FUN-MAZA-MASTI
मेरा बेटा ऐसा नही है--1
सादिया लाहौर मे अपने शौहर और इकलौते बेटे के साथ रहती है. सादिया की एज हे 38 और वो एक हाउस वाइफ हे.
सादिया के हज़्बेंड 50 ईयर्स ओल्ड हैं और प्राइवेट कंपनी मैं सेल्स मॅनेजर हैं. सादिया का एक ही बेटा हे अली जो 18 साल का हे और फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट हे.
सादिया बहुत ही सिंपल शरमाने वाली लकिन लुक बहुत सेक्सी ऐंड पर्फेक्ट फिगर की मालिक हे और अपनी लाइफ मैं बहुत खुश हे. सादिया का फिगर 34 28 36 हे कलर वाइट हे लोंग ब्राउन हेर.
सादिया के हिप्स उभरे हुए और बहुत सॉफ्ट हैं. बूब्स बहुत मुलायम हैं निपल्स मीडियम और ब्राउन हैं.
सादिया बहुत ही हॉट न हॉर्नी हे और जब उस के सेक्सी जज़्बात जागते हैं तक वो बहुत गीली हो जाती हे नॉर्मल गर्ल्स/लॅडीस से कहीं ज़ियादा.
अली इस 18 ईयर्स ओल्ड अली छोटी उमर से ही बहुत ही सेक्स लवर लड़का था उस का जिस्म बहुत सेक्सी ऐंड क्यूट हे और लंड 7" लोंग ऐंड काफ़ी मोटा हे. ये सब दो साल पहले शुरू हुआ था.
अली के डैड अक्सर काम के सिलसिले मैं आउट ऑफ सिटी रहते हैं इस लिए ज़ियादा टाइम अली अपनी मों सादिया के साथ रहता हे.
अली का अपना बेड रूम हे जहाँ वो स्टडी करता हे कंप्यूटर यूज़ करता हे रेस्ट करता हे सोता हे लकिन सादिया अक्सर अकेले होने की वज़ह से अक्सर अली को अपने रूम मैं सुलाती अपने बेड पे.
क़रीब दो महीने पहले अली अपनी मा के साथ उन के बेड पे सो रहा था के अचानक पियास की वज़ह से सादिया की आँख खुली और उस ने अली का हॅंड अपने हिप्स पे फील किया लकिन उस ने इस बात को फील नही किया और अली का हॅंड अपने हिप्स से हटा दिया उठ के पानी पीया और फिर सो गए.
सुबह सादिया उठी तो देख अली बिस्तर मैं नही था उस ने टाइम देखा तो फ़ौरन खड़ी हुई और ब्रेकफास्ट बनाना की तयारी करने लगी क्यों के अली ने कॉलेज जाना था.
अली अपने रूम से तैयार हो कर बाहर आया और डाइनिंग टेबल पे ब्रेकफास्ट का वेट करने लगा. अली की नज़र किचन मैं गयी जहाँ सादिया उस के लिए ब्रेकफास्ट बना रही थी.
सादिया की बॅक अली की तरफ थी और अली अपनी मा को देख के हार्ड होने लगा क्यों के एक तो सादिया रफ कंडीशन मैं खड़ी थी और उस के हेयर खुले हुए थे और जल्दी मैं ब्रेकफास्ट बनाने की वज़ह से सादिया की कमीज़ उस के गांड़ मैं फसी हुई थी जिस से सादिया की गांड़ का नज़ारा बहुत सेक्सी दिखाए दे रहा था.
सादिया ब्रेकफास्ट बनाने के साथ साथ किचन के और काम भी कर रही थी इस लिए उस की गांड़ मैं फसी कमीज़ उसकी गांड़ की शेप को क्लियर दिखा रही थी.
जैसे जैसे सादिया मूव करती इधर उधर होती अली का लंड और टाइट होता और हार्ड होता उसे बहुत अच्छा फील हो रहा था और अली स्लो स्लो अपने लंड को अपनी पैंट के ऊपर से रब कर रहा था मसल रहा था.
अचानक अली की जान निकल गयी जब सादिया ने अचानक अली की तरफ देखा...
सादिया: अली बेटा बस ब्रेकफास्ट तैयार है मैं अभी लाती हूँ सॉरी आज मेरी आँख नही खुली इस लिए देर हो गयी.
अली की जान मैं जान आ गयी क्यों के वो बाल बाल बचा था और फ़ौरन अपना हाथ अपने लंड से हटा लिया था.
अली: इट्स OK मा अभी टाइम है कॉलेज जाने मैं.
सादिया: बेटा जब तुम जल्दी उठ गये थे तो मुझे भी जगा देते.
अली: मा आप मज़े की नींद कर रही थीं इस लिए नही जगाया सॉरी.
सादिया ब्रेकफास्ट ले के अली के साथ चेयर पे बैठ गयी और दोनो ने नाश्ता किया फिर अली खुदा हाफ़िज़ कह के कॉलेज रवाना हो गया और सादिया फ्रेश हो के घर के काम करने लगी.
अली अपनी मा सादिया के लिए हॉट तो था लकिन सिर्फ़ देखने की हद तक उस से ज़ियादा नही. बस कभी कभी जाने अंजाने अली अपनी मा की गांड़ को या मम्मों को टच कर लेता वो भी आक्सिडेंटली.
अली ने कई बार कोशिश की लकिन आज तक वो अपनी मा को नंगा नही देख सका था ना ही कभी उस ने अपनी मा सादिया की ब्रा देखी ना अंडरवेर बस सिर्फ़ 1, 2 बार बिना दुपट्टे देखा या कमीज़ सादिया की गांड़ मैं फसी देखा उस से ज़ियादा नही क्यों के सादिया इन चीज़ों का बहुत ख़याल करती थी शुरू से कोई घर मैं हो या ना हो उस की आदत थी खुद को ढांप के रखना.
अली जब कॉलेज से वापस आया तो सादिया अपने रूम मैं अपने बेड पे सो रही थी. अली ने कपडे चेंज किए और शलवार कमीज़ पह्न के अपनी मा के रूम मैं गया और बेड पे जा के लेट गया.
काफ़ी देर बाद अली ने करवट ली तो सादिया की बॅक उसकी तरफ थी और अली ने अपना हाथ अपनी मा के गांड़ पे रखा और आँखें क्लोज़ कर दी.
सादिया की आँख खुल गयी जब अली ने अपना हाथ उस के गांड़ पे रखा लकिन सादिया ने कुछ नही कहा वो उसी तरह आराम से बिना मूव किए लेटी रही क्यों के सादिया दिल मैं सोच रही थी के कहीं अली उस के साथ अपनी मा के साथ कुछ गलत करने के इरादे से तो नही टच कर रहा?
फिर वो सोचती के नही सादिया तुम्हारा बेटा ऐसा नही है वो ऐसी हरकत कभी नही कर सकता वो भी अपनी मा के साथ वो तो बहुत शरीफ है इनोसेंट है. और अभी उस के ऐज भी नही है ऐसा कुछ सोचने की.. करने की.. नही नही ये मेरा वहम है मेरा बेटा ऐसा नही है.
फिर ख़याल आता के सादिया आज कल जो ज़माना है इस ऐज के बचे भी सब जानते हैं और कुछ भी कर सकते हैं खैर उसे कुछ समझ नही आ रहा था के अली ने अपना हाथ उस के गांड़ पे क्यों रखा.
काफ़ी देर वो सोचती रही फिर उसे यक़ीन हो गया के अली ने नींद मैं अपना हाथ रखा हो गा क्यों के अली ने अपना हाथ बिल्कुल भी मूव नही किया जहाँ रखा था वहीं रखे रहा और अगर वो फील कर रहा होता तो लाज़मी मूव करता खैर ऐसा सोच के सादिया को तसली हुई और वो कुछ देर बाद उठ के बाहर चली गयी.
