FUN-MAZA-MASTI
हेल्लो दोस्तों मैं नंदिनी और मेरी यह कहानी हैं बिलकुल सच्ची और ताज़ी. मैं नैनीताल के पास एक छोटे से गाँव की हूँ और मैं एक रईस खानदान की इकलोती वारिस हूँ. बचपन से ही मुझे बहुत प्यार में पाला गया इसलिए मैं जिद्दी और घमंडी थी. लेकिन मेरा सारा घमंड उस रात एक बूढ़े बिहारी नौकर ने उतार दिया. उसने मुझे अपने लौड़े का गुलाम बना के ही छोड़ा. इस नोकर ने चुदाई की ऐसी जिसे सोच के आज भी मेरी चूत पानी निकाल देती हैं. तब मैं केवल 18 साल की थी और कोलेज में पढ़ती थी.
दीपिका की बर्थ-डे मनाने के दुसरे दिन की बात थी. दीपिका ने बर्थ-डे के दुसरे दिन सभी को खाने की पार्टी दी. सब लोग खाने के बाद 6 से 9 के शो में मूवी देखने के लिए गए. तब मर्डर मूवी लगी थी और हम लोग वही मूवी देखने गएँ. इमरान हाश्मी की किस ने मल्लिका की चूत की क्या हालत की वो तो पता नहीं लेकिन हम तीनो क्लोज़ फ्रेंड दीपिका, टीना और मेरी चूत की तो हालत ख़राब हो गई. अभी हम तीनो वर्जिन थी लंड लेने के मामले में, हाँ हाम मिल के चूत से छेड़खानी जरुर करती थी. मूवी होल में ही दीपिका ने मेरे कान में फुसफुस किया, “साला किस ऐसी करता हैं तो लंड कैसे डालता होंगा ये…!”
मैंने उसे एक चिमटी लेते हुए कहा, “चुप कर पागल कोई सुनेंगा.”
लेकिन उसकी बात में दम तो था. इमरान हाशमी ने सभी की भुत को गिला कर दिया था और ऊपर से वो मल्लिका शेरावत की आहें, माय गोड क्या मूवी थी. 9 बजे के बाद जब घर पहुंची तो बाबु और उन्नति (हमारी कामवाली) डाइनिंग रूम में थे. मैंने उन्हें मोम डेड के बारे में पूछा तो बताया की चोप्रा साहब के वहां जश्न में गए हैं. बाबु को मैंने खाना आधे घंटे के बाद मेरे रूम में ही लगाने को कहा. उन्नति ने मुझे कहा की उसका बेटा बीमार हैं इसलिए वो एक घंटे में वापिस आएँगी. मैं ऊपर अपने कमरे में चली गई और चूत की गर्मी को मिटाने के रस्ते तलाशने लगी. दड्रावर से एक पोर्न मैगज़ीन जिसे मैंने किताबों के बिच में छिपाया था उसे निकाला. बड़े बड़े लंड से चुदती हुई वो गोरियों को देख के भला किसे जलन नहीं होती हैं. मैंने अपनी स्कर्ट को ऊपर किया और अपने पलंग में लेट के चूत को सहलाने लगी. चूत के अंदर आज अलग ही कम्पन थे; थेंक्स टू इमरान हाश्मी. मैं अब चूत के अंदर ऊँगली डाल के अंदर बहार करने लगी. मेरा मन बड़ा ही मचल उठा था. चूत के अंदर ऊँगली देने से अलग ही मजा आ रहा था. मैंने आँखे बंध की और ऊँगली को लंड बना दिया अपने ख्यालों में ही. मुहं से सिसकियाँ भी निकल रही थी वो तो मुझे पता ही नहीं चला….!
बाबु बोला: बेबी जी मुझे लगा की आप शायद बाथरूम में फ्रेश हो रही हैं, सोचा की प्लेट्स लगा दूँ खाना बाद में लगाऊंगा. लेकिन मुझे क्या पता की आप यह सब भी करती हैं, साहब को पता चला तो.
