Sunday, January 20, 2013

मोहिनी

मोहिनी

प्रेषक : मयंक अग्रवाल

यह कहानी है मेरे एक दोस्त की जिसे मैं उसी के शब्दों में पेश कर रहा
हूँ, कहानी पढ़ कर कृपया अपने विचार जरूर दीजिये।

मेरा नाम रेमो है, उम्र 24 साल की है। मैं एक अमीर घर का इकलौता वारिस
हूँ। मेरे घर पर मेरे पापा और मम्मी के अलावा और कोई नहीं है। मेरे पापा
एक बिजनसमैन हैं, मम्मी घर पर ही रहती हैं। घर काफी बड़ा होने के कारण घर
के कामकाज करने घर में एक नौकरानी भी रख ली गई है। नौकरानी का नाम मोहिनी
है। उम्र कोई 35 साल की होगी। दो बच्चों की माँ होने के बावजूद देखने में
काफी खूबसूरत है लेकिन मेरा ध्यान उस पर नहीं जाता था। मैं अपने कालेज से
आकर सीधे अपने कमरे में चला जाता और अपना काम करता।

मोहिनी सुबह के छः बजे ही आ जाती थी जब सभी सोये रहते थे। वो आकर सबसे
पहले सभी कमरों की सफाई करती थी।

एक दिन घर में पापा और मम्मी नहीं थे। वो दोनों मेरे मामा के यहाँ गए थे।
उस रात मैं अपने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहा था। मैं आराम से नंगा
होकर पूरी रात फिल्म देखता रहा। फिल्म देखने के दौरान मैंने दो बार मुठ
मारी। मैं कब नंगे ही निढाल होकर बिस्तर पर सो गया, मुझे पता भी नहीं
चला।

सुबह छः बजे मोहिनी मेरे घर आई, उसके पास भी मेरे घर की एक चाबी रहती थी।
इसलिए मुझे पता भी नहीं चला कि मोहिनी आई है और मैं नंगा ही सोया हुआ था।

मोहिनी मेरे कमरे में अचानक आ गई। उसने मुझे नंगा सोया हुआ देखा पर मुझे
कुछ नहीं कहा और ना वापस लौटी, मेरे कमरे की सफाई करने लगी, सफाई करके वो
दूसरे कमरे में चली गई।

उसकी ड्यूटी सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक की थी। आज मम्मी पापा थे नहीं
इसलिए उसे नाश्ता भी बनाना था। मैं सुबह के नौ बजे उठा। मैंने अपने आप को
नंगा पाया तो सोचा चलो कोई बात नहीं किसने मुझे देखा है?

अचानक कमरे में नजर दौड़ाई तो देखा हर सामान करीने से रखा हुआ है, तो
क्या मोहिनी मेरे कमरे में आई थी? क्या उसने मुझे नंगा देख लिया? मैं सोच
कर शरमा गया। मैंने सोचा कि क्या सोचती होगी वो। मेरी तो सारी इज्ज़त
मिटटी में मिल गई।

खैर मैंने कपड़े पहने और अपने कमरे से बाहर आया, देखा मोहिनी रसोई में काम
कर रही थी। थोड़ी देर के बाद जब मैं फ्रेश होकर गया तो मैंने मोहिनी से
नाश्ता मांगा।

उसने मुझे परांठा और सब्जी लाकर दी। मैं चुपचाप खाता रहा।

मैंने धीरे से पूछ लिया- मेरे कमरे की सफाई तुमने कर दी?

मोहिनी ने कहा- हाँ।

मैंने कहा- कब?

मोहिनी ने कहा- जब आप सोये हुए थे।

मेरे गाल शर्म से लाल हो गए।

मैंने थोड़े गुस्से में कहा- मुझे जगा कर मेरे कमरे में आना चाहिए था।

मोहिनी ने लापरवाही से कहा- क्यों? पहले तो कभी जगा कर कमरे में नहीं
जाती थी। आप कितनी बार सोये रहते और मैं आपके कमरे की सफाई कर देती हूँ।
फिर आज मैं क्यों आपको जगा कर आपके कमरे में जाती?

बात भी सही थी।

मैंने कहा- अच्छा सुनो, मम्मी को नहीं बता देना आज सुबह के बारे में।

मोहिनी- क्या?

मैंने कहा- यही कि रेमो नंगा सोया हुआ था।

मोहिनी ने मुस्कुराते हुए कहा- सिर्फ नंगे सोये थे आप? आपके तौलिये में
ढेर सारा माल है वो किसका था?

मैंने कहा- हाँ, जो भी था। किसी को बताना नहीं।

मोहिनी ने कहा- चिंता नहीं करें, नहीं बताऊँगी। अरे आप जवान है। ये सब तो
चलता रहता है।

मैं अब कुछ निश्चिंत हो गया। उसने मुझे जवान होने के कारण कुछ छूट दे दी।
मैं खा रहा था।

मोहिनी ने कहा- एक बात कहूँ रेमो बाबू? बुरा तो नहीं मानोगे?