उधर अली सच मैं अपनी मा सादिया को फील करने के लिए मज़ा करने के लिए टच कर रहा था लकिन उस मैं इस से ज़ियादा हिम्मत नही थी जिस की वज़ह से उस ने सिर्फ़ अपना हाथ अपनी मा सादिया के गांड़ पे रख दिया और ज़रा भी मूव नही किया.
रात को अली स्टडी कर के अपनी मा के रूम मैं आया तो देखा उसकी मा बेड पे लेटी हुई थी और टीवी देख रही थी.
अली: मा आप सोई नही अभी तक?
सादिया: नही बेटा मुझे नींद नही आ रही थी इस लिए टीवी देख रही हूँ. तुम ने स्टडी कर ली?
अली: जी मा मैं ने कर ली. चलें टीवी देखते हैं.
अली अब बेड पी आ गया और अपनी मा के साथ लेट के टीवी देखने लगा.
कुछ ही देर मैं अली की आँख लग गयी फिर सादिया ने टीवी ऑफ किया और सोने के लिए लेट गयी. सादिया ने करवट ली और अपनी बॅक अली की तरफ कर के सोने लगी के अचानक अली का हाथ दोबारा उस के गांड़ पे आया लकिन इस बार गांड़ के ऊपर नही सीधा सादिया की गांड़ के बीच की लें मैं गया.
सादिया को झटका लगा क्यों के अली का हाथ बिल्कुल उस की सॉफ्ट गांड़ के बीच मैं था गांड़ के सुराख पे. अली का हाथ अपनी गांड़ और गांड़ के सुराख पे टच होते ही सादिया ने गांड़ को टाइट किया फिर जल्दी से अपनी गांड़ को मूव किया जिस से अली का हाथ बेड पे आ गया.
अली जाग रहा था और उसे बहुत मज़ा आया जब उस ने अपनी मा की गांड़ मैं अपना हाथ रखा क्यों के वो जगह बहुत गरम थी बहुत हीट थी वहाँ और बहुत सॉफ्ट भी फिर वैसे ही अचानक उसका मज़ा खराब भी हो गया जब सादिया ने अपनी गांड़ आगे मूव कर के उस का हाथ वहाँ से हटा दिया. वो डर भी गया था लकिन वो सोने की आक्टिंग करने लगा.
सादिया ने आराम से अपना सिर उठा के अली की तरफ देखा जो सकूँ से सो रहा था. सादिया को दोबारा वही सोच आने लगीं उसे कुछ समझ नही आ रहा था के ऐसा क्यों हो रहा है और अगर अली जान बूझ के ऐसा कर रहा है तो उसकी किया वज़ह है वो ऐसा क्यों कर रहा है वो भी उस के साथ अपनी मा के साथ.
सादिया काफ़ी देर सोचती रही और जागती रही लकिन उसे कोई जवाब ना मिला उसे कुछ समझ नही आया और उस के बाद अली का हाथ भी दोबारा उसे टच नही हुआ खैर वो फिर सो गयी.
सुबह सादिया जल्दी उठी और अली को उठा के ब्रेकफास्ट बनाने चली गयी.
डाइनिंग टेबल पे दोनो मा बेटा नाश्ता कर रहे थे बिल्कुल खामोश के अचानक सादिया ने कहा.
सादिया: अली बेटा रात तुम ने नींद मैं अचानक मुझ पे अपना हाथ रखा और मैं डर गयी.
अली: अच्छा सच मैं मुझे तो याद नही है शायद मैं नींद मैं था सॉरी मा बट आप डर क्यों गयी थीं?
सादिया: बेटा मेरी अभी आँख नही लगी थी और तुम्हारा हाथ अचानक मेरे ऊपर आ गया इस लिए मैं डर गयी थी.
अली: ओह सॉरी मा मैं नींद मैं हूँ गा वरना जागते मैं ऐसा कभी नही करता.
सादिया: इट्स ओके बेटा मैं जानती हूँ तुम सो रहे थे.
अली के डैड उसी वक़्त घर आ गये फिर उन्हों ने खैर खेरियत पूछी और अली के डैड फ्रेश होने चले गयी सादिया किचन मैं अली के डैड के लिए ब्रेकफास्ट बनाने चली गईं और अली अपना ब्रेकफास्ट फिनिश कर के अपने हाथ वॉश करने किचन मैं एंटर हुआ.
किचन मैं सादिया अपने खुले बालों के साथ खड़ी थी अली जैसे से अपनी मा की बॅक से गुज़र रहा था सादिया कुछ उठाने के लिए नीचे झुकी जिस से अली का हाथ सादिया की गांड़ पे लगा.
अली को दोबारा बहुत मज़ा आया लकिन सादिया को एक दम झटका लगा और वो जल्दी से सीधी खड़ी हुई जिस से उस के सिर सामने ओपन शेल्फ से जा लगा.
सादिया की धीमी लकिन सेक्सी आह निकली दर्द से. फिर फ़ौरन सादिया ने अपना हाथ अपने सिर पे रखा और बेधीयानी मैं पीछे हुई और इस बार अपनी गांड़ अपने बेटे अली के हाथ पे प्रेस की वो भी ज़ोर से.
अली ने अपना राईट हाथ वहीं अपनी मा की गांड़ मैं प्रेस किए रखा और लेफ्ट हाथ को अपनी मा के सिर पे जहाँ उसकी मा का हाथ था उस पे रख के पूछा किया हुआ मा सब ठीक तो है आपको ज़ोर की तो नही लगी?
ये सब अचानक और इतनी जल्दी मैं हुआ के सादिया को समझ ही नही आया के ये किया और कैसे हो गया और अभी तक उस के बेटे अली का राईट हाथ उस के गांड़ मैं ही था लकिन उस ने अपना सिर ज़ोर से दबाया हुआ था के कहीं कट ना लग गया हो.
अली इस मौके का बहुत फ़ायदा उठा रहा था उस ने अपना हाथ अपनी मा के गांड़ मैं ही दबाए रखा उसे बहुत मज़ा आ रहा था उस का लंड फुल हार्ड था.
अली वैसे ही सादिया को वहाँ से बाहर ले आया और चेयर पे बिठाने लगा अभी तक अली का हाथ उसकी मा की गांड़ मैं था और उस ने वैसे ही अपनी मा को चेयर पे बिठा दिया.
नीचे अली का हाथ उस पे उसकी मा की गांड़ के. अचानक सादिया को होश आ गया.
सादिया: अली बेटा अपना हाथ तो निकालो मेरे नीचे से.
सादिया की आवाज़ मैं गुस्सा भी था जिस से अली डर गया और जल्दी से अपना हाथ अपनी मा के नीचे से हटा लिया और साथ वाली चेयर पे बैठा गया सादिया का सिर दबाने.
अली: सॉरी मा मैं परेशां हो गया था इस लिए नोटीस नही किया.
सादिया: इट्स ओके बेटा आई आम फाइन नाउ यू मे लीव नाउ यू विल बे लेट फॉर योर क्लास.
अली: ओके मा बट आर यू श्योर देत यू अर फाइन?
सादिया: हाँ बेटा मैं ठीक हूँ.
कुछ दिन बाद अली के फादर उसकी मों टीवी देख रहे थे टीवी लाउंज मैं के अली अपनी स्टडी ख़तम कर के टीवी लाउंज मैं आ गया.
अली के फादर अपनी चेयर पे बैठे टीवी देख रहे थे साथ साथ ऑफीस वर्क भी कर रहे थे. सादिया सोफा पे बैटी हुई थी सर्दी की वज़ह से ब्लैंकेट डाली हुई थी अपने ऊपर. अली सोफा के क़रीब आ के नीचे बैठ गया अपनी मा के पास.
सादिया: बेटा पढ़ लिया तुम ने?
अली: जी मा मैं ने पढ़ लिया है. मा आज ठंड कुछ ज़ियादा है या मुझे फील हो रही है?
सादिया: ठंड है बेटा इसी लिए तो मैं ने ब्लैंकेट ली हुई है जाओ तुम भी ले आओ.
अली: अब मैं नही जा रहा मैं थका हुआ हूँ मैं आपके साथ शेयर कर लेता हूँ.
