Wednesday, September 23, 2015

FUN-MAZA-MASTI मासूम बहन--2



 
FUN-MAZA-MASTI


मासूम बहन--2

दूसरे दिन..
हॉट गर्ल- मैंने एक होटल बुक किया है दो कमरे हैं.. 212 & 213 तुम रविवार को कोलकाता आ जाओ।
मैं- मैं रविवार क्या.. मैं तो शुक्रवार को ही पहुँच जाऊँगा..
हॉट गर्ल- तुम जब भी आओ.. लेकिन मैं मिलूँगी रविवार को ही..
मैं- ठीक है..
मैं घर पर बोला कि मेरा एक एग्जाम है.., मैं कोलकाता जा रहा हूँ। वैसे कोलकाता मे मेरी बड़ी दीदी रहती हैं.. सो वहीं रुक जाऊँगा और मैं कोलकाता पहुँच गया।
वहाँ मेरी दीदी मुझे लेने आईं.. मैं दीदी से 2 साल के बाद मिल रहा था.. क्योंकि जब वो आती थीं.. तो मैं नहीं होता था.. और जब मैं आता था.. तो वो नहीं होती थीं।
दो साल में दीदी बहुत बदल गई थीं.. पहले से सुंदर हो गई थीं।
मैं दीदी के साथ उनके कमरे पर गया ये फ्लैट दीदी और उसकी एक दोस्त को कंपनी ने ही दिया था.. लेकिन अभी उसकी दोस्त अपने घर गई हुई थी। वो रविवार को आने वाली थी।
फिर कुछ देर दीदी के साथ बात करता रहा.. फिर मैं फ्रेश हो गया और दोनों ने खाना खा लिया।
दीदी ऑफिस चली गईं.. तब मैं अकेला था.. तो मैंने हॉट गर्ल को मैसेज किया।
मैं- मैं कोलकाता पहुँच गया हूँ।
हॉट गर्ल- अभी मैं ऑफिस में हूँ.. रात में बात करती हूँ।
मैं घूमते हुए दीदी के कमरे में गया.. तो मुझे कमरा कुछ जाना-पहचाना सा लग रहा था.. लेकिन मैं तो पहली बार कोलकाता आया हूँ.. तो ये कमरा मैंने कैसे देखा??
तभी अचानक से कैमरे में देखा हुआ कमरा याद आया और एकदम से मेरे मन में आया कि कहीं दीदी ही तो हॉट गर्ल नहीं हैं।
अब मैं दीदी की ड्रेस वगैरह ढूँढने लगा.. तो मुझे वो कपड़े भी दिख गए.. जिसको पहन कर हॉट गर्ल चैट करती थी।
अब तो मुझे भरोसा हो गया कि दीदी ही हॉट गर्ल हैं। तो मुझे अपने आप में बहुत बुरा लग रहा था कि मैं अपनी ही बहन को नंगी देख चुका हूँ और उसी के साथ सेक्स करने दिल्ली से कोलकाता आ गया हूँ।
फिर मैंने सोचा कि सिर्फ़ मैं ही तो नहीं हूँ.. जो अपनी बहन को चोदूँगा..
कुछ देर तक मैं अपने आपसे जूझता रहा फिर मैं भाई-बहन वाली कहानियाँ पढ़ने लगा।
करीब 10-15 कहानियाँ पढ़ने के बाद मैंने सोचा- नहीं यार.. अगर कोई कुँवारी चूत मिल रही है तो उसे छोड़ना नहीं चाहिए और मैं दीदी को चोदने के लिए तैयार हो गया।
शाम को जब दीदी आईं.. तो उसको देखने का मेरा नज़रिया ही बदल चुका था। अब मुझे वो दीदी नहीं.. हॉट गर्ल नज़र आ रही थी।
फिर सारा दिन भी उसी तरह बीत गया..
रात को हम दोनों फिर से ऑनलाइन आए..
कुछ देर बात करने के बाद पूछा- तुम कितने भाई-बहन हो?
हॉट गर्ल- 3… एक भाई और 2 बहन और तुम?
मैं- एक भाई और 2 बहन.. तुमको तुम्हारा भाई कैसा लगता है?
हॉट गर्ल- अच्छा है..
