FUN-MAZA-MASTI
बुआ की लड़की को मोमबत्ती से चोदा
हैल्लो दोस्तों.. में राज मल्होत्रा आप सभी के सामने अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव लेकर आया हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को यह जरूर पसंद आएगी.. दोस्तों यह आज की कहानी मेरे बचपन के लालच से शुरू होती है जो जाकर मेरी जवानी की आग पर खत्म होती है। इस कहानी की शुरुआत मेरे बचपन से होती है.. उस वक़्त में 18 साल का था और मेरी गर्मियों की छुट्टियों पर में अपनी बुआ के घर गया था। मेरी बुआ के चार बच्चे है और उनमे से एक लड़का बाहर ही रहता है उनका वो लड़का शादीशुदा है और चंडीगढ़ में नौकरी करता है। एक लड़के की अभी शादी नहीं हुई है.. लेकिन वो अभी एक प्राईवेट नौकरी कर रहा है और मेरी बुआ की एक बड़ी लड़की पढ़ाई कर रही है और छोटी लड़की जिसका नाम सिम्मी है वो मुझसे उम्र में 10 साल बड़ी है। उस वक़्त जब में गर्मियों की छुट्टियों पर उनके घर गया था.. तब मेरी उम्र 18 साल की थी.. जबकि मेरी कज़िन बहन सिम्मी 23 साल की थी और फाईनल साल में पढ़ रही थी.. उसका फिगर बहुत ही सेक्सी था। वो बहुत स्लिम थी.. लेकिन उसकी छाती बिल्कुल गोल गोल, बहुत बड़ी, टाईट और तनी हुई थी। वो बहुत गोरी और सुंदर थी और वो मुझे बहुत प्यार करती थी और मेरे साथ हमेशा लूडो और केरम खेलती थी। मुझे कोल्ड ड्रिंक और बर्फ का गोला बहुत पसंद था और वो मुझे हमेशा अपनी कार में लेकर बर्फ गोला खिलाने ले जाती थी.. बर्फ गोले के ऊपर गोले वाला खोया और मलाई डाल कर देता था जो कि मुझे बहुत ही स्वादिष्ट लगती थी और वो मुझे हमेशा खुश रखने की कोशिश किया करती थी और मेरी कोई भी बात नहीं टालती थी।
मैंने कई बार उनकी गोल गोल, गोरी और टाईट चूचियाँ देखी थी क्योंकि वो कई बार घर पर गाऊन और टी-शर्ट पहनती थी और जब भी झुकती थी तो मुझे उसकी चूचियों के दर्शन हो जाते थे। मुझे उसकी छाती देखना बहुत अच्छा लगता था.. लेकिन कभी सेक्स का अहसास दिल में नहीं आया और वो मुझे छोटा समझकर मेरे सामने बिल्कुल फ्री रहती थी। वो जब घर पर अकेली होती थी.. तो उनकी हरकत पूरी चेंज हो जाती थी और वो ज्यादातर समय टीवी चालू करके मुझे अपने पास बैठा लेती थी और मुझसे चिपककर बैठ जाती थी। कभी कभी वो मुझे अपनी गोद में बैठा लेती थी और अपनी दोनों बाहों से कसकर अपने सीने से लगा लेती थी.. जिसे में एक कज़िन बहन का प्यार ही समझता था और इससे मुझे अपनापन लगता और सेक्स का अहसास नहीं आता था। लेकिन जब कभी वो मुझे सीधे से अपने गले से लगाती थी तो मेरा चेहरा उनकी दोनों चूचियों के बीच में आ जाता था और उनके जिस्म की मादक खुश्बू और उनकी चूचियों की गर्मी और कोमल स्पर्श से मेरे अंदर अजीब सी गुदगुदी होती थी और वो मुझे जब तक अलग नहीं करती.. में उनसे चिपका ही रहता था। कई बार जब में सो कर उठता था तो मुझे ऐसा लगता था कि जैसे किसी ने मेरे जिस्म के कोमल अंग यानी कि मेरे लंड मतलब कि मेरी लुल्ली के साथ कुछ किया है.. लेकिन कभी मुझे समझ में नहीं आया। उस टाईम पर मेरा सेक्सी भाग बिल्कुल साफ था.. क्योंकि अभी वहाँ पर बाल निकलने शुरू नहीं हुए थे। एक दिन मेरी बुआ, अंकल और उनकी बड़ी लड़की एक शादी में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ गये हुए थे और घर पर मेरे बड़े भैय्या, सिम्मी दीदी और में था। उस टाईम लोग वीडियो घर पर किराए से लाते थे और 2-3 फिल्म एक साथ देखते थे। तो एक दिन हमने भी घर पर सोमवार के दिन वीडियो मंगवाया और फिर हमने सारी रात नमकीन, मिठाई खाते रहे और चाय की चुस्कियों के साथ फिल्म देखी.. लेकिन भैया एक फिल्म देखकर सो गये क्योंकि उन्हे सुबह जल्दी अपनी फेक्ट्री जाना था और जब कि हमने तीनों फिल्म बड़े आराम से देखी। सिम्मी दीदी ने मेरा सर अपनी गोद में रखा हुआ था और मेरे बालों में अपनी उंगलियाँ घुमा रही थी और सुबह सिम्मी दीदी ने भैया को नाश्ता बनाकर दिया और हमने भी टूथब्रश करके नाश्ता कर लिया और भैया के फेक्ट्री जाने के बाद दीदी ने मेन दरवाजा और घर का दरवाजा लॉक किया और कूलर चालू कर दिया। फिर हम दोनों साथ में ही सो गये।
हम सब घर वालों के सामने भी साथ में ही सोते थे। तभी थोड़ी देर के बाद दीदी ने मुझे अपनी ओढनी में अंदर ले लिया और अपनी बाहों में भींचकर अपने गाऊन के ऊपर से मुझे अपनी छाती से लगा लिया और में भी उनके ऊपर हाथ रखकर बिल्कुल चिपक कर सो गया। मुझमे उस वक़्त तक कभी सेक्स का अहसास नहीं आता था.. लेकिन मुझे उनके साथ चिपककर सोना बहुत अच्छा लगता था। तभी लगभग 3-4 घंटो के बाद मुझे अपने प्रमुख भाग यानी कि अपनी लुल्ली में कुछ गुदगुदी महसूस हुई और नींद में ही मैंने अपना हाथ नीचे रखा.. लेकिन मुझे कुछ भी पता नहीं चला और फिर में सो गया। तभी मुझे कुछ देर बाद पेशाब जाने का अहसास हो रहा था.. लेकिन बिल्कुल फंसा होने की वजह से में टॉयलेट नहीं जा रहा था और इसी वक़्त फिर से मुझे अपनी लुल्ली में गुदगुदी होने लगी और पेशाब का अहसास भी बहुत ज़ोर से हो गया था और मुझे लगा कि पेशाब बेड पर ही ना निकल जाए.. जिसकी वजह से में डरकर झटके से उठ गया।
तभी देखा कि मेरी पेंट मेरे घुटनो तक नीचे थी और सिम्मी दीदी मेरी लुल्ली को बड़े प्यार से चूस रही थी और उनका गाऊन पेट तक ऊपर था और वो अपनी एक उंगली से अपनी चूत को सहला रही थी। यह सब इतना जल्दी हो गया कि उन्हे संभलने का मौका ही नहीं मिला और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और सिम्मी दीदी बहुत घबराई हुई थी और पूरे रूम में बिल्कुल शांति थी और मुझे तब तक सेक्स और सकिंग या सेक्स की ज़रा सी भी जानकारी नहीं थी। फिर आख़िर में मैंने ही दीदी से कहा कि आप बहुत बुरे हो.. आप इसे क्यों चूस रहे थे? यह तो बहुत गंदी चीज है.. इससे तो सू-सू करते है। तो उन्होंने कुछ जवाब नहीं दिया और थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझे प्यार से समझाना शुरू कर दिया। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या वो मुझको अच्छी लगती है? जिसका जवाब मैंने हाँ में दिया और इसके बाद उन्होंने मुझसे वादा लिया कि में यह बात किसी को नहीं बताऊंगा क्योंकि अगर यह बात मैंने किसी को बोली तो उनके मम्मी, पापा से उनको बहुत मार पड़ेगी और उनकी बहुत बेज्जती होगी और वो सुसाईड भी कर लेंगी। फिर उन्होंने मुझसे ब्लेकमेल करते हुए पूछा कि क्या में चाहता हूँ कि उनको मार पड़े और वो सुसाईड कर ले और वो रोने लगी। तो में बहुत डर गया। दरअसल में उनका दिल नहीं दुखाना चाहता था और मैंने उन्हे चुप करते हुए उनको मेरी बात का बुरा न लगने के लिए सॉरी बोला और वादा किया कि यह बात में कभी किसी को नहीं बताऊंगा। तो वो बहुत खुश हो गयी और हम फिर से पहले जैसे हो गये.. लेकिन वो अब मुझसे थोड़ा दूर रहने लगी थी। तो एक दिन फिर जब हम घर पर बिल्कुल अकेले थे तो उन्होंने एक नंगी फोटो की किताब अपने रूम में टेबल पर रख दी और मैंने उसमे नंगी सेक्सी फोटो और सेक्स करने के तरीके देखे और फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या आप ऐसी किताबे पड़ती हो? तो उन्होंने कहा कि हाँ सब लोग पड़ते है। फिर उन्होंने मुझे सेक्स की थोड़ी जानकारी दी और बताया कि कैसे बच्चा पैदा होता है और मुझसे पूछा कि क्या में सेक्सी फिल्म देखना पसंद करूंगा? तो मैंने जल्दी से हाँ कर दी। दरअसल में भी यह अनुभव करना चाहता था कि यह सब कैसा लगता है? एक दिन वो मुझे अपनी दोस्त के घर ले गयी.. जिसके साथ वो अधिकतर समय पढ़ाई करती थी और वहाँ पर उन्होंने मुझे ब्लू फिल्म दिखाई। मुझे ब्लूफिल्म देखकर बहुत अच्छा लगा और फिर हम घर आ गये। उस रात को अचानक से लाईट कट हो गयी थी और हम सब ऊपर सोने के लिए चले गये.. सबसे पहले में लेटा था फिर सिम्मी दीदी उसके बाद बड़ी दीदी और उसके आगे भैया लेटे थे।
फिर जब करीब आधी रात हो गयी और सब गहरी नींद में सो रहे थे.. तो सिम्मी दीदी मेरी तरफ घूमी और उन्होंने अपने गाऊन के ऊपर के बटन खोल दिए और अपनी ओढनी मेरे ऊपर कर दी और अपनी गोल गोल नरम और गरम चूची मेरे मुहं से लगा दी और मुझे उठाकर चूसने को कहा। तो मैंने उनके एक बूब्स को चूसना और दूसरे को दबाना शुरू कर दिया और उन्होंने अपना एक हाथ मेरी पेंट के अंदर डाला और मेरी लुल्ली की मसाज करने लगी और अपने दूसरे हाथ को गाऊन के अंदर डालकर अपनी चूत सहलाने लगी। तभी थोड़ी देर के बाद वो धीरे धीरे मोनिंग करने लगी और कुछ देर के बाद उन्होंने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और थोड़ी देर के बाद हम सो गये। ज्यादातर दोपहर के समय घर पर केवल हम तीन लोग ही होते थे.. में, मेरी बुआ और सिम्मी दीदी क्योंकि अंकल और भैया फेक्ट्री जाते थे और बहुत रात को आते थे और जबकि बड़ी दीदी म्यूज़िक और ट्यूशन क्लास लेने के लिए जाती थी और अक्सर हम लंच के बाद 02:00 बजे सो जाते थे और फिर 04:30 बजे उठ जाते थे। हम अधिकतर समय अपना रूम लॉक करते थे जिससे कि कूलर की हवा रूम के बाहर ना जाए.. लेकिन ब्लू फिल्म दिखाने और उस रात के बाद अगली दोपहर को जब में दीदी के साथ सोने के लिए गया तो उन्होंने दरवाजा लॉक करने के बाद मुझे पेंट उतारने को कहा.. लेकिन मुझे उनके सामने पेंट उतारने में बहुत शरम आ रही थी और मैंने उनसे कहा कि मुझे आपके सामने नंगा होने में बहुत शरम आ रही है।
तो उन्होंने ही आगे आकर मेरी पेंट नीचे उतार दी और मुझसे कहा कि जब में उनकी सब बात मानूंगा तो वो मुझे कोल्ड ड्रिंक, बादाम मिल्क, बर्फ का गोला और कुल्फी फालूदा खिलाएगी और यह सब मुझे बहुत पसंद था.. इसलिए में उनकी हर बात के लिए राजी हो गया और मुझे लोकी और करेला की सब्जी से बहुत नफ़रत थी। तो उन्होंने कहा कि मुझे कोई भी वो सब्जी खाने का दबाव नहीं डालेगा और वो मुझे हमेशा एक अंडा बनाकर दे दिया करेंगी। फिर मेरे मन का लालच जाग गया और में उनकी हर बात को मानने लगा और फिर उन्होंने मेरी पेंट को उतारने के बाद टावल को पानी से गीला किया और अपनी चूत और मेरे लुल्ली को बहुत अच्छे से साफ किया और फिर मेरी लुल्ली चूसने लगी। तभी थोड़ी देर बाद लुल्ली तनकर खड़ी हो गई और वो बहुत मजे लेकर मुहं को आगे पीछे करके चूसने लगी। हम बेड पर लेटे थे और उनकी चूत मेरे सामने थी तो उन्होंने मुझे अपनी एक ऊँगली से धीरे धीरे उनकी चूत को सहलाने को कहा और में नौकर की तरह उनका ऑर्डर पूरा कर रहा था। में उनकी चूत को सहला रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी और कुछ देर के बाद मेरे शरीर को करंट के जैसा एक झटका लगा और में उनके मुहं में ही झड़ गया.. लेकिन मेरी लुल्ली से एक दो बूंद ही वीर्य की निकली थी। जिसका उन्हे पता भी नहीं चला.. लेकिन मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ और कुछ देर के बाद वो भी झड़ गयी। फिर वो मेरे साथ चिपककर लेट गयी और मुझे उनके बूब्स चूसने को कहा.. में उनकी चूचियाँ अब बदल बदल कर चूस रहा था और उन्हे दबा रहा था। फिर उन्होंने मुझे उनकी चूत चाटने को कहा.. मुझे थोड़ा गंदा लगा.. तो उन्होंने मुझे 50 रुपये दे दिए तो मैंने जल्दी से उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी और वो मेरा लंड चूसने लगी और कुछ देर के बाद उनका शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ गयी.. लेकिन मुझे इसका आईडिया नहीं था। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अब काम खत्म हो गया है और अब पास आकर लेट जाओ। उन्होंने 3-4 बार मेरे लंड को चूसा और मुझे बहुत गुदगुदी होती थी और वो फिर मुझे अलग कर देती थी।
उन्होंने कई बार मेरी लुल्ली को अपनी चूत में डालने की कोशिश की.. लेकिन वो कामियाब नहीं हो पाई.. क्योंकि मेरी लुल्ली बहुत छोटी थी और हर थोड़ी देर बाद ठंडी हो जाती थी। फिर शाम को उन्होंने अपना वादा पूरा किया और मुझे कोल्ड ड्रिंक पिलाई और आईसक्रीम खिलाई। फिर अगले दिन वो मोमबत्ती लेकर रूम में आई और मुझे उन्होंने अपने ऊपर आधा लेटाया और मेरे हाथ में मोमबत्ती दे दी और मेरी लुल्ली अपने मुहं में डालकर मुझसे मोमबत्ती उनकी चूत में डालकर हिलाने को कहा। में उनके कहने पर उनकी चूत की चुदाई मोमबत्ती से करने लगा। करीब 15 मिनट तक मोमबत्ती को ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करने के बाद अचानक से वो झड़ गई और उनकी चूत से सफेद कलर का बहुत सारा पानी निकलने लगा और वो शांत होकर पड़ी रही और मुझे उन्होंने अपने बूब्स चूसने को कहा। में मजे से चूसता रहा। अब तो जब तक में वहाँ पर रहा.. यह रोज़ का सिलसिला था। कभी मैंने उनकी चूत को चाटा और कभी मोमबत्ती से चोदकर उन्हें ठंडा किया। दोस्तों इस तरह से मेरे कोल्ड ड्रिंक, बर्फ गोला और कुल्फी फालूदा के लालच ने मुझे सेक्स करने को मजबूर बना दिया था ।।
बुआ की लड़की को मोमबत्ती से चोदा
हैल्लो दोस्तों.. में राज मल्होत्रा आप सभी के सामने अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव लेकर आया हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को यह जरूर पसंद आएगी.. दोस्तों यह आज की कहानी मेरे बचपन के लालच से शुरू होती है जो जाकर मेरी जवानी की आग पर खत्म होती है। इस कहानी की शुरुआत मेरे बचपन से होती है.. उस वक़्त में 18 साल का था और मेरी गर्मियों की छुट्टियों पर में अपनी बुआ के घर गया था। मेरी बुआ के चार बच्चे है और उनमे से एक लड़का बाहर ही रहता है उनका वो लड़का शादीशुदा है और चंडीगढ़ में नौकरी करता है। एक लड़के की अभी शादी नहीं हुई है.. लेकिन वो अभी एक प्राईवेट नौकरी कर रहा है और मेरी बुआ की एक बड़ी लड़की पढ़ाई कर रही है और छोटी लड़की जिसका नाम सिम्मी है वो मुझसे उम्र में 10 साल बड़ी है। उस वक़्त जब में गर्मियों की छुट्टियों पर उनके घर गया था.. तब मेरी उम्र 18 साल की थी.. जबकि मेरी कज़िन बहन सिम्मी 23 साल की थी और फाईनल साल में पढ़ रही थी.. उसका फिगर बहुत ही सेक्सी था। वो बहुत स्लिम थी.. लेकिन उसकी छाती बिल्कुल गोल गोल, बहुत बड़ी, टाईट और तनी हुई थी। वो बहुत गोरी और सुंदर थी और वो मुझे बहुत प्यार करती थी और मेरे साथ हमेशा लूडो और केरम खेलती थी। मुझे कोल्ड ड्रिंक और बर्फ का गोला बहुत पसंद था और वो मुझे हमेशा अपनी कार में लेकर बर्फ गोला खिलाने ले जाती थी.. बर्फ गोले के ऊपर गोले वाला खोया और मलाई डाल कर देता था जो कि मुझे बहुत ही स्वादिष्ट लगती थी और वो मुझे हमेशा खुश रखने की कोशिश किया करती थी और मेरी कोई भी बात नहीं टालती थी।
मैंने कई बार उनकी गोल गोल, गोरी और टाईट चूचियाँ देखी थी क्योंकि वो कई बार घर पर गाऊन और टी-शर्ट पहनती थी और जब भी झुकती थी तो मुझे उसकी चूचियों के दर्शन हो जाते थे। मुझे उसकी छाती देखना बहुत अच्छा लगता था.. लेकिन कभी सेक्स का अहसास दिल में नहीं आया और वो मुझे छोटा समझकर मेरे सामने बिल्कुल फ्री रहती थी। वो जब घर पर अकेली होती थी.. तो उनकी हरकत पूरी चेंज हो जाती थी और वो ज्यादातर समय टीवी चालू करके मुझे अपने पास बैठा लेती थी और मुझसे चिपककर बैठ जाती थी। कभी कभी वो मुझे अपनी गोद में बैठा लेती थी और अपनी दोनों बाहों से कसकर अपने सीने से लगा लेती थी.. जिसे में एक कज़िन बहन का प्यार ही समझता था और इससे मुझे अपनापन लगता और सेक्स का अहसास नहीं आता था। लेकिन जब कभी वो मुझे सीधे से अपने गले से लगाती थी तो मेरा चेहरा उनकी दोनों चूचियों के बीच में आ जाता था और उनके जिस्म की मादक खुश्बू और उनकी चूचियों की गर्मी और कोमल स्पर्श से मेरे अंदर अजीब सी गुदगुदी होती थी और वो मुझे जब तक अलग नहीं करती.. में उनसे चिपका ही रहता था। कई बार जब में सो कर उठता था तो मुझे ऐसा लगता था कि जैसे किसी ने मेरे जिस्म के कोमल अंग यानी कि मेरे लंड मतलब कि मेरी लुल्ली के साथ कुछ किया है.. लेकिन कभी मुझे समझ में नहीं आया। उस टाईम पर मेरा सेक्सी भाग बिल्कुल साफ था.. क्योंकि अभी वहाँ पर बाल निकलने शुरू नहीं हुए थे। एक दिन मेरी बुआ, अंकल और उनकी बड़ी लड़की एक शादी