FUN-MAZA-MASTI
ठरकी की लाइफ में ..5
पर उन्हे अपनी गांड मरवाता देखकर अजय की आँखे फैल सी गयी.....उसने तो सोचा भी नहीं था की उसकी सास अपनी गांड भी मरवा चुकी होगी...वैसे उनकी फेली हुई गांड को देखकर वो हमेशा से उनका दीवाना था..पर वो फेली हुई गांड ऐसे चौड़ी हुई होगी, ये उसे आज ही पता चला...
अजय ने भी एक-दो बार प्राची को गांड मरवाने के लिए बोला था, पर उसने सॉफ माना कर दिया था...ऐसे में अपनी सास को गांड मरवाता हुआ देखकर वो यही सोच रहा था की काश ये थोड़ी बहुत शिक्षा अपनी बेटी को भी दे दे की गांड मरवाने में कितना मज़ा आता है...मारने वाले को भी और मरवाने वाले को भी...
और अब तक मौसाजी के झटके काफ़ी तेज हो चुके थे....और लंड बड़े ही प्यार से अंदर बाहर जा रहा था..
रजनी को भी उसी मस्ती का एहसास हो चुका था...वो अपनी चूत पर उंगलियाँ फेरती हुई बड़े ही मज़े से अपनी गांड मरवा रही थी..
''उम्म्म्ममममममममममम ओह जीजाजी .............. सच मे.............बड़ा मज़ा आ रहा है ............... और ज़ोर से करो ना....... मारो मेरी गांड ......ज़ोर से मारो .....''
अपनी साली की ऐसी बातें सुनकर मौसाजी को और जोश आ गया....और उन्होने अगले 10-12 झटके ज़ोर-2 से मारकर अपना सारा रस उनकी गांड में निकाल दिया...और बाकी से उनकी चूतड़ों पर पेंटिंग कर दी
और अपने हाथ से अपनी फुददी रगड़ते हुए सासू माँ भी झड़ गयी....
पूरे कमरे में दोनो की गर्म साँसे और सेक्स से भरे पसीने की गंध फैल गयी....
अजय का लंड पूरा खड़ा हुआ था....पर अभी के लिए बेचारा कुछ भी नही कर सकता था...
उन दोनो ने कपड़े पहनने शुरू कर दिए...अजय भी अपने कमरे में वापिस आ गया...और कुछ ही देर में उसकी सास धीरे से दरवाजा खोलकर वापिस अपने घर चली गयी...12 बज चुके थे पर अजय को 2 बजे तक नींद ही नही आई...वो तो बस आने वाले दिनों के बारे में ही सोचता रहा...
जिस सास को देखकर वो हमेशा से उनके बारे में सोचता था वही आज अपने जीजा से गांड मरवा कर गयी थी उसके घर पर...अब तो उसकी मस्ती का दरवाजा खुल चुका था...बस उसे अपनी अकल का इस्तेमाल करते हुए इस मौके का सही से फायदा उठाना था...क्योंकि वो उसकी सास थी यानी उसकी पत्नी की माँ ....जो अपने दामाद से ऐसे नाजायज़ रिश्ते बनाकर वो कभी नही चाहेगी की उसकी बेटी का घर बर्बाद हो...और उपर से उसकी पत्नी भी काफ़ी शक्की किस्म की थी...किसी भी दूसरी लड़की के बारे में सुनकर वो अजय का क्या हाल करेगी ये तो वही जानता था.....ऐसे में अजय को हर कदम फूँक -2 कर रखना था.
पूरी रात वो सो नही पाया...सुबह प्राची ने उसे 9 बजे ही उठा दिया...घर पर मेहमान जो आए हुए थे, बेचारा मन मारकर उठ ही गया..और धीरे -2 चलता हुआ बाहर आया..वो लोग जिस बेडरूम में थे वहाँ का दरवाजा खुला हुआ था और बाहर से ही उसे मौसा जी सोते हुए दिख गये...उन्हे ऐसे घोड़े बेचकर सोता हुआ देखकर अजय सोचने लगा की ऐसे सोए भी क्यो नही आख़िर अपनी साली की गांड मारकर ऐसी ही नींद आएगी जनाब को..
प्राची किचन में सभी के लिए नाश्ता बनाने में लगी हुई थी और उसकी मौसी कहीं दिख नही रही थी..अचानक अजय को कुछ याद आया और वो दबे क़दमों से उस बेडरूम में आ गया,बेड की साइड ड्रॉयर को खोलकर देखा तो उसकी आँखे चमक उठी..उसे वो शीशी दिख गयी जो मौसाजी अपने साथ लाए थे,बेहोशी की दवाई थी वो जिसे सूँघाकार नीलम मौसी को गहरी नींद में सुला दिया गया था और उनकी बहन की गांड बजा दी गयी थी..अजय ने तुरंत वो शीशी अपनी जेब में रख ली.
तभी कमरे में बाथरूम से निकल कर मौसीजी आ गयी, वो नहा कर आई थी..उन्होने एक टावल अपने बदन पर और दूसरा अपने सिर पर लपेटा हुआ था..और पुर बदन पर पानी की बूंदे मोती की तरह चमक रही थी और उनके चिकने शरीर से फिसल कर नीचे गिर रही थी.अजय तो सेक्स की देवी को ऐसी हालत में देखकर दंग ही रह गया, वैसे देखने में वो भी बुरी नही थी...वैसे भी वो उसकी सास की छोटी बहन थी और दोनो में 2 साल का अंतर था..और नहाने के बाद तो ये उसकी सास से भी सेक्सी लग रही थी उसे, उनसे थोड़ी गोरी भी थी और इनका शरीर थोड़ा मांसल भी था..जैसा की अजय को पसंद था.
अजय उनके बेडरूम में होगा ये शायद उन्होने सोचा भी नही था....अजय को ऐसे अपनी छातियों की तरफ घूरता देखकर कुछ देर के लिए तो वो सकपका गयी पर अगले ही पल उनके चेहरे पर अजीब सी कातिलाना मुस्कान आ गयी...बेचारा अजय खुद ही झेंप गया उन्हे ऐसे मुस्कुराते हुए देखकर...वो समझ गया की उसकी चोरी पकड़ी गयी है.