मैं- अगर मौका मिला तो तुम उसके साथ सेक्स करोगी?
हॉट गर्ल- नहीं ऐसा कुछ नहीं सोचा है..
मैं- और अगर वो तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहे तो करोगी?
हॉट गर्ल- पता नहीं.. तब की तब देखी जाएगी।
मैं- तो आओ वीडियो चैट पर आज अपना चेहरा तो दिखाओगी ना?
हॉट गर्ल- ठीक है..
वो वीडियो चैट पर आई.. तब मैं न्यूड था और वो भी सिर्फ़ तौलिया लपेटी हुई थी। जैसे ही मैं उसको अपना चेहरा दिखाया..
वो चौंकते हुए बोली- तुम?
उसने तत्काल चैट ऑफ कर दी।
तो मैं नंगा ही उठा और उसके कमरे में चला गया और लाइट जला दी।
वो बोली- तुम जाओ यहाँ से.. ये सब ग़लत है..
मैं- दीदी प्लीज़.. सिर्फ आज.. फिर कभी नहीं..
दीदी- पागल हो गया क्या तू.. हट दूर..
मैं- नहीं दीदी..
दीदी- यह ग़लत है.. और मैं तेरी बहन हूँ।
मैं- नहीं.. आज हम दोनों भाई-बहन नहीं.. एक लड़का और लड़की हैं और हम दोनों को अभी एक-दूसरे की ज़रूरत है.. हम दोनों ने एक-दूसरे का सब कुछ देख लिया है और अगर मैं तुम्हारा भाई नहीं होता.. तो क्या तुम वो सब नहीं करतीं?
यह बोल कर मैं दीदी को चूमने लग गया, मैं उसके मम्मों को दबाने लग गया।
अब दीदी का विरोध कम हो गया।
मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत पर लगाई.. दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली।
दीदी- नहीं.. मेरे को अजीब लग रहा है..
मैं समझ गया था कि दीदी वर्जिन है और अपनी ही सग़ी बहन की सील तोड़ने में बहुत मज़ा आएगा।
दीदी अब गरम हो चुकी थी.. मेरा लंड भी अब चूत को सलाम कर रहा था.. लेकिन फिर दीदी ने मुझे अलग कर दिया।
मैंने उसे समझाया और कहा- प्लीज़ मान जाओ.. हम दोनों को सेक्स की जरूरत है..
जब मैं समझा रहा था.. तो वो मेरे लंड को ही देख रही और तभी मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा और अपनी तरफ खींचा और उसने गाल पर किस किया।
वो बोली- यह पाप है.. हम दोनों भाई-बहन हैं और किसी को पता चल गया तो बदनामी हो जाएगी।
तब मैंने उसे समझाया कि किसी को पता नहीं चलेगी.. ये बात हम दोनों के बीच ही रहेगी।
अब मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया, वो छूटने की कोशिश करने लगी, मैंने ढील नहीं छोड़ी.. कुछ देर में वो भी गरम होने लगी और उसने छूटने की जद्दोजहद भी खत्म कर दी।
तभी मैंने उसके मम्मे पर अपना हाथ रखा और उसे सहलाना चालू कर दिया। करीब 15 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा.. फिर वो भी मेरा साथ देने लगी।
अब वो भी मान गई थी और मुझसे गले लग गई.. तो मैं उसके सिर पर हाथ फेरने लगा और उसके कंधे पर किस करने लगा।
उसको भी अच्छा लग रहा था.. अब मेरा लंड उसकी चूत के पास स्पर्श हो रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा लवड़ा उसके कपड़े को फाड़ कर चूत में चला जाएगा।
फिर मैं हाथ नीचे ले जाकर उसके चूतड़ों को दबाने लगा और चूचियों के ऊपर किस करने लगा।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके मम्मों को दबाने लगा।
वो सिसकरियाँ लेने लगी आआअह.. अहहह..
मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी तौलिया को हटा दिया.. वो मेरे सामने ब्रा-पैंटी में थी।
आह.. दोस्तो, क्या माल लग रही थी.. मैं बता नहीं सकता..
