FUN-MAZA-MASTI
तारक मेहता का नंगा चश्मा
गोकुलधाम सोसायटी में दहीहांड़ी का कार्यक्रम
शाम को सब मीटिंग के लिए इकट्ठा होते हैं..लेकिन हमेशा की तरह जेठालाल वक़्त पे नही आया था...उधर भिड़े और पोपटलाल कोँमिटी मेंबर के तौर पे सामने खड़े थे .... तभी भिड़े ने मेहता साहब से कहा..
भिड़े :- देखा मेहता साहब अपने आज जेठालाल फिर से लेट हो गया..कभी नही सुधरेगा ये..
तभी उधर से आवाज़ आती है..ओ पंचायती..ज़रा कम बोला कर...जी हाँ जेठालाल क्लब हाउस के गेट पे खड़े थे...
तारक :- छोड़ो ना भिड़े आ गया ना जेठालाल क्यूँ बेकार में पंगे लेते हो तुम...
उधर जेठालाल अंदर आते है..
जेठालाल :- भाई भिड़े...में दुकान से आता हूँ..टाइम लगता है भाई..ग्राहकी छोड़ के थोड़ी आउन्गा...और मुझे तो बड़ा बोल रहा है अभी तक आइयर भाई भी नही आए हैं..
भिड़े :- इधर उधर देखते हुए..और फिर जेठालाल को सॉरी बोलता है.और फिर आइयर को फोन लगाने लगता है लेकिन..
तभी बबिता खड़ी होती है और बोलती है..
बबिता :- भिड़े भाई आइयर को कुछ काम से 2 दिनो के लिए बाहर जाना पड़ा..इसलिए वो नही आएँगे..
ये सुनते ही जेठालाल के ख़ुसी का ठिकाना नही होता .... वो सोचता है इससे बढ़िया मौका नही मिलेगा बबिता जी के साथ कुछ करने का..लेकिन कैसे करूँ..कुछ तो सोचना पड़ेगा..
तभी भिड़े कल के प्रोग्राम के बारे में बताता है...कि कल सुबह ठीक 9 बजे सबको कॉंपाउंड में मिलना है...दही हाँडी के प्रोग्राम के लिए..और प्लीज़ सब टाइम पे आ जाना...और हाँ सबसे इंपॉर्टेंट बात...कल की दही हाँडी में कोई भी सोसाइटी का मेम्बर हिस्सा नही लेगा क्यूँ कि पिछली बार दया भाभी को बहुत चोट आई थी...
सभी भिड़े की बात पे सहमति देते हैं...बस एक इंसान नही देता वो है जेठालाल..क्यूँ कि वो कल के लिए सोच रहा था..कि कैसे बबिता जी के साथ कुछ किया जाए......उसने अब ठान ली थी कि वो बबिता जी के साथ कुछ कर के ही रहेगा...
उधर बबिता काफ़ी दिन से परेशान तो वैसे ही थी क्यूंकी उसने काफ़ी दिन से सेक्स नही किया है और अब 2 दिन और नही कर सकती ....
ये दोनो अपने ही ख़यालों में खोए हुए थे .... और मीटिंग का एंड भी हो गया और इन्हे पता भी नही चला..जब मेहता साहब ने जेठालाल को हिलाया तब वो अपनी गहरी सोच से बाहर निकला..उधर बबिता जो दया के बगल में बैठी थी वो बबिता को हिलाती है और बबिया भी गहरी सोच से बाहर आती है...सब कॉंपाउंड में आ जाते हैं..
और अपने अपने घर की तरफ निकल जाते हैं...घर जाते ही जेठालाल खाना खाने के बाद अपने कमरे में में सोने चला जाता है .. और बैठ के कल के लिए कुछ आइडिया सोचने ने लगता है...तभी दया आती है और जेठालाल को इतनी गहरी सोच में देख के पूछती है..
दया :- टप्पू के पापा क्या हुआ..कुछ टॅन्षन है??
जेठालाल :- सोच में से बाहर आते हुए...बोलता है...ये आइयर भाई को कोई परवाह ही नही है...ऐसे अकेला छोड़ के निकल जाते हैं..
दया :- हाँ ये तो है..वैसे भी बबिता जी परेशान है कुछ दिनो से..
जेठालाल :- ये सुन के चौंक जाता है...दया तूने मुझे पहले क्यूँ नही बताया कि बबिता जी परेशान है..में अभी उन्हे फोन करता हूँ..
दया :- जेठालाल को रोकते हुए...नही टप्पू के पापा वो आपको नही बता पाएँगी अपनी परेशानी..