सादिया: अच्छा माई लेज़ी सोन यू कॅन हॅव इट.
अली मुस्करा के थोडा और क़रीब हुआ और ब्लैंकेट लेने लगा. मा कोई फिल्म लगाएं ना.
सादिया: वेट तुम्हारे पापा न्यूज़ देख लें फिर चॅनेल चेंज करें गे. बेटा तुम सोफा पी आ जाओ उस साइड पे बैठ जाओ ब्लैंकेट छोटी पड़ती है तुम्हारे नीचे बैठने की वज़ह से.
अली: मा सोफा पे स्पेस कम है आप नीचे आ जाएँ ना प्लीज़.
सादिया ने OK कहा और उठ के नीचे अली की साइड पे बैठ गयी और टीवी देखने लगी.
दोनो मा बेटा चिपक के बैठे थे और अली को बहुत मज़ा आ रहा था क्यों के उसे उस के गांड़ की साइड अपनी मा के सॉफ्ट गांड़ की साइड पे फील कर के अच्छा लग रहा था और वो हार्ड भी हो गया था.
अली ने राईट साइड पे बैठी अपनी मा के शोल्डर पे अपना सिर रख दिया और टीवी देखने लगा कुछ देर बाद सादिया ने अपने हाथ ब्लैंकेट मैं डाल लिए और उस के ऐसा करने से अली को अपना सिर उठना परा और दोबारा जब अली अपना सिर अपने मा के शोल्डर पे रखने लगा तो वो थोडा नीचे हुआ और शोल्डर की बजाए अपना सिर अपनी मा की आर्म पे रख दिया जो उसकी मों के लेफ्ट मम्मे के बहुत क्लोज़ था.
सादिया ने दुपट्टा भी लिया हुआ था. उसे अपने लेफ्ट मम्मे पे हीट फील होने लगी जब उस ने आँखें नीचे के के देख तो अली का फेस बिल्कुल उस के लेफ्ट मम्मे के सामने था और जब जब अली सांस छोड़ता उस की गरम सांस सादिया के दुपट्टे से हो के कमीज़ के अंदर और वहाँ से उस के ब्रा तक जा रही थी. उस की सांस की हीट उसे अपने लेफ्ट मम्मे पे फील हो रही थी.
सादिया ने कुछ नही कहा और दोबारा टीवी देखने लगी कुछ देर बार सादिया को मज़ा आने लगा क्यों के सर्दी मैं गरम सांस वो भी मम्मे पे उसे कुछ अजीब लकिन अच्छा फील हो रहा था उधर उसे उसका निपल भी हार्ड होता फील हुआ जो अब तक फुल हार्ड हो चुका था.
सादिया हैरान थी जब उसे फील हुआ के सिर्फ़ गरम सांस अपने मम्मे पे फील कर के उसका सिर्फ़ निपल ही हार्ड नही हुआ था बलके उसकी चूत भी गीली होना शुरू हो गयी थी वो एक अजीब कशमकश मैं थी लकिन उसे बहुत अच्छा फील हो रहा था उधर अली इस बात से अंजान आराम से टीवी देख रहा था.
सादिया ने अपने हज़्बेंड की तरफ देखा जो अब तक सो चुका था वहीं बैठे बैठे जो उनकी शुरू से आदत थी टीवी देखते देखते अक्सर उनको वहीं नींद आ जाती.
सादिया जो लास्ट 3 दिन से डेली एक बार दिन मैं एक बार रात मैं अपने हज़्बेंड से चुदवा रही थी जिसे सेक्स नीड भी नही थी फिर भी सिर्फ़ गरम सांस फील कर के खुद बहुत गरम हो रही थी. परेशां सादिया सोच रही थी के ऐसा आज तक कभी नही हुआ लकिन आज ऐसा क्यों हो रहा है.
खैर फिर सादिया ने आराम से अपना शोल्डर ऊपर किया अली ने समझा के सादिया थक गयी हो गी उस ने अपना सिर वहाँ से मूव किया लकिन वो हैरान हुआ क्यों के सादिया ने अपना दुपट्टा उतार के साइड पे रखा ये कहते हुए के मुझे गर्मी लग रही है. पहली बार अली अपनी मा को बिना किसी वज़ह दुपट्टा उतारते देख रहा था.
सादिया ने अली का सिर पाकर के दोबारा उसे अपने बाज़ू पे रख दिया लकिन इस बार वो थोडा अली की साइड पे मूव कर आए थी जिस की वज़ह से अब अली का सिर हाफ उस की मा के बाज़ू पे था और हाफ उस के मम्मे पे. अली के लिप्स ऐंड नोस उसकी मा के मम्मों पे थे.
अली को कुछ समझ नही आ रहा था खैर वो दोबारा टीवी देखने लगा. अब अली की सांस उसकी मा को पहले से ज़ियादा गरम ज़ियादा आसानी और ज़ियादा तेज़ी से फील हो रही थी जिस की वज़ह से सादिया को अब पहले से ज़ियादा मज़ा आ रहा था.
सादिया मज़ा भी कर रही थी और बहुत शर्मा भी रही थी अपनी इस हरकत पर ओ सोच रही थी के अगर अली को शक हो गया तो वो किया सोचे गा अपनी मा के बारे मैं.
सादिया तुम्हें ये किया हो गया है अपने बेटे की हेल्प से तुम हॉट हो रही हो वो भी उस वक़्त जब तुम्हारा हज़्बेंड तुम्हारे पास है शरम करो लानत है तुम पे तुम ज़रा सी देर के मज़े के लिए अपने बेटे को यूज़ कर रही हो एक मासूम को जिस के ज़रा से टच ने तुम्हें परेशानी मैं डाल दिया था जब के वो इनोसेंट था उस वक़्त गुस्सा कर रही थी जब के वो ऐसा कुछ नही कर रहा था ऑर ब जब खुद को अच्छा फील हो रहा है अपने हवस के लिए ऐसा कर रही हो किया ये ठीक है तुम तो ऐसी नही थी आख़िर किया हो गया है तुम्हें.
फिर उसी वक़्त सोच आती के इस मैं ऐसा किया है मैं कौन सा अपने बेटे के साथ कुछ गलत कर रही हूँ सिर्फ़ उसकी सांस ही तो फील कर रही हूँ इस मैं तो कुछ गलत नही...
कुछ देर बाद सादिया के हज़्बेंड जागे और चेयर से उठ के अपने रूम की तरफ चले गये फिर सादिया की आवाज़ दी के आ जाओ सोने.
सादिया फुल हॉट एंड गीली वहाँ से मुश्किल से उठी अली को गुड नाइट कहा और उसे गाल पे किस किया जो के 10 साल बाद पहली बार था और अपने रूम मैं एंटर हुई डोर लॉक किया कपडे उतरे बिस्तर मैं गयी और मज़े से अपने हज़्बेंड से खूब चुदवाया...
नेक्स्ट दे सादिया ने खुद को बहुत बुरा भला कहा और तौबा भी की के आइन्दा ना कभी ऐसा करूँ गी ना ही सोचूँ गी.
शाम को सादिया घर के काम से फ्री हो के अपने हज़्बेंड और बेटे के साथ टीवी देखने रूम मैं आए तो अली कल वाली जगह पेर बैठा था अपनी मा की ब्लैंकेट अपने ऊपर डाले.
सादिया को पता नही किया हुआ के वो दिन मैं खुद से किए प्रॉमिस को भुला के सीधा अली के पास आ के ब्लैंकेट अपने ऊपर डाल के बैठ गयी लकिन इस बार थोडा फासला था.
कुछ देर बाद अचानक सादिया ने फील किया के उसका बेटा अपना हाथ ब्लैंकेट मैं मूव कर रहा है जो सीधा सादिया की लेग्स पे आया. पहले तो सादिया को गुस्सा आया लकिन फिर वो खामोश हो गयी क्यों के वो अपने हज़्बेंड के सामने तमाशा नही करना चाहती थी दूसरा वो इतनी ब्रेव नही थी शरम की वज़ह और बेटे की लाइफ खड़ाब ना हो इस लिए वो चुपके से बिना कुछ कहे और किए बैठी रही.