अजय : "वो ...बस मैं .....देखने आया था की आप लोग उठे है की नही....''
नीलम मौसी उनके करीब आई और बोली : "मैं तो उठ कर नहा भी ली अजय...इन्हे देखिए ये तो ऐसे सो रहे है जैसे पूरी रात जागकर निकाली हो..''
अब अजय उन्हे कैसे बताता की उन्हे बेहोश करके उनके पति ने उनकी बहन की गांड मारी है,और ऐसी उम्र में इतनी मेहनत करके ऐसी ही नींद आती है..
अजय को उनके जिस्म से गुलाब के साबुन की खुश्बू आ रही थी, जो कुछ दिन पहले ही वो प्राची के लिए लाया था...वो भी जब नहा कर निकलती थी तो उसके बदन से भी ऐसी ही खुशबु निकलती है और अजय उसे अक्सर बाथरूम से निकलते ही दबोच लेता था और कुछ देर तक उसके जिस्म से लिपट कर मदहोशी के आलम में डूबा रहता था.उसे चूमता रहता था
पर अभी तो ये नही कर सकता था ना वो मौसी के साथ...बस एक गहरी साँस लेकर रह गया..
मौसी को तो जैसे उसकी उपस्थिति से कोई फ़र्क ही नही पड़ रहा था...वो बड़ी ही बेफिक्री से अपने बेग की तरफ गयी और उसे खोलकर अपने कपड़े निकालने लगी जो उन्होने आज पहनने थे, और अंत मे उन्होने अपनी पेंटी और ब्रा भी निकाल कर बेड पर रख दी...दोनो मेचिंग कलर की थी और अजय की नज़रें उन्हे देखकर कामुक होने लगी...वो ठरकी वहीं खड़ा रहा ..और बेशार्मों की तरह उनकी ब्रा पेंटी को घूरता रहा..
नीलम ने उसे ऐसा करते हुए देखा और वही पहले वाली मुस्कान फिर से उनके चेहरे पर आ गयी..अजय को लगा की ऐसे में उनके साथ कुछ ट्राइ किया जाए तो शायद बात बन सकती है..
वो कुछ बोलने ही वाला था की मौसी जी खुद ही बोल पड़ी : "अजय...तुम ज़रा बाहर जाओगे...मुझे कपड़े पहनने है...''
अजय के कान लाल हो गये ये सुनकर...बेचारा अपना सिर झुका कर बाहर निकल आया..
और सीधा अपने कमरे में जाकर बैठ गया..उसके लंड का बुरा हाल था वो स्टील रोड की तरह खड़ा था..
वो सोच रहा था की उस बंद दरवाजे के पीछे इस वक़्त नीलम मौसी अपना टावल उतार कर नंगी खड़ी होगी और एक-एक करके अपने कपड़े पहन रही होगी...
अजय ने अपनी आँखे बंद कर ली और दरवाजे के पीछे खड़ी नीलम मौसी को इमेजीन करने लगा..और तकिये के नीचे अपना हाथ लेजाकर अपने खड़े हुए लंड को मसलने लगा.
तभी उसके कानों में एक सुरीली आवाज़ टकराई : "गुड मॉर्निंग जीजू....''
उसने तुरंत अपनी आँखे खोल दी...उसने सोचा की उसकी साली पूजा आई है..पर ये तो रिया थी,नीलम मौसी की बेटी..
अजय : "गुड मॉर्निंग रिया...कैसी नींद आई तुम्हे कल रात...''
रिया : "बड़ी मस्त आई जीजू...अभी-2 उठी हूँ बस..पूजा तो अभी तक सो रही है ''
और इतना कहते-2 वो उनके बेड पर ही औंधी होकर लेट गयी, अजय की तरफ मुँह करके..और अपनी कोहनियां बिस्तर पर टीकाकार अजय से बातें करने लगी..
और ये एक ऐसा पोज़ था की अजय को उसने पूरा हिला कर रख दिया..रिया ने एक जीन्स और टी शर्ट पहनी हुई थी..और टी शर्ट का गला गोल और गहरा था,और ऐसी पोज़िशन में लेटने की वजह से उसके अंदर का सीन अजय को सिर्फ़ 2 फीट की दूरी से साफ़ दिख रहा था.उसकी टी शर्ट भी शॉर्ट थी इसलिए उसकी कमर वाला हिस्सा भी पूरा नंगा था.
रिया की उम्र 19 के करीब थी और उसने अभी अपनी जवानी की दहलीज पर कदम रखा ही था...उसके बूब्स भले ही छोटे थे पर थे पूरी गोलाई लिए हुए..ये अजय ने अभी-2 जाना क्योंकि उसने अंदर कोई ब्रा नही पहनी हुई थी..वो उसके निप्पल्स के घेरे तक अच्छी तरह से देख पा रहा था यानी सिवाए निप्पल के उसकी दोनों गोलाइयाँ उसके परोसी पड़ी थी ,वो भले ही 19 की हो चुकी थी पर उसकी हरकतों से लग रहा था की उसका बचपना अभी तक नही गया है..किसी के सामने कैसे बैठना है और अपने ''अंगों'' को कैसे छुपा कर रखना है इसका तरीका उसे अभी तक नही था..
वो बड़ी ही बेबाकी से उसके बेड पर उल्टी लेटी हुई थी और बोले ही जा रही थी..अजय सिर्फ़ हाँ - हूँ करके उसकी बातों का उत्तर देता रहा ...उसकी नज़रें तो उसके बूब्स को भेदने में लगी थी...कुछ दिनों पहले तक वो अपनी सास का दीवाना था, फिर अपनी साली का हो गया...आज सुबह वो अपनी सास की बहन को देखकर उत्तेजित हुआ तो अब वो उनकी कमसिन बेटी को अपनी आँखो से चोदने में लगा हुआ था...सच मे अजय की ठरक दिन ब दिन बढ़ती ही चली जा रही थी...उसके सामने जो-2 आ रहा था वो उनपर अपनी गंदी नज़रें डाल कर अपने ठरकीपन से उनका चक्षुचोदन करने में लगा हुआ था..
वो ये सोच ही रहा था की रिया की थोड़ी तेज आवाज़ आई उसके कानों में : ''हेल्लओ ......जीजू.....आप सुन भी रहे हैं मैने क्या कहा ....''
