FUN-MAZA-MASTI
सीता --एक गाँव की लड़की--14
"लिफ्ट?"उस बाइक सवार ने अपने हेलमेट के कांच को ऊपर करते हुए पूछा..
मैं एक बार तो चौंक पड़ी पर जल्द ही संभल गई कि ये गांव नहीं शहर है और यहां तो ऐसी बातें होती रहती है..
मगर मैं फिर भी सहज महसूस नहीं कर रही थी. मैं ना में सिर हिला दी..वो अगले ही पल बोला,"मैडम, मैंने देखा कि आप अकेली हैं तो पूछ लिया, आगे आपकी मर्जी..."
कहते हुए उसने अपने गाड़ी की सेल्फ लगा दी..मैं बिना कुछ कहे उसकी तरफ देख रही थी..फिर एक नजर चारों तरफ दौड़ाई कि कोई मेरी तरफ.... मगर यहां कौन इतना फ्री रहता है कि.....
अगले ही पल मैं आगे बढ़ उसके साथ बैठ गई.. जैसे ही मैं बैठी उसने बाइक बढ़ा दिया..
बाईक की सीट काफी ऊंची थी जिससे मैं साड़ी में काफी डर भी महसूस कर रही थी..कुछ ही दूर चलने के बाद उसने पूछा,"मैडम, किधर जाओगी?"
बाइक वाले का चेहरा तो अभी तक नहीं देखी थी पर कद-काठी से काफी स्मॉर्ट लग रहा था.. रंग भी साफ था..
हालांकि उसने अभी तक कोई ऐसी वैसी हरकत नहीं की थी कि जिससे हमें कोई परेशानी होती...बस हम दोनों आगे की तरफ बाइक से जा रहे थे....
मैं उसे अपने घर की तरफ चलने बोल दी..मेरी बात सुन वो ओके कह बाइक दौड़ाने लगा.
आगे चौराहा थी जहां पहले से रेड लाइट जल रही थी..उसने भी बाइक रोक ली.. मैं बैठी आगे सड़क पर क्रॉस करती गाड़ी देख रही थी..
अचानक से मुझे पूजा एक बाइक पर चिपकी दिखी.. मैं गौर से देखी पर वो किसके साथ बैठी थी उसे पहचान नहीं सकी..
वो कुछ ही पल में आँखों से ओझल हो गई..मैं सोचने लगी कि क्या करूं..उसके पीछे जा के देखूं कि वो किसके साथ है..
तब तक इधर भी हरी लाइट जल गई.. तभी अचानक से मुझे क्या सूझी, बोली,"वो जरा इधर चलिएगा.."
वो मेरी बात सुन उधर बाइक मोड़ दी जिधर पूजा गई थी..कुछ देर चलने के बाद भी मुझे पूजा कहीं नजर नहीं आई..
तभी मैंने अपने एक हाथ उसके कंधे पर रख दिए और दूसरी हाथ से मोबाइल निकाल के पूजा को फोन करने लगी...
ऐसी अवस्था में मैं सटी थी कि मेरी दोनों चुची उसकी पीठ को दबा रही थी और मेरी गर्म सांसें उसके सीधे गर्दन पर पड़ रही थी...
पूजा कुछ देर बाद फोन रिसीव कर ली..उसके फोन रिसीव करते ही मैं बोली," हैलो पूजा, कहां हो तुम?"
मेरी बात सुनते ही पूजा थोड़ी घबराई हुई आवाज में बोली,"क्यों, क्या हुआ आपको... ठीक तो हो ना?"
शायद पूजा को लगा कि मुझे कुछ दिक्कत आई है..मैं थोड़ी हंसती हुई बोली,"अरे नहीं, मैं बिल्कुल ठीक हूं..दरअसल घर पर बोर हो रही थी अकेली तो सोची घूमने चली जाउं...वैसे तुम्हारा कॉलेज टाइम भी खत्म हो गया तो फोन कर ली.."
मेरी बात सुन पूजा राहत की सांस लेती हुई बोली,"क्या बात है ... मैं मॉल की तरफ जा रही हूँ,,आ जाओ इधर..मैं रूकती हूं..."
पूजा के फोन रखते ही मैं पूजा के बताए जगह पर चलने बोली.. वो भी अब तेजी से बाइक दौड़ता चला जा रहा था क्योंकि अब मैं उससे चिपक के बैठी जो थी...
कुछ ही देर में मैं पूजा के पास थी.. पूजा हमें बाइक पर देख आश्चर्य भरी नजरों से देखे जा रही थी..
"क्या हुआ पूजा? अब चलो ना? "मैं चोरी से पूजा को आंख मारते हुए पूछी..
पर पूजा तो अभी भी घूरे रह रही थी मानों वो जानना चाहती थी कि तुम किसके साथ आई...मैं जल्द ही पूजा को इन बातों से बाहर लाने की सोच बोली,"लो मैं आ रही थी तो रास्ते में इनसे लिफ्ट ले ली थी.. अब आप भी तो इनका परिचय करवा दो.."
पूजा मेरी बात सुन मुस्कुराती हुइ बोली,"हम दोनों एक ही कॉलेज में हैं तो इनसे दोस्ती हो गई है.."