बाबु ने इशारे में ही मुझे यह कह दिया था की वो साहब यानी की मेरे डेड को यह बता सकता हैं. उनकी नजर में आज एक अलग ही भाव था. वो जैसे की कुत्ते की माफिक मुझे देख रहा था. मैंने बाबु की और देखा लेकिन वो मेरे से नजरें बिलकुल नहीं हटा रहा था. और फिर वो जो बोला उस से मेरे होश ही उड़ गएँ, “बीबी जी कहों तो मैं मदद कर दूँ.”
व्हाट ध फ़क….नोकर ने चुदाई की मेरी क्या मैं ऐसा कहूँगी लोगों से. बाबु को ऊपर से निचे देखा और मैं कहने ही वाली थी की जा भाग साले रूम के बहार तू मेरा नोकर हैं. लेकिन बाबु आगे बोला, “वैसे भी साहब को पता चला तो अनर्थ हो जायेंगा. किसी को कहना मत लेकिन मेमसाब को भी हम कभी कभी ऐसी हालत में मदद किया हूँ.”
बाप रे यह तो बड़ी हस्ती लग रही थी जो मुझे कह रहा था की मेरी माँ की चनोकर ने चुदाई की हुई थी. लेकिन यह कहते हुए उसके मुहं पे बिलकुल सहज भाव थे, मतलब की कोई बनावट नहीं थी. मैंने बाबु को देखा और उसने ट्रे को निचे रख दिया और मुझे कोई मोका मिले उसके पहले ही अपनी पतलून की ज़िप खोल दी. उसने अपना लंड निकाला जिसे देख के मैं चकरा सी गई. उसका लंड किसी पोर्न स्टार के जैसा था चौड़ा सुपाड़ा और लंड की लम्बाई कम से कम 8 इंच थी और अभी बढ़ सकती थी क्यूंकि लंड अभी आधा टाईट था. मैंने एक पल के लिए सोचा की नोकर ने चुदाई की ऐसा किसी को कहना थोड़ी हैं, बस उसे चोद के मजे लेने हैं अपनी चूत के अंदर इस बड़े से लौड़े के…
बाबू का आधा खड़ा लंड देख के मैं गीली हो गई. वैसे भी मर्डर ने गिला तो कब से किया हुआ था. मैंने सोचा की इस लंड को ले लूँ तो भी किसी को क्या पता चलेगा. बाबू किसी को कहेंगा नहीं जब तक मैं उसे मजे देती रहूँ. वैसे भी दीपिका और टीना को मैंने कई बार कहते सुना हैं की असली चुदाई का मजा तो बूढ़े लोग ही दे सकते हैं क्यूंकि उन्हें अनुभव होता हैं जिसका फायदा वो देते हैं. बाबू की आँखों में नशा था और उसका खड़ा लंड जैसे मुझे अपनी और बुला रहा था. मैंने आगे बढ़ के उसके लंड को हाथ में पकड़ा और बाबू की सिसकी निकल पड़ी.
बाबू: बेबी जी बहुत मजा आ रहा हैं आप के नर्म नर्म हाथो से जब आप इस छू रहे हो.
बाबू को भी मेरे जवान चुन्चो के साथ बहुत मजा आ रहा था तभी तो मैं देख रही थी की उसका खड़ा लंड और भी बड़ा हो रहा था हर मिनिट के बाद. बाबू ने अब मेरी स्कर्ट के साइड में हाथ डाला और उसे ऊपर कर दिया. मेरी स्कर्ट मेरी गांड के ऊपर उठा के उसने उसे मेरी टी-शर्ट के साथ खोस दिया. अब मैं अपनी सेक्सी पेंटी उसे दिखा रही थी. बाबू का हाथ मेरी चूत और गांड के ऊपर फिर रहा था और वो अपने लंड को बिच बिच में हिला रहा था.
बाबू: तुम मेरे आने के टाइम पे कुछ देख रही थी ना सेक्सी फोटू वाला वो निकालो ना.
मैंने मनोमन सोचा की साल सब देख रहा था. मैंने सेक्स मैगज़ीन खोली और उसने एक एक फोटो को देखा. उसने फोटो देखते देखते मेरा हाथ अपने लंड पे रखवा दिया था. मैं उसका खड़ा लंड सहला रही थी और वो फोटो को देख के मस्ती ले रहा था. तभी उसने मेरी और एक फोटो रखा और बोला, “चलो मेरे लिए ऐसा करो…!”
