FUN-MAZA-MASTI
सीता --एक गाँव की लड़की--21
छत पर जैसे ही पहुँचे कि पूजा हमें पीछे से जकड़ती हुई बोली,"भाभी, अब तो कहो...आज कहाँ जाकर कुटाई करवा के आ गई."
मैं हँसते हुए पीछे गर्दन नचाई और बोली,"पागल है क्या? यहाँ किसी को ठीक से जानती नहीं फिर कैसे करवा लूँगी.."
भैया : "अच्छा, तो फिर बिना किए ही तुम्हारे चेहरे पर सेक्स की नशा चढ़ी हुई थी.."
"की नहीं थी पर मजे ले कर आई थी.."मैंने हंसी लाते हुए भैया की तरफ देखते हुए बोली..जिसे सुनते ही पूजा मेरी एक चुची को मसलते हुए बोली,"वॉव,,कौन है वो खुशनसीब जिस पर अपने जवानी के रस छिड़क के आ गई.."
"नाम नहीं पता और ना ही उसे जानती हूँ.."मैं भी सोची अब थोड़ी मजे ले ही लूँ बता कर..
"क्या? मतलब किसी अंजाने को मजे दे कर आई हो..ओफ्फ भाभी...देख रहे हैं ना अपनी लाडली बहन को जी कैसे गुल खिला रही है...ही..ही..ही.."पूजा भैया की तरफ मेरे चेहरे को दूसरे हाथ से करती हुई बोली..
जिसे सुन भैया आगे बढ़ ठीक मेरे सामने से सटते हुए बोले,"हाँ पूजा जी...पर आप भूल रही हैं कि मेरी बहन पहले थी..अब मेरी बहन से पहले आपकी भाभी और मि. श्याम की बीवी हैं..तो आप टेंशन लो..मैं नहीं"
कहते हुए भैया मेरी दूसरी चुची को अपनी चुटकी से रगड़ दिए जिससे मेरी चीख निकल गई...शुक्र है आसपास की छत बिल्कुल खाली थी वरना सभी तक मेरी चीख गूँजती...
"अच्छा तो आप अपनी बहन की नहीं, मेरी भाभी की बैंड बजाते हैं.."पूजा अपनी आँखें नचाती हुई व्यंग्य पूर्ण शब्दों में पूछी..जिसके जवाब में भैया "बिल्कुल" कह अपनी हामी भर दी...
जिसे सुन हम तीनों की हँसी छूट गई..तभी पूजा एक बार फिर से आज की रंगरलिया के बारे में पूछ बैठी..मैंने ओके कहते हुए पूजा को खुद से अलग की और छत की रेलिंग के सहारे पीठ करके खड़ी हो गई...
जिसे देख वो दोनों भी मेरे बाएं-दाएं सट के खड़े हो गए और शांत मुद्रा में मेरी हाल-ए-बयां सुनने का इंतजार करने लगे..
मैंने मुस्कुराते हुए सुबह घर से निकलने से लेकर ऑटो तक हुई हर एक पल का हाल सुनाने लगी..जिसे सुन दोनों की आँखें फटी की फटी रह गई...
उन्हें तो विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं सेक्स की आग में इतनी जल रही थी आज..बस में कई लोगों द्वारा रगड़ाई सुन वो दोनों अपनी सांसें रोक सुन रहे थे...और जब उस बाथरूम वाले की तरफ से दिए 500 रूपए की बात सुने तो हँस हँस के लोटपोट हो रहे थे...साथ ही लंड चुसाई, उसका पानी पीना, रंडी समझना ये सब बातें सुने तो गर्म भी हो रहे थे...
पूजा अपने चूत को ऊपर से ही सेंक रही थी जबकि भैया अपने पैंट के अंदर हाथ डाले हुए थे...मेरी चूत भी पानी के धार छोड़नी शुरू कर दी थी..मैं अपनी जांघों से ही चूत को दबाते हुए बोली जा रही थी..
