FUN-MAZA-MASTI
पापा प्लीज........29
रूपा की हालत तो अजीब हो चली थी... ना कुछ करते बन रही थी और ना कुछ कहते... डिम्पल भाभी मुस्काती हुई रूपा के चेहरे की बदलती रंग देख रही थी... रूपा भी अब सिर्फ डिम्पल भाभी की ही तरफ देखी जा रही थी...
कुछ देर की खामोशियाँ के बाद डिम्पल पूरी तरह उठ के बैठ गई...रूपा अभी भी स्टैचू बन भाभी की बूर की सुगंध ले रही थी पर रूपा के मन में तो कुछ और ही थी...
डिम्पल भाभी प्यार स् रूपा के सर पर हाथ फेरती पीछे गर्दन तक ले गई और अपने हाथ से रूपा की रूपा की सर पर दवाब दे डाली... रूपा के होंठ सीधी भाभी की बूर में जा धंसी... रूपा इसके लिए तैयार नहीं थी और वो छूटने की कोशिश करने लग गई...
रूपा को यूँ छटपटाती देख भाभी बोली,"रानी, इतना मत सोचो... मेरी बात मानोगी तो तुम्हें सारी कहानी बता दूँगी..." भाभी की बात सुन रूपा थोड़ी सहज हुई और अपनी तरफ से कर रही प्रयास को रोक दी...
जिसे देख भाभी ताकत लगाना छोड़ बस सिसकियाँ लेती रूपा के बाल सहलाने लगी... रूपा के होंठ भाभी की बूर के होंठ से चिपकी थी... रूपा जब अपने होंठों में हरकत लाई तो वो दंग रह गई... भाभी की बूर भी उसकी हरकतों का ताल से ताल मिला सहयोग देने लगी...मानों वो बूर नहीं,भाभी के होंठ हो...
एक दो बार होंठ से हल्की चूसी और रूपा हल्की सर उठाती हुई बोली,"कैसा बात भाभी..." और रूपा पुनः भाभी की बूर में घुस स्मूच किस की तरह किस करने लगी... भाभी की अब सिसकी तेज होने लगी तो रूपा ने अपनी जीभ उनकी बूर के बीच फंसा नचाने लगी...
डिम्पल भाभी तड़प सी गई और रूपा के बाल जोर से पकड़ ली और लगभग पूरी ताकत से रूपा को बूर से अलग कर दी... रूपा बालों के दर्द से हल्की चीख पड़ी... वो भाभी की तरफ हैरानी से देखने लगी...
डिम्पल लम्बी साँस लेती कुछ नॉर्मल हुई तो रूपा को देख हल्की मुस्कुरा पड़ी और अपने हाथ से रूपा के होंठों पर लगी अपनी बूर की पानी पोंछती बोली,"बेबी, बिल्कुल नई नवेली हो... लगता है सिखाना पड़ेगा सबकुछ...किस करना है तो निरंतर होनी चाहिए... पूरी हवसी बननी होती है ताकि मैं कितनी भी ताकत लगाऊं उससे हर वक्त अधिक ताकत लगानी होगी..."
रूपा भाभी की बात समझ हल्की सी मुस्कुरा दी और वो बेड पर भाभी के ठीक सामने बैठ गई... अपनी नजर सामने बैठी भाभी की नाम की लपेटी साड़ी को पकड़ अलग करती बोली,"भाभी, बताओ ना कौन सी बात माननी होगी.."
डिम्पल भाभी की साड़ी पल भर में हट गई और ब्लाउज ब्रॉ भी उसी पल भी हट अलग पड़ी थी... रूपा डिम्पल भाभी की बनावट को गौर से निहारे जा रही थी... डिम्पल भाभी अपने बाल ढ़ंग से पीछे की और आगे रूपा की तरफ खिसक के बिल्कुल सट गई...
अगली पल भाभी रूपा की समीज पकड़ी और सर की तरफ कर उसे भी नंगी करने लगी... रूपा बिना किसी हिचक के मुस्कुराती पूरी सहयोग दी...अगले ही पल रूपा सिर्फ ब्रॉ में थी... भाभी अब रूपा की सलवार की नाड़े खोलती हुई बोली...
डिम्पल,"देखो रूपा, मेरी बात बस छोटी सी है... बस उसी पर अम्ल करने की जरूरत है..." तब तक नाड़े खुल गई और रूपा घुटनों पर खड़ी हो गई...सलवार नीचे सरक गई...फिर बैठती हुई पैर सीधी करती हुई बोली,"मतलब भाभी..."
डिम्पल रूपा की सीधी पैरों से सलवार खींच अलग करती बोली,"मतलब मेरी इच्छा है कि तुम जो ऐसे जासूसी की तरह जानना चाहती हो ना, वो छोड़ दो... मतलब अभी से इस बारे में तुम कभी सोचोगी भी नहीं... मैं सब बताने को तैयार हूँ..."
रूपा को थोड़ी हैरानी हुई कि आखिर क्यों? भाभी ऐसा क्यों चाहती है? जबकि इनसे उनको भी राहत तो मिल सकती है... भाभी ऐसा नहीं चाहती है मतलब भाभी अपनी मर्जी से ये सब कर रही है...
तब तक डिम्पल की उंगलिया रूपा की पैंटी में फंस गई और खींचने लग गई...रूपा कमर को कुछ पलों के लिए हवा में करती बोली,"भाभी, अगर आप अपनी मर्जी से ये सब करती हो तो कोई बात नहीं... पर आप जैसी सब तो नहीं करती होगी...कोई ऐसी भी तो होगी जिससे जबरदस्ती करवाई जा रही होगी..."
पैंटी रूपा से अलग हो चली थी और डिम्पल भाभी रूपा की कोरी बूर आँख गड़ाए देख रही थी...एकदम कसी हुई... फांक के बदले बस लकीर दिख रही थी... भाभी रूपा की बात सुनने के बावजूद कोई जवाब ना दी और अपनी उंगली उन लकीर पर रख थोड़ी जवाब से चलाने लगी...
अंगली लकीर को दाब जरूर रही थी पर रास्ता नहीं बना पा रही थी... डिम्पल भाभी अचानक मुट्ठी में रूपा की बुर जकड़ ली और जोर से उमेठ दी... रूपा "आहह भाभी" करती चिहुंक पड़ी...
