FUN-MAZA-MASTI
में क्या करूं माँ
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रोहित है और में पुणे महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ। दोस्तों में आज आपको मेरे जीवन की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। दोस्तों अब तक मैंने दूसरों की कहानियाँ पढ़ी है और वो मुझे बहुत अच्छी भी लगी.. लेकिन आज में अपनी कहानी बता रहा हूँ और अगर इसमें मुझसे कोई भी गलती हो जाए तो प्लीज आप सभी मुझे माफ़ करना। अब में अपनी कहानी शुरू करता हूँ।
दोस्तों मेरी उम्र 21 साल है और मेरे घर में हम चार लोग है.. माँ, पापा, मेरी बड़ी बहन और में। मेरी बहन मुझसे 2 साल बड़ी है.. उसका नाम रिया है और वो इजीनियरिंग कर रही है.. वो घर से बाहर हॉस्टल में रहती और मेरे पापा का एक बहुत बड़ा कारोबार है और वो अक्सर घर से बाहर ही रहते है और में बी.ए. फाईनल कर रहा हूँ और मेरी माँ 44 साल की है.. लेकिन बहुत सेक्सी गोरी। वो अब भी एकदम 30 की उम्र जैसी ही लगती और वो अक्सर सूट पहनती है। दोस्तों यह बात एक साल पुरानी है। उस दिन मेरा 20वाँ जन्मदिन था और में सुबह 8 बजे उठा.. उस दिन रविवार था। सुबह उठकर मैंने माँ के पैर छुए और फिर माँ ने मुझे कहा कि तुम्हे क्या गिफ्ट चाहिए? तो मैंने कहा कि मुझे आपसे सब से कीमती स्पेशल गिफ्ट चाहिए।
माँ : क्या चाहिए.. मुझे बताओ.. तुम्हे जो भी चाहिए में दूँगी.. फिर चाहे जो भी हो।
में : जो भी हो सोच लो.. मुझे सब से कीमती और स्पेशल चाहिए और फिर मना मत करना।
माँ : नहीं करूँगी बताओ तुम्हे क्या चाहिए?
में : मुझसे पहले आप वादा करो।
माँ : ठीक है.. चलो पक्का वादा अब तो बताओ क्या चाहिए?
में : ठीक है तो में तुम्हे शाम को बताऊँगा।
माँ : ठीक है।
फिर में तैयार होकर घर से बाहर चला गया और मुझे पापा ने फोन पर जन्मदिन की बधाई दी.. क्योंकि वो कारोबार की वजह से बाहर थे और फिर मेरी बहन ने भी फोन पर मुझे बधाई दी.. क्योंकि वो हॉस्टल में रहती थी। फिर में दोस्तों के साथ बाहर घूमने चला गया.. शाम को 7 बजे मेरे दोस्त मेरे लिए केक लेकर आए और हम सब जन्मदिन मनाने के लिए रिज़ॉर्ट पर गये और केक काटकर हम सबने बहुत मज़े किए और करीब 9 बजे में घर वापस आया। तो माँ ने कहा कि आ गया और कैसी रही तुम्हारी पार्टी?
में : बहुत अच्छी थी और हमे बहुत मज़ा आया। हमने वहाँ पर बहुत मस्ती की।
फिर में जब फ्रेश होकर आया तब तक रात के 10 बज चुके थे।
माँ : बेटा खाना तैयार है चलो खा लो।
फिर हमने साथ में खाना खाया और खाना खाने के बाद माँ ने मुझसे पूछा कि अब बता तुझे क्या गिफ्ट चाहिए?
में : माँ में आपसे ऐसा गिफ्ट माँगने जा रहा हूँ.. लेकिन कैसे कहूँ मेरी कुछ भी समझ में नहीं आ रहा।
माँ : तुझे जो भी चाहिए में दूँगी मैंने तुझसे पक्का वादा किया है ना।
में : में किसी से बहुत प्यार करता हूँ और में उसके साथ…….
माँ : उसके साथ क्या?
में : में उसके साथ किस करना चाहता हूँ उसे बाहों में लेना चाहता हूँ।
माँ : क्या तुमने उसे यह बात कही है?
में : कभी नहीं मुझे बहुत डर लगता है उसे यह सब बताने में।
माँ : लेकिन कौन है वो?
में : तुम उसे जानती हो।
माँ : वो कौन है? मेरी नज़र में तो कोई नहीं.. चलो तुम ही बता दो।
में : चलो मेरे रूम में.. मेरे पास उसकी फोटो है.. बताता हूँ।
माँ : चलो दखते है वो कौन है?
फिर हम दोनों मेरे बेडरूम में आते है और में कहता हूँ कि अपनी आँखे बंद करो।
माँ : ठीक है।
में माँ को मेरे बेड के पास ड्रेसिंग टेबल है वहाँ पर ले जाता हूँ।
माँ : अभी में आपको उसे दिखाने जा रहा हूँ.. अब आप अपनी आँखे खोलो।
फिर माँ ने अपने आप को आईने में देखा।
माँ : कहाँ है? वो इधर उधर देखते हुए बोली।
में : यह रही आपके सामने।
माँ : क्या? में
तभी मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा।
में : हाँ माँ तुम।
माँ : क्या तुम मुझे किस करना चाहते हो और बाहों में लेना चाहते हो?
में : हाँ माँ।
माँ (गुस्से में): तुम जानते हो तुम क्या कह रहे हो? में तुम्हारी कौन हूँ?
में : लेकिन आपने मुझसे वादा किया है में चाहे जो भी मांगू आप मुझे दोगी.. फिर मुझे मेरा यह गिफ्ट चाहिए। में आपको बाहों में लेकर प्यार करना चाहता हूँ।
तो माँ ने मुझे एक ज़ोर का थप्पड़ मारा और मेरा रूम छोड़कर अपने बेडरूम में चली गयी.. उस वक़्त टाईम 10 बजे का हो रहा था। फिर में मन में सोचने लगा कि यह क्या हो गया? मैंने यह क्या कर दिया। मेरी धड़कन ज़ोर ज़ोर से चल रही थी में एक घंटे तक ऐसे ही बैठा रहा। फिर थोड़ी देर बाद मेरे रूम का दरवाजा बजा और मैंने पूछा कि क्या है?
