bhi bataya ki Pramod se
akele milne ki bahut ichchha hoti hai lekin sambhav nahi ho pata.
Sudha ne mazak karte huye puchha kya baat ha rani , lagta hai bahut
chudasi ho rahi ho. Chudwane ka programme hai kya. Maine banawati
gussa dikhate huye kaha, bekar ki baatein mat karo, main to Pramod ko
pyar karti hoon aur usse akele milna chahti hoon. Sudha ne phir mujhe
puchkarte huye kaha, yaar bura mat mano, tum usko yahan bula lo,
hamare ghar par mil liya karo, kisi ko shak bhi nahi hoga. Lekin,
Khurshid darling, meri ek baat yaad rakhna, ye pyar vyar kuchh nahi
hota, ye sab choot aur lund ka chakkar hai. Tum usse mere ghar par
milna jaroor lekin bahut jaldi apni choot mat de dena. Main man hi man
bahut khush hui, aur usko ashwast kiya, chinta mat karo. Hum logon ko
kewal milkar pyar bhari baatein karma hai. Apni choot ka udghatan
karwane ke paehle tumse jaroor bataungi.
Agle din mauka milte hi maine Pramod ko milne ki jagah bata di. Iske
baad hum log aksar Sudha ke ghar par milne lage. Jab bhi hum dono
Sudha ke ghar par hote, to uske bed room mein ghanton baith kar pyar
mohabbat ki baatein kiya karte aur Sudha drawing room mein baithkar TV
dekha karti. Dheere dheere hum dono aapas mein bahut khul gaye the.
Ek din dopahar ko hum dono Sudha ke bed room mein ek doosre se chipke
baithe batein kar rahe the, tabhi Pramod apne ek haath se meri
choochiyon ko sahlane laga. Uske haath rakhte hi mere sharir mein
sihran si daud gayi. Poore sharer ke rom-rom khade ho gaye, lekin
achchha bhi lag raha tha. Dheere dheere uska haath meri T-shirt ke
andar pahunchne ki koshish kar raha tha. Mujhe bahut sharam aa rahi
thi. Maine uska haath pakad liya aur rokne ki koshish ki, lekin wo
kahan manane wala tha.Kuchh der ke baad mera virodh bhi kafi kam ho
gaya aur usne ek haath meri gale ki taraf se andar daal diya. Choonki
main andar brassiere pehne thi is karan usko apna haath ssedhe
brassiere ke andar ghusedne mein kafi dikkat ho trahi thi. Kuchh detr
tak wo brassiere ke ooper se hi meri choochiyan dabata raha. Meri
ssansein bhi bahut tez chal rahi thin.
Kuchh der ke baad usne apna haath nikalkar meri peeth ke taraf se
andar dal diya aur mujhe sahlata raha. Is beech wo lagatar mujhe kiss
kar raha tha. Mere lips uske lips se phanse huye the. Peth sahlate
sahlalate usne dheere se meri bra ka hook khol diya jisse mere dono
kabootar bra ki giraft se azad ho chuke the. Turant usne apna haath
nikal kar phir se samne dal diya. Main apne niyantran mein nahi thi.
Pramod ab meri shirt ke andar bra ko hatakar dono choochiyon ko khoob
masal raha tha. Beech beech mein meri nipples apni do oongliyon ke
beech mein lekar daba deta tha jisse meri cheekh nikalte nikalte rah
jati thi. Dar bhi lag raha tha ki doosre kamre mein kahin Sudha meri
aahein na sun le. Doosri taraf meri tangon ke beech bhi halchal badh
rahi thi. Meri panty geeli hokar chipak rahi thi. Man kar raha tha ki
andar haath dalkar apni choot ko bheench daloon.
Tabhi kamre mein halchal sunkar Sudha andar aa gayi. Use dekhkar hum
dono ghabra gaye. Wo bhi andar ka scene dekhkar chaunk gayi aur kehne
lagi sorry yaar darwaza to band kar lete. Tab tak Pramod sambhal
chukka tha. Usne meri T shirt se jhatke se haath bahar kheench liya
jisse bra uske haath mein phansi phansi gale ke baahar tak nikal gayi.