उसके गोरे बदन पर काली ब्रा और पैन्टी.. आह्ह.. पूछो मत कि क्या दिख रही थी। वो जैसे कोई जन्नत की हूर अप्सरा लग रही थी।
फिर मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध दबाने आरम्भ किए.. वो सिसकारियाँ भरने लगी और आआआहह.. आआहह..करने लगी।
धीरे-धीरे मैंने उसके पेट पर हाथ फिराते हुए उसकी जाँघों पर हाथों को ले गया और सहलाने लगा।
उसने मेरा हाथ अपनी जाँघों में दबा लिया और अकड़ गई।
अब मैं अपने हाथ को पीठ पर ले जाकर सहलाने लगा और गर्दन और चूचियों के ऊपरी भाग पर किस कर रहा था। मैंने हाथ को पीछे ब्रा के हुक में फंसा दिया और उसको खोल दिया।
अब ब्रा सिर्फ़ उसकी चूचियों पर टिकी हुई थी.. तो मैंने अपने मुँह से ही ब्रा को हटा दिया।
जैसे ही मैंने ब्रा हटाई.. उसकी दोनों चूचियों मेरे सामने आ गई थीं.. जिसको देख कर मेरे मुँह में पानी आने लगा।
अब तक इसको कपड़े के अन्दर या नंगा देखा था.. तो बस लैपटॉप पर ही देखा था.. आज ये सच में मेरे सामने थीं.. वो भी पूरी नंगी।
 
मैं तो कुछ देर देखता ही रह गया.. नज़दीक से तो ये और भी हॉट लग रही थी और इसके गुलाबी निप्पल तो और कयामत ढा रहे थे.. जैसे दो मलाई के ढेर हों.. और उनके ऊपर एक-एक छोटा गुलाबजामुन रखा हुआ हो।
मैं देर ना करते हुए नंगी चूचियों पर झपट्टा मारा और पूरी चूचियों को एक बार में ही अपने मुँह में लेना चाहा।
लेकिन उसके मम्मे बड़े थे.. सो नहीं जा पाए.. लेकिन जितना भी गए.. उतने को ही पीने लगा और एक हाथ से दूसरे चूचे के निप्पल को दबाने लगा.. वो तड़प उठी और बोली- भाई रहने दो ना प्लीज़.. अब और नहीं मैं मर जाऊँगी..
वो वासना से आआअहह.. आआहह..करने लगी। फिर भी मैं रुका नहीं.. उल्टे मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ रखा और सहलाने लगा।
उसने मेरा लंड पकड़ लिया और अचानक छोड़ दिया।
मैं बोला- क्या हुआ?
तो बोली- यह तो बहुत मोटा और बड़ा है.. मेरे अन्दर नहीं जाएगा..
मैं अपना खड़ा हुआ लंड उसके सामने कर दिया और कहा- इस किस करो..
वो बोली- नहीं मुँह से नहीं होगा..
तो मैं बोला- कोई बात नहीं.. एक काम करो.. इसको थोड़ा पकड़े हुए ही रहो।
थोड़ा ना-नुकर के बाद उसने लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी, फिर हल्का सा चूमा भी.. मेरे लण्ड के मुँह में पानी आने लगा।
अब हम दोनों बिस्तर पर नंगे ही 69 अवस्था में आ गए थे और एक-दूसरे से लिपटे हुए थे। मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा और एक उंगली अन्दर डाल दी.. वो तड़प उठी और मेरे लंड को ज़ोर से दबा कर पकड़ लिया।
ऊऊओह गॉड.. क्या सीन था..
मैंने अपना लंड उसके होंठों के पास रखा और मुँह में देने लगा.. कुछ देर मना करने के बाद वो मजे से चूसने लगी और मैं उसकी चूत को चूसता रहा और चूत के अन्दर जीभ घुमाता रहा।
इस काम को करते हुए हमें 45 मिनट हो गए थे और वो भी झड़ भी चुकी थी। फिर मैंने मुँह से लंड निकाल लिया, मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा.. तो वो डरते हुए घोड़ी बन गई..
मैं अपने लंड का सुपारा उसकी चूत पर रगड़ने लगा और वो तड़फ रही थी, उसके मुँह से सिसकारी निकल रही थी।
उसकी सिसकारी सुन कर मुझे इतना मजा आ रहा था.. जैसे वो बोल रही हो प्लीज़ जान डाल दो अन्दर.. प्लीज़ भाई चोद दो अपनी बहन को..
