FUN-MAZA-MASTI
बेंक में अपने ऑफिस में बैठे हुए मैं अपनी फ़ाइल ठीक कर रहा था तभी ऑफिस की क्लर्क रजनी जी मेरे पास आई. रजनी को देख के इस से पहले भी मैं पसीना छोड़ चूका हूँ. 32 की उम्र में भी यह सेक्सी इंडियन औरत किसी फाडू बम से कम नहीं हैं. उसका गठीला बदन और सर से आती हेयर ओइल की खुसबू मेरे लौड़े को एकदम टाईट कर देती हैं. रजनी ऑफिस में तीसरे दर्जे की ऑफिसर हैं जिसका चयन 2 साल पहले हुआ था. मैं यहाँ भोपाल में 6 महीने पहले ही आया था इसलिए अभी सही दाने नहीं डाल पाया था. कम लोग जानते हैं की मेरा यह तबादला इसलिए हुआ था की मुझ पे पिछले बेंक में एक फिमेल कर्मचारी के साथ चोदते हुए पकडे जाने का आरोप था. खेर साबित कुछ हुआ नहीं इसलिए उन्होंने मुझे यहाँ भोपाल भेज दिया लेकिन मैं भी माहिर खिलाडी हूँ मुझे पता हैं की किसे चोदना हैं और कैसे.
मैं: आओ आओ….!
रजनी ने अंदर आके अपनी गोल मटोल गांड को चेयर पे धर दिया और बैठ पड़ी. मेरी कुतिया नजर उसके क्लेवेज पे बार बार जाती थी.
रजनी: सर आप के पास एक विनंती ले के आई हूँ, मुझे आप से बहुत उम्मीद हैं.
मैं: बोलो क्या हुआ.
रजनी: सर आप तो जानते ही हैं की मैं और मेरे पति इसी बेंक पे काम करते हैं. (वैसे मैं नहीं जानता था) लेकिन 1 साल पहले उनका तबादला नीमच हो गया हैं. मुझे कल उनका फोन आया था की नीमच में एक क्लर्क की जगह हैं और इन्टरनल तबादले से मैं वहाँ जा सकती हूँ. लेकिन उसके लिए आप के अनुमोदन की आवश्यकता रहेंगी. सर मेरी फेमली सफर कर रही हैं और अगर आप हेल्प कर देंगे तो बड़ी महरबानी होंगी.
मैंने अपने सर को खुजाया. वैसे इस ब्रांच में स्टाफ ज्यादा ही था और मुझे भी हेड-ऑफिस से लेटर आया था इस बारे में. लेकिन मेरा फायदा भी तो होना चाहियें ना इस सब में. मुझे लगा की यही अच्छा मौका हैं रजनी की सेक्सी इंडियन चूत मारने का इस से अच्छा मौका शायद ही जिन्दगी में फिर कभी आयेंगा. मैंने अपने गले को साफ़ किया.
मैं: रजनी जी आप जैसे होनहार और काबिल वर्कर के तबादले के लिए मैं कैसे अनुमोदन दूँ! मुझे किसी एक का चयन करना हैं और मैं गुप्ता जी के बारें में सोच रहा था.
मैंने बस ऐसे ही एक नाम दिया था, दरअसल किसी के बारे में भी मैंने सोचा नहीं था. मैं बस रजनी को बेताब और विवश करना चाहता था ताकि वो मेरी जाल में फंस सके. ऐसी सेक्सी इंडियन औरतें चुदवाने में बड़ी ही माहेर होती हैं और उन्हें चोदने के लिए थोड़े बहुत हथकंडे करने पड़ते हैं. मैंने देखा की रजनी के माथे पर बल पड़ गए और वो थोड़ी भावुक सी हो गई.
रजनी: सर प्लीज़ इस तबादले की मुझ से ज्यादा आवश्यकता किसी और को नहीं हैं आप प्लीज़ मुझे कंसीडर करे. अगर आप चाहें तो हम कुछ ले दे के भी इस मामले को सेटल कर सकते हैं.
मैं जूठे वाला गुस्सा कर के बोला: क्या आप मुझे रिश्वतखोर समझ रही हैं.
रजनी: सर मेरा मतलब वो नहीं था.
मैं: तो फिर आप क्या दे सकती हैं मुझे?
इस सवाल से रजनी के दिमाग को खलबली आनी ही थी. उसके पास जवाब नहीं था.
उसकी जबान बोल नहीं पा रही थी. मैंने एकबार और उसके सेक्सी इंडियन चुंचे
देखें ताकि उसे भी हिंट मिले. उसने मेरी और देखा और मैं वही उसके बूब्स को
देख रहा था. कसम से एक एक बूब की साइज़ किसी दूध की थेली से कम नहीं थी. कम
से कम 1 लिटर दूध की क्षमता थी उसमे. रजनी ने देखा की मैं उसकी छाती पे ही
देख रहा हूँ. और इस चालाक सेक्सी इंडियन औरत ने तभी अपनी साडी का पल्लू
बहाने से निचे किया. बाप से अब तो उसका क्लेवेज साफ़ दिख रहा था मुझे. मैंने
उसकी और देखा और उसने मेरी और. वो भी जान गई थी की मुझे क्या चाहिए था और
शायद वो उसके लिए रेडी थी.
रजनी: सर प्लीज़ बताएं की आप को क्या चाहियें?
मैं उसके बूब्स को ही देखता रहा.
मैं: क्या तुम्हें पता नहीं चला की मुझे क्या चाहियें?
