Wednesday, January 2, 2013

दारू नहीं तो यही सही



दारू नहीं तो यही सही

मेरा नाम एकता गुप्ता है। मैं हरियाणा से हूँ। मेरी उम्र 26 साल है और मेरा फीगर 34-28-33 है। मैं कुँवारी हूँ और मेरा एक बॉयफ्रेंड है जिसका नाम रोहित है, जो कि मेरा स्टूडेंट भी है।
एक दिन हम दोनों बाइक पर किसी रिजार्ट पर घूमने गये थे जो कि शहर से बहुत बाहर था। रात को हम थोड़ा लेट हो गये। अंधेरा काफ़ी हो गया था और सर्दी का सीज़न था। हम बाइक पर थे और वो रोड बहुत ही सुनसान थी। रोहित और मैं बाइक पर धीरे धीरे बातें करते हुए आ रहे थे कि दूर एक लड़का दिखा जो कि हमें हाथ दे रहा था। वो एक फार्महाउस के सामने खड़ा था। रोहित ने मेरे मना करने के बावजूद बाइक रोकी तो एकदम से 2 और लोग हमारे सामने आ गये और चाकू निकाल लिया और रोहित के पेट पर लगा कर बोले- "चलो पैसा निकालो।- "
रोहित ने पर्स निकाल कर दे दिया लेकिन पर्स में सिर्फ़ 100 रूपये ही थे।
वो तीन लड़के थे उम्र 28-30 के बीच होगी और वो सब थोड़े पीए हुए थे।
एक पर्स खोलने के बाद बोला- "अरे इसमें तो सिर्फ़ 100 रुपए है। दोस्तों इसमें क्या होगा?"
वैसे वो लोग देखने में लूटेरे नहीं लग रहे थे। क्योंकि उन तीनों ने अच्छे कपड़े पहने हुए थे।
फिर दूसरा बोलो- "अरे पॉकेट में पैसा है तो निकाल दो नहीं तो चाकू पेट में डाल दूँगा।- "
रोहित ने कहा- "बस इतन ही है मेरे पास, चाहे तो तुम लोग तलाशी ले लो लेकिन चाकू को दूर रखो।- "
अगला बोला- " दोस्तों इतने में तो बॉटल नहीं आएगी अब क्या करें, एक काम करो इसकी बीबी की सोने की चैन ले लो।- "
तो रोहित ने कहा- "ये मेरी बीबी नहीं है, गर्लफ्रेंड है।"
दूसरा बोला- "अच्छा गर्लफ्रेंड, फिर तो ऐश करके आ रहे हो चलो हमें क्या? पर इस टाइम रात को चैन बेच कर पैसा कहाँ से मिलेंगे?"
इतनी ही देर में एक ने मेरी चैन की तरफ हाथ बढ़ाया जो कि मेरे निपल्स पर लटक रही थी। वो चैन पकड़ने ही वाला था कि
उसकी नज़र मेरे निपल्स पर गयी और बोला- "रहने दो, वैसे भी हमने बहुत पी ली है, ज़्यादा मत पियो"
उसने इशारा करके अपने साथियों को मेरे निपल्स दिखाए और बोला- "अरे बड़ा मस्त माल है। चलो दारू नहीं तो यही सही।- "
मैं खड़ी हुई थी और रोहित बाइक पर बैठा हुआ था। एक ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरे मुँह को हाथ से पकड़ लिया और गले पर चाकू रख दिया और बोला- "चलो अंदर चलो। वहाँ हम तुम्हारी तलाशी लेंगे।- "
रोहित और मैं चुपचाप उनके साथ अंदर आ गये। मैं समझ गयी थी कि इनका क्या प्लान है क्योंकि मैं गुलाबी साड़ी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी और ब्लाउज भी गुलाबी था और अंदर भी मैंने गुलाबी ही पहना था।
रोहित ने तो निकलते वक़्त ही कहा था कयामत लग रही हो तुम इस साड़ी में। लेकिन उसे ये नहीं मालूम था कि आज हमारे साथ क्या होने वाला है?