बाप रे वो फोटो तो हार्डकोर ब्लोजोब की थी जिसमे एक गोरी ने 9 इंच का खड़ा लंड अपने मुहं में लिया था और उसकी नाक के ऊपर लंड के टट्टे छू रहे थे. मैंडर गई की कहीं बाबू मेरी चूत फाड़ ना दे आज. मैंने उसे कहा, “नहीं मुझ से यह नही होंगा, आप का बहुत मोटा हैं.”
बाबू: पहले मेमसाब भी ऐसा कहती थी लेकीन अब उसे यह करने में ही बड़ा मजा आता हैं.
अब बाबू मेरे मुहं से अपना लौड़ा पूरा बहार निकाल के वापिस अंदर कर रहा था. उसके लौड़े के उपर से चिकने थूंक की बुँदे ऐसा करने से निचे गिर थी. मुझे और बाबू दोनों को मजा आ रहा था.
बाबू ने अब मुझे मुहं में अपना खड़ा लंड देना बंध किया और उसने मुझे बिस्तर में उल्टा लिटा दिया. वो मेरे पीछे आ गया और मेरी गांड को खोला. मैं कुछ समझू उसके पहले उसकी जबान मेरे गांड के छेद पे आ गई. वो मेरी गांड चाट रहा था और नाक को उठा के बिच बिच में उसे सूंघ भी रहा था. उसके गांड चाटने से मेरे तनबदन में जैसे की आग लग रही थी. मैं चाहती थी की बाबू अब अपना लंड मेरी चूत में डाल दे और मेरी मस्त चुदाई कर दे. लेकिन मैं उसे कुछ कह नहीं सकती थी…!
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बूढा बिहारी नोकर
हेल्लो दोस्तों मैं नंदिनी और मेरी यह कहानी हैं बिलकुल सच्ची और ताज़ी. मैं नैनीताल के पास एक छोटे से गाँव की हूँ और मैं एक रईस खानदान की इकलोती वारिस हूँ. बचपन से ही मुझे बहुत प्यार में पाला गया इसलिए मैं जिद्दी और घमंडी थी. लेकिन मेरा सारा घमंड उस रात एक बूढ़े बिहारी नौकर ने उतार दिया. उसने मुझे अपने लौड़े का गुलाम बना के ही छोड़ा. इस नोकर ने चुदाई की ऐसी जिसे सोच के आज भी मेरी चूत पानी निकाल देती हैं. तब मैं केवल 18 साल की थी और कोलेज में पढ़ती थी.
उस नोकर का नाम तो पता नहीं क्या था लेकिन घर में उसे सब बाबु कह के ही बुलाते थे. बाबु की उम्र कुछ 50 के करीब होंगी. हल्का सा काला रंग, सफ़ेद लटें और तम्बाकू को वो होंठ के पीछे डेड के डर से छिपा के रखता था. बाबु का काम डाइनिंग टेबल सजाना और बाग़ में पानी देना था लेकिन उसके लंड ने मेरी चूत में पानी छोड़ा उस रात को. तो चलें उस रात की बात जब नोकर ने चुदाई की मेरी अक्षत योनी की.
दीपिका की बर्थ-डे मनाने के दुसरे दिन की बात थी. दीपिका ने बर्थ-डे के दुसरे दिन सभी को खाने की पार्टी दी. सब लोग खाने के बाद 6 से 9 के शो में मूवी देखने के लिए गए. तब मर्डर मूवी लगी थी और हम लोग वही मूवी देखने गएँ. इमरान हाश्मी की किस ने मल्लिका की चूत की क्या हालत की वो तो पता नहीं लेकिन हम तीनो क्लोज़ फ्रेंड दीपिका, टीना और मेरी चूत की तो हालत ख़राब हो गई. अभी हम तीनो वर्जिन थी लंड लेने के मामले में, हाँ हाम मिल के चूत से छेड़खानी जरुर करती थी. मूवी होल में ही दीपिका ने मेरे कान में फुसफुस किया, “साला किस ऐसी करता हैं तो लंड कैसे डालता होंगा ये…!”