में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ गये हुए थे और घर पर मेरे बड़े भैय्या, सिम्मी दीदी और में था। उस टाईम लोग वीडियो घर पर किराए से लाते थे और 2-3 फिल्म एक साथ देखते थे। तो एक दिन हमने भी घर पर सोमवार के दिन वीडियो मंगवाया और फिर हमने सारी रात नमकीन, मिठाई खाते रहे और चाय की चुस्कियों के साथ फिल्म देखी.. लेकिन भैया एक फिल्म देखकर सो गये क्योंकि उन्हे सुबह जल्दी अपनी फेक्ट्री जाना था और जब कि हमने तीनों फिल्म बड़े आराम से देखी। सिम्मी दीदी ने मेरा सर अपनी गोद में रखा हुआ था और मेरे बालों में अपनी उंगलियाँ घुमा रही थी और सुबह सिम्मी दीदी ने भैया को नाश्ता बनाकर दिया और हमने भी टूथब्रश करके नाश्ता कर लिया और भैया के फेक्ट्री जाने के बाद दीदी ने मेन दरवाजा और घर का दरवाजा लॉक किया और कूलर चालू कर दिया। फिर हम दोनों साथ में ही सो गये।
हम सब घर वालों के सामने भी साथ में ही सोते थे। तभी थोड़ी देर के बाद दीदी ने मुझे अपनी ओढनी में अंदर ले लिया और अपनी बाहों में भींचकर अपने गाऊन के ऊपर से मुझे अपनी छाती से लगा लिया और में भी उनके ऊपर हाथ रखकर बिल्कुल चिपक कर सो गया। मुझमे उस वक़्त तक कभी सेक्स का अहसास नहीं आता था.. लेकिन मुझे उनके साथ चिपककर सोना बहुत अच्छा लगता था। तभी लगभग 3-4 घंटो के बाद मुझे अपने प्रमुख भाग यानी कि अपनी लुल्ली में कुछ गुदगुदी महसूस हुई और नींद में ही मैंने अपना हाथ नीचे रखा.. लेकिन मुझे कुछ भी पता नहीं चला और फिर में सो गया। तभी मुझे कुछ देर बाद पेशाब जाने का अहसास हो रहा था.. लेकिन बिल्कुल फंसा होने की वजह से में टॉयलेट नहीं जा रहा था और इसी वक़्त फिर से मुझे अपनी लुल्ली में गुदगुदी होने लगी और पेशाब का अहसास भी बहुत ज़ोर से हो गया था और मुझे लगा कि पेशाब बेड पर ही ना निकल जाए.. जिसकी वजह से में डरकर झटके से उठ गया।
तभी देखा कि मेरी पेंट मेरे घुटनो तक नीचे थी और सिम्मी दीदी मेरी लुल्ली को बड़े प्यार से चूस रही थी और उनका गाऊन पेट तक ऊपर था और वो अपनी एक उंगली से अपनी चूत को सहला रही थी। यह सब इतना जल्दी हो गया कि उन्हे संभलने का मौका ही नहीं मिला और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और सिम्मी दीदी बहुत घबराई हुई थी और पूरे रूम में बिल्कुल शांति थी और मुझे तब तक सेक्स और सकिंग या सेक्स की ज़रा सी भी जानकारी नहीं थी। फिर आख़िर में मैंने ही दीदी से कहा कि आप बहुत बुरे हो.. आप इसे क्यों चूस रहे थे? यह तो बहुत गंदी चीज है.. इससे तो सू-सू करते है। तो उन्होंने कुछ जवाब नहीं दिया और थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझे प्यार से समझाना शुरू कर दिया। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या वो मुझको अच्छी लगती है? जिसका जवाब मैंने हाँ में दिया और इसके बाद उन्होंने मुझसे वादा लिया कि में यह बात किसी को नहीं बताऊंगा क्योंकि अगर यह बात मैंने किसी को बोली तो उनके मम्मी, पापा से उनको बहुत मार पड़ेगी और उनकी बहुत बेज्जती होगी और वो सुसाईड भी कर लेंगी। फिर उन्होंने मुझसे ब्लेकमेल करते हुए पूछा कि क्या में चाहता हूँ कि उनको मार पड़े और वो सुसाईड कर ले और वो रोने लगी। तो में बहुत डर गया। दरअसल में उनका दिल नहीं दुखाना चाहता था और मैंने उन्हे चुप करते हुए उनको मेरी बात का बुरा न लगने के लिए सॉरी बोला और वादा किया कि यह बात में कभी किसी को नहीं बताऊंगा। तो वो बहुत खुश हो गयी और हम फिर से पहले जैसे हो गये.. लेकिन वो अब मुझसे थोड़ा दूर रहने लगी थी। तो एक दिन फिर जब हम घर पर बिल्कुल अकेले थे तो उन्होंने एक नंगी फोटो की किताब अपने रूम में टेबल पर रख दी और मैंने उसमे नंगी सेक्सी फोटो और सेक्स करने के तरीके देखे और फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या आप ऐसी किताबे पड़ती हो? तो उन्होंने कहा कि हाँ सब लोग पड़ते है। फिर उन्होंने मुझे सेक्स की थोड़ी जानकारी दी और बताया कि कैसे बच्चा पैदा होता है और मुझसे पूछा कि क्या में सेक्सी फिल्म देखना पसंद करूंगा? तो मैंने जल्दी से हाँ कर दी। दरअसल में भी यह अनुभव करना चाहता था कि यह सब कैसा लगता है? एक दिन वो मुझे अपनी दोस्त के घर ले गयी.. जिसके साथ वो अधिकतर समय पढ़ाई करती थी और वहाँ पर उन्होंने मुझे ब्लू फिल्म दिखाई। मुझे ब्लूफिल्म देखकर बहुत अच्छा लगा और फिर हम घर आ गये। उस रात को अचानक से लाईट कट हो गयी थी और हम सब ऊपर सोने के लिए चले गये.. सबसे पहले में लेटा था फिर सिम्मी दीदी उसके बाद बड़ी दीदी और उसके आगे भैया लेटे थे।
फिर जब करीब आधी रात हो गयी और सब गहरी नींद में सो रहे थे.. तो सिम्मी दीदी मेरी तरफ घूमी और उन्होंने अपने गाऊन के ऊपर के बटन खोल दिए और अपनी ओढनी मेरे ऊपर कर दी और अपनी गोल गोल नरम और गरम चूची मेरे मुहं से लगा दी और मुझे उठाकर चूसने को कहा। तो मैंने उनके एक बूब्स को चूसना और दूसरे को दबाना शुरू कर दिया और उन्होंने अपना एक हाथ मेरी पेंट के अंदर डाला और मेरी लुल्ली की मसाज करने लगी और अपने दूसरे हाथ को गाऊन के अंदर डालकर अपनी चूत सहलाने लगी। तभी थोड़ी देर के बाद वो धीरे धीरे मोनिंग करने लगी और कुछ देर के बाद उन्होंने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और थोड़ी देर के बाद हम सो गये। ज्यादातर दोपहर के समय घर पर केवल हम तीन लोग ही होते थे.. में, मेरी बुआ और सिम्मी दीदी क्योंकि अंकल और भैया फेक्ट्री जाते थे और बहुत रात को आते थे और जबकि बड़ी दीदी म्यूज़िक और ट्यूशन क्लास लेने के लिए जाती थी और अक्सर हम लंच के बाद 02:00 बजे सो जाते थे और फिर 04:30 बजे उठ जाते थे। हम अधिकतर समय अपना रूम लॉक करते थे जिससे कि कूलर की हवा रूम के बाहर ना जाए.. लेकिन ब्लू फिल्म दिखाने और उस रात के बाद अगली दोपहर को जब में दीदी के साथ सोने के लिए गया तो उन्होंने दरवाजा लॉक करने के बाद मुझे पेंट उतारने को कहा.. लेकिन मुझे उनके सामने पेंट उतारने में बहुत शरम आ रही थी और मैंने उनसे कहा कि मुझे आपके सामने नंगा होने में बहुत शरम आ रही है।
तो उन्होंने ही आगे आकर मेरी पेंट नीचे उतार दी और मुझसे कहा कि जब में उनकी सब बात मानूंगा तो वो मुझे कोल्ड ड्रिंक, बादाम मिल्क, बर्फ का गोला और कुल्फी फालूदा खिलाएगी और यह सब मुझे बहुत पसंद था.. इसलिए में उनकी हर बात के लिए राजी हो गया और मुझे लोकी और करेला की सब्जी से बहुत नफ़रत थी। तो उन्होंने कहा कि मुझे कोई भी वो सब्जी खाने का दबाव नहीं डालेगा और वो मुझे हमेशा एक अंडा बनाकर दे दिया करेंगी। फिर मेरे मन का लालच जाग गया और में उनकी हर बात को मानने लगा और फिर उन्होंने मेरी पेंट को उतारने के बाद टावल को पानी से गीला किया और अपनी चूत और मेरे लुल्ली को बहुत अच्छे से साफ किया और फिर मेरी लुल्ली चूसने लगी। तभी थोड़ी देर बाद लुल्ली तनकर खड़ी हो गई और वो बहुत मजे लेकर मुहं को आगे पीछे करके चूसने लगी। हम बेड पर लेटे थे और उनकी चूत मेरे सामने थी तो उन्होंने मुझे अपनी एक ऊँगली से धीरे धीरे उनकी चूत को सहलाने को कहा और में नौकर की तरह उनका ऑर्डर पूरा कर रहा था। में उनकी चूत को सहला रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी और कुछ देर के बाद मेरे शरीर को करंट के जैसा एक झटका लगा और में उनके मुहं में ही झड़ गया.. लेकिन मेरी लुल्ली से एक दो बूंद ही वीर्य की निकली थी। जिसका उन्हे पता भी नहीं चला.. लेकिन मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ और कुछ देर के बाद वो भी झड़ गयी। फिर वो मेरे साथ चिपककर लेट गयी और मुझे उनके बूब्स चूसने को कहा.. में उनकी चूचियाँ अब बदल बदल कर चूस रहा था और उन्हे दबा रहा था। फिर उन्होंने मुझे उनकी चूत चाटने को कहा.. मुझे थोड़ा गंदा लगा.. तो उन्होंने मुझे 50 रुपये दे दिए तो मैंने जल्दी से उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी और वो मेरा लंड चूसने लगी और कुछ देर के बाद उनका शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ गयी.. लेकिन मुझे इसका आईडिया नहीं था। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अब काम खत्म हो गया है और अब पास आकर लेट जाओ। उन्होंने 3-4 बार मेरे लंड को चूसा और मुझे बहुत गुदगुदी होती थी और वो फिर मुझे अलग कर देती थी।
उन्होंने कई बार मेरी लुल्ली को अपनी चूत में डालने की कोशिश की.. लेकिन वो कामियाब नहीं हो पाई.. क्योंकि मेरी लुल्ली बहुत छोटी थी और हर थोड़ी देर बाद ठंडी हो जाती थी। फिर शाम को उन्होंने अपना वादा पूरा किया और मुझे कोल्ड ड्रिंक पिलाई और आईसक्रीम खिलाई। फिर अगले दिन वो मोमबत्ती लेकर रूम में आई और मुझे उन्होंने अपने ऊपर आधा लेटाया और मेरे हाथ में मोमबत्ती दे दी और मेरी लुल्ली अपने मुहं में डालकर मुझसे मोमबत्ती उनकी चूत में डालकर हिलाने को कहा। में उनके कहने पर उनकी चूत की चुदाई मोमबत्ती से करने लगा। करीब 15 मिनट तक मोमबत्ती को ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करने के बाद अचानक से वो झड़ गई और उनकी चूत से सफेद कलर का बहुत सारा पानी निकलने लगा और वो शांत होकर पड़ी रही और मुझे उन्होंने अपने बूब्स चूसने को कहा। में मजे से चूसता रहा। अब तो जब तक में वहाँ पर रहा.. यह रोज़ का सिलसिला था। कभी मैंने उनकी चूत को चाटा और कभी मोमबत्ती से चोदकर उन्हें ठंडा किया। दोस्तों इस तरह से मेरे कोल्ड ड्रिंक, बर्फ गोला और कुल्फी फालूदा के लालच ने मुझे सेक्स करने को मजबूर बना दिया था ।।
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