रजनी के होंठो पे हलकी सी मुस्कान आई. और यह हॉट इंडियन औरत बोली, “फिर मुझे तबादला फट से कर के देंगे ना आप?”
मैंने अपनी जीभ को होंठो पे फेर के उन्हें गिला किया, उत्तेजना के चलते वो सूख गए थे.
मैं: दुसरे ही दिन लेटर ले लेना अनुमोदन का, या उसी बिस्तर पे साइन कर के दे दूंगा.
रजनी: सर ठीक हैं जैसा आप उचित समझे, वैसे मैं मीरा नगर में रहती हूँ 21 नम्बर के मकान में. कामवाली शाम के 7:30 बजे जाती हैं फिर मैं अकेली ही रहती हूँ.
मैं: मैं बियर ले के आऊँ तुम्हारे लिए या कोल्डड्रिंक?
रजनी ने हंस के हाथ से खम्बे वाला साइन किया.
उस दिन साली शाम होने का नाम ही नहीं ले रही थी. मैं बेताब था इस हॉट और सेक्सी इंडियन चूत में अपना लंड गाड़ने के लिए. कुछ कर के शाम के 6:15 को ऑफिस से निकला और घर जा के फट से नाहा के रेडी हुआ. 6:45 को घर से निकल के मैंने पहले ब्लेकलेबल की छोटी बोतल ली और फिर उसी बार में बैठ के एक ग्लास ठंडी बियर भी पी ली. घडी का काँटा जैसे ही 7:30 पे गया मैं उठ के निकला और मीरा नगर का ऑटो किया.
डोरबेल बजाते ही दरवाजा खुला. सामने रजनी थी जो अज क़यामत लग रही थी. उसके सेक्सी इंडियन बूब्स खुली हुई नाईट गाउन में और भी सेक्सी लग रहे थे. इस पारदर्शक गाउन के पीछे उसकी सफ़ेद ब्रा साफ़ दिख रही थी. उसने मुझे हंस के अंदर लिया. वो मेरे आगे चल रही थी और मेरी नजर उसकी सेक्सी इंडियन गांड पे थी. एक एक कुल्हा ऐसे मटक रहा था जैसे की क़यामत आने वाली हों
मेरी नजर रजनी की बड़ी गांड पे ही थी. वो आगे चलती गई और कुछ ही देर में वो किचन के पास वाले होल में बैठ गई. वहाँ पे पहले से ही दो कुर्सी और एक टेबल लगा हुआ था. मैंने अपने कोट की जेब से व्हिस्की निकाली और रजनी ने उसे देख के अपनी आँखों को चोंधा दिया. मेरी नजर रजनी के पारदर्शक गाउन से निचे उतर के उसकी बड़ी बड़ी चुंचियां देख रही थी. रजनी ने दो ग्लास लगाये और मैंने दो पेग बनाए. रजनी और मैंने साथ ही में ड्रिंक की और मैं उससे इधर उधर की बातों के साथ सेक्स की बातें भी करने लगा.
रजनी: ही ही ही…मैं तो वाइल्ड सिन्स में दिलचस्पी रखती हूँ जैसे मुझे पीछे से कोई बाल पकड के चोदें या फिर गोदी में बिठा के मुझे बहुत जोर जोर से उछाला जाएँ.
मैं जान गया की यह औरत की गांड और बड़ी चुंचियां क्यूँ हैं. वो एक सेक्सी औरत थी जिसे सेक्स करना अच्छा लगता था. मुझे पहली बार लगा की मैंने उसे पाने में देर कर दी हैं. साला मैं तो अनुमोदन पत्र का प्रोमिस भी कर चूका था. खेर अब जो वादा किया वो निभाना पड़ेंगा, बड़े लोग कह के गए हैं. मैंने बातों बातों में ही अपने हाथ आगे किये और रजनी की बड़ी चुंचियां एक दो बार ड्रिंक लेते लेते ही मसल दी. वो कुछ नहीं बोली और मैं उठ खड़ा हुआ. उसके समीप जाके मैंने उसके लूज़ गाउन को ऊपर से खिंच लिया. बाप रे वो बड़ी चुंचियां तो क़यामत लग रही थी. रजनी ने पीछे हाथ कर के अपने ब्रा का हुक खोला और उसके बूब्स अब मेरे बिलकुल सामने थे.
मैंने अब अपनी पेंट को खोला और साथ ही ऊपर के कोट को भी दूर कर दिया. रजनी अपनी बड़ी चुंचियां हिलाती हुई सीधे मेरे घुटनों के पास आ बैठी. उसने धीरे से मेरी चड्डी को हटाया और शिश्न यानी की लंड को बहार निकाल दिया. मेरा 9 इंच का तोता देख के उसके तो होश ही उड़ गए जैसे.
रजनी: सर आप का तो बहुत बड़ा हैं.
मैं: रानी जितना बड़ा होंगा तुझे उतना ही मजा आयेंगा ना. इसे अपने मुहं में ले ले, जिस जिस रंडी को मैंने चूसाया हैं उसने इसका मीठा होने का जिक्र भी किया हैं.