थोड़ी देर में हम कमरे के अंदर आ गये तो उन्होंने रोहित को कुर्सी पर बैठने को कहा।
डर के मारे वो बैठ गया। फिर तीनों ने जबरन उसे रस्सी से कुर्सी पर बाँध दिया और मुँह में कपड़ा ठूंस दिया जिससे वो आवाज़ न कर सके। फिर एक बोला- "पैसे तो तुम्हारे पास नहीं है लेकिन तुम्हारी गर्लफ्रेंड तो बहुत मस्त है। आज हम तीनो इसको चोदेंगे। तूने तो बहुत चोदा होगा। क्यों सही कह रहा हूँ न? चल इसको चोद के थोड़ा मज़ा हम भी ले लें। हां सुबह तुम लोग आराम से यहाँ से जा सकते हो। कोई प्राब्लम नहीं होगी। लेकिन उसके बाद अगर तुम पुलिस के पास गये तो बदनामी तुम्हारी ही होगी। हमारा तुम कुछ नहीं कर पाओगे। इसलिए ज़्यादा होशियार मत बनना। चुपचाप कुर्सी पर सो जाओ।"
वो तीनों रोहित को उस रूम में बंद करके मुझे दूसरे रूम में ले आए। इतने में उनके एक दोस्त का फोन आया तो उसने कहा- "हम फार्महाउस पर हैं। दारू तो नहीं है अगर तुम एक बॉटल लेकर आओ तो एक माल है हमारे पास आज रात के लिए, मज़ा आ जाएगा तुम्हे भी। बस दारू लेकर आ।"
उस रूम में नीचे बहुत बड़ा बेड लगा हुआ था। उन्होने मुझे देखा और बैठने के लिया कहा और बोला- "अभी तुम थोड़ी देर बैठ
जाओ। हमारा एक और दोस्त आने वाला है। फिर हम तुम्हारी चुदाई करेंगे। और तुम्हे मस्त कर देंगे। अभी तक तो तुम सिर्फ़ अपने बायफ़्रेड से ही चुदी होगी। आज 4-4 के साथ करने में मज़ा आ जाएगा और तुम्हारी जवानी तो बहुत मस्त है। ऐसा लगता है जैसे तुम्हारे बॉय फ्रेंड ने कुछ किया ही न हो। पर ऐसा हो तो नहीं सकता, क्यों?"
मैने कोई जवाब नहीं दिया तो वो बोला- "इसका मतलब तुमने चुदाई करवाई है। वरना तुम इतनी मस्त कैसे हो अभी तक। इतनी देर में एक ने कहा- "मेरा तो लंड खड़ा हो रहा है इसको देखकर। चलो एक बार चोद लेते है।"
दूसरे ने कहा- "नहीं, पहले दारू पिएँगें और फिर आराम से मज़े लेते हुए चोदेंगे। वैसे भी उसको दारू लेकर आने दो। वो ही तो है सबसे बड़ा चोदूं !"
थोड़ी देर बाद उनका चौथा दोस्त आ गया। वो अंदर आते ही मुझे देखा और बोला- "अरे साला, इतनी मस्त रंडी हमारे शहर में है और मुझे मालूम ही नहीं, यारों खुश हो गया मैं तो इसे देखकर।"
ये सुनकर उन तीनो में से एक ने कहा- "अरे यार यह रंडी नहीं है, साली रात को अपने बायफ्रेंड से चुदाई करवाने निकली थी। हमें मिल गयी"
फिर उन्होने उसको सारी कहानी बताई और कहा- "इसका बॉयफ्रेंड दूसरे कमरे में बंद है।"
वो बोला- "चलो फिर इसको भी रंडी बनाउंगा मैं आज...." फिर चारों मेरे आस-पास आकर बैठ गये।
मैं बेड पर दीवार के साथ लगकर बैठी थी। अपने पैर को सिकोड़कर।
इतने में दो मेरे अगल-बगल आकर बैठ गये दारू हाथ में ले कर।
फिर तीसरा ओर चौथा मेरे पैर के पास आकर बैठ गये और पीने लगे। एक ने मेरे निपल्स को पकड़ा और कसकर दबाया। मेरी चीख निकल गयी- "आहह!"
