FUN-MAZA-MASTI
हेल्लो दोस्तों उम्मीद करता हूँ आप सब लोग ठीक होंगे। मैं आपका अपना राहुल आज बहुत समय बाद आपके लिए अपनी सच्चाई लेकर आपके सामने हाजिर हुआ हूँ। और दोस्तो अपने मेरी पिछली कहानी “जन्मदिन पर दिया दीदी ने अनमोल गिफ्ट” को बहुत पसंद किया। जैसा की आप जानते हो की मेरे जन्मदिन पर दीदी ने मुझे अपनी चूत मैं लंड डालने की इजाजत दी उस दिन मैं बहुत खुश था। की दीदी की जिस चूत को मैं पाना चाहता था। वो मुझे मिल गई दीदी की गांड चोदने के बाद मैं फ्रेश हो कर आया तो दीदी उल्टा लेटी थी उन्हें ऐसा देख कर मेरा मन फिर से दीदी की चुदाई करने को हुआ। और मैं दीदी के पास जाकर लेट गया और उनकी पीठ पर जीभ मरने लगा तब दीदी बोली की तू फिर से स्टार्ट हो गया। तेरा तो मन नही भरता। अभी थोडा शुरु कर ले फिर बाकी बाद में कर लेंगे तो मैने कहा दीदी अभी।
तो मैने उसकी गांड मारी है। मुझे अब उसकी चूत मैं लंड डालना है। क्योकि मैं जानता हूँ की उसकी चूत को भी लंड चाहिए। तो दीदी बोली तू मेरे बारे मैं बहुत कुछ जानने लगा है। वैसे थोड़ी देर रुक जा मेरी गांड मैं हल्की हल्की जलन हो रही है। तो मैं बोला दीदी मैं कोई क्रीम लगा दूँ। जिससे उसकी जलन ठीक हो सके तो दीदी बोली नही रहने दे। अब तू मुझे चोदे बगैर मानेगा नही। चल करले जो करना है। पर अब मेरी गांड की तरफ देखना भी नही। इतनी बेदर्दी से तूने इसमे अपना इतना लम्बा लंड डाला है। तो मैने कहा दीदी ठीक है। मुझे तो अब उसकी चूत मारनी है। और दीदी आप तो ऐसे ही लेटे रहो और मैने अपना काम शुरु कर दिया। मैं फिर से दीदी की पीठ पर जीभ फेरने लगा मैं दीदी की गर्दन से लेकर दीदी की गांड तक उपर नीचे करता हुआ जीभ फेर रहा था। जब मैं गर्दन के पास जाता तो मेरा लंड दीदी के कुल्हो को टच करता और मैं लंड को गांड पर रख देता। दीदी को ऐसा महसूस होता की कहीं मैं फिर से गांड मैं लंड ना डाल दूँ। तो दीदी पीठ के बल लेट गई।जन्मदिन के गिफ्ट के बाद दीदी
हेल्लो दोस्तों उम्मीद करता हूँ आप सब लोग ठीक होंगे। मैं आपका अपना राहुल आज बहुत समय बाद आपके लिए अपनी सच्चाई लेकर आपके सामने हाजिर हुआ हूँ। और दोस्तो अपने मेरी पिछली कहानी “जन्मदिन पर दिया दीदी ने अनमोल गिफ्ट” को बहुत पसंद किया। जैसा की आप जानते हो की मेरे जन्मदिन पर दीदी ने मुझे अपनी चूत मैं लंड डालने की इजाजत दी उस दिन मैं बहुत खुश था। की दीदी की जिस चूत को मैं पाना चाहता था। वो मुझे मिल गई दीदी की गांड चोदने के बाद मैं फ्रेश हो कर आया तो दीदी उल्टा लेटी थी उन्हें ऐसा देख कर मेरा मन फिर से दीदी की चुदाई करने को हुआ। और मैं दीदी के पास जाकर लेट गया और उनकी पीठ पर जीभ मरने लगा तब दीदी बोली की तू फिर से स्टार्ट हो गया। तेरा तो मन नही भरता। अभी थोडा शुरु कर ले फिर बाकी बाद में कर लेंगे तो मैने कहा दीदी अभी।