और इतना कह के मैंने रजनी के माथे को अपनी और खिंच लिया. रजनी ने मुहं को खोल के लंड को धीरे से मुहं में लिया. अभी उसके मुहं के अंदर सिर्फ सुपाड़ा ही गया था लेकिन कसम से जो मजा आया उसका जिक्र नहीं कर सकता मैं. उसने सुपाड़ें को चास्स्स की आवाज से झटके से चूसा और मुझ सुपाड़ें में झुनझुनी सी दौड़ गई. रजनी ने अब मुहं को थोडा और खोला और लंड को मुहं में आधा डाल दिया. वो लंड के निचे के हिस्से को अपने हाथ से हिला रही थी और ऊपर के हिस्से को अपने मुहं में जोर जोर से चूस रही थी. इतना अच्छा ब्लोजोब मिलेगा उसका मुझे जरा भी अंदाजा नहीं था. रजनी मेरे लंड और बोल्स को दबाते हुए लंड को कुछ देर ऐसे ही चूसती रही.
भला यह आमन्त्रण कौन खारिज कर सकता हैं. मैंने रजनी को वहीँ निचे लिटा दिया. मैं उसके पेट के ऊपर चढ़ के अपने लंड को उसके बूब्स के बिच में सेट करने लगा. रजनी ने लंड को दोनों बड़ी चुन्चियों के बिच में रगडा और फिर वो बड़ी चुंचियां मेरे लंड पे दबा दी. मैंने उसके क्लेवेज पे ढेर सा थूंक दिया ताकि लंड रगड़ने में चिकनाहट की कमी ना हो. रजनी अपने बूब्स जोर से दबाए हुए थी और मैं उसके चुंचे चोदने लगा. रजनी को भी यह चुंचे चुदाई से बड़ा मजा आ रहा था. मैंने चुन्चो के ऊपर और भी जोर जोर से झटके मारे और चुन्चो की चुदाई कम से कम 10 मिनिट तक की. चुन्चों के ऊपर घिसने से मेरा लंड पूरा लाल हो चूका था. अब मैं रजनी की चूत लेना चाहता था, जिसका मुझे कब से इन्तजार था.
मैं अपना लंड चुन्चो से निकाल के खड़ा हुआ. वो बड़ी चुंचियां अभी भी बड़ी सेक्सी लग रही थी. रजनी ने अब अपनी चूत के ऊपर थोडा सा थूंक लगाया और उसे रगड़ने लगी. मैं अपने लंड को पकड के उसकी चूत के ऊपर रख दिया. रजनी ने मेरे लौड़े को अपने हाथ से चूत के छेद पे सेट कर दिया. रजनी का बुर बड़ा ही गरम और टाईट लग रहा था. जैसे ही मैंने एक झटका मारा मेरा लंड उस गरम छेद के अंदर एक ही झटके में पूरा घुस गया. रजनी के मुहं से आह निकल गई और मुझे चुदाई का असीम आनंद मिला
रजनी की चूत के अंदर लंड जैसे ही घुसा मुझे अपने लंड की सभी और गर्मी और रोमांच का अनुभव होने लगा. रजनी की चूत के अंदर लंड सही टाईट बैठ चूका था और वो भी मेरे लंड को और जोर से जकड़ के मुझे नया रोमांच देने में मगन थी. मैंने फिर से उसके बड़े बूब्स पकडे और उन्हें दबाते हुए उसकी चूत के अंदर अपने लंड को आगे पीछे करने लगा. रजनी के मुहं से आह आह ओह ओह की आवाजें लगातार आ रही थी और वो मुझे जोर जोर से छोड़ने के लिए आह्वान कर रही थी.
मैं रजनी के बाल खींचे और उसे ऐसे लंड के झटके दिए जैसे उसकी चूत को लंड से फाड़ डालनी हो.
मैं: ले मेरी रंडी, मादरचोद, बेन्चोद, ले मेरा लंड. ले अपनी दो टके की चूत में मेरा महाराज के जैसा लोड़ा. और जोर से चीख साली रंडी मुझे बहुत मजा आ रहा हैं.
और रंडी बनी रजनी सच में जोर जोर से मेरे लंड के ऊपर झटके मारने लगी. मैं वो बड़े बूब्स और भी जोर जोर से कस के दबा रहा था और उसे और भी जोर से चोदने लगा था. रजनी मेरे लौड़े को अपनी चूत की गहराई तक लेती थी और फिर एक झटके में वो सिर्फ सुपाडे को अंदर रख के बाकी के पुरे लंड को बहार निकाल देती थी. मुझे और रजनी दोनों ही को इस सेक्स आसन से मजा आ रहा था. रजनी जोर जोर से कुल्हें हिला रही थी और मैं उसके बड़े बूब्स को कस के दबा के लंड का सारा प्रेशर उसकी चूत को दे रहा था.
कुछ 5 मिनिट ऐसी हार्ड चुदाई के बाद रजनी थोड़ी थकी सी लगी. उसने अपने कुल्हें हिलाने की गति को काफी कम कर दिया और मैंने भी उसके बड़े बूब्स के ऊपर की अपनी ग्रिप को थोडा लूज़ किया. मैंने उसे पूछा, “क्या हुआ मेरी रंडी इतनी जल्दी थक कैसे गई.?”
रजनी ने कहा, “थका कोई नहीं हैं सर, पोजीशन बदल के करते हैं. मुझे उल्टा कर के चोदिये ना. ऐसा करने से मेरी चूत की गहराई तक लंड जायेंगा.”
रजनी के प्रस्ताव से मैं तुरंत सहमत हुआ और मैंने अपना लंड निकाल लिया. रजनी ने अपने बड़े बूब्स मेरे मुहं में चखने के लिए दिए. और फिर वो तुरंत उलटी हो गई. मैंने उसकी गांड को पकड के फैला दिया और पीछे से उसकी चूत के छेद पे थूंक दिया. रजनी ने पीछे हाथ ले के मेरा लंड पकड़ा और उसे अपनी चूत की और ले गई. मैंने उसकी गांड को अभी भी फैला के रखा हुआ था. रजनी ने लंड को अपनी चूत के होंठो के ऊपर मसला और फिर बोली, “डाल दीजिए सर, मैं और बर्दास्त नहीं कर सकती हूँ.”
