Thursday, July 24, 2014

FUN-MAZA-MASTI मोनिका को मत बताना

FUN-MAZA-MASTI


मोनिका को मत बताना

 


बात उस समय की हैं जब मैं बारहवीं की परीक्षा पास करके अपने गाँव वापस आया।
शहर में रहकर मैं बहुत बिगड़ गया था और चूत का आशिक बन गया था क्योंकि मैंने
सुना था कि सांप और चूत जहाँ दिखे वहीं मार देनी चाहिए...
बस यही सोच कर मैंने अभी तक 28 चूतें मारी हैं और हर चूत वाली को संतुष्ट
किया हैं।
तो अब असल कहानी पर आते हैं।
मैं गाँव गया तो मैंने पूरा दिन घूम कर बिता दिया...
शाम को जब मैं अपनी गाड़ी से घर वापस जा रहा था तो मैंने देखा कि नहर किनारे
एक लड़की पेशाब कर रही थी और गाड़ी की रोशनी उसके चूत पर पड़ गई थी जिससे मुझे
मूत निकलती चूत के दर्शन हो गए।
यह देख अचानक ही मेरा लौड़ा पैंट में खड़ा हो गया और मुझे लगा कि अगर मैंने आज
चूत नहीं मारी तो शायद मेरा लंड फूल कर फट जायेगा। बस मैंने योजना बनाई और
गाड़ी रोक कर लड़की के पास चला गया।
मुझे वहाँ खड़ा देखकर वो शर्मा गई...
मैंने पूछा- कौन हो तुम और रात के इस अँधेरे में यहाँ क्या कर रही हो?
तो वो शरमा कर बोली- साहब मेरा नाम रीना हैं और मैं आपके ही गाँव की हूँ....
हमारे यहाँ शौचालय नहीं हैं इसलिए हम लोग नहर की तरफ आते हैं।
मैंने कहा- तुम मेरी गाड़ी में आ जाओ, मैं तुम्हें घर तक छोड़ दूंगा !
रीना आकर मेरे बगल वाली सीट पर बैठ गई...
मेरा मन कर रहा था कि अभी गाड़ी में ही पटक कर इसकी चूत में अपना मोटा लौड़ा
ठोक दूँ !
बस यही सोच कर मैं उससे इधर-उधर की बातें करने लगा। बात करते करते मैंने जोर
से ब्रेक दबा दिया तो रीना संभल नहीं पाई और मेरी तरफ गिर पड़ी जिससे उसका हाथ
मेरे लंड पर पड़ गया।
उफ़... !!
मेरा लंड एक बार फिर टनटना कर खड़ा हो गया। मैंने महसूस किया कि रीना ने अपने
हाथ का दबाव बना दिया था मेरे लौड़े पर और व बड़े ध्यान से मेरे लंड को देख
रही थी।
मैं समझ गया कि मौका अच्छा है तो मैंने कहा- रीना... ! तुम्हें "ये" पसंद हैं
क्या...? खेलोगी इसके साथ?
रीना- हाँ साहब, इच्छा तो बहुत होती है लेकिन डर लग रहा हैं कि जब पैंट के
ऊपर से आपका लंड इतना बड़ा हैं तो वास्तव में कितना बड़ा होगा?
मैंने कहा- अरे मेरी जान, लौड़ा जितना मोटा और बड़ा होता है, चूत को उतना ही
मजा आता है..!
इतना कह कर मैंने गाड़ी स्टार्ट की पास ही झाडी के पास लगा दिया ताकि कोई हमें
देख न सके।
अब मैं गाड़ी से उतर गया और रीना भी उतर गई।
मैंने रीना से पूछा- क्या आज से पहले भी तुमने किसी से चुदाई का मजा लिया है?
तो वो बोली- मन तो बहुत करता है पर डर के कारण कभी हिम्मत नहीं हुई !
अब मैं समझ गया कि आज मैं इसकी कुंवारी चूत का सील तोड़ने वाला हूँ... इसलिए
पहले मैंने उसे गर्म करना ठीक समझा।
मैंने रीना को पकड़ लिया और उसे अपनी गोद में उठा लिया और गाड़ी के बोनट पर
लिटा दिया, उसकी चूचियाँ ऊपर-नीचे हो रही थी जिन्हें मैंने अपने दोनों हाथों
में पकड़ के कस के दबा दिया....