डिम्पल,"हाँ रूपा, मैं भी अपने मन से नहीं गई थी... पर वहाँ इनकी सेवा ऐसी होती है ना कि हर किसी की मर्जी हो जाती..." भाभी कहती हुई हंस पड़ी... रूपा समझ गई थी कि किसकी सेवा...
रूपा कुछ और बोलती इससे पहले कुछ बोलती, डिम्पल रूपा को धक्के देती पीछे कर देती है..रूपा बेड पर चित्त लेट जाती है... डिम्पल भाभी अगले ही पल बूर से बूर , चूची से चूची मिलाती रूपा पर चढ़ जाती है...
रूपा हल्की मुस्कुरा पड़ती...अगली वार डिम्पल भाभी रूपा के होंठों पर करती है... दोनों स्मूच किस में भिड़ जाते हैं...डिम्पल भाभी किस में ही ना जाने कितने पैंतरा दिखा दी... रूपा तो इतनी में ही घायल सी हो गई और भाभी को जकड़ चीखती हुई झड़ गई...
दोनों की रस से बूर नहा चुकी थी दोनों की... डिम्पल भाभी की बूर आदतन रूपा की बूर पकड़ने की कोशिश करती पर कसी बूर कैसे पकड़ पाती... बस रगड़ रही थी... डिम्पल किस तोड़ती बोली...
डिम्पल,"रूपा, मैं तुम्हें अपनी सबसे अच्छी दोस्त मानती हूँ... तभी कह रही हूँ इन बातों से मतलब छोड़ने की... तुम पर हर पल नजर रखी जा रही है... तुम कब किससे मिलती हो, कहाँ जाती हो, वगैरह वगैरह... यहाँ तक कि फोन भी हैक हो चुकी है घर की और तुम क्या बात करती हो वो भी मालूम चल रही है..."
रूपा झड़ने के बाद शिथिल रूप में आँखें बंद की भाभी की बात बस सुने जा रही थी... डिम्पल भाभी,"और तुम अभी तक उनकी नजर में उतनी आगे नहीं बढ़ी हो कि उनका कुछ बिगड़ सके, इसलिए अभी तक सेफ हो... जिस दिन आगे बढ़ गई उस दिन तुम कितनी भी कोशिश करोगी बच नहीं सकती... यहाँ तो कईयों ने उन लोगों को पकड़वाने की कोशिश की पर अगले ही दिन उनके हाथ में उनकी ही बीवी बेटी की क्लिप चली जाती हैं तो क्या कर सकता है फिर वो..."
रूपा अब कुछ नॉर्मल हुई तो आँख खोल ली...भाभी रूपा की ओर देख आगे बोली,"ऐसी बात नहीं है कि वे हर किसी के साथ ऐसा करते हैं... जो उन्हें अपनी आँख दिखाते हैं, सिर्फ वही सब उनका शिकार होते हैं...जो मतलब नहीं रखते वे हमेशा सेफ रहते हैं..."
रूपा सारी बात समझ निश्चिंत होने जैसी मुद्रा में धीमी गति से आँख मूंद खोलती बोली,"पर भाभी वो लोग कौन हैं... ये सब गलत क्यों कर रहे हैं?"
डिम्पल भाभी,"सब बता दूंगी पर पहले प्रॉमिश कर कि तू आज से इन सब से मतलब नहीं रखेगी... मैं अपनी अच्छी दोस्त को ऐसे नहीं देखना चाहती..."
रूपा भाभी की बात सुन अपने दोनों को जोर से भींच कुछ सोची और हल्की सी मुस्कान लाती बोली,"प्रॉमिश भाभी, पर आप हमें सब बताओगी...कुछ नहीं छिपाओगी..."
डिम्पल भाभी खुशी से भर गई और रूपा की एक चुची पकड़ जोर से दबाती बोली,"एकदम सारी बात बता दूँगी... कहोगी तो मैं अपनी सब क्लिप भी दिखा दूँगी... बस ये बात हम दोनों के बीच रहनी चाहिए..."
रूपा की दिमाग घनघना सी गई क्लिप की बात सुन... वो हंसती हुई बोली,"ओके..."
डिम्पल भाभी,"यहाँ तक कि कनक को भी नहीं...समझी..." रूपा तुरंत हामी भर दी... रूपा अब तक जान ही चुकी थी कि भाभी जानती हैं कि मैं कनक के साथ ही ये सब कर रही थी... तो उसने कोई सवाल नहीं की...
डिम्पल भाभी अगले ही पल रूपा से हटी और तुरंत ही अपनी बूर रूपा के मुंह के समीप लाती बोली,"अच्छा पहले मेरी बन्नो की सेवा कर फिर..." रूपा भाभी की बन्नो को देख मुस्कुरा दी जो लार टपका रही थी...
डिम्पल भाभी 6-9 पोज में आ चुकी थी... रूपा भाभी की कमर पकड़ ली और तब तक डिम्पल अपनी कमर नीचे कर अपनी बूर रूपा के होंठ से सटा दी...बूर की मीठी व भीनी सुगंध पाते ही रूपा कामुक हो गई और बूर को लपक सी ली...
डिम्पल भाभी की बूर पर हमले होते ही भाभी आहह भर गई और सिसकती हुई रूपा की दोनों जांघे फैला अपनी होंठ रूपा की नई नवेली बन्नों पर चिपका दी... भाभी की खेली खाई होंठ से रूपा तड़प सी गई और भाभी की कमर कस भाभी की बूर को लगभग काट सी ली...
दोनों की बूर एक दूसरी की मुँह को रस से भिंगोने लगी थी... रूपा जहाँ अंदर तक जीभ आसानी से घुसा स्वाद ले रही थी वहीं डिम्पल भाभी रूपा की बूर खोलने की कोशिश में ही लगी थी... मजबूरन वो बस जितनी संभव होती उतनी ही जीभ से कुरेदती...
करीब दस मिनट तक ये चलता रहा और इस बार रूपा भी थोड़ी रूक गई झड़ने में... डिम्पल भाभी जब चरम सीमा पर पहुंच रही थी तो भाभी कामुकतावश अपने होंठ रूपा की बूर से हटा अपनी एक अंगुली दांत पीसती बूर में ठेल दी...