"ओके अब तो चलो.."मैं हंसती हुई पूजा से बोली जिसे सुन पूजा मुस्कुराती हुई बाइक पर बैठ गई..
"आप फ्री तो हैं ना अभी, वर्ना बेवजह आपको तकलीफ नहीं दूँगी.."मैं अपने बाइक वाले से पूछी..
मेरी बात शायद पूजा और उसके दोस्त भी सुन चुके थे जिस वजह से पूजा के दोस्त तपाक से बोले,"अरे इसकी टेंशन आप क्यों ले रही हो.. ये पूरे दिन फ्री ही रहता है.. इसका बाप इतना कमाता है कि इसे कोई काम करने की जरूरत ही नहीं."
उसकी बात सुनते ही मैं और पूजा एक साथ चौंक पड़ी..क्या ये दोनों एक दूसरे को जानते हैं? पूजा को भी शायद ये बात नहीं मालूम पड़ी थी..वो उससे पूछी," तुम दोनों दोस्त हो क्या?"
"हाँ पूजा जी हम दोनों दोस्त हैं और आपके बारे में ये बता चुका है बस मिलना बाकी था जो कि आज इनकी वजह से संभव हो गया.."
मेरे बाइक वाले ने पूजा को उत्तर देते हुए कहा..जिसे सुन पूजा का दोस्त हां में सहमति कर दिया..
"अच्छा पूजा, ये कौन हैं, इनसे तो परिचय करवाओ.. पहले तो कभी नहीं बताई इनके बारे में?" पूजा का दोस्त धीरे-2 बाइक बढ़ाते हुए पूछा..
पूजा हंसती हुई बोली,"कभी पूछे हो क्या जो नहीं बताई हूँ..तुम तो बस हर वक्त मेरे बारे में ही पूछते रहते.."
"पूजा, ये शाला है ही चुतिया..जब से तुम इसकी दोस्त बनी हो ना तब से हमें भी भूल गया है तो औरों के बारे मों खाक पूछेगा"मेरे बाइक वाले ने हंसते हुए पूजा को कहा..
जिसे सुन हम सब की हँसी निकल गई..पूजा का दोस्त हँसते हुए बोला,"पूजा, अब बता भी दो कि ये कौन हैं..वैसे अगर बात जम तो शायद इन दोनों की भी दोस्ती हो जाएगी..इसे मैरिड गर्ल्स से दोस्ती काफी पसंद है"
उसकी बात सुन मैं झेंप सी गई और मुंह दूसरी तरफ कर ली..तभी पूजा आगे बोली,"ये मेरी सीता भाभी हैं पर रहते हम दोनों बहन की तरह.. अकेली होती हूँ तो दीदी ही कह के बुलाती हूँ इन्हें.."
मैं पूजा की बात सुन हंस पड़ी.तब तक हम सब मॉल पहुँच चुके थे..गाड़ी पॉर्क करने वो दोनों दूसरी तरफ चले गए..पूजा आगे आती हुई बोली,"क्यों दीदी, मस्त है आपका बाइक वाला.. दोस्ती कर ले .खूब मजे देगा.."
"अच्छा, तुम्हें कैसे पता?"मैं मुस्कुरा के बोली..
"बॉडी से.." पूजा एक ही शब्दों में उत्तर देती हुई बोली..
"तुम कितनी बार मजे ले चुकी हो अब तक इससे.." मैं हंसती हुई पूछी..
"अभी तक तो नहीं.. काफी दिनों से पीछे पड़ा था तो आज ही हाँ बोली हूं.."पूजा अपनी सफाई देते हुए बोली..
तभी सामने से वो दोनों दोस्त काफी खुश होते हुए आ रहा था..
पूजा भी ये देख जल्दी से बोली,"अगर प्रपोज करे तो प्लीज हां कह देना.. काफी मजा आएगा.."
पूजा की बात सुन मैं मुस्कुरा पड़ी..तब तक दोनों पास आ चुके थे.. उसे आते ही पूजा और मैं मॉल की तरफ बढ़ गई..
पीछे से वो दोनों भी मुस्कुराते हुए हम दोनों की गांड़ पर नजर गड़ाए आ रहे थे...
हम सब मॉल में कुछ देर घूमे.. फिर पूजा अपने लिए कुछ ड्रेस देखने लगी.. तभी उसका दोस्त आगे पूजा के पास गया और पूछा,"क्या लेगी?"
"तुम कहो अभी तो कुछ सोची नहीं, बस देख रही हूँ.."पूजा मुस्कुराती हुई जवाब दी..
"अच्छा,, फिर तो मेरी मानो सिर्फ अंडर गारमेंट्स के सेट ले लो... मस्त लगोगी..."हंसता हुआ उसने जवाब दिया..
"रहने दो.. मरना नहीं हमें अभी."पूजा चिढ़ती सी बोली.
तब तक पूजा अपने लिए एक शॉर्ट्स और काफी पतली सी टी-शर्ट चूज कर ली और मेरी तरफ दिखाती हूई बोली,"दीदी, ये अच्छी है?"
मैं कुछ बोलती इससे पहले ही उसका दोस्त बोल पड़ा,"वॉव,, कयामत लगेगी मेरी जान.. प्लीज जल्दी से पहन के दिखाओ.."
