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दोस्त की बीवी के साथ
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दोस्त की बीवी के साथ
मेरे दोस्त की नई नई शादी हुई थी, उसकी बीवी कितनी हॉट थी क्या बताऊँ।
गोरा गोरा रंग, तराशा बदन, बड़ी बड़ी आँखें, लम्बे बाल, पंखुड़ियों से होंठ, आम जैसी चूचियाँ, बड़े बड़े गोल गोल कूल्हे, गदराई जवानी जिसका मजा लेने को मैं बेताब था।
बरसात की एक रात थी जब मेरा दोस्त बिज़नस के लिए बाहर गया था, मैं उसके घर पहुँचा।
बिजली गुल थी, मैं जब गया तो दरवाज़ा खुला था, बिजली तभी गई थी।
मैं सीधा अन्दर चला गया। वो शायद रसोई में थी। उसने लाल साड़ी पहन रखी थी जिसके आरपार उसका ब्लाऊज दिख रहा था।
मैंने दरवाज़ा खटखटाया तो वह आई।
तभी बिजली कड़की और वो डरकर मुझसे लिपट गई।
मैं और क्या चाहता था?
मैंने उससे जोर से अपनी बाहों में समेट लिया, उसके माथे को चूमा, उसके चूतड़ों पर हाथ रखा और उसके होंठों पर अपने होंठ चिपका दिए।
उसने समझा शायद उसका पति हूँ मैं, अँधेरे में पता ना चला।
उसने छोड़ना चाहा लेकिन मैंने उसे पकड़ कर रखा।
उसने कहा- यह आपको आज क्या हो गया है? इतना प्यार अचानक?
मैं कुछ ना बोला, मैंने उसका पल्लू नीचे गिराया, उसकी चूचियाँ टटोलने लगा।
वह बोली- पहले चाय तो पी लो, थोड़ा फ्रेश हो जाओ।
मैं बोला- कोई बात नहीं, आज आपको प्यार करने को जी चाहता है।
वह शरमा गई, बोली- आपकी आवाज़ को क्या हो गया है?
मैं बोला- गला बैठ गया है।
मैंने उसे उठाया बाँहों में उठाया और बेडरूम में ले आया। बीच में उसके होठों को चूसता रहा।
बेडरूम में दोस्त की फोटो थी।
मैंने उसे बिस्तर पर डाला, फिर बोला- रानी आज मैं आपको जी भरकर प्यार करूँगा। पहले मैं आपको लंड नमस्कार कराऊँगा।
वह बोली- यह क्या होता है?
मैं बोला- मेरी पैंट उतारो, पता लग जायेगा।
उसने मेरी जिप खोली। मैंने पैंट निकाली, मेरा लंड खड़ा था। मैंने उसके ललाट को चूमा, फिर उसके बालों को सहलाया। फिर अपना लंड उसके सर को छुआया, मैंने कहा- मेरा लंड आपको प्रणाम करता है।
फिर उसकी नाक को चूमा और लंड को छुआया, फिर उसके होठों पर अपने होंठ रख कर चूसे।
मैंने कहा- केला खाओगी क्या?
उसने कहा- हाँ।
मैंने उसके मुँह में लंड घुसेड़ दिया।
मैंने कहा- चूस मेरी रानी।
उसने चूसा।
फिर मैंने उसके गले को किस किया और चूचियों तक पहुँचा। मेरी तमन्ना पूरी होने वाली थी।
तभी फ़ोन बजा, मैंने उठाया, मेरा दोस्त था।
उसने अपनी बीवी राम्या के बारे में पूछा।
मैंने कहा- चुद रही है।
उसने कहा- क्या?
उसने मुझे गाली दी, फिर उसने सम्हालकर कहा- कोई बात नहीं, अच्छे से चोदो, मुझे एक बच्चा चाहिए। मैं उसे कभी खुश नहीं कर पाया।
मैंने कहा- जरूर।
कहता हुए मैंने एक हाथ से जोर से राम्या की चूची दबाई तो वह चिल्ला उठी।
दोस्त बोला- जरा प्यार से करो।
मैंने फ़ोन रख दिया।
वह बोली- किसका फ़ोन था?
मैंने कहा- एक दोस्त था ! मेरी रानी कैसा लग रहा है?
वह बोली- अच्छा।
मैंने कहा- मेरी छम्मकछ्ल्लो तेरी चूचियाँ बहुत मजेदार हैं, जरा दिखा दे।
वह बोली- नहीं अभी नहीं। ये मेरे बच्चे के लिए हैं।
मैंने उसकी बाई चूची को दबाया, फिर दाईं को दबाया। उसकी चूचिया बड़ी होने लगी।
मैंने कहा- देखो ब्लाऊज फट जायेगा, इसे उतार दो।
मैंने बटन खोलने शुरू किया, उसने मेरा हाथ हटा दिया। मैंने फिर फिर उसके हाथ को पकड़ा और मुंह से ब्लाऊज को फ़ाड़ डाला।
वह- आप मेरा बलात्कार कर रहे हो क्या?
मैं- नहीं रानी, प्यार है यह।
उसकी चूचियाँ अभी भी ब्रा में थी, मैंने ब्रा में उंगली डाली और चूचियों को चोदना शुरू किया।
फिर हुक खोल दिए तो अब उसकी चुचिया मेरे सामने थी। गोरी गोरी चूचियाँ।
मैंने उसके बाईं चूची से अपना लंड छुआ, फिर दाईं से।
मैंने कहा- वाह, क्या आम हैं ! राम्या, आपके आम तो बहुत रसीले है। चख लूँ क्या?
वह कुछ नहीं बोली।
मैं एक चूची चूसने लगा, साथ में दूसरी चूची को दबाता रहा, वह सिसकारियाँ लेती रही। फिर दूसरी को चूसा, फिर चूचियों के बीच किस किया।
वह आह उह करती रही। मेरा सपना पूरा हो रहा था।
मैंने कहा- बेबी, जरा आप अपनी दोनों चूचियों को आपस में दबाओ, मैं लंड बीच में डालता हूँ।
उसने वही किया, मैंने उसकी चूचियों को चोदा।
मैंने पूछा- कैसा लगा?
वह शर्म से लाल हो गई। फिर उसकी नाभि को लंड से छुआ और फ़िर किस किया। अब उसके चूतड़ों की बारी थी।
क्या मस्त चूतड़ थे उसके ! मैंने दबाया, किस किया, वह चीख उठी।
फिर मैंने उसकी जांघों को चूमा, मैंने कहा- रानी अपनी टाँगे फैलाओ।
मैंने उसकी चूत को किस किया, उंगली डाली और चोदना शुरू किया।
फिर अपना लंड दाल दिया फचाक से।
तभी लाइट आ गई।
जल्दी में मैं स्विच ऑफ करना भूल गया था। लेकिन उसने आँखे बंद कर ली थी। मैं चोदता रहा, वह सिसकारियाँ लेती रही, आँखें बंद करके और कुछ देर के बाद मैं झड़ गया।
उसने आँखें खोली, मुझे देखा, मैंने उसे देखा।
उसने कहा- यह क्या? यह तो आप हो?
मैंने कहा- रानी मेरी नज़र आप पर पहले से थी। आपको चोदने की इच्छा थी।
उसने मुझे धक्का दिया।
तभी दोस्त का फ़ोन आया, मैंने उठाया और स्पीकर ऑन किया।
उसने पूछा- कैसी लगी मेरी बीवी?
मैंने कहा- बहुत हॉट।
उसने कहा- अच्छे से चुदाई हो गई?
मैंने कहाँ- हाँ जैसा तुमने कहा था।
राम्या सब सुन रही थी।
उसने पूछा- उसको कैसा लगा?
मैंने कहा- पता नहीं, खुद पूछ लेना।
उसने कहा- ठीक है मस्ती करो, राम्या को प्यार देना।
मैंने राम्या को कहा- देखा, यह बोल रहा था तुम्हारा पति, अब बोलो।
वह कुछ ना बोली, धीरे धीरे कपड़े पहनने लगी।
मैंने कहा- थोड़ा साफ़ तो कर लो।
वह चुप रही।
मैंने उसके बालों को सहलाया, वह मुझसे लिपट गई, बोली- आपकी कोई गलती नहीं।
उसने धीरे से मेरे गालों को चूमा।
मैंने उसे उठाया और बाथरूम में ले आया, फिर उसके शरीर पर साबुन लगाया, साफ़ किया।
मैंने कहा- कैसा लगा भाभी आपको?
वह बोली- भाभी मत कहो ! मुझे अच्छा लगा। असल में मैं पहले ही जान गई थी कि आप हैं।
मैंने कहा- आपकी चूचियाँ बहुत प्यारी हैं।
मैंने उसे साफ़ किया, चूचियों पर फिर किस किया। बदले में उसने मेरे लंड को चूमा।
फिर हम दोनों बिस्तर में घुस कर गए।
मैंने पूछा- फिर कब?
वह बोली- जब आप कहो तब।
मैंने अगले अगले सप्ताह कश्मीर जाने वाला हूँ, चलोगी मेरे साथ?
वह- जरूर मेरे राजा।
मैंने कहा- वाह मेरी रानी।
कहकर मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए जिन्हें वह चूसने लगी।
गोरा गोरा रंग, तराशा बदन, बड़ी बड़ी आँखें, लम्बे बाल, पंखुड़ियों से होंठ, आम जैसी चूचियाँ, बड़े बड़े गोल गोल कूल्हे, गदराई जवानी जिसका मजा लेने को मैं बेताब था।
बरसात की एक रात थी जब मेरा दोस्त बिज़नस के लिए बाहर गया था, मैं उसके घर पहुँचा।
बिजली गुल थी, मैं जब गया तो दरवाज़ा खुला था, बिजली तभी गई थी।
मैं सीधा अन्दर चला गया। वो शायद रसोई में थी। उसने लाल साड़ी पहन रखी थी जिसके आरपार उसका ब्लाऊज दिख रहा था।
मैंने दरवाज़ा खटखटाया तो वह आई।
तभी बिजली कड़की और वो डरकर मुझसे लिपट गई।
मैं और क्या चाहता था?
मैंने उससे जोर से अपनी बाहों में समेट लिया, उसके माथे को चूमा, उसके चूतड़ों पर हाथ रखा और उसके होंठों पर अपने होंठ चिपका दिए।
उसने समझा शायद उसका पति हूँ मैं, अँधेरे में पता ना चला।
उसने छोड़ना चाहा लेकिन मैंने उसे पकड़ कर रखा।
उसने कहा- यह आपको आज क्या हो गया है? इतना प्यार अचानक?
मैं कुछ ना बोला, मैंने उसका पल्लू नीचे गिराया, उसकी चूचियाँ टटोलने लगा।
वह बोली- पहले चाय तो पी लो, थोड़ा फ्रेश हो जाओ।
मैं बोला- कोई बात नहीं, आज आपको प्यार करने को जी चाहता है।
वह शरमा गई, बोली- आपकी आवाज़ को क्या हो गया है?
मैं बोला- गला बैठ गया है।
मैंने उसे उठाया बाँहों में उठाया और बेडरूम में ले आया। बीच में उसके होठों को चूसता रहा।
बेडरूम में दोस्त की फोटो थी।
मैंने उसे बिस्तर पर डाला, फिर बोला- रानी आज मैं आपको जी भरकर प्यार करूँगा। पहले मैं आपको लंड नमस्कार कराऊँगा।
वह बोली- यह क्या होता है?
मैं बोला- मेरी पैंट उतारो, पता लग जायेगा।
उसने मेरी जिप खोली। मैंने पैंट निकाली, मेरा लंड खड़ा था। मैंने उसके ललाट को चूमा, फिर उसके बालों को सहलाया। फिर अपना लंड उसके सर को छुआया, मैंने कहा- मेरा लंड आपको प्रणाम करता है।
फिर उसकी नाक को चूमा और लंड को छुआया, फिर उसके होठों पर अपने होंठ रख कर चूसे।
मैंने कहा- केला खाओगी क्या?
उसने कहा- हाँ।
मैंने उसके मुँह में लंड घुसेड़ दिया।
मैंने कहा- चूस मेरी रानी।
उसने चूसा।
फिर मैंने उसके गले को किस किया और चूचियों तक पहुँचा। मेरी तमन्ना पूरी होने वाली थी।
तभी फ़ोन बजा, मैंने उठाया, मेरा दोस्त था।
उसने अपनी बीवी राम्या के बारे में पूछा।
मैंने कहा- चुद रही है।
उसने कहा- क्या?
उसने मुझे गाली दी, फिर उसने सम्हालकर कहा- कोई बात नहीं, अच्छे से चोदो, मुझे एक बच्चा चाहिए। मैं उसे कभी खुश नहीं कर पाया।
मैंने कहा- जरूर।
कहता हुए मैंने एक हाथ से जोर से राम्या की चूची दबाई तो वह चिल्ला उठी।
दोस्त बोला- जरा प्यार से करो।
मैंने फ़ोन रख दिया।
वह बोली- किसका फ़ोन था?
मैंने कहा- एक दोस्त था ! मेरी रानी कैसा लग रहा है?
वह बोली- अच्छा।
मैंने कहा- मेरी छम्मकछ्ल्लो तेरी चूचियाँ बहुत मजेदार हैं, जरा दिखा दे।
वह बोली- नहीं अभी नहीं। ये मेरे बच्चे के लिए हैं।
मैंने उसकी बाई चूची को दबाया, फिर दाईं को दबाया। उसकी चूचिया बड़ी होने लगी।
मैंने कहा- देखो ब्लाऊज फट जायेगा, इसे उतार दो।
मैंने बटन खोलने शुरू किया, उसने मेरा हाथ हटा दिया। मैंने फिर फिर उसके हाथ को पकड़ा और मुंह से ब्लाऊज को फ़ाड़ डाला।
वह- आप मेरा बलात्कार कर रहे हो क्या?
मैं- नहीं रानी, प्यार है यह।
उसकी चूचियाँ अभी भी ब्रा में थी, मैंने ब्रा में उंगली डाली और चूचियों को चोदना शुरू किया।
फिर हुक खोल दिए तो अब उसकी चुचिया मेरे सामने थी। गोरी गोरी चूचियाँ।
मैंने उसके बाईं चूची से अपना लंड छुआ, फिर दाईं से।
मैंने कहा- वाह, क्या आम हैं ! राम्या, आपके आम तो बहुत रसीले है। चख लूँ क्या?
वह कुछ नहीं बोली।
मैं एक चूची चूसने लगा, साथ में दूसरी चूची को दबाता रहा, वह सिसकारियाँ लेती रही। फिर दूसरी को चूसा, फिर चूचियों के बीच किस किया।
वह आह उह करती रही। मेरा सपना पूरा हो रहा था।
मैंने कहा- बेबी, जरा आप अपनी दोनों चूचियों को आपस में दबाओ, मैं लंड बीच में डालता हूँ।
उसने वही किया, मैंने उसकी चूचियों को चोदा।
मैंने पूछा- कैसा लगा?
वह शर्म से लाल हो गई। फिर उसकी नाभि को लंड से छुआ और फ़िर किस किया। अब उसके चूतड़ों की बारी थी।
क्या मस्त चूतड़ थे उसके ! मैंने दबाया, किस किया, वह चीख उठी।
फिर मैंने उसकी जांघों को चूमा, मैंने कहा- रानी अपनी टाँगे फैलाओ।
मैंने उसकी चूत को किस किया, उंगली डाली और चोदना शुरू किया।
फिर अपना लंड दाल दिया फचाक से।
तभी लाइट आ गई।
जल्दी में मैं स्विच ऑफ करना भूल गया था। लेकिन उसने आँखे बंद कर ली थी। मैं चोदता रहा, वह सिसकारियाँ लेती रही, आँखें बंद करके और कुछ देर के बाद मैं झड़ गया।
उसने आँखें खोली, मुझे देखा, मैंने उसे देखा।
उसने कहा- यह क्या? यह तो आप हो?
मैंने कहा- रानी मेरी नज़र आप पर पहले से थी। आपको चोदने की इच्छा थी।
उसने मुझे धक्का दिया।
तभी दोस्त का फ़ोन आया, मैंने उठाया और स्पीकर ऑन किया।
उसने पूछा- कैसी लगी मेरी बीवी?
मैंने कहा- बहुत हॉट।
उसने कहा- अच्छे से चुदाई हो गई?
मैंने कहाँ- हाँ जैसा तुमने कहा था।
राम्या सब सुन रही थी।
उसने पूछा- उसको कैसा लगा?
मैंने कहा- पता नहीं, खुद पूछ लेना।
उसने कहा- ठीक है मस्ती करो, राम्या को प्यार देना।
मैंने राम्या को कहा- देखा, यह बोल रहा था तुम्हारा पति, अब बोलो।
वह कुछ ना बोली, धीरे धीरे कपड़े पहनने लगी।
मैंने कहा- थोड़ा साफ़ तो कर लो।
वह चुप रही।
मैंने उसके बालों को सहलाया, वह मुझसे लिपट गई, बोली- आपकी कोई गलती नहीं।
उसने धीरे से मेरे गालों को चूमा।
मैंने उसे उठाया और बाथरूम में ले आया, फिर उसके शरीर पर साबुन लगाया, साफ़ किया।
मैंने कहा- कैसा लगा भाभी आपको?
वह बोली- भाभी मत कहो ! मुझे अच्छा लगा। असल में मैं पहले ही जान गई थी कि आप हैं।
मैंने कहा- आपकी चूचियाँ बहुत प्यारी हैं।
मैंने उसे साफ़ किया, चूचियों पर फिर किस किया। बदले में उसने मेरे लंड को चूमा।
फिर हम दोनों बिस्तर में घुस कर गए।
मैंने पूछा- फिर कब?
वह बोली- जब आप कहो तब।
मैंने अगले अगले सप्ताह कश्मीर जाने वाला हूँ, चलोगी मेरे साथ?
वह- जरूर मेरे राजा।
मैंने कहा- वाह मेरी रानी।
कहकर मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए जिन्हें वह चूसने लगी।
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