रूपा के लिए इतनी ही काफी थी...वो भाभी की बूर लगभग काट ही ली...जिसे डिम्पल बर्दाश्त नहीं कर सकी और ढ़ेर सारी पानी बहा दी... रूपा आँख मुंह बंद कर ली और बूर की रस अपने चेहरे पर बरसने दी... रूपा की बूर भी डिम्पल के चेहरे को नहला दी...
झड़ने के बाद डिम्पल बेड पर लुढ़क गई... दोनों हाँफ रही थी... कुछ ही देर में नॉर्मल हो गई तो डिम्पल आँख खोल सर उठा देखी तो रूपा की आँखें अभी भी बंद थी और चेहरे पर असीम सुख...
डिम्पल भाभी के गाल के समीप रूपा की चिकनी जांघे अपनी चमक बिखेड़ रही थी .. डिम्पल भाभी अपने होंठ गोल करती उस पर चुंबन जड़ दी... रूपा इन चुंबन से सिहर कर मुस्कुरा कर शर्मा गई और अपने हाथ अपनी आँखों पर रख ली...
डिम्पल भाभी हल्की उठती हुई जांघों को सहलाती नीचे की तरफ बढ़ी और रूपा के एक पैर उठा अंगूठे को मुंह में भर ली... फिर अंगूठे को चूसती हुई बाहर की और रूपा की गोरी पांवो पर किस की झड़ी लगा दी... रूपा गुदगुदी और रोमांच से भर गई...
जब रूपा से बर्दाश्त नहीं हुई तो आखिर बोल ही पड़ी,"प्लीज भाभीईईईस्स्स...छोड़ दो..." डिम्पल भाभी बैठती हुई बोली,"मजा आया..." रूपा बेचारी क्या कहती... दो दो बार झड़ चुकी और भाभी अब पूछ रही है...
डिम्पल भाभी पुनः किस की और पूछी,"बोल ना...मजा आया या फिर और कुछ करूँ..." रूपा हंसती हुई बोली,"बहुत...अब छोड़ दो ना... दो बार तो हार गई आपसे..."
डिम्पल,"हम्म्म..." डिम्पल भाभी हंसती हुई हामी भरी और अपने पैर सीधी करती सीधी रूपा के होठों पर रख अंगूठे से सहलाती बोली,"तो एक बार मुझे भी हराने की कोशिश तो कर..."
रूपा भाभी के पैर के स्पर्श होंठों पर पा आँख खोली और चूमती हुई बोली,"अगली बार जरूर हरा दूंगी...आज नहीं हो सकती..." और रूपा बेड के सहारे उठ गई... डिम्पल भाभी हंसती हुई रूपा को उठने दी... रूपा उठते ही बाथरूम में घुस गई... पीछे पीछे डिम्पल भी...
दोनों फ्रेश हुई और वापस बेडरूम में आ कपड़े पहनने लगी...साथ ही रूपा बोली,"भाभी, अब बताओ अपने उन लोगों के बारे में..." डिम्पल भाभी रूपा की तरफ देख मुस्काती हुई बोली...
डिम्पल,"इतनी भी क्या जल्दी है... पहले मैं जान तो लूँ कि मेरी रूपा सच में इन सब से अलग हुई या फिर..."
रूपा भाभी की बात सुनते ही नाराजगी सी होती बोली,"क्या भाभी, आपको भरोसा नहीं है मुझ पर..." डिम्पल हंसती हुई बोली,"भरोसा है तभी तो ये सब बताई हूँ... बस भरोसे को मत तोड़ना..."
रूपा,"हम्म्म...अब बता भी दो..."
डिम्पल,"ठीक है...तो आज दो बजे बाहर कैम्पस में रहना...आज वो आर.जे. हैं ना वो तो जानते ही हो तुम..."
रूपा उत्सुकुता भरी नजरों से डिम्पल के होंठों पर नजर टिका दी जो खुलते बंद होते हर शब्द कह रही थी... भाभी के जवाब में रूपा बस "हाँ..." कह सकी...
डिम्पल,"उन्होंने दो बजे आने बोले हैं...कोई बाहर के क्लाइंट हैं... देख लेना किसके साथ जाउंगी..." कहती हुई डिम्पल अपनी एक आँख दबा दी और हंस पड़ी...
रूपा की तो आँखें फटी रह गई... एक बार तो उस पर बिजली गिरने सी महसूस हो रही थी... मन ही मन सोच रही थी कि कैसी है तू...जिस बात से तू परेशान थी उसी बात से भाभी कितनी खुश है...रूपा खुद ठगी सी महसूस कर रही थी...
खैर बिना कुछ बोले रूपा बस मुस्कुरा दी... दोनों अपने कपड़े पहन लिए थे... रूपा कुछ नॉर्मल सी होती बोली,"हम्म्म्म, कितने देर में फ्री होगी वहाँ..."
डिम्पल भाभी तब तक आइने के समीप जा बालों को संवारते बोली,"अधिकतम दो घंटे... मैं इससे ज्यादा समय नहीं देती... घर भी वापस आनी होती है ना..."
रूपा,"हम्म्म्म, फिर तो दो चार राउंड हो ही जाएंगे इतने समय में..." बात कहती हुई रूपा आगे बढ़ भाभी को पीछे से कमर पकड़ हंस दी... जबकि रूपा की बात सुन डिम्पल नाक भौं सिकुड़ाती बोली...
डिम्पल,"इतना आसान नहीं...एक ही बार में इतना निचोड़ लेती कि दुबारा उसमें ताकत ही नहीं बचती कि करने की सोचेगा भी..."
रूपा अब पूरी तरह चुगलबंदी पर उतरती हुई बोल पड़ी,"तब तो आपके लिए कम से कम दो आदमी होने चाहिए, फिर आपकी अक्ल ठिकाने लगेंगे...आर.जे. बात करवाइए उनको बोलती हूँ दो को भेजे..."