उसकी बातें सुन हम सब की हंसी निकल गई.. पूजा भी हल्की हंसी हंसते हुए ट्रायल रूम की तरफ बढ़ गई..
पूजा के जाते ही पूजा के साथ वाला लड़का अपने दोस्त को बोला,"ओए घोंचू, बाप का पैसा बचा के क्या करेगा? अपने दोस्त को को भी कोई अच्छी ड्रेस ले लो"
उसकी बात सुन मेरी बाईक वाला मेरे निकट आ बोला,"अभी तो ठीक से जाने भी नहीं है फिर भी मैं आपसे दोस्ती करना चाहता हूँ..अगर आपको पसंद है हमारी दोस्ती तो प्लीज मेरी तरफ से कुछ ले लीजिए.."
उसकी बात सुन मैं अंदर ही अंदर मुस्कुरा रही थी कि ये सच में इतना अच्छा नेचर का है फिर बस यूँ ही...
फिर मुझे कुछ शरारत सूझी.. उसके सीधे में आते हुए बोली,"अभी तक आपने अपना नाम तो बताया नहीं और गिफ्ट देने तक पहुँच गए.."
मेरी बात सुनते ही वो झेंप गया.. और पूजा का दोस्त अच्छी वाली गाली देने लगा उसे...
"सॉरी जी, आपसे जब से साथ हूँ खुद को ही भूल गया हूँ.. वैसे मेरा नाम सन्नी है.." वो अपनी गलती स्वीकारते हुए बोला..जिससे मेरी हंसी निकल गई..
"और मैं बंटी.. बाद में मत कहना कि मैंने अपना नाम नहीं बताया.." पूजा का दोस्त भी खुद को बचाते हुए बोल दिया जिससे हम सब एक साथ हंस पड़े...
तभी पूजा ट्रायल रूम से निकली.. वो छोटी सी शॉर्टस और V-shep की टी- शर्ट में काफी सेक्सी लग रही थी..
शॉर्टस जो कि आधी जांघें तक ही आ रही थी, जबकि टी-शर्ट में उसकी आधी चुची निकली सभी के हाथों को बुला रही थी...
और टी-शर्टस इतनी पतली थी कि अंदर की ब्रॉ की shape साफ-2 नजर आ रही थी..इधर बंटी के साथ-2 सन्नी भी पूजा को ऐसे देखे जा रहा था; मानों आँखों से ही चोद रहा हो...
पूजा पास आते ही हम तीनों से एक-मुश्त ही पूछी," हैलो....अच्छी नहीं लग रही हूँ क्या?"
बंटी हड़बड़ाते हुए बोला,"वॉव पूजा,मुझे नहीं पता था कि तुम छोटे कपड़ों में तो और धांसू लगती हो...अगर कोई कह दे कि अच्छी नहीं लगती तो शाले का मुंह तोड़ दूं..क्यों भाभी जी??"
उसकी बाते सुन मैं हामी भर दी और शिकायत भरी लब्जों में बोली,"बंटी, मेरा नाम सीता है...आगे से याद रखना.. मैं भाभी हूं तो सिर्फ पूजा की, वो भी थोड़ी सी.. बाकी तो उसकी बेस्ट फ्रेंड हैं ही.."
मेरी शिकायत सुनते ही बंटी ओहहह करते हुए सॉरी बोलने लगा..तभी सन्नी बोल पड़ा," हे सीता, प्लीज अब तो मत तरसाओ.. देखो पूजा कितनी बवाल की लग रही है..अब जल्दी से तुम भी..."
सन्नी की बात को बीच में ही काटते हुए बोली," नो सन्नी, मुझे नहीं पसंद..मैं ऐसे ही ठीक दिखती हूं.."
"अरे तुम तो साड़ी में भी मस्त लगती हो पर बस हम सब की इच्छा है कि तुम भी अगर वेस्टर्न ड्रेसेज ले लोगी तो..."
तभी पूजा बीच में टपकती हुई बोली,"..तो बाइक पर आराम से चिपक के बैठ सकती है..."
पूजा की बात पूरी होते ही सब जोर से हंस पड़े जबकि मैं शर्म से लाल हो मुंह दूसरी तरफ कर मुस्कुराने लगी...
तभी पूजा हमें साथ लेती आगे बढ़ी और एक काले रंग की कैप्री और टी-शर्ट चूज कर मेरे हाथों देती बोली,"लो मेरी जान और जल्दी से इसे पहन के जरा अपने जलवे तो दिखा दो.."
अब जब पूजा कह रही है तो ना कहने की हिम्मत कैसे करती,,क्योंकि वो मानने वाली थोड़े ही थी..
मैं दबी हुई हंसी के साथ ट्रायल रूम की तरफ शर्माती हुई बढ़ गई...वो दोनों बंटी व सन्नी भी मुस्कुरा रहे थे...
अंदर घुसते ही मैंने जल्दी से साड़ी को अलग फेंक दी...बेशब्री तो हमें भी थी पर कुछ तो नाटक करनी ही थी ना...
चंद घड़ी बाद ही मैं सिर्फ ब्रॉ और पेन्टी में खड़ी थी...खुद को एक बार सामने मिरर में देखी तो खुद ही शर्मा गई...