"बाबूजी...बहुत दुःख रहा हैं...थोड़ा धीरे दबाओ ना!" रीना ने कहा।
मैंने अपना एक हाथ उसकी कमीज के अन्दर डाल दिया और उसके चुचूक का दाना पकड़ कर
मसल दिया... मुझे बड़ा ही अच्छा लगा... नरम नरम सा अनार के दाने की तरह...
मैंने अपने होंठ रीना के होठों पर रख दिए और उसके होंठों को चूसने लगा..! कभी
कभी जब मैं उसके होठों और गाल को काट लेता था तो रीना आंह ..आह...उन्ह..कर
उठती थी...!
अब मैंने उसे खड़ा कर दिया और उसकी कमीज उतार दी..... हाय... !! उसने नीचे
चोली नहीं पहनी थी इसलिए कमीज उतारते ही उसके स्तन उछल कर सीधे मेरे हाथ में
आ गए और मैंने दोनों को कस कर पकड़ लिया और जोर-जोर से दबाने लगा......
हाय क्या मजा आ रहा था...
रीना भी गरम हो रही थी...!
मैंने कहा- रीना, मेरी पैन्ट खोलो ना !
रीना- हाँ बाबूजी.. मैं भी इसे देखने के लिए पागल हो रही हूँ !
यह कह कर उसने मेरी पैंट खोल दी !
मैंने अंडरवीयर पहना हुआ था जिसमें से मेरा लंड बाहर झांक रहा था, मेरे लंड
का टोपा बाहर निकल रहा था।
रीना घुटने के बल बैठ गई और मेरे बाहर निकले टोपे को देखने लगी।
अचानक ही उसने अपनी जीभ टोपे पर रख दी और मेरा टोपा चाटने लगी....
मैंने अपना अंडरवीयर नीचे खींच दिया.....!
हे भगवन, इतना बड़ा लंड ? और इतना मोटा ? मेरी चूत फाड़ के रख देगा, रीना ने
कहा।
उसकी गांड फट रही थी मेरे भयानक लौड़े को देख कर !
मैंने उसका मुँह पकड़ा और अपना पूरा लौड़ा उसके मुँह में ठूंस दिया। उसकी
आँखों में पानी आ गया। अब मैंने उसके बाल पकडे और अपना लंड उसके मुँह में
अन्दर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर में उसे भी अच्छा लगने लगा तो वो खुद ही मेरा
लंड चाटने लगी।
उफ्फ्फ्फ़ ....क्या मजा आ रहा था....
साली....तू तो एकदम मस्त चुसाई करती हैं...कहाँ से सीखा है?
वो चुप चाप चूसती रही....! अब उसने मेरे अण्डों को भी मुँह में डाल लिया और
चूसने लगी....
ऐसा लग रहा था मानो वो गुलाब जामुन को चूस रही है...
मैंने अपना लंड फिर से उसके होठों पर रख दिया और अपने लंड से उसके होंठ
सहलाने लगा....
उसने फिर मेरा लौड़ा मुँह में डाल लिया और सुड़प....सुड़प....कर के चूसने लगी
!
मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने अपना लौड़ा बाहर खींच लिया और उसे खड़ा कर
दिया।
अब मैंने उसकी सलवार भी उतार दी.... हाय.... उसने अन्दर कच्छी भी नहीं पहनी
थी... मैंने देखा कि उसकी जांघ पर कुछ गीला-गीला सा लगा था... मैं समझ गया था
कि रीना अब पूरी तरह से गर्म हो गई हैं और यह अब मोटे से मोटा लंड भी खा
लेगी..!
मैं खड़े-खड़े ही अपनी एक उंगली उसकी चूत के पास ले गया और उसके बुर के दाने को
रगड़ने लगा....
रीना आंह...आंह...उफ़ कर उठी...
मैंने धीरे से अपना उंगली उसकी चूत के छेद में डाली मगर वो अन्दर नहीं गई
क्योंकि चूत एकदम कसी हुई थी और सीलबंद थी।
मैंने उसके चूत के रस को उंगली पर लिया और फिर से डालने लगा, इस बार उंगली
अन्दर चली गई बुर में....