जेठालाल :- तो तू बता दे..उसमे क्या है..
दया :- नही बता सकती कुछ प्राइवेट बात है..
जेठालाल :- वो सोचता है..अगर दया से बात निकलवानी है तो दया को एमोशनल ब्लॅकमेल करना पड़ेगा...और बोलता है...ठीक है दया तू मुझे नही बताना चाहती तो ठीक है..आज से में तुझे कोई भी बात नही बताउन्गा...और अपनी रूठने जैसी शकल बनाता है..
दया :- हे माँ माताजी..ये कैसा धरम संकट है..और कुछ सोचने के बाद बोलती है...वो ऐसा है कि आइयर भाई बबिता जी के साथ सॅक्स नही करते..वो इतनी तेज़ बोलती है कि जेठालाल को कुछ समझ नही आता..
जेठालाल :- क्या क्या...अरी डोबी आराम से बोल कुछ स्मझ नही आया..
दया :- इस बार आराम से...वो क्या है कि आइयर भाई बबिता जी के साथ सॅक्स नही करते...और वो इस बात से काफ़ी परेशान है..
जेठालाल :- ये सुनते ही..मन में खुशी से झूम उठता है..मगर बाहर से अपना रोंदों सा सेहरा बनाते हुए दया को बोलता है...दया आइयर भाई को काम रहता है ना इसलिए वो नही कर पा रहे होंगे..तू चिंता मत कर सब ठीक हो जाएगा और बोलता है जल्दी सो जाओ कल सुबह जल्दी उठना है...
इतना सुनते ही दया अपनी मुन्डी हाँ में हिलाती है और सो जाती है..इधर जेठालाल लेट के मन ही मन खुशी में डूब जाता है क्यूँ कि उसका कल का प्लान अब बन चुका था...और ग़लती से बोल पड़ता है...मज़ा आएगा कल...ये सुन के दया जाग जाती है और पूछती है..कि क्या मज़ा आएगा कल...जेठालाल थोड़ा घबरा जाता है लेकिन वो बात को सम्भहाल कर कहता है.....अरे डोबी कल दही हंडी का प्रोग्राम है ना इसलिए बोल रहा हूँ...और दया बोलती है ...अरे हाँ ...और दोनो सो जाते हैं...
दोस्तो तारक मेहता का नंगा चश्मा के और भी बहुत से अपडेट पढ़ने के आएँ राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर
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शाम को सब मीटिंग के लिए इकट्ठा होते हैं..लेकिन हमेशा की तरह जेठालाल वक़्त पे नही आया था...उधर भिड़े और पोपटलाल कोँमिटी मेंबर के तौर पे सामने खड़े थे .... तभी भिड़े ने मेहता साहब से कहा..
भिड़े :- देखा मेहता साहब अपने आज जेठालाल फिर से लेट हो गया..कभी नही सुधरेगा ये..
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तारक :- छोड़ो ना भिड़े आ गया ना जेठालाल क्यूँ बेकार में पंगे लेते हो तुम...
उधर जेठालाल अंदर आते है..
जेठालाल :- भाई भिड़े...में दुकान से आता हूँ..टाइम लगता है भाई..ग्राहकी छोड़ के थोड़ी आउन्गा...और मुझे तो बड़ा बोल रहा है अभी तक आइयर भाई भी नही आए हैं..
भिड़े :- इधर उधर देखते हुए..और फिर जेठालाल को सॉरी बोलता है.और फिर आइयर को फोन लगाने लगता है लेकिन..
तभी बबिता खड़ी होती है और बोलती है..
बबिता :- भिड़े भाई आइयर को कुछ काम से 2 दिनो के लिए बाहर जाना पड़ा..इसलिए वो नही आएँगे..
ये सुनते ही जेठालाल के ख़ुसी का ठिकाना नही होता .... वो सोचता है इससे बढ़िया मौका नही मिलेगा बबिता जी के साथ कुछ करने का..लेकिन कैसे करूँ..कुछ तो सोचना पड़ेगा..
तभी भिड़े कल के प्रोग्राम के बारे में बताता है...कि कल सुबह ठीक 9 बजे सबको कॉंपाउंड में मिलना है...दही हाँडी के प्रोग्राम के लिए..और प्लीज़ सब टाइम पे आ जाना...और हाँ सबसे इंपॉर्टेंट बात...कल की दही हाँडी में कोई भी सोसाइटी का मेम्बर हिस्सा नही लेगा क्यूँ कि पिछली बार दया भाभी को बहुत चोट आई थी...