रजनी के इतना कहते ही मैंने एक जोर का झटका दे के अपना लंड रजनी की चूत के आरपार कर दिया. रजनी की आह निकल पड़ी और उसने मुझे जांघ के पास से पकड लिया. “सर जरा धीरे से मेरी चूत फाड़ दोगे क्या.?”
“आज तो तेरी चूत और गांड दोनों फाड़ना हैं मुझे. तबादले के बाद तू घंटा अपनी चूत देंगी मुझे.” मैंने एक जोर का झटका चूत में मारते हुए कहा.
रजनी हंस पड़ी और बोली, “सर सेल्स मिट में तो हम मिलेंगे ना. उस वक्त चोद लेना मुझे होटल में.” रजनी अपने कुलहो को उठा के हिलाने लगी और बोली.
मैंने उसकी गांड के ऊपर एक चमाट मारी और हाथ आगे कर के उसके बड़े बूब्स मसल दिए. फिर मैं ऊपर उठ के उसकी चूत को और भी जोर जोर से चोदने लगा. रजनी के मुहं से आह आह का प्रवाह निरंतर निकल रहा था. मैंने तभी रजनी की गांड के छेद को देखा. उसका पिछवाड़े का छेद मस्त ब्राउन और साफ़ था. शायद उसने पिछवाड़े के छेद के पास से बाल निकालें थे. मैंने अपनी बड़ी ऊँगली उसके ऊपर रख दी और हलके से अंदर की. रजनी की ऊऊऊउ निकल पड़ी लेकिन उसने मेरी इस क्रिया का विरोध नहीं किया. मैं समझ गया की यह देसी रंडी को भी गांड में लेने में शायद मजा ही आता हैं. मैंने अपने लंड की शाफ्ट पे ऊँगली घिस के उसकी चूत की चिकनाहट ली. वो चिकनाहट को मैंने उसके गांड के छेद पे घिस दिया. एक दो बार ऐसा करने से उसकी गांड का छेद ढीला और गिला हो गया. मैं अब रजनी की गांड मारने का मन बना चूका था.
“मादरचोद ने मेरी गांड फाड़ दी, उईईइ माँ मैं मर गई रे….!”
लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी. मैंने उसकी गांड पे चमाट मारी और मैं लंड को उसकी गांड के अंदर बहार करने लगा. रजनी के बड़े बूब्स हवा में इधर उधर हो रहे थे और वो मेरे लंड की मार अपनी गांड में ले रही थी. रजनी की साँसे फुल चुकी थी और उस से अब हिला भी नहीं जा रहा था. मैं अपने तगड़े लंड की उसकी गांड की गहराई तक डाल के जब बहार निकालता था तो उसकी आह निकल जाती थी. मुझे चूत से ज्यादा गांड की चुदाई में मजा आ रही थी. रजनी को स्वस्थ होने में काफी समय लगा. और फिर वो भी अपनी गांड और बड़े बूब्स उठा उठा के लंड के ऊपर उछलने लगी. मैंने भी निचे से उसकी गांड को कस कस के मारना चालू कर दिया.
और इस खिंचातानी में मेरा वीर्य निकल के उसकी गांड को भरने लगा. रजनी ने गांड को जोर से दबा के सारे वीर्य को अंदर ही ले लिया और वो वही लेट गई. मैंने लंड निकाल के अपने कपडे पहने और सिगरेट सुलगा के कस लेने लगा. रजनी एक मिनिट के बाद उठी और उसने मेरे मुहं से सिगरेट निकाल के एक कस लिया और बोली, “सर आप तबादले के पेपर पे साइन कब करेंगे?”
मैंने खिन्न स्वर में कहा, “कल सुबह में ही.” मैं नहीं चाहता था ऐसा भारी माल मेरी ब्रांच से कही और जाएँ.
रजनी ने उसके बाद जो कहा वो मेरी समझ में एकदम से नहीं आया. वो बोली, “सर आप ने तो कहा था की आप को अच्छे वर्कर की जरुरत हैं. फिर आप साइन ना करें प्लीज़.”
मैं समझू उसके पहले ही वो बोली, “आज एक अरसे के बाद मैं भी तृप्त हुई हूँ और मैं चाहती हूँ की आप के पास ही रहूँ. मेरा पति सामजिक चीजों में मेरी मदद करेंगा लेकिन शरीर की भूख तो आप के जैसा मर्द ही पूरी कर सकता हैं…!”
रजनी आज भी मेरी ब्रांच में हैं और मुझे अपनी चूत, बड़े बूब्स और गांड का मजा देती हैं. मैं उसे जब चाहें तब छुट्टी सेंक्सन कर देता हूँ ताकि उसके पति को भी हड्डी के बचेकुचे टुकड़े मिलते रहे….!