मैंने कहा- बोलो, क्या बात है?

मोहिनी ने कहा- आपका हथियार छोटा है। इसे बड़ा कीजिये। नहीं तो आपकी बीवी
क्या कहेगी।

मैंने कहा- हथियार? यह हथियार क्या होता है?

मोहिनी- हथियार मतलब आपका लण्ड।

कह के वो मुस्कुराने लगी। यह सुन कर मेरा दिमाग सन्न रह गया। तो इसने
मेरे लण्ड का साइज़ भी देख लिया। हाँ, यह बात सच थी कि मेरे लंड का साइज़
छोटा था और मैं इससे काफी चिंतित भी रहा करता था। लेकिन मेरे लंड पर
टिप्पणी करने का अधिकार मोहिनी को किसने दे दिया?

मैं अचानक उठा और अपने कमरे में आकर लेट गया। मुझे मोहिनी पर काफी गुस्सा आ रहा था।

थोड़ी देर के बाद मेरा गुस्सा कुछ कम हुआ।

मैं सोचने लगा- सचमुच मेरे लंड का साइज़ छोटा है। जब मेरी शादी होगी तो
मेरी पत्नी क्या सोचेगी?

यह सोच कर मैं परेशान हो गया। अचानक दिल में ख़याल आया कि हो सकता है कि
मोहिनी को इसे इलाज़ के बारे में कुछ देशी नुस्खा पता हो। मैंने वहीं से
मोहिनी को आवाज लगाई।

मोहिनी मेरे कमरे में आई।

मैंने मोहिनी से कहा- क्या कर रही है तू अभी?

मोहिनी- कुछ नहीं बाबा, बस इधर उधर सफाई कर रही थी।

मैंने कहा- वो सब छोड़ और यहाँ बैठ !

वो मेरे बगल में मेरे बिस्तर पर बैठ गई।

मैंने कहा- मोहिनी, अगर मैं तुमसे कुछ पूछूँ तो तुम बुरा तो नहीं मानोगी?

मोहिनी ने कहा- पहले पूछिए तो सही !

मैंने कहा- मोहिनी, तुमने जो कहा कि हथियार यानी लंड को बड़ा कीजिये !
कितना बड़ा होना चाहिए यह?

मोहिनी- उतना तो जरूर होना चाहिए कि बीवी को खुश रख सके।

मैंने कहा- मेरा लंड क्या सचमुच काफी छोटा है? क्या मैं सचमुच अपनी बीवी
को खुश नहीं कर पाऊँगा?

वो धीरे धीरे मेरे बिस्तर पर लेट गई, बोली- आह, कितना मजेदार बिस्तर है आपका !

मैंने भी उसके बगल में लेटते हुए फिर कहा- ए, बोल ना ! मेरा लंड क्या
सचमुच काफी छोटा है? क्या मैं सचमुच अपनी बीवी को खुश नहीं कर पाऊँगा?
क्या कोई तरीका है लिंग को बड़ा करने का?

मोहिनी ने हँसते हुए कहा- अरे रेमो बाबू, इतने सारे सवाल एक साथ? मैं
क्या कोई मास्टर हूँ? मैं तो मज़ाक कर रही थी, लंड के छोटे बड़े होने से
बीवी को थोड़े ही कोई फर्क पड़ता है ! वैसे आपका लंड इतना भी छोटा नहीं
है।

मोहिनी के मुँह से लंड शब्द सुन कर मेरे मन में कुछ होने लगा, मेरी नजर
कामुक होने लगी, मैं उसके ढीले ब्लाउज में से झांकते उसके गोरे गोरे
स्तनों पर नजर गड़ाने लगा।

वो भी मेरी नजर को ताड़ गई थी, उसने जानबूझ कर अपनी साड़ी का पल्लू नीचे कर
दिया और बोली- आज बड़ी गरमी है ना रेमो बाबा?

मुझे लग गया कि यह बहुत ही खुली हुई मस्त औरत है और इससे कुछ गरम बातें
की जा सकती हैं। वैसे भी घर पर कोई और है नहीं। मैंने भी अपना शर्ट भी
उतार दिया और कहा- हाँ सही कह रही है तू ! बड़ी गरमी है।

फिर मैंने उसके बदन से थोड़ा सटते हुए अपना एक हाथ उसके पेट पर रखा और
कहा- अरे गरमी को छोड़, और यह बता कि बीवी को तो बड़ा लंड चाहिए ना?