माँ : दरवाजा खोलो।
में : क्या बात है?
माँ : तुम पहले दरवाजा तो खोलो तभी तो बताउंगी।
तो मैंने दरवाजा खोला माँ मेरे पास आई और कहा कि देखो ऐसा नहीं हो सकता.. तुम मुझसे कोई और गिफ्ट माँगो.. चाहे वो कितना भी महंगा हो में दे दूँगी।
फिर मैंने सोचा कि यह वापस आई है और यह एक बहुत अच्छा मौका है। नहीं माँ मुझे यही गिफ्ट चाहिए। मुझे कुछ नहीं पता आपने अपना वादा तोड़ा है और फिर में जानबूझ कर दूसरी तरफ सर पलटकर बैठ गया।
माँ : तुम आख़िर अपनी ज़िद्द नहीं छोड़ोगे।
में : कभी नहीं.. बिल्कुल नहीं।
माँ : तो ठीक है तुम ले लो अपना गिफ्ट कर लो मुझे किस।
में : धन्यवाद मेरी अच्छी माँ।
फिर में खड़ा हुआ। मैंने उस वक़्त काली कलर की नाईट पेंट पहनी हुई थी और हाफ टी-शर्ट और माँ ने उस वक़्त हरे कलर का पंजाबी सूट और क्रीम कलर की सलवार पहनी हुई थी। तो खड़े होकर मैंने माँ से कहा कि आप यहाँ पर आइए.. उनका हाथ पकड़कर में उन्हें पलंग की सामने दीवार पर ले आया और कहा कि क्या आप तैयार हो.. अपने बेटे से किस करने के लिए?
माँ : मुझे बहुत अलग महसूस हो रहा है अपने बेटे के साथ ऐसा करते हुए।
में : माँ आप थोड़ा शांत हो जाओ।
फिर मैंने मन में सोच कि अब और देर करना ठीक नहीं.. फिर मैंने माँ के सामने खड़े होकर कमर में एक हाथ और दूसरा उनकी गर्दन पर फिर अपने होंठ नज़दीक लेकर गया.. मेरी ज़ोर ज़ोर से साँसे चलने लगी। दोस्तों क्या बताऊँ.. मेरी हालत क्या हो गयी थी? फिर मैंने होंठो पर होंठ रखे और किसिंग चालू की और धीरे धीरे होंठो को चूसने लगा। यह मेरी ज़िंदगी का पहला किस था और मुझे कुछ नमकीन सा टेस्ट आ रहा था और बहुत अच्छे से में होंठो को चूसता रहा 10 मिनट तक लंबा किस किया और उसके बाद माँ थोड़ी हटी और कहा कि क्यों मिल गया तुझे अपना गिफ्ट? तो मैंने कहा कि अभी और बाकी है याद है आपको मैंने कहा था कि मुझे आपको बाहों में भी लेना है।
माँ : तू बहुत बदमाश हो गया है।
फिर मैंने बिना कुछ सुने माँ को बाहों में ले लिया फिर से होंठो को मिलाया और पूरा जकड़ लिया और माँ की पीठ पर हाथ घुमाया और गले पर किस किया और जीभ से थोड़ा थोड़ा चाटा.. मेरा लंड तो अब खम्बा बन चुका था। फिर मैंने उनको सामने की तरफ किया और उनके गले पर किस किया और बूब्स पर ऊपर से ही हाथ घुमाया। तभी अचानक मैंने सलवार के ऊपर से चूत के ऊपर हाथ घुमाया। तो वो बोली कि यह क्या कर रहा है? लेकिन में अब पूरा खुल चुका था और मेरी हिम्मत बहुत बड़ चुकी थी.. मैंने कहा कि में आपकी चूत पर हाथ घुमा रहा था।
माँ : यह कैसी बात कर रहा है तू?
में : माँ में तुम्हे नंगी देखना चाहता हूँ प्लीज़ आज एक बार दे दो ना मुझे मेरा पूरा गिफ्ट।
माँ : यह क्या बोल रहा है?
में : हाँ माँ प्लीज़ प्लीज़ और अब धीरे धीरे ऐसा लग रहा था कि उनका विरोध खत्म होने को है। फिर मैंने उन्हें झट से अपनी बाहों में ले लिया।
माँ : ठीक है कर तेरे जो दिल में आए.. लेकिन यह सिर्फ़ एक बार और सुबह कल सब भूल जाना।
फिर मैंने अपनी बाहों में लेकर माँ का कुर्ता उतारा और फिर मैंने सलवार का नाड़ा खोला.. वह सफेद कलर की ब्रा और काली कलर की पेंटी में क्या लग रही थी? फिर में टूट पड़ा और ज़ोर ज़ोर से प्यार करने लगा।
माँ : क्या कर रहे हो? मुझे तुम्हारे सामने नंगी होने में बहुत अजीब सा लग रहा है।
फिर देर ना करते हुए मैंने ब्रा खोल दी और पेंटी भी निकाल दी। वाह वो क्या नज़ारा था? आज मेरी माँ मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी और में थोड़ा दूर हटकर पूरा देखने लगा।
माँ : देख अपनी माँ को नंगी.. ले ले अपना गिफ्ट।
दोस्तों उनकी चूत पर थोड़े बाल थे।
में : माँ यह आपका आज तक का सब से अच्छा गिफ्ट है। माँ आपको मेरी तरफ से बहुत बहुत धन्यवाद।
में : आज में तेरी हूँ जो देखना करना है कर ले.. फिर मैंने उनके पूरे कपड़े उतार दिए और में मेरा तना हुआ लंड माँ के सामने लेकर गया और कहा कि माँ इसे किस करो।
माँ : बेटा तुम्हारा कितना बड़ा है?
