FUN-MAZA-MASTI
ये बात तब की है जब में अपने जॉब मे बिज़ी रहता था 1 दिन ऑफीस मे 1 वेकेन्सी के लिये 1 बहुत मॉडर्न टाइप की 27-28 साल की लड़की आई उसका नाम अनुराधा था लम्बाई थोड़ी कम थी और बिल्कुल भरे हुये बदन की थी स्किन टाइट पेन्ट पर गांड ऐसे चिपकी थी जैसे केले पर छिलका और उसके बोबे (ब्रेस्ट्स) भी उसके फॉर्मल शर्ट को चीर के बाहर आना चाहते थे और उपर से चिकना चेहरा मस्त लग रही थी.
नेक्स्ट वीक से उसने ऑफीस जाईन कर लिया और धीरे धीरे हमारी बातचीत होने लगी कभी कभी उसके काम से में उसको अपनी बाइक पर ले जाता था तो साली ऐसे चिपक के बैठ जाती थी की उसके निपल मेरी पीठ पर फील होते थे वो मुझसे उम्र मे 5 साल बड़ी थी और मज़े की बात बिना शादीशुदा थी धीरे धीरे हमारी दोस्ती काफ़ी खुलेपन की होती गयी और अक्सर हम देर रात तक बाते करते थे में अक्सर किसी ना किसी बहाने से उसके बोबे टच कर लेता था और वो ध्यान भी नही देती थी कभी कभी हम ऑफीस के बाद गार्डन मे घूमने जाते थे तो गले मे हाथ डाल के घूमा करते थे धीरे धीरे हमने गाल के किस करना चालू किये और गार्डन के अंधेरे मे एक दिन मैने उससे लीप किस की पर्मिशन माँगी और उसने किसी को ना बताने की शर्त पर दे दी उस दिन के बाद से अनुराधा का नाम सुना नही की लंड टाइट हो जाता पर कोई ऐसा मौका नही मिल पा रहा था इस बीच मेसेज पर हम एक दूसरे से ज़्यादा ही खुलेपन के होते जा रहे थे पर एक दिन किस्मत जाग गयी और ऑफीस के 5 लोगो को ट्रैनिंग पर कोलकता जाने का ऑर्डर आया 9 दिन के लिये.
हम कोलकाता पहुँचे और होटल मे सबको 1-1 रूम मिल गये और अनुराधा का और मेरा रूम तीसरे फ्लोर पर ही था रात को खाना खा के मैने अनुराधा को कहा चलो मेरे रूम मे चल के टी.वी देखेंगे और बाते करेंगे और हम रूम मे आ गये टीवी चालू किया तो एक ज्योतिष प्रोग्राम आ रहा था जिसमे शरीर पर तिल (छोटा काला नेचुरल निशान) के बारे मे बता रहे थे तो मैने अनु को मेरे पैर के तिल बताये और उसने कोहनी पर और हमारी शर्त लग गयी किसको ज़्यादा तिल है मैने शर्ट उतार दिया और मेरी पीठ का तिल बताया तो उसने कहा एक बात बताऊँ मुझे भी एक स्पेशल जगह तिल है मैने स्माइल करके कहा दिखाओ ना उसने हंस के मना किया मैने कहा क्या यार अनु! आपने बीच मे क्या छुपाया है! दिखाओ ना उसने ओके कहा और अपनी टी शर्ट का गला थोड़ा नीचे खीस काया तो उसके दोनो बोबो के बीच मे एक तिल था में देखता रह गया उसने झट से टी शर्ट ठीक कर ली. अनुराधा
ये बात तब की है जब में अपने जॉब मे बिज़ी रहता था 1 दिन ऑफीस मे 1 वेकेन्सी के लिये 1 बहुत मॉडर्न टाइप की 27-28 साल की लड़की आई उसका नाम अनुराधा था लम्बाई थोड़ी कम थी और बिल्कुल भरे हुये बदन की थी स्किन टाइट पेन्ट पर गांड ऐसे चिपकी थी जैसे केले पर छिलका और उसके बोबे (ब्रेस्ट्स) भी उसके फॉर्मल शर्ट को चीर के बाहर आना चाहते थे और उपर से चिकना चेहरा मस्त लग रही थी.