फिर ऑटो वाले को बीच सड़क पर अपनी निप्पल दिखाई जिसे सुनते ही पूजा धम्म से नीचे बैठ गई और झड़-झड़ पानी बहाने लगी...भैया भी पूरे चरम सीमा पर थे..और जैसे ही मेरी बात पूरी हुई उन्होंने तेजी से अपना घोड़ा निकाल दिया...
और उनका घोड़ा एक पर एक लगातार कई पिचकारी छोड़ने लगा...खुली छत पर उनका 8 इंची लण्ड पूरे छत को गीला करनी शुरू कर दी थी...
अब जब दो ज्वालामुखी भड़क गई हैं तो मैं भला पीछे क्यों रहती...मैं खड़ी खड़ी ही रेलिंग पर सिर टिका झड़ रही थी...कुछ देर तक यूँ सब चुपचाप खड़े रहे...तभी पूजा उठी और हँसते हुए बोली..
पूजा : "भाभी, पता नहीं उन सब की हालत क्या हुई होगी...अभी भी कहती हूँ उनमें से किसी का पप्पू सोया नहीं होगा..ही..ही..ही.."
भैया : "एकदम सही पूजाजी...मेरी तो सिर्फ सुनने भर से ये हालत हो गई..उनके पप्पू पर तो हमला किया गया है...वैसे सीता एक बात बोलूँ.."
मैं अब तक सीधी हो चुकी थी..भैया की तरफ देख हाँ कह उन्हें बोलने का इंडार करने लगी..
भैया : "वो केतन ऑटो वाला 8 बजे तक आने बोला है ना तो तुम चली जाना.."
"नहीं भैया, आज तो आपको छोड़ कर कहीं नहीं जाउंगी.."मैंने साफ मना कर दी क्योंकि भैया आए हैं और इन्हें छोड़ बिना निमंत्रण कहीं जाने की सोच भी नहीं सकती...
भैया : "वही तो मैं कह रहा हूँ जान..8 बजे तक चली जाना तुम दोनों और 10 तक आ जाना..फिर पूरी रात तुम्हारे नाम जानू..."
मैं चौंक सी गई कि 8-8:30 तक श्याम आते हैं..फिर अगर मैं चोरी से भी करूँगी तो एक बार से ज्यादा नहीं कर पाती...हाँ दिन में कर लूँगी पर पूरी रात...
पूजा : " वॉव मतलब इन दो घंटों में उनका काम कर सुबह तक सूला दोगे फिर उनकी बीवी को रात भर बजाएंगे.."
भैया : " बिल्कुल पूजा जी...और बीच बीच में श्याम की बहन की भी...हा..हा...हा.."
मैं और पूजा उनका प्लान सुन शरमा सी गई कि मेरे पति की मौजूदगी में ही मुझे पेलेंगे...थोड़ी सी डर भी होगी कि अगर उन्हें नशा टूट गई तो....पर डर के बीच सेक्स का एक अलग ही मजा होता है..ये तो आज देख ही ली हूँ...
और केतन से भी कुछ करने का मिल जाएगा..मैं बिना कुछ बोले मुस्कुराए जा रही थी..जिसमें मेरी सहमति साफ झलक रही थी...
तभी पूजा की नजर उसी छत पर घूमी हुई दिखी जहां वो दोनों पति-पत्नी रोज शाम को सेक्स करते हैं...पूजा के साथ मैं भी देखी तो ओहह..वो दोनों स्मूच करने में लीन थे..
हम दोनों की नजर का पीछा भैया भी कर दिए..उनकी नजर पड़ते ही वे चौंकते हुए "ओह साला" कह पड़े..
हम दोनों हंस पड़े उनकी बात पर...शायद ये उनका पहला अवसर था किसी को ऐसे खुले में देखने का...मैं बिना भैया की तरफ देखे बोली,"ये दोनों रोज शाम को छत पर खुले में मस्ती करने आते हैं..."