फिर मुस्कुराते हुए कैप्री पहन ली...जो कि घुटने से थोड़ी ऊपर ही आ रही थी..कुछ कैप्री तो नीचे तक रहती है पर ये कुछ ज्यादा ही छोटी थी...शायद सेक्सी दिखने के लिए ही थी इतनी छोटी...
फिर टी-शर्ट पहन लो जो कि काफी तंग आ रही थी..मेरी चुची की पूरी shape साफ साफ नजर आ रही थी...
साथ में ब्रॉ भी हल्की-2 नजर आ रही थी.. कुल मिला काफी हॉट बना रही थी जो किसी भी मर्द के पानी यूँ निकलवा सके...
मैंने अपने साड़ी- पेटिकोट व ब्लॉउज समेट बाहर निकलन मुड़ी ही थी कि मिरर में मेरी गांड़ की उभार दिखी...
ओह गॉड,, ये तो काफी कसी और बाहर की तरफ निकल रही थी...खुद की गांड़ देख मेरी मुँह में पानी आ गई कि इतनी कामुक और विशाल गांड़....
अभी सिर्फ चूत चुदवाई तो ये हालत है, आगे गांड़ में ली तो पता नहीं क्या हालत होगी???
फिर हल्की सी सेक्सी पोज देती मुस्कुराती हुई सभी लंड के पानी छुड़वाने गेट खोल बाहर निकल गई...
बाहर तीनों गोल-मटोल हो गुटर-गूं कर रहे थे..उन सब की नजर हमारी तरफ नहीं थी...हाँ, मॉल में और सब लंड की नजर जरूर टिक गई थी हम पर..
उनके निकट पहुंच हाय कहती हुई सबका ध्यान अपनी तरफ की..मुझे देखते ही उन सब की आवाजें ही गुम हो गई...
सन्नी की नजरें तो मेरी उठी हुई चुची से हट ही नहीं रही थी, जबकि बंटी मेरी पूरी फिगर को ऊपर से नीचे देख शायद पछता रहा था कि शाला, कहां मैं पूजा को फंसा के गलती कर दिया...
पूजा आंखें निपोरती हुई बोली,"वॉव भाभी,, क्या मस्त आइटम लग रही हो... पता नहीं बेचारा सन्नी कैसे बर्दाश्त करेगा?"
कहते हुए पूजा खिलखला कर हँस पड़ी.. मैं अपनी आंखें निकालती हुई पूजा को नजरों से ही डांट दी...
उधर वो दोनों तो अभी भी बेखबर हो देखे जा रहे थे.. पूजा क्या बोली, वो तो सुना भी नहीं वर्ना उसका सीना फूल के 72इंच हो जाता...
तभी पूजा को भी आभास हुआ कि दोनों अब इस दुनिया से सपनों की दुनिया में पहुँच गए हैं...तो पूजा बंटी के गालों पर हल्की चपत लगाती हुई बोली,"ऐ मिस्टर, भाभी अगर अच्छी नहीं लग रही है तो अपनी मुंह खोलते हुए कोई दुसरी ड्रेस चूज करो.."
शायद पूजा उसकी प्रतिक्रया देखना चाहती थी कि दोनों कैसा रिएक्ट करते हैं...पूजा की बात सुनते ही सन्नी हड़बड़ाता हुआ बोला,"नहीं नहीं पूजा,, हम दोनों की आँखों पर तो विश्वास ही नहीं हो रही है कि साड़ी में सिम्पल सी सीता ऐसी ड्रेस में इतनी बलाल मचा देगी मेरे अंदर...amazingggg ...."
"सीता,प्लीज.. इसमें तुम काफी सुंदर लग रही हो और तुम्हारी फिगर...उफ्फफफ...साड़ी में तो मालूम ही नहीं पड़ती थी कि तुम इतनी हॉट हो...कसम से..."बंटी भी कुछ बोले रह नहीं सका...अब तो मेरी अनुमान भी सटीक हो गई थी कि बंटी सच में पछता रहा है...
और बंटी की ऐसी सेक्सी तारीफ सुन मैं अंदर ही अंदर शर्मा गई थी...पर अपनी शर्म को साइड करती हुई बोली,"थैंक्स, अब 2 मिनट रूको मैं चेंज कर आती हूँ.. फिर चलेंगे.."
सच ये तो मैं खुद नहीं चाहती थी पर कुछ तो फॉर्मिलीटी करनी थी ना....
मेरी बातें सुनते ही तीनों गिड़गिड़ाने लगे...प्लीज सीता,मेरे लिए.....प्लीज भाभी.....आदि आदि...
मेरी तो हंसी रूक नहीं सकी और हँसते हुए ओके बोली...मेरी हाँ सुनते ही तीनों ऐसे चियर्स किए मानों कोई बड़ी बाजी जीत गए...
फिर हम सब काउन्टर पर थोड़ी देर रूके.. पेमेन्ट दोनों कर बाहर की तरफ चल दिए...इस दौरान वहां मौजूद सारे मर्द आँखों से ही हम दोनों हॉट माल को चोदे जा रहे थे... पर अब तो हमें भी आदत सी हो गई थी...
फिर मैं सन्नी की बाइक पर और पूजा बंटी की बाइक पर चिपक के बैठी थी... अब तो शायद सन्नी भी समझ गया था कि मुझे उसकी दोस्ती ही नहीं,लंड भी चाहिए...