अजय जैसे नींद से जागा, उसकि नजरें अभी तक उसकी क्लिवेज देखने में लगी थी और वो झल्ली रिया को अब भी पता नही चल पा रहा था की अजय की नज़रें उसकी नन्ही कलियों को देखकर मदहोश हो रही हैं ..
अजय : "ओह्ह्ह ....सॉरी ....मैं कुछ सोच रहा था....बोलो...क्या कहा तुमने ....''
रिया : "मैं ये कह रही थी की आप मुझे कोई कंप्यूटर कोर्स सजेस्ट करो ना...मैने 6 महीने बाद इंजिनियरिंग का एंट्रेन्स देना है और मुझे कंप्यूटर में सिर्फ़ नॉर्मल ऑपरेट करना ही आता है...''
अजय की नजरें उसकी टी शर्ट के अंदर थी पर ध्यान अब उसकी तरफ ही आ चुका था, वो बोला : "कोई बात नही,मैं बता दूँगा तुम्हे...''
रिया : "बता नही दोगे, मेरा एडमिशन भी करवाओगे ...''
अजय : "एडमिशन ...पर तुम तो मुंबई में करोगी ना ये कोर्स ...''
रिया : "सर्प्राइज़.....मैं यहीं रहूंगी अब से...दिल्ली में , मौसी के घर ''
उसकी ये बात सुनकर अजय चोंक गया.
रिया : "आपको नही पता था ना...देखा,सर्प्राइज़ दिया ना आपको भी...मैने यहाँ आने से पहले ही डेड को बोल दिया था की मैं इंजिनियरिंग दिल्ली से ही करूँगी...यहाँ की वॅल्यू कुछ अलग ही है...''
वो बोले जा रही थी और अजय की बाँछे खिलती चली जा रही थी ये सुनकर...एक तरफ उसकी सास...दूसरी तरफ उसकी साली...और अब ये एक और साली...उसकी किस्मत में तो दिन ब दिन नया माल आता ही चला जा रहा है...
वो ये सोच ही रहा था की कमरे में प्राची आ गयी और रिया को ऐसे अजय के सामने लेटा हुआ देखकर ना जाने उसके दिमाग़ में क्या आया की वो घूमकर अजय की तरफ आकर खड़ी हो गयी...और वहाँ से उसने जब देखा की रिया का गला कितना खुलकर अपने अंगों का प्रदर्शन कर रहा है तो वो भड़क सी गयी और बोली : "रिया...ये क्या तरीका है अपने जीजाजी के सामने लेटने का ,तुम्हे कुछ समझ है या नही...चलो उठो...और बाहर आओ मेरे साथ...''
रिया बेचारी को तो कुछ समझ ही नही आया की उसकी कजन दीदी उसे ऐसे क्यो डांट रही है...अपने जीजू के सामने लेटने का भी कोई तरीका होता है क्या ..
अब उस बेचारी को कौन समझाए की जब जीजा ऐसा ठरकी हो तो हर चीज़ का तरीका होता है..
खैर, वो मायूस सा चेहरा लेकर बाहर निकल आई और प्राची उसे लेकर सीधा किचन में चली गयी..अजय भी चुपके से उठकर बाहर आ गया और किचन के बाहर खड़ा होकर उनकी बातें सुनने लगा..
क्योंकि उसे अपनी बीबी का नेचर पता था,वो अपने पति को लेकर काफ़ी पोस्सेसिव थी और ऐसे कोई भी लड़की आकर अगर उसे बहकाने की कोशिश करेगी तो वो रिएक्ट तो करेगी ही ना भले ही वो उसकी खुद की कजन सिस्टर हो.
प्राची : "तुझे तो अभी तक किसी चीज़ की समझ नही आई...एकदम बुद्धू है तू अभी भी...तुझे समझ नही थी की आपसे अपने जीजू के सामने लेटने से तेरी ब्रेस्ट दिख रही थी उन्हे...'' प्राची ने उसकी गोलाईयों की तरफ इशारा करते हुए कहा.
रिया ने अपनी छातियों को देखा और बड़े ही भोलेपन से बोली : "पर दीदी, ऐसे तो मैं अक्सर लेटा करती हू..पापा के सामने भी...मम्मी ने तो कभी कुछ नही कहा...और ना ही अभी जीजू ने मुझे टोका ...''
उसकी ये बात सुनकर बाहर खड़े अजय की हँसी निकल गयी..और अंदर खड़ी प्राची की भी...वो हंसते हुए बोली : "मेरी प्यारी गुड़िया, तू सच में बड़ी भोली है...ये बातें बोली नही जाती बल्कि खुद समझी जाती है...देख, मर्द को ये सब देखने में बड़ा मज़ा आता है, चाहे वो तेरे पापा हो या जीजू , इसलिए वो कभी नही टोकेंगे , तुझे खुद ही अपना समान उनकी नजरों से बचा कर रखना पड़ेगा...''
वो बड़ी गंभीरता से उसे समझा रही थी...
रिया : "पर दीदी, मुझे अभी क्या ज़रूरत है अपने बूब्स छुपाने की, ये तो छोटे-2 से है अभी...और मर्दों को तो बड़े-2 पसंद आते है...जैसे की आपके हैं''
प्राची (आँखे तरेर कर) : "तुझे कैसे पता...''
रिया : "वो मेरे स्कूल में कोई भी लड़का मुझे नही देखता था...मेरी दूसरी फ्रेंड्स को देखकर उन्हे छेड़ते थे,मैने एक दिन अपनी फ्रेंड्स से पूछा तो उसने ये बताया की लड़के बड़ी ब्रेस्ट वाली लड़कियो को ज़्यादा पसंद करते हैं...''
प्राची : "वो तेरे स्कूल की बात थी...अब तू बड़ी हो गयी है...और तेरे बूब्स भी..समझी..''
रिया की आँखे चमक उठी : "सच दीदी...आपको लगता है की मेरे बूब्स बड़े हो गये हैं...मुझे तो ऐसा लगा ही नहीं कभी ,जितने पिछले साल थे,उतने ही लगते हैं ''
वो दोनो हाथों से उन्हे थामकर उनका वजन नापने लगी.