तो वो बोला- "अरे साली चूची दबाते ही चीखती है। ऐसा लग रहा है कि हम इसकी सील तोड़ने वाले हैं। जबकि यह तो पहले से ही चुद चुकी है फिर भी..."
फिर तीसरे वाले ने मेरी टाँगे पकड़ कर उन्हे सीधा कर दिया और बोला- "अरे जानेमन आराम से बैठो और हमारे साथ मजे करो। किसी भी चीज़ के लिए मना मत करना क्योंकि उससे कुछ नहीं होगा हमने जो करना है वो हम करेंगे, पर डरो मत हम आराम से करेंगे।"
इतने में तीसरा ने चौथा से कहा- "तुम दारू पीयो। हमने तो बहुत पी ली है। तूने नहीं पी। पहले तू पी ले। इतनी देर हम इसकी चुदाई कर लें फिर तुम कर लेना वैसे भी तूने तो बहुत बार किया है हम तो नये खिलाड़ी है भाई! पहली बार इतना अच्छा माल मिला है चोदने के लिए। अभी तक तो सिर्फ़ रंडी ही चोद रहे थे।"
इतना कह कर एक सड़क वाला और दूसरा ने मेरी साड़ी मेरे निपल्स पर से हटा दी और ब्लाउस के ऊपर से मेरे निपल्स दबाने लगे। मुझे दर्द हो रहा था और डर भी लग रहा था पर मैं चुप थी। इतनी देर में तीसरा ने मेरी सारी के अंदर हाथ डाल दिया और जांघें सहलाने लगा।
एक सड़क वाला बोला- "भाई। बड़े मस्त चुचे हैं इसके। ऐसा लगता है। इसका बॉय फ्रेंड इसे दबाता और चूसता नहीं है। इसलिए अभी तक टाइट हैं।"
दूसरा– "आज हम इससे दबाएँगे और चूसेंगे भी"
मैं कुछ नहीं बोल रही थी। बस चुपचाप बैठी थी और कर भी क्या सकती थी, क्योंकि यह तीनों बहुत नशे में थे। फिर भी पी रहे थे। चौथा वाला सिर्फ़ मेरे पैर को सहला रहा था और मुझे देख रहा था और दारू भी पी रहा था। इतने में सब ने बॉटम अप किया और ग्लास दूर रख दिए और मेरे सारे कपड़े उतार दिए अब मैं बिल्कुल नंगी थी और वो भी 4 भूखें कुत्तों के सामने। फिर एक सड़क वाला ओर दूसरा मेरे निपल्स पर टूट पड़े और बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे।
मैं चिल्लाई- "अहः हहहहहा अहहाः प्लीज धीरे करो!"
लेकिन वो कुछ नहीं सुन रहे थे। तीसरा वाला मेरी चूत को सहला रहा था। मैं आहह अहहाः अहहहा करती रही पर वो कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। एक सड़क वाला बोला- "क्या चिकन माल है आज तो मज़ा आ गया।"
चौथा वाला तो बस सब कुछ देख रहा था और पी रहा था। जैसे वो वेटिंग लिस्ट में हो।
फिर एक ने मेरी चूत में उंगली डाल दी। मेरी चूत बिल्कुल चिकनी थी। उसे देखकर तो वो तीनो और पागल हो गये।
तीसरा बोला- "क्या मस्त चूत है इसकी। बिल्कुल सॉफ है।"
फिर मुझसे बोला- "रोज़ सॉफ करती हो क्या जानेमन"
मैं कुछ नहीं बोली। फिर तीनो खड़े हो गये और अपने कपड़े उतारने लगे और नंगे हो गये। तीनो के लंड खड़े थे। सब फुल टाइट थे। एक सड़क वाला–चौथे से बोला- "अरे यार तुम भी तो कपड़े उतार लो। इसे दिखा दो तुम्हारा हथियार। तो चौथा भी नंगा होने लगा और सिर्फ़ अंडरवेयर पहने रहा। उनके अंडरवेयर की तरफ मेरी नज़र गयी मैं देखकर हैरान रह गयी वो बहुत बड़ा दिख रहा था। घोड़े जैसा था!
