FUN-MAZA-MASTI
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम कुंदन हैं और मैं नई दिल्ली का रहनेवाला हूँ. मैं एक शादीसुदा इन्सान हूँ और मेरी एक छोटी सी बेबी भी हैं. मैं अपनी बीवी से बहुत प्यार करता हूँ और यह कहानी मेरे और मेरी बीवी के प्यार के ऊपर ही आधारित हैं. हा, लेकिन मैं जिस किरदार को इस कहानी में चोदा वो मेरी बीवी अनु नहीं लेकिन उसकी छोटी बहन मौसमी हैं. मेरी और मेरी साली की चुदाई की यह दास्ताँ तब बनी जब अनु बीमार थी और कमजोरी के चलते गायनेक ने उसे सेक्स से दूर रहने को कहा था. दरअसल वो प्रेग्नेंट थी और उसके खून के प्रतिशत कुछ कम थे. दवाई तो चल ही रही थी लेकिन साथ में गायनेक ने उसे सांस फुलाने वाले काम करने से मना कर रखा था. और आप तो जानते हैं की सेक्स के अंदर सांस, लंड, चूत सब फुल जाता हैं. मैंने कभी अपनी साली की चुदाई के बारे में नहीं सोचा था लेकिन संयोग बहुत बड़ी बात हैं. चलिए आप को ले चलूँ 2013 के सितंबर महीने के वो दिन जिस दिन पहली बार मौसमी घर आई. उसके डेड यानी की मेरे ससुर ने अनु की हेल्प के लिए उसकी यह छोटी बहन को घर भेजा था. उसके आते मैं भी बहुत खुश हुआ क्यूंकि अनु की बहुत हेल्प हो जानी थी और मेरे ऑफिस के समय उसको एक कम्पनी भी मिलनी थी.
सब कुछ सही चल रहा था लेकिन फिर भी मुझे एक दर्द था. बिना चुदाई के एक मर्द की हालत क्या होती हैं वो आप अच्छे से जानते हो. और जिनकी शादी हो चुकी हैं उन्हें पता हैं की पहली प्रेग्नन्सी के वक्त लंड को संभालना कितना कठिन होता हैं. पहले तो मैं संयम, शान्ति और योगा के सहारे लंड को ठंडा करने का प्रयास करता रहा. लेकिन ये तो वो रोग हैं जो बड़े बड़े लोगों के नाड़ें को खुलवा चूका हैं फिर मैं तो एक आम आदमी हूँ. फिर भी मैंने संयम रखा लेकिन एक रात पेंट में ही लावा उगल निकला. सुबह मैंने सोचा की इस से अच्छा तो मुठ मार के आराम भी ले लिया जाएँ और पेंट को भी बचा लिया जाएँ. मुझे असली टेंशन अणि पेंट का था जिसे अब मौसमी को धोना था. और यह औरतें वीर्य के दागों को अच्छी तरह से पहचानती हैं.
दो-तिन दिन बीतें और मैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं वैसे था. मौसमी ने पेंट धो दी थी और उसने कुछ कहा नहीं मुझे. फिर मेरे लंड में अकडन आने लगी थी. मैंने सोचा की चलो लंड को बाथरूम में ही खाली कर लूँ ताकि फिर से पेंट गीली ना हो. यह सोच के मैं बाथरूम में गया और नंगा खड़ा हो गया. लंड को बहार निकाल के मैं उसे मर्दन देने लगा. बीवी या साली की चुदाई का एक विचारमात्र मेरे मन में तब भी नहीं था. मैं तो बस ऐसे ही बिना चहरे वाली चूत को याद कर के लंड को ठंड दे रहा था. तभी बाथरूम का पर्दा हिला, बाप रे मैंने देखा ही नहीं की बाथरूम में कोई था. मेरा बाथरूम बड़ा हैं जिसमे एक साइड पे बाथटब हैं और एक साइड में बेसिन. मैं बेसिन के सामने खड़ा लंड पिट रहा था और बाथटब वाली साइड तो देखी ही नहीं थी. अंदर अनु थी. उसने जैसे ही पर्दा खिंचा उसने मुझे लंड को पकड के हिलाता हुआ पाया.
मुझे लगा की वो मुझ से लड़ेंगी…! मैं स्वबचाव के लिए बहाने ढूंढने में दिमाग को व्यस्त कर रहा था. अनु ने एक मिनिट मुझे वैसे ही देखा. और फिर वो अपनी हंसी रोक नहीं पाई. उसे देख के मैं दंग रह गया की वो हंस रही थी.