पूजा : " मस्ती बोले तो खुल्लम खुल्ला चुदाई..कुछ ही देर में दोनों भिड़ जाएंगे..देखते रहिएगा बस.."
तभी भैया को पता नहीं क्या सूझी..एक पल में ही मुझे जकड़े और पलक झपकते ही उनके होंठ मेरे होंठ से चिपक गए..मैं सोच भी नहीं पाई थी कुछ...जिसे देख पूजा खिलखिला कर हँस पड़ी...
मैं छूटना चाहती थी पर कुछ ही पल में शां हो गई और किस का साथ देने लगी..करीब 5 मिनट तक लगातार किस करती रही जिससे मेरी चूत एक बार फिर पानी बहाने लगी थी...
और भैया का लंड तो कब से मेरी चूत पर ठोंकरे मार रहा था...किस के बाद भैया मुझे नीचे बैठने के लिए दबाव देने लगे..मैं बैठती हुई भैया से बोली,"भैया प्लीज, अब कुछ नहीं करो ना...अंदर चलो फिर करना.."
पर भैया कुछ सुने बिना ही अपना देहाती गबरू लण्ड बाहर निकाला और मेरे सिर को पकड़ एक ही बार में पूरा लंड ठूस दिया...मैं उबकाई लेती किसी तरह खुद पर काबू पाई और लंड को धीरे धीरे चूसने लगी...
अगले ही पल पूजा ठीक मेरे बगल में खड़ी हुई...लंड मुंह में रखे ही ऊपर नजर की तो देखी भैया अब पूजा को स्मूच किस करते हुए मेरे मुंह में लंड डाले मजे ले रहे थे...
भैया के हाथ मेरे बालों पर महसूस हुई जो अगले पल ही पकड़ में तब्दील हो गई और फिर चला दिए अपनी रेलगाड़ी नो इंट्री वाले क्षेत्र में...
पूजा के होंठो का रसपान करते हुए मेरे मुँह में लंड अंदर बाहर करने लगे...अगले कुछ ही पल में उनकी स्पीड बढ़ने लगी..मेरी सांस उखड़ने लगी थी पर भैया बिना रूके और तेज शॉट मारने लगे थे...
मेरे मुंह से लार बहने लगी थी जिसमें भैया के रस की दुर्गंध आ रही थी..माथे से पसीना टपकती हुई पूरे चेहरे को भिंगों रही थी..अब मेरी मुँह दुखने लगी थी..मैंने पीछे हटने के लिए हल्की दबाव उनके पैर पर डाली तो अगले ही पल पूजा मेरी बगल में बैठी दिखी...
फिर अचानक से लंड बाहर निकला और सीधा पूजा के गले में उतर गई..जो कि इस हमले से पूरी तरह वाकिफ थी..मैं हांफते हुए नीचे सिर झुकाए मुंह से लार जमीन पर गिरा रही थी..बगल में पूजा गूं-गूं करती हुई लंड के तेज धक्के अपने मुख में ले रही थी...
तभी भैया मेरे बाल पकड़े और लंड की तरफ करते हुए बोले,"अण्डे चूस शाली...इतनी जल्दी कोई राण्ड नहीं थकती.." भैया से गाली सुनते ही मेरी जोश दुगनी हो गई और अगले ही पल मेरी जीभ उनके अण्डों से टकराने लगी...
और 8 इंच में से 5 इंच तक लंड पूजा के मुंह में जा रही थी जिससे हमें भी ज्यादा परेशानी नहीं हो रही थी अण्डे को चूसने में...पूरा लण्ड हम दोनों के थूक-लार से भींगी चमक रही थी...
