Thursday, July 5, 2018

FUN-MAZA-MASTI रसीली चुदाई जवानी की दीवानी की-1

FUN-MAZA-MASTI


रसीली चुदाई जवानी की दीवानी की

ये कहानी एक काल्पनिक है इस का किसी जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं है !
अगर किसी के जीवन से कोई सम्बन्ध है तो वो सिर्फ सयोग से ही होगा उसके लिए आप लोग मेरे को माफ़ करना
कहानी में कही कोई गलती हो जाये तो आप लोग मेरे को बताना क्यों की मैंने कभी कोई कहानी नहीं लिखी है मैं बहुत दिन से ...... पर कहानी पढ़ रहा हु और उन कहानी को पढ़ कर ही ये कहानी लिख रहा हूँ

इस कहानी के पात्र

सोनाली आयु 19 वर्ष रंग गेहुवा मोटे चुचे ३६ के पतली कमर ३४ की गांड जब चलती है तो साला एक बार कब्र में मरे हुए मुर्दे का land भी उठ कर कब्र से बहार आ कर बोले मैं भी चोदुगा

सुनील आयु २२ वर्ष लम्बा तगड़ा बदन रंग बादामी आखे नीली

सुमित्रा आयु ४२ की हेमामलनी जैसा चेहरा मल्किका सहरावत जैसे मोटे चुचे और माधुरी जैसी मस्त गांड संगीता और सुनील की माँ

राजबीर ४६ वर्ष एक दम से मस्त पक्का चोदु हर वक़्त चूत के पीछे दीवाना इतना बड़ा कमीना की अगर उसका दिल होता है तब उसको चूत चाहिए अगर कोई न मिले तो साला गली की कुतिया को भी चोदे बिना न छोड़े

दोस्तों ये मेन पात्र है अभी बहुत से और पात्र इस में आने है उन का टाइम आने पर बताउगा

अब मैं जायदा टाइम न लेते हुए कहानी पर आता हु

जयबीर और सुमित्रा की जंदगी बड़े आराम से चल रही होती है और पूरा परिवार अपने अपने काम में लगा होता है एक दिन जयबीर अपनी मोटर साइकल से शहर जा रहा होता है तो रस्ते में जयबीर एक car से टक्करा जाता है जिस से उसको हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ता है उसको बहुत जायदा चोट लग जाती है जिस से पुरे परिवार का मोहल बिगड़ जाता है और घर के एक बन्दे को हर वक़्त उसके साथ हस्पताल में रहना पड़ता है और दो महीने तक सुमित्रा की चूत लैंड के लिए तरसती रहती है क्यों की सुमित्रा जयबीर से चुद चुद कर इतनी चुदकड़ बन गयी थी की एक दिन उसकी चूत को लंड न मिले तो वो बेचैन होने लगती थी और अब तो उसकी चूत में लंड गये हुए भी दो महीने हो गये थे

और उसको लंड न मिले से वो मायूस सी रहने लग गयी थी अब अब सुमित्रा से और शान नहीं हो रहा था तो एक दिन सुमित्रा अपनी प्यास बुझाने के लिए सोचने लग रही थी तभी उसकी सेहली कांता जो उसकी बचपन की सेहली थी वो जयबीर का हल जानने आती है और फिर वो सुमित्रा से उसको कमजोर होने का karan पूछती है तो सुमित्रा उसको अपनी फिकर के बारे में बताती है कांता उसकी बात सुन कर खुस होती है क्यों की कांता को कोई ऐसी ही औरत चाहिए थी क्यों की उसके पति का देहांत हुवे काफी दिन हो गये थे और जब से उसके पति का देहांत हुवा था तब उसकी भी हालत कुछ ऐसी ही थी लेकिन उसकी काम वाली बाई ने उसको औरतो के साथ सेक्स karna उसको सिख दिया था और उस दिन के बाद वो अपनी काम वाली बाई या फिर किसी न्यू लड़की को अपने jaal में फसा कर सेक्स करती थी और अपनी प्यास बुझती थी और वो बहुत दिन से सुमित्रा के साथ सेक्स करना चाहती थी लेकिन उसकी उसको कहने की हिम्मत नहीं होती थी 