नेक्स्ट वीक से उसने ऑफीस जाईन कर लिया और धीरे धीरे हमारी बातचीत होने लगी कभी कभी उसके काम से में उसको अपनी बाइक पर ले जाता था तो साली ऐसे चिपक के बैठ जाती थी की उसके निपल मेरी पीठ पर फील होते थे वो मुझसे उम्र मे 5 साल बड़ी थी और मज़े की बात बिना शादीशुदा थी धीरे धीरे हमारी दोस्ती काफ़ी खुलेपन की होती गयी और अक्सर हम देर रात तक बाते करते थे में अक्सर किसी ना किसी बहाने से उसके बोबे टच कर लेता था और वो ध्यान भी नही देती थी कभी कभी हम ऑफीस के बाद गार्डन मे घूमने जाते थे तो गले मे हाथ डाल के घूमा करते थे धीरे धीरे हमने गाल के किस करना चालू किये और गार्डन के अंधेरे मे एक दिन मैने उससे लीप किस की पर्मिशन माँगी और उसने किसी को ना बताने की शर्त पर दे दी उस दिन के बाद से अनुराधा का नाम सुना नही की लंड टाइट हो जाता पर कोई ऐसा मौका नही मिल पा रहा था इस बीच मेसेज पर हम एक दूसरे से ज़्यादा ही खुलेपन के होते जा रहे थे पर एक दिन किस्मत जाग गयी और ऑफीस के 5 लोगो को ट्रैनिंग पर कोलकता जाने का ऑर्डर आया 9 दिन के लिये.
मैने धीरे से उसको अपने पास ला कर लंबा सा लीप पर किस किया और हम दोनो के चेहरे लाल हो गये थे मैने उसकी टी शर्ट की तरफ इशारा करके कहा अनु प्लीज मुझे इसको उतारने की पर्मिशन दोगी?” उसने शर्मा के कहा तुम्हारी मर्ज़ी बस फिर क्या था मैने तुरंत उसकी टी शर्ट उतार के बेड से नीचे फेंक दी दोस्तो उसके बोबे के सामने उसकी ब्रा ऐसी दिख रही थी जैसे 1 किलो की जगह मे 5 किलो का माल ठुस ठुस के भरा हो मैने तुरंत उसकी ब्रा के उपर से ही उसको चाटना शुरू किया और उसने मुझे बाहों मे ले लिया धीरे से मैने ब्रा नीचे करके एक बोबा बाहर निकाल लिया वो शर्मा गयी और में एक स्माइल देकर उसका निपल चूसने मे लग गया मेरा कॉन्फिडेन्स बढ़ ही गया था मैने उसकी पेन्ट के अंदर हाथ डाल के ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया और वो कसमसाने लगी.
में झटके से उठ के खड़ा हुआ और उसकी ब्रा खोल दी वाह! क्या सॉलिड पपीते लटक रहे थे कम से कम 3-3 किलो 1 का वज़न होगा फिर मैने उसको बेड पर ही खड़ा किया और उसका पेन्ट उतार दिया और तुरंत पेंटी निकालने के लिये हाथ बढ़े तो उसने रोक दिया और स्माइल देकर बोली मुझे शर्म आ रही है पहले तुम पूरे नंगे हो जाओ फिर में यह निकालूंगी मैने कहा अरे मेरी जानू ये लो और अपने कपड़े उतार दिये और अडरवेयर मे खड़ा हो गया वो बोली ये भी उतारो मैने कहा नही ये तुम अपने हाथ से उतारो वो मेरे करीब आई और मैने उसको अपनी बाहों मे कस लिया और उसके हाथ अपने हाथ मे लेकर अपनी अडरवेयर तक पहुचाये और कहा लो खीच लो वो शर्म से लाल हो रही थी और धीरे से मेरी अडरवेयर उतार के शर्म से हंसने लगी. मैने कहा लो देखो ना इसको उसने कहा देख तो रही हूँ मैने उसका हाथ पकड़ के अपना लंड पकड़ा दिया और उसको लेकर बिस्तर पर गिर गया। उसने मेरा लंड पकड़ रखा था। मैने उसकी पेंटी मे हाथ डाल दिया वाह! क्या गर्म गर्म और गीला लग रहा था छेद झट से मैने उसकी पेंटी हटा दी और वो शर्मा के मुझसे ज़ोर से चिपक गयी मैने उसको अलग किया और उसको सीधा लेटा के उसके उपर लेट गया और हाथो मे उसके बोबे लेकर दबाने लगा और होठो पर अपने होठ रख दिये और दोनो मस्त हो गये 10-15 मिनिट तक ये करके में उठा और उसकी टांगो के बीच में आ गया और एक उंगली लेकर चूत मे डाल दी और वो ज़ोर से उछल गयी और सिसकियां भरने लगी मैने उंगली अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और वो पागलो की तरह कसमसाने लगी और अचानक उसके हाथ पैर कड़क हो गये और वो ज़ोर ज़ोर से सांस लेने लगी और एक ज़ोर का झटका उसने लिया फिर ढीली पड़ गयी और नीचे मैने देखा तो वो झड़ गयी थी.