मोहिनी ने कहा- मर्द का लंड कितना भी छोटा क्यों ना हो, वो बीवी को चोद
ही डालता है, बीबी की चुदाई हर लंड से की जा सकती है।

मोहिनी के इतना खुल के बोलने पर मैं पूरी तरह से आज़ाद हो गया। मैं अपना
हाथ उसे पेट से ऊपर करते हुए उसकी चूची पर रख दिया।

वो मुस्कुराने लगी।

मैंने उसकी चूची को सहलाते हुए कहा- अगर बीवी की गांड मारनी हो तो?

मोहिनी ने कहा- वो भी होती है। चूत और गांड सभी आराम से मार सकते हो।

मैंने उसकी चूची को हल्का सा दबाया। वो कुछ नहीं बोली, आराम से रही, मानो
उसे भी दबवाने की इच्छा हो रही है।

मेरा लंड सख्त होने लगा। मैंने उसके चूची को जोर से दबाते हुए कहा-
मोहिनी, बड़े लंड से चुदवाने पर औरत को ज्यादा मज़ा आता है या दर्द होता
है?

मोहिनी- यह तो चुदने वाली औरत पर निर्भर करता है कि वो नई है या पुरानी।
अगर नई हुई तो छोटा लंड भी उसे दर्द देगा लेकिन अगर पुरानी हुई तो बड़ा
लंड भी उसे मज़ा देगा।

मैं उसके चूची को खुल्लम-खुल्ला जोर जोर से दबाने लगा, अब मुझे अन्दर से
काफी यकीन हो गया कि इससे कुछ और भी काम करवाया जा सकता है।

मैंने मोहिनी से कहा- मोहिनी, अगर तुम बुरा नहीं मानो तो क्या तुम मेरे
लंड को देख कर बता सकती हो कि मेरा लंड कितने पानी में है?

मोहिनी ने मुस्कुराते हुए कहा- ठीक है। आप पैंट उतारो, मैं देखती हूँ आपके लंड को।

मैंने अपने कमरे की खिड़की को बंद किया और पैंट उतार दी। अब मैं अंडरवियर
में था, मेरा लिंग खडा हो गया था।

मैंने कहा- अब बताओ?

मोहिनी ने कहा- अरे बाबा, पूरा दिखाओ ना? ये अंडरवियर उतारो ना !

मेरा दिल जोर से धड़क रहा था। मैंने आज तक किसी मर्द के सामने अपने लंड को
नहीं दिखाया, यह तो औरत है। लेकिन फिर भी मन में एक अजीब सा आनन्द था कि
कोई औरत स्वयं ही मेरे लंड को देखना चाहती है।

इसलिए मैंने थोड़ा हिचकते हुए अपने अंडरवियर को अपने लंड से थोड़ा नीचे
किया। मेरा लंड सामने आ गया।

मोहिनी जमीन पर घुटने के बल बैठ गई और अपना मुँह मेरे लंड के सीध में ले
आई, मेरे लंड को वो गौर से देख रही थी। उसने मेरे अंडरवियर को पकड़ा और
जमीन तक ले आई।

मैंने पैर उठा कर अंडरवियर को पूरी तरह उतार दिया। अब मैं कमर के नीचे
बिल्कुल नंगा था।

अचानक मोहिनी ने मेरे लंड को पकड़ा और उसे सहलाने लगी।

मेरा लंड तनतना गया, मैंने कहा- यह क्यों कर रही हो?

मोहिनी ने कहा- देख रही हूँ कि कितना बड़ा होता है।

मुझे काफी आनन्द आ रहा था, मेरे सामने रात वाली ब्लू फिल्म का सीन दौड़ने लगा।

मैंने कहा- बोल ना? कैसा है मेरा लंड?

मोहिनी- बढ़िया है बाबा ! एकदम परफेक्ट !

मैंने कहा- मोहिनी, आज तक मैंने किसी औरत की चूत नहीं देखी है, तू अपनी
चूत मुझे दिखा ना, मैं सिर्फ देखूँगा, कुछ करूंगा नहीं।

मोहिनी ने कहा- ठीक है, इसमें कौन सी बड़ी बात है।

कह कर वो खड़ी हुई और एक झटके में अपनी साड़ी खोल दी। उसने खुद ही अपनी
पेंटी थोड़ी नीचे कर दी। मैं उसकी चूत को एकटक निहार रहा था।

चिकनी चूत थी।

मैंने कहा- यह पेंटी पूरी उतार ना।

उसने अपनी पेंटी पूरी तरह से उतार दी। अब वो सिर्फ ब्लाउज में थी। इधर
मेरा लंड तनतना रहा था।मैंने झट से कहा- मोहिनी मैं तेरी चूत को छूना
चाहता हूँ।

वो बोली- तो छू लो ना !