डिम्पल रूपा की ऐसी बात सुन चौंकती सी पीछे पलट के देखी तो रूपा झट से हंसती हुई उनके होंठों पर किस जमा दी... फिर डिम्पल मुस्काती हुई बोली,"बड़ी जल्दी जल्दी आगे बढ़ रही है इन बातों में...क्या बात है.."
रूपा,"बात क्या रहेगी भाभी?आपकी ननद हूँ तो कुछ असर पड़ेगी ही..." इतनी बात सुनते ही डिम्पल चट से पीछे पलटी और रूपा की कान पकड़ के उमेठती हुई बोली,"शैतान कहीं की.. इन्हीं सब के लिए मैं तब से इतनी बोली कि तुम भी मेरी तरह बन जाओ..."
रूपा दर्द से बिलबिलाती हुई थोड़ी मुस्कान के साथ बोली,"नहींईईई भाभी...मैं तो बस बातों की असर कह रही थी...और कुछ नहीं..." डिम्पल रूपा की बात सुन कान छोड़ बोली,"चल ठीक है फिर...भरोसा की हूँ तो याद रखना अभी से सोचना भी नहीं है... जो भी जानने की इच्छा हुई तो मुझसे पूछ लेना...और ये सब बातें बस हम दोनों के बीच..."
रूपा डिम्पल भाभी की बात सुन टपक पड़ी,"याद है भाभी...अभी से इस पर कोई बात नहीं...और ना कोई जासूसी...अब खुश..." डिम्पल भाभी बस मुस्कुरा दी... वापस आइने में देख होठों पर लिपलॉज लगाने लगी...
लिपलॉज लगाने के बाद बोली,"पता है आर.जे. आज ऑलरेडी दो क्लाइंट बुक किए हुए हैं..." ये सुनते ही रूपा की लगभग चीख सी निकल गई...
रूपा,"व्हॉट...भाभी... तो सच में आप दो दो से एक साथ...ओह गॉड..." डिम्पल बिल्कुल सामान्य सी मुस्कान देती हुई हां में सर हिला दी... रूपा बड़ी बड़ी आँखें करती देख रही थी...
डिम्पल अब तक हल्की मेकअप कर चुकी...वो अक्सर ऐसी ही रहती थी... वो वापस आ रूपा को ऐसीअपनी तरफ अब तक देखती पा आश्चर्य से बोली,"क्या हुआ.."
रूपा डिम्पल भाभी की बात सुन चौंक गई...वो पता नहीं क्या क्या सीन दिमाग में पैदा कर रही थी... वो अचानक होश में आई और डिम्पल भाभी को सामने देख दांत पीसती हुई हाथ बढ़ा चुचियाँ पकड़ चुटकी से रगड़ती हुई बोली,"शाली, बिल्कुल रंडी हो गई..."
डिम्पल भाभी दर्द से कुलबुला गई पर उन्हें रूपा की ये बात और हैरान कर गई... वो सोच में पड़ गई कि रूपा के मुह से ऐसे शब्द आज तक नहीं सुनी थी... पर आज...
डिम्पल भी पीछे नहीं हटी और दबोचती हुई रूपा की दोनों चुची पर कब्जा जमाती हुई रगड़ती हुई बोली,"रंडी की भाषा सुनने की इच्छा हो रही है तो बोल ना...सुनाती हूँ...और कहो तो इन दोनों को रंडी वाली हालत बना दूँ..."
रूपा अब छूटने की कोशिश करती हुंकारती हुई हंसी जा रही थी पर भाभी की हाथ मानों किसी चुंबक की तरह चुची पर धाक जमा चुकी थी... रूपा किसी तरह बोली,"भाभी प्लीईईईईज...कपड़े खराब हो जाएंगे..."
और तभी दोनों धम्म से बेड पर हंसती हुई...रूपा नीचे,डिम्पल ऊपर... रूपा के दोनों हाथ डिम्पल के हाथ परऔर डिम्पल की हाथ अपनी जगह यानी रूपा की गोल मटोल चुची पर...
डिम्पल,"रंडी की चुची के पास कपड़े हमेशा खराब ही रहते है और बूर की जगह मैली...तेरी भी हो जाएगी तो क्या आफत आ जाएगी..."कहती हुई डिम्पल हंस पड़ी...
रूपा,"मैं रंडी थोड़े ही हूँ...आईईईईईईई भाभीईईई...दर्द कर रही...उफ्फ्फ्फ्फ..."
डिम्पल,"मेरी रंडी तो है ना..."कहती हुई डिम्पल कपड़ों के ऊपर से एक चुची छोड़ उस पर दांत गड़ा काटने लग गई... रूपा किकियाती हुई सर पटकती हुई बोली...
रूपा,"आआआहहहहहईईई भाभी...हाँ हूँ...आपकी हूँ...अब छोड़ो...दर्द हो रही आउच्चचचचचच...."
डिम्पल,"क्या हो...पूरी और शुद्ध शुद्ध बोलो...तब छोड़ूंगी..." अब रूपा और सहन करने की हालत में नहीं थी...उसकी आँखें हल्की आँसू से भर आई थी... वो जल्द से जल्द छूटने में लगी थी...
रूपा,"हाँ...मैं आपकी रंडी हूँ...प्लीज..."
ये सुनते ही डिम्पल भाभी हंसती हुई चुतियाँ को आजाद कर दी अपने कब्जे से... रूपा एक लम्बी राहत की साँस ली और हाँफती हुई चुचियाँ खुद सहला दर्द मिटाने की कोशिश करने लगी...
फिर रूपा उठी और बोली,"भाभी, अब तो रोज कहूँगी... "
डिम्पल,"नो प्रॉब्लम, वैसे मैं भी कह सकती अब...तुम कबूल भी की हो अभी..."
रूपा,"हाँ, जबरदस्ती से कहलवाए हैं..."
डिम्पल,"जैसे भी हो कबूल तो की ना..."
दोनों की हंसी मंद मंद बाहर आ रही थी... रूपा कपड़े ठीक की और बाहर निकलते हुई बोली,"दो बजे...इंतजार करूँगी मेरी रंडी भाभी..."
डिम्पल,"ऑफकोर्स करना मेरी प्यारी रंडी...बस बेहोश मत होना..." फिर रूपा हंसती हुई निकल गई... पीछे डिम्पल भी हंस पड़ी....
पापा प्लीज........29
रूपा की हालत तो अजीब हो चली थी... ना कुछ करते बन रही थी और ना कुछ कहते... डिम्पल भाभी मुस्काती हुई रूपा के चेहरे की बदलती रंग देख रही थी... रूपा भी अब सिर्फ डिम्पल भाभी की ही तरफ देखी जा रही थी...
कुछ देर की खामोशियाँ के बाद डिम्पल पूरी तरह उठ के बैठ गई...रूपा अभी भी स्टैचू बन भाभी की बूर की सुगंध ले रही थी पर रूपा के मन में तो कुछ और ही थी...
डिम्पल भाभी प्यार स् रूपा के सर पर हाथ फेरती पीछे गर्दन तक ले गई और अपने हाथ से रूपा की रूपा की सर पर दवाब दे डाली... रूपा के होंठ सीधी भाभी की बूर में जा धंसी... रूपा इसके लिए तैयार नहीं थी और वो छूटने की कोशिश करने लग गई...
रूपा को यूँ छटपटाती देख भाभी बोली,"रानी, इतना मत सोचो... मेरी बात मानोगी तो तुम्हें सारी कहानी बता दूँगी..." भाभी की बात सुन रूपा थोड़ी सहज हुई और अपनी तरफ से कर रही प्रयास को रोक दी...
जिसे देख भाभी ताकत लगाना छोड़ बस सिसकियाँ लेती रूपा के बाल सहलाने लगी... रूपा के होंठ भाभी की बूर के होंठ से चिपकी थी... रूपा जब अपने होंठों में हरकत लाई तो वो दंग रह गई... भाभी की बूर भी उसकी हरकतों का ताल से ताल मिला सहयोग देने लगी...मानों वो बूर नहीं,भाभी के होंठ हो...
एक दो बार होंठ से हल्की चूसी और रूपा हल्की सर उठाती हुई बोली,"कैसा बात भाभी..." और रूपा पुनः भाभी की बूर में घुस स्मूच किस की तरह किस करने लगी... भाभी की अब सिसकी तेज होने लगी तो रूपा ने अपनी जीभ उनकी बूर के बीच फंसा नचाने लगी...
डिम्पल भाभी तड़प सी गई और रूपा के बाल जोर से पकड़ ली और लगभग पूरी ताकत से रूपा को बूर से अलग कर दी... रूपा बालों के दर्द से हल्की चीख पड़ी... वो भाभी की तरफ हैरानी से देखने लगी...
डिम्पल लम्बी साँस लेती कुछ नॉर्मल हुई तो रूपा को देख हल्की मुस्कुरा पड़ी और अपने हाथ से रूपा के होंठों पर लगी अपनी बूर की पानी पोंछती बोली,"बेबी, बिल्कुल नई नवेली हो... लगता है सिखाना पड़ेगा सबकुछ...किस करना है तो निरंतर होनी चाहिए... पूरी हवसी बननी होती है ताकि मैं कितनी भी ताकत लगाऊं उससे हर वक्त अधिक ताकत लगानी होगी..."
रूपा भाभी की बात समझ हल्की सी मुस्कुरा दी और वो बेड पर भाभी के ठीक सामने बैठ गई... अपनी नजर सामने बैठी भाभी की नाम की लपेटी साड़ी को पकड़ अलग करती बोली,"भाभी, बताओ ना कौन सी बात माननी होगी.."
डिम्पल भाभी की साड़ी पल भर में हट गई और ब्लाउज ब्रॉ भी उसी पल भी हट अलग पड़ी थी... रूपा डिम्पल भाभी की बनावट को गौर से निहारे जा रही थी... डिम्पल भाभी अपने बाल ढ़ंग से पीछे की और आगे रूपा की तरफ खिसक के बिल्कुल सट गई...
अगली पल भाभी रूपा की समीज पकड़ी और सर की तरफ कर उसे भी नंगी करने लगी... रूपा बिना किसी हिचक के मुस्कुराती पूरी सहयोग दी...अगले ही पल रूपा सिर्फ ब्रॉ में थी... भाभी अब रूपा की सलवार की नाड़े खोलती हुई बोली...
डिम्पल,"देखो रूपा, मेरी बात बस छोटी सी है... बस उसी पर अम्ल करने की जरूरत है..." तब तक नाड़े खुल गई और रूपा घुटनों पर खड़ी हो गई...सलवार नीचे सरक गई...फिर बैठती हुई पैर सीधी करती हुई बोली,"मतलब भाभी..."
डिम्पल रूपा की सीधी पैरों से सलवार खींच अलग करती बोली,"मतलब मेरी इच्छा है कि तुम जो ऐसे जासूसी की तरह जानना चाहती हो ना, वो छोड़ दो... मतलब अभी से इस बारे में तुम कभी सोचोगी भी नहीं... मैं सब बताने को तैयार हूँ..."
रूपा को थोड़ी हैरानी हुई कि आखिर क्यों? भाभी ऐसा क्यों चाहती है? जबकि इनसे उनको भी राहत तो मिल सकती है... भाभी ऐसा नहीं चाहती है मतलब भाभी अपनी मर्जी से ये सब कर रही है...
तब तक डिम्पल की उंगलिया रूपा की पैंटी में फंस गई और खींचने लग गई...रूपा कमर को कुछ पलों के लिए हवा में करती बोली,"भाभी, अगर आप अपनी मर्जी से ये सब करती हो तो कोई बात नहीं... पर आप जैसी सब तो नहीं करती होगी...कोई ऐसी भी तो होगी जिससे जबरदस्ती करवाई जा रही होगी..."
पैंटी रूपा से अलग हो चली थी और डिम्पल भाभी रूपा की कोरी बूर आँख गड़ाए देख रही थी...एकदम कसी हुई... फांक के बदले बस लकीर दिख रही थी... भाभी रूपा की बात सुनने के बावजूद कोई जवाब ना दी और अपनी उंगली उन लकीर पर रख थोड़ी जवाब से चलाने लगी...
अंगली लकीर को दाब जरूर रही थी पर रास्ता नहीं बना पा रही थी... डिम्पल भाभी अचानक मुट्ठी में रूपा की बुर जकड़ ली और जोर से उमेठ दी... रूपा "आहह भाभी" करती चिहुंक पड़ी...
डिम्पल,"हाँ रूपा, मैं भी अपने मन से नहीं गई थी... पर वहाँ इनकी सेवा ऐसी होती है ना कि हर किसी की मर्जी हो जाती..." भाभी कहती हुई हंस पड़ी... रूपा समझ गई थी कि किसकी सेवा...
रूपा कुछ और बोलती इससे पहले कुछ बोलती, डिम्पल रूपा को धक्के देती पीछे कर देती है..रूपा बेड पर चित्त लेट जाती है... डिम्पल भाभी अगले ही पल बूर से बूर , चूची से चूची मिलाती रूपा पर चढ़ जाती है...
रूपा हल्की मुस्कुरा पड़ती...अगली वार डिम्पल भाभी रूपा के होंठों पर करती है... दोनों स्मूच किस में भिड़ जाते हैं...डिम्पल भाभी किस में ही ना जाने कितने पैंतरा दिखा दी... रूपा तो इतनी में ही घायल सी हो गई और भाभी को जकड़ चीखती हुई झड़ गई...
दोनों की रस से बूर नहा चुकी थी दोनों की... डिम्पल भाभी की बूर आदतन रूपा की बूर पकड़ने की कोशिश करती पर कसी बूर कैसे पकड़ पाती... बस रगड़ रही थी... डिम्पल किस तोड़ती बोली...
डिम्पल,"रूपा, मैं तुम्हें अपनी सबसे अच्छी दोस्त मानती हूँ... तभी कह रही हूँ इन बातों से मतलब छोड़ने की... तुम पर हर पल नजर रखी जा रही है... तुम कब किससे मिलती हो, कहाँ जाती हो, वगैरह वगैरह... यहाँ तक कि फोन भी हैक हो चुकी है घर की और तुम क्या बात करती हो वो भी मालूम चल रही है..."
रूपा झड़ने के बाद शिथिल रूप में आँखें बंद की भाभी की बात बस सुने जा रही थी... डिम्पल भाभी,"और तुम अभी तक उनकी नजर में उतनी आगे नहीं बढ़ी हो कि उनका कुछ बिगड़ सके, इसलिए अभी तक सेफ हो... जिस दिन आगे बढ़ गई उस दिन तुम कितनी भी कोशिश करोगी बच नहीं सकती... यहाँ तो कईयों ने उन लोगों को पकड़वाने की कोशिश की पर अगले ही दिन उनके हाथ में उनकी ही बीवी बेटी की क्लिप चली जाती हैं तो क्या कर सकता है फिर वो..."
रूपा अब कुछ नॉर्मल हुई तो आँख खोल ली...भाभी रूपा की ओर देख आगे बोली,"ऐसी बात नहीं है कि वे हर किसी के साथ ऐसा करते हैं... जो उन्हें अपनी आँख दिखाते हैं, सिर्फ वही सब उनका शिकार होते हैं...जो मतलब नहीं रखते वे हमेशा सेफ रहते हैं..."
रूपा सारी बात समझ निश्चिंत होने जैसी मुद्रा में धीमी गति से आँख मूंद खोलती बोली,"पर भाभी वो लोग कौन हैं... ये सब गलत क्यों कर रहे हैं?"
डिम्पल भाभी,"सब बता दूंगी पर पहले प्रॉमिश कर कि तू आज से इन सब से मतलब नहीं रखेगी... मैं अपनी अच्छी दोस्त को ऐसे नहीं देखना चाहती..."
रूपा भाभी की बात सुन अपने दोनों को जोर से भींच कुछ सोची और हल्की सी मुस्कान लाती बोली,"प्रॉमिश भाभी, पर आप हमें सब बताओगी...कुछ नहीं छिपाओगी..."
डिम्पल भाभी खुशी से भर गई और रूपा की एक चुची पकड़ जोर से दबाती बोली,"एकदम सारी बात बता दूँगी... कहोगी तो मैं अपनी सब क्लिप भी दिखा दूँगी... बस ये बात हम दोनों के बीच रहनी चाहिए..."
रूपा की दिमाग घनघना सी गई क्लिप की बात सुन... वो हंसती हुई बोली,"ओके..."
डिम्पल भाभी,"यहाँ तक कि कनक को भी नहीं...समझी..." रूपा तुरंत हामी भर दी... रूपा अब तक जान ही चुकी थी कि भाभी जानती हैं कि मैं कनक के साथ ही ये सब कर रही थी... तो उसने कोई सवाल नहीं की...
डिम्पल भाभी अगले ही पल रूपा से हटी और तुरंत ही अपनी बूर रूपा के मुंह के समीप लाती बोली,"अच्छा पहले मेरी बन्नो की सेवा कर फिर..." रूपा भाभी की बन्नो को देख मुस्कुरा दी जो लार टपका रही थी...
डिम्पल भाभी 6-9 पोज में आ चुकी थी... रूपा भाभी की कमर पकड़ ली और तब तक डिम्पल अपनी कमर नीचे कर अपनी बूर रूपा के होंठ से सटा दी...बूर की मीठी व भीनी सुगंध पाते ही रूपा कामुक हो गई और बूर को लपक सी ली...
डिम्पल भाभी की बूर पर हमले होते ही भाभी आहह भर गई और सिसकती हुई रूपा की दोनों जांघे फैला अपनी होंठ रूपा की नई नवेली बन्नों पर चिपका दी... भाभी की खेली खाई होंठ से रूपा तड़प सी गई और भाभी की कमर कस भाभी की बूर को लगभग काट सी ली...
दोनों की बूर एक दूसरी की मुँह को रस से भिंगोने लगी थी... रूपा जहाँ अंदर तक जीभ आसानी से घुसा स्वाद ले रही थी वहीं डिम्पल भाभी रूपा की बूर खोलने की कोशिश में ही लगी थी... मजबूरन वो बस जितनी संभव होती उतनी ही जीभ से कुरेदती...
करीब दस मिनट तक ये चलता रहा और इस बार रूपा भी थोड़ी रूक गई झड़ने में... डिम्पल भाभी जब चरम सीमा पर पहुंच रही थी तो भाभी कामुकतावश अपने होंठ रूपा की बूर से हटा अपनी एक अंगुली दांत पीसती बूर में ठेल दी...