प्राची : "ओफफो...तू बिल्कुल झल्ली है...मैं तुझे क्या समझने की कोशिश कर रही हू और तू है की मुझे ही अपनी बातों मे उलझा रही है...चल छोड़ ये सब और आगे से मेरी ये बात ध्यान रखना..''
पर वो सुन रही होती तो ध्यान रखती ना...वो तो ये सोचकर खुशी से दोहरी हो रही थी की उसकी दीदी ने उसकी बड़ी हुई ब्रेस्ट को नोटिस किया है..और अब उसे भी लड़के देखा करेंगे, जैसे उसकी फ्रेंड्स को देखा करते थे.
प्राची फिर से काम पर लग गयी और वो चमकती आँखो से बाहर निकल आई..
अजय भी फ़ौरन जाकर सोफे पर बैठ गया और अख़बार पड़ने लगा.
रिया उसके सामने आकर बैठ गयी , वो अभी तक अपनी दीदी की बातों में खोई हुई थी.
अजय : "क्या हुआ रिया, क्या सोच रही हो...दीदी क्यो डांट रही थी तुम्हे...''
रिया बिना सोचे समझे बोल पड़ी : "देखो ना जीजू, दीदी मुझे बोल रही थी की मैं आपके सामने ऐसे ना लेटू , मेरे बूब्स दिखेंगे आपको...अब आप ही बताओ,दीदी के बड़े बूब्स छोड़कर भला आप मेरे क्यो देखोगे...दीदी भी ना..''
अजय को उसके भोलेपन पर दया सी आ गयी,मुंबई मे रहकर भी वो ऐसी झल्लियो जैसी बातें कर रही थी उसे तो यकीन ही नही हुआ..वो उसके साथ आकर उसी सोफे पर बैठ गया और बोला : "तुम्हारी दीदी को इन बातों की समझ नही है ना इसलिए वो ऐसा बोल रही थी...लेकिन एक बात बोलू,दीदी से तो नही कहोगी ना...''
रिया ने भोलेपन से उत्तर दिया : "कहो ना जीजू, नही बोलूँगी दीदी से, मम्मी की कसम..''
उसने अपने गले पर हाथ लगाकर कहा.
अजय ने हिम्मत करते हुए मंद-2 मुस्कुराते हुए धीरे से कहा : "मुझे ना सच में तुम्हारे बूब्स बड़े पसंद आए...और सच कहु,मुझे ऐसे ही साइज़ के पसंद आते हैं...मम्मी की कसम''
उसने भी रिया की तरह अपने गले पर चुटकी काटकर उतने ही भोलेपन से कहा.
और अपने जीजू को अपने बूब्स की तारीफ करते देखकर रिया का चेहरा चमक उठा : "वाउ...सच में जीजू....मुझे तो लगा था की मर्दों को बड़े-2 पसंद आते हैं ...जैसे प्राची दीदी के हैं...मेरी माँ के हैं...मौसीजी के हैं...मेरी फ्रेंड नाज़िया हैं ''
वो सारे मोटे मुम्मों वालियों के नाम गिनवाने लगी...
अजय ने उसे बीच मे ही टोकते हुए कहा : "हाँ ...पर हर कोई एक जैसा नही होता ना...किसी को बड़े पसंद आते हैं और किसी को छोटे...और मुझे छोटे ही पसंद है...तुम्हारे जैसे...''
और उसने थोड़ी और हिम्मत करते हुए अपनी हथेली को उसकी दाँयी तरफ की ब्रेस्ट के नीचे लगाकर उसका वजन नाप लिया...और अजय की इस हरकत से पहली बार अजय ने उसकी आँखो में शर्म के भाव देखे ..
रिया : "ये क्या कर रहे हैं जीजू ....''
अजय : "ओह...सॉरी....बस बता रहा था की ये सच में बड़े सुंदर हैं....''
वो कुछ बोल पाती तभी बाहर से पूजा अंदर आ गयी...
उसने अपने जीजू को ऐसे अपनी कजन के इतने करीब बैठे हुए देखा तो उसका माथा ठनक गया...वो तो अच्छी तरह जानती थी अपने ठरकी जीजू की आदतों को..उस दिन वो उसकी माँ को घूर रहे थे और अब उसकी छोटी कजन रिया को...
वो करीब आई और बोली : "रिया की बच्ची , तू मुझे सोता छोड़कर अकेली यहाँ आ गयी...मुझे भी ले आती..''
अजय ने पूजा की तरफ देखा और उसके चेहरे के भाव देखकर वो समझ गया की उसके मन में क्या चल रहा है..शायद वो जेलिस फील कर रही थी..
और ये ख़याल आते ही अजय के दिमाग़ में एक बात आई...
वो रिया का इस्तेमाल करके पूजा को अपने जाल में फँसा सकता है...
क्योंकि अब तो रिया वहीं रहने वाली थी...और रिया अपनी कजन पूजा की तरह चालक नही थी, उसे वो आसानी से अपने जाल में फँसा सकता था..और रिया के थ्रू वो पूजा तक भी पहुँच सकता था...
उसके टार्गेट्स बढ़ते जा रहे थे...सासू माँ , मौसी जी, पूजा और अब रिया...पता नही कैसे करेगा वो..पर ठरकी अजय को अपने उपर पूरा यकीन था की वो ये काम कर ही लेगा..
कुछ ही देर में मौसी जी भी बाहर आ गयी...और उसकी सासू माँ भी उनके घर आ गयी, सबने मिलकर नाश्ता किया, और नाश्ता करते-2 ही मौसीजी ने रिया के वहीं दिल्ली में रहकर इंजिनियरिंग करने की बात बताई...उनकी बहन रजनी तो पहले से ही ये बात जानती थी..इन्फेक्ट सभी लोग जानते थे, सिर्फ़ अजय को ही नही मालूम था ये..
अगली सुबह मौसाजी और मौसीजी को निकलना था मुंबई के लिए और इससे पहले अजय एक बार मौसीजी पर और ट्राइ करके देखना चाहता था की जो उसे आज सुबह उनके बारे में लगा था वो सच है या नही..अगर उसकी पारखी नज़रें सही है तो वो अपनी तरफ से कोई रोक-टोक नही करेंगी...और इसके लिए अजय के पास कुछ ही घंटे बचे थे.
