Friday, September 25, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..29

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..29



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अब आगे
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अजय काफ़ी देर तक अपनी बीबी प्राची के साथ बैठा रहा...फिर वो नाश्ता करके ऑफीस के लिए निकल गया..रास्ते मे उसने रिया को भी ड्राप किया , पर उस दिन दोनो के बीच कुछ ख़ास नही हुआ.

ऑफीस में भी उसका सारा ध्यान अपनी सालियों और सास की तरफ ही लगा रहा...पर जब वो अपने फ्रेंड अनिल से मिला तो उसे अंजलि भाभी का ध्यान आया...उन्हे तो वो भूलकर ही बैठ गया था...उस दिन सोनी ने अगर अपने घर ना बुलाया होता तो वो उनकी बजा चुका होता अब तक...उस दिन के बाद तो उन्होने कोई मैसेज या कॉल भी नही की थी...उसने जल्दी से अपना फोन निकाला और उन्हे एक प्यारा सा गुड मॉर्निंग का मेसेज सेंड कर दिया व्हाट्सएप पर...लेकिन एक घंटे तक भी उनका कोई जवाब नही आया,वो समझ गया की वो ज़रूर उससे नाराज़ है.

और जब वो लंच करके हटा ही था तो अंजलि का रिप्लाइ आ गया...और एक बार फिर से उनके बीच चेटिंग शुरू हो गयी

अंजलि : "आ गयी मेरी याद...''

अजय : "मुझे पता है की आप गुस्सा हो मुझसे..लेकिंग मेरा यकीन मानो,उस दिन मुझे बहुत ज़रूरी काम था,वरना ऐसा गोल्डन ऑफर मैं कभी नही ठुकराता...''

अंजलि : "और वो गोलडेन ऑफर सिर्फ़ एक बार के लिए ही था...अब तुम भूल जाओ..''

अजय समझ गया की अब वो भाव खा रही है..इसलिए उन्हे प्यार और चापलूसी से मनाना होगा..

अजय : "ऐसा ज़ुल्म ना करो मुझपर भाभी...उस दिन से हर रात आपके सपने देखकर ही सोता हू ..और आपके बारे में ही सोचता हुआ उठता हूँ ...''

अंजलि : "झूठा ...अपनी बीबी के होते हुए तुम भला मेरे सपने क्यो देखने लगे...''

अजय : "अब क्या बताऊ भाभी,आप जैसा तो कोई हो ही नही सकता...और वैसे भी मेरी वाइफ आजकल अपनी मदर के घर रह रही है...''

इतना कहकर उसने वो सारा वाक़या अंजलि को बता दिया.

अंजलि : "ओहो....फिर तो तुम रातों के राजा बने हुए हो आजकल...''

अजय : "तभी तो कह रहा हू..मेरे साथ ऐसा ज़ुल्म ना करो...आप ही आकर बन जाओ मेरी रातों की रानी...''

अंजलि कुछ देर तक चुप रही और फिर उसने रिप्लाइ किया : "अनिल अगर बाहर गया हुआ होता तो शायद मैं चुपचाप वहां पहुँच जाती...पर अभी ये पॉसिबल नही है...''



अजय : "कोई बात नही...पर उसके सो जाने के बाद तो पॉसिबल है ना..''

अंजलि : "क्या मतलब ??''

अजय : "आज लाइव चैट करेंगे...रात को...लॅपटॉप पर...''

ये लिखते हुए उसके हाथ काँप रहे थे...और उसका लंड बुरी तरह से अकड़ चुका था..उसकी पेंट में ...

अंजलि ने ओके लिखकर बात ख़त्म कर दी..और अजय अपने लंड को अपनी पेंट में अड्जस्ट करता हुआ सिसकारी मारने लगा.

और उसे ऐसे खुलेआम अपने लंड से छेड़खानी करते देखकर उसका फ्रेंड अनिल उसके पास आया और बोला : "क्या बात है...आज दिन में ही खड़ा हो गया तेरा शेर...''

