Friday, September 25, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..31

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..31



***********
अब आगे
***********


रिया तो अभी ढंग से जवान भी नही हुई थी...पर उसके होंठ एक पर्फेक्ट किस्स के लिए बिल्कुल उपयुक्त थे...बाहर की तरफ निकले हुए होंठों को अजय ने जब चूसना शुरू किया तो उसे ऐसा लगा की वो कोई मिठाई खा रहा है...इतनी मिठास तो उसने आज तक कभी महसूस नही की थी...इतने नर्म और मुलायम होंठ...और उपर से रिया के किस्स करने की उत्सुकतता...उसका अधीरपन..उस स्मूच में चार चाँद लगा रहा था..

रिया तो अजय के दोनों होंठों को एक साथ अपने दाँतो से काट भी रही थी और उन्हें चूस भी रही थी , और ऐसा करते हुए उसके चेहरे पर जो ख़ुशी के भाव आ रहे थे वो देखते ही बनते थे



अपनी लाइफ के पहले चुम्बन को वो पूरी तरह से एन्जॉय कर रही थी

अजय के हाथ एक बार उसकी नन्ही छातियों तक भी आए..पर उन्हे एक-दो बार दबाने के बाद वो वापिस उसकी गांड ही दबाने लगा...क्योंकि उसे वहाँ की चर्बी को मसलने में ज़्यादा आनंद आ रहा था..

दोनो गहरी साँसे ले रहे थे...और एक दूसरे को छोड़ने का नाम ही नही ले रहे थे..अजय ने टाइम देखा तो दस बजने वाले थे...रिया ज़्यादा देर तक वहां रह भी नही सकती थी..उसकी बीबी को उसपर शक ना हो जाए,इसलिए उसे जल्द ही वापिस भेजना ज़रूरी था...पर उसे भेजने से पहले वो कम से कम ये जरूर देखना चाहता ही था की ये जो नया माल उसकी झोली में खुद ब खुद आ गिरा है,वो अंदर से देखने में कैसा है.


अजय ने उसे चूमते-2 दूसरी तरफ घुमा दिया...अब वो उसे पीछे से पकड़ कर अपना लंड उसकी गोल-मटोल गांड पर ज़ोर से दबा रहा था...और ऐसा करते हुए दोनो की आँखे बंद थी और मुँह से धीमी -2 सिसकारियाँ निकल रही थी..

अजय के मोटे लंड को अपनी गांड और कमर पर महसूस करते ही रिया की साँसे तेज हो गयी....उसके दिल की धड़कन बड़ गयी...ये पहला मौका था जब वो अपनी जिंदगी में किसी मर्द के लिंग को महसूस कर रही थी...वो अपने पंजो पर खड़ी होकर अपनी नर्म-मुलायम गांड को अपने प्यारे जीजू के लंड पर ऐसे मसल रही थी जैसे उसकी आरती उतार रही हो..गोल-गोल घुमा कर वो जिस अंदाज से अजय के लंड को मल रही थी,वो पहले से ज़्यादा बड़ा और उत्तेजित होकर फुफ्कारने लगा..

रिया ने धड़कते दिल से अपने हाथ पीछे की तरफ किए और अजय के लंड को उसके बॉक्सर के उपर से ही पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया...एक करंट सा लगा उसे जब उसने अजय का लंड पकड़ा..ऐसा लगा जैसे कोई मोटा-ताज़ा चूहा पकड़ लिया हो जो उसके चुंगल मे फंसकर ज़ोर-2 से तड़प रहा था..अजय के हाथ भी उसके टॉप के अंदर घुस गये और उसने ब्रा के उपर से ही उसकी घुंडीयों को ज़ोर से मसल दिया..