मैं उसकी चूत को सहलाने लगा। बिल्कुल ही कोमल पत्ते की तरह बुर थी। उसने
भी मेरा लंड पकड़ लिया। अब मैं कुछ भी करने के लिया आज़ाद था। मैंने एक हाथ
उसकी चूची पर रखा और सहलाने लगा।

अगले मिनट में ही मैंने उसकी चूची को भी नंगा कर दिया। अब वो मेरे सामने
बिल्कुल नंगी खड़ी थी और मेरा लंड सहला रही थी।

मैंने कहा- मोहिनी, तेरी चूत एकदम इतनी चिकनी कैसी है? क्या रोज़ शेविंग करती है?

मोहिनी- मेरा मर्द नाई है ना। वो हर तीसरे चौथे दिन मेरी चूत साफ़ कर देता है।

यह सुनते ही मेरा लिंग इतना बड़ा हो गया था कि मैंने कभी कल्पना भी नहीं
की थी कि मेरा लंड इतना बड़ा हो सकता है।

मैंने कहा- हाय, इतनी चिकनी चूत देख मुझे इसे चूसने का मन कर रहा है।

मोहिनी- तो चूस लो ना साहब इसे।

मैंने मोहिनी को अपने बिस्तर पर लिटा दिया और उसके चूत पर अपनी जीभ घुसा
कर उसे चाटने लगा। मोहिनी दो बच्चों की माँ हो कर भी किसी कुँवारी लड़की
से कम नहीं थी, उसकी बुर और चूची में काफी कड़ापन था।

थोड़ी देर में उसकी चूत ने मस्त पानी निकाला। मैं उसके पानी को चाटने के
बाद धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढ़ा और उसकी चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा।

मेरा लंड तनतना रहा था, मोहिनी ने मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी।

वो बोली- रेमो बाबा, एक काम करो, तुम अपना लंड मेरी चूत में डालो। तब पता
चलेगा कि तुम्हारा लंड का साइज़ सही है या नहीं।

मैंने कहा- तू मुझसे चुदवायेगी?

वो बोली- हाँ, क्यों नहीं। जरा देखूँ तो सही। बाबा का हथियार सही है या नहीं?

मैं मन ही मन काफी खुश हो गया। मैंने अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा और
मोहिनी की बुर में घुसा दिया। जब मेरा लंड मोहिनी की बुर में अन्दर जा
रहा था तो मुझे काफी मज़ा आया, मैंने काफी अन्दर तक अपना लंड घुसा दिया
लेकिन वो कराहने लगी।

वो बोली- बस बाबा, अब और अन्दर नहीं जाएगा। बहुत बड़ा है तेरा लंड। अब
यहीं से चोदो। यह कहानी आप हिंदी सेक्सी कहानियाँ पर पढ़ रहे हैं।

मैंने उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया। उसकी बुर में जाकर मेरा लंड और भी
बड़ा और मोटा हो गया। मोहिनी के मुँह से आह आह की आवाज निकलने लगी।

वो बोली- धीरे धीरे कीजिये ना। दर्द होता है !

मुझे महसूस हुआ कि जिस लंड को मैं हमेशा छोटा मानता आया हूँ वो किसी
महिला के भी बुर में दर्द पैदा करने के लिए काफी है।

पाँच मिनट की चुदाई के बाद उसकी फ़ुद्दी ने दोबारा पानी छोड़ दिया। 10
मिनट तक चुदाई करने के बाद मेरा माल निकलने वाला था। उसे अनुभव हो गया था
कि मेरा माल निकलने वाला है।

वो बोली- माल अन्दर मत गिरा दीजिएगा।

ज्यों ही मेरा शरीर अकड़ने लगा त्यों ही उसने अपने कमर को नीचे करके मेरा
लंड अपनी बुर में से निकाल दिया और झट से नीचे आ कर मेरे लंड को अपने
मुँह में ले लिया। 3-4 सेकेंड में ही मेरा लंड महाराज से वीर्य निकलना
शुरू हो गया। कुछ वीर्य उसने पी लिया और कुछ उसके मुँह से बाहर निकल आया।

थोड़ी देर के बाद उसने कहा- देखा ना रेमो बाबू, लंड छोटा या बड़ा नहीं
होता। सभी लंड चुदाई के लिए अव्वल होते हैं।

थोड़ी देर के बाद मैंने अपने लंड के आकार की सत्यता जांचने के बहाने
मोहिनी की गांड की भी चुदाई की। उसमें भी मैं सफल हो गया।

मोहिनी ने आज मुझे विश्वास दिला दिया कि मर्द कभी भी नामर्द नहीं हो
सकता। मैंने उसे एक हज़ार का पत्ता निकाल कर दिया। उस के बाद जब भी मौक़ा
मिलता मैं मोहिनी को अवश्य ही चोदता हूँ। इसके लिए मैं मोहिनी को अलग से
सभी से छुपा कर पैसे भी देता हूँ।


--
Raj Sharma

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