अजय ने उसे देखा और एक रहस्यमयी हँसी हंसता हुआ सोचने लगा 'साले ...अगर तुझे बता दूँ की तेरी बीबी की वजह से ही ये लंड खड़ा हुआ है तो तेरी तो फट कर हाथ में आ जाएगी...''

और अजय ने उसे ये कहकर टाल दिया की ऑफीस में जो नयी लड़की ने ज्वाइन किया है,उसकी वजह से आजकल लंड हमेशा टाइट रहता है..

और उसकी इस बात पर तो अनिल ने भी हामी भर दी.

अनिल : "साले ...मुझे पता था,तू उसके बारे में ज़रूर बोलेगा...आख़िर तेरे ही इलाक़े की तो रहने वाली है ...''

अजय तो ये सुनकर चोंक गया : "मेरे इलाक़े की..कैसे..?? कहाँ रहती है...''

अनिल : "जनक पूरी...''

ओहो...वो तो मेरे घर,यानी विकासपुरी के बिल्कुल करीब है...और ये बात अनिल को इसलिए पता थी क्योंकि वो लड़की उसी के डिपार्टमेंट में काम करती थी.

अजय ने तो बिना कुछ सोचे समझे उस लड़की के बारे में बोल दिया था..पर ऐसा भी नही था की अजय ने उसे कभी नोटीस नही किया था पिछले 4 दिनों में...

किया तो था पर आजकल जिस तरह के मज़े अजय को अपनी पर्सनल लाइफ से मिल रहे थे,ऐसे मे वो ऑफीस में आई इस लड़की की तरफ वो ध्यान नही दे पा रहा था,जो उसे देना चाहिए था..लेकिन उसने नोट किया था की वो जहाँ से भी निकलती थी,हर कोई उसे ही देखता रह जाता था

लेकिन अब तो वो भी उसी के बारे में सोचने लगा..वो उसके बारे में सोच ही रहा था की वो लड़की सामने की टेबल पर रखी फोटोकॉपी मशीन पर आई और कुछ डॉक्युमेंट्स की कॉपी निकालने लगी..उसने अजय और अनिल को देखा और एक स्माइल पास कर दी...उसकी हँसी देखकर तो अजय के लंड का तीखापन और बड़ गया.

उसने ग्रीन टी शर्ट और ट्राउज़र पहनी हुई थी ,जिसमे उसका भरा हुआ जिस्म और मोटे मुम्मे सॉफ झलक रहे थे था..हद से ज़्यादा गोरी थी वो..और उसकी गाण्ड सबसे मस्त थी..एकदम गोल मटोल और भरंवा.



उसने फुसफुसाते हुए अनिल से कहा : "अनिल....जल्दी से इसको यहाँ बुला...मेरा प्रॉपर इंट्रो करवा..और ये भी बता की मैं कहाँ रहता हूँ ...''



 अनिल ने भी उसी टोन में फुसफुसाते हुए कहा : "ओ मेरे चीते...मुझे पता है की तू ये सब किसलिए बोल रहा है...पर एक प्रोमिस कर..की जब भी ये तुझसे फँस जाएगी तो मेरे बारे में भी ज़रूर सोचियो..''

अजय ने हामी भर दी..

अनिल ने तुरंत उस लड़की को वहां बुलाया : "रचना...कम हियर...''

वो वहां आई तो अनिल ने कहा : "रचना, इनसे मिलो, ये है मिस्टर.अजय..हमारे आई टी डिपार्टमेंट के हेड...''

रचने ने एक प्यारी सी हँसी के साथ अपना नाज़ुक सा हाथ आगे बड़ा दिया और बोली : "हाय मिस्टर.अजय...आई एम रचना..''