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बेंक में अपने ऑफिस में बैठे हुए मैं अपनी फ़ाइल ठीक कर रहा था तभी ऑफिस की क्लर्क रजनी जी मेरे पास आई. रजनी को देख के इस से पहले भी मैं पसीना छोड़ चूका हूँ. 32 की उम्र में भी यह सेक्सी इंडियन औरत किसी फाडू बम से कम नहीं हैं. उसका गठीला बदन और सर से आती हेयर ओइल की खुसबू मेरे लौड़े को एकदम टाईट कर देती हैं. रजनी ऑफिस में तीसरे दर्जे की ऑफिसर हैं जिसका चयन 2 साल पहले हुआ था. मैं यहाँ भोपाल में 6 महीने पहले ही आया था इसलिए अभी सही दाने नहीं डाल पाया था. कम लोग जानते हैं की मेरा यह तबादला इसलिए हुआ था की मुझ पे पिछले बेंक में एक फिमेल कर्मचारी के साथ चोदते हुए पकडे जाने का आरोप था. खेर साबित कुछ हुआ नहीं इसलिए उन्होंने मुझे यहाँ भोपाल भेज दिया लेकिन मैं भी माहिर खिलाडी हूँ मुझे पता हैं की किसे चोदना हैं और कैसे.
रजनी ने नोक किया, “में आई कम इन सर?”
मैं: आओ आओ….!
रजनी ने अंदर आके अपनी गोल मटोल गांड को चेयर पे धर दिया और बैठ पड़ी. मेरी कुतिया नजर उसके क्लेवेज पे बार बार जाती थी.
रजनी: सर आप के पास एक विनंती ले के आई हूँ, मुझे आप से बहुत उम्मीद हैं.
मैं: बोलो क्या हुआ.
रजनी: सर आप तो जानते ही हैं की मैं और मेरे पति इसी बेंक पे काम करते हैं. (वैसे मैं नहीं जानता था) लेकिन 1 साल पहले उनका तबादला नीमच हो गया हैं. मुझे कल उनका फोन आया था की नीमच में एक क्लर्क की जगह हैं और इन्टरनल तबादले से मैं वहाँ जा सकती हूँ. लेकिन उसके लिए आप के अनुमोदन की आवश्यकता रहेंगी. सर मेरी फेमली सफर कर रही हैं और अगर आप हेल्प कर देंगे तो बड़ी महरबानी होंगी.
मैंने अपने सर को खुजाया. वैसे इस ब्रांच में स्टाफ ज्यादा ही था और मुझे भी हेड-ऑफिस से लेटर आया था इस बारे में. लेकिन मेरा फायदा भी तो होना चाहियें ना इस सब में. मुझे लगा की यही अच्छा मौका हैं रजनी की सेक्सी इंडियन चूत मारने का इस से अच्छा मौका शायद ही जिन्दगी में फिर कभी आयेंगा. मैंने अपने गले को साफ़ किया.
मैं: रजनी जी आप जैसे होनहार और काबिल वर्कर के तबादले के लिए मैं कैसे अनुमोदन दूँ! मुझे किसी एक का चयन करना हैं और मैं गुप्ता जी के बारें में सोच रहा था.
मैंने बस ऐसे ही एक नाम दिया था, दरअसल किसी के बारे में भी मैंने सोचा नहीं था. मैं बस रजनी को बेताब और विवश करना चाहता था ताकि वो मेरी जाल में फंस सके. ऐसी सेक्सी इंडियन औरतें चुदवाने में बड़ी ही माहेर होती हैं और उन्हें चोदने के लिए थोड़े बहुत हथकंडे करने पड़ते हैं. मैंने देखा की रजनी के माथे पर बल पड़ गए और वो थोड़ी भावुक सी हो गई.
रजनी: सर प्लीज़ इस तबादले की मुझ से ज्यादा आवश्यकता किसी और को नहीं हैं आप प्लीज़ मुझे कंसीडर करे. अगर आप चाहें तो हम कुछ ले दे के भी इस मामले को सेटल कर सकते हैं.
मैं जूठे वाला गुस्सा कर के बोला: क्या आप मुझे रिश्वतखोर समझ रही हैं.
रजनी: सर मेरा मतलब वो नहीं था.
मैं: तो फिर आप क्या दे सकती हैं मुझे?
रजनी: सर प्लीज़ बताएं की आप को क्या चाहियें?
मैं उसके बूब्स को ही देखता रहा.
मैं: क्या तुम्हें पता नहीं चला की मुझे क्या चाहियें?
रजनी के होंठो पे हलकी सी मुस्कान आई. और यह हॉट इंडियन औरत बोली, “फिर मुझे तबादला फट से कर के देंगे ना आप?”
मैंने अपनी जीभ को होंठो पे फेर के उन्हें गिला किया, उत्तेजना के चलते वो सूख गए थे.
मैं: दुसरे ही दिन लेटर ले लेना अनुमोदन का, या उसी बिस्तर पे साइन कर के दे दूंगा.
रजनी: सर ठीक हैं जैसा आप उचित समझे, वैसे मैं मीरा नगर में रहती हूँ 21 नम्बर के मकान में. कामवाली शाम के 7:30 बजे जाती हैं फिर मैं अकेली ही रहती हूँ.
मैं: मैं बियर ले के आऊँ तुम्हारे लिए या कोल्डड्रिंक?
रजनी ने हंस के हाथ से खम्बे वाला साइन किया.
उस दिन साली शाम होने का नाम ही नहीं ले रही थी. मैं बेताब था इस हॉट और सेक्सी इंडियन चूत में अपना लंड गाड़ने के लिए. कुछ कर के शाम के 6:15 को ऑफिस से निकला और घर जा के फट से नाहा के रेडी हुआ. 6:45 को घर से निकल के मैंने पहले ब्लेकलेबल की छोटी बोतल ली और फिर उसी बार में बैठ के एक ग्लास ठंडी बियर भी पी ली. घडी का काँटा जैसे ही 7:30 पे गया मैं उठ के निकला और मीरा नगर का ऑटो किया.