पहले तो अजय को लगा था की वो बिना ब्रा के आई है,पर उसने अंदर एक पतली सी ब्रा भी पहन रखी थी..जिसे अजय ने धीरे-2 करके उपर की तरफ खिसका दिया...अब उसकी नंगी छातियो और अजय की हथेली के बीच कुछ नही था...अजय को उसके नुकीले निप्पल अपनी हथेलियों पर चुभते हुए से महसूस हुए...उसने उसके लंबे निप्पल्स को अपनी उंगली और अंगूठे के बीच पीस कर ज़ोर से दबा दिया..

''आआआआआआआआआअहह जीजू........उम्म्म्ममममममममम म्*म्म्मम.......... फफफफफफफफफफफफ्फ़ .....धीरे ....धीरे........ ''

अजय ने मन ही मन सोचा की अभी तो धीरे-2 बोल रही है...एक बार लंड का स्वाद चख ले बस,उसके बाद ऐसे हर काम ज़ोर-2 से करने के लिए कहा करेगी.

उपर से दिखने में वो छातियाँ भले ही छोटी लग रही थी,पर नंगी होने के बाद जब उनका गुदाजपन अजय ने महसूस किया तो उसे एहसास हुआ की ये हिस्सा भी कम नही है उसका..वो उसके कान चूसता हुआ, उसकी गांड को झटके मारता हुआ उसकी नन्ही गोलाइयों को ज़ोर-2 से भींचने लगा..

अजय ने उसके दाँये कान को पूरा मुँह मे भर लिया ...उसे बुरी तरह से चूसा...और फिर उसी कान में धीरे से बोला : "मुझे देखना है तुम्हे....पूरा का पूरा...न्यूड....''

अजय के ये बोल रिया को उपर से नीचे तक सुलगा गये...उसका पूरा शरीर झनझना उठा..वो जानती तो थी की ऐसा कुछ होकर रहेगा आज और इसलिए ही तो वो वहां आई भी थी,पर ये सब सुनते हुए और करते हुए इतना मजा आएगा इसका अंदाजा नही था उसको ।

अपने प्यारे जीजू की किसी भी बात को वो मना नही करना चाहती थी...आज से ही उसने ये डिसाइड कर लिया की जो भी जीजू कहा करेंगे..जब भी कहा करेंगे..बिना सोचे समझे वो काम कर दिया करेगी..


लेकिन अभी के लिए वो उनसे कुछ पंगा लेने के मूड में थी...वो घूम कर सामने खड़ी हुई और अपने टॉप को एकदम से उपर खींचकर अपनी नन्ही छातियाँ अजय की नज़रों के सामने लहरा दी...और जितनी तेज़ी से उसने दिखाई,उतनी तेज़ी से वापिस छुपा भी ली..

और अपनी छातिया दिखाते हुए वो शरारती अंदाज मे बोली : "ये लो ....देखो...''



एक पल के लिए ही सही,उसके गुलाबी उभारों को देखकर अजय के मुँह मे पानी भर आया..

पर उसकी शरारत समझ कर वो फिर से बोला... : "ऐसे नही ना...सब उतार कर दिखाओ...''


अब वो अजय को और तरसाना नही चाहती थी..वैसे भी टाइम कम था उनके पास..इसलिए अजय के इतना कहने की देर थी ...वो धीरे-2 चलती हुई थोड़ी दूर तक गयी...और उसने अजय की आँखो में देखते-2 अपनी शमीज़ उतार दी...अब वो एक पतली सी ब्रा में रह गयी थी बस...

और फिर उसने उसी तरह से अपनी कमर मटकाते हुए अपनी निक्कर भी उतार दी..

वो जिस अंदाज में अपने कपड़े उतार रही थी,ऐसा लग रहा था जैसे अजय को कोई सेक्स से भरा डॅन्स दिखा रही हो.

अब वो सिर्फ़ एक पेंटी और ब्रा में थी.

उसका दुबला - पतला शरीर उन आख़िरी कपड़ो में इतना सेक्सी लग रहा था की अजय ने अपना लंड बॉक्सर के उपर से ही रगड़ना शुरू कर दिया.

रिया अपनी चौड़ी गांड दिखाती हुई डांस करने लगी ,अजय को अपने शरीर के हर अंग का रसपान करवा रही थी वो .



लेकिन अजय की नज़रें तो उसकी तरबूज जैसी गांड को देखकर फटी की फटी रह गयी...उसने तभी सोच लिया की वो उसकी गांड ज़रूर मरेगा...ऐसी रसीली गांड को ना मारा गया तो वो इसका अपमान होगा.

वो उसी तरह से अपनी कमर मटकाती हुई अजय के करीब तक आई और अपने हाथ पीछे करते हुए अपनी ब्रा के हुक खोल दिए..और अजय के हाथों को अपनी ब्रा के स्ट्रेप्स पर रखकर उसकी उंगलियो में उसने वो स्ट्रेप्स फंसा दिए..


अजय का बॉक्सर तो कब का उसके घुटनो तक पहुँच चुका था..रिया ने नीचे नज़रे झुका कर जब वो काला नाग देखा तो उससे डसवाने के लिए वो अंदर ही अंदर तड़प उठी..उसका मन किया की वो अभी के अभी उसे अपने बिल में खिसका ले और दुनिया भर के मज़े ले डाले..पर इतना तो वो भी समझती थी की ऐसे काम आराम से और वक़्त लगा कर होते है...पहली ही बार में तो ये पॉसिबल नही हो सकता और वैसे भी टाइम कम था जिसका अंदाज़ा उसे भी था...

लेकिन अभी के लिए वो एक बार उसे चूमना ज़रूर चाहती थी..इसलिए अपने हाथ में अजय का लंड पकड़ कर वो अपने होंठों पर जीभ फेर रही थी...अजय समझ गया की वो क्या चाहती है...वो धीरे से फुसफुसाया

''जाओ....नीचे जाओ...मिलकर आओ ज़रा अपने दोस्त से...''

रिया ने अजय के मोटे लंड को हाथ में लिया और एक बार फिर से मसल दिया..उसके नंगे लंड को हाथ लगाकर वो बुरी तरह से मचल उठी...ऐसा लगा जैसे उसने बिजली की नंगी तार को छू लिया है...इतना गर्म और सख़्त लंड ...और बुरी तरह से बिफर कर वो जिस तरह से झटके मार रहा था,उससे तो उसमे चार चाँद लग रहे थे.

अजय की बात सुनकर कसक के मारे रिया ने अपने निचले होंठ को दांतो तले पीस डाला.....और पीसने से जो लार के रूप में रस टपका वो सीधा जाकर अजय के लंड पर गिरा...अजय को ऐसा लगा की वो उस रस मे झुलस कर मर जाएगा...

जैसे ही रिया नीचे बैठी,उसकी ब्रा उपर अजय के हाथ में ही रह गयी..
अजय ने आज पहली बार उसे उपर से नंगा देखा..सच मे,कमाल की लग रही थी वो....



लड़की का शरीर नंगा होने के बाद और भी आकर्षक लगता है...आज अजय ये बात समझ चुका था.

रिया ने अजय के लंड को अपने हाथ से पकड़ा..उसे मसला...और अपने नथुने जैसे ही उसके करीब ले गयी,एक अजीब सी मादकता से भरी गंध उनसे टकरा गयी...वो ऐसी मदहोश कर देने वाली गंध थी की रिया उसके नशे में डूबती चली गयी..और उसी नशे की हालत में उसने अपनी गर्म जीभ निकाल कर उसके उपर फिराई...उपर से नीचे तक...उसकी बॉल्स को चूमा और फिर एक ही बार मे उसे अपने मुँह मे निगल लिया..और उन्हे गुलाब जामुन की तरह ज़ोर-2 से चूसने लगी.



आज से पहले रिया ने ऐसा कुछ नही किया था...और पहली ही बार में उसे ये सब करता देखकर अजय समझ गया की ये लड़की कुछ करके रहेगी अपनी लाइफ में ...