Phir wo sharmate huye bola, sorry bhabhi. Lekin ye kaise pooch rahi
aap ki kya ho raha hai. Arre aap ke saath bhi to roz hota hoga. Koi
nayi baat thode hi hai. Main sharam ke mare uth kar jaane lagi to
bhabhi ne tonk diya khurshid ye kaunsi style mein bra pehni hai. Aur
wo muskurate huye bahar chali gayin. Maine Pramod ko gusse se dekha to
wo hanste huye bahar nikal gaya.Pramod ke jaane ke baad mein apne
kapde adjust karne ke baad chupchap Sudha ke paas aakar baith gayi.
Sudha ne mujhe chhedte huye puchha kya baat hai rani aaj bahut garam
lag rahi ho. Chudwane ka mood tha kya. Maine sharmate huye kaha dhat.
Wo to Pramod ne jabardasti meri shirt mein haath dal diya tha aur meri
choochiyan masal raha tha. Isi karan main garam ho gayi thi. Sudha ne
poocha to ab kya haal hai teri choot ka. Maine kaha kya bataun, bahut
khujli machi hai aur meri poori panty geeli ho gayi hai. Tab Sudhan ne
kaha iska matlab hai tum choochi dabwa kar ek baar jhad chuki ho aur
chudne ko bilkiul taiyaar ho. Chinta mat karo kal wo tumhari chudayi
jaroor kar dega. Maine kaha, haan lagta to hai. Main kya karoon. Usne
kaha chudwa lo rani jawani ke maje jam kar lo. Haan lekin yadi kal
chudwana ho to mujhe pehle bata dena taki main tumhara chudayi ke baad
turant ek tablet de doongi jisko khakar tumhe pragnency ka khatra nahi
rahega.
Agle din Pramod aur main phir se Sudha ke bedroom mein dopahar ko
pahoonch gaye. Sudha bahar baithi thi, usne kaha ki aaj koi gadbad
nahi hona chahiye. Halanki Pramod ne kaha nahi Bhabhi aaj waisa kuchh
nahi hoga, lekin wo kahan maanne wala tha. Kuchh der chooma chati ke
baad usne phir peeche se haath dalakr bra ka hook khol diya aur bra ko
choochiyon ke ooper se khiskakar mere dono mumme shirt ke ooper se hi
choosna shuru kar diya. Kahin dabata aur kahin poori choochi moonh
mein bhar leta. Ab tak uska lund bhi khada ho gaya tha aur meri
taangon ke beech chubh raha tha. Phir usne mera ek haath pakad kar
apne lund par rakh diya. Uske lund par haath pahunchte hi main kaf
utejit ho gayi aur pant ke ooper se hi uske ubhar par haaath phirane
lagi.
Oodhar meri choochiyon ko choos choos kar wo geela kar chukka tha.
Meri puri shirt bheeg chuki thi aur shirt ke fabric se nipples aur
poora aerola bahar se jhalak raha tha. Uska doosra haath meri gaand ko
thame tha. Usne haath aage badhakar meri jeans ki zipper kholna shuru
kar diya. Main poori tarah se garam ho chuki thi. Mujhe maloom tha ki
aaj meri choot ki khair nahi. Phir oosne achanak apne dono hathon se
pakad kar meri shirt nikal di. Bra khuli hone ke karan shirt utarte hi
meri dono chuchiyan uski ankhon ke samne theen. Phir usne phataphat
apne poore kapde utare. Underwear utarte hi uska 6" ka khada lund meri
aankhon ke samne phuphkar raha tha. Pramod ne mera haath pakadkar
dheere se apne lund par rakh diya. Ab main uske nange lund par pyar se
haath phira rahi thi. Uska gulabi supada poora phool chuka tha. Pre
cum ke karan wo chipchipa raha tha. Oodhar Pramod ab meri pant utar
raha tha. Usne meri pant utar kar phenk di. Tabhi mujhe dhyan aaya ki
darwaja khula hai aur doosre kamre mein Sudha baithi huyi hai. Maine
Pramod ko darwaja band karne ka ishara kiya, lekin wo to meri panty ke
ooper se meri choot sahlane mein laga tha. Mere ishare par usne koi
dhyan nahi diya aur panty ek taraf khiskkar meri choot ke inspection
mein laga raha. Phir usne meri panty utarni chahi aur maine dheere se
apni gaand ooper utha di, aur main bhi ab puri nangi thi. Maine apne
aap ko usse chudaya aur darwaja band karne ke liye oothi. Darwaja tika
kar main phir bed par aa gayi.