अगले ही पल बाइक तेज गति से सड़कों पर दौड़ने लगी थी... अभी कुछ ही देर चली थी कि ओहहहह नो...
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मगर मैं फिर भी सहज महसूस नहीं कर रही थी. मैं ना में सिर हिला दी..वो अगले ही पल बोला,"मैडम, मैंने देखा कि आप अकेली हैं तो पूछ लिया, आगे आपकी मर्जी..."
कहते हुए उसने अपने गाड़ी की सेल्फ लगा दी..मैं बिना कुछ कहे उसकी तरफ देख रही थी..फिर एक नजर चारों तरफ दौड़ाई कि कोई मेरी तरफ.... मगर यहां कौन इतना फ्री रहता है कि.....
अगले ही पल मैं आगे बढ़ उसके साथ बैठ गई.. जैसे ही मैं बैठी उसने बाइक बढ़ा दिया..
बाईक की सीट काफी ऊंची थी जिससे मैं साड़ी में काफी डर भी महसूस कर रही थी..कुछ ही दूर चलने के बाद उसने पूछा,"मैडम, किधर जाओगी?"
बाइक वाले का चेहरा तो अभी तक नहीं देखी थी पर कद-काठी से काफी स्मॉर्ट लग रहा था.. रंग भी साफ था..
हालांकि उसने अभी तक कोई ऐसी वैसी हरकत नहीं की थी कि जिससे हमें कोई परेशानी होती...बस हम दोनों आगे की तरफ बाइक से जा रहे थे....
मैं उसे अपने घर की तरफ चलने बोल दी..मेरी बात सुन वो ओके कह बाइक दौड़ाने लगा.
आगे चौराहा थी जहां पहले से रेड लाइट जल रही थी..उसने भी बाइक रोक ली.. मैं बैठी आगे सड़क पर क्रॉस करती गाड़ी देख रही थी..
अचानक से मुझे पूजा एक बाइक पर चिपकी दिखी.. मैं गौर से देखी पर वो किसके साथ बैठी थी उसे पहचान नहीं सकी..
वो कुछ ही पल में आँखों से ओझल हो गई..मैं सोचने लगी कि क्या करूं..उसके पीछे जा के देखूं कि वो किसके साथ है..
तब तक इधर भी हरी लाइट जल गई.. तभी अचानक से मुझे क्या सूझी, बोली,"वो जरा इधर चलिएगा.."
वो मेरी बात सुन उधर बाइक मोड़ दी जिधर पूजा गई थी..कुछ देर चलने के बाद भी मुझे पूजा कहीं नजर नहीं आई..
तभी मैंने अपने एक हाथ उसके कंधे पर रख दिए और दूसरी हाथ से मोबाइल निकाल के पूजा को फोन करने लगी...
ऐसी अवस्था में मैं सटी थी कि मेरी दोनों चुची उसकी पीठ को दबा रही थी और मेरी गर्म सांसें उसके सीधे गर्दन पर पड़ रही थी...
पूजा कुछ देर बाद फोन रिसीव कर ली..उसके फोन रिसीव करते ही मैं बोली," हैलो पूजा, कहां हो तुम?"
मेरी बात सुनते ही पूजा थोड़ी घबराई हुई आवाज में बोली,"क्यों, क्या हुआ आपको... ठीक तो हो ना?"
शायद पूजा को लगा कि मुझे कुछ दिक्कत आई है..मैं थोड़ी हंसती हुई बोली,"अरे नहीं, मैं बिल्कुल ठीक हूं..दरअसल घर पर बोर हो रही थी अकेली तो सोची घूमने चली जाउं...वैसे तुम्हारा कॉलेज टाइम भी खत्म हो गया तो फोन कर ली.."
मेरी बात सुन पूजा राहत की सांस लेती हुई बोली,"क्या बात है ... मैं मॉल की तरफ जा रही हूँ,,आ जाओ इधर..मैं रूकती हूं..."
पूजा के फोन रखते ही मैं पूजा के बताए जगह पर चलने बोली.. वो भी अब तेजी से बाइक दौड़ता चला जा रहा था क्योंकि अब मैं उससे चिपक के बैठी जो थी...
कुछ ही देर में मैं पूजा के पास थी.. पूजा हमें बाइक पर देख आश्चर्य भरी नजरों से देखे जा रही थी..
"क्या हुआ पूजा? अब चलो ना? "मैं चोरी से पूजा को आंख मारते हुए पूछी..
पर पूजा तो अभी भी घूरे रह रही थी मानों वो जानना चाहती थी कि तुम किसके साथ आई...मैं जल्द ही पूजा को इन बातों से बाहर लाने की सोच बोली,"लो मैं आ रही थी तो रास्ते में इनसे लिफ्ट ले ली थी.. अब आप भी तो इनका परिचय करवा दो.."
पूजा मेरी बात सुन मुस्कुराती हुइ बोली,"हम दोनों एक ही कॉलेज में हैं तो इनसे दोस्ती हो गई है.."
"ओके अब तो चलो.."मैं हंसती हुई पूजा से बोली जिसे सुन पूजा मुस्कुराती हुई बाइक पर बैठ गई..
"आप फ्री तो हैं ना अभी, वर्ना बेवजह आपको तकलीफ नहीं दूँगी.."मैं अपने बाइक वाले से पूछी..
मेरी बात शायद पूजा और उसके दोस्त भी सुन चुके थे जिस वजह से पूजा के दोस्त तपाक से बोले,"अरे इसकी टेंशन आप क्यों ले रही हो.. ये पूरे दिन फ्री ही रहता है.. इसका बाप इतना कमाता है कि इसे कोई काम करने की जरूरत ही नहीं."
उसकी बात सुनते ही मैं और पूजा एक साथ चौंक पड़ी..क्या ये दोनों एक दूसरे को जानते हैं? पूजा को भी शायद ये बात नहीं मालूम पड़ी थी..वो उससे पूछी," तुम दोनों दोस्त हो क्या?"
"हाँ पूजा जी हम दोनों दोस्त हैं और आपके बारे में ये बता चुका है बस मिलना बाकी था जो कि आज इनकी वजह से संभव हो गया.."
मेरे बाइक वाले ने पूजा को उत्तर देते हुए कहा..जिसे सुन पूजा का दोस्त हां में सहमति कर दिया..
"अच्छा पूजा, ये कौन हैं, इनसे तो परिचय करवाओ.. पहले तो कभी नहीं बताई इनके बारे में?" पूजा का दोस्त धीरे-2 बाइक बढ़ाते हुए पूछा..
पूजा हंसती हुई बोली,"कभी पूछे हो क्या जो नहीं बताई हूँ..तुम तो बस हर वक्त मेरे बारे में ही पूछते रहते.."
"पूजा, ये शाला है ही चुतिया..जब से तुम इसकी दोस्त बनी हो ना तब से हमें भी भूल गया है तो औरों के बारे मों खाक पूछेगा"मेरे बाइक वाले ने हंसते हुए पूजा को कहा..
जिसे सुन हम सब की हँसी निकल गई..पूजा का दोस्त हँसते हुए बोला,"पूजा, अब बता भी दो कि ये कौन हैं..वैसे अगर बात जम तो शायद इन दोनों की भी दोस्ती हो जाएगी..इसे मैरिड गर्ल्स से दोस्ती काफी पसंद है"
उसकी बात सुन मैं झेंप सी गई और मुंह दूसरी तरफ कर ली..तभी पूजा आगे बोली,"ये मेरी सीता भाभी हैं पर रहते हम दोनों बहन की तरह.. अकेली होती हूँ तो दीदी ही कह के बुलाती हूँ इन्हें.."
मैं पूजा की बात सुन हंस पड़ी.तब तक हम सब मॉल पहुँच चुके थे..गाड़ी पॉर्क करने वो दोनों दूसरी तरफ चले गए..पूजा आगे आती हुई बोली,"क्यों दीदी, मस्त है आपका बाइक वाला.. दोस्ती कर ले .खूब मजे देगा.."
"अच्छा, तुम्हें कैसे पता?"मैं मुस्कुरा के बोली..
"बॉडी से.." पूजा एक ही शब्दों में उत्तर देती हुई बोली..
"तुम कितनी बार मजे ले चुकी हो अब तक इससे.." मैं हंसती हुई पूछी..
"अभी तक तो नहीं.. काफी दिनों से पीछे पड़ा था तो आज ही हाँ बोली हूं.."पूजा अपनी सफाई देते हुए बोली..
तभी सामने से वो दोनों दोस्त काफी खुश होते हुए आ रहा था..
पूजा भी ये देख जल्दी से बोली,"अगर प्रपोज करे तो प्लीज हां कह देना.. काफी मजा आएगा.."
पूजा की बात सुन मैं मुस्कुरा पड़ी..तब तक दोनों पास आ चुके थे.. उसे आते ही पूजा और मैं मॉल की तरफ बढ़ गई..
पीछे से वो दोनों भी मुस्कुराते हुए हम दोनों की गांड़ पर नजर गड़ाए आ रहे थे...
हम सब मॉल में कुछ देर घूमे.. फिर पूजा अपने लिए कुछ ड्रेस देखने लगी.. तभी उसका दोस्त आगे पूजा के पास गया और पूछा,"क्या लेगी?"
"तुम कहो अभी तो कुछ सोची नहीं, बस देख रही हूँ.."पूजा मुस्कुराती हुई जवाब दी..
"अच्छा,, फिर तो मेरी मानो सिर्फ अंडर गारमेंट्स के सेट ले लो... मस्त लगोगी..."हंसता हुआ उसने जवाब दिया..
"रहने दो.. मरना नहीं हमें अभी."पूजा चिढ़ती सी बोली.
तब तक पूजा अपने लिए एक शॉर्ट्स और काफी पतली सी टी-शर्ट चूज कर ली और मेरी तरफ दिखाती हूई बोली,"दीदी, ये अच्छी है?"
मैं कुछ बोलती इससे पहले ही उसका दोस्त बोल पड़ा,"वॉव,, कयामत लगेगी मेरी जान.. प्लीज जल्दी से पहन के दिखाओ.."
उसकी बातें सुन हम सब की हंसी निकल गई.. पूजा भी हल्की हंसी हंसते हुए ट्रायल रूम की तरफ बढ़ गई..