और बोली अब ठीक है मुझे तेरे इरादे ठीक नही लग रहे थे। और हम दोनो इस बात पर हँसे और फिर मैं दीदी के होंटों पर किस करने लगा। और दीदी के बूब्स आराम से दबाने लगा। दीदी के बाल बिखरे हुए थे। और वो बहुत ही सुन्दर लग रही थे। मैं दीदी के होंटों को किस करता रहा। और दीदी मेरे बालो मैं हाथ फेरती रही मेरा लंड अब दीदी की चूत को टच कर रहा था। दीदी ने अपनी टाँगे खोल ली और मेरे लंड को पकड़ लिया फिर अपनी चूत की लाइन पर लगा के बोली इसे अंदर कर दे। और फिर उपर से जो मर्ज़ी हो कर। तो मैने इतना सुनते ही एक झटका मारा और आधा लंड दीदी की चूत मैं उतार दिया दीदी के मुहं से आअहह की आवाज़ निकली और मैं फिर से लिप्स किस करने लगा। और दीदी के बूब्स मसलने लगा दीदी को काफ़ी मज़ा आ रहा था। मैने फिर से एक जटका मारा और पूरा लंड दीदी की चूत मैं डाल दिया दीदी ने आअहह की आवाज़ के साथ मेरे लंड का स्वागत किया मैं अब दीदी की निप्पल चूसने लगा। और हाथ से बूब्स को मसलता रहा दीदी ने अपने हाथ मेरी कमर मैं डाल लिए।
और खुद नीचे से झटके मारने लगी तो मैं समझ गया की दीदी अब पूरी गरम हो चुकी हैं। मैने दीदी की एक टांग पकड़ी और अपने कंधे पर रख ली और उपर हो कर दीदी की चूत मारने लगा। दीदी का एक पैर उनके सिर से थोडा ऊपर था। और एक बेड से नीचे लटक रहा था। इससे दीदी को बहुत मज़े के साथ दर्द भी हो रहा था। लेकिन उन्होने मुझे मना नही किया। दीदी आअहह राहुल्ल ऊऊहह ये कैसी स्टाइल है जिससे तू मुझे चोद रहा है। आअहह हमम्म्म मेरे भाई आज तो अपनी दीदी की जान निकाल देगा तू। पर मेरी फ़िक्र ना कर ऐसे ही चोद आआहह तेरा लंड मेरी चूत पे लग रहा है आअहह मेरे भाई फक मी ऊऊहह य्ाआ चोदो मुझे जल्दी से और। मैं तेज़ी से झटके मारने लगा दीदी का घुटना उनकी निप्पल को टच हो रहा था। मेरा लंड बिल्कुल सही से दीदी की चूत मैं आ जा रहा था। फिर मैने दीदी की दूसरी टांग को भी अपने कंधे पर रखा और चूत मरने लगा दीदी की टाँगे अब ऊपर थी।
और लंड पूरी तेज़ी से दीदी की चूत चोद रहा था। कमरे मैं से कुछ थप थप की अवाज़े आ रही थी। और दीदी आअहह ऊऊहह चोदो मुझे आअहह चोदो मुझे जल्दी से मेरे भाई आअहह मैं झड़ने वाली हूँ। राहुल प्लीज और तेज़ी से करो। आहह अब दीदी भी अपनी गांड उठा उठा कर मुझसे चुदाई करवाने लगी। मैं भी समझ गया की दीदी झड़ने वाली हैं। तो मैने दीदी की टाँगे अपने कंधे से उतारी और लंड चूत से बाहर निकाल लिया जिससे दीदी बोली तुमने ऐसा क्यो किया? अभी मैं झड़ने वाली हूँ प्लीज अंदर डालो प्लीज मेरे भाई फिर मैं बोला दीदी आप झड़ जाओगे तो मेरा पानी कैसे निकलेगा। आप मुझसे पहले खत्म हुए तो मज़ा नही आएगा। और मैं दीदी की चूत चाटने लगा जिससे दीदी चुप हो गई और मेरे बालो मैं हाथ फेरते हुए बोली थोड़ी और अंदर करो अपनी जीभ को आअहह कितना मज़ा देता है तू मुझे आअहह