रीना कराह उठी- ऊई माँ....थोड़ा धीरे करो.... !!!
अब मैं उंगली अन्दर-बाहर करने लगा....
थोड़ी ही देर में उसने पानी छोड़ दिया तो मैं समझ गया कि अब सही वक़्त आ गया है
जब मेरा लौड़ा इसकी चूत फाड़ सकता है...!
बस मैंने रीना को नीचे झाड़ी की ओट में लिटा दिया...और उसकी टांगें चौड़ी कर
दी। एक छोट सा छेद दिखाई दिखाई दिया मुझे जिस में से उसका माल निकल कर बह रहा
था।
आज तो मजा आ गया था... एकदम कसी हुई चूत फाड़ने को मिल रही थी...!
मैंने अपने हाथ में थूक लिया और सारा थूक अपने सुपारे पर मल दिया....फिर
मैंने उसकी टांगें ऊपर उठा दी और लंड को चूत के छेद पर रख कर एक तगड़ा झटका
मार दिया....
लंड दनदना कर सुपारे तक अन्दर घुस गया था...
और रीना के मुँह से चीख निकल गई- ..ऊई माँ...मर गई....मेरी चूत फट गई....
बाहर निकालो अपना लौड़ा...!
मगर अब मैंने उसका मुँह अपने होठों में बंद कर लिया और कमर को ऊपर कर के फिर
से ठोक दिया...
अबकी बार पूरा लंड अन्दर सील तोड़ता हुआ अन्दर घुस गया था.... इस बार
रीना.....ऊऊऊ ... ऊईई फट गई मेरी चूत ! कह कर चिल्ला उठी...!
उसकी चूत से खून निकल रहा था मगर मैंने परवाह नहीं की और लगातार ठोकता रहा
अपना मूसल उसकी चूत में!
थोड़ी देर में उसे मजा आने लगा और वो भी चूत उठा उठा कर चुदवाने लगी....!
अब बस ऊउंह....आंह......घप...घप....
ऊह....आन्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह...की ही आवाजें
गूँज रही थी !
करीब बीस मिनट के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने अचानक उसे
उल्टा कर दिया और इससे पहले की रीना कुछ समझ पाती, मैंने माल और खून से सना
अपना लंड उसकी गांड में एक ही झटके में घुसा दिया!
वो चीख पड़ी- ...आंह ! माँ ! मेरी गांड भी फाड़ दी तुमने...
मगर मैंने चोदना जारी रखा और....बीस धक्कों के बाद मैंने अपना लौड़ा बाहर
निकाल लिया और उसके मुँह में डाल कर अपना माल उसके मुँह में भर दिया.... वो
मेरा सारा माल पी गई।
फिर हमने एक बार और चूत चुदाई का खेल खेला और वापस आ गए !
अब मैं जब भी गाँव जाता हूँ तो रीना को अलग अलग तरीकों से चोदता हूँ जिस से
उसे भी खूब मजा आता है !
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें

हंसी तो फंसी-1

प्रेषक : राजवीर
यह कहानी है मेरी पड़ोस में आए नए किरायेदार की। परिवार में दो बेटियाँ और
उनकी माँ, बस यही तीन लोग थे। लड़कियों में एक मोनिका 18 साल और दूसरी मानसी
20 साल की थी।
हमारे घर से उनका घर साफ़ दिखता था, कमरा भी पूरा दिखता था और बाथरूम भी।
एक दिन जब मैं अपनी छत पर खड़ा था तब मेरी नजर उनके बाथरूम पर पड़ी। बाथरूम का
दरवाजा भी नहीं लगा था।
मैंने देखा कि मोनिका अपनी झांटें साफ़ कर रही थी, एकदम गुलाबी चूत !
मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने पैंट से लंड निकाल लिया और हिलाने लगा। तभी उसने
मुझे देख लिया और मुस्कुरा कर अंदर चली गई।
मैंने भी सोचा- हंसी तो फंसी !