मैंने लंड उसकी चूत पर रखा और हल्का सा धक्का लगाया तो लंड अन्दर नहीं गया.. क्योंकि उसकी चूत बहुत टाइट थी। वो दर्द से कराह कर आगे को हो गई तो मैंने उसकी चूची को कस कर पकड़ा और थोड़ा ज़ोर से धक्का लगाया.. तो अबकी बार लंड का टोपा चूत में अन्दर फंस गया।
वो दर्द से चिल्ला उठी.. बोली- प्लीज़ निकाल लो.. वरना मर जाऊँगी.. प्लीज़..
उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे.. तभी मैंने एक और धक्का लगाया, लंड आधा अन्दर घुस गया और उसके मुँह से ज़ोरदार चीख निकली- उउउइईई.. ममाआ.. आआहआआअ मर गई.. आआआहह..
वो रो रही थी.. मैंने उसका मुँह नहीं पकड़ा हुआ था.. क्योंकि हमारा घर बंद था और मकान से बाहर आवाज़ नहीं जाती थी।
मैं ऐसे ही रुका रहा.. उसकी चूत से खून निकल रहा था.. वो आगे की तरफ़ झुकी ताकि छूट सकेलेकिन उसकी इस हरकत से लंड और टाइट हो गया क्योंकि अब उसका मुँह नीचे बिस्तर पर टिका था और घुटने उठे हुए थे।
उओ आआहह.. आअहह..चिल्ला रही थी और मुझसे लौड़े को बाहर निकालने के लिए कह रही थी लेकिन मैं उसे नहीं छोड़ा.. वरना वो फिर से अन्दर नहीं डलवाती..
कुछ देर मैं ऐसे ही रुका रहा और उसके दूध दबाता रहा। वो कुछ देर बाद नॉर्मल हो गई और मैंने धक्के लगाने शुरु कर दिए, धीरे-धीरे पूरा लंड अन्दर पेल दिया..
वो अभी भी दर्द से कराह रही थी लेकिन कुछ ही देर में वो नॉर्मल हो गई और गाण्ड उठा कर मेरा साथ देने लगी.. उसके मुँह से आआहह.. उउऊहह उउउइ.. आअहह..की कामुक आवाजें निकलने लगी थीं और छप.. छा..की आवाजों से पूरा कमरा गूँज रहा था।
अब मैं झड़ने ही वाला था और तेज-तेज धक्के लगा रहा था, हर धक्के पर उसके मुँह से आअहह..निकलती।
करीब 30 मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मैं उसकी चूत से बाहर निकल कर झड़ गया। इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी.. झड़ने के बाद मैं उसके ऊपर ही लेट गया और उसे चूमने लगा।
मैंने उससे पूछा- कैसा लगा?
तो बोली- पहले बहुत दर्द हुआ.. लेकिन बाद में बहुत मजा आया..
फिर कुछ देर बाद हमने एक-दूसरे को चूमना चाटना शुरु किया और हम फिर से तैयार हो गए।
वो मना कर रही थी लेकिन गरम होकर मान गई।
उस रात हमने 4 बार चुदाई की.. सुबह वो चल भी नहीं पा रही थी और उसकी चूत सूज गई थी.. तो मैं बर्फ का टुकड़ा ले कर उसकी चूत की सिकाई करने लगा, तब जा कर कहीं उसकी चूत की सूजन ठीक हुई।
उसके बाद जब वो ठीक हुई तो फिर मैंने उसको चोदा.. मैं वहाँ 5 दिन रहा और इन 5 दिनों में मैंने घर के हर कोने में उसको चोदा और शायद जितने पोज़ मैं जानता था.. हर उस पोज़ में उसको चोदा।
उसके बाद तो मैं अक्सर कोलकाता आने-जाने लगा और जब भी आता.. मन भर के चोद कर आता था।
जब वो घर भी आती थी तो भी मैं आ जाता था और हम दोनों खूब मजे करते थे।
तो दोस्तो, मेरे बहनचोद बनने की दास्तान कैसी लगी.. ज़रूर बताना..















राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator