Wednesday, January 9, 2013

क्या अच्छा स्वाद था-4

क्या अच्छा स्वाद था-4

प्रेषिका : सुरभि तिवारी

थोड़ी देर में विनोद आ गया !

मैंने उसको आते ही चूमा और कहा- विनोद, मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही थी !

ऐसा दिखाया कि जैसे मैं बहुत अकेली थी।

वो बहुत खुश हुआ और बोला- कुछ परेशानी तो नहीं हुई ना?

मैंने कहा- नहीं, यह पास का लड़का सुशील काफी अच्छा है, बहुत मदद करता
है, मेरा सब काम कर देता है, और तुम्हारा दोस्त

सुनील, वो रोज आकर पूछता ही है, दोनों के कारण तुम्हारी ज्यादा कमी महसूस नहीं हुई।

वो बोला- चलो अच्छा है, कभी मिलाना मुझे भी सुशील से !

और सुनील को फोन लगा दिया, कहने लगा- यार सुनील, धन्यवाद, तुमने मेरे
पीछे से इसका मन रखा।

सुनील बोला- यह क्या कहने की बात है !

और फिर विनोद और मैं सेक्स करने में लग गए। विनोद ने अपना काम जल्दी पूरा
कर लिया और यह कह कर सो गया- मैं बहुत थक गया हूँ !

अगले दिन विनोद उठा और कहने लगा- यार बहुत दिनों में कल सेक्स किया मजा आ
गया ! बहुत याद आ रही थी तुम्हारी ! मैंने इन दिनों में कई बार हस्तमैथुन
किया, पता नहीं मुझे कुछ दिनों से सेक्स का बहुत मन हो रहा था ! वैसे
तुम्हारा क्या हाल था इतने दिनों से क्या तुमको याद नहीं आई?

मैंने कहा- यार क्या बताऊँ तुमको कि मेरा क्या हाल था इतने दिनों से? मैं
ही जानती हूँ ! और तुम तो कल अपना काम निकाल कर सो गए, तुम्हारा तो हो
गया पर मैं तो अधूरी रह गई। विनोद, आज थोड़ा मजा दो ना !

विनोद- चलो आज करेंगे रात को ! पक्का, मैं तुमको आज बहुत चोदूँगा, तुम ये
न कह दो कि बस अब छोड़ दो, तब तक चोदता ही रहूँगा।

मैंने कहा- अगर ऐसी बात है तो मैं रात का इन्तजार करुँगी।

और मैंने उसका लिंग थोड़ा दबा दिया।

हमने खाना खाया और विनोद कहीं बाहर चला गया। मैंने सुनील को फोन लगाया और
कहा- यार सुनील भैया ! बहुत याद आ रही है, कल विनोद ने कुछ नहीं किया, बस
खुद का कर लिया, मैं तो प्यासी रह गई।

सुनील- कोई बात नहीं भाभी, आप कहो तो हम आ जाते हैं आपकी सेवा में !

मैंने कहा- नहीं सुनील भैया, आज नहीं ! विनोद बाहर जायेगा, तब करेंगे।

सुनील- ठीक है भाभी, जल्दी मिलते हैं।

कह कर उसने फोन काट दिया।

रात को विनोद आया, हमने खाना खाया और वो मेरे कबूतर दबाने लगा, मुझे मजा
आने लगा। आज विनोद कुछ अलग अंदाज में था !

विनोद- जान, अंदर चलें !

और वो मुझे गोद में उठाकर अंदर आ गया, आते ही उसने मेरे सारे कपड़े उतार
दिए और मेरी चूत चाटने लगा। मुझे लगा कि आज विनोद नहीं और कोई मेरे साथ
सेक्स कर रहा है, मैंने विनोद से कहा- अपने तो कपड़े उतारो !

उसने अपने कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों नंगे थे। मैं उसका लंड हाथ में
लेकर सहलाने लगी बिना उसके कहे !

वो मेरी चूत चाट रहा था।

हम अब 69 की अवस्था में आ गए, मैंने उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी तो
विनोद को मजा आने लगा।

मैंने कहा- विनोद अब डाल दो !

और उसने मेरी फ़ुद्दी में लंड डाल दिया और जोर जोर से चोदने लगा, मुझे मजा
आ रहा था !

पर थोड़ी देर में ही वो बोला- यार सुरभि, मैं तो बस गया !

कह कर उसने लंड निकाल लिया और मुँह में आ गया। मैंने उसका लण्ड अच्छे से
चूसा। थोड़ी देर में वो मेरे मुँह में झड़ गया।

वैसे मुझे बहुत मजा आया था, हालाँकि उसने बहुत कम देर किया था पर फिर भी
नया तरीका मुझे पसंद आया। यह कहानी आप हिंदी सेक्सी कहानियाँ पर पढ़ रहे
हैं।

मैंने कहा- विनोद तुम तो बहुत कम देर करते हो।

विनोद बोला- जान क्या करूँ, तुम्हारी चूत है ही इतनी गर्म कि मैं तो क्या
तुमको 2-2 मर्द भी शांत नहीं कर सकते। अगर यकीन न हो तो करके देख सकती हो
किसी के साथ !

मैंने कहा- यह क्या कह रहे हैं आप? मैं ऐसा कैसे कर सकती हूँ?

विनोद- यार, यह सच है कि मैं तुमको शांत नहीं कर सकता हूँ, तुम प्यासी रह
जाती हो ! मुझे पता है पर मैं क्या करूँ, कुछ तो तुम्हारी चूत बहुत हॉट
है कुछ मैं जल्दी झड़ जाता हूँ !

मैंने कहा- नहीं, जो भी है, जैसा भी है, सब ठीक है, मैं ऐसा नहीं करुँगी।
अगर किसी को पता लग गया तो बदनामी होगी।

विनोद- कुछ नहीं होगा जान ! एक बार तुम किसी के साथ सेक्स कर लो, जिंदगी
के मजे ले लो !

मैंने मना कर दिया और कहा- सो जाओ, देखेंगे ! अगर कभी जरुरत हुई तो
करेंगे कभी, फिर बाद में तुम ताना तो नहीं मरोगे ना कि तुमने किसी और के
साथ सेक्स किया है? या ऐसा-वैसा?

विनोद- नहीं जान, मैं ही तुमको आज कहता हूँ ! तुम प्लीज मेरे लिए किसी के
साथ सेक्स कर लो ! मैं बहुत कोशिश करके भी तुमको चरम तक नहीं पहुँचा सकता
हूँ !

और वो इतना कहते हुए मेरे उरोज़ दबाने लगा।

मैंने कहा- क्या इरादा है? दोबारा करोगे क्या?

वो बोला- हाँ ! आज मैं कोशिश करूँगा कि तुमको चरम तक पहुँचा दूँ !

और एक बार और हम सेक्स करने लगे।

आगे भी लिखती रहूँगी।

मुझे मेल करना मत भूलना !

इन्तजार में आपकी सुरभि तिवारी...


--
Raj Sharma

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