अजय भी अपना लंड ज़्यादा से ज़्यादा उभार कर उसके मुँह में धकेल रहा था..

अपनी प्यारी साली को ऐसे सकिंग करते देखकर वो सब कुछ भूल चुका था...उसे अब सिर्फ़ और सिर्फ़ रिया के रूप में एक चूत दिखाई दे रही थी...

उसने अपना लंड हाथ से पकड़ कर उसके मुँह में धकेल दिया..

और रिया किसी एक्सपर्ट की तरह उसे चूसने लगी.



शायद ये बी एफ देखने का फल था जो वो इतनी कुशलता के साथ पहली बार में ही ऐसे काम आसानी से कर पा रही थी...

अजय तो ये भी भूल चुका था की रिया उसके घर सिर्फ़ खाना देने के लिए ही आई है..

उसने आवेश में आकर उसे वापिस उपर खींचा और जैसे ही उसके होंठों को चूमकर वो उसके बूब्स की तरफ जाने लगा उसका फोन बज उठा..

वो यथार्थ के धरातल पर आ गिरा..

उसने अपना मोबाइल उठाया, वो प्राची की कॉल थी.

प्राची : "हाय जानू...खा लिया खाना...''

अब तक वो संभल चुका था...उसने उतने ही प्यार भरे अंदाज में कहा : "यस डियर...खा लिया...इनफॅक्ट अभी भी खा रहा हूँ ...''

उसके हाथों में अभी तक आधी नंगी साली थी...और उसके नन्हे चूजों को देखता हुआ वो प्राची से बात करता हुआ मुस्कुरा दिया.

प्राची : "उम्म्म्ममम....आज मेरे बाबू ने मेरे बिना खाना खाया...बुरा तो नही लगा ना...''

अजय : "नो बैबी...इट्स ओके ....तुम बेकार की बातें मत सोचा करो...तुम बस अपना ध्यान रखो...''

वो जल्द से जल्द बात ख़त्म करके अपना बचा हुआ "खाना" खा लेना चाहता था..


प्राची : "अच्छा सुनो....वो मीठा भी भेजा है मैने...खुद अपने हाथो से बनाया था ख़ास तुम्हारे लिए...तुम्हे खाने के बाद मीठा पसंद है ना...''

अजय : "मीठा ....कौनसा मीठा....''

अजय की ये बात सुनकर रिया ने जल्दी से पास ही पड़ा हुआ टिफ़िन बॉक्स खोला...और आनन-फानन में उसमे से सारे डिब्बे निकाल कर खोल दिए...उसमें सबसे नीचे वाले डिब्बे में कस्टर्ड था..

अजय : "ओहो...कस्टर्ड....वाउ....आज तो मज़ा आएगा...''

प्राची : "उम्म्म....जल्दी से टेस्ट करके बताओ ना...कैसा बना है...''

वो शायद अपनी तारीफ सुनना चाहती थी.

अजय ने भी बिना देरी किए एक स्पून उठा कर उसमे कस्टर्ड भरा...लेकिन उसे खाने से पहले ही उसके खुराफाती दिमाग़ में एक शरारत आ गयी...उसने वो स्पून मे भरा सारा कस्टर्ड अपनी बाहों में खड़ी रिया की नंगी छातियों के उपर लेजाकर छोड़ दिया...एक पल के लिए तो रिया भी चोंक गयी...और उसने बड़ी मुश्किल से अपने मुँह पर हाथ रखकर अपनी चीख भी दबाई..क्योंकि फ्रिज से निकाल कर डिब्बे मे डाला गया कस्टर्ड काफ़ी ठंडा था...उसे ऐसा लगा जैसे बर्फ का चूरा उसकी छातियो पर उड़ेल दिया गया हो..

वो जैली जैसा कस्टर्ड धीरे-2 नीचे खिसक कर आने लगा...आर रिया के नन्हे पर्वतों पर चढ़ गया..उनपर पहुँचते ही अजय ने अपना मुँह नीचे किया और उस कस्टर्ड के समेत रिया के नर्म और मुलायम स्तन को मुँह में भर कर पी गया.