कुछ देर बाद ही भैया अपने सर को आसमान की तरफ कर चीखने लगे और लंड को बाहर खींच अपने हाथों से पकड़ बारी बारी से हम दोनों के चेहरे को भिंगोने लगे...लंड के गर्म पानी महसूस होते ही हम दोनों भी चीखती हुई झड़ रही थी...
उनका लंड इतनी बार झड़ने के बाद भी इतना वीर्य छोड़ा कि हम दोनों के चेहरे कहीं से खाली नहीं बची थी...झड़ने के बाद भी उनका लंड दूसरे लंड की तरह सिकुड़ा नहीं थी...मैंने लंड को मुंह में भर चंद मिनटों में ही साफ कर दी...
फिर भैया मेरी साड़ी से ही अपना लंड पोंछे और लंड अंदर कर रिलेक्स मूड में दूसरे छत पर नजर दौड़ाए...उनकी हंसी निकल गई वहां देख कर...हम दोनों भी झट से खड़ी हो वीर्य से चमकते चेहरे उस छत की तरफ घुमा दी...
ये क्या...वो दोनों आज चुदाई ना कर आँखें फाड़े हमारी तरफ देखे जा रहे थे..हम तीनों हँस पड़े उसे देख..वो दोनों हमारे चेहरे पर पड़ी ढ़ेर सारी वीर्य देख एक-दूसरे की तरफ आश्चर्य से देखे जा रहा था...शायद उन्हें यकीं नहीं हो रहा था कि इतना पानी कैसे निकला एक लंड से...
तभी पूजा मुझे बांहों में जकड़ी और चेहरे की एक एक वीर्य के कतरे को खाने लगी..वो भी उन दोनों को दिखा दिखा कर...उसके बाद मैं भी पूजा के चेहरे पर पड़ी सारी वीर्य को खा कर चट कर दी...
फिर पूजा उन दोनों की तरफ हाथ हिला कर बॉय की और हम तीनों हँसते हुए नीचे आ गए..फिर फ्रेश हुई साथ ही और शादी में जाने के लिए किचन का सारा काम निपटाने घुस गई...
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
सीता --एक गाँव की लड़की--21
छत पर जैसे ही पहुँचे कि पूजा हमें पीछे से जकड़ती हुई बोली,"भाभी, अब तो कहो...आज कहाँ जाकर कुटाई करवा के आ गई."
मैं हँसते हुए पीछे गर्दन नचाई और बोली,"पागल है क्या? यहाँ किसी को ठीक से जानती नहीं फिर कैसे करवा लूँगी.."
भैया : "अच्छा, तो फिर बिना किए ही तुम्हारे चेहरे पर सेक्स की नशा चढ़ी हुई थी.."
"की नहीं थी पर मजे ले कर आई थी.."मैंने हंसी लाते हुए भैया की तरफ देखते हुए बोली..जिसे सुनते ही पूजा मेरी एक चुची को मसलते हुए बोली,"वॉव,,कौन है वो खुशनसीब जिस पर अपने जवानी के रस छिड़क के आ गई.."
"नाम नहीं पता और ना ही उसे जानती हूँ.."मैं भी सोची अब थोड़ी मजे ले ही लूँ बता कर..
"क्या? मतलब किसी अंजाने को मजे दे कर आई हो..ओफ्फ भाभी...देख रहे हैं ना अपनी लाडली बहन को जी कैसे गुल खिला रही है...ही..ही..ही.."पूजा भैया की तरफ मेरे चेहरे को दूसरे हाथ से करती हुई बोली..
जिसे सुन भैया आगे बढ़ ठीक मेरे सामने से सटते हुए बोले,"हाँ पूजा जी...पर आप भूल रही हैं कि मेरी बहन पहले थी..अब मेरी बहन से पहले आपकी भाभी और मि. श्याम की बीवी हैं..तो आप टेंशन लो..मैं नहीं"
कहते हुए भैया मेरी दूसरी चुची को अपनी चुटकी से रगड़ दिए जिससे मेरी चीख निकल गई...शुक्र है आसपास की छत बिल्कुल खाली थी वरना सभी तक मेरी चीख गूँजती...
