FUN-MAZA-MASTI
ठरकी की लाइफ में ..1
**********
इसका नाम है अजय, देखने मे स्मार्ट, बिल्कुल बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन जैसा...
अजय 25 साल का नवयुवक है जो गुडगाँव की एक मल्टिनैशनल कंपनी मे काम करता है, सैलरी है 40000 ,माँ -बाप तो गाँव में रहते है उसके बड़े भाई और भाभी के साथ, जिन्हे ये हर महीने मिलने चला जाता है...वहाँ काफ़ी ज़मीने और खेत है इनके जिन्हे बड़ा भाई और उसके पिता संभालते है, उन्हे अजय के पैसों की ज़रूरत नही पड़ती, और इसलिए अजय अपनी कमाई के सारे पैसे खुद पर ही लुटाता है ...
दिल्ली के विकासपुरी में एक बिल्डर फ्लोर किराए पर लेकर रह रहा था अजय, 3 बेडरूम का काफ़ी बड़ा फ्लेट था वो..अडोस पड़ोस के लोग भी काफ़ी मिलनसार थे, और मकान मालिक नीचे के फ्लोर पर रहता था..लगभग एक साल हो चुका था अजय को वहां रहते हुए.
वो जहाँ रहता था, वो पूरी गली एक से बढ़कर एक भाभियों और उनकी जवान बेटियों से भरी पड़ी थी...
और इस एक साल में उसने आस पास की हर लड़की और भाभी को अच्छी तरह से जाँचा - परखा था.. यानी, अपनी आँखो से..किसी के साथ ज़्यादा बोलकर वो अपनी इमेज खराब नही करना चाहता था..लेकिन था वो बड़ा ही घुन्ना टाइप का बंदा..
रोज रात को उनके बारे में सोच-सोचकर वो जोरदार मूठ ज़रूर मारता था.....ग़जब का स्टेमीना था उसका..सुबह ऑफीस जाने से पहले और रात को सोने से पहले वो मूठ मारता था....ये उसका लगभग रोज का नीयम था.
नहाते हुए वो आँखे बंद करके भाभियों और उनकी बेटियों के बारे मे सोचता और मूठ मारता...अपने ख़यालो मे बस यही सोचता रहता की वो अगर मिल जाए तो कैसे मारेगा उसकी..क्या - क्या करेगा..
उसने आज तक अपनी लाइफ में किसी के साथ भी सैक्स नहीं किया था
और सबसे ज़्यादा वो सोचता था अपने पड़ोस मे रहने वाली रजनी आंटी के बारे मे..जो लगभग 45 साल की थी..पर लगती थी सिर्फ़ 35 की ...हल्का भरा हुआ सा शरीर बिल्कुल जूही चावला जैसा..
उनके 3 बच्चे थे, एक बड़ा लड़का, जिसकी शादी पिछले साल ही हुई थी, वो अपनी बीबी के साथ मुंबई में रहता था..और 2 लड़कियाँ जो अभी कॉलेज में पड रही थी, दोनो पूना में पढ़ती थी ..घर पर सिर्फ़ वो अपने पति के साथ रहती थी..इसलिए अक्सर वो अजय के साथ घंटों छत पर गप्पे मारती रहती..और अजय का ध्यान तो बस उसके बड़े-2 मुम्मों पर ही रहता था..
रजनी को अजय काफ़ी पसंद था...वो उसके लिए अक्सर घर का बना खाना भिजवाती रहती थी...और हमेशा उसे शादी करने की भी सलाह देती रहती थी..
पर वो शायद नही जानता था की इन सब बातों के पीछे रजनी भाभी की क्या मंशा है..
एक दिन संडे मॉर्निंग अजय के दरवाजे पर दस्तक हुई , उसने टाइम देखा तो सिर्फ़ 8 बजे थे, आज तो उसने 10 बजे तक सोने का प्लान बनाया था..
उसने झल्लाते हुए दरवाजा खोला तो सामने रजनी भाभी खड़ी थी..
इतनी सुबह उन्हे देखकर वो हैरान रह गया.
रजनी : "सॉरी अजय, बट तुम्हे मेरे साथ अभी रेलवे स्टेशन चलना पड़ेगा....मेरी दोनों बेटियां आ रही हैं पूना से, मैने कैब बुक करवाई थी और वो अभी तक नही पहुंची ...और उनकी ट्रेन के आने का टाइम हो रहा है...''
अजय उन्हे किसी बात के लिए मना नही कर सकता था, इसलिए जल्दी से तैयार होकर वो उनके साथ चल दिया..कुछ ही देर में वो स्टेशन पहुँच गए ।
रजनी भाभी अंदर चली गयी और वो बाहर कार में बैठकर उनका वेट करने लगा..
कुछ ही देर मे उसे रजनी आंटी और उनकी दोनो लड़कियाँ आती हुई दिखाई दी...
और उन्हे देखकर अजय की आँखे फटी की फटी रह गयी..
ये लड़कियाँ एक साल में ही कैसे इतनी जवान सी हो गयी हैं..
दोनो की उम्र में 3 साल का फ़र्क था..
बड़ी वाली का नाम था प्राची, स्लिम ट्रिम सी, स्कर्ट और स्लीवलेस टॉप पहना हुआ था उसने , और काफी सेक्सी लग रही थी वो
और छोटी का नाम था पूजा, . जीन्स के उपर टी शर्ट पहनी हुई थी..और उसका चेहरा बड़ा ही क्यूट सा था
प्राची एम बी ए के फाइनल ईयर में थी और पूजा बी बी ए के फाइनल ईयर में
दोनो लगभग भागती हुई कार की तरफ आई, जिसकी वजह से अजय ने उन दोनो के उछलते हुए मुम्मे देखकर एक दूसरे से कंपेयर करना भी शुरू कर दिया..
प्राची भले ही बड़ी थी, पर उसकी ब्रेस्ट पूजा के मुक़ाबले छोटी थी..पर थी पूरी तनी हुई सी..बिल्कुल दीपिका पादुकोंन जैसी..
दोनो दौड़ती हुई सी कार के पास पहुँची और प्राची जल्दी से आगे वाली सीट पर आकर बैठ गयी..और चिल्लाई : "मैं जीत गयी....याहूऊऊऊऊऊ...''
उसके चेहरे की खुशी देखकर अजय भी बिना हँसे रह नही पाया..
आज अजय उन दोनो को लगभग एक साल के बाद देख रहा था, इन दोनो को उसने रजनी भाभी के बेटे की शादी में देखा था, एक साल पहले, और वो नया-2 ही आया था उनके पड़ोस में , फिर भी उसको इन्वाइट किया था भाभी ने..
तब में और अब में काफ़ी फ़र्क आ चुका था इन दोनो के शरीर में ...ये पुणे की हवा ही शायद कुछ नशीली सी है..जो लड़कियों को इतनी जल्दी जवान कर देती है.
खैर, सभी को लेकर अजय घर पहुँचा, रास्ते भर दोनो बहनें अपने-2 कॉलेज की बातें उन्हे सुनाती रही..
और तभी अजय को पता चला की प्राची की तो पड़ाई ख़त्म हो चुकी है और अब वो जॉब करेगी..पूजा भी आगे की पढ़ाई यानी एम बी ए अब दिल्ली में रहकर ही करना चाहती है..
यानी अब उन्हे रोज-2 देखने का मौका होगा अजय के पास..
कुछ ही दिनों में प्राची की जॉब गुडगाँव में एक अच्छी कंपनी में लग गयी..और अजय के ऑफीस के बिल्कुल पास ही था उसका ऑफीस भी..
और पूजा का एडमिशन भी गुडगाँव के एक अच्छे इंस्टिट्यूट में हो गया...
इसलिए अब अजय को एक और ड्यूटी मिल गयी, उन दोनो को एक साथ लेकर जाने की...और शाम को प्राची को वापिस लाने की भी...पूजा तो दोपहर तक वापिस आ ही जाती थी अपने आप..
और इन दिनों में अजय ने अच्छी तरह से आँखे सेंक-2 कर उन दोनो बहनों की कच्ची जवानी को देखा-परखा ..
एक दिन अजय को रजनी भाभी ने अपने घर बुलाया
वो वहाँ पहुँचा तो देखा की रजनी भाभी और उनके पति सोफे पर बैठे है
अजय जैसे ही उनके साथ बैठा, रजनी भाभी ने उसके उपर बंब फोड़ दिया
"देखो अजय ...मैं घुमा फिरा कर बात नही करती...मैं चाहती हू की हमारी बेटी प्राची की शादी तुमसे कर दे...अगर तुम्हे कोई प्राब्लम ना हो तो आज ही हम दोनों तुम्हारे माँ बाप से बात कर लेते हैं...''
अजय के तो होश उड़ गये...उसने ये एक्सपेक्ट ही नही किया था ... मतलब प्राची के बारे में उसने मन में सोचा तो बहुत कुछ था, पर शादी का आइडिया दिमाग़ में नही आया था कभी...
वैसे उसमे कोई कमी नही थी...जवान थी, खूबसूरत थी...और वो लोग भी पंजाबी ही थे अजय की तरह...पर उसने इतनी जल्दी शादी करने की सोची नही थी...
पर अभी शादी नही की तो कब करेगा...आज तक वो सिर्फ़ दूर से ही ललचा कर लड़कियों और भाभियों को देखता रहता था...और उसने नोट भी किया था की अकेले छड़े लड़के होने की वजह से कई बार गली की भाभियाँ और लड़कियाँ उससे बात करने से भी कतराती थी...
रजनी : "देखो अजय...तुम मुझे शुरू से ही पसंद थे...बस अपनी बेटी के वापिस आने का वेट कर रही थी...अब वो जॉब कर रही है, सेट्ल हो गयी है...और सबसे बड़ी बात वो भी तुम्हे पसंद करती है, मैने उससे पूछ कर ही तुमसे बात की है...वो हमारी लाडली बेटी है, इतने साल पुणे में रहने के बाद कहीं दूर भेजने का मन नही है, यहीं पड़ोस में रहेगी तो मेरा भी मन लगा रहेगा और तुम्हारे साथ रहकर वो अपनी जॉब भी कंटिन्यू रख सकती है...''
एक ही साँस में उसने अपनी पूरी योजना अजय के सामने रख दी...वैसे देखा जाए तो बात सही भी थी...
अजय के सामने मना करने का कोई कारण नही था....उसने शरमाते हुए हाँ कर दी..
प्राची भी किचन में खड़ी सब देख और सुन रही थी, ये सुनकर उसका चेहरा भी लाल सुर्ख हो उठा
और कुछ ही दिनों में अजय ने अपने माँ बाप और भाई भाभी को वहाँ बुलाकर रजनी भाभी की फेमिली और प्राची से मिलवाया..कोई कमी तो थी नही किसी में भी, इसलिए सब कुछ जल्द ही तय हो गया...और 3 महीने के अंदर ही उन दोनो की शादी भी हो गयी...
ये सब अजय के लिए एक सपने जैसा था..
पर आज था उसकी जिंदगी का वो दिन, जब वो किसी लड़की को पहली बार चोदेगा ...
यानी उसकी सुहागरात..
अजय जब अपने कमरे मे दाखिल हुआ तो फिल्मी सीन की तरह प्राची बेड पर घूँघट निकाले बैठी थी...पूरा कमरा फूलों से सज़ा हुआ था...सुहाग की सेज सजी हुई थी...
उसने दरवाजा बंद किया और उसके पास जाकर बैठ गया..
कितना अजीब लग रहा था उसको, इतने दिनों से दोनो एकदुसरे से मिल भी रहे थे, एक साथ ऑफीस आ-जा भी रहे थे, पर अभी दोनो काफ़ी नर्वस से लग रहे थे..
अजय ने हिम्मत करते हुए उसका घूँघट उठा दिया...खूबसूरती की मूरत लग रही थी वो...और उसकी आँखे झुकी हुई थी..
अजय ने उसकी ठोडी पर उंगली रखी और उसके चेहरे को उपर किया...और आगे बढ़कर उसके लबों को चूम लिया..
प्राची अपने आप में सिमट कर रह गयी..और उसके मुँह से गहरी-2 साँसे निकलने लगी..
अजय ने उसे लिटाकर उसके लबों को और चूसना चाहा, तभी प्राची ने उसे रोक दिया.
प्राची : "देखो अजय...एकदम से ये सब शुरू मत करो...गिव मी सम टाइम ....''
अजय समझ गया की वो शायद घबरा रही है....दिल तो उसका भी काफ़ी तेज धड़क रहा था..ऐसी मस्त बीबी जो मिल गयी थी उसको..
अजय : "ओह...आई एम सॉरी .... मुझे भी एकदम से ये सब नही करना चाहिए... चलो पहले चेंज करते हैं फिर कुछ बातें कर लेते हैं ...''
प्राची का चेहरा खिल उठा, अजय को अपनी बात मानता देखकर ..और वो उठकर बाथरूम में चली गयी चेंज करने..
अजय ने तब तक अपनी शेरवानी उतार कर कुर्ता पायजामा पहन लिया और बेड पर लेट गया..प्राची भी एक सेक्सी सी रेड कलर की नाइट ड्रेस पहन कर बाहर आ गयी...और अजय की बगल में आकर लेट गयी...उसकी बाहों में ..
प्राची के नर्म शरीर को अपने से समेटकर अजय का मन फिर से बहकने लगा..पर फिर भी थोड़ी बहुत बातें करने की फॉरमॅलिटी तो करनी ही थी...इसलिए कुछ अच्छी बातें जैसे, मैं तेरा ध्यान रखूँगा, कोई प्राब्लम हो तो मुझे बताना, जो लेना हो ले लिया करना, अजय करता रहा .....और वो चुपचाप उसकी बातें सुनती रही...
और अंत में वो बोली : "मुझे तुम जैसा समझदार पति मिला, मुझे इस बात की खुशी है...बस हमेशा मुझे प्यार करते रहना...जैसा की हर एक पत्नी चाहती है...और हमेशा मेरे ही बन कर रहना...समझे..''
लास्ट का वर्ड समझे उसने थोड़ा डराने वाले अंदाज में बोला था...
अजय : "इसका क्या मतलब है...तुम मुझे धमकी दे रही हो...''
प्राची (मुस्कुराते हुए) : "अब इसे धमकी समझो या कुछ और, पर मेरी ये बात हमेशा याद रखना, मेरे अलावा किसी और की तरफ देखना आज से बंद...तुम मेरे हो और सिर्फ़ मेरे बनकर रहोगे...''
उसने अपना अधिकार जताते हुए कहा..
अजय ने मन मे सोचा की मैं तो पहले भी अपनी हद में रहा करता था...और वैसे भी ये वक़्त ही ऐसा था की वो हाँ करने के सिवा कुछ और कर भी नही सकता था...
अजय : "जैसा तुम कहो...बस मुझे भी तुम हमेशा खुश रखना...''
उसने आँख मारते हुए प्राची से कहा..
प्राची : "अच्छा जी...अब देखो...मेरे शोना को मैं कैसे खुश करती हू...''
और इतना कहने के बाद वो उसके होंठों पर टूट पड़ी...ऐसा लग रहा था की वो पागल सी हो चुकी है...अपनी ब्रेस्ट को उसकी छाती पर रगड़ते हुए वो उसके बालों में उंगलियाँ फेराती हुई अजय के होठों को बुरी तरह से चूस रही थी...वैसे तो उन दोनो ने शादी से पहले भी ऑफीस से आते हुए एक-दो बार किस की थी..पर आज तो प्राची पर जैसे कोई भूतनी चड गयी थी...
अजय ने अपने हाथों से उसकी गांड को सहलाना शुरू कर दिया...और तब उसे पता चला की वो तो अपनी पेंटी भी उतार आई है...अजय ने अपनी उंगलियाँ उसकी गांड की दरार में उतार दी..
''आआआआअहहssssssssssssssssssssssssssssss .......... उम्म्म्मममममम...''
उसकी सुलगती हुई सी आवाज़ ने अजय के अरमानो को और भड़का डाला...और उसने प्राची को बेड पर पटक कर अपना मुँह सीधा उसके मुम्मों पर रख दिया और नाइट सूट के उपर से ही उसकी ब्रेस्ट पर लगे बटन को मुँह में लेकर चूसने लगा..
''ऊऊऊऊऊऊओह अजय ................ माई डार्लिंग .................. उम्म्म्मममममममम......''
और उसने खुद ही धीरे-2 अपनी कुरती की चैन को खोलकर अपनी नंगी ब्रेस्ट अजय के मुँह में ठूस दी..
ये पहला मौका था अजय के लिए...उसने जी भरकर उन प्यारी सी ब्रेस्ट को देखा और फिर धीरे-2 अपनी जीभ से उन्हे चाटने लगा...
उसकी जीभ जैसे चुभ सी रही थी प्राची को....उसने ज़बरदस्ती अपना एक मुम्मा उसके मुँह में ठूसा और ज़ोर से चिल्लाई .. : "बाईट करो अजय ...............खा जाओ इनको ...............''
अजय तो ऐसी गर्म वाइफ पाकर खुद को धन्य सा समझने लगा...उसने तो सोचा भी नही था की ऐसी चुप-चाप सी रहने वाली लड़की बेड पर इतनी गर्म दिखेगी...
अजय ने धीरे-2 उसकी नाइट ड्रेस उतार कर साइड में फेंक दी...अब वो बिस्तर पर पूरी नंगी पड़ी थी...
उसके नंगे जिस्म की खूबसूरती देखकर अजय का लंड बागी सा हो गया..उसने सोच लिया की आज तो कम से कम 3 बार वो उसकी चुदाई करेगा...अजय ने भी अपने कपड़े उतारे और कुछ ही देर मे वो भी नंगा खड़ा था...
ठरकी की लाइफ में ..1
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इसका नाम है अजय, देखने मे स्मार्ट, बिल्कुल बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन जैसा...
अजय 25 साल का नवयुवक है जो गुडगाँव की एक मल्टिनैशनल कंपनी मे काम करता है, सैलरी है 40000 ,माँ -बाप तो गाँव में रहते है उसके बड़े भाई और भाभी के साथ, जिन्हे ये हर महीने मिलने चला जाता है...वहाँ काफ़ी ज़मीने और खेत है इनके जिन्हे बड़ा भाई और उसके पिता संभालते है, उन्हे अजय के पैसों की ज़रूरत नही पड़ती, और इसलिए अजय अपनी कमाई के सारे पैसे खुद पर ही लुटाता है ...
दिल्ली के विकासपुरी में एक बिल्डर फ्लोर किराए पर लेकर रह रहा था अजय, 3 बेडरूम का काफ़ी बड़ा फ्लेट था वो..अडोस पड़ोस के लोग भी काफ़ी मिलनसार थे, और मकान मालिक नीचे के फ्लोर पर रहता था..लगभग एक साल हो चुका था अजय को वहां रहते हुए.
वो जहाँ रहता था, वो पूरी गली एक से बढ़कर एक भाभियों और उनकी जवान बेटियों से भरी पड़ी थी...
और इस एक साल में उसने आस पास की हर लड़की और भाभी को अच्छी तरह से जाँचा - परखा था.. यानी, अपनी आँखो से..किसी के साथ ज़्यादा बोलकर वो अपनी इमेज खराब नही करना चाहता था..लेकिन था वो बड़ा ही घुन्ना टाइप का बंदा..
रोज रात को उनके बारे में सोच-सोचकर वो जोरदार मूठ ज़रूर मारता था.....ग़जब का स्टेमीना था उसका..सुबह ऑफीस जाने से पहले और रात को सोने से पहले वो मूठ मारता था....ये उसका लगभग रोज का नीयम था.
नहाते हुए वो आँखे बंद करके भाभियों और उनकी बेटियों के बारे मे सोचता और मूठ मारता...अपने ख़यालो मे बस यही सोचता रहता की वो अगर मिल जाए तो कैसे मारेगा उसकी..क्या - क्या करेगा..
उसने आज तक अपनी लाइफ में किसी के साथ भी सैक्स नहीं किया था
और सबसे ज़्यादा वो सोचता था अपने पड़ोस मे रहने वाली रजनी आंटी के बारे मे..जो लगभग 45 साल की थी..पर लगती थी सिर्फ़ 35 की ...हल्का भरा हुआ सा शरीर बिल्कुल जूही चावला जैसा..
उनके 3 बच्चे थे, एक बड़ा लड़का, जिसकी शादी पिछले साल ही हुई थी, वो अपनी बीबी के साथ मुंबई में रहता था..और 2 लड़कियाँ जो अभी कॉलेज में पड रही थी, दोनो पूना में पढ़ती थी ..घर पर सिर्फ़ वो अपने पति के साथ रहती थी..इसलिए अक्सर वो अजय के साथ घंटों छत पर गप्पे मारती रहती..और अजय का ध्यान तो बस उसके बड़े-2 मुम्मों पर ही रहता था..
रजनी को अजय काफ़ी पसंद था...वो उसके लिए अक्सर घर का बना खाना भिजवाती रहती थी...और हमेशा उसे शादी करने की भी सलाह देती रहती थी..
पर वो शायद नही जानता था की इन सब बातों के पीछे रजनी भाभी की क्या मंशा है..
एक दिन संडे मॉर्निंग अजय के दरवाजे पर दस्तक हुई , उसने टाइम देखा तो सिर्फ़ 8 बजे थे, आज तो उसने 10 बजे तक सोने का प्लान बनाया था..
उसने झल्लाते हुए दरवाजा खोला तो सामने रजनी भाभी खड़ी थी..
इतनी सुबह उन्हे देखकर वो हैरान रह गया.
रजनी : "सॉरी अजय, बट तुम्हे मेरे साथ अभी रेलवे स्टेशन चलना पड़ेगा....मेरी दोनों बेटियां आ रही हैं पूना से, मैने कैब बुक करवाई थी और वो अभी तक नही पहुंची ...और उनकी ट्रेन के आने का टाइम हो रहा है...''
अजय उन्हे किसी बात के लिए मना नही कर सकता था, इसलिए जल्दी से तैयार होकर वो उनके साथ चल दिया..कुछ ही देर में वो स्टेशन पहुँच गए ।
रजनी भाभी अंदर चली गयी और वो बाहर कार में बैठकर उनका वेट करने लगा..
कुछ ही देर मे उसे रजनी आंटी और उनकी दोनो लड़कियाँ आती हुई दिखाई दी...
और उन्हे देखकर अजय की आँखे फटी की फटी रह गयी..
ये लड़कियाँ एक साल में ही कैसे इतनी जवान सी हो गयी हैं..
दोनो की उम्र में 3 साल का फ़र्क था..
बड़ी वाली का नाम था प्राची, स्लिम ट्रिम सी, स्कर्ट और स्लीवलेस टॉप पहना हुआ था उसने , और काफी सेक्सी लग रही थी वो
और छोटी का नाम था पूजा, . जीन्स के उपर टी शर्ट पहनी हुई थी..और उसका चेहरा बड़ा ही क्यूट सा था
प्राची एम बी ए के फाइनल ईयर में थी और पूजा बी बी ए के फाइनल ईयर में
दोनो लगभग भागती हुई कार की तरफ आई, जिसकी वजह से अजय ने उन दोनो के उछलते हुए मुम्मे देखकर एक दूसरे से कंपेयर करना भी शुरू कर दिया..
प्राची भले ही बड़ी थी, पर उसकी ब्रेस्ट पूजा के मुक़ाबले छोटी थी..पर थी पूरी तनी हुई सी..बिल्कुल दीपिका पादुकोंन जैसी..
दोनो दौड़ती हुई सी कार के पास पहुँची और प्राची जल्दी से आगे वाली सीट पर आकर बैठ गयी..और चिल्लाई : "मैं जीत गयी....याहूऊऊऊऊऊ...''
उसके चेहरे की खुशी देखकर अजय भी बिना हँसे रह नही पाया..
आज अजय उन दोनो को लगभग एक साल के बाद देख रहा था, इन दोनो को उसने रजनी भाभी के बेटे की शादी में देखा था, एक साल पहले, और वो नया-2 ही आया था उनके पड़ोस में , फिर भी उसको इन्वाइट किया था भाभी ने..
तब में और अब में काफ़ी फ़र्क आ चुका था इन दोनो के शरीर में ...ये पुणे की हवा ही शायद कुछ नशीली सी है..जो लड़कियों को इतनी जल्दी जवान कर देती है.
खैर, सभी को लेकर अजय घर पहुँचा, रास्ते भर दोनो बहनें अपने-2 कॉलेज की बातें उन्हे सुनाती रही..
और तभी अजय को पता चला की प्राची की तो पड़ाई ख़त्म हो चुकी है और अब वो जॉब करेगी..पूजा भी आगे की पढ़ाई यानी एम बी ए अब दिल्ली में रहकर ही करना चाहती है..
यानी अब उन्हे रोज-2 देखने का मौका होगा अजय के पास..
कुछ ही दिनों में प्राची की जॉब गुडगाँव में एक अच्छी कंपनी में लग गयी..और अजय के ऑफीस के बिल्कुल पास ही था उसका ऑफीस भी..
और पूजा का एडमिशन भी गुडगाँव के एक अच्छे इंस्टिट्यूट में हो गया...
इसलिए अब अजय को एक और ड्यूटी मिल गयी, उन दोनो को एक साथ लेकर जाने की...और शाम को प्राची को वापिस लाने की भी...पूजा तो दोपहर तक वापिस आ ही जाती थी अपने आप..
और इन दिनों में अजय ने अच्छी तरह से आँखे सेंक-2 कर उन दोनो बहनों की कच्ची जवानी को देखा-परखा ..
एक दिन अजय को रजनी भाभी ने अपने घर बुलाया
वो वहाँ पहुँचा तो देखा की रजनी भाभी और उनके पति सोफे पर बैठे है
अजय जैसे ही उनके साथ बैठा, रजनी भाभी ने उसके उपर बंब फोड़ दिया
"देखो अजय ...मैं घुमा फिरा कर बात नही करती...मैं चाहती हू की हमारी बेटी प्राची की शादी तुमसे कर दे...अगर तुम्हे कोई प्राब्लम ना हो तो आज ही हम दोनों तुम्हारे माँ बाप से बात कर लेते हैं...''
अजय के तो होश उड़ गये...उसने ये एक्सपेक्ट ही नही किया था ... मतलब प्राची के बारे में उसने मन में सोचा तो बहुत कुछ था, पर शादी का आइडिया दिमाग़ में नही आया था कभी...
वैसे उसमे कोई कमी नही थी...जवान थी, खूबसूरत थी...और वो लोग भी पंजाबी ही थे अजय की तरह...पर उसने इतनी जल्दी शादी करने की सोची नही थी...
पर अभी शादी नही की तो कब करेगा...आज तक वो सिर्फ़ दूर से ही ललचा कर लड़कियों और भाभियों को देखता रहता था...और उसने नोट भी किया था की अकेले छड़े लड़के होने की वजह से कई बार गली की भाभियाँ और लड़कियाँ उससे बात करने से भी कतराती थी...
रजनी : "देखो अजय...तुम मुझे शुरू से ही पसंद थे...बस अपनी बेटी के वापिस आने का वेट कर रही थी...अब वो जॉब कर रही है, सेट्ल हो गयी है...और सबसे बड़ी बात वो भी तुम्हे पसंद करती है, मैने उससे पूछ कर ही तुमसे बात की है...वो हमारी लाडली बेटी है, इतने साल पुणे में रहने के बाद कहीं दूर भेजने का मन नही है, यहीं पड़ोस में रहेगी तो मेरा भी मन लगा रहेगा और तुम्हारे साथ रहकर वो अपनी जॉब भी कंटिन्यू रख सकती है...''
एक ही साँस में उसने अपनी पूरी योजना अजय के सामने रख दी...वैसे देखा जाए तो बात सही भी थी...
अजय के सामने मना करने का कोई कारण नही था....उसने शरमाते हुए हाँ कर दी..
प्राची भी किचन में खड़ी सब देख और सुन रही थी, ये सुनकर उसका चेहरा भी लाल सुर्ख हो उठा
और कुछ ही दिनों में अजय ने अपने माँ बाप और भाई भाभी को वहाँ बुलाकर रजनी भाभी की फेमिली और प्राची से मिलवाया..कोई कमी तो थी नही किसी में भी, इसलिए सब कुछ जल्द ही तय हो गया...और 3 महीने के अंदर ही उन दोनो की शादी भी हो गयी...
ये सब अजय के लिए एक सपने जैसा था..
पर आज था उसकी जिंदगी का वो दिन, जब वो किसी लड़की को पहली बार चोदेगा ...
यानी उसकी सुहागरात..
अजय जब अपने कमरे मे दाखिल हुआ तो फिल्मी सीन की तरह प्राची बेड पर घूँघट निकाले बैठी थी...पूरा कमरा फूलों से सज़ा हुआ था...सुहाग की सेज सजी हुई थी...
उसने दरवाजा बंद किया और उसके पास जाकर बैठ गया..
कितना अजीब लग रहा था उसको, इतने दिनों से दोनो एकदुसरे से मिल भी रहे थे, एक साथ ऑफीस आ-जा भी रहे थे, पर अभी दोनो काफ़ी नर्वस से लग रहे थे..
अजय ने हिम्मत करते हुए उसका घूँघट उठा दिया...खूबसूरती की मूरत लग रही थी वो...और उसकी आँखे झुकी हुई थी..
अजय ने उसकी ठोडी पर उंगली रखी और उसके चेहरे को उपर किया...और आगे बढ़कर उसके लबों को चूम लिया..
प्राची अपने आप में सिमट कर रह गयी..और उसके मुँह से गहरी-2 साँसे निकलने लगी..
अजय ने उसे लिटाकर उसके लबों को और चूसना चाहा, तभी प्राची ने उसे रोक दिया.
प्राची : "देखो अजय...एकदम से ये सब शुरू मत करो...गिव मी सम टाइम ....''
अजय समझ गया की वो शायद घबरा रही है....दिल तो उसका भी काफ़ी तेज धड़क रहा था..ऐसी मस्त बीबी जो मिल गयी थी उसको..
अजय : "ओह...आई एम सॉरी .... मुझे भी एकदम से ये सब नही करना चाहिए... चलो पहले चेंज करते हैं फिर कुछ बातें कर लेते हैं ...''
प्राची का चेहरा खिल उठा, अजय को अपनी बात मानता देखकर ..और वो उठकर बाथरूम में चली गयी चेंज करने..
अजय ने तब तक अपनी शेरवानी उतार कर कुर्ता पायजामा पहन लिया और बेड पर लेट गया..प्राची भी एक सेक्सी सी रेड कलर की नाइट ड्रेस पहन कर बाहर आ गयी...और अजय की बगल में आकर लेट गयी...उसकी बाहों में ..