मैंने उसे एक चिमटी लेते हुए कहा, “चुप कर पागल कोई सुनेंगा.”
लेकिन उसकी बात में दम तो था. इमरान हाशमी ने सभी की भुत को गिला कर दिया था और ऊपर से वो मल्लिका शेरावत की आहें, माय गोड क्या मूवी थी. 9 बजे के बाद जब घर पहुंची तो बाबु और उन्नति (हमारी कामवाली) डाइनिंग रूम में थे. मैंने उन्हें मोम डेड के बारे में पूछा तो बताया की चोप्रा साहब के वहां जश्न में गए हैं. बाबु को मैंने खाना आधे घंटे के बाद मेरे रूम में ही लगाने को कहा. उन्नति ने मुझे कहा की उसका बेटा बीमार हैं इसलिए वो एक घंटे में वापिस आएँगी. मैं ऊपर अपने कमरे में चली गई और चूत की गर्मी को मिटाने के रस्ते तलाशने लगी. दड्रावर से एक पोर्न मैगज़ीन जिसे मैंने किताबों के बिच में छिपाया था उसे निकाला. बड़े बड़े लंड से चुदती हुई वो गोरियों को देख के भला किसे जलन नहीं होती हैं. मैंने अपनी स्कर्ट को ऊपर किया और अपने पलंग में लेट के चूत को सहलाने लगी. चूत के अंदर आज अलग ही कम्पन थे; थेंक्स टू इमरान हाश्मी. मैं अब चूत के अंदर ऊँगली डाल के अंदर बहार करने लगी. मेरा मन बड़ा ही मचल उठा था. चूत के अंदर ऊँगली देने से अलग ही मजा आ रहा था. मैंने आँखे बंध की और ऊँगली को लंड बना दिया अपने ख्यालों में ही. मुहं से सिसकियाँ भी निकल रही थी वो तो मुझे पता ही नहीं चला….!
मेरी आँख तब खुली जब ट्रे के ऊपर रखे हुए प्लेट के कांपने का थर थर आवाज आया. आँखे खुली तो मुझे बड़ा झटका लगा. बाबु रूम में आ गया था और उसके हाथ में खाली ट्रे और धोई हुई प्लेट्स थी. मेरी क्या कैफियत रही होंगी जब मेरे सामने मेरा नोकर था और मैंने स्कर्ट को साइड में कर के चूत में ऊँगली डाली होंगी. मैंने फट से ऊँगली निकाल के स्कर्ट सही किया. पोर्न मैगज़ीन को छिपाने के लिए मैं उसके ऊपर ही बैठ गयी. बाबु अभी भी मूझे आँखे फाड़ फाड़ के देख रहा था. मैंने उसे डांटना चाहा, “बाबु, पागल हो क्या तुम, डोर क्नोच्क्क क्यूँ नहीं किया और मैंने एक घंटे में खाना लगाने को कहा था.”
बाबु बोला: बेबी जी मुझे लगा की आप शायद बाथरूम में फ्रेश हो रही हैं, सोचा की प्लेट्स लगा दूँ खाना बाद में लगाऊंगा. लेकिन मुझे क्या पता की आप यह सब भी करती हैं, साहब को पता चला तो.
बाबु ने इशारे में ही मुझे यह कह दिया था की वो साहब यानी की मेरे डेड को यह बता सकता हैं. उनकी नजर में आज एक अलग ही भाव था. वो जैसे की कुत्ते की माफिक मुझे देख रहा था. मैंने बाबु की और देखा लेकिन वो मेरे से नजरें बिलकुल नहीं हटा रहा था. और फिर वो जो बोला उस से मेरे होश ही उड़ गएँ, “बीबी जी कहों तो मैं मदद कर दूँ.”
व्हाट ध फ़क….नोकर ने चुदाई की मेरी क्या मैं ऐसा कहूँगी लोगों से. बाबु को ऊपर से निचे देखा और मैं कहने ही वाली थी की जा भाग साले रूम के बहार तू मेरा नोकर हैं. लेकिन बाबु आगे बोला, “वैसे भी साहब को पता चला तो अनर्थ हो जायेंगा. किसी को कहना मत लेकिन मेमसाब को भी हम कभी कभी ऐसी हालत में मदद किया हूँ.”