ठरकी की लाइफ में ..5
पर उन्हे अपनी गांड मरवाता देखकर अजय की आँखे फैल सी गयी.....उसने तो सोचा भी नहीं था की उसकी सास अपनी गांड भी मरवा चुकी होगी...वैसे उनकी फेली हुई गांड को देखकर वो हमेशा से उनका दीवाना था..पर वो फेली हुई गांड ऐसे चौड़ी हुई होगी, ये उसे आज ही पता चला...
अजय ने भी एक-दो बार प्राची को गांड मरवाने के लिए बोला था, पर उसने सॉफ माना कर दिया था...ऐसे में अपनी सास को गांड मरवाता हुआ देखकर वो यही सोच रहा था की काश ये थोड़ी बहुत शिक्षा अपनी बेटी को भी दे दे की गांड मरवाने में कितना मज़ा आता है...मारने वाले को भी और मरवाने वाले को भी...
और अब तक मौसाजी के झटके काफ़ी तेज हो चुके थे....और लंड बड़े ही प्यार से अंदर बाहर जा रहा था..
रजनी को भी उसी मस्ती का एहसास हो चुका था...वो अपनी चूत पर उंगलियाँ फेरती हुई बड़े ही मज़े से अपनी गांड मरवा रही थी..
''उम्म्म्ममममममममममम ओह जीजाजी .............. सच मे.............बड़ा मज़ा आ रहा है ............... और ज़ोर से करो ना....... मारो मेरी गांड ......ज़ोर से मारो .....''
अपनी साली की ऐसी बातें सुनकर मौसाजी को और जोश आ गया....और उन्होने अगले 10-12 झटके ज़ोर-2 से मारकर अपना सारा रस उनकी गांड में निकाल दिया...और बाकी से उनकी चूतड़ों पर पेंटिंग कर दी
और अपने हाथ से अपनी फुददी रगड़ते हुए सासू माँ भी झड़ गयी....
पूरे कमरे में दोनो की गर्म साँसे और सेक्स से भरे पसीने की गंध फैल गयी....
अजय का लंड पूरा खड़ा हुआ था....पर अभी के लिए बेचारा कुछ भी नही कर सकता था...
उन दोनो ने कपड़े पहनने शुरू कर दिए...अजय भी अपने कमरे में वापिस आ गया...और कुछ ही देर में उसकी सास धीरे से दरवाजा खोलकर वापिस अपने घर चली गयी...12 बज चुके थे पर अजय को 2 बजे तक नींद ही नही आई...वो तो बस आने वाले दिनों के बारे में ही सोचता रहा...
जिस सास को देखकर वो हमेशा से उनके बारे में सोचता था वही आज अपने जीजा से गांड मरवा कर गयी थी उसके घर पर...अब तो उसकी मस्ती का दरवाजा खुल चुका था...बस उसे अपनी अकल का इस्तेमाल करते हुए इस मौके का सही से फायदा उठाना था...क्योंकि वो उसकी सास थी यानी उसकी पत्नी की माँ ....जो अपने दामाद से ऐसे नाजायज़ रिश्ते बनाकर वो कभी नही चाहेगी की उसकी बेटी का घर बर्बाद हो...और उपर से उसकी पत्नी भी काफ़ी शक्की किस्म की थी...किसी भी दूसरी लड़की के बारे में सुनकर वो अजय का क्या हाल करेगी ये तो वही जानता था.....ऐसे में अजय को हर कदम फूँक -2 कर रखना था.
पूरी रात वो सो नही पाया...सुबह प्राची ने उसे 9 बजे ही उठा दिया...घर पर मेहमान जो आए हुए थे, बेचारा मन मारकर उठ ही गया..और धीरे -2 चलता हुआ बाहर आया..वो लोग जिस बेडरूम में थे वहाँ का दरवाजा खुला हुआ था और बाहर से ही उसे मौसा जी सोते हुए दिख गये...उन्हे ऐसे घोड़े बेचकर सोता हुआ देखकर अजय सोचने लगा की ऐसे सोए भी क्यो नही आख़िर अपनी साली की गांड मारकर ऐसी ही नींद आएगी जनाब को..
प्राची किचन में सभी के लिए नाश्ता बनाने में लगी हुई थी और उसकी मौसी कहीं दिख नही रही थी..अचानक अजय को कुछ याद आया और वो दबे क़दमों से उस बेडरूम में आ गया,बेड की साइड ड्रॉयर को खोलकर देखा तो उसकी आँखे चमक उठी..उसे वो शीशी दिख गयी जो मौसाजी अपने साथ लाए थे,बेहोशी की दवाई थी वो जिसे सूँघाकार नीलम मौसी को गहरी नींद में सुला दिया गया था और उनकी बहन की गांड बजा दी गयी थी..अजय ने तुरंत वो शीशी अपनी जेब में रख ली.
तभी कमरे में बाथरूम से निकल कर मौसीजी आ गयी, वो नहा कर आई थी..उन्होने एक टावल अपने बदन पर और दूसरा अपने सिर पर लपेटा हुआ था..और पुर बदन पर पानी की बूंदे मोती की तरह चमक रही थी और उनके चिकने शरीर से फिसल कर नीचे गिर रही थी.अजय तो सेक्स की देवी को ऐसी हालत में देखकर दंग ही रह गया, वैसे देखने में वो भी बुरी नही थी...वैसे भी वो उसकी सास की छोटी बहन थी और दोनो में 2 साल का अंतर था..और नहाने के बाद तो ये उसकी सास से भी सेक्सी लग रही थी उसे, उनसे थोड़ी गोरी भी थी और इनका शरीर थोड़ा मांसल भी था..जैसा की अजय को पसंद था.
अजय उनके बेडरूम में होगा ये शायद उन्होने सोचा भी नही था....अजय को ऐसे अपनी छातियों की तरफ घूरता देखकर कुछ देर के लिए तो वो सकपका गयी पर अगले ही पल उनके चेहरे पर अजीब सी कातिलाना मुस्कान आ गयी...बेचारा अजय खुद ही झेंप गया उन्हे ऐसे मुस्कुराते हुए देखकर...वो समझ गया की उसकी चोरी पकड़ी गयी है.