दूसरा बोला- "देख साली कुतिया की नज़र तो भाई के बड़े लंड पर है। साली पहले यह तीनों तो ले ले फिर बड़ा वाला लेना। नहीं तो तेरी चूत फाड़ देगा उसका लंड"
तीनो टूट पड़े मुझ पर और मुझे बेड पर पटक दिया। दूसरा और तीसरा मेरे निपल्स चूसने लगे और एक सड़क वाला मेरे
पैरों को चौड़ा करके अपने लंड को मेरी चूत के सामने रख दिया और एक धक्का मारा।
"आह...."- मैं चिल्लाई।
उसका पूरा लंड अंदर चला गया था। वो बोला- बस हो गया मेरी चिकनी..."
और धक्के मारने लगा। दो लोग मेरे निपल्स को चूस रहे थे। मैं भी अब थोड़ी गरम हो गयी थी। थोड़ा मज़ा भी आने लगा। कुछ नया टेस्ट था इसलिए! फिर थोड़ी देर में एक सड़क वाले का पानी निकल गया और वो बेड पर लेट गया। फिर दूसरा आया और फिर वही उसने किया। फिर तीसरा वाला और तीनों बेड पर लेट गये। मैं भी थोड़ी देर बेड पर लेटी रही । मेरा भी एक बार पानी निकल गया था। फिर मैं उठी और अपनी चूत को साफ किया ।
मैं साफ कर रही थी और चौथा वाला यह सब सामने बैठकर देख रहा था। एक दम मेरी नज़र उस पर गयी तो मैंने देखा वो अपन लंड को सहला रहा था। मैं पेटिकोट से अपने बदन को पोंछ रही थी। उसके बाद साड़ी से अपने शरीर को धक लिया तो तो वो बोला- "अभी तक तो सिर्फ़ बच्चे तुम्हारे साथ खेल रहे थे। असली चीज़ तो मेरे पास है, और तुम्हे भी ज़्यादा मज़ा नहीं आया होगा इन तीनो के साथ। मुझे मालूम है, लेकिन मेरे साथ बहुत आएगा और तुम अपने बॉय फ्रेंड को भी भूल जाओगी।"
वो खड़ा हो गया और उसने अपनी अंडरवेयर उतार दी। मैं उसका भयानक लंड देखती ही रह गयी। वो अभी इस हालत में भी तीनो के लंड से ज़्यादा बड़ा दिख रहा था। और था भी। उसका कुछ 4" मोटा और 9" लंबा।
वो मेरे पास आकर बैठ गया और साड़ी को मेरे शरीर के ऊपर से हटा दिया और मेरे गले में बाहें डाल दी और एक हाथ से मेरी गोरी-गोरी और चिकनी जांघों को सहलाने लगा। फिर मेरी चूत को रगड़ने लगा। मैं थोड़ी मस्ती मैं आ गयी। क्योंकि उसका लंबा लंड मुझे बेकाबू कर रहा था। उसके हाथ में एक अलग ही बात थी। जैसे जैसे वो मेरे बदन पर चल रहा था। मैं और गरम हो रही थी। फिर धीरे धीरे वो मेरे निपल्स तक आ गये और धीरे से मेरे बूब्स को मसलने लगा।
मुझे मज़ा आने लगा। फिर उसने अपने लिप्स मेरे लिप्स पर रख कर किस शुरू कर दिया जबकि तीनो में किसी ने भी मुझको किस नहीं किया था। इसके तरीके से मुझे मालूम हो गया कि यह बहुत सेक्सी ओर चोदूं आदमी है और अच्छा तजुर्बा भी है। तभी ये जानता है लड़की को गरम कैसे किया जाता है?