अनु: कुंदन क्या हुआ संभाला नहीं गया…?
मैंने मुंडी निचे की और प्यारभरी निगाहों से अनु को देखा. मैंने उसे कहा, “नहीं डार्लिंग आज तो सब्र नहीं हुआ.”
अनु: हाथ से क्या मजा आयेंगा.!
मैं: क्या?
अनु: अरे बाबा हाथ से क्या होंगा, उसने तो चिकनाहट और गर्मी भी नहीं होती हैं.
मैं आप को बताना ही भूल गया की अनु बिंदास्त हैं और वो मुझ से अच्छे से बोल लेती हैं.
मैं: अरे बाबा क्या करता तुम ही कहो?
अनु एक मिनिट तक सोचती रही और फिर उसने मुझे कहा जो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था.
बाप रे मेरी बीवी मुझे साली की चुदाई के लिए पूछ रही थी. ज्यादातर जीजा अपनी साली की चुदाई करने के लिए उतावले और इच्छुक होते हैं लेकिन मेरा ख्याल ऐसा नहीं था. लेकिन जब अनु ने कहा तो पहली बार मेरे मन में सेक्स का बिज उगा जिसके फल थी मेरी साली. मैंने अनु को कहा, “नहीं अनु मौसमी को खराब लगेंगा.!”
अनु: मौसमी को मैं मना लुंगी, वो अपनी सारी बातें मुझ से शेयर करती हैं और मैं भी उसे अपनी उलझन बताउंगी.
मैंने पतलून को पहन लिया और मैं और अनु साथ में ही बाथरूम से बहार आयें. अनु अपने कमरे में गई और मैं सोफे पे बैठ के अख़बार फेरने लगा. मेरे लंड में चढ़ा हुआ नशा धीरे से उतर गया और लंड किसी चुहियाँ की माफिक छोटा हो गया.
कुछ 15 मिनिट बीते और मौसमी कमरे से बहार आई. वो अनु के साथ कमरे में ही थी.
“जीजू यह दीदी को क्या हुआ हैं? क्या आप ने भी उसमे अपनी सहमती जताई हैं?” वो बोली.
मैं कुछ नहीं बोला और उसे ऊपर से निचे तक देखने लगा. साली का कसा हुआ बदन पहली बार देखा मैंने….अब मैं भी साली की चुदाई का ख्याल मन में ला चूका था…!
मुझे ऐसे अपने सेक्सी बदन को देखते हुए देख के मौसमी गुस्सेवाली शक्ल बना के बोली, “जीजू आप लोग ऐसे क्यूँ कर रहे हो…?” मेरी नजर अभी भी उसके बड़े दूध और सेक्सी होंठो पे ही थी. तभी पीछे से अनु आती दिखी. अनु ने पास आके मौसमी के कंधे पे हाथ रख दिया और बोली,
“तुझे तेरे जीजू से ज्यादा कौन प्यार देंगा. वैसे भी तुझे 2 साल में शादी करनी हैं अनुभव ले ले, तू एक बार कह रही थी ना की मुझे यह सब में कुछ समझ में नहीं आता हैं.”
मौसमी ने मेरी और देखा, उसके बड़े बड़े दूध में खिंचाव सा आ रहा था क्यूंकि वो बड़े दूध में मुझे कसाव दूर से भी दिख रहा था. अनु ने अपना हाथ मौसमी की गांड पे रखा और उसे मेरी और धक्का दिया. मौसमी मेरे करीब थी मैं उसकी साँसों की तेज आवाज सुन सकता था. मेरी नजर वो बड़े दूध और उसके बिच की गली में ही थी. मौसमी ने नाईट गाउन पहना था और अंदर शायद कोई ब्रा नहीं थी इसलिए वो बूब्स और भी सेक्सी लग रहे थे.