रूपा के लिए इतनी ही काफी थी...वो भाभी की बूर लगभग काट ही ली...जिसे डिम्पल बर्दाश्त नहीं कर सकी और ढ़ेर सारी पानी बहा दी... रूपा आँख मुंह बंद कर ली और बूर की रस अपने चेहरे पर बरसने दी... रूपा की बूर भी डिम्पल के चेहरे को नहला दी...
झड़ने के बाद डिम्पल बेड पर लुढ़क गई... दोनों हाँफ रही थी... कुछ ही देर में नॉर्मल हो गई तो डिम्पल आँख खोल सर उठा देखी तो रूपा की आँखें अभी भी बंद थी और चेहरे पर असीम सुख...
डिम्पल भाभी के गाल के समीप रूपा की चिकनी जांघे अपनी चमक बिखेड़ रही थी .. डिम्पल भाभी अपने होंठ गोल करती उस पर चुंबन जड़ दी... रूपा इन चुंबन से सिहर कर मुस्कुरा कर शर्मा गई और अपने हाथ अपनी आँखों पर रख ली...
डिम्पल भाभी हल्की उठती हुई जांघों को सहलाती नीचे की तरफ बढ़ी और रूपा के एक पैर उठा अंगूठे को मुंह में भर ली... फिर अंगूठे को चूसती हुई बाहर की और रूपा की गोरी पांवो पर किस की झड़ी लगा दी... रूपा गुदगुदी और रोमांच से भर गई...
जब रूपा से बर्दाश्त नहीं हुई तो आखिर बोल ही पड़ी,"प्लीज भाभीईईईस्स्स...छोड़ दो..." डिम्पल भाभी बैठती हुई बोली,"मजा आया..." रूपा बेचारी क्या कहती... दो दो बार झड़ चुकी और भाभी अब पूछ रही है...
डिम्पल भाभी पुनः किस की और पूछी,"बोल ना...मजा आया या फिर और कुछ करूँ..." रूपा हंसती हुई बोली,"बहुत...अब छोड़ दो ना... दो बार तो हार गई आपसे..."
डिम्पल,"हम्म्म..." डिम्पल भाभी हंसती हुई हामी भरी और अपने पैर सीधी करती सीधी रूपा के होठों पर रख अंगूठे से सहलाती बोली,"तो एक बार मुझे भी हराने की कोशिश तो कर..."
रूपा भाभी के पैर के स्पर्श होंठों पर पा आँख खोली और चूमती हुई बोली,"अगली बार जरूर हरा दूंगी...आज नहीं हो सकती..." और रूपा बेड के सहारे उठ गई... डिम्पल भाभी हंसती हुई रूपा को उठने दी... रूपा उठते ही बाथरूम में घुस गई... पीछे पीछे डिम्पल भी...
दोनों फ्रेश हुई और वापस बेडरूम में आ कपड़े पहनने लगी...साथ ही रूपा बोली,"भाभी, अब बताओ अपने उन लोगों के बारे में..." डिम्पल भाभी रूपा की तरफ देख मुस्काती हुई बोली...
डिम्पल,"इतनी भी क्या जल्दी है... पहले मैं जान तो लूँ कि मेरी रूपा सच में इन सब से अलग हुई या फिर..."
रूपा भाभी की बात सुनते ही नाराजगी सी होती बोली,"क्या भाभी, आपको भरोसा नहीं है मुझ पर..." डिम्पल हंसती हुई बोली,"भरोसा है तभी तो ये सब बताई हूँ... बस भरोसे को मत तोड़ना..."
रूपा,"हम्म्म...अब बता भी दो..."
डिम्पल,"ठीक है...तो आज दो बजे बाहर कैम्पस में रहना...आज वो आर.जे. हैं ना वो तो जानते ही हो तुम..."
रूपा उत्सुकुता भरी नजरों से डिम्पल के होंठों पर नजर टिका दी जो खुलते बंद होते हर शब्द कह रही थी... भाभी के जवाब में रूपा बस "हाँ..." कह सकी...
डिम्पल,"उन्होंने दो बजे आने बोले हैं...कोई बाहर के क्लाइंट हैं... देख लेना किसके साथ जाउंगी..." कहती हुई डिम्पल अपनी एक आँख दबा दी और हंस पड़ी...
रूपा की तो आँखें फटी रह गई... एक बार तो उस पर बिजली गिरने सी महसूस हो रही थी... मन ही मन सोच रही थी कि कैसी है तू...जिस बात से तू परेशान थी उसी बात से भाभी कितनी खुश है...रूपा खुद ठगी सी महसूस कर रही थी...
खैर बिना कुछ बोले रूपा बस मुस्कुरा दी... दोनों अपने कपड़े पहन लिए थे... रूपा कुछ नॉर्मल सी होती बोली,"हम्म्म्म, कितने देर में फ्री होगी वहाँ..."
डिम्पल भाभी तब तक आइने के समीप जा बालों को संवारते बोली,"अधिकतम दो घंटे... मैं इससे ज्यादा समय नहीं देती... घर भी वापस आनी होती है ना..."
रूपा,"हम्म्म्म, फिर तो दो चार राउंड हो ही जाएंगे इतने समय में..." बात कहती हुई रूपा आगे बढ़ भाभी को पीछे से कमर पकड़ हंस दी... जबकि रूपा की बात सुन डिम्पल नाक भौं सिकुड़ाती बोली...
डिम्पल,"इतना आसान नहीं...एक ही बार में इतना निचोड़ लेती कि दुबारा उसमें ताकत ही नहीं बचती कि करने की सोचेगा भी..."
रूपा अब पूरी तरह चुगलबंदी पर उतरती हुई बोल पड़ी,"तब तो आपके लिए कम से कम दो आदमी होने चाहिए, फिर आपकी अक्ल ठिकाने लगेंगे...आर.जे. बात करवाइए उनको बोलती हूँ दो को भेजे..."