सभी भिड़े की बात पे सहमति देते हैं...बस एक इंसान नही देता वो है जेठालाल..क्यूँ कि वो कल के लिए सोच रहा था..कि कैसे बबिता जी के साथ कुछ किया जाए......उसने अब ठान ली थी कि वो बबिता जी के साथ कुछ कर के ही रहेगा...
उधर बबिता काफ़ी दिन से परेशान तो वैसे ही थी क्यूंकी उसने काफ़ी दिन से सेक्स नही किया है और अब 2 दिन और नही कर सकती ....
ये दोनो अपने ही ख़यालों में खोए हुए थे .... और मीटिंग का एंड भी हो गया और इन्हे पता भी नही चला..जब मेहता साहब ने जेठालाल को हिलाया तब वो अपनी गहरी सोच से बाहर निकला..उधर बबिता जो दया के बगल में बैठी थी वो बबिता को हिलाती है और बबिया भी गहरी सोच से बाहर आती है...सब कॉंपाउंड में आ जाते हैं..
और अपने अपने घर की तरफ निकल जाते हैं...घर जाते ही जेठालाल खाना खाने के बाद अपने कमरे में में सोने चला जाता है .. और बैठ के कल के लिए कुछ आइडिया सोचने ने लगता है...तभी दया आती है और जेठालाल को इतनी गहरी सोच में देख के पूछती है..
दया :- टप्पू के पापा क्या हुआ..कुछ टॅन्षन है??
जेठालाल :- सोच में से बाहर आते हुए...बोलता है...ये आइयर भाई को कोई परवाह ही नही है...ऐसे अकेला छोड़ के निकल जाते हैं..
दया :- हाँ ये तो है..वैसे भी बबिता जी परेशान है कुछ दिनो से..
जेठालाल :- ये सुन के चौंक जाता है...दया तूने मुझे पहले क्यूँ नही बताया कि बबिता जी परेशान है..में अभी उन्हे फोन करता हूँ..
दया :- जेठालाल को रोकते हुए...नही टप्पू के पापा वो आपको नही बता पाएँगी अपनी परेशानी..
जेठालाल :- तो तू बता दे..उसमे क्या है..
दया :- नही बता सकती कुछ प्राइवेट बात है..
जेठालाल :- वो सोचता है..अगर दया से बात निकलवानी है तो दया को एमोशनल ब्लॅकमेल करना पड़ेगा...और बोलता है...ठीक है दया तू मुझे नही बताना चाहती तो ठीक है..आज से में तुझे कोई भी बात नही बताउन्गा...और अपनी रूठने जैसी शकल बनाता है..
दया :- हे माँ माताजी..ये कैसा धरम संकट है..और कुछ सोचने के बाद बोलती है...वो ऐसा है कि आइयर भाई बबिता जी के साथ सॅक्स नही करते..वो इतनी तेज़ बोलती है कि जेठालाल को कुछ समझ नही आता..
जेठालाल :- क्या क्या...अरी डोबी आराम से बोल कुछ स्मझ नही आया..
दया :- इस बार आराम से...वो क्या है कि आइयर भाई बबिता जी के साथ सॅक्स नही करते...और वो इस बात से काफ़ी परेशान है..
जेठालाल :- ये सुनते ही..मन में खुशी से झूम उठता है..मगर बाहर से अपना रोंदों सा सेहरा बनाते हुए दया को बोलता है...दया आइयर भाई को काम रहता है ना इसलिए वो नही कर पा रहे होंगे..तू चिंता मत कर सब ठीक हो जाएगा और बोलता है जल्दी सो जाओ कल सुबह जल्दी उठना है...
इतना सुनते ही दया अपनी मुन्डी हाँ में हिलाती है और सो जाती है..इधर जेठालाल लेट के मन ही मन खुशी में डूब जाता है क्यूँ कि उसका कल का प्लान अब बन चुका था...और ग़लती से बोल पड़ता है...मज़ा आएगा कल...ये सुन के दया जाग जाती है और पूछती है..कि क्या मज़ा आएगा कल...जेठालाल थोड़ा घबरा जाता है लेकिन वो बात को सम्भहाल कर कहता है.....अरे डोबी कल दही हंडी का प्रोग्राम है ना इसलिए बोल रहा हूँ...और दया बोलती है ...अरे हाँ ...और दोनो सो जाते हैं...
दोस्तो तारक मेहता का नंगा चश्मा के और भी बहुत से अपडेट पढ़ने के आएँ राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर
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