पूजा के जाते ही पूजा के साथ वाला लड़का अपने दोस्त को बोला,"ओए घोंचू, बाप का पैसा बचा के क्या करेगा? अपने दोस्त को को भी कोई अच्छी ड्रेस ले लो"
उसकी बात सुन मेरी बाईक वाला मेरे निकट आ बोला,"अभी तो ठीक से जाने भी नहीं है फिर भी मैं आपसे दोस्ती करना चाहता हूँ..अगर आपको पसंद है हमारी दोस्ती तो प्लीज मेरी तरफ से कुछ ले लीजिए.."
उसकी बात सुन मैं अंदर ही अंदर मुस्कुरा रही थी कि ये सच में इतना अच्छा नेचर का है फिर बस यूँ ही...
फिर मुझे कुछ शरारत सूझी.. उसके सीधे में आते हुए बोली,"अभी तक आपने अपना नाम तो बताया नहीं और गिफ्ट देने तक पहुँच गए.."
मेरी बात सुनते ही वो झेंप गया.. और पूजा का दोस्त अच्छी वाली गाली देने लगा उसे...
"सॉरी जी, आपसे जब से साथ हूँ खुद को ही भूल गया हूँ.. वैसे मेरा नाम सन्नी है.." वो अपनी गलती स्वीकारते हुए बोला..जिससे मेरी हंसी निकल गई..
"और मैं बंटी.. बाद में मत कहना कि मैंने अपना नाम नहीं बताया.." पूजा का दोस्त भी खुद को बचाते हुए बोल दिया जिससे हम सब एक साथ हंस पड़े...
तभी पूजा ट्रायल रूम से निकली.. वो छोटी सी शॉर्टस और V-shep की टी- शर्ट में काफी सेक्सी लग रही थी..
शॉर्टस जो कि आधी जांघें तक ही आ रही थी, जबकि टी-शर्ट में उसकी आधी चुची निकली सभी के हाथों को बुला रही थी...
और टी-शर्टस इतनी पतली थी कि अंदर की ब्रॉ की shape साफ-2 नजर आ रही थी..इधर बंटी के साथ-2 सन्नी भी पूजा को ऐसे देखे जा रहा था; मानों आँखों से ही चोद रहा हो...
पूजा पास आते ही हम तीनों से एक-मुश्त ही पूछी," हैलो....अच्छी नहीं लग रही हूँ क्या?"
बंटी हड़बड़ाते हुए बोला,"वॉव पूजा,मुझे नहीं पता था कि तुम छोटे कपड़ों में तो और धांसू लगती हो...अगर कोई कह दे कि अच्छी नहीं लगती तो शाले का मुंह तोड़ दूं..क्यों भाभी जी??"
उसकी बाते सुन मैं हामी भर दी और शिकायत भरी लब्जों में बोली,"बंटी, मेरा नाम सीता है...आगे से याद रखना.. मैं भाभी हूं तो सिर्फ पूजा की, वो भी थोड़ी सी.. बाकी तो उसकी बेस्ट फ्रेंड हैं ही.."
मेरी शिकायत सुनते ही बंटी ओहहह करते हुए सॉरी बोलने लगा..तभी सन्नी बोल पड़ा," हे सीता, प्लीज अब तो मत तरसाओ.. देखो पूजा कितनी बवाल की लग रही है..अब जल्दी से तुम भी..."
सन्नी की बात को बीच में ही काटते हुए बोली," नो सन्नी, मुझे नहीं पसंद..मैं ऐसे ही ठीक दिखती हूं.."
"अरे तुम तो साड़ी में भी मस्त लगती हो पर बस हम सब की इच्छा है कि तुम भी अगर वेस्टर्न ड्रेसेज ले लोगी तो..."
तभी पूजा बीच में टपकती हुई बोली,"..तो बाइक पर आराम से चिपक के बैठ सकती है..."
पूजा की बात पूरी होते ही सब जोर से हंस पड़े जबकि मैं शर्म से लाल हो मुंह दूसरी तरफ कर मुस्कुराने लगी...
तभी पूजा हमें साथ लेती आगे बढ़ी और एक काले रंग की कैप्री और टी-शर्ट चूज कर मेरे हाथों देती बोली,"लो मेरी जान और जल्दी से इसे पहन के जरा अपने जलवे तो दिखा दो.."
अब जब पूजा कह रही है तो ना कहने की हिम्मत कैसे करती,,क्योंकि वो मानने वाली थोड़े ही थी..
मैं दबी हुई हंसी के साथ ट्रायल रूम की तरफ शर्माती हुई बढ़ गई...वो दोनों बंटी व सन्नी भी मुस्कुरा रहे थे...
अंदर घुसते ही मैंने जल्दी से साड़ी को अलग फेंक दी...बेशब्री तो हमें भी थी पर कुछ तो नाटक करनी ही थी ना...
चंद घड़ी बाद ही मैं सिर्फ ब्रॉ और पेन्टी में खड़ी थी...खुद को एक बार सामने मिरर में देखी तो खुद ही शर्मा गई...
फिर मुस्कुराते हुए कैप्री पहन ली...जो कि घुटने से थोड़ी ऊपर ही आ रही थी..कुछ कैप्री तो नीचे तक रहती है पर ये कुछ ज्यादा ही छोटी थी...शायद सेक्सी दिखने के लिए ही थी इतनी छोटी...