अजय ने जब उसका हाथ पकड़ा तो छोड़ने का मन ही नही करा..इतना मुलायम हाथ तो सिर्फ़ रिया का ही था...भले ही रचना का जिस्म भरा हुआ सा था,पर उसकी ऐज 25 से ज़्यादा नही थी..कुंवारी थी वो भी.

अजय तो खुली आँखो से उसके साथ के सपने देखने लग गया..

अनिल ने खाँसी करके उसे हाथ छोड़ने का इशारा किया,तब जाकर उसने हाथ छोड़ा,वरना वो ठरकी तो उसे सपने में ही चोदने की तैयारी भी कर चुका था.

अनिल : "और एक बात रचना,अनिल भी वहीँ रहता है,तुम्हारे घर के पास...विकास पूरी..''

ये सुनते ही वो एकदम से खुश हो गयी और बोली : "ओह रियली...वाउ...चलो कोई तो मिला,मेरी साइड का...कभी लिफ्ट की ज़रूरत पड़ी तो आई होप आप माइंड नही करेंगे...''

अजय का दिल तो बल्लियों उछलने लगा...उसे भला क्या ऐतराज हो सकता था...प्राची तो प्रेगञेन्ट होने के बाद ऑफीस आ-जा नही रही थी,इसलिए उसे गुडगाँव से अपने घर तक अकेले जाना पड़ता था..ऐसे में अगर इस हसीना का साथ मिल जाए तो मज़ा ही आ जायेगा

सुबह के टाइम रिया और शाम को रचना ...अजय को तो अपनी किस्मत पर गर्व सा हो रहा था अब ...कहाँ पहले वो इन सब के लिए तरसता रहता था..और अब एक के बाद एक लड़की उसकी जिंदगी में आती जा रही है..

प्राची से शादी के बाद उसके घर की तीन चूतें और फिर अनिल की बीबी अंजलि, पूजा की फ्रेंड सोनी और अब ये रचना...उपर वाले ने एक के बाद एक छप्पड़ फाड़कर उसकी झोली भर दी थी..उसकी किस्मत या ये कहलो लंड का तारा आजकल बुलंदियों पर था.

और फिर वो अपनी सीट पर चली गयी...अनिल ने भी उसको आल द बेस्ट कहा और अपने काम में लग गया.

भले ही इस रचना का नंबर आने में अभी टाइम था,लेकिन जो माल अब तैयार बैठा हुआ था,उससे तो पहले निपटना ज़रूरी था..और संभलकर भी...क्योंकि इस मौके पर आकर अजय कोई ग़लती नही करना चाहता था.

आज की रात तो उसे अपनी प्यारी भाभी के साथ लाइव चैटिंग करनी थी..जिसमे वो पता नहीं क्या-२ दिखाएगी

इसलिए वो चाहता था की आज का दिन जल्द से जल्द ख़त्म हो जाए,ताकि वो घर जाकर अंजलि को अपना ठरकीपन दिखा सके..

किसी तरह शाम हुई और अजय अपने घर की तरफ चल दिया.

पर अंजली से बात करने और अभी के बीच करीब 5 घंटे का समय था..और इन 5 घंटो में कुछ ऐसा होने वाला था जिसकी वजह से अजय के ठरकीपन में चार चाँद लगने वाले थे.


अजय सीधा अपने ससुराल गया आज,क्योंकि उसकी बीबी तो वहीँ पर थी.

दरवाजा पूजा ने खोला, और अपने जीजू को देखते ही उसके चेहरे पर जो खुशी की लहर दौड़ी,वो देखते ही बनती थी..अजय ने जब देखा की उसके पीछे कोई नही है तो उसने मौके का फायदा उठाते हुए झट से उसे अपनी बाहों में लिया और उसके होंठों पर एक गीली सी पप्पी कर दी..



पूजा को तो संभलने का भी मौका नही मिला..वो भी अपने जीजू की इस हरकत को देखकर हैरान रह गयी की कैसे इनमे इतनी हिम्मत आ जाती है जो ये रिस्क वाले काम आसानी से कर लेते है..अगर पीछे से किसी ने देख लिया होता तो दोनों की शामत आ जानी थी.