में : तुम्हारा क्या? माँ खुलकर बात करो ना और फिर माँ पूरी तरह खुलकर सेक्सी बातें करने लगी।
माँ : अच्छा ठीक है.. कितना बड़ा है तुम्हारा लंड?
फिर माँ ने लंड हाथ में लिया और हिलाया और सुपड़े को किस किया।
में : माँ और एक बार।
माँ : अच्छा ठीक है।
फिर किस किया.. फिर मैंने जैसे ही माँ की नंगी चूत पर हाथ घुमाया.. वाहह क्या बताऊँ मुझे कितना अच्छा और मुलायम महसूस हुआ? फिर में 5 मिनट तक हाथ घुमाता रहा और चूत में उंगली डालता रहा और माँ मुझे खड़े होकर देखती रही। फिर मैंने माँ को बाहों में लिया और प्यार करने लगा। हम दोनों पूरे नंगे और में गांड पर हाथ घुमाता तो कभी पीठ पर। फिर मैंने कहा कि..
में : माँ में आपकी चूत को किस करना चाहता हूँ।
माँ : आज तुझे जो करना है तू कर।
फिर मैंने माँ की चूत पर किस किया और धीरे धीरे चूत को चाटने लगा। वाह क्या मस्त टेस्ट आ रहा था। माँ की चूत भी पूरी भीग चुकी थी और में चूत को चूसने लगा।
माँ : बस कर कितना कर रहा है?
में : माँ और चाटने दो.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है। इसका बहुत अच्छा टेस्ट है।
मैंने फिर से चूसना शुरू किया और मेरा पूरा मुहं भीग चुका था और माँ मेरे मुहं में एक बार झड़ चुकी थी।
माँ : बस में बहुत थक चुकी हूँ अभी रुक जा।
फिर ऐसा कहकर माँ पलंग पर लेट गयी और में माँ के पास जाकर उनसे चिपककर लेट गया और हम बातें करने लगे.. मैंने माँ से कहा कि माँ मुझे आपका यह गिफ्ट हमेशा याद रहेगा और में एक हाथ से माँ की चूत सहला रहा था.. आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो।
माँ : आख़िर तुमने अपनी ज़िद्द मनवा ही ली और कर ही दिया मुझे नंगी।
में : में क्या करूं माँ.. आप मुझे बहुत सेक्सी लगती हो।
माँ : क्या तूने यह सब करने का पहले से सोचा था?
में : हाँ माँ मेरी नज़र पहले से तुम्हारे ऊपर थी.. में हर वक़्त यही सोचता था कि कैसे आपको चोदूँ? फिर मैंने यह गिफ्ट का प्लान बनाया।
में : मेरे बेटे की मेरे ऊपर नज़र थी और आज में अपने बेटे के साथ नंगी सोई हूँ।
फिर ऐसे ही बातों का सिलसिला आधे घंटे तक चलता रहा और अब में माँ की चुदाई करने को तैयार था.. फिर में माँ के ऊपर चढ़ गया और लंड को हाथ में लिया और माँ से कहा।
में : माँ यह मेरी पहली चुदाई है.. देखना कि ठीक से मेरा लंड आपकी चूत में जाए।
में : मेरे बेटे की पहली चुदाई है माँ के साथ.. लेकिन तू तो बहुत अच्छे से अनुभवी जैसे सेक्स कर रहा है।
में : माँ यह सब मैंने ब्लूफिल्म में देखा था और में वैसा ही करता गया.. लेकिन यह मेरा पहला सेक्स है।
माँ : अच्छा चल डाल तेरा लंड मेरी चूत में।
फिर माँ ने अपनी चूत को दोनों हाथों से खोला और फिर मैंने लंड को ऊपर से चूत पर रगड़ा और अंदर डालने की कोशिश की माँ की चूत गीली होने की वजह से मेरा लंड फिसल रहा था। फिर मैंने थोड़ा ज़ोर लगाकर घुसाने की कोशिश की और मेरा आधा लंड अंदर चला गया और मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा लंड पूरा अंदर घुस गया।
माँ : कितना बड़ा है तेरा लंड? पूरा अंदर तक घुसा दिया है।
में : माँ क्या सही तरीके से लंड अंदर गया है?
माँ : हाँ बेटा तेरा पूरा लंड मेरी चूत में समा गया है।
फिर मैंने धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करना शुरू किया। क्या मस्त मज़ा आ रहा था। बहुत अच्छे तरीके से लंड अंदर बाहर हो रहा था और मेरी साँसे बहुत तेज़ चलने लगी.. माँ के पूरे शरीर को जकड़ कर में चुदाई कर रहा था और माँ भी आँखे बंद करके बहुत अच्छे से मज़े ले रही थी… अह्ह्ह्ह और चोद और चोद बेटे और चोद अपनी माँ को। हम दोनों माँ-बेटे चुदाई में बहुत मस्त हो चुके थे और एक अलग जहाँ में पहुंच चुके थे। माँ एक और बार झड़ चुकी थी और वो ठंडी हो गई थी.. में भी 30 मिनट चुदाई के बाद झड़ने के लिए तैयार था.. तो मैंने माँ से कहा कि में झड़ने वाला हूँ।
में : तो क्या हुआ.. झड़ जाओ अंदर ही।
फिर मैंने कुछ और धक्के लगाने के बाद एक जोरदार आखरी धक्का लगाया और अपना पूरा पानी अंदर ही छोड़ दिया और फिर में लंड को चूत में डालकर माँ के ऊपर ही लेटा रहा.. माँ की चूत मेरे पूरे पानी से भर चुकी थी और पानी चूत से निकलकर जाँघो के कोनो पर गिर रहा था। फिर हम ऐसे ही सो गये और मेरी सुबह 4 बजे आँख खुली तो मैंने फिर से माँ को अपनी बाहों में लिया और प्यार करने लगा।
माँ : क्या कर रहे हो.. अभी तो इतना सारा किया है।
फिर भी मैंने एक ना सुनी और फिर से लिपटने लगा और में ऊपर चढ़ गया और लंड को चूत पर रख दिया। तो माँ ने हाथ से लंड को पकड़ा और चूत पर रखा और कहा कि अब डालो। तो मैंने एक जोरदार धक्के से पूरा लंड घुसा दिया और चुदाई करने लगा.. करीब आधे घंटे तक चुदाई के बाद माँ बोली।
माँ : आज तूने तो मेरी चूत की चटनी बना दी है.. इसको फाड़ दिया है।
में : लेकिन माँ ऐसा करने से मज़ा भी तो आ रहा है।
हम दोनों माँ बेटे चुदाई का पूरा आनंद ले रहे थे.. आहें भर रहे थे।
में लगातार 25 मिनट से चुदाई कर रहा था.. क्योंकि यह मेरा दूसरा शॉट था। इसलिए मेरा जल्दी हो ही नहीं रहा था.. में लगातार शॉट लगाए जा रहा था।
माँ : कितनी देर से कर रहा है में पूरी तरह से थक चुकी हूँ.. अब जल्दी कर।
में : में क्या करूं मेरा निकल ही नहीं रहा?
में लगातार झटके मारने लगा.. फिर एक घंटे के बाद में झड़ने जा रहा था।
में : माँ में झड़ने वाला हूँ और ऐसा कहकर मैंने पूरे लंड का दबाव अंदर लगाकर पिचकारी छोड़ दी।
माँ : आहह कितनी ताकत से चोदा है तूने अपनी माँ को।
फिर में ऐसे ही लंड चूत में डालकर लेटा रहा। तो सुबह मेरी आँख 10 बजे खुली और में पूरा नंगा था। तो मैंने उठकर अपने कपड़े पहने और में हॉल में गया और सोफे पर बैठा। माँ किचन से आई।
माँ : उठ गया तू.. रुक में अभी तेरे लिए चाय लाती हूँ।
मैंने माँ की आँखो में देखा तो वो आँखे नीचे करके किचन में चली गयी और 10 मिनट बाद चाय का कप लेकर आई।
माँ : यह ले चाय पी।
फिर मैंने चाय पी और टीवी देखने लगा.. माँ किचन में गयी और 10 मिनट के बाद में भी किचन में गया और माँ के पास खड़ा हुआ।
माँ : क्या चाहिए तुझे?
में : कुछ नहीं बस ऐसे ही खड़ा हूँ।
माँ : ऐसे कभी पहले तो तू किचन में नहीं आया।
में : आप इतनी अच्छी माँ जो हो इसलिए आया हूँ.. माँ ने उस दिन गुलाबी कलर का कुर्ता और सफेद सलवार पहनी हुई थी।
में : चल बता नालायक क्यों अच्छी हूँ में?
में : माँ कल आपके साथ सुहागरात मानने में बहुत मज़ा आया।
माँ : लेकिन तुझसे मैंने कहा था कि यह इसके बाद नहीं होना चाहिए.. यह तेरा गिफ्ट था।
फिर अचानक मैंने माँ के कंधे पर हाथ रख दिया और पास जाकर पूरे जिस्म से चिपककर गर्दन पर किस करने लगा।
माँ : नहीं.. यह सब अब नहीं।
में : अब क्या माँ? हम माँ बेटे एक दूसरे के सामने नंगे तो हो ही चुके है।
ऐसा कहकर मैंने अपने कपड़े फटाफट उतार दिए और माँ को जाकर चिपक गया।
माँ : अच्छा चल रुक जा में पहले नहाकर आती हूँ। फिर तुझे जो करना है कर लेना।
फिर माँ नहाने बाथरूम चली गयी और 5 मिनट बाद मुझे एक आईडिया आया और में भी बाथरूम के पास गया और दरवाजा खटखटाया।
माँ : अब क्या है?
में : माँ एक मिनट के लिए दरवाजा खोलो।
में : नहीं खोल सकती.. मैंने कुछ नहीं पहना है।
में : माँ सिर्फ एक मिनट खोलो.. मुझे आपसे एक जरूरी काम है।
में : चल रुक जा खोलती हूँ।
तो एक मिनट बाद दरवाजा थोड़ा खुला और माँ ने सर बाहर निकालकर कहा कि क्या बात है? फिर में दरवाजे को धक्का देकर अंदर घुस गया और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया.. माँ सामने गुलाबी कलर के टावल में खड़ी थी।
माँ : अंदर क्यों आया है? तुझे मैंने कहा कि में अभी आ रही हूँ।
में : माँ मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा.. में क्या करूं?
तो ऐसा कहकर मैंने माँ का टावल झटके से उतार दिया.. माँ मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी और में माँ से चिपक गया और ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा। मैंने पानी चालू किया और हम नहाने लगे.. मैंने माँ के बदन पर साबुन लगाया.. पहले कंधे और फिर बूब्स पर और फिर नीचे चूत और पूरे शरीर पर। फिर माँ ने मुझे साबुन लगाया और हम चिपक पड़े.. क्या मस्त मज़ा आ रहा था। बहुत नरम एकदम जन्नत का मज़ा आ रहा था। फिर खड़े खड़े मैंने माँ की चूत में लंड डालने की कोशिश कि.. लेकिन लंड साबुन की वजह से फिसल रहा था.. तो माँ ने एक हाथ से चूत खोली।
माँ : अब डाल और धीरे धीरे धक्के लगाना.. वरना फिसल कर बाहर आ जाएगा।
मैंने पूरा लंड घुसा दिया और खड़े खड़े चुदाई करने में बहुत मज़ा आ रहा था.. में धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा और में 15 मिनट बाद माँ की चूत में ही झड़ गया और फिर हम दोनों नंगे ही रूम तक आए और माँ ने मेरे सामने ब्रा, पेंटी कपड़े पहने और फिर मैंने दोपहर को और शाम को भी चुदाई की।
अब हम दोनों बहुत खुल चुके है। में जब चाहे तब माँ की चुदाई करता हूँ। हम रात रात भर नंगे ही सोते है। हम बहुत मजे करते है और सेक्स के पूरे मज़े लेते है ।।
में क्या करूं माँ
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रोहित है और में पुणे महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ। दोस्तों में आज आपको मेरे जीवन की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। दोस्तों अब तक मैंने दूसरों की कहानियाँ पढ़ी है और वो मुझे बहुत अच्छी भी लगी.. लेकिन आज में अपनी कहानी बता रहा हूँ और अगर इसमें मुझसे कोई भी गलती हो जाए तो प्लीज आप सभी मुझे माफ़ करना। अब में अपनी कहानी शुरू करता हूँ।
दोस्तों मेरी उम्र 21 साल है और मेरे घर में हम चार लोग है.. माँ, पापा, मेरी बड़ी बहन और में। मेरी बहन मुझसे 2 साल बड़ी है.. उसका नाम रिया है और वो इजीनियरिंग कर रही है.. वो घर से बाहर हॉस्टल में रहती और मेरे पापा का एक बहुत बड़ा कारोबार है और वो अक्सर घर से बाहर ही रहते है और में बी.ए. फाईनल कर रहा हूँ और मेरी माँ 44 साल की है.. लेकिन बहुत सेक्सी गोरी। वो अब भी एकदम 30 की उम्र जैसी ही लगती और वो अक्सर सूट पहनती है। दोस्तों यह बात एक साल पुरानी है। उस दिन मेरा 20वाँ जन्मदिन था और में सुबह 8 बजे उठा.. उस दिन रविवार था। सुबह उठकर मैंने माँ के पैर छुए और फिर माँ ने मुझे कहा कि तुम्हे क्या गिफ्ट चाहिए? तो मैंने कहा कि मुझे आपसे सब से कीमती स्पेशल गिफ्ट चाहिए।
माँ : क्या चाहिए.. मुझे बताओ.. तुम्हे जो भी चाहिए में दूँगी.. फिर चाहे जो भी हो।
में : जो भी हो सोच लो.. मुझे सब से कीमती और स्पेशल चाहिए और फिर मना मत करना।
माँ : नहीं करूँगी बताओ तुम्हे क्या चाहिए?
में : मुझसे पहले आप वादा करो।
माँ : ठीक है.. चलो पक्का वादा अब तो बताओ क्या चाहिए?
में : ठीक है तो में तुम्हे शाम को बताऊँगा।
माँ : ठीक है।
फिर में तैयार होकर घर से बाहर चला गया और मुझे पापा ने फोन पर जन्मदिन की बधाई दी.. क्योंकि वो कारोबार की वजह से बाहर थे और फिर मेरी बहन ने भी फोन पर मुझे बधाई दी.. क्योंकि वो हॉस्टल में रहती थी। फिर में दोस्तों के साथ बाहर घूमने चला गया.. शाम को 7 बजे मेरे दोस्त मेरे लिए केक लेकर आए और हम सब जन्मदिन मनाने के लिए रिज़ॉर्ट पर गये और केक काटकर हम सबने बहुत मज़े किए और करीब 9 बजे में घर वापस आया। तो माँ ने कहा कि आ गया और कैसी रही तुम्हारी पार्टी?
में : बहुत अच्छी थी और हमे बहुत मज़ा आया। हमने वहाँ पर बहुत मस्ती की।
फिर में जब फ्रेश होकर आया तब तक रात के 10 बज चुके थे।
माँ : बेटा खाना तैयार है चलो खा लो।
फिर हमने साथ में खाना खाया और खाना खाने के बाद माँ ने मुझसे पूछा कि अब बता तुझे क्या गिफ्ट चाहिए?
में : माँ में आपसे ऐसा गिफ्ट माँगने जा रहा हूँ.. लेकिन कैसे कहूँ मेरी कुछ भी समझ में नहीं आ रहा।
माँ : तुझे जो भी चाहिए में दूँगी मैंने तुझसे पक्का वादा किया है ना।
में : में किसी से बहुत प्यार करता हूँ और में उसके साथ…….
माँ : उसके साथ क्या?
में : में उसके साथ किस करना चाहता हूँ उसे बाहों में लेना चाहता हूँ।
माँ : क्या तुमने उसे यह बात कही है?
में : कभी नहीं मुझे बहुत डर लगता है उसे यह सब बताने में।
माँ : लेकिन कौन है वो?
में : तुम उसे जानती हो।
माँ : वो कौन है? मेरी नज़र में तो कोई नहीं.. चलो तुम ही बता दो।
में : चलो मेरे रूम में.. मेरे पास उसकी फोटो है.. बताता हूँ।
माँ : चलो दखते है वो कौन है?
फिर हम दोनों मेरे बेडरूम में आते है और में कहता हूँ कि अपनी आँखे बंद करो।
माँ : ठीक है।
में माँ को मेरे बेड के पास ड्रेसिंग टेबल है वहाँ पर ले जाता हूँ।
माँ : अभी में आपको उसे दिखाने जा रहा हूँ.. अब आप अपनी आँखे खोलो।
फिर माँ ने अपने आप को आईने में देखा।
माँ : कहाँ है? वो इधर उधर देखते हुए बोली।
में : यह रही आपके सामने।
माँ : क्या? में
तभी मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा।
में : हाँ माँ तुम।
माँ : क्या तुम मुझे किस करना चाहते हो और बाहों में लेना चाहते हो?
में : हाँ माँ।
माँ (गुस्से में): तुम जानते हो तुम क्या कह रहे हो? में तुम्हारी कौन हूँ?
में : लेकिन आपने मुझसे वादा किया है में चाहे जो भी मांगू आप मुझे दोगी.. फिर मुझे मेरा यह गिफ्ट चाहिए। में आपको बाहों में लेकर प्यार करना चाहता हूँ।
तो माँ ने मुझे एक ज़ोर का थप्पड़ मारा और मेरा रूम छोड़कर अपने बेडरूम में चली गयी.. उस वक़्त टाईम 10 बजे का हो रहा था। फिर में मन में सोचने लगा कि यह क्या हो गया? मैंने यह क्या कर दिया। मेरी धड़कन ज़ोर ज़ोर से चल रही थी में एक घंटे तक ऐसे ही बैठा रहा। फिर थोड़ी देर बाद मेरे रूम का दरवाजा बजा और मैंने पूछा कि क्या है?
माँ : दरवाजा खोलो।
में : क्या बात है?
माँ : तुम पहले दरवाजा तो खोलो तभी तो बताउंगी।
तो मैंने दरवाजा खोला माँ मेरे पास आई और कहा कि देखो ऐसा नहीं हो सकता.. तुम मुझसे कोई और गिफ्ट माँगो.. चाहे वो कितना भी महंगा हो में दे दूँगी।
फिर मैंने सोचा कि यह वापस आई है और यह एक बहुत अच्छा मौका है। नहीं माँ मुझे यही गिफ्ट चाहिए। मुझे कुछ नहीं पता आपने अपना वादा तोड़ा है और फिर में जानबूझ कर दूसरी तरफ सर पलटकर बैठ गया।
माँ : तुम आख़िर अपनी ज़िद्द नहीं छोड़ोगे।
में : कभी नहीं.. बिल्कुल नहीं।
माँ : तो ठीक है तुम ले लो अपना गिफ्ट कर लो मुझे किस।
में : धन्यवाद मेरी अच्छी माँ।
फिर में खड़ा हुआ। मैंने उस वक़्त काली कलर की नाईट पेंट पहनी हुई थी और हाफ टी-शर्ट और माँ ने उस वक़्त हरे कलर का पंजाबी सूट और क्रीम कलर की सलवार पहनी हुई थी। तो खड़े होकर मैंने माँ से कहा कि आप यहाँ पर आइए.. उनका हाथ पकड़कर में उन्हें पलंग की सामने दीवार पर ले आया और कहा कि क्या आप तैयार हो.. अपने बेटे से किस करने के लिए?
माँ : मुझे बहुत अलग महसूस हो रहा है अपने बेटे के साथ ऐसा करते हुए।
में : माँ आप थोड़ा शांत हो जाओ।
फिर मैंने मन में सोच कि अब और देर करना ठीक नहीं.. फिर मैंने माँ के सामने खड़े होकर कमर में एक हाथ और दूसरा उनकी गर्दन पर फिर अपने होंठ नज़दीक लेकर गया.. मेरी ज़ोर ज़ोर से साँसे चलने लगी। दोस्तों क्या बताऊँ.. मेरी हालत क्या हो गयी थी? फिर मैंने होंठो पर होंठ रखे और किसिंग चालू की और धीरे धीरे होंठो को चूसने लगा। यह मेरी ज़िंदगी का पहला किस था और मुझे कुछ नमकीन सा टेस्ट आ रहा था और बहुत अच्छे से में होंठो को चूसता रहा 10 मिनट तक लंबा किस किया और उसके बाद माँ थोड़ी हटी और कहा कि क्यों मिल गया तुझे अपना गिफ्ट? तो मैंने कहा कि अभी और बाकी है याद है आपको मैंने कहा था कि मुझे आपको बाहों में भी लेना है।
माँ : तू बहुत बदमाश हो गया है।
फिर मैंने बिना कुछ सुने माँ को बाहों में ले लिया फिर से होंठो को मिलाया और पूरा जकड़ लिया और माँ की पीठ पर हाथ घुमाया और गले पर किस किया और जीभ से थोड़ा थोड़ा चाटा.. मेरा लंड तो अब खम्बा बन चुका था। फिर मैंने उनको सामने की तरफ किया और उनके गले पर किस किया और बूब्स पर ऊपर से ही हाथ घुमाया। तभी अचानक मैंने सलवार के ऊपर से चूत के ऊपर हाथ घुमाया। तो वो बोली कि यह क्या कर रहा है? लेकिन में अब पूरा खुल चुका था और मेरी हिम्मत बहुत बड़ चुकी थी.. मैंने कहा कि में आपकी चूत पर हाथ घुमा रहा था।
माँ : यह कैसी बात कर रहा है तू?
में : माँ में तुम्हे नंगी देखना चाहता हूँ प्लीज़ आज एक बार दे दो ना मुझे मेरा पूरा गिफ्ट।
माँ : यह क्या बोल रहा है?
में : हाँ माँ प्लीज़ प्लीज़ और अब धीरे धीरे ऐसा लग रहा था कि उनका विरोध खत्म होने को है। फिर मैंने उन्हें झट से अपनी बाहों में ले लिया।
माँ : ठीक है कर तेरे जो दिल में आए.. लेकिन यह सिर्फ़ एक बार और सुबह कल सब भूल जाना।
फिर मैंने अपनी बाहों में लेकर माँ का कुर्ता उतारा और फिर मैंने सलवार का नाड़ा खोला.. वह सफेद कलर की ब्रा और काली कलर की पेंटी में क्या लग रही थी? फिर में टूट पड़ा और ज़ोर ज़ोर से प्यार करने लगा।
माँ : क्या कर रहे हो? मुझे तुम्हारे सामने नंगी होने में बहुत अजीब सा लग रहा है।
फिर देर ना करते हुए मैंने ब्रा खोल दी और पेंटी भी निकाल दी। वाह वो क्या नज़ारा था? आज मेरी माँ मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी और में थोड़ा दूर हटकर पूरा देखने लगा।
माँ : देख अपनी माँ को नंगी.. ले ले अपना गिफ्ट।
दोस्तों उनकी चूत पर थोड़े बाल थे।
में : माँ यह आपका आज तक का सब से अच्छा गिफ्ट है। माँ आपको मेरी तरफ से बहुत बहुत धन्यवाद।
में : आज में तेरी हूँ जो देखना करना है कर ले.. फिर मैंने उनके पूरे कपड़े उतार दिए और में मेरा तना हुआ लंड माँ के सामने लेकर गया और कहा कि माँ इसे किस करो।
माँ : बेटा तुम्हारा कितना बड़ा है?
में : तुम्हारा क्या? माँ खुलकर बात करो ना और फिर माँ पूरी तरह खुलकर सेक्सी बातें करने लगी।
माँ : अच्छा ठीक है.. कितना बड़ा है तुम्हारा लंड?
फिर माँ ने लंड हाथ में लिया और हिलाया और सुपड़े को किस किया।
में : माँ और एक बार।
माँ : अच्छा ठीक है।
फिर किस किया.. फिर मैंने जैसे ही माँ की नंगी चूत पर हाथ घुमाया.. वाहह क्या बताऊँ मुझे कितना अच्छा और मुलायम महसूस हुआ? फिर में 5 मिनट तक हाथ घुमाता रहा और चूत में उंगली डालता रहा और माँ मुझे खड़े होकर देखती रही। फिर मैंने माँ को बाहों में लिया और प्यार करने लगा। हम दोनों पूरे नंगे और में गांड पर हाथ घुमाता तो कभी पीठ पर। फिर मैंने कहा कि..
में : माँ में आपकी चूत को किस करना चाहता हूँ।
माँ : आज तुझे जो करना है तू कर।
फिर मैंने माँ की चूत पर किस किया और धीरे धीरे चूत को चाटने लगा। वाह क्या मस्त टेस्ट आ रहा था। माँ की चूत भी पूरी भीग चुकी थी और में चूत को चूसने लगा।
माँ : बस कर कितना कर रहा है?
में : माँ और चाटने दो.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है। इसका बहुत अच्छा टेस्ट है।
मैंने फिर से चूसना शुरू किया और मेरा पूरा मुहं भीग चुका था और माँ मेरे मुहं में एक बार झड़ चुकी थी।
माँ : बस में बहुत थक चुकी हूँ अभी रुक जा।
फिर ऐसा कहकर माँ पलंग पर लेट गयी और में माँ के पास जाकर उनसे चिपककर लेट गया और हम बातें करने लगे.. मैंने माँ से कहा कि माँ मुझे आपका यह गिफ्ट हमेशा याद रहेगा और में एक हाथ से माँ की चूत सहला रहा था.. आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो।
माँ : आख़िर तुमने अपनी ज़िद्द मनवा ही ली और कर ही दिया मुझे नंगी।
में : में क्या करूं माँ.. आप मुझे बहुत सेक्सी लगती हो।
माँ : क्या तूने यह सब करने का पहले से सोचा था?
में : हाँ माँ मेरी नज़र पहले से तुम्हारे ऊपर थी.. में हर वक़्त यही सोचता था कि कैसे आपको चोदूँ? फिर मैंने यह गिफ्ट का प्लान बनाया।
में : मेरे बेटे की मेरे ऊपर नज़र थी और आज में अपने बेटे के साथ नंगी सोई हूँ।
फिर ऐसे ही बातों का सिलसिला आधे घंटे तक चलता रहा और अब में माँ की चुदाई करने को तैयार था.. फिर में माँ के ऊपर चढ़ गया और लंड को हाथ में लिया और माँ से कहा।
में : माँ यह मेरी पहली चुदाई है.. देखना कि ठीक से मेरा लंड आपकी चूत में जाए।
में : मेरे बेटे की पहली चुदाई है माँ के साथ.. लेकिन तू तो बहुत अच्छे से अनुभवी जैसे सेक्स कर रहा है।
में : माँ यह सब मैंने ब्लूफिल्म में देखा था और में वैसा ही करता गया.. लेकिन यह मेरा पहला सेक्स है।
माँ : अच्छा चल डाल तेरा लंड मेरी चूत में।
फिर माँ ने अपनी चूत को दोनों हाथों से खोला और फिर मैंने लंड को ऊपर से चूत पर रगड़ा और अंदर डालने की कोशिश की माँ की चूत गीली होने की वजह से मेरा लंड फिसल रहा था। फिर मैंने थोड़ा ज़ोर लगाकर घुसाने की कोशिश की और मेरा आधा लंड अंदर चला गया और मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा लंड पूरा अंदर घुस गया।
माँ : कितना बड़ा है तेरा लंड? पूरा अंदर तक घुसा दिया है।
में : माँ क्या सही तरीके से लंड अंदर गया है?
माँ : हाँ बेटा तेरा पूरा लंड मेरी चूत में समा गया है।
फिर मैंने धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करना शुरू किया। क्या मस्त मज़ा आ रहा था। बहुत अच्छे तरीके से लंड अंदर बाहर हो रहा था और मेरी साँसे बहुत तेज़ चलने लगी.. माँ के पूरे शरीर को जकड़ कर में चुदाई कर रहा था और माँ भी आँखे बंद करके बहुत अच्छे से मज़े ले रही थी… अह्ह्ह्ह और चोद और चोद बेटे और चोद अपनी माँ को। हम दोनों माँ-बेटे चुदाई में बहुत मस्त हो चुके थे और एक अलग जहाँ में पहुंच चुके थे। माँ एक और बार झड़ चुकी थी और वो ठंडी हो गई थी.. में भी 30 मिनट चुदाई के बाद झड़ने के लिए तैयार था.. तो मैंने माँ से कहा कि में झड़ने वाला हूँ।
में : तो क्या हुआ.. झड़ जाओ अंदर ही।
फिर मैंने कुछ और धक्के लगाने के बाद एक जोरदार आखरी धक्का लगाया और अपना पूरा पानी अंदर ही छोड़ दिया और फिर में लंड को चूत में डालकर माँ के ऊपर ही लेटा रहा.. माँ की चूत मेरे पूरे पानी से भर चुकी थी और पानी चूत से निकलकर जाँघो के कोनो पर गिर रहा था। फिर हम ऐसे ही सो गये और मेरी सुबह 4 बजे आँख खुली तो मैंने फिर से माँ को अपनी बाहों में लिया और प्यार करने लगा।
माँ : क्या कर रहे हो.. अभी तो इतना सारा किया है।
फिर भी मैंने एक ना सुनी और फिर से लिपटने लगा और में ऊपर चढ़ गया और लंड को चूत पर रख दिया। तो माँ ने हाथ से लंड को पकड़ा और चूत पर रखा और कहा कि अब डालो। तो मैंने एक जोरदार धक्के से पूरा लंड घुसा दिया और चुदाई करने लगा.. करीब आधे घंटे तक चुदाई के बाद माँ बोली।
माँ : आज तूने तो मेरी चूत की चटनी बना दी है.. इसको फाड़ दिया है।
में : लेकिन माँ ऐसा करने से मज़ा भी तो आ रहा है।
हम दोनों माँ बेटे चुदाई का पूरा आनंद ले रहे थे.. आहें भर रहे थे।
में लगातार 25 मिनट से चुदाई कर रहा था.. क्योंकि यह मेरा दूसरा शॉट था। इसलिए मेरा जल्दी हो ही नहीं रहा था.. में लगातार शॉट लगाए जा रहा था।
माँ : कितनी देर से कर रहा है में पूरी तरह से थक चुकी हूँ.. अब जल्दी कर।
में : में क्या करूं मेरा निकल ही नहीं रहा?
में लगातार झटके मारने लगा.. फिर एक घंटे के बाद में झड़ने जा रहा था।
में : माँ में झड़ने वाला हूँ और ऐसा कहकर मैंने पूरे लंड का दबाव अंदर लगाकर पिचकारी छोड़ दी।
माँ : आहह कितनी ताकत से चोदा है तूने अपनी माँ को।
फिर में ऐसे ही लंड चूत में डालकर लेटा रहा। तो सुबह मेरी आँख 10 बजे खुली और में पूरा नंगा था। तो मैंने उठकर अपने कपड़े पहने और में हॉल में गया और सोफे पर बैठा। माँ किचन से आई।
माँ : उठ गया तू.. रुक में अभी तेरे लिए चाय लाती हूँ।
मैंने माँ की आँखो में देखा तो वो आँखे नीचे करके किचन में चली गयी और 10 मिनट बाद चाय का कप लेकर आई।
माँ : यह ले चाय पी।
फिर मैंने चाय पी और टीवी देखने लगा.. माँ किचन में गयी और 10 मिनट के बाद में भी किचन में गया और माँ के पास खड़ा हुआ।
माँ : क्या चाहिए तुझे?
में : कुछ नहीं बस ऐसे ही खड़ा हूँ।
माँ : ऐसे कभी पहले तो तू किचन में नहीं आया।
में : आप इतनी अच्छी माँ जो हो इसलिए आया हूँ.. माँ ने उस दिन गुलाबी कलर का कुर्ता और सफेद सलवार पहनी हुई थी।
में : चल बता नालायक क्यों अच्छी हूँ में?
में : माँ कल आपके साथ सुहागरात मानने में बहुत मज़ा आया।
माँ : लेकिन तुझसे मैंने कहा था कि यह इसके बाद नहीं होना चाहिए.. यह तेरा गिफ्ट था।
फिर अचानक मैंने माँ के कंधे पर हाथ रख दिया और पास जाकर पूरे जिस्म से चिपककर गर्दन पर किस करने लगा।
माँ : नहीं.. यह सब अब नहीं।
में : अब क्या माँ? हम माँ बेटे एक दूसरे के सामने नंगे तो हो ही चुके है।
ऐसा कहकर मैंने अपने कपड़े फटाफट उतार दिए और माँ को जाकर चिपक गया।
माँ : अच्छा चल रुक जा में पहले नहाकर आती हूँ। फिर तुझे जो करना है कर लेना।
फिर माँ नहाने बाथरूम चली गयी और 5 मिनट बाद मुझे एक आईडिया आया और में भी बाथरूम के पास गया और दरवाजा खटखटाया।
माँ : अब क्या है?
में : माँ एक मिनट के लिए दरवाजा खोलो।
में : नहीं खोल सकती.. मैंने कुछ नहीं पहना है।
में : माँ सिर्फ एक मिनट खोलो.. मुझे आपसे एक जरूरी काम है।
में : चल रुक जा खोलती हूँ।
तो एक मिनट बाद दरवाजा थोड़ा खुला और माँ ने सर बाहर निकालकर कहा कि क्या बात है? फिर में दरवाजे को धक्का देकर अंदर घुस गया और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया.. माँ सामने गुलाबी कलर के टावल में खड़ी थी।
माँ : अंदर क्यों आया है? तुझे मैंने कहा कि में अभी आ रही हूँ।
में : माँ मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा.. में क्या करूं?
तो ऐसा कहकर मैंने माँ का टावल झटके से उतार दिया.. माँ मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी और में माँ से चिपक गया और ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा। मैंने पानी चालू किया और हम नहाने लगे.. मैंने माँ के बदन पर साबुन लगाया.. पहले कंधे और फिर बूब्स पर और फिर नीचे चूत और पूरे शरीर पर। फिर माँ ने मुझे साबुन लगाया और हम चिपक पड़े.. क्या मस्त मज़ा आ रहा था। बहुत नरम एकदम जन्नत का मज़ा आ रहा था। फिर खड़े खड़े मैंने माँ की चूत में लंड डालने की कोशिश कि.. लेकिन लंड साबुन की वजह से फिसल रहा था.. तो माँ ने एक हाथ से चूत खोली।
माँ : अब डाल और धीरे धीरे धक्के लगाना.. वरना फिसल कर बाहर आ जाएगा।
मैंने पूरा लंड घुसा दिया और खड़े खड़े चुदाई करने में बहुत मज़ा आ रहा था.. में धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा और में 15 मिनट बाद माँ की चूत में ही झड़ गया और फिर हम दोनों नंगे ही रूम तक आए और माँ ने मेरे सामने ब्रा, पेंटी कपड़े पहने और फिर मैंने दोपहर को और शाम को भी चुदाई की।
अब हम दोनों बहुत खुल चुके है। में जब चाहे तब माँ की चुदाई करता हूँ। हम रात रात भर नंगे ही सोते है। हम बहुत मजे करते है और सेक्स के पूरे मज़े लेते है ।।
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