प्राची के नर्म शरीर को अपने से समेटकर अजय का मन फिर से बहकने लगा..पर फिर भी थोड़ी बहुत बातें करने की फॉरमॅलिटी तो करनी ही थी...इसलिए कुछ अच्छी बातें जैसे, मैं तेरा ध्यान रखूँगा, कोई प्राब्लम हो तो मुझे बताना, जो लेना हो ले लिया करना, अजय करता रहा .....और वो चुपचाप उसकी बातें सुनती रही...
और अंत में वो बोली : "मुझे तुम जैसा समझदार पति मिला, मुझे इस बात की खुशी है...बस हमेशा मुझे प्यार करते रहना...जैसा की हर एक पत्नी चाहती है...और हमेशा मेरे ही बन कर रहना...समझे..''
लास्ट का वर्ड समझे उसने थोड़ा डराने वाले अंदाज में बोला था...
अजय : "इसका क्या मतलब है...तुम मुझे धमकी दे रही हो...''
प्राची (मुस्कुराते हुए) : "अब इसे धमकी समझो या कुछ और, पर मेरी ये बात हमेशा याद रखना, मेरे अलावा किसी और की तरफ देखना आज से बंद...तुम मेरे हो और सिर्फ़ मेरे बनकर रहोगे...''
उसने अपना अधिकार जताते हुए कहा..
अजय ने मन मे सोचा की मैं तो पहले भी अपनी हद में रहा करता था...और वैसे भी ये वक़्त ही ऐसा था की वो हाँ करने के सिवा कुछ और कर भी नही सकता था...
अजय : "जैसा तुम कहो...बस मुझे भी तुम हमेशा खुश रखना...''
उसने आँख मारते हुए प्राची से कहा..
प्राची : "अच्छा जी...अब देखो...मेरे शोना को मैं कैसे खुश करती हू...''
और इतना कहने के बाद वो उसके होंठों पर टूट पड़ी...ऐसा लग रहा था की वो पागल सी हो चुकी है...अपनी ब्रेस्ट को उसकी छाती पर रगड़ते हुए वो उसके बालों में उंगलियाँ फेराती हुई अजय के होठों को बुरी तरह से चूस रही थी...वैसे तो उन दोनो ने शादी से पहले भी ऑफीस से आते हुए एक-दो बार किस की थी..पर आज तो प्राची पर जैसे कोई भूतनी चड गयी थी...
अजय ने अपने हाथों से उसकी गांड को सहलाना शुरू कर दिया...और तब उसे पता चला की वो तो अपनी पेंटी भी उतार आई है...अजय ने अपनी उंगलियाँ उसकी गांड की दरार में उतार दी..
''आआआआअहहssssssssssssssssssssssssssssss .......... उम्म्म्मममममम...''
उसकी सुलगती हुई सी आवाज़ ने अजय के अरमानो को और भड़का डाला...और उसने प्राची को बेड पर पटक कर अपना मुँह सीधा उसके मुम्मों पर रख दिया और नाइट सूट के उपर से ही उसकी ब्रेस्ट पर लगे बटन को मुँह में लेकर चूसने लगा..
''ऊऊऊऊऊऊओह अजय ................ माई डार्लिंग .................. उम्म्म्मममममममम......''
और उसने खुद ही धीरे-2 अपनी कुरती की चैन को खोलकर अपनी नंगी ब्रेस्ट अजय के मुँह में ठूस दी..
ये पहला मौका था अजय के लिए...उसने जी भरकर उन प्यारी सी ब्रेस्ट को देखा और फिर धीरे-2 अपनी जीभ से उन्हे चाटने लगा...
उसकी जीभ जैसे चुभ सी रही थी प्राची को....उसने ज़बरदस्ती अपना एक मुम्मा उसके मुँह में ठूसा और ज़ोर से चिल्लाई .. : "बाईट करो अजय ...............खा जाओ इनको ...............''
अजय तो ऐसी गर्म वाइफ पाकर खुद को धन्य सा समझने लगा...उसने तो सोचा भी नही था की ऐसी चुप-चाप सी रहने वाली लड़की बेड पर इतनी गर्म दिखेगी...
अजय ने धीरे-2 उसकी नाइट ड्रेस उतार कर साइड में फेंक दी...अब वो बिस्तर पर पूरी नंगी पड़ी थी...
उसके नंगे जिस्म की खूबसूरती देखकर अजय का लंड बागी सा हो गया..उसने सोच लिया की आज तो कम से कम 3 बार वो उसकी चुदाई करेगा...अजय ने भी अपने कपड़े उतारे और कुछ ही देर मे वो भी नंगा खड़ा था...
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