लेकिन आज कांता को वो मोका मिल रहा ही गया जिस का वो बरसो से इंतजार कर रही थी
और कांता सुमित्रा का दुःख जान कर मन ही मन ये सोच लेती है की आज वो सुमित्रा
के साथ अपनी खावायिस पूरी कर के रहेगी अगर आज भी वो सब न कर पाई जिस के लिए
वो इतने दिन से इंतजार कर रही थी तो फिर कभी भी वो नहीं कर पायेगी और फिर
कांता सुमित्रा को देखती है और अपने गले से लगा लेते है
सुमित्रा भी कांता के गले से लग जाती है जैसे ही सुमित्रा कांता के गले से लगती है तो उसको एक अजीब सा सुख मिलता है क्यों की कांता सुमित्रा को गले लगा कर अपने दोनों चूचो को जोर से सुमित्रा के चूचो पर रगडती है बहुत दिन से किसी ने सुमित्रा के चुचे को छुवा भी नहीं है था और आज उसके चूचो को किसी ने रगडा है और और ऐसा करते ही सुमित्रा के मुह से एक सिसकारी निकलती है
कांता सुमित्रा की सिसकारी सुन कर उसकी आंखो में देखती है की सुमित्रा की आखे एक दम से लाल हो रही होती है और उन में काम का अलग ही नशा छाने लगता है सुमित्रा कांता को ऐसे देख रही होती है जैसे कोई प्यासा कुवे के पास आने पर पानी को देखता हो और फिर एक दुसरे को देखते हुवे न जाने कब एक दूसरी के इतने नजदीक आ जाते है की सुमित्रा के होठो कांता के होठो से चिपक जाते है और कांता के हाथ सुमित्रा के चूचो पर चले जाते है
सुमित्रा :- हा आहा आहा हा अहा आहा कांता तुम्हारे होठ कितने रसीले है आज मेरी प्यास बुझा दे कांता उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ हा आह आहा अहा आहा आहा आह आहा अहा आहा अह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
करते हुवे अपनी जिव को कांता के होठो पर से घुमाते हुवे होठो को अपने ठुक से गिला कर देती है
कांता :- उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ सुमित्रा मैं तो कब से तुम्हारी प्यास बुझाना चाहती थी लेकिन तुमने कभी मेरी तरफ धयान ही कहा दिया था और फिर अपने दोनों हाथो के पंजे में सुमित्रा के मोटे चूचो को पकड के दबाने लगती है और अपने होठो को सुमित्रा के होठो से मिलते हुए उसका साथ देने लगती है
सुमित्रा :- कांता मैंने कभी ये नहीं सोचा था की ऐसे भी हम अपनी प्यास बुझा सकते है ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हा अहा अह मुअहाआआआआआआआअ गुप्ल गुप्ल गुप्ल गप्ल गप्ल गप्ल गप्ल कर के कांता की जिव को चूसने लगती है और अपने एक हाथ से कांता के चुचे को दबाने लगती है ! आआआआआआआआआआआआ
कांता:- सुमित्रा की साड़ी के पालू को पकड के उसके चूचो के ऊपर से हटा देती है और अपनी जिव को ब्लाउज के ऊपर से चूचो के निप्पल पर लगा कर उसको जिव की नोक्क से गिला करने लगती है तो कभी निपले को चुटी में पकड के मरोड़ देती है आआआआआआआआआआआआ
सुमित्रा :-उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ कांता कुतिया क्या कर रही है जोर से मसल मेरे निपले को ओह हा अह आह आहा हां आहा आहा अह अहा ह बहुत मजा आ रहा है रंडी ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह










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