फोन पर अगर प्राची ना होती या रिया ने अपने मुँह पर हाथ ना रखा होता तो वो जोरों से चीख पड़ती...

अजय ने मोबाइल को अपने कान पर लगा रखा था और उसकी जीभ स्पून की तरह रिया की प्लेट नुमा ब्रेस्ट में बिखरा हुआ कस्टर्ड इकट्ठा करके खा रही थी..

ऐसा करते हुए सड़प -2 की आवाज़ें भी निकल रही थी..

जो शायद प्राची ने भी सुन ली दूसरी तरफ...वो बोली : "लगता है ज़्यादा ही मज़ा ले-लेकर खा रहे हो...''

अजय ने रिया को आँख मारते हुए प्राची से कहा : "ये है ही इतना टेस्टी..मन करता है की ख़ाता ही रहूँ...ख़ाता ही रहूँ...''

प्राची : "बदमाश हो तुम....सब समझ रही हूँ मैं ...लगता है रिया आस पास नही है...तभी ऐसी बातें कर रहे हो...है ना...''

अजय : "हाँ ...वो किचन में है...आज मॉर्निंग के कुछ बर्तन ऐसे ही रह गये थे ना...काम वाली तो आई नही..तो उसने कहा की वो किचन सॉफ करके जाएगी...इसलिए थोड़ी देर लगेगी उसे अभी आने में ...''

प्राची : "अच्छा..वो किचन में है...तभी इतने मज़े लिए जा रहे है....चलो फिर..इसी बात पर एक किस्स दो मुझे...''

अजय को भला क्या प्राब्लम हो सकती थी...उसने कस्टर्ड में सने अपने होंठ उपर किए और रिया के होंठों पर रख दिए..वो तो भूखी बिल्ली की तरह टूट पड़ी उनपर...




और एक मिनट में ही उसके मुँह पर लगे कस्टर्ड और बाहर बह रहे रस को निगल गयी...और ऐसा करते हुए जो स्मूच की आवाज़े आ रही थी उन्हे प्राची सुन रही थी...और उसे लग रहा था की उसका प्यारा पति अजय उसे फोन के दूसरी तरफ से किस्स कर रहा है...इसलिए वो भी अपने मोबाइल के निचले हिस्से को जोरों से चूम कर उसका जवाब देने लगी...


अपनी साली और बीबी को एक साथ किस्स का आनंद देता हुआ अजय बुरी तरह से उत्तेजित हो चुका था...उसने तुरंत फोन बंद करते हुए कहा : "सुनो डार्लिंग...अब तुम सो जाओ...कल मॉर्निंग में मिलता हूँ ....बाइ...गुड नाइट...''

प्राची ने भी गुड नाइट बोलकर फोन रख दिया...

उसने फोन को किनारे पर रखा और रिया के साथ एक गहरी और कभी ना टूटने वाली स्मूच मे डूब गया...रिया तो उसके लंड को छोड़ने का नाम ही नही ले रही थी...और अजय उसके होंठों को...ऐसे ही गुत्थम गुत्था करते हुए अजय ने उसे सोफे पर पटक दिया...और खुद उसकी टाँगो के बीच जाकर बैठ गया...

रिया की नन्ही छातियाँ उपर नीचे हो रही थी...शायद वो समझ चुकी थी की अजय अब क्या करने वाला है...

अजय ने धीरे से अपने हाथों से उसकी पेंटी के किनारों को पकड़ा...रिया ने अपने कूल्हे उपर उचका दिए...पेंटी को पकड़ कर अजय ने धीरे-2 अपनी तरफ खींचना शुरू किया...जैसे-2 वो खींच रहा था..उसकी हल्के रोँये वाली चूत उजागर होती जा रही थी...साइड से तो उसकी पेंटी उतर गयी पर चूत वाले हिस्से में इतना गीलापन था की उसकी पेंटी वहां चिपक कर रह गयी...ऐसा लग रहा था जैसे गाड़ा शहद भर कर लाई थी वो घर से...उसी शहद से भरी कच्छी को देखकर अजय की साँसे तेज होने लगी...और उसने एक तेज झटके से उस पेंटी को खींचकर फाड़ दिया...