डिम्पल रूपा की ऐसी बात सुन चौंकती सी पीछे पलट के देखी तो रूपा झट से हंसती हुई उनके होंठों पर किस जमा दी... फिर डिम्पल मुस्काती हुई बोली,"बड़ी जल्दी जल्दी आगे बढ़ रही है इन बातों में...क्या बात है.."
रूपा,"बात क्या रहेगी भाभी?आपकी ननद हूँ तो कुछ असर पड़ेगी ही..." इतनी बात सुनते ही डिम्पल चट से पीछे पलटी और रूपा की कान पकड़ के उमेठती हुई बोली,"शैतान कहीं की.. इन्हीं सब के लिए मैं तब से इतनी बोली कि तुम भी मेरी तरह बन जाओ..."
रूपा दर्द से बिलबिलाती हुई थोड़ी मुस्कान के साथ बोली,"नहींईईई भाभी...मैं तो बस बातों की असर कह रही थी...और कुछ नहीं..." डिम्पल रूपा की बात सुन कान छोड़ बोली,"चल ठीक है फिर...भरोसा की हूँ तो याद रखना अभी से सोचना भी नहीं है... जो भी जानने की इच्छा हुई तो मुझसे पूछ लेना...और ये सब बातें बस हम दोनों के बीच..."
रूपा डिम्पल भाभी की बात सुन टपक पड़ी,"याद है भाभी...अभी से इस पर कोई बात नहीं...और ना कोई जासूसी...अब खुश..." डिम्पल भाभी बस मुस्कुरा दी... वापस आइने में देख होठों पर लिपलॉज लगाने लगी...
लिपलॉज लगाने के बाद बोली,"पता है आर.जे. आज ऑलरेडी दो क्लाइंट बुक किए हुए हैं..." ये सुनते ही रूपा की लगभग चीख सी निकल गई...
रूपा,"व्हॉट...भाभी... तो सच में आप दो दो से एक साथ...ओह गॉड..." डिम्पल बिल्कुल सामान्य सी मुस्कान देती हुई हां में सर हिला दी... रूपा बड़ी बड़ी आँखें करती देख रही थी...
डिम्पल अब तक हल्की मेकअप कर चुकी...वो अक्सर ऐसी ही रहती थी... वो वापस आ रूपा को ऐसीअपनी तरफ अब तक देखती पा आश्चर्य से बोली,"क्या हुआ.."
रूपा डिम्पल भाभी की बात सुन चौंक गई...वो पता नहीं क्या क्या सीन दिमाग में पैदा कर रही थी... वो अचानक होश में आई और डिम्पल भाभी को सामने देख दांत पीसती हुई हाथ बढ़ा चुचियाँ पकड़ चुटकी से रगड़ती हुई बोली,"शाली, बिल्कुल रंडी हो गई..."
डिम्पल भाभी दर्द से कुलबुला गई पर उन्हें रूपा की ये बात और हैरान कर गई... वो सोच में पड़ गई कि रूपा के मुह से ऐसे शब्द आज तक नहीं सुनी थी... पर आज...
डिम्पल भी पीछे नहीं हटी और दबोचती हुई रूपा की दोनों चुची पर कब्जा जमाती हुई रगड़ती हुई बोली,"रंडी की भाषा सुनने की इच्छा हो रही है तो बोल ना...सुनाती हूँ...और कहो तो इन दोनों को रंडी वाली हालत बना दूँ..."
रूपा अब छूटने की कोशिश करती हुंकारती हुई हंसी जा रही थी पर भाभी की हाथ मानों किसी चुंबक की तरह चुची पर धाक जमा चुकी थी... रूपा किसी तरह बोली,"भाभी प्लीईईईईज...कपड़े खराब हो जाएंगे..."
और तभी दोनों धम्म से बेड पर हंसती हुई...रूपा नीचे,डिम्पल ऊपर... रूपा के दोनों हाथ डिम्पल के हाथ परऔर डिम्पल की हाथ अपनी जगह यानी रूपा की गोल मटोल चुची पर...
डिम्पल,"रंडी की चुची के पास कपड़े हमेशा खराब ही रहते है और बूर की जगह मैली...तेरी भी हो जाएगी तो क्या आफत आ जाएगी..."कहती हुई डिम्पल हंस पड़ी...
रूपा,"मैं रंडी थोड़े ही हूँ...आईईईईईईई भाभीईईई...दर्द कर रही...उफ्फ्फ्फ्फ..."
डिम्पल,"मेरी रंडी तो है ना..."कहती हुई डिम्पल कपड़ों के ऊपर से एक चुची छोड़ उस पर दांत गड़ा काटने लग गई... रूपा किकियाती हुई सर पटकती हुई बोली...
रूपा,"आआआहहहहहईईई भाभी...हाँ हूँ...आपकी हूँ...अब छोड़ो...दर्द हो रही आउच्चचचचचच...."
डिम्पल,"क्या हो...पूरी और शुद्ध शुद्ध बोलो...तब छोड़ूंगी..." अब रूपा और सहन करने की हालत में नहीं थी...उसकी आँखें हल्की आँसू से भर आई थी... वो जल्द से जल्द छूटने में लगी थी...
रूपा,"हाँ...मैं आपकी रंडी हूँ...प्लीज..."
ये सुनते ही डिम्पल भाभी हंसती हुई चुतियाँ को आजाद कर दी अपने कब्जे से... रूपा एक लम्बी राहत की साँस ली और हाँफती हुई चुचियाँ खुद सहला दर्द मिटाने की कोशिश करने लगी...
फिर रूपा उठी और बोली,"भाभी, अब तो रोज कहूँगी... "
डिम्पल,"नो प्रॉब्लम, वैसे मैं भी कह सकती अब...तुम कबूल भी की हो अभी..."
रूपा,"हाँ, जबरदस्ती से कहलवाए हैं..."
डिम्पल,"जैसे भी हो कबूल तो की ना..."
दोनों की हंसी मंद मंद बाहर आ रही थी... रूपा कपड़े ठीक की और बाहर निकलते हुई बोली,"दो बजे...इंतजार करूँगी मेरी रंडी भाभी..."
डिम्पल,"ऑफकोर्स करना मेरी प्यारी रंडी...बस बेहोश मत होना..." फिर रूपा हंसती हुई निकल गई... पीछे डिम्पल भी हंस पड़ी....
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