डोरबेल बजाते ही दरवाजा खुला. सामने रजनी थी जो अज क़यामत लग रही थी. उसके सेक्सी इंडियन बूब्स खुली हुई नाईट गाउन में और भी सेक्सी लग रहे थे. इस पारदर्शक गाउन के पीछे उसकी सफ़ेद ब्रा साफ़ दिख रही थी. उसने मुझे हंस के अंदर लिया. वो मेरे आगे चल रही थी और मेरी नजर उसकी सेक्सी इंडियन गांड पे थी. एक एक कुल्हा ऐसे मटक रहा था जैसे की क़यामत आने वाली हों
मेरी नजर रजनी की बड़ी गांड पे ही थी. वो आगे चलती गई और कुछ ही देर में वो किचन के पास वाले होल में बैठ गई. वहाँ पे पहले से ही दो कुर्सी और एक टेबल लगा हुआ था. मैंने अपने कोट की जेब से व्हिस्की निकाली और रजनी ने उसे देख के अपनी आँखों को चोंधा दिया. मेरी नजर रजनी के पारदर्शक गाउन से निचे उतर के उसकी बड़ी बड़ी चुंचियां देख रही थी. रजनी ने दो ग्लास लगाये और मैंने दो पेग बनाए. रजनी और मैंने साथ ही में ड्रिंक की और मैं उससे इधर उधर की बातों के साथ सेक्स की बातें भी करने लगा.
मैं: तो रजनी तुम्हें सेक्स में क्या उम्मीदें होती हैं मर्द से.
रजनी: ही ही ही…मैं तो वाइल्ड सिन्स में दिलचस्पी रखती हूँ जैसे मुझे पीछे से कोई बाल पकड के चोदें या फिर गोदी में बिठा के मुझे बहुत जोर जोर से उछाला जाएँ.
मैं जान गया की यह औरत की गांड और बड़ी चुंचियां क्यूँ हैं. वो एक सेक्सी औरत थी जिसे सेक्स करना अच्छा लगता था. मुझे पहली बार लगा की मैंने उसे पाने में देर कर दी हैं. साला मैं तो अनुमोदन पत्र का प्रोमिस भी कर चूका था. खेर अब जो वादा किया वो निभाना पड़ेंगा, बड़े लोग कह के गए हैं. मैंने बातों बातों में ही अपने हाथ आगे किये और रजनी की बड़ी चुंचियां एक दो बार ड्रिंक लेते लेते ही मसल दी. वो कुछ नहीं बोली और मैं उठ खड़ा हुआ. उसके समीप जाके मैंने उसके लूज़ गाउन को ऊपर से खिंच लिया. बाप रे वो बड़ी चुंचियां तो क़यामत लग रही थी. रजनी ने पीछे हाथ कर के अपने ब्रा का हुक खोला और उसके बूब्स अब मेरे बिलकुल सामने थे.
मैंने अब अपनी पेंट को खोला और साथ ही ऊपर के कोट को भी दूर कर दिया. रजनी अपनी बड़ी चुंचियां हिलाती हुई सीधे मेरे घुटनों के पास आ बैठी. उसने धीरे से मेरी चड्डी को हटाया और शिश्न यानी की लंड को बहार निकाल दिया. मेरा 9 इंच का तोता देख के उसके तो होश ही उड़ गए जैसे.
रजनी: सर आप का तो बहुत बड़ा हैं.
मैं: रानी जितना बड़ा होंगा तुझे उतना ही मजा आयेंगा ना. इसे अपने मुहं में ले ले, जिस जिस रंडी को मैंने चूसाया हैं उसने इसका मीठा होने का जिक्र भी किया हैं.
और इतना कह के मैंने रजनी के माथे को अपनी और खिंच लिया. रजनी ने मुहं को खोल के लंड को धीरे से मुहं में लिया. अभी उसके मुहं के अंदर सिर्फ सुपाड़ा ही गया था लेकिन कसम से जो मजा आया उसका जिक्र नहीं कर सकता मैं. उसने सुपाड़ें को चास्स्स की आवाज से झटके से चूसा और मुझ सुपाड़ें में झुनझुनी सी दौड़ गई. रजनी ने अब मुहं को थोडा और खोला और लंड को मुहं में आधा डाल दिया. वो लंड के निचे के हिस्से को अपने हाथ से हिला रही थी और ऊपर के हिस्से को अपने मुहं में जोर जोर से चूस रही थी. इतना अच्छा ब्लोजोब मिलेगा उसका मुझे जरा भी अंदाजा नहीं था. रजनी मेरे लंड और बोल्स को दबाते हुए लंड को कुछ देर ऐसे ही चूसती रही.
रजनी ने जैसे ही लंड अपने मुहं से बहार निकाला मैंने उसे कंधे से पकड के खड़ा कर दिया. उसकी बड़ी चुंचियां अब मेरे बिलकुल सामने थी जिन्हें चूसने की लालसा मैं जरा भी रोक नहीं पाया. मेरे होंठ सीधे उसके राईट निपल पे चले गए जिसे मैं जोर जोर से चूसने लगा. रजनी मेरे माथे को पकड के पीछे से दबाने लगी जिसके चलते उसके बूब का अच्छाख़ासा हिस्सा मेरे मुहं में आने लगा. उसके ऐसा करने से मुझे भी और सनक चढ़ने लगी थी. मैं रजनी की बड़ी चुंचियां जोर जोर से चूसने लगा और दबाने भी लगा. रजनी की साँसे फुल गई थी. उसके हाथ मेरी गांड पे थे जिसे वो अपनी और खिंच रही थी. मैंने कुछ 5 मिनिट उसके चुंचे ऐसे ही मजे से चुसे और दबाये और फिर मैंने उन्हें छोड़ दिया. तभी रजनी ने कहा, “सर मुझे मेरी चुन्चियों के बिच में लंड लेना बहुत अच्छा लगता हैं. आप देना चाहोंगे मेरे बूब्स को?”