फिर उसने मेरे एक हाथ को अपने लंड पर रख दिया और कहा- "इसे थोड़ा प्यार कर। यह बड़ा ओर टाइट हो जाएगा फिर तुम्हें पेलूंगा...जैसे रंडियों को चोदा जाता है।"
मैंने लंड हाथ में लिया। वो बहुत ही गरम था। फिर उसने कहा- "मैं शादी शुदा हूँ, और शादी से पहले भी बहुत लड़कियों को चोदा है और शादी के बाद भी। मेरी बीबी भी अच्छी है, लेकिन थोड़ा अलग टेस्ट तो मिलना ही चाहिए। एक से तो हर कोई बोर हो जाता है, तुम भी शादी किसी और से करना इससे नहीं"
मैंने कुछ नहीं कहा। फिर वो मेरे बदन की तारीफ करने लगा ओर कहा- "देखने मैं तो तुम बहुत सीधी साधी लगती हो, लेकिन हो बहुत सेक्सी चीज़। और तुम्हारा बदन तो कयामत है मेरी जान, आज मुझे इससे प्यार करने का मौका मिल रहा है। और ये तुम्हारे गोरे गोरे ओर कड़े-कड़े चूचे और उस पर ब्राउन कलर के निपल। वाह! तभी यह तीनो इन्हे देखते ही पागल हो गये थे, लेकिन मैं तो सब कुछ प्यार से करूँगा और यह तुम्हारी नाजुक चूत का तो क्या कहना। एक दम चिकनी की हुई है तुमने।" उसका हाथ मेरे पूरे बदन को सहला रहा था। कभी निपल्स को तो कभी चूत।
मैं फिर भी कुछ नहीं बोल रही थी। फिर वो बोला- "तुम अब क्यों शर्मा रही हो। तुम्हे 3-3 पहले ही चोद चुके है। अब चौथा मैं हूँ। थोड़ा प्यार से कर लो। तुम्हे भी तो मेरा लंड चाहिए तभी तो तुम मेरे लंड को इतने प्यार से हिला रही हो।" और वो हंस
दिया। मैंने उसका लंड छोड़ दिया।
"अरे मेरी जान पकड़ लो। नाटक मत करो। प्यार से करवा लो, उसमें तुम्हे भी मज़ा आएगा नहीं तो रेप करूँगा इन तीनों की तरह तो बहुत तकलीफ़ होगी तुम्हें। सोच लो" मैं थोड़ी देर चुप रही और सोचा सही ही तो कह रहा है।
फिर मैंने उसका भयानक लंड पकड़ लिया हाथों में और कहा- " तुम्हारा तो बहुत बड़ा है मुझे दर्द होगा, इतना तो मेरे बॉय फ्रेंड का भी नहीं है।"
वो बोला- "अरे पहले थोड़ी तकलीफ़ हो सकती है फिर तो आनंद ही आनंद है। तुम्हे तो मालूम होगा। जब तुम्हारी पहली बार
सील तोड़ी होगी। तुम्हारे बॉय फ्रेंड ने, उसके बाद तो मज़े लिए होंगे तुमने। लेकिन मेरे लंड से तुम्हे ज़्यादा
मज़ा आएगा। वैसे भी बहुतों को खुश किया है मैंने।"
फिर मैं उसके लंड को सहलाने लगी और उसकी टोपी बाहर निकाल ली। जो की एकदम गुलाबी था। फिर वो मुझे किस करने लगा और मेरे निपल्स सहलाता रहा और मैं उसके लंड से खेल रही थी।
थोड़ी देर बाद वो बोला- "अरे मेरी जान सिर्फ़ हाथ से ही खेलती रहोगी या फिर इससे अपने गुलाबी होठों का मज़ा भी दोगी। तभी यह पूरी तरह टाइट होगा जानेमन।"