मैं भी उससे अब बात करने के मौके की तलाश करने लगा।
एक दिन वह मुझे बाहर दिख गई तो मैंने उसको बोल ही दिया- मैं तुमसे दोस्ती
करना चाहता हूँ।
तो उसने मना कर दिया। मैंने सोचा कि मना कर दिया तो ठीक है, मैंने भी उससे
बात करना तो क्या उसकी तरफ देखना भी बंद कर दिया।
एक दिन मैं छत पर बैठा था तो अचानक मेरी पास एक गोला सा बनाया हुआ एक कागज आ
कर गिरा। मैंने उसे खोल कर देखा तो उसमें लिखा था- मैं तुम्हें पसंद करती
हूँ। तुम मेरे से बात क्यों नहीं करते? लेकिन मैं थोड़ा डरती हूँ क्योंकि
तुम्हारा बहुत मोटा है।
यह चिट्ठी मोनिका ने फ़ेंकी थी।
मैं उसकी तरफ देख कर मुस्कुराया और एक फ़्लाइंग किस की। उसने भी मुझे फ़्लाइंग
किस किया।
मैं अगले दिन कुछ फोटो लाया। जिसमें एक छोटी लड़की मोटा लंड ले रही है। वो
मैंने उसको दे दी।
उसने देख कर कहा- इसे देख कर मुझे कुछ हो गया था।
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ था?
तो उसने कहा- पता नहीं ! चूत से पानी निकल गया था।
मैंने उससे कहा- मजा आया ?
तो उसने हाँ में जवाब दिया।
मैंने कहा- और मजा चाहिए?
तो उसने कहा- हाँ !
मैंने उसे कहा- तुम कल स्कूल की छुट्टी कर लेना और तुम्हारी मम्मी और बहन के
जाने के बाद मै आ जाऊँगा, फिर तुम्हें और मजा दूंगा।
वो भी मान गई।
जब मोनिका की मम्मी और बहन चली गई तब मैं उसके घर गया। वो उस समय नाइटी पहने
थी, एकदम माल लग रही थी।
मैं जाते ही उसे चूमने लगा और उसकी चूची दबाने लगा।
उसने भी मुझे रोकने की कोशिश नहीं की।
मैंने उसकी नाइटी उतार दी, उसने ब्रा नहीं पहनी थी, सिर्फ पैंटी पहनी थी। मैं
उसकी चूची चूसने लगा। चूसते चूसते उसकी पैंटी भी उतार दी और उसकी चूत में
उंगली करने लगा। उसकी चूत से पानी निकल रहा था। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए।
उसने मेरा लंड हाथ में ले लिया और हिलाने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत
चाटनी शुरु की और साथ ही उसकी गांड में उंगली डालने लगा। फिर मैंने उसके पूरे
जिस्म को ऊपर से नीचे तक चूमा। फिर उसने मेरे कहने पर मेरा लंड मुँह में लेकर
चूसना शुरु किया। वो करीब 15 मिनट तक मेरा लंड चूसती रही।
फ़िर वो तेल की शीशी ले आई और कहने लगी- पहले मेरी चूची और चूत की मालिश करो
फिर मै तुम्हारे लंड की मालिश करुँगी, फिर उसके बाद तुम अपना काम कर
लेना।मैंने तेल की कुछ बूंदें उसकी चूचियों पर गिराई और मालिश करने लगा और
दबाने लगा, उसके चुचूकों को मसलने लगा। उसकी चूची एकदम सख्त हो गई। फिर मैंने
उसकी चूत की मालिश करनी शुरु की, उसकी चूत में उंगलियाँ डाल-डाल कर मालिश
करने लगा। उसके मुँह से मस्त-मस्त आवाजें निकल रही थी। थोड़ी देर में वो झड़ गई।
अब वो मेरे लण्ड की तेल लगा कर मालिश करने लगी। मेरा लंड एकदम सख्त हो गया।
फिर हम अपना काम करने के लिए तैयार थे। मैंने जैसे ही लंड उसकी चूत पर टिकाया
उसकी बहन के आने की आवाज आई। मोनिका ने मुझे बाथरूम में छुपा दिया और खुद
तौलिया लपेट कर दरवाजा खोला। उसकी बहन की तबियत खराब थी इसलिए वो जल्दी आ गई
और हम फंस गए।
उसकी बहन उससे पूछने लगी- तौलिया क्यों लपेट रखा है?
उसने कहा- नहाने जा रही थी, इतने में आप आ गई।
तो वो कहने लगी- तू रुक जा ! मैं पहले नहा लूँ फिर तू नहा लियो।
वो मोनिका को कमरे में छोड़ कर बाथरूम की तरफ आ गई और बाथरूम का दरवाज़ा खोल कर
अंदर आई तो उसने मुझे देख लिया।
मेरा लंड, जो खड़ा था वो मुरझा के मूंगफली हो गया, मैं डर गया।
उसने मुझसे पूछा- तुम यहाँ क्या कर रहे हो?मै कुछ नहीं सोच पा रहा था।
तभी उसने मेरे से कहा- मैं तुम्हारे घर पर कहने जा रही हूँ।
तभी मैंने उसे रोका और कहा- प्लीज़, मत जाओ, किसी से कुछ मत कहना ! तुम जो
बोलोगी वो करूँगा। जो मांगोगी, वो मैं तुमको दे दूंगा।
उसने कहा- ठीक है ! पर मोनिका को मत बताना कि मैंने तुमको देख लिया है। बोल
देना कि मैं बाहर से ही चली गई। मैं तुमसे बाद में बात करुँगी।
और वो चली गई। मेरी जान में जान आई।
थोड़ी देर में मोनिका आई और कहने लगी- क्या हुआ? दीदी ने तुमको नहीं देखा क्या?
तो मैंने कहा- देखा ना ! पर इतना लम्बा देख कर डर कर चली गई।
वो गुस्से से मेरी तरफ देखने लगी।
मैंने कहा- अरे बाबा, मजाक कर रहा हूँ, वो तो बाहर से ही चली गई।
मैंने उससे पूछा- तुमसे अंदर आकर क्या कहा?
वो मोनिका ने कहा- मेरे से कहा कि मैं पहले सो लूँ, फिर नहा लूंगी।
फिर वो अंदर आ गई और हम एक दूसरे को चूमने लगे।
वो कहने लगी- ज्यादा समय नहीं है, जो करना है जल्दी करो !
इसलिए मैंने उसकी एक टांग को टब पर रखवा दिया और अपना लंड जो कि चूमा-चाटी से
दुबारा खड़ा हो गया था, पीछे से उसकी चूत के मुँह पर रखा और एक धक्का दिया।
उसकी हल्की सी चीख निकल गई। मेरा आधा लंड उसकी चूत में उतर गया था।
तभी उसकी बहन आई और बाहर से ही पूछने लगी- क्या हुआ? चिल्ला क्यों रही हो ?
कोई सांप है क्या अंदर।
पर उसको मालूम था कि सांप नहीं, लम्बे लंड वाला मैं हूँ अन्दर।
मोनिका ने कहा- कुछ नहीं दीदी ! गिर गई हूँ मैं !
उसकी बहन यह बोल कर चली गई- थोड़ा ध्यान से नहा ! नहीं तो कुछ हो गया तो मुँह
दिखाने के काबिल नहीं रहेगी।
फिर मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा और एक और धक्का दिया। मेरा पूरा लंड उसकी चूत
में था और वो रोने लगी थी, उसकी चूत से खून और पानी निकल रहा था।
थोड़ी देर मै वैसे ही रुका रहा और उसकी चूची सहलाने लगा। जब उसका दर्द कम हुआ
तो वो भी मजा लेने लगी और मेरा पूरा साथ देने लगी।
वो थोड़ी ही देर में झड़ गई पर मै नहीं झड़ा था। मैंने उसको गोद में उठा लिया और
फिर चुदाई की। और करीब 15 मिनट बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। इस बीच वो
तीन बार झड़ चुकी थी। फिर हम साथ में नहाये और वो तौलिया लपेट कर अपने कमरे
में गई और मेरे कपड़े उठा कर लाई। मै कपड़े पहन कर वापिस अपने घर चला गया।
तो दोस्तो, आपको कैसी लगी मेरी कहानी। बताना जरूर।










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