भला यह आमन्त्रण कौन खारिज कर सकता हैं. मैंने रजनी को वहीँ निचे लिटा दिया. मैं उसके पेट के ऊपर चढ़ के अपने लंड को उसके बूब्स के बिच में सेट करने लगा. रजनी ने लंड को दोनों बड़ी चुन्चियों के बिच में रगडा और फिर वो बड़ी चुंचियां मेरे लंड पे दबा दी. मैंने उसके क्लेवेज पे ढेर सा थूंक दिया ताकि लंड रगड़ने में चिकनाहट की कमी ना हो. रजनी अपने बूब्स जोर से दबाए हुए थी और मैं उसके चुंचे चोदने लगा. रजनी को भी यह चुंचे चुदाई से बड़ा मजा आ रहा था. मैंने चुन्चो के ऊपर और भी जोर जोर से झटके मारे और चुन्चो की चुदाई कम से कम 10 मिनिट तक की. चुन्चों के ऊपर घिसने से मेरा लंड पूरा लाल हो चूका था. अब मैं रजनी की चूत लेना चाहता था, जिसका मुझे कब से इन्तजार था.
मैं अपना लंड चुन्चो से निकाल के खड़ा हुआ. वो बड़ी चुंचियां अभी भी बड़ी सेक्सी लग रही थी. रजनी ने अब अपनी चूत के ऊपर थोडा सा थूंक लगाया और उसे रगड़ने लगी. मैं अपने लंड को पकड के उसकी चूत के ऊपर रख दिया. रजनी ने मेरे लौड़े को अपने हाथ से चूत के छेद पे सेट कर दिया. रजनी का बुर बड़ा ही गरम और टाईट लग रहा था. जैसे ही मैंने एक झटका मारा मेरा लंड उस गरम छेद के अंदर एक ही झटके में पूरा घुस गया. रजनी के मुहं से आह निकल गई और मुझे चुदाई का असीम आनंद मिला
रजनी की चूत के अंदर लंड जैसे ही घुसा मुझे अपने लंड की सभी और गर्मी और रोमांच का अनुभव होने लगा. रजनी की चूत के अंदर लंड सही टाईट बैठ चूका था और वो भी मेरे लंड को और जोर से जकड़ के मुझे नया रोमांच देने में मगन थी. मैंने फिर से उसके बड़े बूब्स पकडे और उन्हें दबाते हुए उसकी चूत के अंदर अपने लंड को आगे पीछे करने लगा. रजनी के मुहं से आह आह ओह ओह की आवाजें लगातार आ रही थी और वो मुझे जोर जोर से छोड़ने के लिए आह्वान कर रही थी.
रजनी: सर और जोर से चोदो मुझे प्लीज़, आप का लंड बड़ा ही प्यारा हैं. मेरी चूत की गहराई तक लंड डालो और मुझे रंडी की तरह चोद दो. सर आप मस्त चोदते हो.
मैं रजनी के बाल खींचे और उसे ऐसे लंड के झटके दिए जैसे उसकी चूत को लंड से फाड़ डालनी हो.
मैं: ले मेरी रंडी, मादरचोद, बेन्चोद, ले मेरा लंड. ले अपनी दो टके की चूत में मेरा महाराज के जैसा लोड़ा. और जोर से चीख साली रंडी मुझे बहुत मजा आ रहा हैं.
और रंडी बनी रजनी सच में जोर जोर से मेरे लंड के ऊपर झटके मारने लगी. मैं वो बड़े बूब्स और भी जोर जोर से कस के दबा रहा था और उसे और भी जोर से चोदने लगा था. रजनी मेरे लौड़े को अपनी चूत की गहराई तक लेती थी और फिर एक झटके में वो सिर्फ सुपाडे को अंदर रख के बाकी के पुरे लंड को बहार निकाल देती थी. मुझे और रजनी दोनों ही को इस सेक्स आसन से मजा आ रहा था. रजनी जोर जोर से कुल्हें हिला रही थी और मैं उसके बड़े बूब्स को कस के दबा के लंड का सारा प्रेशर उसकी चूत को दे रहा था.
कुछ 5 मिनिट ऐसी हार्ड चुदाई के बाद रजनी थोड़ी थकी सी लगी. उसने अपने कुल्हें हिलाने की गति को काफी कम कर दिया और मैंने भी उसके बड़े बूब्स के ऊपर की अपनी ग्रिप को थोडा लूज़ किया. मैंने उसे पूछा, “क्या हुआ मेरी रंडी इतनी जल्दी थक कैसे गई.?”
रजनी ने कहा, “थका कोई नहीं हैं सर, पोजीशन बदल के करते हैं. मुझे उल्टा कर के चोदिये ना. ऐसा करने से मेरी चूत की गहराई तक लंड जायेंगा.”