फिर टी-शर्ट पहन लो जो कि काफी तंग आ रही थी..मेरी चुची की पूरी shape साफ साफ नजर आ रही थी...
साथ में ब्रॉ भी हल्की-2 नजर आ रही थी.. कुल मिला काफी हॉट बना रही थी जो किसी भी मर्द के पानी यूँ निकलवा सके...
मैंने अपने साड़ी- पेटिकोट व ब्लॉउज समेट बाहर निकलन मुड़ी ही थी कि मिरर में मेरी गांड़ की उभार दिखी...
ओह गॉड,, ये तो काफी कसी और बाहर की तरफ निकल रही थी...खुद की गांड़ देख मेरी मुँह में पानी आ गई कि इतनी कामुक और विशाल गांड़....
अभी सिर्फ चूत चुदवाई तो ये हालत है, आगे गांड़ में ली तो पता नहीं क्या हालत होगी???
फिर हल्की सी सेक्सी पोज देती मुस्कुराती हुई सभी लंड के पानी छुड़वाने गेट खोल बाहर निकल गई...
बाहर तीनों गोल-मटोल हो गुटर-गूं कर रहे थे..उन सब की नजर हमारी तरफ नहीं थी...हाँ, मॉल में और सब लंड की नजर जरूर टिक गई थी हम पर..
उनके निकट पहुंच हाय कहती हुई सबका ध्यान अपनी तरफ की..मुझे देखते ही उन सब की आवाजें ही गुम हो गई...
सन्नी की नजरें तो मेरी उठी हुई चुची से हट ही नहीं रही थी, जबकि बंटी मेरी पूरी फिगर को ऊपर से नीचे देख शायद पछता रहा था कि शाला, कहां मैं पूजा को फंसा के गलती कर दिया...
पूजा आंखें निपोरती हुई बोली,"वॉव भाभी,, क्या मस्त आइटम लग रही हो... पता नहीं बेचारा सन्नी कैसे बर्दाश्त करेगा?"
कहते हुए पूजा खिलखला कर हँस पड़ी.. मैं अपनी आंखें निकालती हुई पूजा को नजरों से ही डांट दी...
उधर वो दोनों तो अभी भी बेखबर हो देखे जा रहे थे.. पूजा क्या बोली, वो तो सुना भी नहीं वर्ना उसका सीना फूल के 72इंच हो जाता...
तभी पूजा को भी आभास हुआ कि दोनों अब इस दुनिया से सपनों की दुनिया में पहुँच गए हैं...तो पूजा बंटी के गालों पर हल्की चपत लगाती हुई बोली,"ऐ मिस्टर, भाभी अगर अच्छी नहीं लग रही है तो अपनी मुंह खोलते हुए कोई दुसरी ड्रेस चूज करो.."
शायद पूजा उसकी प्रतिक्रया देखना चाहती थी कि दोनों कैसा रिएक्ट करते हैं...पूजा की बात सुनते ही सन्नी हड़बड़ाता हुआ बोला,"नहीं नहीं पूजा,, हम दोनों की आँखों पर तो विश्वास ही नहीं हो रही है कि साड़ी में सिम्पल सी सीता ऐसी ड्रेस में इतनी बलाल मचा देगी मेरे अंदर...amazingggg ...."
"सीता,प्लीज.. इसमें तुम काफी सुंदर लग रही हो और तुम्हारी फिगर...उफ्फफफ...साड़ी में तो मालूम ही नहीं पड़ती थी कि तुम इतनी हॉट हो...कसम से..."बंटी भी कुछ बोले रह नहीं सका...अब तो मेरी अनुमान भी सटीक हो गई थी कि बंटी सच में पछता रहा है...
और बंटी की ऐसी सेक्सी तारीफ सुन मैं अंदर ही अंदर शर्मा गई थी...पर अपनी शर्म को साइड करती हुई बोली,"थैंक्स, अब 2 मिनट रूको मैं चेंज कर आती हूँ.. फिर चलेंगे.."
सच ये तो मैं खुद नहीं चाहती थी पर कुछ तो फॉर्मिलीटी करनी थी ना....
मेरी बातें सुनते ही तीनों गिड़गिड़ाने लगे...प्लीज सीता,मेरे लिए.....प्लीज भाभी.....आदि आदि...
मेरी तो हंसी रूक नहीं सकी और हँसते हुए ओके बोली...मेरी हाँ सुनते ही तीनों ऐसे चियर्स किए मानों कोई बड़ी बाजी जीत गए...
फिर हम सब काउन्टर पर थोड़ी देर रूके.. पेमेन्ट दोनों कर बाहर की तरफ चल दिए...इस दौरान वहां मौजूद सारे मर्द आँखों से ही हम दोनों हॉट माल को चोदे जा रहे थे... पर अब तो हमें भी आदत सी हो गई थी...
फिर मैं सन्नी की बाइक पर और पूजा बंटी की बाइक पर चिपक के बैठी थी... अब तो शायद सन्नी भी समझ गया था कि मुझे उसकी दोस्ती ही नहीं,लंड भी चाहिए...
अगले ही पल बाइक तेज गति से सड़कों पर दौड़ने लगी थी... अभी कुछ ही देर चली थी कि ओहहहह नो...
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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