अजय : "वो ...बस मैं .....देखने आया था की आप लोग उठे है की नही....''
नीलम मौसी उनके करीब आई और बोली : "मैं तो उठ कर नहा भी ली अजय...इन्हे देखिए ये तो ऐसे सो रहे है जैसे पूरी रात जागकर निकाली हो..''
अब अजय उन्हे कैसे बताता की उन्हे बेहोश करके उनके पति ने उनकी बहन की गांड मारी है,और ऐसी उम्र में इतनी मेहनत करके ऐसी ही नींद आती है..
अजय को उनके जिस्म से गुलाब के साबुन की खुश्बू आ रही थी, जो कुछ दिन पहले ही वो प्राची के लिए लाया था...वो भी जब नहा कर निकलती थी तो उसके बदन से भी ऐसी ही खुशबु निकलती है और अजय उसे अक्सर बाथरूम से निकलते ही दबोच लेता था और कुछ देर तक उसके जिस्म से लिपट कर मदहोशी के आलम में डूबा रहता था.उसे चूमता रहता था
पर अभी तो ये नही कर सकता था ना वो मौसी के साथ...बस एक गहरी साँस लेकर रह गया..
मौसी को तो जैसे उसकी उपस्थिति से कोई फ़र्क ही नही पड़ रहा था...वो बड़ी ही बेफिक्री से अपने बेग की तरफ गयी और उसे खोलकर अपने कपड़े निकालने लगी जो उन्होने आज पहनने थे, और अंत मे उन्होने अपनी पेंटी और ब्रा भी निकाल कर बेड पर रख दी...दोनो मेचिंग कलर की थी और अजय की नज़रें उन्हे देखकर कामुक होने लगी...वो ठरकी वहीं खड़ा रहा ..और बेशार्मों की तरह उनकी ब्रा पेंटी को घूरता रहा..
नीलम ने उसे ऐसा करते हुए देखा और वही पहले वाली मुस्कान फिर से उनके चेहरे पर आ गयी..अजय को लगा की ऐसे में उनके साथ कुछ ट्राइ किया जाए तो शायद बात बन सकती है..
वो कुछ बोलने ही वाला था की मौसी जी खुद ही बोल पड़ी : "अजय...तुम ज़रा बाहर जाओगे...मुझे कपड़े पहनने है...''
अजय के कान लाल हो गये ये सुनकर...बेचारा अपना सिर झुका कर बाहर निकल आया..
और सीधा अपने कमरे में जाकर बैठ गया..उसके लंड का बुरा हाल था वो स्टील रोड की तरह खड़ा था..
वो सोच रहा था की उस बंद दरवाजे के पीछे इस वक़्त नीलम मौसी अपना टावल उतार कर नंगी खड़ी होगी और एक-एक करके अपने कपड़े पहन रही होगी...
अजय ने अपनी आँखे बंद कर ली और दरवाजे के पीछे खड़ी नीलम मौसी को इमेजीन करने लगा..और तकिये के नीचे अपना हाथ लेजाकर अपने खड़े हुए लंड को मसलने लगा.
तभी उसके कानों में एक सुरीली आवाज़ टकराई : "गुड मॉर्निंग जीजू....''
उसने तुरंत अपनी आँखे खोल दी...उसने सोचा की उसकी साली पूजा आई है..पर ये तो रिया थी,नीलम मौसी की बेटी..
अजय : "गुड मॉर्निंग रिया...कैसी नींद आई तुम्हे कल रात...''
रिया : "बड़ी मस्त आई जीजू...अभी-2 उठी हूँ बस..पूजा तो अभी तक सो रही है ''
और इतना कहते-2 वो उनके बेड पर ही औंधी होकर लेट गयी, अजय की तरफ मुँह करके..और अपनी कोहनियां बिस्तर पर टीकाकार अजय से बातें करने लगी..
और ये एक ऐसा पोज़ था की अजय को उसने पूरा हिला कर रख दिया..रिया ने एक जीन्स और टी शर्ट पहनी हुई थी..और टी शर्ट का गला गोल और गहरा था,और ऐसी पोज़िशन में लेटने की वजह से उसके अंदर का सीन अजय को सिर्फ़ 2 फीट की दूरी से साफ़ दिख रहा था.उसकी टी शर्ट भी शॉर्ट थी इसलिए उसकी कमर वाला हिस्सा भी पूरा नंगा था.
रिया की उम्र 19 के करीब थी और उसने अभी अपनी जवानी की दहलीज पर कदम रखा ही था...उसके बूब्स भले ही छोटे थे पर थे पूरी गोलाई लिए हुए..ये अजय ने अभी-2 जाना क्योंकि उसने अंदर कोई ब्रा नही पहनी हुई थी..वो उसके निप्पल्स के घेरे तक अच्छी तरह से देख पा रहा था यानी सिवाए निप्पल के उसकी दोनों गोलाइयाँ उसके परोसी पड़ी थी ,वो भले ही 19 की हो चुकी थी पर उसकी हरकतों से लग रहा था की उसका बचपना अभी तक नही गया है..किसी के सामने कैसे बैठना है और अपने ''अंगों'' को कैसे छुपा कर रखना है इसका तरीका उसे अभी तक नही था..
वो बड़ी ही बेबाकी से उसके बेड पर उल्टी लेटी हुई थी और बोले ही जा रही थी..अजय सिर्फ़ हाँ - हूँ करके उसकी बातों का उत्तर देता रहा ...उसकी नज़रें तो उसके बूब्स को भेदने में लगी थी...कुछ दिनों पहले तक वो अपनी सास का दीवाना था, फिर अपनी साली का हो गया...आज सुबह वो अपनी सास की बहन को देखकर उत्तेजित हुआ तो अब वो उनकी कमसिन बेटी को अपनी आँखो से चोदने में लगा हुआ था...सच मे अजय की ठरक दिन ब दिन बढ़ती ही चली जा रही थी...उसके सामने जो-2 आ रहा था वो उनपर अपनी गंदी नज़रें डाल कर अपने ठरकीपन से उनका चक्षुचोदन करने में लगा हुआ था..
वो ये सोच ही रहा था की रिया की थोड़ी तेज आवाज़ आई उसके कानों में : ''हेल्लओ ......जीजू.....आप सुन भी रहे हैं मैने क्या कहा ....''