मैं वो सेक्सी दूध देख के और भी उत्तेजित हो गया. मैं मौसमी के पास गया और उसके बूब्स को हाथ में ले के मसलने लगा. बूब्स को छूते ही मौसमी के मुहं से आह निकल पड़ी और उसके हाथ मुहं के ऊपर से अपनेआप हट गएँ. अनु पीछे खड़ी हुई मौसमी को ही देख रही थी. अनु की चुन्चियों के अंदर भी जान आ चुकी थी जो मैं अच्छे से देख सकता था. लेकिन वो अभी चुद नहीं सकती थी क्यूंकि उसे डॉक्टर ने मना किया था. लेकिन डॉक्टर ने चूसन से तो मना हरगिज़ नहीं किया था और शायद यही सोच के अनु ने भी अपने गाउन को ऊपर किया. उसके बड़े दूध आज फुले हुए पेट के आगे काफी छोटे लग रहे थे. अनु मेरी और आई और मैंने अपने होंठो को उसके बूब्स पे लगा दिया. प्रेग्नन्सी की वजह से उसके बूब्स बड़े हो चुके थे और उसकी निपल्स भी भारी और चौड़ी हो चुकी थी. मैंने उसकी काली निपल को मुहं में डाल के चुसना चालु किया. अनु ने तब मौसमी के बूब्स को अपने हाथ में ले के उन्हें दबाया. मौसमी के मुहं से आह निकल रही थी और उसकी जबान बहार आके होंठो के ऊपर घूम रही थी. अब मैं दो होर्नी बहनों के साथ खड़ा था.
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बीवी ने दिया साली का तोहफा -1
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम कुंदन हैं और मैं नई दिल्ली का रहनेवाला हूँ. मैं एक शादीसुदा इन्सान हूँ और मेरी एक छोटी सी बेबी भी हैं. मैं अपनी बीवी से बहुत प्यार करता हूँ और यह कहानी मेरे और मेरी बीवी के प्यार के ऊपर ही आधारित हैं. हा, लेकिन मैं जिस किरदार को इस कहानी में चोदा वो मेरी बीवी अनु नहीं लेकिन उसकी छोटी बहन मौसमी हैं. मेरी और मेरी साली की चुदाई की यह दास्ताँ तब बनी जब अनु बीमार थी और कमजोरी के चलते गायनेक ने उसे सेक्स से दूर रहने को कहा था. दरअसल वो प्रेग्नेंट थी और उसके खून के प्रतिशत कुछ कम थे. दवाई तो चल ही रही थी लेकिन साथ में गायनेक ने उसे सांस फुलाने वाले काम करने से मना कर रखा था. और आप तो जानते हैं की सेक्स के अंदर सांस, लंड, चूत सब फुल जाता हैं. मैंने कभी अपनी साली की चुदाई के बारे में नहीं सोचा था लेकिन संयोग बहुत बड़ी बात हैं. चलिए आप को ले चलूँ 2013 के सितंबर महीने के वो दिन जिस दिन पहली बार मौसमी घर आई. उसके डेड यानी की मेरे ससुर ने अनु की हेल्प के लिए उसकी यह छोटी बहन को घर भेजा था. उसके आते मैं भी बहुत खुश हुआ क्यूंकि अनु की बहुत हेल्प हो जानी थी और मेरे ऑफिस के समय उसको एक कम्पनी भी मिलनी थी.
एक हफ्ता हो गया मौसमी को आये और हम मजे से रहते थे. मौसमी की उम्र कुछ 20 की थी तब. वो एक प्राइवेट कोलेज में अपनी बी.एड. की पढाई कर रही थी और उसके फिगर की क्या बात करूँ आप से. उसका फिगर काफी स्वस्थ था, गोल छातियाँ, परफेक्ट वक्षस्थल और गुलाबी गुलाबी होंठ. मैं हमेंशा मौसमी की खूबसूरती को एडमायर करता था लेकिन नियत कभी ख़राब नहीं थी.
सब कुछ सही चल रहा था लेकिन फिर भी मुझे एक दर्द था. बिना चुदाई के एक मर्द की हालत क्या होती हैं वो आप अच्छे से जानते हो. और जिनकी शादी हो चुकी हैं उन्हें पता हैं की पहली प्रेग्नन्सी के वक्त लंड को संभालना कितना कठिन होता हैं. पहले तो मैं संयम, शान्ति और योगा के सहारे लंड को ठंडा करने का प्रयास करता रहा. लेकिन ये तो वो रोग हैं जो बड़े बड़े लोगों के नाड़ें को खुलवा चूका हैं फिर मैं तो एक आम आदमी हूँ. फिर भी मैंने संयम रखा लेकिन एक रात पेंट में ही लावा उगल निकला. सुबह मैंने सोचा की इस से अच्छा तो मुठ मार के आराम भी ले लिया जाएँ और पेंट को भी बचा लिया जाएँ. मुझे असली टेंशन अणि पेंट का था जिसे अब मौसमी को धोना था. और यह औरतें वीर्य के दागों को अच्छी तरह से पहचानती हैं.
दो-तिन दिन बीतें और मैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं वैसे था. मौसमी ने पेंट धो दी थी और उसने कुछ कहा नहीं मुझे. फिर मेरे लंड में अकडन आने लगी थी. मैंने सोचा की चलो लंड को बाथरूम में ही खाली कर लूँ ताकि फिर से पेंट गीली ना हो. यह सोच के मैं बाथरूम में गया और नंगा खड़ा हो गया. लंड को बहार निकाल के मैं उसे मर्दन देने लगा. बीवी या साली की चुदाई का एक विचारमात्र मेरे मन में तब भी नहीं था. मैं तो बस ऐसे ही बिना चहरे वाली चूत को याद कर के लंड को ठंड दे रहा था. तभी बाथरूम का पर्दा हिला, बाप रे मैंने देखा ही नहीं की बाथरूम में कोई था. मेरा बाथरूम बड़ा हैं जिसमे एक साइड पे बाथटब हैं और एक साइड में बेसिन. मैं बेसिन के सामने खड़ा लंड पिट रहा था और बाथटब वाली साइड तो देखी ही नहीं थी. अंदर अनु थी. उसने जैसे ही पर्दा खिंचा उसने मुझे लंड को पकड के हिलाता हुआ पाया.
मुझे लगा की वो मुझ से लड़ेंगी…! मैं स्वबचाव के लिए बहाने ढूंढने में दिमाग को व्यस्त कर रहा था. अनु ने एक मिनिट मुझे वैसे ही देखा. और फिर वो अपनी हंसी रोक नहीं पाई. उसे देख के मैं दंग रह गया की वो हंस रही थी.
अनु: कुंदन क्या हुआ संभाला नहीं गया…?
मैंने मुंडी निचे की और प्यारभरी निगाहों से अनु को देखा. मैंने उसे कहा, “नहीं डार्लिंग आज तो सब्र नहीं हुआ.”
अनु: हाथ से क्या मजा आयेंगा.!
मैं: क्या?
अनु: अरे बाबा हाथ से क्या होंगा, उसने तो चिकनाहट और गर्मी भी नहीं होती हैं.
मैं आप को बताना ही भूल गया की अनु बिंदास्त हैं और वो मुझ से अच्छे से बोल लेती हैं.
मैं: अरे बाबा क्या करता तुम ही कहो?
अनु एक मिनिट तक सोचती रही और फिर उसने मुझे कहा जो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था.
अनु: मौसमी कैसी हैं? क्या मैं उसे कुछ समय के लिए तुम्हारे साथ सम्भोग के लिए राजी कर लूँ.
बाप रे मेरी बीवी मुझे साली की चुदाई के लिए पूछ रही थी. ज्यादातर जीजा अपनी साली की चुदाई करने के लिए उतावले और इच्छुक होते हैं लेकिन मेरा ख्याल ऐसा नहीं था. लेकिन जब अनु ने कहा तो पहली बार मेरे मन में सेक्स का बिज उगा जिसके फल थी मेरी साली. मैंने अनु को कहा, “नहीं अनु मौसमी को खराब लगेंगा.!”
अनु: मौसमी को मैं मना लुंगी, वो अपनी सारी बातें मुझ से शेयर करती हैं और मैं भी उसे अपनी उलझन बताउंगी.
मैंने पतलून को पहन लिया और मैं और अनु साथ में ही बाथरूम से बहार आयें. अनु अपने कमरे में गई और मैं सोफे पे बैठ के अख़बार फेरने लगा. मेरे लंड में चढ़ा हुआ नशा धीरे से उतर गया और लंड किसी चुहियाँ की माफिक छोटा हो गया.
कुछ 15 मिनिट बीते और मौसमी कमरे से बहार आई. वो अनु के साथ कमरे में ही थी.
“जीजू यह दीदी को क्या हुआ हैं? क्या आप ने भी उसमे अपनी सहमती जताई हैं?” वो बोली.
मैं कुछ नहीं बोला और उसे ऊपर से निचे तक देखने लगा. साली का कसा हुआ बदन पहली बार देखा मैंने….अब मैं भी साली की चुदाई का ख्याल मन में ला चूका था…!
मुझे ऐसे अपने सेक्सी बदन को देखते हुए देख के मौसमी गुस्सेवाली शक्ल बना के बोली, “जीजू आप लोग ऐसे क्यूँ कर रहे हो…?” मेरी नजर अभी भी उसके बड़े दूध और सेक्सी होंठो पे ही थी. तभी पीछे से अनु आती दिखी. अनु ने पास आके मौसमी के कंधे पे हाथ रख दिया और बोली,
“तुझे तेरे जीजू से ज्यादा कौन प्यार देंगा. वैसे भी तुझे 2 साल में शादी करनी हैं अनुभव ले ले, तू एक बार कह रही थी ना की मुझे यह सब में कुछ समझ में नहीं आता हैं.”
मौसमी ने मेरी और देखा, उसके बड़े बड़े दूध में खिंचाव सा आ रहा था क्यूंकि वो बड़े दूध में मुझे कसाव दूर से भी दिख रहा था. अनु ने अपना हाथ मौसमी की गांड पे रखा और उसे मेरी और धक्का दिया. मौसमी मेरे करीब थी मैं उसकी साँसों की तेज आवाज सुन सकता था. मेरी नजर वो बड़े दूध और उसके बिच की गली में ही थी. मौसमी ने नाईट गाउन पहना था और अंदर शायद कोई ब्रा नहीं थी इसलिए वो बूब्स और भी सेक्सी लग रहे थे.
मौसमी ने मेरी और देखा और फिर पीछे मूड के अनु की और देखा. अनु जैसे की उसे पुचकार रही थी. अनु के पुचकारते ही मौसमी मेरे और भी करीब आ गई. मुझे बड़ा अजीब लग रहा था क्यूंकि मेरी बीवी मुझे किसी और के पास चुदाई करने के लिए भेज रही थी. मौसमी का हाथ पकड के मैंने उसे अपनी और खिंचा. पीछे से अनु भी आ गई और हम तीनो एक दुसरे को लिपट गए. अनु ने हम दोनों का हाथ पकड़ा और बेडरूम की और खींचने लगी. बेदरूम में घुसते ही अनु ने सक्कल लगा दी और मौसमी की और मुड़ के उसके नाईट गाउन को पकड के उठाने लगे. मौसमी का गाउन उठते ही उसने शर्म से अपने बड़े बड़े दूध को हाथो के पीछे छिपा दिया. मेरा अंदाजा बिलकुल सही था; उसने अंदर कोई ब्रा नहीं पहनी थी. उसके बड़े दूध बड़े ही सेक्सी लग रहे थे और मुशकिल से उसके हाथ उसे ढांक सकते थे. अनु ने पीछे से आके उसके हाथ को हटा दिये और मासूम मौसमी ने वो हाथ अब अपने मुहं पे ढँक दियें.
मैं वो सेक्सी दूध देख के और भी उत्तेजित हो गया. मैं मौसमी के पास गया और उसके बूब्स को हाथ में ले के मसलने लगा. बूब्स को छूते ही मौसमी के मुहं से आह निकल पड़ी और उसके हाथ मुहं के ऊपर से अपनेआप हट गएँ. अनु पीछे खड़ी हुई मौसमी को ही देख रही थी. अनु की चुन्चियों के अंदर भी जान आ चुकी थी जो मैं अच्छे से देख सकता था. लेकिन वो अभी चुद नहीं सकती थी क्यूंकि उसे डॉक्टर ने मना किया था. लेकिन डॉक्टर ने चूसन से तो मना हरगिज़ नहीं किया था और शायद यही सोच के अनु ने भी अपने गाउन को ऊपर किया. उसके बड़े दूध आज फुले हुए पेट के आगे काफी छोटे लग रहे थे. अनु मेरी और आई और मैंने अपने होंठो को उसके बूब्स पे लगा दिया. प्रेग्नन्सी की वजह से उसके बूब्स बड़े हो चुके थे और उसकी निपल्स भी भारी और चौड़ी हो चुकी थी. मैंने उसकी काली निपल को मुहं में डाल के चुसना चालु किया. अनु ने तब मौसमी के बूब्स को अपने हाथ में ले के उन्हें दबाया. मौसमी के मुहं से आह निकल रही थी और उसकी जबान बहार आके होंठो के ऊपर घूम रही थी. अब मैं दो होर्नी बहनों के साथ खड़ा था.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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