रजनी के प्रस्ताव से मैं तुरंत सहमत हुआ और मैंने अपना लंड निकाल लिया. रजनी ने अपने बड़े बूब्स मेरे मुहं में चखने के लिए दिए. और फिर वो तुरंत उलटी हो गई. मैंने उसकी गांड को पकड के फैला दिया और पीछे से उसकी चूत के छेद पे थूंक दिया. रजनी ने पीछे हाथ ले के मेरा लंड पकड़ा और उसे अपनी चूत की और ले गई. मैंने उसकी गांड को अभी भी फैला के रखा हुआ था. रजनी ने लंड को अपनी चूत के होंठो के ऊपर मसला और फिर बोली, “डाल दीजिए सर, मैं और बर्दास्त नहीं कर सकती हूँ.”
रजनी के इतना कहते ही मैंने एक जोर का झटका दे के अपना लंड रजनी की चूत के आरपार कर दिया. रजनी की आह निकल पड़ी और उसने मुझे जांघ के पास से पकड लिया. “सर जरा धीरे से मेरी चूत फाड़ दोगे क्या.?”
“आज तो तेरी चूत और गांड दोनों फाड़ना हैं मुझे. तबादले के बाद तू घंटा अपनी चूत देंगी मुझे.” मैंने एक जोर का झटका चूत में मारते हुए कहा.
रजनी हंस पड़ी और बोली, “सर सेल्स मिट में तो हम मिलेंगे ना. उस वक्त चोद लेना मुझे होटल में.” रजनी अपने कुलहो को उठा के हिलाने लगी और बोली.
मैंने उसकी गांड के ऊपर एक चमाट मारी और हाथ आगे कर के उसके बड़े बूब्स मसल दिए. फिर मैं ऊपर उठ के उसकी चूत को और भी जोर जोर से चोदने लगा. रजनी के मुहं से आह आह का प्रवाह निरंतर निकल रहा था. मैंने तभी रजनी की गांड के छेद को देखा. उसका पिछवाड़े का छेद मस्त ब्राउन और साफ़ था. शायद उसने पिछवाड़े के छेद के पास से बाल निकालें थे. मैंने अपनी बड़ी ऊँगली उसके ऊपर रख दी और हलके से अंदर की. रजनी की ऊऊऊउ निकल पड़ी लेकिन उसने मेरी इस क्रिया का विरोध नहीं किया. मैं समझ गया की यह देसी रंडी को भी गांड में लेने में शायद मजा ही आता हैं. मैंने अपने लंड की शाफ्ट पे ऊँगली घिस के उसकी चूत की चिकनाहट ली. वो चिकनाहट को मैंने उसके गांड के छेद पे घिस दिया. एक दो बार ऐसा करने से उसकी गांड का छेद ढीला और गिला हो गया. मैं अब रजनी की गांड मारने का मन बना चूका था.
रजनी की चूत से अब लंड निकाल के मैंने गांड पे रख दिया. वो कुछ करे उसके पहले मैंने एक ही झटके में उस लंड को अंदर किया. रजनी की चीख मेरे कानो में गूंज पड़ी,
“मादरचोद ने मेरी गांड फाड़ दी, उईईइ माँ मैं मर गई रे….!”
लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी. मैंने उसकी गांड पे चमाट मारी और मैं लंड को उसकी गांड के अंदर बहार करने लगा. रजनी के बड़े बूब्स हवा में इधर उधर हो रहे थे और वो मेरे लंड की मार अपनी गांड में ले रही थी. रजनी की साँसे फुल चुकी थी और उस से अब हिला भी नहीं जा रहा था. मैं अपने तगड़े लंड की उसकी गांड की गहराई तक डाल के जब बहार निकालता था तो उसकी आह निकल जाती थी. मुझे चूत से ज्यादा गांड की चुदाई में मजा आ रही थी. रजनी को स्वस्थ होने में काफी समय लगा. और फिर वो भी अपनी गांड और बड़े बूब्स उठा उठा के लंड के ऊपर उछलने लगी. मैंने भी निचे से उसकी गांड को कस कस के मारना चालू कर दिया.
और इस खिंचातानी में मेरा वीर्य निकल के उसकी गांड को भरने लगा. रजनी ने गांड को जोर से दबा के सारे वीर्य को अंदर ही ले लिया और वो वही लेट गई. मैंने लंड निकाल के अपने कपडे पहने और सिगरेट सुलगा के कस लेने लगा. रजनी एक मिनिट के बाद उठी और उसने मेरे मुहं से सिगरेट निकाल के एक कस लिया और बोली, “सर आप तबादले के पेपर पे साइन कब करेंगे?”
मैंने खिन्न स्वर में कहा, “कल सुबह में ही.” मैं नहीं चाहता था ऐसा भारी माल मेरी ब्रांच से कही और जाएँ.
रजनी ने उसके बाद जो कहा वो मेरी समझ में एकदम से नहीं आया. वो बोली, “सर आप ने तो कहा था की आप को अच्छे वर्कर की जरुरत हैं. फिर आप साइन ना करें प्लीज़.”
मैं समझू उसके पहले ही वो बोली, “आज एक अरसे के बाद मैं भी तृप्त हुई हूँ और मैं चाहती हूँ की आप के पास ही रहूँ. मेरा पति सामजिक चीजों में मेरी मदद करेंगा लेकिन शरीर की भूख तो आप के जैसा मर्द ही पूरी कर सकता हैं…!”
रजनी आज भी मेरी ब्रांच में हैं और मुझे अपनी चूत, बड़े बूब्स और गांड का मजा देती हैं. मैं उसे जब चाहें तब छुट्टी सेंक्सन कर देता हूँ ताकि उसके पति को भी हड्डी के बचेकुचे टुकड़े मिलते रहे….!
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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