लेकिन जो भी हुआ,उसे महसूस करके पूजा को बहुत अच्छा लगा..खुशी भरा चेहरा शर्म से लाल हो उठा..उसने भी उस क्विक किस्स में उनका साथ दिया और उन्हें चूमने दिया, और फिर उसने अपनी शरारती आँखे नचाते हुए अपने वही पुराने चिर-परिचित अंदाज में धीरे से कहा ''ठरकी जीजू...''

अजय कुछ बोल पाता तभी पीछे से उसकी सासू माँ रजनी की आवाज़ आई : "ओहो...अजय ,तुम आ गये..आओ अंदर..प्राची काफ़ी देर से तुम्हारा ही इंतजार कर रही है..''

अजय ने नोट किया था की जब से उसकी सास के साथ चक्कर चलना शुरू हुआ है, उन्होने उसे बेटा बुलाना भी बंद कर दिया है..अब वो सीधा उसके नाम से बुलाती थी.

अजय अंदर आया और अपनी सास को आँख मारता हुआ अंदर के कमरे में चला गया,जहा उसकी बीबी प्राची लेटी हुई थी.साथ में रिया भी बैठी थी

अजय को देखते ही वो भी खुशी से चहक पड़ी और भागकर अजय से लिपट गयी..रिया तो ये देखकर शरमा ही गयी और उन्हें प्राइवेसी देते हुए चुपचाप उठकर बाहर निकल गयी

अजय : "अर्रे स्वीटहार्ट ..तुम तो ऐसे मिल रही हो जैसे मैं महीने बाद मिल रहा हूँ तुमसे..सुबह ही तो मिलता हुआ गया था..''

वो बड़े ही लाड भरे अंदाज में बोली : "उम्म्म....तुम नही समझोगे...पता है, मॉर्निंग से कितना मिस कर रही हूँ ...मॉर्निंग में तो बताने का मौका ही नही मिला,की कल की रात तुम्हारे बिना कैसे बीती...उम्म्म्म मुझे नही पता...आज की रात तुम मेरे पास ही रुकोगे...मेरा बहुत मन कर रहा है...''


 उसने जिस अंदाज में ''मन कर रहा है'' कहा और फिर अपना हाथ अजय के सीने पर रखकर धीरे-2 घिसने लगी,अजय समझ गया की उसकी चूत में इस वक़्त आग लगी हुई है..पर आज की रात का तो उसे खुद सुबह से इंतजार था..आज की रात तो वो किसी भी कीमत पर उसके पास नही रुक सकता था..पर ऐसी हालत में वो प्राची को भी नाराज़ न्ही करना चाहता था..वो बेचारा धर्म संकट मे फँस कर रह गया.

वो सोच रहा था और प्राची के हाथ फिसलकर उसके लंड तक आ गये..दरवाजा खुला हुआ था,ऐसे में अजय की हालत खराब होने लगी...एक तो सुबह से अंजलि भाभी के बारे मे सोचते हुए उसका लंड बैठने का नाम ही नही ले रहा था..और अब उसकी बीबी प्राची ने उसपर हाथ रखकर उसे और भी ज़्यादा उत्तेजित कर दिया था..

प्राची ने जब उसके उफनते हुए लंड को देखा तो उसके होंठों पर सेक्सी वाली स्माइल आ गयी..वो बोली : "ओले मेला बैबी...ये तो मुझे मेरे से भी ज़्यादा मिस कर रहा है...''

अब भला अजय उसे क्या समझाता की ये क्या मिस कर रहा है..प्राची ने उसे कुछ और समझने का मौका ही नही दिया..उसने अजय के लंड को पकड़े हुए ही अपने होंठ उपर की तरफ किए और अजय के साथ एक गहरी फ्रेंच किस्स में डूब गयी..



वो किस्स थी ही इतनी एरॉटिक की अजय भी अपनी सुध-बुध खोकर उसमें डूब गया और दोनो अपनी-2 आँखे बंद किए हुए एक दूसरे को चूसने मे मशगूल हो गये..और उन्हे ये भी नहीं पता चला की कब रजनी यानी अजय की सास पानी का ग्लास लेकर अंदर आई और उन्हे ऐसे चूमते हुए देखकर वो दरवाजे पर ही रुक गयी..

उसे बड़ी शर्म सी आ रही थी..ये पहला मौका था जब उसने अपनी बेटी और दामाद को ऐसा कुछ करते हुए देखा था..वो भी अजय को किस्स कर चुकी थी..उसका लंड चूस चुकी थी...पर आख़िर था तो वो उसकी बेटी का ही पति ना..प्राची का ही पहला हक़ है उसपर..और ये सब करना तो उनका हक़ है..वो ही कबाब मे हड्डी बनकर अंदर आ चुकी थी..

पर उनकी किस्स करने की कला को देखकर वो अपनी नज़रें वहां से हटा ही नही सकी..मंत्रमुग्ध सी होकर उन्हे देखती रही..कितने प्यार के साथ दोनो एक दूसरे को चूम रहे थे...ख़ासकर उसकी बेटी प्राची...वो ठीक वैसे ही किस्स कर रही थी जैसे वो खुद किया करती है..यानी गले में बाहें डालकर और अपनी छातियाँ उसकी छाती से रगड़ते हुए..ऐसे में दोनो को जो आनंद मिलता है वो अपने शब्दों में बयान करना संभव नही होता..

अजय को जैसे एहसास हो गया की वहां कोई खड़ा है, उसने तुरंत आँखे खोल कर दरवाजे की तरफ देखा,प्राची की पीठ तो अपनी माँ की तरफ थी, इसलिए वो अगर आँखे खोल भी लेती तो अपनी माँ को ना देख पाती, पर अजय ने उन्हे देखने के बावजूद भी अपनी किस नही तोड़ी और और बुरी तरह से प्राची के होंठों को चूसने मे मशगूल हो गया...और साथ ही साथ उसके हाथ भी उपर की तरफ आकर प्राची के मोटे मुम्मों का मर्दन करने लगे..



प्राची तो सुबह से ही विरह की आग में सुलग रही थी, अपने सेंसेटिव पार्ट्स पर हाथ लगते ही वो और भी ज़्यादा कामुक करीके से अजय को चूमने लगी..

''ओह अजय..... उम्म्म्मममम...पुच्छ्ह .....आआअहह ज़ोर से दबाओ ....कल से तुम्हे मिस कर रहे है ...ये आआआआअहह..... येसस्स......ऐसे ही .......आआआआअहह ...ऑश माय बैबी,........''

रजनी की हालत भी खराब हो रही थी...उसके होंठों पर खुश्की सी आ चुकी थी...जिनपर अपनी जीभ फेरते हुए वो अजय को इशारा करती हुई उसे इशारे से बोली की इन्हे भी चूस लो ... अजय ने आँख मारकर अपने हाथ से इशारा करते हुए बाद मे उन्हे भी चूसने की बात कही..

जवाब मे अजय की सास ने दूर खड़े-2 ही अपना एक मुम्मा ज़ोर से दबा कर उसकी सख्ती अजय को दिखाई की इन्हे मत भूल जाना...जैसे प्राची के दबा रहे हो ,इनकी भी सेवा करना..अजय ने होले से सिर हिला कर हाँ बोल दिया...

रजनी का मन तो बहुत कर रहा था की वहीं खड़ी होकर उनका प्रेम मिलन देखे,पर वो अभी के लिए पासिबल नहीं था..उसकी बेटी अभी इतनी भी नही खुली थी की उसके सामने ही सब कुछ कर ले..इसलिए वो अजय को एक फ्लाइयिंग किस्स करती हुई बाहर निकल गयी...और जाते हुए दरवाजा भी बंद कर दिया..

दूसरी तरफ अजय समझ चुका था की अगर अभी प्राची को तृप्त कर दिया जाए तो रात को वो आसानी से अपने घर पर जाकर सो सकता है,जिससे उसे अंजलि से बाते करने में आसानी रहेगी..इसलिए उसने जान बूझकर प्राची के मुम्मो के साथ-2 उसके निप्पल्स पर भी हमला कर दिया...उन्हे अपनी उंगलियों मे भींचकर उन्हे ज़ोर -2 से दबाने लगा..

प्राची तो चीख पड़ी....

''आआआआआअहह ओह...अजय......मई डार्लिंग......क्यो तड़पा रहे हो.....रात का इंतजार भी नही करोगे क्या.....उम्म्म्ममममम....''

अजय ने ना में सिर हिलाया...प्राची को बस इसी बात की चिंता हो रही थी की वो इस वक़्त अपने मायके में है...और अजय अभी-2 ऑफीस से आया है...ऐसे मे अगर वो दरवाजा बंद करके तुरंत चुदाई में जुट गये तो घर में मोजूद सभी लोग क्या सोचेंगे...उसकी माँ ,बहनें ..पापा...सब घर पर ही थे...पर चूत में जो आग लगी हुई थी,उसे भी बुझाना ज़रूरी था...अगर वो अपने घर पर होती तो अभी तक वो नंगी होकर बुरी तरह से चुदवा रही होती..

उसने तो सोचा था की अभी के लिए अजय के साथ थोड़ा बहुत चूमा चाटी कर लेगी..और रात में प्रॉपर चुदाई करवाएगी...वैसे भी प्रेगञेन्ट होने के बाद उसकी चुदवाने की इच्छा दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही थी ..वो तो डॉक्टर ने ज़्यादा सेक्स करने से मना किया हुआ था,वरना जिस तरह की फीलिंग प्राची को आजकल होती थी,उसके अनुसार तो वो रोज दो बार चुदने के लिए तैयार थी..

पर अब तो प्राची को रात का भी इंतजार नही हो रहा था...अजय ने उसके निप्पल्स को दबाकर उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर दिया था...उसने आनन-फानन में अजय की बेल्ट खोली, उसकी पेंट को नीचे खिसकाया और उसके उफनते हुए नाग को हाथ में लेकर ज़ोर से सिसकारी मारी

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....आआआआआह्ह ...अब तू नहीं बचेगा साले .....मुझमे जो आग लगी है,उसे अब तू अभी के अभी बुझाएगा...''

सेक्स का भूत जब बुरी तरह सर पर चढ़ता तो ऐसे ही तू तड़ाक और गालियों के साथ बात करती थी प्राची

अजय तो चाहता भी यही था की रात का लफ़ड़ा ही ख़त्म हो जाए,उसकी चाल काम कर गयी थी...वैसे भी चोदने के लिए तो उसका लंड हमेशा तैयार रहता था.

प्राची ने उसके लंड को हाथ में पकड़ा और खुद एक चेयर पर बैठ गयी.... प्रेग्नेंट होने की वजह से ज़मीन पर बैठने में थोड़ा मुश्किल होती थी उसे...और फिर अजय के लंड को अपने चेहरे के सामने रखकर वो उसे बड़े प्यार से देखती रही..और फिर एकदम से उसपर टूट पड़ी, जैसे कोई लोमड़ी अपने शिकार पर झपटती है ठीक वैसे ही..



उसके गीले मुँह के अंदर जाते ही अजय की सिसकारी निकल गयी..वो अपने पंजों पर खड़ा होकर उसके हमलों से बचने लगा..उसके तीखे दांतो और लपलपाति जीभ के हुनर से उसके लंड की कसावट में चार चाँद लग गये...और वो पूरी तरह से फूल कर उसके मुँह में अंदर बाहर होने लगा.

 

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