मैं उठ के फिर उसके उपर लेट गया वो बोली तुमने कभी किया है? मैने कहा नही! और तुमने? तो वो हंस दी मैने कहा में समझ गया की तुम्हारी सील टूट चुकी है उसने कहा कैसे पता मैने कहा की जब मैने उंगली तुम्हारे छेद मे डाली तो वो तुरन्त चली गयी तो में समझ गया उसने कहा मतलब तुम भी कर चुके हो तभी तुम्हे पता है मैने कहा नही दोस्तो में यह बाते चलती है तो इन बातो का पता हो जाता है ये कह कर में उठा और उसकी टाँगे फैला के घुटनो पर बैठ गया और धीरे से अपने लंड का टोपा उसकी चूत के छेद पर रखा और वो सिसक उठी और अचानक मेरा हाथ पकड़ लिया मेरा लंड उसकी चूत के छेद पर था उसने आज मत करो ना प्लीज तुमने कन्डोम नही लगाया है मुझे डर लग रहा है कुछ हो गया तो पर मैने कहा जानू तुम टेन्शन मत लो में हूँ ना! भरोसा रखो कुछ नही होगा.
वो बोली प्लीज आज रहने दो ना पर अब मेरे लिये रुकना तो ना मुमकिन था मैने उसको चुप रहने का इशारा किया और उसके दोनो हाथ पकड़ लिये और लंड को चूत के छेद पर रगड़ने लगा और उसने आँखे बंद कर ली फिर मैने उसके हाथ छोड़ के एक हाथ से उसकी चूत के होठ फैलाये और दूसरे हाथ से लंड पकड़ के धक्का लगाया पर लंड अंदर नही गया मैने फिर कोशिश की और उसकी चूत के होठ और फैलाये और फिर धक्का लगाया और इस बार लंड उसकी चूत को चीरता हुआ घुस गया और अनु ज़ोर से चिल्ला पड़ी में थोड़ी देर रुका और फिर धक्के लगाना शुरू किये 1-2 मिनिट ही धक्के लगे की मुझे लगा की में झड़ने वाला हूँ.
क्योकि यह मेरा पहला टाइम था मैने तुरंत लंड बाहर निकाल लिया और थोड़ा इन्तजार करके फिर घुसेड दिया में ऐसा करता गया जब भी लगता की झड़ने वाला हूँ लंड निकाल लेता फिर डाल देता ऐसे करते करते 20-25 मिनिट हो गये थे मैने मज़े से उसकी चूत चोदी फिर मैने सोचा अब कब तक करूँगा और मैने धक्के तेज़ कर दिये अनु मेरे इरादे देख के घबरा गयी और बोली अंदर मत डाल देना मैने कहा चिन्ता ना करो और धक्के और तेज़ कर दिये हम दोनो आआअहह, हह कर रहे थे और वो फिर से झड़ गयी और उसका पानी मुझे लंड तक महसूस हुआ और चूत मे से हर धक्के पर छाप छाप छाप छाप की आवाज़ आने लगी और मैने सांस तेज़ की तो वो समझ गयी और मैने बिल्कुल लास्ट पॉइंट तक जाकर तुरंत लंड बाहर खींचा और पूरा माल उसकी नाभि पर छोड़ दिया और उसके उपर ही सो गया। हम थोड़ी देर तक आराम करने के बाद अगले राउंड की तैयारी करने लगे थे।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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