बाप रे यह तो बड़ी हस्ती लग रही थी जो मुझे कह रहा था की मेरी माँ की चनोकर ने चुदाई की हुई थी. लेकिन यह कहते हुए उसके मुहं पे बिलकुल सहज भाव थे, मतलब की कोई बनावट नहीं थी. मैंने बाबु को देखा और उसने ट्रे को निचे रख दिया और मुझे कोई मोका मिले उसके पहले ही अपनी पतलून की ज़िप खोल दी. उसने अपना लंड निकाला जिसे देख के मैं चकरा सी गई. उसका लंड किसी पोर्न स्टार के जैसा था चौड़ा सुपाड़ा और लंड की लम्बाई कम से कम 8 इंच थी और अभी बढ़ सकती थी क्यूंकि लंड अभी आधा टाईट था. मैंने एक पल के लिए सोचा की नोकर ने चुदाई की ऐसा किसी को कहना थोड़ी हैं, बस उसे चोद के मजे लेने हैं अपनी चूत के अंदर इस बड़े से लौड़े के…
बाबू का आधा खड़ा लंड देख के मैं गीली हो गई. वैसे भी मर्डर ने गिला तो कब से किया हुआ था. मैंने सोचा की इस लंड को ले लूँ तो भी किसी को क्या पता चलेगा. बाबू किसी को कहेंगा नहीं जब तक मैं उसे मजे देती रहूँ. वैसे भी दीपिका और टीना को मैंने कई बार कहते सुना हैं की असली चुदाई का मजा तो बूढ़े लोग ही दे सकते हैं क्यूंकि उन्हें अनुभव होता हैं जिसका फायदा वो देते हैं. बाबू की आँखों में नशा था और उसका खड़ा लंड जैसे मुझे अपनी और बुला रहा था. मैंने आगे बढ़ के उसके लंड को हाथ में पकड़ा और बाबू की सिसकी निकल पड़ी.
बाबू: बेबी जी बहुत मजा आ रहा हैं आप के नर्म नर्म हाथो से जब आप इस छू रहे हो.
बाप रे इसे तो छूने से ही मजा आने लग गया था. मैंने मुठ्ठी में उसके लंड को दबाया और बाबू की आह निकल गई जैसे. मैंने बाबू के शर्ट के बटन खोल दिए और बाबू ने अपने हाथ से ही शर्ट निकाल फेंका. इस बिच उसका खड़ा लंड तो मेरे हाथ में ही था. मैंने अब बाबू को देखा और उसकी छाती के घने बाल मुझे और भी हॉट करने लगे. मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी छाती पे रख दिया और वहाँ पे सहलाने लगी. बाबू ने मेरी चुन्चियों के ऊपर हाथ रख दिया और वो उसे दबाने लगा. बाबू जोर जोर से चुंचे मसलने लगा और मुझे बूब्स के अंदर हल्का हल्का पैन होने लगा. लेकिन एक मिनिट के बाद ही मेरी निपल्स में जैसे की सुखदायी मजा आने लगा. बाबू जब चूंची को मसलता था मुझे ऐसा लग रहा था की बस वो मेरे बूब्स ऐसे ही मसलता रहे.
बाबू को भी मेरे जवान चुन्चो के साथ बहुत मजा आ रहा था तभी तो मैं देख रही थी की उसका खड़ा लंड और भी बड़ा हो रहा था हर मिनिट के बाद. बाबू ने अब मेरी स्कर्ट के साइड में हाथ डाला और उसे ऊपर कर दिया. मेरी स्कर्ट मेरी गांड के ऊपर उठा के उसने उसे मेरी टी-शर्ट के साथ खोस दिया. अब मैं अपनी सेक्सी पेंटी उसे दिखा रही थी. बाबू का हाथ मेरी चूत और गांड के ऊपर फिर रहा था और वो अपने लंड को बिच बिच में हिला रहा था.
बाबू: तुम मेरे आने के टाइम पे कुछ देख रही थी ना सेक्सी फोटू वाला वो निकालो ना.