फिर हम ने किस करना बंद किया। मैं नीचे उसके लंड तक मुँह ले गयी और उसका घोड़े जैसा लंड चाटने लगी। वो बहुत बड़ा था इसलिए पूरा मुँह में लेने में तकलीफ़ हो रही थी। मैं सिर्फ़ उसकी टोपी को ले रही थी और ऊपर से नीचे तक चाट रही थी। और थोड़ा ऊपर नीचे हाथों से कर रही थी। जिससे वो टाइट हो जाए। फिर मैंने धीरे धीरे पूरा मुँह में लिया और मुझे भी उसका लंड बहुत पसंद आया। तो मैं भी मस्त होने लगी और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी। और थोड़ी देर बाद उसका लंड टाइट हो
गया। और बड़ा भी। मैं देख कर खुश हो गयी और थोड़ा डरी भी। फिर उसने एक पैग और पीया। और मुझे बेड पर लिटा दिया। मेरी टाँगों के बीच आ गया और अपने लंड को चूत के छेद पर रख कर धक्का दिया-
"अहहहहह उईईईईईईईईई मुझे दर्द हुआ।"
वो थोड़ा रुका और मेरे ऊपर लेट गया और किस करने लगा फिर धीरे धीरे पेलने लगा। मैंने कसकर उसे बाहों में जकड़ लिया।धीरे धीरे उसका लंड अंदर जा रहा था। और मेरा दर्द बढ़ता गया। फिर एक दम उसने लंड को बाहर निकाला और फिर एक ही झटका दिया उम्म्म्मम उसका पूरा लंड मेरी चूत में चला गया सनसानता हुआ। मैं तो मर ही गयी। क्या लंड था उसका घोड़े के जैसा। पहली बार किसी मर्द का इतन बड़ा देखा और लिया। फिर वो मेरे होठ किस करने लगा और अंदर बाहर
करने लगा। मैं उम्म्म उफफफ्फ़ अहह करने लगी। थोड़ी देर बाद थोड़ा आराम मिला। लेकिन दर्द में भी मज़ा था।
धीरे धीरे दर्द कम हो गया और उसकी रफ़्तार बढ़ने लगी। और वो ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा।
"अहहहहहा अहः अहः"- मुझे मज़ा आने लगा पर थोड़ा दर्द भी था। फिर थोड़ी देर बाद मेरा पानी निकल गया और मैं सुस्त हो गयी। और पच्च पच्च आवाज़ आने लगी।
वो उठा मेरे ऊपर से उसने कहा- " तुम्हारा तो पानी आ गया।"
उसने मेरा पेटिकोट लेकर मेरी चूत और अपने लंड को पोछा। और फिर मेरी जांघें उठा कर बैठ गया और फिर से चूत में लंड डाल दिया। फिर शुरू हो गया धक्के मारना। अब वो और ज़्यादा स्पीड से चोदने लगा और लंड और चूत भी मज़े ले रहे
थे। क्योंकि अब वो पूरा ले रही थी ओर लंड पूरा जा रहा था आसानी के साथ।
फिर उसने मेरे निपल्स को दोनो हाथों से पकड़ कर धक्के देने लगा। अहह क्या मर्द था। मेरी तो चूत फाड़ के ही रख दी उसने ऐसा लग रहा था मुझे। कभी तो ऐसा लग रहा था कि जैसे पीछे से न निकल जाए। आख़िर बड़ा भी तो बहुत था। लेकिन बहुत मज़ा आया। उसके बड़े लंड से मुझे। फिर से मेरा पानी निकल गया लेकिन वो रुका नहीं और खूब चोदने लगा मुझे ज़ोर ज़ोर
से और थोड़ी देर बाद उसका आखिरकार पानी आ ही गया। उसने मेरी चूत अपने गरम पानी से भर दी और
मेरे ऊपर लेट गया और मेरे लिप्स को चूसने लगा। और बोला- " कैसे लगा मेरी रानी...मज़ा आया कि नहीं "
मैं बोली- "हां बहुत मज़ा आया और तुम्हारा तो इतन बड़ा है किसको मज़ा नहीं आएगा, अब तो तुम्हारे लंड ने मेरी
चूत में अपनी जगह बना ली है, अब खूब चोदो मुझे..."
फिर एकदम उसने मेरे निपल को चूसना शुरू किया।
इस तरह पूरी रात भर उसने मुझे 5 बार चोदा बहुत ज़ोर-ज़ोर से। और एक बार गाँड़ मारी। लेकिन मेरी गाँड़ उसका मोटा और लंबा लंड नहीं ले पाई। इसलिए ज़्यादा उसने चूत को चोदा। फिर वो बोला-
"सच तुम तो कमाल की चीज़ हो। जब मैंने तुम्हे गुलाबी साड़ी में देखा तो मैं समझ गया था कि तुम बहुत सेक्सी हो और मेरा लंड से बहुत मजा करोगी और ऐसा ही हुआ।"
मैं बोली- "मुझे भी तुम्हें देख कर ऐसा ही लगा था कि तुम बहुत चोदूं हो। लेकिन आज तुमने जो टेस्ट कराया है वो पहली बार किया मैंने और कभी नहीं भूल सकती। लो और चूसो मेरे निपल्स को और चूत भी चाट लो। पूरी रात मुझे चोदो।"
फिर मैंने उसका नाम पूछा तो वह बोला- " तेज बहादुर"
तेज- "अब तो तुम्हारे बॉय फ्रेंड को अच्छा नहीं लगेगा, अब तुम क्या करोगी?"
मैं बोली- "तुम हो न मेरे और मेरी चूत के लिए"
तेज बोल- "हां वो तो है।"
मैं- "लेकिन जब मैं तुम्हे इन्वाइट करूं तब ही आना"
तेज- "ओके, लेकिन जब मुझे ज़रूरत होगी तब मैं क्या करू?
मैं- "ठीक है, जब तुम चाहो तुम कॉल कर लेना वैसे भी अब मेरी चूत को तुम्हारा ही चाहिए।"
तेज- "बहुत सेक्सी हो रानी तुम। ऐसा लगता है कि दिन भर तुम्हे बस ऐसा ही नंगी देखता रहूं"
मैं- "ओ हो। फिर तो तुम दिन भर मेरी चूत चोद्ते रहोगे।"
तेज- "बस तुम्हारी गाँड़ मारना था। लेकिन बहुत छोटा है उसका छेद। मुझे भी दर्द होने लगा था इसलिए मैं रुक गया। नहीं
तो गाँड़ भी बड़ी कर देता मैं। चलो फिर कभी ट्राइ करेंगे।"
मैं- "तो अब मेरी गाँड़ पर नज़र है तुम्हारी।"
तेज- "हां वो तो एकदम गोरी गोरी और बिल्कुल चिकनी है। हाथ फेरन में भी मज़ा आता है।"
मैं- "ऐसा ही है मेरा बदन, कयामत से कम नहीं यह, अच्छे अच्छे के मुँह में पानी आ जाता है। न जाने कितने तो सोच सोच कर हिलाते होंगे। तुम तो लकी हो जिससे इतन मज़ा करने को मिला और मैं भी जिससे ऐसा लंड मिला।"
फिर इस तरह हम लेटे-लेटे बातें करते रहे और हम सो गये। अब तो ऐसा ही बड़े लंड की मुझे ज़रूरत होगी। उसका लंड से मुझे बहुत मज़ा आया और फिर उसने मुझे अपना मोबाइल नंबर दिया।
अब जब भी मुझे ज़रूरत होती वो मुझे चोद्ता। कभी भी कहीं भी।
क्योंकि अब उसकी दीवानी हो गयी थी। उसके लंड से ही मेरी आग बुझती है अब।
वो भी बहुत अच्छा चोद्ता है। इस तरह उस रात तीन लोगो ने मेरे साथ रेप किया। लेकिन तेज बहादुर ने मुझे भरपूर मज़ा दिया और खूब चुदाई की मेरी। मैंने भी उन्हें खूब मज़े दिए और फिर हम सुबह वापस आ गये।
 
 


--
Raj Sharma

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