अजय जैसे नींद से जागा, उसकि नजरें अभी तक उसकी क्लिवेज देखने में लगी थी और वो झल्ली रिया को अब भी पता नही चल पा रहा था की अजय की नज़रें उसकी नन्ही कलियों को देखकर मदहोश हो रही हैं ..
अजय : "ओह्ह्ह ....सॉरी ....मैं कुछ सोच रहा था....बोलो...क्या कहा तुमने ....''
रिया : "मैं ये कह रही थी की आप मुझे कोई कंप्यूटर कोर्स सजेस्ट करो ना...मैने 6 महीने बाद इंजिनियरिंग का एंट्रेन्स देना है और मुझे कंप्यूटर में सिर्फ़ नॉर्मल ऑपरेट करना ही आता है...''
अजय की नजरें उसकी टी शर्ट के अंदर थी पर ध्यान अब उसकी तरफ ही आ चुका था, वो बोला : "कोई बात नही,मैं बता दूँगा तुम्हे...''
रिया : "बता नही दोगे, मेरा एडमिशन भी करवाओगे ...''
अजय : "एडमिशन ...पर तुम तो मुंबई में करोगी ना ये कोर्स ...''
रिया : "सर्प्राइज़.....मैं यहीं रहूंगी अब से...दिल्ली में , मौसी के घर ''
उसकी ये बात सुनकर अजय चोंक गया.
रिया : "आपको नही पता था ना...देखा,सर्प्राइज़ दिया ना आपको भी...मैने यहाँ आने से पहले ही डेड को बोल दिया था की मैं इंजिनियरिंग दिल्ली से ही करूँगी...यहाँ की वॅल्यू कुछ अलग ही है...''
वो बोले जा रही थी और अजय की बाँछे खिलती चली जा रही थी ये सुनकर...एक तरफ उसकी सास...दूसरी तरफ उसकी साली...और अब ये एक और साली...उसकी किस्मत में तो दिन ब दिन नया माल आता ही चला जा रहा है...
वो ये सोच ही रहा था की कमरे में प्राची आ गयी और रिया को ऐसे अजय के सामने लेटा हुआ देखकर ना जाने उसके दिमाग़ में क्या आया की वो घूमकर अजय की तरफ आकर खड़ी हो गयी...और वहाँ से उसने जब देखा की रिया का गला कितना खुलकर अपने अंगों का प्रदर्शन कर रहा है तो वो भड़क सी गयी और बोली : "रिया...ये क्या तरीका है अपने जीजाजी के सामने लेटने का ,तुम्हे कुछ समझ है या नही...चलो उठो...और बाहर आओ मेरे साथ...''
रिया बेचारी को तो कुछ समझ ही नही आया की उसकी कजन दीदी उसे ऐसे क्यो डांट रही है...अपने जीजू के सामने लेटने का भी कोई तरीका होता है क्या ..
अब उस बेचारी को कौन समझाए की जब जीजा ऐसा ठरकी हो तो हर चीज़ का तरीका होता है..
खैर, वो मायूस सा चेहरा लेकर बाहर निकल आई और प्राची उसे लेकर सीधा किचन में चली गयी..अजय भी चुपके से उठकर बाहर आ गया और किचन के बाहर खड़ा होकर उनकी बातें सुनने लगा..
क्योंकि उसे अपनी बीबी का नेचर पता था,वो अपने पति को लेकर काफ़ी पोस्सेसिव थी और ऐसे कोई भी लड़की आकर अगर उसे बहकाने की कोशिश करेगी तो वो रिएक्ट तो करेगी ही ना भले ही वो उसकी खुद की कजन सिस्टर हो.
प्राची : "तुझे तो अभी तक किसी चीज़ की समझ नही आई...एकदम बुद्धू है तू अभी भी...तुझे समझ नही थी की आपसे अपने जीजू के सामने लेटने से तेरी ब्रेस्ट दिख रही थी उन्हे...'' प्राची ने उसकी गोलाईयों की तरफ इशारा करते हुए कहा.
रिया ने अपनी छातियों को देखा और बड़े ही भोलेपन से बोली : "पर दीदी, ऐसे तो मैं अक्सर लेटा करती हू..पापा के सामने भी...मम्मी ने तो कभी कुछ नही कहा...और ना ही अभी जीजू ने मुझे टोका ...''
उसकी ये बात सुनकर बाहर खड़े अजय की हँसी निकल गयी..और अंदर खड़ी प्राची की भी...वो हंसते हुए बोली : "मेरी प्यारी गुड़िया, तू सच में बड़ी भोली है...ये बातें बोली नही जाती बल्कि खुद समझी जाती है...देख, मर्द को ये सब देखने में बड़ा मज़ा आता है, चाहे वो तेरे पापा हो या जीजू , इसलिए वो कभी नही टोकेंगे , तुझे खुद ही अपना समान उनकी नजरों से बचा कर रखना पड़ेगा...''
वो बड़ी गंभीरता से उसे समझा रही थी...
रिया : "पर दीदी, मुझे अभी क्या ज़रूरत है अपने बूब्स छुपाने की, ये तो छोटे-2 से है अभी...और मर्दों को तो बड़े-2 पसंद आते है...जैसे की आपके हैं''
प्राची (आँखे तरेर कर) : "तुझे कैसे पता...''
रिया : "वो मेरे स्कूल में कोई भी लड़का मुझे नही देखता था...मेरी दूसरी फ्रेंड्स को देखकर उन्हे छेड़ते थे,मैने एक दिन अपनी फ्रेंड्स से पूछा तो उसने ये बताया की लड़के बड़ी ब्रेस्ट वाली लड़कियो को ज़्यादा पसंद करते हैं...''
प्राची : "वो तेरे स्कूल की बात थी...अब तू बड़ी हो गयी है...और तेरे बूब्स भी..समझी..''
रिया की आँखे चमक उठी : "सच दीदी...आपको लगता है की मेरे बूब्स बड़े हो गये हैं...मुझे तो ऐसा लगा ही नहीं कभी ,जितने पिछले साल थे,उतने ही लगते हैं ''
वो दोनो हाथों से उन्हे थामकर उनका वजन नापने लगी.