Pramod ne mujhe bed par chit lita diya aur meri choot sahlane laga.
Achanak usne ek anguli meri darar mein ghused dee. Meri choot ab tak
pani fenkna shuru kar chuki thi. Achank ungali ke hamle se main
chihunk gayi. Pramod kuchh der tak isi tarah mere choot ka oongal
chodan karta raha. Phir usne mujhe seedha kia aue meri dono tangein
uthakar apne kandhe par rakh kar apna lauda meri choot ke chhed par
tika diya. Main uttejna se kaanp rahi thi. Wo apna lund mere choot ke
muhane par badi der tak ghista raha. Main pagal hui ja rahi thi. Man
kar raha tha ki kitni jaldi uska lund meri choot mein ghus jaye. Lekin
Pramod mujhe apna lund ghis ghis kar aur tadpha raha tha. Phis usne
achanak ek jor ka dhakka lagaya aur uska lund aadhe se jyada meri
darar ko cheerta hua andar pahunch gaya tha aur iske saath hi mujhe
aisa laga ki meri choot mein kisi ne bahut si mirchiyan thoons di ho.
Bahut tej dard uth raha tha meri choot mein aur kuchh gadha gadha sa
meri choot se nikal raha tha. Maine neeche jhuk kar dekha to blood
nikalta dikha. Meri choot ki jhilli phat chuki thi. Dard ke karan main
bahut zoron se cheekh padi. Meri awaj bahar baithi Sudha ko bhi sunayi
di aur wo badi teji se andar aa gayi. Tabhi Pramod ne doosra dhakka
lagaya aur uska lund meri choot ko phadta hua ¾ choot ke andar tha.
Main chilla rahi thi, please mat karo…… nikal lo………mujhe nahi chudwana
hai…main mar jaoongi. Lekin wo ab kahan rukne wala tha.
Sudha ne adnar ka scene dekha to chaunk kar khadi rah gayi aur tej
awaaz mein puchha Pramod ye kya kar rahe ho. Tum log bade besharm ho
din dahade chudayi shuru kar di. Pramod ne use dekha aur besharmi se
hanste hua jawab diya kyon bhabhi tumne kabhi din mein nahi chudwaya
kya. Sudha uski baat sunkar sharma gayi aur pyar se dentate huye kaha,
nalayak main to shadi dhuda hoon. Meri baat aur hai.
Main dard ke mare tadaph rahi thi. Maine chillate huye kaha tum log
baatein karma bund karo, main mari ja rahi hoo. Sudha, please isase
kaho apna lund nikale meri choot se, mujhe ab nahi chudwana hai. Sudha
mere pass aate huye boli, sabra karo rani. Ab chinta ki koi baat nahi
hai, tumhari seal toot chuki hai. Bas do minute ruko, maja aane
lagega. Sudha dheere dheere mere mathe par apna hath pher rahi thi.
Usne Pramod se kaha ki ab kyon ruk gaya, laga na jor ka dhakka aur
ghused de pura lund. Itna sunte hi Pramod ne phir se apne dono haath
meri choochiyon par rakhkar ek aur dhakka mara. Iske saath hi uska
poora lund meri choot ke andar tha. Mere munha se ek baar phir cheekh
nikal padi. Ab Pramod kuch der tak lund dale meri choochiyon ko
masalte aue mere lips ko chooste huye shant pada raha. Sudha mere pass
baithi apne ek haath se meri bayin choochi sahlate huye meri nipple se
khel rahi thi. Kuchh der tak isi tarah pade rahne ke baad maine neeche
se apni kamar hilana shuru kar diya. Pramod samajh gaya ki mera dard
kam ho gaya hai. Ab wo phir se josh mein aa gaya aur usne apna lund ek
baar poora bahar nikal kar phir se meri choot mein pel diya. Main ek
baar phir se cheekh padi. Lekin ab Pramod rukne ka name nahi le raha
tha. Ab wo meri choochiyon ko masalte huye jordar dhakke laga raha
tha. Main bhi neeche se gaand uchka uchka kar uska saath de rahi thi.
Kamre mein hum dono ki tej saansein goonj rahi thi.
Ohhh……..aaaaaaaahhhhhhhh………..uuufffffffff….shhh… aaaaaaahhhhhhh. Jaise
hi uska lund andar ghus kar meri choot ko thokar maarta to main aur
uttejit ho jaati. Kamre mein sexy aawazen
phhhhhhhh..phhhhhh.pach.pach. pacha phach..phach.phach shor macha rahi
thi. Udhar sudha bhi ye sab dekhkar aawesh mein aa gayi thi. Lagta tha
uski choot bhi paniya gait hi. Usne apna ek haath saree ke andar
ghused liya tha. Main samajh gayi ki wo apni choot mein ungali daal
kar maje le rahi hai. Pramod ye dekhte hi aur josh mein aa gaya aur
tez dhakke marte huye kahne lag gaya ki kya bhabhi chudas lagi hai
kya. Kya kar rahi saree ke andar haath dalkar.
Sudha itna sunte hi sharma gayi lekin usne apna haath bahar nahi
nikala. Achanak Pramod ne Sudha ki saree ooper utha di. Andar sudha ki
do ungaliyan chut ke andar theen aur puri teji se apni ungaliyan chala
rahi thi. Pramod ne Sudha ka haath uski choot par se hata diya aur
uski jagah apni do ungaliyan uski choot mein ghused deen. Idhar wo
lagatar meri choot ka bhurta banaye jar aha tha. Achanak main
chillayi, aaaaaaahhhhhh……..main gayiiiiiii. Pramod Sudha ki choot ka
oongal chodan karte huye aur tej dhakke marte huye chillaya
haaaaaa….le rani……..le…main bhi aaaaayyyyya. Aur iske saath hi uske
lund ne pichkari chhod di. Uske lund ka poora fluid meri choot ko
bharta jar aha tha. Dher sara fluid meri choot se bahkar meri janghon
ko aur bistar ko geela kar raha tha. Kuchh der hum dono aise hi chipke
pade rahe lekin Pramod ka ek haath ab bhi Sudha ki choot mein uljha
hua tha. Achanak Sudha ka sharer bhi akadne laga aur uski choot ka
pani nikal gaya jo Pramod ki oongaliyon ko bhigo raha tha. Iske baad
Pramod ne apna lund meri choot se bahar nikala jo murjhakar latak gaya
tha aur phir usne meri dono tangein neeche karke mere bagal mein let
gaya. Sudha uske murjhaye lund par toot padi aur use moonh mein lekar
chatna shuru kar diya. Main ashcharya se ye sab dekh rahi thi.
Abhi tak main aur Pramod nange h pade the. Pramod ne Sudha ko apne
lund par se hatate huye uski choochiyan pakad lee aur kehne laga jaan
lagta hai tujhe bhi aaj chodna padega. Chal aa ja ho ja nagi. Itna
sunte hi Sudha apne kapde utarne lagi. Kuchh hi der mein wo apne poore
kapde utar kar nangi hoo chuki thi. Hum logon ki nigah jaise hi uski
choot par padi to hum dono chaunk gaye. Uski choot jhanton ke ghane
jungle se ghiri hui thi. Badi badi kali jhanton ne uske chhed ko poora
dhank rakha tha. Pramod ye dekhte hi kehne laga, kya Sudha tera
husband is jungle mein gufa ka darwaja kaise dhoondhta hai. Sudha ne
hanste hue choot ki dono phankein alag karte huye kaha aise.
Sudha ke is action par Pramod pagal sa ho gaya aur usko kheench kar
meri bagal mein patak kar lita diya. Ab tak Pramod ka lauda phir se
tan kar lohe jaisa sakhta ho gaya tha. Usne Sudha ki dono tangein
uthakar uske kandhe se laga deen jisse Sudha ki CHoot ubhar kar bilkul
Praod ki aankhon ke saamne aa gayi. Main Sudha ke baju mein leti ye
sab dekh rahi thi. Anjane mein mera haath bhi phir sae choot par
pahunch gaya tha aur main apni hi choot se khel rahi thi. Tabhi Pramod
ne Sudha ki khooli choot dekhkar apna moonh us par laga liya aur jeebh
ghused kar Sudha ki choot choosne laga. Pramod ki jeebh touch hote hi
Sudha bhadak gai aur chillane lagi, behanchod jeebh se chodega kya.
Khada lund apni behan ki choot ke liye bacha kar rakha hai kya. Chod
sale. Meri choot mein aag lagi hai aur tujhe choosne ka shauk chadha
hai.
Itna sunte hi Pramod ne apna moonh hataya aur gali dete huye kehne
laga ruk ja randi abhi choot ki marammat kart a hoon. Aaj teri choot
ko phad nahi diya to kehna. Aur iske saath hi ek hi jhatke mein apna
poora lund Sudha ki choot mein pel diya.. Sudha is damdar dhakke se
cheekh uthi aur chillai ab harami baap ka maal samjha hai kya. Pramod
ne uske chooche masalte huye kaha baap ka naam mat lena, wo chodenge
to chalne phirne layak nahi rah jayegi raand. Aur phir Pramod uski
choot mein jor jor ke dhakke marne laga. Sath hi wo bedardi se Sudha
ki ghundiyon ko masal raha tha aur kheench kheench kar bada kar raha
tha. Sudha siskariyan bhar rahi thi uhhhhhhh……ummmmmmmmm…..aaah. Ab
Sudha bhi chilla rahi thi ghused do pura…pura lund ghused meri choot
mein. Chod dal. Aur tej.aur tej. Aur jor se chod Sali ko…..lal kar
de…. Pramod muskurate huye bola sambhal apni choot ko. Raat ko khasam
se nahi chudwana hai kya. Sudha neb hi usi lehje main jawab diya raja
husband se jitna chudwana tha chudwa liya. Ab to tumhara lund hi
llongi.
Iske saath hi dono mein dhakke marne ki race lag gayi. Kuchh hi der
mein Sudha chillayi aaaaaaahhhhhhhh…llllllllo.main gayiiiiiiii. Saath
hi saaath Pramod ne bhi do-char jordar dhakke lagaye aur Sudha ki
poori choot apne paani se bhar dee. Iske baad dono alag ho gaye aur
hum teenon bistar par lete sustate rahe. Pramod hum donon ke beech
lete lete beech beech mein kahin hamari choochiyon se aur kahin
chooton se khelta raha. Kareeb aadhe ghante aaram karne ke baad hum
log uthe aur kapde pahan kar fresh huye.
Iske baad lagbhag har roz Pramod mujhe chodta raha. Sudha zaroor roj
nahi chudwati thi. Ek baar jab maine majak mein puchha ki yaar mujhe
roj chdate dekhkar bhi tumhara man chudwane ka kyon nahi hota, to usne
hanste hanse bataya; rani meri baat aur hai. Mujhe roj raat ko apne
husband se chudwana hi padta hai aur wo bhi raat bhar mein roj kam se
kam do baar to mujhe ragdta hi hai, iske alawa mera yaar (Kundan) bhi
nahi manta hai. Wo bhi mujhe roj din mein chodta hai. Ab agar Pramod
se bhi roj chdwaoongi to meri choot to phat jayegi. Sudha ke yaar
Kundan ke bare meinagi baar bataungi. Haan lekin Pramod jaroor mujhe
lagbhag har roj Sudha ke bedroom mein chodta rah aur yeh silsila meri
shadi tak jari raha.
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