और खुद उपर नीचे होने लगी मैने फिर से जीभ बाहर निकाल ली और सीधा खड़ा हो गया। मैने अपना लंड हाथ मैं पकड़ रखा था दीदी समझ गई। और वो बेड पर बैठ गई और अपना मुहं खोल लिया। मैने लंड को दीदी के होंटो पर रगड़ा और दीदी जीभ बाहर निकल कर लंड चाटने लगी। लंड पर दीदी की चूत का पानी भी लगा था। दीदी बड़े मज़े से मेरा लंड चाट रही थी। लंड को चाट कर साफ करने के बाद दीदी ने अपना मुहं खोल लिया और लंड को मुहं मैं ले लिया और वो खुद ही आगे पीछे मुहं करने लगी। मैं दीदी के बालो मैं हाथ फेर रहा था दीदी बड़े मज़े से लंड चूसने लगी कई बार मैं झटका मार कर लंड को दीदी के गले तक डाल देता और जब बाहर निकालता तो दीदी खांसने लगती और फिर से लंड चूसने लगती। थोड़ी देर लंड चूसने के बाद दीदी बोली अब मेरी चूत मार अपना लंड डाल राहुल मुझे चोद मुझसे और नही रहा जाता मुझसे तो मैने दीदी को कुत्ते की स्टाइल मैं होने को बोला और में खुद बेड से नीचे उतर गया मैने दीदी की जाँघो को पकड़ा और लंड को दीदी की चूत के मुहं पर लगा कर एक जोरदार झटका मारा कमरे मैं से थप की आवाज़ हुई और लंड दीदी की चूत मैं चला गया दीदी आअहह की अवाज़ के साथ ज़ोर से चिल्लाई मैने फिर लंड बाहर निकाल कर अंदर कर दिया और दीदी की चुदाई करने लगा। दीदी के बूब्स लटक रहे थे और दीदी का चहरा बालो से ढाका होने की वजह से दिखाई नही दे रहा था। लेकिन दीदी की आअहह ऊओह य्ाआ चोदो मुझे आहह ऊओ की अवाज़े आ रही थी। दीदी की चूत से पच पच की आवाज़ आ रही थी। दीदी और मैं पूरी मस्ती मैं थे। मैं भी आया दीदी ऊओ पल्लवी दीदी ई लव ऊ दीदी आहह करते हुए झड़ने ही वाला था। और दीदी भी बोली की राहुल और तेज़ी से कर मैं झड़ रही हूँ। आअहह राहुल और तेज मैने चुदाई और तेज कर दी। और आअहह दीदी ओह्ह झड़ जाओ दीदी मेरा वीर्य भी निकल रहा है। आआहह करते हुए झड़ गया जब मेरे वीर्य की गरम धार दीदी की चूत मैं गिरी तो वीर्य की गर्माहट से दीदी भी आआहह करते हुए पूरे ज़ोर से झड़ी। और मैने लंड चूत से निकाल लिया लंड पूरा लाल था और चूत के पानी से भीगा हुआ था लंड निकलते ही दीदी बेड पर उल्टे ही लेट गयी और मैं दीदी के पास ही लेट गया करीब 30 मिनट बाद दीदी उठी और मुझसे बोली की जल्दी उठ जा मम्मी और विनिता भी बाजार से आने वाले होंगे तो मैं और दीदी एक साथ बाथरूम मैं फ्रेश होने चले गये और आकर बेडशीट ठीक की।
और अपने अपने कपड़े पहन लिए मैने दीदी को ब्रा और पेंटी पहनाई मेरा मन तो फिर से हुआ की मैं फिर से दीदी को चोदू पर विनिता और मम्मी आने वाले थे इसलिए मैने कुछ नही किया थोड़ी देर बाद मम्मी और मेरी छोटी बहन विनिता घर आ गये। तो दोस्तो अब मैं आपसे विदा लेता हूँ।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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