FUN-MAZA-MASTI
फिर राजा ने गुप्तचर को बताया की अगर, उन्हें अपनी योजना को पूरा करना है तो इन डाकुओं को मारना होगा… !!
गुप्तचर ने बोला, क्यूँ महाराज?
तो वो बोले की हमें राजकुमारी की नज़र में नायक बनना है… हम इन तीनों को मार, राजकुमारी को अकेले बचा लाएँगा और उन्हें योनपुर के राजा के हाथ सोप देंगे…
वहाँ डाकू, अब पागल हो गये थे और जब उन्होंने गुप्तचर और राजा को बाहर जाता देखा तो सोचा की अगर अब वो राजकुमारी को चोद भी दें तो कौन उन्हें रोक लेगा..
यह सोच, वो सब भी निवस्त्र होकर, अपने तने हुए लण्ड राजकुमारी की और लेकर बड़े.
राजकुमारी, उनके बड़े बड़े लण्ड को देख डर गई की कहाँ उनकी कुँवारी चूत इनमें से एक लण्ड भी बर्दास्त नहीं कर सकती और कहाँ उसे इन तीनों से चुदवाना पड़ेगा और राजकुमारी उन तीनों से दया माँगने लगी की उसे छोड़ दें और ना चोदे.. मगर, अब कहाँ किसी की सुनने वाले थे और एक डाकू ने राजकुमारी की रस्सी, थोड़ी ढीली कर बोला – अगर, प्यार से चुदना चाहती है और चाहती है की ज़यादा दर्द ना हो तो हमारे लण्ड बारी बारी से चूस…
वो बेचारी, अब कुछ नहीं कर सकती थी और दर्द से बचने के लिए उसने अपना मुंह खोला और पहले डाकू के लण्ड को चूसने के लिए बड़ाया.. तभी, अचानक राजा लिंगवर्मा ने प्रवेश किया..
राजकुमारी ने जब राजा को आता देखा तो वो बहुत खुश हो गई और चिल्लाने लगी – महाराज, हमें बचाएँ… महाराज हमें बचाएँ…
और डाकू कुछ समझ पाते, इससे पहले राजा और गुप्तचर ने उनके पेट में तलवारे घुसेड दी, जिसमें से दो डाकू तो तुरंत मर गये.. मगर, एक ने राजा की और इशारा कार राजकुमारी से अंतिम शब्द कहे – धोका…
मगर, राजकुमारी को उस समय कुछ समझ ना आया और वो बहुत खुश थी की उसकी इज़्ज़त बच गई..
फिर, उसे समझ में आया की वो राजा और गुप्तचर के सामने नंगी खड़ी है तो वो अपने पैरों को हल्का सा उठा कर अपनी चूत छुपाने लगी, तभी राजा ने इशारा कार गुप्तचर को बाहर भेज दिया और राजकुमारी के पास आकर बोला – घबराए नहीं, राजकुमारी… अब आप सुरक्षित हैं… और फिर राजकुमारी की रस्सी खोल, उन्हें आज़ाद किया..
राजकुमारी, तुरंत राजा के पैरों में गिर गईं और बोली – महाराज, हमें क्षमा करें… हमने आपको विवाह को ना बोला, फिर भी आप हमें बचाने आए…
राजा के मुंह पर सियार सी मुस्कुराहट आ गई और फिर उसने राजकुमारी को उठाया और बोला – नहीं, यह हमारा फर्ज़ था… आपने को जो अच्छा लगा, वो आपने समय किया था… इसमें, आपकी कोई ग़लती नहीं है… और फिर राजा ने राजकुमारी के घाघरा चोली, उठा कर राजकुमारी को दिए और बोला की आप वस्त्र पहने और बाहर आ जाएँ… फिर, हम आपको आपके महल सुरक्षित पहुँचा देंगे…
राजकुमारी ने अपने घाघरा चोली लिए और राजा गुफा के बाहर चला गया और फिर कुछ देर में राजकुमारी कपड़े पहने बाहर आ गई।
राजा ने उसे अपने घोड़े पर बिठाया और योनपुर चल दिया और जब उसने योनपुर के महाराज को उनकी बेटी लौटाई तो वो खुशी से पागल हो गये और राजा के पैर पर गिर गये.. मगर, राजा ने उन्हें उठाया और बोला – महाराज, आप यह क्या कर रहे हैं… हम तो पड़ोसी राजा है… और यह तो हमारा कर्तव्य था की आपकी मुसीबत में, आपकी मदद करें…
योनपुर का राजा बोला – नहीं, यह तो आपकी माहानता है जो इतना बड़ा काम कर के भी आप इसे अपना कर्तव्या बता रहे हैं… नहीं तो हम तो राजकुमारी के वापस मिलने की उम्मीद ही त्याग चुके थे…
अब राजा ने योनपुर के राजा से कहा – नहीं, महाराज आप बेहद खुश हैं, इसलिए बड़ा चड़ा कर हमारी तारीफ़ कर रहे हैं… अच्छा महाराज, हमें क्षमा करें, हमें हमारे राज्य वापस जाना होगा…
इतने में वक्षकुमारी बोल पड़ी – अरे, आप इतनी जल्दी कैसे जा सकते हैं… आपने तो हमारी जान बचाई है… आज हमें अपने सत्कार का मौका दे..
राजकुमारी की बात पर योनपुर के महाराज ने भी राजा से निवेदन किया.. मगर, उसने रुकने से मना कर दिया और योनपुर के राजा से विदाई लेकर, वापस अपने राज्य के लिए रवाना हो गया और इस तरह वो राजकुमारी की निगाह में “महानायक” बन गया.. ..
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
एक था राजा, एक थी नौकरानी --5
फिर राजा ने गुप्तचर को बताया की अगर, उन्हें अपनी योजना को पूरा करना है तो इन डाकुओं को मारना होगा… !!
गुप्तचर ने बोला, क्यूँ महाराज?
तो वो बोले की हमें राजकुमारी की नज़र में नायक बनना है… हम इन तीनों को मार, राजकुमारी को अकेले बचा लाएँगा और उन्हें योनपुर के राजा के हाथ सोप देंगे…
वहाँ डाकू, अब पागल हो गये थे और जब उन्होंने गुप्तचर और राजा को बाहर जाता देखा तो सोचा की अगर अब वो राजकुमारी को चोद भी दें तो कौन उन्हें रोक लेगा..
यह सोच, वो सब भी निवस्त्र होकर, अपने तने हुए लण्ड राजकुमारी की और लेकर बड़े.
राजकुमारी, उनके बड़े बड़े लण्ड को देख डर गई की कहाँ उनकी कुँवारी चूत इनमें से एक लण्ड भी बर्दास्त नहीं कर सकती और कहाँ उसे इन तीनों से चुदवाना पड़ेगा और राजकुमारी उन तीनों से दया माँगने लगी की उसे छोड़ दें और ना चोदे.. मगर, अब कहाँ किसी की सुनने वाले थे और एक डाकू ने राजकुमारी की रस्सी, थोड़ी ढीली कर बोला – अगर, प्यार से चुदना चाहती है और चाहती है की ज़यादा दर्द ना हो तो हमारे लण्ड बारी बारी से चूस…
वो बेचारी, अब कुछ नहीं कर सकती थी और दर्द से बचने के लिए उसने अपना मुंह खोला और पहले डाकू के लण्ड को चूसने के लिए बड़ाया.. तभी, अचानक राजा लिंगवर्मा ने प्रवेश किया..
राजकुमारी ने जब राजा को आता देखा तो वो बहुत खुश हो गई और चिल्लाने लगी – महाराज, हमें बचाएँ… महाराज हमें बचाएँ…
और डाकू कुछ समझ पाते, इससे पहले राजा और गुप्तचर ने उनके पेट में तलवारे घुसेड दी, जिसमें से दो डाकू तो तुरंत मर गये.. मगर, एक ने राजा की और इशारा कार राजकुमारी से अंतिम शब्द कहे – धोका…
मगर, राजकुमारी को उस समय कुछ समझ ना आया और वो बहुत खुश थी की उसकी इज़्ज़त बच गई..
फिर, उसे समझ में आया की वो राजा और गुप्तचर के सामने नंगी खड़ी है तो वो अपने पैरों को हल्का सा उठा कर अपनी चूत छुपाने लगी, तभी राजा ने इशारा कार गुप्तचर को बाहर भेज दिया और राजकुमारी के पास आकर बोला – घबराए नहीं, राजकुमारी… अब आप सुरक्षित हैं… और फिर राजकुमारी की रस्सी खोल, उन्हें आज़ाद किया..
राजकुमारी, तुरंत राजा के पैरों में गिर गईं और बोली – महाराज, हमें क्षमा करें… हमने आपको विवाह को ना बोला, फिर भी आप हमें बचाने आए…
राजा के मुंह पर सियार सी मुस्कुराहट आ गई और फिर उसने राजकुमारी को उठाया और बोला – नहीं, यह हमारा फर्ज़ था… आपने को जो अच्छा लगा, वो आपने समय किया था… इसमें, आपकी कोई ग़लती नहीं है… और फिर राजा ने राजकुमारी के घाघरा चोली, उठा कर राजकुमारी को दिए और बोला की आप वस्त्र पहने और बाहर आ जाएँ… फिर, हम आपको आपके महल सुरक्षित पहुँचा देंगे…
राजकुमारी ने अपने घाघरा चोली लिए और राजा गुफा के बाहर चला गया और फिर कुछ देर में राजकुमारी कपड़े पहने बाहर आ गई।
राजा ने उसे अपने घोड़े पर बिठाया और योनपुर चल दिया और जब उसने योनपुर के महाराज को उनकी बेटी लौटाई तो वो खुशी से पागल हो गये और राजा के पैर पर गिर गये.. मगर, राजा ने उन्हें उठाया और बोला – महाराज, आप यह क्या कर रहे हैं… हम तो पड़ोसी राजा है… और यह तो हमारा कर्तव्य था की आपकी मुसीबत में, आपकी मदद करें…
योनपुर का राजा बोला – नहीं, यह तो आपकी माहानता है जो इतना बड़ा काम कर के भी आप इसे अपना कर्तव्या बता रहे हैं… नहीं तो हम तो राजकुमारी के वापस मिलने की उम्मीद ही त्याग चुके थे…
अब राजा ने योनपुर के राजा से कहा – नहीं, महाराज आप बेहद खुश हैं, इसलिए बड़ा चड़ा कर हमारी तारीफ़ कर रहे हैं… अच्छा महाराज, हमें क्षमा करें, हमें हमारे राज्य वापस जाना होगा…
इतने में वक्षकुमारी बोल पड़ी – अरे, आप इतनी जल्दी कैसे जा सकते हैं… आपने तो हमारी जान बचाई है… आज हमें अपने सत्कार का मौका दे..
राजकुमारी की बात पर योनपुर के महाराज ने भी राजा से निवेदन किया.. मगर, उसने रुकने से मना कर दिया और योनपुर के राजा से विदाई लेकर, वापस अपने राज्य के लिए रवाना हो गया और इस तरह वो राजकुमारी की निगाह में “महानायक” बन गया.. ..
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1 comment:
Iss story ko aage bhi likhiye mujhe lagata ye Puri story Hindi me bhi honi chahiye Internet pe.....
Iss story ke aage ki Kahani
Story Link - https://www.indiansexstories2.net/desi/kaampur-ki-kahani-part-iii/
Thank You.
Mujhe Ashaa hai ki aap iss story ko Pura likhenge.
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