प्राची : "ओफफो...तू बिल्कुल झल्ली है...मैं तुझे क्या समझने की कोशिश कर रही हू और तू है की मुझे ही अपनी बातों मे उलझा रही है...चल छोड़ ये सब और आगे से मेरी ये बात ध्यान रखना..''
पर वो सुन रही होती तो ध्यान रखती ना...वो तो ये सोचकर खुशी से दोहरी हो रही थी की उसकी दीदी ने उसकी बड़ी हुई ब्रेस्ट को नोटिस किया है..और अब उसे भी लड़के देखा करेंगे, जैसे उसकी फ्रेंड्स को देखा करते थे.
प्राची फिर से काम पर लग गयी और वो चमकती आँखो से बाहर निकल आई..
अजय भी फ़ौरन जाकर सोफे पर बैठ गया और अख़बार पड़ने लगा.
रिया उसके सामने आकर बैठ गयी , वो अभी तक अपनी दीदी की बातों में खोई हुई थी.
अजय : "क्या हुआ रिया, क्या सोच रही हो...दीदी क्यो डांट रही थी तुम्हे...''
रिया बिना सोचे समझे बोल पड़ी : "देखो ना जीजू, दीदी मुझे बोल रही थी की मैं आपके सामने ऐसे ना लेटू , मेरे बूब्स दिखेंगे आपको...अब आप ही बताओ,दीदी के बड़े बूब्स छोड़कर भला आप मेरे क्यो देखोगे...दीदी भी ना..''
अजय को उसके भोलेपन पर दया सी आ गयी,मुंबई मे रहकर भी वो ऐसी झल्लियो जैसी बातें कर रही थी उसे तो यकीन ही नही हुआ..वो उसके साथ आकर उसी सोफे पर बैठ गया और बोला : "तुम्हारी दीदी को इन बातों की समझ नही है ना इसलिए वो ऐसा बोल रही थी...लेकिन एक बात बोलू,दीदी से तो नही कहोगी ना...''
रिया ने भोलेपन से उत्तर दिया : "कहो ना जीजू, नही बोलूँगी दीदी से, मम्मी की कसम..''
उसने अपने गले पर हाथ लगाकर कहा.
अजय ने हिम्मत करते हुए मंद-2 मुस्कुराते हुए धीरे से कहा : "मुझे ना सच में तुम्हारे बूब्स बड़े पसंद आए...और सच कहु,मुझे ऐसे ही साइज़ के पसंद आते हैं...मम्मी की कसम''
उसने भी रिया की तरह अपने गले पर चुटकी काटकर उतने ही भोलेपन से कहा.
और अपने जीजू को अपने बूब्स की तारीफ करते देखकर रिया का चेहरा चमक उठा : "वाउ...सच में जीजू....मुझे तो लगा था की मर्दों को बड़े-2 पसंद आते हैं ...जैसे प्राची दीदी के हैं...मेरी माँ के हैं...मौसीजी के हैं...मेरी फ्रेंड नाज़िया हैं ''
वो सारे मोटे मुम्मों वालियों के नाम गिनवाने लगी...
अजय ने उसे बीच मे ही टोकते हुए कहा : "हाँ ...पर हर कोई एक जैसा नही होता ना...किसी को बड़े पसंद आते हैं और किसी को छोटे...और मुझे छोटे ही पसंद है...तुम्हारे जैसे...''
और उसने थोड़ी और हिम्मत करते हुए अपनी हथेली को उसकी दाँयी तरफ की ब्रेस्ट के नीचे लगाकर उसका वजन नाप लिया...और अजय की इस हरकत से पहली बार अजय ने उसकी आँखो में शर्म के भाव देखे ..
रिया : "ये क्या कर रहे हैं जीजू ....''
अजय : "ओह...सॉरी....बस बता रहा था की ये सच में बड़े सुंदर हैं....''
वो कुछ बोल पाती तभी बाहर से पूजा अंदर आ गयी...
उसने अपने जीजू को ऐसे अपनी कजन के इतने करीब बैठे हुए देखा तो उसका माथा ठनक गया...वो तो अच्छी तरह जानती थी अपने ठरकी जीजू की आदतों को..उस दिन वो उसकी माँ को घूर रहे थे और अब उसकी छोटी कजन रिया को...
वो करीब आई और बोली : "रिया की बच्ची , तू मुझे सोता छोड़कर अकेली यहाँ आ गयी...मुझे भी ले आती..''
अजय ने पूजा की तरफ देखा और उसके चेहरे के भाव देखकर वो समझ गया की उसके मन में क्या चल रहा है..शायद वो जेलिस फील कर रही थी..
और ये ख़याल आते ही अजय के दिमाग़ में एक बात आई...
वो रिया का इस्तेमाल करके पूजा को अपने जाल में फँसा सकता है...
क्योंकि अब तो रिया वहीं रहने वाली थी...और रिया अपनी कजन पूजा की तरह चालक नही थी, उसे वो आसानी से अपने जाल में फँसा सकता था..और रिया के थ्रू वो पूजा तक भी पहुँच सकता था...
उसके टार्गेट्स बढ़ते जा रहे थे...सासू माँ , मौसी जी, पूजा और अब रिया...पता नही कैसे करेगा वो..पर ठरकी अजय को अपने उपर पूरा यकीन था की वो ये काम कर ही लेगा..
कुछ ही देर में मौसी जी भी बाहर आ गयी...और उसकी सासू माँ भी उनके घर आ गयी, सबने मिलकर नाश्ता किया, और नाश्ता करते-2 ही मौसीजी ने रिया के वहीं दिल्ली में रहकर इंजिनियरिंग करने की बात बताई...उनकी बहन रजनी तो पहले से ही ये बात जानती थी..इन्फेक्ट सभी लोग जानते थे, सिर्फ़ अजय को ही नही मालूम था ये..
अगली सुबह मौसाजी और मौसीजी को निकलना था मुंबई के लिए और इससे पहले अजय एक बार मौसीजी पर और ट्राइ करके देखना चाहता था की जो उसे आज सुबह उनके बारे में लगा था वो सच है या नही..अगर उसकी पारखी नज़रें सही है तो वो अपनी तरफ से कोई रोक-टोक नही करेंगी...और इसके लिए अजय के पास कुछ ही घंटे बचे थे.
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