मैंने मनोमन सोचा की साल सब देख रहा था. मैंने सेक्स मैगज़ीन खोली और उसने एक एक फोटो को देखा. उसने फोटो देखते देखते मेरा हाथ अपने लंड पे रखवा दिया था. मैं उसका खड़ा लंड सहला रही थी और वो फोटो को देख के मस्ती ले रहा था. तभी उसने मेरी और एक फोटो रखा और बोला, “चलो मेरे लिए ऐसा करो…!”
बाप रे वो फोटो तो हार्डकोर ब्लोजोब की थी जिसमे एक गोरी ने 9 इंच का खड़ा लंड अपने मुहं में लिया था और उसकी नाक के ऊपर लंड के टट्टे छू रहे थे. मैंडर गई की कहीं बाबू मेरी चूत फाड़ ना दे आज. मैंने उसे कहा, “नहीं मुझ से यह नही होंगा, आप का बहुत मोटा हैं.”
बाबू: पहले मेमसाब भी ऐसा कहती थी लेकीन अब उसे यह करने में ही बड़ा मजा आता हैं.
बाबू कह रहा था की मोम भी उसके पास चुदाई करवाती हैं. मेरा दिल यह नहीं मान रहा था लेकिन वो बड़े ही आत्मविश्वास के साथ कह रहा था इसलिए थोडा डाउट तो होता ही था. बाबू अपना लंड मेरे मुहं में ठूंसने के चक्कर में ही था और क्यूंकि मेरा ऊंट पहाड़ के निचे था इसलिए मुझे उसका लंड चुसना ही पड़ा. मैंने अपना मुहं खोला और धीरे से उसके सुपाड़ें को चूम लिया. बाबू ने पीछे से मेरी पोनी टेल (बालों की चोटी) पकड़ी और मुहं के अंदर अपना खड़ा लंड पेला. मुझे सच में उस लंड को मुहं में लेने में कठिनाय हो रही थी. लेकिन बाबू के मुहं पर दया नाम की कोई चीज मुझे उस वक्त देखने को नहीं मिल रही थी. मैंने जैसे ही मुहं खोला उसका लंड घर्षण के साथ मुहं में आधा घुस गया. बाबू ने पोनी को और भी जोर से पकड़ा और वो मेरे मुहं में अपना खड़ा लंड जोर जोर से मारने लगा. मुझे बहुत ही दर्द हो रहा था जब उसका लंड मेरे गले को छू लेता था लेकिन अभी इस डंडे को चूसने से बहतर कोई उपाय मेरे पास नहीं था. बाबू ऐसे ही अपना लंड मेरे मुहं में मारता रहा और उसके सुपाड़ें से बिच बिच में दो बूंद चिकना प्रवाही निकल के मेरे गले में भी आता था. मैं ना चाहते हुए भी उसे पी लेती थी और सच कहूँ तो तो दो बार पिने के बाद मुझे ऐसा करने में मजा आने लगा. अब मैं खुद अपनी तरफ से मुहं को हिला के बाबू का खड़ा लंड चूस रही थी. बाबू के बिना कहें अब मैं अपनी जबान को उसके लंड पर फेर रही थी. मुझे मस्ती में आई देख बाबू ने मेरी चोटी की पकड को थोडा ढीला किया.
अब बाबू मेरे मुहं से अपना लौड़ा पूरा बहार निकाल के वापिस अंदर कर रहा था. उसके लौड़े के उपर से चिकने थूंक की बुँदे ऐसा करने से निचे गिर थी. मुझे और बाबू दोनों को मजा आ रहा था.
बाबू ने अब मुझे मुहं में अपना खड़ा लंड देना बंध किया और उसने मुझे बिस्तर में उल्टा लिटा दिया. वो मेरे पीछे आ गया और मेरी गांड को खोला. मैं कुछ समझू उसके पहले उसकी जबान मेरे गांड के छेद पे आ गई. वो मेरी गांड चाट रहा था और नाक को उठा के बिच बिच में उसे सूंघ भी रहा था. उसके गांड चाटने से मेरे तनबदन में जैसे की आग लग रही थी. मैं चाहती थी की बाबू अब अपना लंड मेरी चूत में डाल दे और मेरी मस्त चुदाई कर दे. लेकिन मैं उसे कुछ कह नहीं सकती थी…!
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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