अली ने अपनी अम्मी की लेग को टच करते ही बहाने से कहा के अम्मी ड्रामा वाली इस ऐक्ट्रेस का नाम किया है?
सादिया ये सुनते ही बहुत शर्मिंदा हुई के वो अपने बेटे के बारे मैं कितना गलत सोच रही थी शेम ऑन यू सादिया...
फिर कुछ दिन नॉर्मल गुज़र गये और अली के फादर दोबारा किसी काम से आउट ऑफ सिटी जा रहे थे. शाम को अली और उसकी अम्मी अकेले बैठे टीवी देख रहे थे के अली दोबारा बिना कुछ कहे अपनी अम्मी की ब्लैंकेट मैं आ गया और उन के साथ लेट गया.
अली: अम्मी एक बात पूछनी है लकिन अगर आप गुस्सा ना करें तो???
सादिया: किया बात है बेटा पूछ मैं बुरा नही मानूं गी.
अली: प्रॉमिस मी मा.
सादिया: बेटा ऐसी किया बात है OK आई प्रॉमिस गुस्सा नही करूँ गी पूछ किया पूछना है.
अली: अम्मी जब हम घर पे अकेले होते हैं तो सिर्फ़ मेन डोर बाहर वाला ही लॉक करते हैं ना?
सादिया: हाँ बेटा. क्यों?
अली: फिर अम्मी जब डैड घर होते हैं तो आप लोग अपने रूम का डोर क्यों लॉक करते हैं.
सादिया: (विद स्माइल) बेटा आप के डैड कहते हैं सेफ्टी अच्छी बात है और कोई डिस्टर्ब ना करे इस लिए भी.
अली: पेर अम्मी सेफ्टी तो मेन डोर लॉक से होती है और फिर डैड जब यहाँ नही होते किया तब सेफ्टी की ज़रूरत नही होती और डैड मुझे भी तो नही कहते के अपने रूम का डोर भी लॉक किया करो? और अम्मी जब डैड यहाँ होते हैं तब तो मैं आप के रूम मैं आता ही नही हूँ फिर कौन और क्यों कोई डिस्टर्ब करे गा डैड को? बताएं ना सही सही क्यों के आप खुद तो कहती हैं के झूट बोलना अच्छी बात नही है फिर आप भी सच बताएं ना मा.
सादिया: बेटा ऐसी बात नही है अभी तुम बच्चे हो जब बड़े हो जाओ गे तुम्हें खुद पता चल जाए गा सो लीव दिस टॉपिक.
अली: लकिन अम्मी आप क्यों नही बता देती हैं?
सादिया: बेटा कहा नही अभी नही दैट्स इट नो मोरे क्वेस्चन ओक?
अली: OK मा
कुछ देर दोनो अम्मी बेटा खामोशी से टीवी देखते रहे.
अली: अम्मी मेरी फ्रेंड है ना मिसबा वो भी बता रही थी के उस के अम्मी ऐंड डैड भी डोर लॉक करते हैं वो भी सिर्फ़ रात मैं लकिन दिन मैं कभी नही.
सादिया: बेटा फिर वही बात और ये बातें फ्रेंड्स के साथ शेयर नही करते पता नही कब अक़ल आए गी तुम्हें कितना समझती हूँ के घर की बातें ना किसी से पूछा करो ना बताया करो.
अली: अम्मी मैं ने नही पूछा उसी ने बताया फिर मेरे दिमाग मैं आया के आप भी लॉक करते हैं रात को बस इस लिए पूछ रहा हूँ अब बता भी दें ना आप खुद तो कहती हैं कोई भी बात हो आप से किया करूँ ऑर ब आप ही नही बता रही हैं दैट्स नोट फेर.
सादिया: अच्छा देर हो गयी है अब सो जाओ.
सादिया ने टीवी ऑफ किया और करवट ले के अपने बैक अली की तरफ कर के लेट गयी अली भी मूँह बना के सोने लगा.
काफ़ी देर बाद रात को अली की आँख खुली तो उस ने अपना हाथ अपनी अम्मी की गांड़ की दरार मैं रखा और हीट फील कर के मज़ा करने लगा.
सादिया की गांड़ टाइट नही थी क्यों के उसकी नीचे वाली लेग सीधी थी और ऊपर वाली लेग बेंड थी उसकी चेस्ट की तरफ इस लिए सादिया की गांड़ खुली हुई थी दरार टाइट नही थी पहले की तरह.
अली को मज़ा आ रहा था फिर उस ने अपना हाथ स्लो स्लो मूव किया अपनी अम्मी की गांड़ के बीच मैं उसे बहुत मज़ा आ रहा था बहुत ही सॉफ्ट गरम मुलायम गांड़ को टच करने मैं.
फिर उस ने अपनी फोर फिंगर्स को अपनी अम्मी सादिया की गांड़ की दरार मैं रक्खा और उन्हें स्लो स्लो मूव करने लगा जैसे ही वो थोडा नीचे ले जाता तो गांड़ की दरार मैं उसे हीट फील होती वी सोचने लगा के ये किया हो गा फिर उसे याद आया के ये तो उसकी अम्मी सादिया की गांड़ का सुराख है और वहाँ से बहुत हीट निकल रही थी वो जगह बाकी गांड़ से ज़ियादा गरम जो थी.
अली ने अब अपनी अम्मी सादिया की बाकी गांड़ को छोड़ के सिर्फ़ एक फिंगर से अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख को टच करना शुरू कर दिया अब अली अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख के साथ खेल रहा था उसे टच कर रहा था फील कर रहा था और जब वो अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख को टच करता तो सादिया नींद मैं या वैसे ही सुराख को टाइट करती.
अली को अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख का खुलना औट टाइट होना फील कर के बहुत मज़ा आ रहा था वो काफ़ी देर तक अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के साथ उस की गांड़ के सुराख के साथ खेलता रहा उधर उसका लंड बहुत हार्ड था.
अली के दिल की धरकन अब बहुत तेज़ चल रही थी उसे डर भी लग रहा था लकिन उस से ज़ियादा उसे मज़ा आ रहा था.
कुछ देर बाद अली ने अपनी फिंगर अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख से थोडा नीचे की तो वो परेशां हो गया क्यों के सादिया की शलवार वहाँ से बहुत गीली थी. सादिया की चूत पानी छोड़ रही थी लकिन अभी तक वो नींद मैं ही थी शायद कोई खवाब देख रही थी या जो भी ही था लकिन उसकी शलवार काफ़ी गीली हो गयी थी.
अली ने अब सादिया की गांड़ के सुराख को छोड़ दिया और उसी गीली जगह पर फिंगर स्लो स्लो मूव करने लगा उसे बहुत अच्छा फील हो रहा था चिप चिपा वो सोच रहा था के ये किया है क्यों के वो कन्फर्म हो गया था के ये उसकी अम्मी का पेशाब तो बिल्कुल नही है क्यों के पेशाब ऐसा चिप चिपा नही होता पेर ये जो भी ही है उसे अच्छा लग रहा था.
कुछ देर बाद अली ने दोबारा अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख के साथ खेलना चाहा और अपने फिंगर रगड़ता हुआ अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख तक ले आया.
अब अली का मज़ा दुगना हो गया था क्यों के उसकी अम्मी की चूत से निकला हुआ पानी जो शलवार पे लगा हुआ था वो हिस्सा अली की फिंगर की रगड़ के साथ सादिया की गांड़ के सुराख पे आ गया था अब अली फिंगर को पहले से ज़रा तेज़ और थोडा ज़ियादा पुश कर के अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख के साथ खेलने लगा और जैसे ही अली की फिंगर उसकी अम्मी की गांड़ के सुराख पे आती तब वो थोडा फिंगर को पुश करता और ऐसा करने से उसकी फिंगर थोड़ी सी सादिया की गांड़ मैं जाने लगती लकिन वो फ़ौरन फिंगर पीछे मूव कर लेता.
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मेरा बेटा ऐसा नही है--1
सादिया लाहौर मे अपने शौहर और इकलौते बेटे के साथ रहती है. सादिया की एज हे 38 और वो एक हाउस वाइफ हे.
सादिया के हज़्बेंड 50 ईयर्स ओल्ड हैं और प्राइवेट कंपनी मैं सेल्स मॅनेजर हैं. सादिया का एक ही बेटा हे अली जो 18 साल का हे और फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट हे.
सादिया बहुत ही सिंपल शरमाने वाली लकिन लुक बहुत सेक्सी ऐंड पर्फेक्ट फिगर की मालिक हे और अपनी लाइफ मैं बहुत खुश हे. सादिया का फिगर 34 28 36 हे कलर वाइट हे लोंग ब्राउन हेर.
सादिया के हिप्स उभरे हुए और बहुत सॉफ्ट हैं. बूब्स बहुत मुलायम हैं निपल्स मीडियम और ब्राउन हैं.
सादिया बहुत ही हॉट न हॉर्नी हे और जब उस के सेक्सी जज़्बात जागते हैं तक वो बहुत गीली हो जाती हे नॉर्मल गर्ल्स/लॅडीस से कहीं ज़ियादा.
अली इस 18 ईयर्स ओल्ड अली छोटी उमर से ही बहुत ही सेक्स लवर लड़का था उस का जिस्म बहुत सेक्सी ऐंड क्यूट हे और लंड 7" लोंग ऐंड काफ़ी मोटा हे. ये सब दो साल पहले शुरू हुआ था.
अली के डैड अक्सर काम के सिलसिले मैं आउट ऑफ सिटी रहते हैं इस लिए ज़ियादा टाइम अली अपनी मों सादिया के साथ रहता हे.
अली का अपना बेड रूम हे जहाँ वो स्टडी करता हे कंप्यूटर यूज़ करता हे रेस्ट करता हे सोता हे लकिन सादिया अक्सर अकेले होने की वज़ह से अक्सर अली को अपने रूम मैं सुलाती अपने बेड पे.
क़रीब दो महीने पहले अली अपनी मा के साथ उन के बेड पे सो रहा था के अचानक पियास की वज़ह से सादिया की आँख खुली और उस ने अली का हॅंड अपने हिप्स पे फील किया लकिन उस ने इस बात को फील नही किया और अली का हॅंड अपने हिप्स से हटा दिया उठ के पानी पीया और फिर सो गए.
सुबह सादिया उठी तो देख अली बिस्तर मैं नही था उस ने टाइम देखा तो फ़ौरन खड़ी हुई और ब्रेकफास्ट बनाना की तयारी करने लगी क्यों के अली ने कॉलेज जाना था.
अली अपने रूम से तैयार हो कर बाहर आया और डाइनिंग टेबल पे ब्रेकफास्ट का वेट करने लगा. अली की नज़र किचन मैं गयी जहाँ सादिया उस के लिए ब्रेकफास्ट बना रही थी.
सादिया की बॅक अली की तरफ थी और अली अपनी मा को देख के हार्ड होने लगा क्यों के एक तो सादिया रफ कंडीशन मैं खड़ी थी और उस के हेयर खुले हुए थे और जल्दी मैं ब्रेकफास्ट बनाने की वज़ह से सादिया की कमीज़ उस के गांड़ मैं फसी हुई थी जिस से सादिया की गांड़ का नज़ारा बहुत सेक्सी दिखाए दे रहा था.
सादिया ब्रेकफास्ट बनाने के साथ साथ किचन के और काम भी कर रही थी इस लिए उस की गांड़ मैं फसी कमीज़ उसकी गांड़ की शेप को क्लियर दिखा रही थी.
जैसे जैसे सादिया मूव करती इधर उधर होती अली का लंड और टाइट होता और हार्ड होता उसे बहुत अच्छा फील हो रहा था और अली स्लो स्लो अपने लंड को अपनी पैंट के ऊपर से रब कर रहा था मसल रहा था.
अचानक अली की जान निकल गयी जब सादिया ने अचानक अली की तरफ देखा...
सादिया: अली बेटा बस ब्रेकफास्ट तैयार है मैं अभी लाती हूँ सॉरी आज मेरी आँख नही खुली इस लिए देर हो गयी.
अली की जान मैं जान आ गयी क्यों के वो बाल बाल बचा था और फ़ौरन अपना हाथ अपने लंड से हटा लिया था.
अली: इट्स OK मा अभी टाइम है कॉलेज जाने मैं.
सादिया: बेटा जब तुम जल्दी उठ गये थे तो मुझे भी जगा देते.
अली: मा आप मज़े की नींद कर रही थीं इस लिए नही जगाया सॉरी.
सादिया ब्रेकफास्ट ले के अली के साथ चेयर पे बैठ गयी और दोनो ने नाश्ता किया फिर अली खुदा हाफ़िज़ कह के कॉलेज रवाना हो गया और सादिया फ्रेश हो के घर के काम करने लगी.
अली अपनी मा सादिया के लिए हॉट तो था लकिन सिर्फ़ देखने की हद तक उस से ज़ियादा नही. बस कभी कभी जाने अंजाने अली अपनी मा की गांड़ को या मम्मों को टच कर लेता वो भी आक्सिडेंटली.
अली ने कई बार कोशिश की लकिन आज तक वो अपनी मा को नंगा नही देख सका था ना ही कभी उस ने अपनी मा सादिया की ब्रा देखी ना अंडरवेर बस सिर्फ़ 1, 2 बार बिना दुपट्टे देखा या कमीज़ सादिया की गांड़ मैं फसी देखा उस से ज़ियादा नही क्यों के सादिया इन चीज़ों का बहुत ख़याल करती थी शुरू से कोई घर मैं हो या ना हो उस की आदत थी खुद को ढांप के रखना.
अली जब कॉलेज से वापस आया तो सादिया अपने रूम मैं अपने बेड पे सो रही थी. अली ने कपडे चेंज किए और शलवार कमीज़ पह्न के अपनी मा के रूम मैं गया और बेड पे जा के लेट गया.
काफ़ी देर बाद अली ने करवट ली तो सादिया की बॅक उसकी तरफ थी और अली ने अपना हाथ अपनी मा के गांड़ पे रखा और आँखें क्लोज़ कर दी.
सादिया की आँख खुल गयी जब अली ने अपना हाथ उस के गांड़ पे रखा लकिन सादिया ने कुछ नही कहा वो उसी तरह आराम से बिना मूव किए लेटी रही क्यों के सादिया दिल मैं सोच रही थी के कहीं अली उस के साथ अपनी मा के साथ कुछ गलत करने के इरादे से तो नही टच कर रहा?
फिर वो सोचती के नही सादिया तुम्हारा बेटा ऐसा नही है वो ऐसी हरकत कभी नही कर सकता वो भी अपनी मा के साथ वो तो बहुत शरीफ है इनोसेंट है. और अभी उस के ऐज भी नही है ऐसा कुछ सोचने की.. करने की.. नही नही ये मेरा वहम है मेरा बेटा ऐसा नही है.
फिर ख़याल आता के सादिया आज कल जो ज़माना है इस ऐज के बचे भी सब जानते हैं और कुछ भी कर सकते हैं खैर उसे कुछ समझ नही आ रहा था के अली ने अपना हाथ उस के गांड़ पे क्यों रखा.
काफ़ी देर वो सोचती रही फिर उसे यक़ीन हो गया के अली ने नींद मैं अपना हाथ रखा हो गा क्यों के अली ने अपना हाथ बिल्कुल भी मूव नही किया जहाँ रखा था वहीं रखे रहा और अगर वो फील कर रहा होता तो लाज़मी मूव करता खैर ऐसा सोच के सादिया को तसली हुई और वो कुछ देर बाद उठ के बाहर चली गयी.
उधर अली सच मैं अपनी मा सादिया को फील करने के लिए मज़ा करने के लिए टच कर रहा था लकिन उस मैं इस से ज़ियादा हिम्मत नही थी जिस की वज़ह से उस ने सिर्फ़ अपना हाथ अपनी मा सादिया के गांड़ पे रख दिया और ज़रा भी मूव नही किया.
रात को अली स्टडी कर के अपनी मा के रूम मैं आया तो देखा उसकी मा बेड पे लेटी हुई थी और टीवी देख रही थी.
अली: मा आप सोई नही अभी तक?
सादिया: नही बेटा मुझे नींद नही आ रही थी इस लिए टीवी देख रही हूँ. तुम ने स्टडी कर ली?
अली: जी मा मैं ने कर ली. चलें टीवी देखते हैं.
अली अब बेड पी आ गया और अपनी मा के साथ लेट के टीवी देखने लगा.
कुछ ही देर मैं अली की आँख लग गयी फिर सादिया ने टीवी ऑफ किया और सोने के लिए लेट गयी. सादिया ने करवट ली और अपनी बॅक अली की तरफ कर के सोने लगी के अचानक अली का हाथ दोबारा उस के गांड़ पे आया लकिन इस बार गांड़ के ऊपर नही सीधा सादिया की गांड़ के बीच की लें मैं गया.
सादिया को झटका लगा क्यों के अली का हाथ बिल्कुल उस की सॉफ्ट गांड़ के बीच मैं था गांड़ के सुराख पे. अली का हाथ अपनी गांड़ और गांड़ के सुराख पे टच होते ही सादिया ने गांड़ को टाइट किया फिर जल्दी से अपनी गांड़ को मूव किया जिस से अली का हाथ बेड पे आ गया.
अली जाग रहा था और उसे बहुत मज़ा आया जब उस ने अपनी मा की गांड़ मैं अपना हाथ रखा क्यों के वो जगह बहुत गरम थी बहुत हीट थी वहाँ और बहुत सॉफ्ट भी फिर वैसे ही अचानक उसका मज़ा खराब भी हो गया जब सादिया ने अपनी गांड़ आगे मूव कर के उस का हाथ वहाँ से हटा दिया. वो डर भी गया था लकिन वो सोने की आक्टिंग करने लगा.
सादिया ने आराम से अपना सिर उठा के अली की तरफ देखा जो सकूँ से सो रहा था. सादिया को दोबारा वही सोच आने लगीं उसे कुछ समझ नही आ रहा था के ऐसा क्यों हो रहा है और अगर अली जान बूझ के ऐसा कर रहा है तो उसकी किया वज़ह है वो ऐसा क्यों कर रहा है वो भी उस के साथ अपनी मा के साथ.
सादिया काफ़ी देर सोचती रही और जागती रही लकिन उसे कोई जवाब ना मिला उसे कुछ समझ नही आया और उस के बाद अली का हाथ भी दोबारा उसे टच नही हुआ खैर वो फिर सो गयी.
सुबह सादिया जल्दी उठी और अली को उठा के ब्रेकफास्ट बनाने चली गयी.
डाइनिंग टेबल पे दोनो मा बेटा नाश्ता कर रहे थे बिल्कुल खामोश के अचानक सादिया ने कहा.
सादिया: अली बेटा रात तुम ने नींद मैं अचानक मुझ पे अपना हाथ रखा और मैं डर गयी.
अली: अच्छा सच मैं मुझे तो याद नही है शायद मैं नींद मैं था सॉरी मा बट आप डर क्यों गयी थीं?
सादिया: बेटा मेरी अभी आँख नही लगी थी और तुम्हारा हाथ अचानक मेरे ऊपर आ गया इस लिए मैं डर गयी थी.
अली: ओह सॉरी मा मैं नींद मैं हूँ गा वरना जागते मैं ऐसा कभी नही करता.
सादिया: इट्स ओके बेटा मैं जानती हूँ तुम सो रहे थे.
अली के डैड उसी वक़्त घर आ गये फिर उन्हों ने खैर खेरियत पूछी और अली के डैड फ्रेश होने चले गयी सादिया किचन मैं अली के डैड के लिए ब्रेकफास्ट बनाने चली गईं और अली अपना ब्रेकफास्ट फिनिश कर के अपने हाथ वॉश करने किचन मैं एंटर हुआ.
किचन मैं सादिया अपने खुले बालों के साथ खड़ी थी अली जैसे से अपनी मा की बॅक से गुज़र रहा था सादिया कुछ उठाने के लिए नीचे झुकी जिस से अली का हाथ सादिया की गांड़ पे लगा.
अली को दोबारा बहुत मज़ा आया लकिन सादिया को एक दम झटका लगा और वो जल्दी से सीधी खड़ी हुई जिस से उस के सिर सामने ओपन शेल्फ से जा लगा.
सादिया की धीमी लकिन सेक्सी आह निकली दर्द से. फिर फ़ौरन सादिया ने अपना हाथ अपने सिर पे रखा और बेधीयानी मैं पीछे हुई और इस बार अपनी गांड़ अपने बेटे अली के हाथ पे प्रेस की वो भी ज़ोर से.
अली ने अपना राईट हाथ वहीं अपनी मा की गांड़ मैं प्रेस किए रखा और लेफ्ट हाथ को अपनी मा के सिर पे जहाँ उसकी मा का हाथ था उस पे रख के पूछा किया हुआ मा सब ठीक तो है आपको ज़ोर की तो नही लगी?
ये सब अचानक और इतनी जल्दी मैं हुआ के सादिया को समझ ही नही आया के ये किया और कैसे हो गया और अभी तक उस के बेटे अली का राईट हाथ उस के गांड़ मैं ही था लकिन उस ने अपना सिर ज़ोर से दबाया हुआ था के कहीं कट ना लग गया हो.
अली इस मौके का बहुत फ़ायदा उठा रहा था उस ने अपना हाथ अपनी मा के गांड़ मैं ही दबाए रखा उसे बहुत मज़ा आ रहा था उस का लंड फुल हार्ड था.
अली वैसे ही सादिया को वहाँ से बाहर ले आया और चेयर पे बिठाने लगा अभी तक अली का हाथ उसकी मा की गांड़ मैं था और उस ने वैसे ही अपनी मा को चेयर पे बिठा दिया.
नीचे अली का हाथ उस पे उसकी मा की गांड़ के. अचानक सादिया को होश आ गया.
सादिया: अली बेटा अपना हाथ तो निकालो मेरे नीचे से.
सादिया की आवाज़ मैं गुस्सा भी था जिस से अली डर गया और जल्दी से अपना हाथ अपनी मा के नीचे से हटा लिया और साथ वाली चेयर पे बैठा गया सादिया का सिर दबाने.
अली: सॉरी मा मैं परेशां हो गया था इस लिए नोटीस नही किया.
सादिया: इट्स ओके बेटा आई आम फाइन नाउ यू मे लीव नाउ यू विल बे लेट फॉर योर क्लास.
अली: ओके मा बट आर यू श्योर देत यू अर फाइन?
सादिया: हाँ बेटा मैं ठीक हूँ.
कुछ दिन बाद अली के फादर उसकी मों टीवी देख रहे थे टीवी लाउंज मैं के अली अपनी स्टडी ख़तम कर के टीवी लाउंज मैं आ गया.
अली के फादर अपनी चेयर पे बैठे टीवी देख रहे थे साथ साथ ऑफीस वर्क भी कर रहे थे. सादिया सोफा पे बैटी हुई थी सर्दी की वज़ह से ब्लैंकेट डाली हुई थी अपने ऊपर. अली सोफा के क़रीब आ के नीचे बैठ गया अपनी मा के पास.
सादिया: बेटा पढ़ लिया तुम ने?
अली: जी मा मैं ने पढ़ लिया है. मा आज ठंड कुछ ज़ियादा है या मुझे फील हो रही है?
सादिया: ठंड है बेटा इसी लिए तो मैं ने ब्लैंकेट ली हुई है जाओ तुम भी ले आओ.
अली: अब मैं नही जा रहा मैं थका हुआ हूँ मैं आपके साथ शेयर कर लेता हूँ.
सादिया: अच्छा माई लेज़ी सोन यू कॅन हॅव इट.
अली मुस्करा के थोडा और क़रीब हुआ और ब्लैंकेट लेने लगा. मा कोई फिल्म लगाएं ना.
सादिया: वेट तुम्हारे पापा न्यूज़ देख लें फिर चॅनेल चेंज करें गे. बेटा तुम सोफा पी आ जाओ उस साइड पे बैठ जाओ ब्लैंकेट छोटी पड़ती है तुम्हारे नीचे बैठने की वज़ह से.
अली: मा सोफा पे स्पेस कम है आप नीचे आ जाएँ ना प्लीज़.
सादिया ने OK कहा और उठ के नीचे अली की साइड पे बैठ गयी और टीवी देखने लगी.
दोनो मा बेटा चिपक के बैठे थे और अली को बहुत मज़ा आ रहा था क्यों के उसे उस के गांड़ की साइड अपनी मा के सॉफ्ट गांड़ की साइड पे फील कर के अच्छा लग रहा था और वो हार्ड भी हो गया था.
अली ने राईट साइड पे बैठी अपनी मा के शोल्डर पे अपना सिर रख दिया और टीवी देखने लगा कुछ देर बाद सादिया ने अपने हाथ ब्लैंकेट मैं डाल लिए और उस के ऐसा करने से अली को अपना सिर उठना परा और दोबारा जब अली अपना सिर अपने मा के शोल्डर पे रखने लगा तो वो थोडा नीचे हुआ और शोल्डर की बजाए अपना सिर अपनी मा की आर्म पे रख दिया जो उसकी मों के लेफ्ट मम्मे के बहुत क्लोज़ था.
सादिया ने दुपट्टा भी लिया हुआ था. उसे अपने लेफ्ट मम्मे पे हीट फील होने लगी जब उस ने आँखें नीचे के के देख तो अली का फेस बिल्कुल उस के लेफ्ट मम्मे के सामने था और जब जब अली सांस छोड़ता उस की गरम सांस सादिया के दुपट्टे से हो के कमीज़ के अंदर और वहाँ से उस के ब्रा तक जा रही थी. उस की सांस की हीट उसे अपने लेफ्ट मम्मे पे फील हो रही थी.
सादिया ने कुछ नही कहा और दोबारा टीवी देखने लगी कुछ देर बार सादिया को मज़ा आने लगा क्यों के सर्दी मैं गरम सांस वो भी मम्मे पे उसे कुछ अजीब लकिन अच्छा फील हो रहा था उधर उसे उसका निपल भी हार्ड होता फील हुआ जो अब तक फुल हार्ड हो चुका था.
सादिया हैरान थी जब उसे फील हुआ के सिर्फ़ गरम सांस अपने मम्मे पे फील कर के उसका सिर्फ़ निपल ही हार्ड नही हुआ था बलके उसकी चूत भी गीली होना शुरू हो गयी थी वो एक अजीब कशमकश मैं थी लकिन उसे बहुत अच्छा फील हो रहा था उधर अली इस बात से अंजान आराम से टीवी देख रहा था.
सादिया ने अपने हज़्बेंड की तरफ देखा जो अब तक सो चुका था वहीं बैठे बैठे जो उनकी शुरू से आदत थी टीवी देखते देखते अक्सर उनको वहीं नींद आ जाती.
सादिया जो लास्ट 3 दिन से डेली एक बार दिन मैं एक बार रात मैं अपने हज़्बेंड से चुदवा रही थी जिसे सेक्स नीड भी नही थी फिर भी सिर्फ़ गरम सांस फील कर के खुद बहुत गरम हो रही थी. परेशां सादिया सोच रही थी के ऐसा आज तक कभी नही हुआ लकिन आज ऐसा क्यों हो रहा है.
खैर फिर सादिया ने आराम से अपना शोल्डर ऊपर किया अली ने समझा के सादिया थक गयी हो गी उस ने अपना सिर वहाँ से मूव किया लकिन वो हैरान हुआ क्यों के सादिया ने अपना दुपट्टा उतार के साइड पे रखा ये कहते हुए के मुझे गर्मी लग रही है. पहली बार अली अपनी मा को बिना किसी वज़ह दुपट्टा उतारते देख रहा था.
सादिया ने अली का सिर पाकर के दोबारा उसे अपने बाज़ू पे रख दिया लकिन इस बार वो थोडा अली की साइड पे मूव कर आए थी जिस की वज़ह से अब अली का सिर हाफ उस की मा के बाज़ू पे था और हाफ उस के मम्मे पे. अली के लिप्स ऐंड नोस उसकी मा के मम्मों पे थे.
अली को कुछ समझ नही आ रहा था खैर वो दोबारा टीवी देखने लगा. अब अली की सांस उसकी मा को पहले से ज़ियादा गरम ज़ियादा आसानी और ज़ियादा तेज़ी से फील हो रही थी जिस की वज़ह से सादिया को अब पहले से ज़ियादा मज़ा आ रहा था.
सादिया मज़ा भी कर रही थी और बहुत शर्मा भी रही थी अपनी इस हरकत पर ओ सोच रही थी के अगर अली को शक हो गया तो वो किया सोचे गा अपनी मा के बारे मैं.
सादिया तुम्हें ये किया हो गया है अपने बेटे की हेल्प से तुम हॉट हो रही हो वो भी उस वक़्त जब तुम्हारा हज़्बेंड तुम्हारे पास है शरम करो लानत है तुम पे तुम ज़रा सी देर के मज़े के लिए अपने बेटे को यूज़ कर रही हो एक मासूम को जिस के ज़रा से टच ने तुम्हें परेशानी मैं डाल दिया था जब के वो इनोसेंट था उस वक़्त गुस्सा कर रही थी जब के वो ऐसा कुछ नही कर रहा था ऑर ब जब खुद को अच्छा फील हो रहा है अपने हवस के लिए ऐसा कर रही हो किया ये ठीक है तुम तो ऐसी नही थी आख़िर किया हो गया है तुम्हें.
फिर उसी वक़्त सोच आती के इस मैं ऐसा किया है मैं कौन सा अपने बेटे के साथ कुछ गलत कर रही हूँ सिर्फ़ उसकी सांस ही तो फील कर रही हूँ इस मैं तो कुछ गलत नही...
कुछ देर बाद सादिया के हज़्बेंड जागे और चेयर से उठ के अपने रूम की तरफ चले गये फिर सादिया की आवाज़ दी के आ जाओ सोने.
सादिया फुल हॉट एंड गीली वहाँ से मुश्किल से उठी अली को गुड नाइट कहा और उसे गाल पे किस किया जो के 10 साल बाद पहली बार था और अपने रूम मैं एंटर हुई डोर लॉक किया कपडे उतरे बिस्तर मैं गयी और मज़े से अपने हज़्बेंड से खूब चुदवाया...
नेक्स्ट दे सादिया ने खुद को बहुत बुरा भला कहा और तौबा भी की के आइन्दा ना कभी ऐसा करूँ गी ना ही सोचूँ गी.
शाम को सादिया घर के काम से फ्री हो के अपने हज़्बेंड और बेटे के साथ टीवी देखने रूम मैं आए तो अली कल वाली जगह पेर बैठा था अपनी मा की ब्लैंकेट अपने ऊपर डाले.
सादिया को पता नही किया हुआ के वो दिन मैं खुद से किए प्रॉमिस को भुला के सीधा अली के पास आ के ब्लैंकेट अपने ऊपर डाल के बैठ गयी लकिन इस बार थोडा फासला था.
कुछ देर बाद अचानक सादिया ने फील किया के उसका बेटा अपना हाथ ब्लैंकेट मैं मूव कर रहा है जो सीधा सादिया की लेग्स पे आया. पहले तो सादिया को गुस्सा आया लकिन फिर वो खामोश हो गयी क्यों के वो अपने हज़्बेंड के सामने तमाशा नही करना चाहती थी दूसरा वो इतनी ब्रेव नही थी शरम की वज़ह और बेटे की लाइफ खड़ाब ना हो इस लिए वो चुपके से बिना कुछ कहे और किए बैठी रही.
अली ने अपनी अम्मी की लेग को टच करते ही बहाने से कहा के अम्मी ड्रामा वाली इस ऐक्ट्रेस का नाम किया है?
सादिया ये सुनते ही बहुत शर्मिंदा हुई के वो अपने बेटे के बारे मैं कितना गलत सोच रही थी शेम ऑन यू सादिया...
फिर कुछ दिन नॉर्मल गुज़र गये और अली के फादर दोबारा किसी काम से आउट ऑफ सिटी जा रहे थे. शाम को अली और उसकी अम्मी अकेले बैठे टीवी देख रहे थे के अली दोबारा बिना कुछ कहे अपनी अम्मी की ब्लैंकेट मैं आ गया और उन के साथ लेट गया.
अली: अम्मी एक बात पूछनी है लकिन अगर आप गुस्सा ना करें तो???
सादिया: किया बात है बेटा पूछ मैं बुरा नही मानूं गी.
अली: प्रॉमिस मी मा.
सादिया: बेटा ऐसी किया बात है OK आई प्रॉमिस गुस्सा नही करूँ गी पूछ किया पूछना है.
अली: अम्मी जब हम घर पे अकेले होते हैं तो सिर्फ़ मेन डोर बाहर वाला ही लॉक करते हैं ना?
सादिया: हाँ बेटा. क्यों?
अली: फिर अम्मी जब डैड घर होते हैं तो आप लोग अपने रूम का डोर क्यों लॉक करते हैं.
सादिया: (विद स्माइल) बेटा आप के डैड कहते हैं सेफ्टी अच्छी बात है और कोई डिस्टर्ब ना करे इस लिए भी.
अली: पेर अम्मी सेफ्टी तो मेन डोर लॉक से होती है और फिर डैड जब यहाँ नही होते किया तब सेफ्टी की ज़रूरत नही होती और डैड मुझे भी तो नही कहते के अपने रूम का डोर भी लॉक किया करो? और अम्मी जब डैड यहाँ होते हैं तब तो मैं आप के रूम मैं आता ही नही हूँ फिर कौन और क्यों कोई डिस्टर्ब करे गा डैड को? बताएं ना सही सही क्यों के आप खुद तो कहती हैं के झूट बोलना अच्छी बात नही है फिर आप भी सच बताएं ना मा.
सादिया: बेटा ऐसी बात नही है अभी तुम बच्चे हो जब बड़े हो जाओ गे तुम्हें खुद पता चल जाए गा सो लीव दिस टॉपिक.
अली: लकिन अम्मी आप क्यों नही बता देती हैं?
सादिया: बेटा कहा नही अभी नही दैट्स इट नो मोरे क्वेस्चन ओक?
अली: OK मा
कुछ देर दोनो अम्मी बेटा खामोशी से टीवी देखते रहे.
अली: अम्मी मेरी फ्रेंड है ना मिसबा वो भी बता रही थी के उस के अम्मी ऐंड डैड भी डोर लॉक करते हैं वो भी सिर्फ़ रात मैं लकिन दिन मैं कभी नही.
सादिया: बेटा फिर वही बात और ये बातें फ्रेंड्स के साथ शेयर नही करते पता नही कब अक़ल आए गी तुम्हें कितना समझती हूँ के घर की बातें ना किसी से पूछा करो ना बताया करो.
अली: अम्मी मैं ने नही पूछा उसी ने बताया फिर मेरे दिमाग मैं आया के आप भी लॉक करते हैं रात को बस इस लिए पूछ रहा हूँ अब बता भी दें ना आप खुद तो कहती हैं कोई भी बात हो आप से किया करूँ ऑर ब आप ही नही बता रही हैं दैट्स नोट फेर.
सादिया: अच्छा देर हो गयी है अब सो जाओ.
सादिया ने टीवी ऑफ किया और करवट ले के अपने बैक अली की तरफ कर के लेट गयी अली भी मूँह बना के सोने लगा.
काफ़ी देर बाद रात को अली की आँख खुली तो उस ने अपना हाथ अपनी अम्मी की गांड़ की दरार मैं रखा और हीट फील कर के मज़ा करने लगा.
सादिया की गांड़ टाइट नही थी क्यों के उसकी नीचे वाली लेग सीधी थी और ऊपर वाली लेग बेंड थी उसकी चेस्ट की तरफ इस लिए सादिया की गांड़ खुली हुई थी दरार टाइट नही थी पहले की तरह.
अली को मज़ा आ रहा था फिर उस ने अपना हाथ स्लो स्लो मूव किया अपनी अम्मी की गांड़ के बीच मैं उसे बहुत मज़ा आ रहा था बहुत ही सॉफ्ट गरम मुलायम गांड़ को टच करने मैं.
फिर उस ने अपनी फोर फिंगर्स को अपनी अम्मी सादिया की गांड़ की दरार मैं रक्खा और उन्हें स्लो स्लो मूव करने लगा जैसे ही वो थोडा नीचे ले जाता तो गांड़ की दरार मैं उसे हीट फील होती वी सोचने लगा के ये किया हो गा फिर उसे याद आया के ये तो उसकी अम्मी सादिया की गांड़ का सुराख है और वहाँ से बहुत हीट निकल रही थी वो जगह बाकी गांड़ से ज़ियादा गरम जो थी.
अली ने अब अपनी अम्मी सादिया की बाकी गांड़ को छोड़ के सिर्फ़ एक फिंगर से अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख को टच करना शुरू कर दिया अब अली अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख के साथ खेल रहा था उसे टच कर रहा था फील कर रहा था और जब वो अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख को टच करता तो सादिया नींद मैं या वैसे ही सुराख को टाइट करती.
अली को अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख का खुलना औट टाइट होना फील कर के बहुत मज़ा आ रहा था वो काफ़ी देर तक अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के साथ उस की गांड़ के सुराख के साथ खेलता रहा उधर उसका लंड बहुत हार्ड था.
अली के दिल की धरकन अब बहुत तेज़ चल रही थी उसे डर भी लग रहा था लकिन उस से ज़ियादा उसे मज़ा आ रहा था.
कुछ देर बाद अली ने अपनी फिंगर अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख से थोडा नीचे की तो वो परेशां हो गया क्यों के सादिया की शलवार वहाँ से बहुत गीली थी. सादिया की चूत पानी छोड़ रही थी लकिन अभी तक वो नींद मैं ही थी शायद कोई खवाब देख रही थी या जो भी ही था लकिन उसकी शलवार काफ़ी गीली हो गयी थी.
अली ने अब सादिया की गांड़ के सुराख को छोड़ दिया और उसी गीली जगह पर फिंगर स्लो स्लो मूव करने लगा उसे बहुत अच्छा फील हो रहा था चिप चिपा वो सोच रहा था के ये किया है क्यों के वो कन्फर्म हो गया था के ये उसकी अम्मी का पेशाब तो बिल्कुल नही है क्यों के पेशाब ऐसा चिप चिपा नही होता पेर ये जो भी ही है उसे अच्छा लग रहा था.
कुछ देर बाद अली ने दोबारा अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख के साथ खेलना चाहा और अपने फिंगर रगड़ता हुआ अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख तक ले आया.
अब अली का मज़ा दुगना हो गया था क्यों के उसकी अम्मी की चूत से निकला हुआ पानी जो शलवार पे लगा हुआ था वो हिस्सा अली की फिंगर की रगड़ के साथ सादिया की गांड़ के सुराख पे आ गया था अब अली फिंगर को पहले से ज़रा तेज़ और थोडा ज़ियादा पुश कर के अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख के साथ खेलने लगा और जैसे ही अली की फिंगर उसकी अम्मी की गांड़ के सुराख पे आती तब वो थोडा फिंगर को पुश करता और ऐसा करने से उसकी फिंगर थोड़ी सी सादिया की गांड़ मैं जाने लगती लकिन वो फ़ौरन फिंगर पीछे मूव कर लेता.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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