अपनी नयी पेंटी के फटने की शिकायत रिया ने कुछ इस तरह से की..

''आआआआआआआआआआअहह ओह मे गोद.... जीजू......सक मिईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई''

अजय ने तो ये सब किया ही इसी लिए था...वो उसकी दोनो टाँगो के बीच लेट गया और अपना मुँह उसकी चूत पर दे मारा..




एक के बाद दूसरी सीत्कार निकल पड़ी रिया के मुँह से....

''आआआआआआआआआआआआआआआआआआ गॉश...................... उम्म्म्मममममममममममम ....एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... माय जीजू................माय लव........ ....सकक्क्क्क् मी डार्लिंग.....''

अजय को तो जैसे कोई खजाना मिल गया था...कुँवारी चूत की पहली धार का रस था वो...अपनी जीभ से सदप-2 करता हुआ वो उसे जोरों से पीने लगा...वो रस देखने में ही नही बल्कि चखने में भी शहद की तरह मीठा था...शायद रिया को उसी की तरह मीठा खाने का काफ़ी शौंक था,इसलिए उसका रस भी मीठा था अंदर से..

रिया ने अपनी मांसल जांघों की पकड़ उसके सिर के दोनो तरफ लगा दी और उसे अंदर ही अंदर दबोच कर ज़ोर-शोर से अपनी चूत चुसवाने लगी..




एक मिनट भी नही लगा रिया को झड़ने में ...उसकी चूत से जैसे कोई बाँध टूट पड़ा हो...वो जोरों से कसमसाती हुई ..अपने जीजू के बालों को पकड़ कर अपनी चूत में घुसती हुई....भरभराकर झड़ने लगी..

अजय ने भी उसकी चूत का अमृत जितना हो सकता था पी लिया...और अपनी जीभ से उसे पूरी तरह सॉफ करके ऐसे चमका दिया जैसे वहां बरसों से सूखा पड़ा हो.



अपने जीजू की आँखो में देखती हुई रिया मंद-2 मुस्कुरा रही थी..आज जैसी अनुभूति उसे आज से पहले कभी नही हुई थी...अपनी उंगलियों से मसलने में भी इतना मज़ा नही मिलता था...जब पूजा ने उसकी चूत चूसी थी तब भी इतना मज़ा नही मिला था उसको...आख़िर एक मर्द जो मज़े दे सकता है,उसका कोई मुकाबला कैसे कर सकता है...

अजय भी उठ खड़ा हुआ...और तभी उसके मोबाइल का मैसेज बजा..उसने तुरंत फोन उठाया,वो अंजलि भाभी का मैसेज था.

उसने तुरंत रिया को कपड़े पहनने को कहा और खुद भी अपना बॉक्सर और टी शर्ट पहन कर बैठ गया.

रिया की पेंटी तो फट चुकी थी...इसलिए उसने बिना पेंटी के अपनी निक्कर पहनी..ब्रा और शमीज़ पहन कर वो वापिस जाने के लिए तैयार हो गयी.और जाते-2 उसने वो फटी हुई पेंटी यादगार के तौर पर अपनी जेब में रख ली और जीजू को गुड नाइट किस्स देकर बाहर निकल आई...बाहर निकल कर उसने अपनी जेकेट उठाकर पहन ली और वापिस अपने घर आ गयी.

अजय ने दरवाजा बंद किया और अपने बेडरूम में आ गया...और फिर उसने अपना मोबाइल निकाल कर मैसेज पड़ा..

अब उसके और भाभी के बीच की दूरिया ख़त्म होने के कगार पर आ चुकी थी.




राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator