ससुरजी ने गंद फाड़ डाली
हाई आइ एम आशिका पटेल फ्रॉम गुजरात.मैं एक शादी सुदा औरत हूँ..मैं वैसे
हिन्दी सेक्शी कहानियो की रेग्युलर व्यूवर नही हूँ..बस अभी 2 दिन पहले ही
किसी के कहने पर मैने साइट देखो ओर मैने स्टोरी पढ़ी..तो मुझे लगा क्यों
ना मैं अपने बारे मे कुछ लिखू..मेरी फर्स्ट स्टोरी है तो हो सकता है शायद
आप बोर हो या आपको पसंद ना आए..मैं आशिका शादी सुदा हूँ 37 यियर्ज़ की एज
है आंड मेरे पति के साथ मैं सूरत मे रहती हूँ.हमारे फॅमिली मे मेरा 4 साल
का बच्चा आंड मेरे ससुरजी और हम दोनो है..आज से करीब 10 साल पहले मैं
शादी करके आई मेरे हब्बी के घर पर..मैं बहुत खुस थी..मेरे पति मुझे बहोत
खुस रखते थे..सास ससुर भी मेरा काफ़ी ख़याल रखते थे मुझे अपनी बेटी की
तरह रखते थे..लेकिन बात तब बिगड़ी जब मेरी सास का देहांत हो गया 2 साल
पहले.तबसे मेरे ससुरजी की नज़र मुझ पर बिगड़ी है..वो रिटर्मेंट लाइफ जी
रहे है इसलिए पूरा दिन घरपर ही रहते है..और बार बार मुझे वासना की नज़र
से देखते रहते है..कई बार अगाशी पर सुखाने रखे कपड़ो मे से वो मेरी ब्रा
और पॅंटी से खेलते है वो मेने चोरी छुपे देखा है..मेने कई बार सोचा कि
अपने पति को सब बता दू कि ससुर क्या कर रहे है..पर मेरा मन नही माना कि
क्यों बाप बेटो मे झगड़ा करवाना...कुछ दिन वैसे ही निकल गये..और दिन
निकलने के साथ साथ मेरे ससुर की हिम्मत भी बढ़ने लगी..वो मेरे पास चाइ
बनाने को कहते और जब मैं चाइ बनाती होती किचिन मे तो वो आजाते मुझे हेल्प
करने के बहाने..मुझे कोई ना कोई बहाना बना कर छू ने लगे..एक दिन की बात
है मेरे हब्बी सुभह जॉब पर चले गये आंड मेरे लड़के को भी स्कूल पर उतारने
को लेके गये..सुबह के 7 बजे थे मैं बाथ के लिए जा ही रही थी मैं ने मेरी
ब्रा और पॅंटी ,,टवल बाथरूम मे टाँग दिए थे और अंदर जा कर अपने एक एक
करके कपड़े उतारने लगी और पूरी नंगी हो कर जस्ट बाथ लेने ही वाली थी तब
मेरे ससुर ने ज़ोर से आवाज़ लगाई अशीईईईईई. .....घर मे मुझे प्यार से सब
आशिका की बजाय आशि कहते है..आषीईईईईईईईई जल्दी आओ..उनकी ज़ोर की आवाज़ से
मैं डर गयी..और डर के मारे हड़बड़ाती हुई सोचेते हुवे के कुछ असुभ ना
हुवा हो तो अच्छा है..मेने फटाफट अंदर रखी हुई मेरी नाइटी पहनी और बाहर
आई सिर्फ़ नाइटी पहने..नही मेने अंदर ब्रा पहनी थी या पॅंटी पूरे बदन पर
सिर्फ़ एक नाइटी थी वो भी काफ़ी पतली थी कि उसके आरपार आसानी से देखा जा
सकता था..
मैने बाहर निकल कर देखा तो वो कही दिखाई नही दिए तो मैने बाहर जाके देखा
तो वो गार्डेन मे गिरे पड़े थे..मैं दौड़ती गयी उनके पास और उनको उठाने
की कोसिस करने लगी तभी मैने महसूस किया कि वो मेरे नाइटी से दिखाई देने
वाले मेरे बूब्स के निपल को देख रहे है ..मैं शर्मा गयी और जैसे बना वैसे
उन्हे जल्दी से उठाया..उठते समय उन्होने अपना एक हाथ मेरी गंद पर रख दिया
और उन्हे महसूस हो गया कि मैने अंदर पॅंटी भी नही पहनी है...मैं ने पूछा
बाबूजी क्या हुवा कैसे गिर गये वो बोले बहू पैर फिसल गया..और गिर
गया..माफ़ करना बहू मुझे तुम्हे इस हालत मे बुलाना पड़ा..मैने कहा पिताजी
कोई बात नही..आप आराम कीजिए..मैं बाथ लेके आती हूँ..वो बोले बहू मैं
कीचड़ मे हो गया हूँ तुम बाद मे नहा लेना मुझे पहले स्नान करलेने
दो..उनकी बात सुनकार पहले तो मैं सोच मे पड़ गयी पर मुझे लगा वो मेरे
पिताजी जैसे ही है मैने कहा ठीक है पिताजी आप स्नान कर लो...उनके बाथरूम
मे घुसने के बाद थोड़ी देर मे वो बाहर निकल गये..और उनके निकलने के बाद
मैं नाइटी मे अपने गुप्तँग जो छुप नही रहे थे वो छुपाने की कोसिस करते
हुवे अंदर चली गयी बाथ करने के लिए..और मैं मेरी धुन मे और सोच मे ही बाथ
करती रही..जब स्नान ख़तम कर कर मैं ने टवल लेने के लिए हाथ बढ़ाया तो
मुझे जोरो का झटका लगा वाहा मेरा रखा हुवा टवल नही था..तभी मेरे मन मे शक
हुवा कि यह ससुरजी की कोई नयी चाल है फिर मैं ने सोचा कि नही वो जल्दी मे
स्नान करने आए थे तो ग़लती से मेरा टवल लेगाए होगे..मैने जैसे तेसे कर के
अपने आपको पोछा और अपनी पॅंटी हाथ मे ले कर पहनने जा रही थी कि मुझे कुछ
गीला सा लगा मैं ने वापस पॅंटी उतार कर देखा तो अंदर पॅंटी के भाग पर चिप
चिपा था कुछ मैं समझ गयी कि मेरे ससुर ने मेरी पॅंटी पर मूठ मारकर अपना
वीर्य निकाला है और वो मेरी चूत पर भी थोड़ा थोड़ा लग गया था मुझे बहुत
गुस्सा आया..आंड मैने पॅंटी निकाल कर कचरे के डिब्बे मे फेकदी..मैने ब्रा
देखा तो उन्होने उसमे भी अपने वीर्य का पानी छ्चोड़ा हुवा था..मुझे इतना
गुस्सा आ रहा था कि मन कर रहा था उनका खून कार डालु..मैं ने गुस्से मे
आकर अपनी ब्रा भी कचरे के डिब्बे मे फेक दी..और वापस उनके वीर्य वाली चूत
को मैने सॉफ किया आंड दूसरी बार भी बाथ लिया..अब मैं सोच रही थी बाहर जाउ
तो केसे जाउ क्यों की नही अब मेरे पास टवल था या नही ब्रा पॅंटी..मूज़े
गुस्सा आ रहा था और अब पछतावा भी हो रहा था कि मैने क्यों जल्दबाज़ी मैने
ब्रा और पॅंटी निकाल कर फेक दी कचरे मे..तभी मुझे ना चाहते हुवे भी ससूजी
को आवाज़ लगा नी पड़ी..मैं ने कहा "पिताजी आप मेरा टवल ग़लती से लेके गये
है ज़रा मुझे दे दीजिए" उन्होने जवाब दिया"ओह्ह बहू माफ़ करना जल्दबाज़ी
मे अपना टवल लेजाना भूल गया था तो तुम्हारा लेलिया""ठहरो मैं तुम्हे
दूसरा टवल दे रहा हूँ"मुझे उनपर इतना गुस्सा आ रहा था पर मैं भला कर भी
क्या सकती थी..उन्होने मुझे आवाज़ लगा कर कहा ये लो बहू..मैं ने बाथरूम
का दरवाज़ा थोड़ा खोलकर हाथ बाहर निकाला और उन्होने मेरे हाथ को टच करते
हुवे मुझे टवल दे दिया...मैं ने टवल देखा तो मुझे और भी ज़्यादा गुस्सा
आया क्यों कि उन्होने जो टवल दिया था वो एकदम छ्होटी साइज़ का था और उस
पर 2 जगह से छोटे छोटे होल भी थे..मैं समझ गयी की आज यह बूढ़ा मुझे
छ्चोड़ने वाला नही है..मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी..मैने वो टवल से अपना
शरीर पोछा अओर अपने बूब्स से टवल को लपेटा तो देखा कि टवल छ्होटा होने की
बजाह से वो मेरी चूत को ठीक तरह से नही ढक पा रहा था..तो मैने ना चाहते
हुवे टवल को थोड़ा उप्पर से नीचे किया जिसकी बजाह से अब टवल मेरी निपल से
नीचे था यानी की मेरे हाफ बूब्स दिख रहे थे..और वो 2 छोटे छोटे होल वो
मेरी गंद की साइड पर थे जिससे मेरी गंद का गोरा रंग दिख रहा था...मैं
जल्दी से बाहर आई और अपने कमरे मे चली गयी और अंदर से दरवाज़ा बंद कर
लिया..बाथरूम से निकलने और रूम मे जाने के टाइम मेरे ससुर ने साले बुढहे
ने मेरे जिस्म के भरपूर दर्शन कर लिए थे और मेरा ध्यान उसके पयज़ामे पर
गया था उसका लंड तन गया था जोकि उसके पयज़ामे से पता चलता था..
रात को जब मेरे पति घर आए तब मैने उन्हे बताने का काफ़ी सोचा पर कह नही
पाई और मुझे रोना आ गया..उन्होने पूछा भी क्या हुवा मैने कुछ नही
बताया..और सुबह हम जब उठे तो मेने देखा कि मेरे पति तैयार हो रहे थे मैं
ने पूछा कहा जा रहे हो तो वो बोले कि ऑफीस के काम से 3 दिन के लिए देल्ही
जा रहा हूँ..मेरे उप्पर जैसे आसमान गिरगया..मैं ने गुस्से से कहा अभी बता
रहे हो.तो उन्हो ने कहा डार्लिंग काल रात को तुम रोने लगी थी आंड मुझे
तुम्हे और परेशान नही करना तह इसलिए मैं ने नही बताया...मैं ज़िद करने
लगी की मुझे भी आना है मुझे साथ ले चलो..वो मेरे उप्पर गुस्सा हो गये और
बोले क्या बच्चो जेसे कर रही हो..और उन्होने मुझे सुबह सुबह एक बार अपनी
बाँहो मे लेलिया और मुझे नंगा करके किस करने लगे..पर मेरा नसीब ही फूटा
हुवा था..जैसे ही उन्होने मेरी पॅंटी निकाली तो तो वो बोले की अपनी चूत
तो सॉफ रखा करो तुम्हे पता है मुझे बालो वाली चूत चोदनी अछी नही
लगती..मैं ने कहा आज की बार कर लो मैं अगले टाइम से सॉफ रखूँगी..उन्होने
कहा नही..और उन्होने लंड मेरे मूह मे देदिया और और मेरे मूह को चोदने लगे
और और उनका सारा वीर्य मेरे मूह मे भर गया..फिर मैने फटाफट कपड़े पहन लिए
आंड उन्हे छ्चोड़ने के लिए बस स्टॉप चली गयी...अब मैं और ससुरजी घर मे
अकेले थे..मुझे उनसे डर लग रहा था..मैं आज वापस नहाने चली गयी..मैं ने
पहले से ही आज चेक किया था कि ब्रा पॅंटी टवल बराबर है या नही है...नहा
ने के बाद मैं ने खाना पकाया और दुपहर मे ने और ससुरजी ने खाना खाया साथ
मे..और मेने कहा पिताजी मैं सोने जा रही हूँ..तो उन्होने कहा ठीक
है..बहू..रात को ज़्यादा रोने की बजाह से मुझे नीद ठीक से नही आई थी रात
को तो दुपहर को कुछ ज़्यादा टाइम के लिए आँख लग गयी थी मेरी मेरा लड़का
स्कूल से आकर बाहर खेलने चला गया था...थोड़ी देर के बाद मे मेरे रूम के
दरवाज़े पार किसी के खिटकिता ने की आवाज़ आई..मैं उठी और मैं ने अपने
आपको देखा तो नीद मे मेरी सारी कमर तक आ गई थी..पॅंटी दिख रही थी..सारी
का पल्लू फिसल गया था..मैं ने जल्दी से कपड़े ठीक किए और अपना दरवाज़ा
खोला..तो देखा कि ससुरजी थे..मैं ने कहा आप..तो उन्होने मुझे चाई देते
हुवे कहा बहू तुम आज कुछ ज़्यादा ही सोई हुई थी तो मैं ने सोचा मैं ही
चाइ अपने आप बना लू तो मैं ने बना के पीली और यह तुम्हारे लिए है आंड
चितू को भी दूध पीला दिया है...मैं मन ही मन सोचने लगी कि क्या ये वही
ससुर है जो पिछले दिन अपने लंड का पानी मेरी पॅंटी पर डाल गये थे आंड आज
मेरे लिए चाइ बना के लाए..मैं ने सोचा आदमी कितना जल्दी रंग बदल लेता
है..मैं ने चाइ पीली और अपने काम मे लग गयी..पर अचानक तकरीबान 7 बजे चाइ
पीने के 1 घंटे बाद मुझे बेचेनी सी लगने लगी...पूरे बॉडी मे हल्का सा पेन
होने लगा सरीर टूटने लगा..और नींद सी आने लगी..मैं ने सोचा ससुर ने ज़रूर
चाइ मे कुछ मिलाया होगा..और मैं अपने आपेसे बाहर होने लगी..और किचन मे
गिर गयी..पिताजी आए और मेरे सामने देख कर हसणे लगे..मैं थोड़ी बेहोसी की
हालत मे थी मुझसे उठा भी नही जराहा था और मेरे हाथ पैर भी नही हिल रहे
थे..पर मैं कोसिस कर रही थी उठने के लिए..वो मुझे देख कर हँसने लगे और
बोले कुछ भी कर लो 10 घंटे तक तुम अपने आपको नही संभाल पओगि चाइ मे मेने
ड्रग मिला दिया था...मैं उन्हे देखती ही रही...बाद मे वो मुझे उठा कर रूम
मे ले गये आंड बिस्तेर पर पटक दिया..मैं सब समझ सकती थी लेकिन कोई हरकत
नही कर पा रही थी..सिर्फ़ महसूस कर पा रही थी..ससुरजी मेरे पास आकर मुझे
चूमने लगे..मेरे गले पर किस करने लगे..उन्होने मेरे लिप्स पर किस किया और
काटने लगे..मुझे घिन आ रही थी...उन्होने अब मेरी सारी उतार दी..अब मैं
सिर्फ़ उनके सामने पेटिकोट और ब्लाउस मे थी..मैं सारी नाभि के नीचे से
पहनती हूँ तो अब मेरी नाभि उनके सामने नंगी पड़ी थी उन्होने मुझे किस
करने लगे...मैं अपना मूह हिलाके और मूह से आवाज़ निकाल कर प्रतिक्रिया
करने लगी..पर मानो मेरे हाथ पैर पर लकवा मार गया हो वैसा हो गया था..धीरे
धीरे ससुरजी बोलने लगे आज तुझे जी भर के चोदुन्गा..2 साल से भूखा
हूँ..मैं ने कहा पिताजी यह क्या कर रहे हो यह ग़लत है..वो बोले कुछ ग़लत
नही है..मैं ने कहा मैं प्रशांत(मेरे हब्बी) को सब बतादूँगी..उन्हो ने
कहा मैं तुझे उस लायक रहने ही नही दूँगा...और कहते ही उन्होने मेरे
ब्लाउस के हुक खोलने सुरू कर दिए आंड पेटिकोट भी उतार दिया..
अब मैं सिर्फ़ ब्रा पॅंटी मे थी उनके सामने..उन्होने मेरी रोती हुई आँखे
थी पर ज़रा भी दया नही की और मेरे सरीर से मेरी ब्रा को और पॅंटी को
निकाल दिया...अब मैं बिल्कुल नेकेड उनके सामने पड़ी थी बिस्तर पर मुझे
रोना आ रहा था लेकिन उन्होने मुझ पर कोई दया नही दिखाई..मेरी झांतो वाली
चूत देखकार वो बोले" साली रंडी तुझे मेरे बेटे ने कितनी बार कहा है की
चूत पार से बाल सॉफ करके रख तू समझती नही है"चल ठीक है रांड़ आज तेरी चूत
की शेविंग मैं करता हूँ..इतना कहने के बाद वो मर्दो वाला रॅज़र और क्रीम
लेकर आए..आज तक कभी मैने रॅज़र यूज़ नही किया था मैं हमेशा हेर रिमूवर
यूज़ करती थी...मुझे रॅज़र देख कर डर लग ने लगा था..तभी वो मेरी चूत पर
क्रीम लगाने लगे..मेरी चूत पर क्रीम लगाते समय उन्होने काफ़ी बार उंगली
मेरी चूत मे डाल दी..ऐसा करते करते ना चाहते हुवे भी मैं गरम होने
लगी...और मेरी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया..वो हसणे लगे और कहा कमीनी नखरे
कर रही है..फिर उनको क्या सूझा उन्होने ने मेरी चूत पर लगा क्रीम निकल
दिया और कहा तुझे बिना क्रीम के शेव करता हूँ साली तूने मुझे बहोत तडपाया
है आज मैं तुझे तडपाउँगा..कह कर वो अकेला रॅज़र मेरी चूत पर घुमाने
लगे..मुझे छीलने का काफ़ी डर था..कि कही कट ना जाए और काफ़ी दर्द भी हो
रहा था...थोड़ी देर बाद उन्होने मेरी चूत से सब बॉल निकाल दिए...बाद मे
वो रूम से चले गये मुझे यूही नंगी छ्चोड़ कर चले गये..थोड़ी देर मे मेरा
लड़का चिंटू रूम मे आगेया...मुझे देख कर बोलने लगा"मम्मी मम्मी आपने
कपड़े क्यों नही पहने है"बताओ मम्मी आपने कपड़े क्यों नही पहने है.."मैं
इतनी ज़्यादा पहले कभी बेबस नही थी"मुझे अपने आप पर घिन आ रही थी के मैं
अपने 4 साल के बच्चे के सामने पूरी तरह नंगी पड़ी हुई थी...उतने मे
ससुरजी आए और चिंटू को ले जाकर सुला दिया बगल वाले कमरे मे...और जब वो
वापस आए तो देखा की वो सिर्फ़ अंडरवेर मे आए थे..65 साल की एज मे भी उनका
सरीर चुस्त था वो सिर्फ़ 45 5० साल के लग रहे थे...और मेरे सामने आक़ार
वापस हसणे लगे..और उन्होने एक केमरा निकाला और मेरी तस्वीर खिचने
लगे..मेरी चूत का क्लोज़ अप लिया मेरे बूब्स के फोटोस मेरी पूरी तस्वीर
खिचने लगे..बाद मे बोले अगर तूने किसी को कुछ बताया तो मैं तो जैल
जाउन्गा ही पर तेरी इज़्ज़त के छितरे उड़ाकर जाउन्गा..बाद मे वो आयिल
लेके आए और मेरे पूरे बदन पर मसल ने लगे..आयिल की बजाह से मैं काफ़ी
चिकनी हो गयी थी..मेरे बूब्स को बुरी तरह मसल ने लगे...ना चाहते हुवे भी
मैं एक औरत हूँ और मेरा सरीर गरम होने लगा मेरे निपल टाइट होने लगे..वो
समझ गये कि मैं गरम हो रही हूँ.उन्होने अपना लंड निकल कार मेरी चूत के
उप्पर घिसने लगे..बजाय चोद ने के वो सिर्फ़ मुझे ललचा रहे थे..अपनी उंगली
से मेरी चूत मे उंगली कर रहे थे...मेरा सरीर भी उनको साथ देने लगा
था...मेरे मुहसे आवाज़ निकल ने लगी..ह. उहह...और मेरी चूत ने वापस एक बार
पानी छ्चोड़ दिया...वो हसणे लगे और मैं शरम के मारे मरी जा रही थी...उनका
लंड अभी भी ठीक तरह से तना नही था..फिर भी उनके लंड की साइज़ 7"इंच जितनी
होगी...उन्होने मुझसे कहा ले मूह मे ले ले..मैने ना कहते हुवे अपना मूह
फेर लिया तो वो बोले" क्यों सुबह तो ज़ोर ज़ोर से मेरे बेटे का लंड मूह
मे ले रही थी अभी क्या हुवा..उन्होने ज़ोर से मेरा मूह खोलने के लिए
ट्राइ की पर मैं ने मूह नही खोला..तो उन्हो ने एक हाथ से ज़ोर से मेरा
नाक पकड़लिया और दबा दिया...मैं साँस नही ले पा रही थी घुटन होने लगी
इसके लिए मुझे मजबूरन मेरा मूह खोलना पड़ा..जैसे मेने हवा लेने के लिए
मूह खोला उन्होने अपना बड़ा लंड मेरे मूह मे पूरा घुसा दिया..उनका बड़ा
लंड मेरे गले मे लग रहा था और उप्पर से मेरा नाक भी बंद था तो मुझे घुटन
भी हो रही थी..लेकिन वो मुझे अनदेखा कर के मेरे मूह को चोदने मे मस्त
थे..तभी मेने सोचा क्यों ना उनके लंड को काट लिया जाए..मेने ज़ोर से उनके
लंड को काट लिया..वो चिल्ला उठे..और उनके लंड से थोड़ा खून भी निकल ने
लगा..उन्हे मुझ पर गुस्सा आया और ज़ोर से मुझे चाते मारने लगे और खा रुक
रंडी काट ती है कुतिया देख मैं तुझे दिखा ता हूँ..और वो बाहर चले
गये..मैं डर गयी थी की ना जाने अब वो क्या करेंगे..वो वापस आए और उनका
हाथ देख कर मैं डर गयी..उनके हाथ मे एक बड़ा सा डंडा था जो 15 इंच जितना
बड़ा और 3 इंच जितना चोडा था..उन्होने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गंद पर
आयिल लगाने लगे..मैं डर गयी अओर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी पर वो काफ़ी
गुस्से मे थे..और उन्होने मेरी गंद के होल मे भी तेल डाला..और ज़ोर से
लकड़ी को मेरी गंद के छेद पर रख कर धक्का दिया..मेरे मूह से चीख निकल
गयी..पर वो हंसते हुवे बोले अभी तुझे पता चले गा कि दर्द क्या होता
है...और ज़ोर से दूसरा धक्का लगाया और मेरी जान निकली जा रही थी..शायद
उन्होने मेरी गंद फाड़ डाली थी..डर के मारे मुझे पिसाब हो गया बिस्तेर मे
मेरे पिसाब(मूत) से पूरा बेड गीला हो गया था..और उन्होने मेरी गंद मे से
वो डंडा निकाला तो मैने देखा कि उस पर काफ़ी खून लगा हुवा था..ससुरजी ने
कहा के देख रांड़ मुझे काटने का नतीजा..अभी पहले मैं तुझे चोदुन्गा बाद
मे तेरी चूत को भी भोसड़ा बनाऊंगा..यही डंडे से...
बाद मे उन्होने वापस मुझे लंड मूह मे दे दिया..अब मैं ने हार मान ली थी
मैं उनके लंड को चूस रही थी थोड़ी देर चूसने के बाद उन्होने अपने वीर्य
की पिचकारी मेरे मूह पर मार दी..और उनका लंड ढीला पड़ गया...मेरे बूब्स
पर भी उनके वीर्य की बूँद थी...वापस उन्हो ने कहा चल अब इसे चूस चूस कर
वापस खड़ा कर दे..थोड़ी देर चूस ने के बाद वो वापस खड़ा हो गया मुझे
विस्वास नही आ रहा था कि इतने बुड्ढे आदमी का इतना जल्दी वापस तन कर खड़ा
हो गया..अबकी बार उन्होने उप्पर आकर मेरी छूट पर उनका लंड रखा और दोनो
हाथो से मेरे बूब्स को दबाने लगे मेरे निपल को मसल्ने लगे...और एक धक्का
दिया मेरे मूह से ह...निकल गयी उन्होने अपना लंड मेरी चूत मे डाल दिया
था..और वो धक्के लगा ते रहे..मैं भी वापस गरम होने लगी थी पर गंद मे दर्द
भी बहोत हो रहा था..और खून अभी भी रुक ने का नाम नही ले रहा था..ससुरजी
के चोद्ते छोटे और करारे धक्को के साथ मेरी चूत भी उन्हे साथ देने लगी और
मैं शरम के मारे मरी जा रही थी.....मेरी चूत ने पूरी चुदाई के टाइम पर 3
बार पानी छ्चोड़ दिया था..मैं वो बुड्ढे का स्टेमीना देख कर हैरान हो गयी
थी..और थोड़ी देर की चुदाई के बाद उसके लंड ने मेरी चूत मे पानी छ्चोड़
दिया...उन्होने लंड बाहर निकाला तो उनके लंड पर खून था..मैं हेरान हो गयी
कि चूत मे तो दर्द हुवा नही तो चूत से खून कैसे निकला..पर तभी मुझे ख्याल
आ गया कि मैं म्सी(प्रिद) मे हो गयी हूँ...तभी भी मेरे ससुर ने मुझे
कपड़े नही पहनने दिए..ऐसे दिनो मे भी मुझे नंगा रखा अओर लगातार मेरी चूत
से प्रियड्स का खून निकले जा रहा था..मुझे दर्द हो रहा था..आंड पूरा
बिस्तेर भी गंदा हो गया था फिर भी वो बुड्ढ़ा लगातार दूसरे दिन दोपहर तक
मुझे ज़ोर ज़ोर से अलग अलग स्टाइल मे चोदता रहा..जब उसने मिरर मे मुझे
अपनी गंद का होल दिखाया तो मैं हेरान हो गयी कि मेरी गंद का छेद मानो
किसी फटी हुई चूत के जैसा था कई जगह से फॅट गया था...अब मुझ मे थोड़ी जान
आने लगी थी मैं उठ पा रही थी पर अभी भी बुड्ढे का जी नही भरा था पूरी रात
और दिन मुझे चोदने के बाद भी वो कुछ नया नया करता था..
तो दोस्तो कैसी लगी ये मस्त कहानी फिर मिलेंगे एक नई कहानी के साथ तब तक
के लिए विदा आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
SASURJI NE GAND PHAD DALI
Hi i m Ashika patel from gujarat.mai ek shadi sudha aurat hoon..mai
waise Sexvex ki regular viewr nahi hoon..bas abhi 2 din pehle hi kisi
ke kehne par maine site dekho or maine story padhi..to muje laga kyon
na mai apne bare mai kuch lidhu..meri first story hai to ho sakta hai
sayad aap boar ho ya apko pasand na aye..mai ashika sahdi suadha hoon
37 years ki age hai and mere pati ke sathe mai surat mai rehti
hoon.hamare family mai mera 4 saal ka baccha and mere sasurji aur ham
dono hai..ajse karib 10 saal pehle mai shaadi karke ayi mere hubby ke
ghar paar..mai baht khus thi..mere pati muje bahot khus rakhte
the..sas sasur bhi mera kafi khayal rakhte the muje apni beti ki tarah
rakhte the..but baat tab bigadi jab meri sas ka dehant ho gaya 2 saal
pehle.tabse mere sasurji ki najar mujpar bigadi hai..wo retirment life
ji rahe hai isliye puradin gharpar hi rehte hai..aur baar baar muje
vasna ki najar se dekhte rehte hai..kai baar agashi par sukane rakhe
kapdo mai se wo meri bra n panty se khelte hai wo mene chorichupi
dekha hai..mene kai baar socha ki apne pati ko sab batadu ki sasur kya
kar rahe hai..par era maan nahi mana ki kyon baap beto mai jagda
karvana...kuch din waise hi nikal gaye..aur din nikalne ke sath sath
mere sasur ki himmat bhi badhne lagi..wo mere paas chai banane ko
kehte aur jaab mai chai banati hoti kitchine mai to wo aajate muje
help kane ke bahane..muje koi na koi bahana bana kaar chu ne lage..ek
din ki baat hai mere hubby subha job par chale gaye and mere ladkhe ko
bhi school par utarne ko leke gaye..subha ke 7 baje the mai bath ke
liye jaa hi rahi thi mai ne meri bra n panty n towel bathroom maii
laga diye the and andar jaa kaar apne ek ek karke kapde utarne lagi n
puri nangi ho kaar just bath lene hi wali thi tab mere sasur ne jor se
awaz lagayi ashiiiiiiiiiiii. .....ghar mai muje pyar se sab ashika ki
bajah ashi kehte hai..ASHIIIIIIIII jaldi aaoo..unki jor ki awaz se mai
daar gayi..aur daar ke mare hadbadati hui sochete huwe ke kuch asubh
na huwa ho to achha hai..mene fatafat andar rakhi hui meri nighty
pehni aur bahar aayi sirf nighty pehne..nahi mene andar bra pehni thi
ya panty pure badan par sirf ek nighty thi wo bhi kafi patli thi ki
eske aarpaar ashani se dekha jaaye..
Maine bahar nikal kaar dekha to wo kahi dikhay nahi diye to maine
bahar jaake dekha to wo garden mai gire pade the..mai dodti gayi unke
pass aur unko uthane ki kosis karne lagi tabhi maine mehsoos kiya ki
wo mere nighty se dikhaydene wale mere BOOBS n nipple ko dekh rahe hai
..mai sharma gayi n jaise bane wase unhe jaldi se uthya..uthte samay
unhone apna ek hath meri gand par rakh diya aur unhe mehsoos ho gaya
ki maine andar panty bhi nahi pehni hai...mai ne pucha babuji kya huwa
kaise gir gaye wo bole bahu pair phisal gaya..aur gir gaya..maaf karna
bahu muje tumhe iss halat mai bulana pada..maine kaha pitaji koi baat
nahi..aap aram kijiye..mai bath leke athi hoon..wo bole bahu mai
kichad wala ho gaya hoon tum baad mai naha lena muje pehle snaan
karlene do..unki baat sunkaar mai pehle to soch mai pad gayi paar muje
laga wo mere pitaji jaise hi hai maine kaha thik hai pitaji ap snaan
karlo...unke bathroom mai ghusne ke baad thodi der mai wo bahar nikal
gaye..aur unke nikalne ke baad mai nighty mai apne guptang jo chup
nahi rahe the wo chupane ki kosis karte huwe andar chali gayi bath
karne ke liye..aur mai meri dhun mai n soch mai hi bath karti
rahi..jab snaan khatam kar kar mai ne towel lene ke liye hath badhaya
to muje joro ka jatka laga waha maine rakha huwa towel nahi tha..tabhi
mere maan mai shak huwa ki yeh sasurji ki koi nayi chal hai phir mai
ne socha ki nai wo jaldi mai snaan karne aye the to galti se mera
towel legaye hoge..maine jaise tese kaar kaar apne aapko pocha aur
apni panty hath mai le kaar pehne ja rahi thi ki muje kuch ghila sa
laga mai ne wapas panty utar kaar dekha to andar panty ke bhag paar
chip chipa tha kuch mai samaj gayi ki mere sasur ne meri panty paar
muth markar apna virya nikala hai aur wo meri choot par bhi thoda
thoda laag gaya tha muje bahot gussa aya..and maine panty nikal kaar
kachre ke dibbe mai phek diya..maine bra dekha to unhone usme bhi Apne
virya ka pani chhoda huwa tha..muje itna gussa aa raha tha ki maan kar
raha tha unka khoon kaar dalu..mai ne gusse mai akar apni bra bhi
kachre ke dibbe mai phek di..aur wapas unke virya vali choot ko maine
saaf kiya and dusri baar wahi bath liya..ab mai soch rahi thi bahar
jaon to kese jaon kyon ki nahi ab mere paas towel tha ya nahi bra
panty..muje gussa aa raha tha aur ab pachtava bhi ho raha tha ki maine
kyon jaldbazi mai bra n panty nikal kar phek di kachre mai..tabhi muje
na chahte huwe bhi sasuji ko awaz laga ni padi..mai ne kaha "pitaji
aap mera towel galti se leke gaye hai jara muje de dijiye" unhone
javaab diya"ohh bahu maaf karna jaldbaazi mai apna towel lejana bhul
gaya tha to tumhara leliya""thairo mai tumhe dusra towel de raha
hoon"muje unpaar itna gussa aa raha tha par mai bhala kar bhi kya
sakti thi..unhone muje avaz laga kaar kaha ye lo bahu..mai ne bathroom
ma darwaza thoda kholkar hath bahar nikala aur unhone mere hath ko
touch karte huwe muje towel de diya...mai ne towel dekha to muje aur
bhi jyada gussa aya kyon ki unhone jo towel diya tha wo ekdam chhoti
size ka tha aur unpaar 2 jagah se chote chote hole bhi the..mai samaj
gayi ki aj yeh budha muje chhodne wala nahi hai..majburi ka naam
mahatma ghandhi..maine wo towel se apna sasri pocha aaur apne boobs se
towel ko lapeta to dekha ki towel chhota hone ki bajah se wo meri
choot ko thik tari kese nahi dhak pa raha tha..to maine na chahte huwe
towel ko thoda uppar se niche kiya jiski bajah se ab towel meri nipple
se ta yani ki mere half boobs dikh rahe the..aur wo 2 chote chote hole
wo mere gand ki side paar de jisee meri gand ka gora rang dikh raha
tha...mai jaldi se bahar aayi aur apne kamre mai chali gayi n darwaza
band kar liya..bathroom se nikalne aur room mai jane ke tyme mere
sasur ne sale budhhe ne mere jism ke bharpur darshan kar liye the aur
mera dhyan uske payjame par gaya tha uska land taan gaya tha joki uske
payjame se pata chalta tha..
Raat ko jaab mere pati ghar aaye tab maine unhe batane ka kafi socha
paar keh nahi paayi aur muje rona aa gaya..unhone pucha bhi kya huwa
maine kuch nahi bataya..aur subha ham jaab uthe to mene dekha ki mere
pati taiyaar ho rahe the mai ne pucha kaha ja rahe ho to wo bole ki
office ke kaam se 3 din delhi ja raha hoon..mere uppar jaise asman
girgaya..mai ne gusse se kaha abhi bata rahe ho.to unho ne kaha
darling kaal raat ko tum rone lagi thi and muej tumhe aur pareshan
nahi karna tah isliye mai ne nahi bataya...mai jidd karne lagi ki muje
bhi ana hai muje sath le chalo..wo mere uppar gussa ho gaye aur bole
kya bachho jese kaar rahi ho..aur unhone muje subha subha ek baar apni
baho mai leliya aur muje nanga kaar kaaar kiss karne lage..paar mera
nasib hi futa huwa tha..jaise hi unhone meri panty nikali to to wo
bole ki apni choot to saaf rakha karo tumhe pata hai muje balo wali
choot chodni achi nahi lagti..mai ne kaha aj ki baar kaarlo mai agle
time se saaf rakhungi..unhone kaha nahi..aur unka land mere muh mai
dediya aur aur mere muh ko chhodne lage aur aunka sara virya mere muh
mai bhar gaya..phir maine fatafat kapde pehn liye and unhe chhodne ke
liye bs stop chali gayi...ab mai aur sasurji ghar mai akele the..muje
unse dar lag raha tha..mai ajj wapas nahane chali gayi..mai ne pehle
se hi aj cheak kiya tha ki bra panty n towel barabar hai ya nahi
hai...naha ne ke baad mai ne khana pakaya aur dupehro mai ne n sasurji
ne khana khaya sath mai..aur mene kaha pitaji mai sone ja rahi
hoon..to unhone kaha thik hai..bahu..raat ko jyada rone ki bajah se
muje need thikse nahi ayi thi raat ko to duper ko kuch jyada time ke
liye ankh laag gayi thi meri mera ladka school se akara bahar khelne
chala gaya tha...thodi der ke baad mai re room ke darwaze paar kisi ke
khitkhita e ki avaz ayyi..mai uthi aur mai ne pne aapko dekha to need
mai meri saree kamar taak aagayi thi..panty dikh rahi thi..saree ka
pallu phisal gaya tha..mai ne jaldi se kapde thik kiye aur apna
darwaza khola..to dekha ki sasurji the..mai ne kaha aap..to unhone
muje chaai dete huwe kaha bahu tum aj kuch jyada hi soyee hui thi to
mai ne socha mai Hi chai apne aap banaloo to mai ne bana ke pili aur
yeh tumhare liye hai and chitu ko bhi dudh pila diya hai...mai maan hi
maan sochne lagi ki kya ye wahi sasur hai jo pichle din apne land ka
pani meri panty par daal gaye the and aj mere liye chai bana ke
laye..mai ne socha admi kitna jaldi rang badal leta hai..mai ne chai
pili aur apne kaam mai laag gayi..par achanak takribaan 7 baje chai
pine ke 1 ghante baad muje becheni si lagne lagi...pure body mai halka
sa pain hone laga sarir tutne laga..aur neend si ane lagi..mai ne
socha sasur ne jarur chai mai kuch milaya hoga..aur mai apne apese
bahar hone lagi..aur kitchen mai gir gayi..pitaji aaye aur mere samne
dekh kaar hasne lage..mai thodi behosi ki halat mai thi muje utha bhi
nahi jaraha tha aur mere hath pag bhi nahi hil rahe the..par mai kosis
kar rahi thi uthne ke liye..wo muje dekh kaar haasne lage aur bole
kuch bhi kaar lo 10 ghante tak tum apne apko nahi sambhal paogi chai
mai mene drug mila diya tha...mai unhe dekhti hi rahi...baad mai wo
muje utha kaar room mai le gaye and bister paar patak diya..mai sab
samaj sakti thi lekin koi harkat nahi kaar pa rahi thi..sirf mehsoos
kar pa rahi thi..sasurji mere paas aakar muje chumne lage..mere gale
paar kiss karne lage..unhone mere lips paar kiss kiya aur kaatne
lage..muje gheen aa rahi thi...unhone ab merii saree utar di..ab mai
sirf unke samne peticot aur blouse mai thi..mai saree nabhi ke niche
se pehnti hoon to ab meri nabhi unke samne nangi padi thi unhone muje
kis karne lage...mai apna muh hilake aur muh se awaz nikal kaar parti
kiya karne lagi..par mano mere hath pair paar lakva maar gaya ho waisa
ho gaya tha..dhire dhire sasurji bolne lage aaj tuje ji bhar ke
chodunga..2 saal se bhukha hoon..mai ne kaha pitaji yeh kya kar rahe
ho yeh galat hai..wo bole kuch galat nahi hai..mai ne kaha mai
prashant(mere hubby) ko sab batadungi..unho ne kaha mai tuje wo layak
rehne hi nahi dunga...aur kehte hi unhone mere blouse ke hook kholne
suru kaar Diye and peticot bhi utaar diya..
Ab mai sirf bra panty mai thi unke samne..unhone meri roti hui ankh
paar jara bhi daya nahi ki aur mere sarir se meri bra ko n panty ko
nikaal diya...ab mai bilkul naked unke samne padi thi bistar paar muje
rona aa raha tha lekin unhone mu paar koi daya nahi dikhayi..meri
jhato wali choot dekhkaar wo bole" sali randi tuje mere bete ne kitni
baar kaha hai ki choot paar se baal saaf karke rakh tu samajti nahi
hai"chal thik hai rand aj teri choot ka shaving mai karta hoon..atna
kehne ke baad wo mardo wala razer aur creem lekar aaye..aj tak kabhi
maine razer use nahi kiya tha mai hamesha hair remover use karti
thi...muje razer dekh kaar daar lag ne laga tha..tabhi wo meri choot
par creem lagane lage..meri choot paar creem lagate samay unhone kafi
baar ungli meri choot mai daal di..aisa karte karte na chahte huwe bhi
mai garam hone lagi...aur meri choot ne pani chhod diya..wo hasne lage
aur kaha kamini nakhre kaar rahi hai..phir unko kya suja anho ne meri
choot par laga creem nikal diya aur kaha tuje bina creem ke shav karta
hoon sali tne muje bahot tadpaya hai aaj mai tuje tadpaunga..keh kaar
unhone akela razeer meri choot paar gumane lage..muje chilne ka kafi
daar tha..ki kahi kaat na jaaye aur kafi dard bhi ho raha tha...thodi
der baad unhone mere chhot se sab baal nikal diye...baad mai wo room
se chale gaye muje yuhi nangi chhod kaar chale gaye..thodi der mai
mera ladka chintu room mai agaya...muje dekh kaar bolne laga"mumy
mummy apne kapde kyon nahi pehne hai"bataoa mummy apne kapde kyon nahi
pehne hai.."mai itni jyada pehle kabhi bebas nahi thi"muje apne aap
paar gheen aa rahi thi ke mai apne 4 saal ke bache ke samne puri tarah
nangi padi hui thi...utne mai sasurji aye aur chintu ko le jaakar sula
diya bagal wale kamre mai...aur jab wo wapas aye to dekha ki wo sirf
underwear mai aye the..65 saaal ki age mai bhi unka saris chust tha wo
sirf 45 5o saal ke lag rahe the...aur mere samne akaar wapas hasne
lage..aur unhone ek camara nikala aur meri tasvir khichne lage..meri
choot ka close up liya mere boobs ke photos meri puri tasveer khichne
lage..baad mai Bole agar tune kisi ko kuch bataya to mai to jail
jaunga hi paar teri izzaat ke chithre udakar jaunga..baad mai wo oil
leke aaye aur mere pure badan paar masal ne lage..oil ki bajah se mai
kafi chikni ho gayi thi..mere boobs ko buri tarah masal e laage...na
chahte huwe bhi mai ek aurat hoon aur mera sarisr garam hone laga mere
nipple tight hone lage..wo samaj gaye ki mai garam ho rahi hoon.unhone
apna land nikal kaar meri choot ke uppar ghisne lage..bajah chhod ne
ke wo sirf muje lalcha rahe the..unki ungli se meri chut mai ungli
kaar rahe the...mera sarir bhi unko sath dene laha tha...mere muhse
awaz nikal ne lagi..ahhhh. uhh...aur meri choot ne wapas ek baar pani
chhod diya...wo hasne lage aur mai sharams e mare marii ja rahi
thi...anka land abhi bhi thik tarah se tana nahi tha..phir bhi unke
land ki size 7"inch jitni hogi...unhone muje kaha le muh mai le
le..maine na kehte huwe apna muh pher liya to wo bole" kyon subha to
jor jor se mere bete la land muh mai le rahi thi abhi kya huwa..unhone
jor se mera muh kholne ke liye try ki paar mai ne mooh nahi khola..to
unho ne ek haath se joor se mera naak pakadliya aur daba diya...mai
saans nahi le paa rahi thi ghutan hone lagi iske liye muje majburan
mera muh kholna pada..jaise mene hwa lene ke liye muh kholo unhone
apna bada land mre muh mai pura ghusa diya..unka baa land mere game
mai laag raha tha aur uppar se mera naak bhi band tha to muje ghootan
bhi ho rahi thi..lekin wo muje andekha kaar ke mere muh mai chodne ko
mast the..tabhi mene socha kyon na unke land ko kaat liya jaye..mene
joor se unke land ko kaat liya..wo chiilla uthe..aur unke land se
thoda khoon bhi nikal ne laga..unhe muj paar gussa aya aur joor se
muje chate marne lage aur kha ruk randi kaat ti hai kutiya dekh mai
tuje dikha ta hoon..aur wo bahar chale gaye..mai darr gayi thi ki na
jane ab wo kya karenge..wo wapas aye aur unka hath dekh kaar mai daar
gayi..unke hath mai ek bada sa danda tha jo 15 inch jitna bada aur 3
inch jitna choda tha..unhone muje ghodi banaya aur meri gand paar oil
lagane lage..mai daar gayi aaur jor jor se rone lagi par wo kafi gusse
mai the..aur unhone meri gand ke hole mai bhi tel dala..aur jor se
lakde ko meri gand ke ched paar rakh kaar dhakka diya..mere muh se
chikh nikal gayi..par wo hsae huwe bole abhi tuje pata chale ga ki
dard kya hota hai...aur jor se dusra dhakka lagaya aur meri jaan
nikali jaa rahi thi..sayad unhone meri gand faad dali thi..daar ke
mare mujse pisaab ho gaya bister mai mere pisab(mutter) se pura bed
ghila ho gaya tha..aur unhone meri gand mai se wo danda nikala to
maine dekha ki uspeer kafi khoon laga huwa tha..sasurji ne kaha ke
dekh rand muje katne ka natija..abhi pehle mai tuje chhodunga baad mai
teri choot ko bhi bhosda banavunga..yahi dande se...
Baad mai unhone wapas muje land muh mai deiya..ab mau ne haar maan
lithi mai unke laand ko chus rahi thi thodi der chusne ke bad unhone
apne virya ki pichkari mere muh paar maar di..aur unka land dhila paad
gya...mere boobs paar bhi unke virya ke bund the...wapas unho ne kaha
chal ab isse chus chus kaaar wapas khada kaar de..thodi der chus ne ke
baad wo wapas khada ho gaya muje visvas nahi aa raha tha ki itne
buddhe admi ka itna jaldi wapas taan kar khada ho gaya..abki baar
unhone uppar aakar meri chhot paar unka land rakha aur dono hatho se
mere boobs ko dbane lage mere nipple ko masalne lage...aur ek dhakka
diya mere muh se Ahhhh...nikal gayi unhone apna land meri choot mai
daal diya tha..aur wo dhake laga te rahe..mai bhi wapas garam hone
lagi thi par gand mai dard bhi bahot ho raha tha..aur khoon abhi bhi
rook ne ka naam nahii le raha tha..sasurji ke chodte chode aur karare
dhakko ke sath meri choot bhi unhe sath dene lagi ar mai sharam ke
mare mari ja rahi thi.....meri choot ne puri chudai ke time paar 3
baar pani chhod diya tha..mai wo budhhe ka stemina dekh kaar hairan ho
gayi thi..aur thodi der ki chudai ke baad uske land ne meri choot mai
pani chhod diya...unhone land bahar nikala to unke land paar khoon
tha..mai heran ho gayi ki choot mai to dard huwa nahi to choot se
khoon Kaise nikal..par tabhi muje khyal aa gaya ki mai MC(priod) mai
ho gayi hoon...tabhi bhi mere sasur ne muje kapde nahi pehne
diye..aise dino mai bhi muje nanga rakha aaur lagatar meri chhoot se
priods ka khoon nikle jaa raha tha..muje dard ho raha tha..and pura
bister bhi ganda ho gaya tha phir bhi wo budhha lagatar dusre din
dohper taak muje jor jor se alag alag style mai chhodta raha..jab usne
mirror mai muje apni gand ka hole dikhaya to mai heran ho gayi ki meri
gand ka ched mano kisi phati hui choot ke jaisa tha kai jagah se faat
gaya tha...ab muj mai thodi jaan ane lagi thi mai uth paa rahi thi par
abhi bhi budhhe ka ji nahi bhara tha puri raat n din muje chhodne ke
baad bhi wo kuch naya naya karta tha..
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