"अच्छा तो आप अपनी बहन की नहीं, मेरी भाभी की बैंड बजाते हैं.."पूजा अपनी आँखें नचाती हुई व्यंग्य पूर्ण शब्दों में पूछी..जिसके जवाब में भैया "बिल्कुल" कह अपनी हामी भर दी...
जिसे सुन हम तीनों की हँसी छूट गई..तभी पूजा एक बार फिर से आज की रंगरलिया के बारे में पूछ बैठी..मैंने ओके कहते हुए पूजा को खुद से अलग की और छत की रेलिंग के सहारे पीठ करके खड़ी हो गई...
जिसे देख वो दोनों भी मेरे बाएं-दाएं सट के खड़े हो गए और शांत मुद्रा में मेरी हाल-ए-बयां सुनने का इंतजार करने लगे..
मैंने मुस्कुराते हुए सुबह घर से निकलने से लेकर ऑटो तक हुई हर एक पल का हाल सुनाने लगी..जिसे सुन दोनों की आँखें फटी की फटी रह गई...
उन्हें तो विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं सेक्स की आग में इतनी जल रही थी आज..बस में कई लोगों द्वारा रगड़ाई सुन वो दोनों अपनी सांसें रोक सुन रहे थे...और जब उस बाथरूम वाले की तरफ से दिए 500 रूपए की बात सुने तो हँस हँस के लोटपोट हो रहे थे...साथ ही लंड चुसाई, उसका पानी पीना, रंडी समझना ये सब बातें सुने तो गर्म भी हो रहे थे...
पूजा अपने चूत को ऊपर से ही सेंक रही थी जबकि भैया अपने पैंट के अंदर हाथ डाले हुए थे...मेरी चूत भी पानी के धार छोड़नी शुरू कर दी थी..मैं अपनी जांघों से ही चूत को दबाते हुए बोली जा रही थी..
फिर ऑटो वाले को बीच सड़क पर अपनी निप्पल दिखाई जिसे सुनते ही पूजा धम्म से नीचे बैठ गई और झड़-झड़ पानी बहाने लगी...भैया भी पूरे चरम सीमा पर थे..और जैसे ही मेरी बात पूरी हुई उन्होंने तेजी से अपना घोड़ा निकाल दिया...
और उनका घोड़ा एक पर एक लगातार कई पिचकारी छोड़ने लगा...खुली छत पर उनका 8 इंची लण्ड पूरे छत को गीला करनी शुरू कर दी थी...
अब जब दो ज्वालामुखी भड़क गई हैं तो मैं भला पीछे क्यों रहती...मैं खड़ी खड़ी ही रेलिंग पर सिर टिका झड़ रही थी...कुछ देर तक यूँ सब चुपचाप खड़े रहे...तभी पूजा उठी और हँसते हुए बोली..
पूजा : "भाभी, पता नहीं उन सब की हालत क्या हुई होगी...अभी भी कहती हूँ उनमें से किसी का पप्पू सोया नहीं होगा..ही..ही..ही.."
भैया : "एकदम सही पूजाजी...मेरी तो सिर्फ सुनने भर से ये हालत हो गई..उनके पप्पू पर तो हमला किया गया है...वैसे सीता एक बात बोलूँ.."
मैं अब तक सीधी हो चुकी थी..भैया की तरफ देख हाँ कह उन्हें बोलने का इंडार करने लगी..
भैया : "वो केतन ऑटो वाला 8 बजे तक आने बोला है ना तो तुम चली जाना.."
"नहीं भैया, आज तो आपको छोड़ कर कहीं नहीं जाउंगी.."मैंने साफ मना कर दी क्योंकि भैया आए हैं और इन्हें छोड़ बिना निमंत्रण कहीं जाने की सोच भी नहीं सकती...
भैया : "वही तो मैं कह रहा हूँ जान..8 बजे तक चली जाना तुम दोनों और 10 तक आ जाना..फिर पूरी रात तुम्हारे नाम जानू..."
मैं चौंक सी गई कि 8-8:30 तक श्याम आते हैं..फिर अगर मैं चोरी से भी करूँगी तो एक बार से ज्यादा नहीं कर पाती...हाँ दिन में कर लूँगी पर पूरी रात...
पूजा : " वॉव मतलब इन दो घंटों में उनका काम कर सुबह तक सूला दोगे फिर उनकी बीवी को रात भर बजाएंगे.."
भैया : " बिल्कुल पूजा जी...और बीच बीच में श्याम की बहन की भी...हा..हा...हा.."
मैं और पूजा उनका प्लान सुन शरमा सी गई कि मेरे पति की मौजूदगी में ही मुझे पेलेंगे...थोड़ी सी डर भी होगी कि अगर उन्हें नशा टूट गई तो....पर डर के बीच सेक्स का एक अलग ही मजा होता है..ये तो आज देख ही ली हूँ...
और केतन से भी कुछ करने का मिल जाएगा..मैं बिना कुछ बोले मुस्कुराए जा रही थी..जिसमें मेरी सहमति साफ झलक रही थी...
तभी पूजा की नजर उसी छत पर घूमी हुई दिखी जहां वो दोनों पति-पत्नी रोज शाम को सेक्स करते हैं...पूजा के साथ मैं भी देखी तो ओहह..वो दोनों स्मूच करने में लीन थे..
हम दोनों की नजर का पीछा भैया भी कर दिए..उनकी नजर पड़ते ही वे चौंकते हुए "ओह साला" कह पड़े..
हम दोनों हंस पड़े उनकी बात पर...शायद ये उनका पहला अवसर था किसी को ऐसे खुले में देखने का...मैं बिना भैया की तरफ देखे बोली,"ये दोनों रोज शाम को छत पर खुले में मस्ती करने आते हैं..."
पूजा : " मस्ती बोले तो खुल्लम खुल्ला चुदाई..कुछ ही देर में दोनों भिड़ जाएंगे..देखते रहिएगा बस.."
तभी भैया को पता नहीं क्या सूझी..एक पल में ही मुझे जकड़े और पलक झपकते ही उनके होंठ मेरे होंठ से चिपक गए..मैं सोच भी नहीं पाई थी कुछ...जिसे देख पूजा खिलखिला कर हँस पड़ी...
मैं छूटना चाहती थी पर कुछ ही पल में शां हो गई और किस का साथ देने लगी..करीब 5 मिनट तक लगातार किस करती रही जिससे मेरी चूत एक बार फिर पानी बहाने लगी थी...
और भैया का लंड तो कब से मेरी चूत पर ठोंकरे मार रहा था...किस के बाद भैया मुझे नीचे बैठने के लिए दबाव देने लगे..मैं बैठती हुई भैया से बोली,"भैया प्लीज, अब कुछ नहीं करो ना...अंदर चलो फिर करना.."
पर भैया कुछ सुने बिना ही अपना देहाती गबरू लण्ड बाहर निकाला और मेरे सिर को पकड़ एक ही बार में पूरा लंड ठूस दिया...मैं उबकाई लेती किसी तरह खुद पर काबू पाई और लंड को धीरे धीरे चूसने लगी...
अगले ही पल पूजा ठीक मेरे बगल में खड़ी हुई...लंड मुंह में रखे ही ऊपर नजर की तो देखी भैया अब पूजा को स्मूच किस करते हुए मेरे मुंह में लंड डाले मजे ले रहे थे...
भैया के हाथ मेरे बालों पर महसूस हुई जो अगले पल ही पकड़ में तब्दील हो गई और फिर चला दिए अपनी रेलगाड़ी नो इंट्री वाले क्षेत्र में...
पूजा के होंठो का रसपान करते हुए मेरे मुँह में लंड अंदर बाहर करने लगे...अगले कुछ ही पल में उनकी स्पीड बढ़ने लगी..मेरी सांस उखड़ने लगी थी पर भैया बिना रूके और तेज शॉट मारने लगे थे...
मेरे मुंह से लार बहने लगी थी जिसमें भैया के रस की दुर्गंध आ रही थी..माथे से पसीना टपकती हुई पूरे चेहरे को भिंगों रही थी..अब मेरी मुँह दुखने लगी थी..मैंने पीछे हटने के लिए हल्की दबाव उनके पैर पर डाली तो अगले ही पल पूजा मेरी बगल में बैठी दिखी...
फिर अचानक से लंड बाहर निकला और सीधा पूजा के गले में उतर गई..जो कि इस हमले से पूरी तरह वाकिफ थी..मैं हांफते हुए नीचे सिर झुकाए मुंह से लार जमीन पर गिरा रही थी..बगल में पूजा गूं-गूं करती हुई लंड के तेज धक्के अपने मुख में ले रही थी...
तभी भैया मेरे बाल पकड़े और लंड की तरफ करते हुए बोले,"अण्डे चूस शाली...इतनी जल्दी कोई राण्ड नहीं थकती.." भैया से गाली सुनते ही मेरी जोश दुगनी हो गई और अगले ही पल मेरी जीभ उनके अण्डों से टकराने लगी...
और 8 इंच में से 5 इंच तक लंड पूजा के मुंह में जा रही थी जिससे हमें भी ज्यादा परेशानी नहीं हो रही थी अण्डे को चूसने में...पूरा लण्ड हम दोनों के थूक-लार से भींगी चमक रही थी...
कुछ देर बाद ही भैया अपने सर को आसमान की तरफ कर चीखने लगे और लंड को बाहर खींच अपने हाथों से पकड़ बारी बारी से हम दोनों के चेहरे को भिंगोने लगे...लंड के गर्म पानी महसूस होते ही हम दोनों भी चीखती हुई झड़ रही थी...
उनका लंड इतनी बार झड़ने के बाद भी इतना वीर्य छोड़ा कि हम दोनों के चेहरे कहीं से खाली नहीं बची थी...झड़ने के बाद भी उनका लंड दूसरे लंड की तरह सिकुड़ा नहीं थी...मैंने लंड को मुंह में भर चंद मिनटों में ही साफ कर दी...
फिर भैया मेरी साड़ी से ही अपना लंड पोंछे और लंड अंदर कर रिलेक्स मूड में दूसरे छत पर नजर दौड़ाए...उनकी हंसी निकल गई वहां देख कर...हम दोनों भी झट से खड़ी हो वीर्य से चमकते चेहरे उस छत की तरफ घुमा दी...
ये क्या...वो दोनों आज चुदाई ना कर आँखें फाड़े हमारी तरफ देखे जा रहे थे..हम तीनों हँस पड़े उसे देख..वो दोनों हमारे चेहरे पर पड़ी ढ़ेर सारी वीर्य देख एक-दूसरे की तरफ आश्चर्य से देखे जा रहा था...शायद उन्हें यकीं नहीं हो रहा था कि इतना पानी कैसे निकला एक लंड से...
तभी पूजा मुझे बांहों में जकड़ी और चेहरे की एक एक वीर्य के कतरे को खाने लगी..वो भी उन दोनों को दिखा दिखा कर...उसके बाद मैं भी पूजा के चेहरे पर पड़ी सारी वीर्य को खा कर चट कर दी...
फिर पूजा उन दोनों की तरफ हाथ हिला कर बॉय की और हम तीनों हँसते हुए नीचे आ गए..फिर फ्रेश हुई साथ ही और शादी में जाने के लिए किचन का सारा काम निपटाने घुस गई...
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
No comments:
Post a Comment