FUN-MAZA-MASTI
दोस्तों यह बात पिछले महीने की है.. जब सुबह सुबह मेरे पास दोस्त का फोन आया.. मैं उस समय गहरी नींद मैं था. तभी उसने कहा कि वो मुझे लेने मेरे घर पर आ रहा है.. उसका नाम विनय है और उसकी उम्र 22 साल है. फिर मैं जल्दी से उठा और बाथरूम में नहाने चला गया और नहा धोकर नाश्ता करके तैयार हो गया और उसके आने का इंतजार करने लगा. फिर कुछ देर बाद वो आया और हम कॉलेज के लिए निकल पड़े.. तभी रास्ते मैं उसकी गर्लफ्रेंड रिया का कॉल आया और वो दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे और वह कहने लगा कि तुझसे मिले कितने दिन हो गये और फिर वो फोन पर ही किस करने लगे. तो यह सुनकर मुझे मेरी गर्लफ्रेंड की याद आने लगी और मैं उसकी चुदाई के बारे मैं सोचने लगा. मेरा लंड खड़ा हो गया.. फिर मैंने उसे कहा कि साले मेरा लंड खड़ा हो गया.. जल्दी से फोन काट. फिर उसने कहा कि मुझे तेरी बहुत याद आ रही है और मिलने का मन हो रहा है. तो रिया ने कहा कि मैं नहीं मिल सकती. तभी विनय ने गुस्सा होकर फोन कट कर दिया और फिर थोड़ी देर बाद उसका कॉल आया और उसने कहा कि मिलने का मन तो मेरा भी हो रहा है.. लेकिन मैं घर से क्या बहाना बनाकर निकलूं? तभी विनय ने कहा कि तू ट्यूशन के बहाने घर से बाहर आ जाना और उसका ट्यूशन 4-5 घंटे का होता है और मैंने कहा कि मैं तुझे ट्यूशन के रास्ते से साथ मैं ले जाऊंगा.
फिर कॉलेज के बाद करीब दो बजे हम दारू के ठेके पर गये और दोनों ने बियर पी और शाम की प्लानिंग करने लगे.. दारू पीते पीते तीन बज गये और फिर हम उसके ट्यूशन वाले रास्ते की ओर निकल गये. मैं रिया से पहली बार मिलने वाला था और हम थोड़ी दूरी पर रुककर उसका इंतज़ार करने लगे. फिर करीब 25 मिनट बाद रिया वहाँ पर आ गयी. क्या मस्त थी.. यार वो एक नंबर का माल थी और एकदम गोरी थी.. उसने टॉप और जींस पहनी हुई थी.. उसका फिगर करीब 30-26-32 होगा. तो उसको देखकर मैं सोचने लगा कि काश मुझे भी इसकी चुदाई का मौका मिल जाए. फिर रिया और विनय कार की पिछली सीट पर गये और मैं कार चलाने लगा और थोड़ी देर बाद वो दोनों किस करने लगे और विनय उसके बूब्स भी दबा रहा था और किस भी कर रहा था. फिर उसने उसका टॉप उतार दिया और वो दोनों पूरे जोश मैं लगे हुए थे और उन्हे देखकर मैं भी गरम होने लगा था. तभी विनय ने कहा कि जल्दी से कोठी की तरफ मोड ले.. यह कोठी हमारे एक बहुत अच्छे दोस्त की थी.. जो वहाँ पर किराए पर रहता था.. वहाँ पर तीन लोग रहते थे और वो तीनों स्टूडेंट थे. फिर हम कोठी पहुंच गये और मैं जल्दी से उतरकर उनके पास गया और कहा कि तुम एक कमरा खाली करो और फिर वो तीनो एक कमरे में चले गये. विनय और रिया एक कमरे में चले गये.. लेकिन मैं बाहर बैठ था और अपने मोबाइल पर फ़ेसबुक चला रहा था.. तो मुझे अंदर से उफफ आहह आहह की आवाजें आ रही थी और यह सुनकर मुझे भी जोश आने लगा.. लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकता था. फिर आधे घंटे के बाद विनय बाहर आया.. वो बनियान और अंडरवियर में था और पूरी तरह पसीने से भीगा हुआ और हाफ़ भी रहा था. तो मैंने पूछा कि क्यों कैसा रहा? उसने कहा कि मज़ा आ गया. तो मैंने थोड़ा संकोच करते हुए उसे पूछा कि यार मुझे भी दिला दे.. उसने मुझे कभी भी किसी चीज़ के लिए मना नहीं किया था.. हम दोनों भाई की तरह थे. फिर वो अपने चेहरे पर एक स्माईल लाया और मेरी पीठ पर हाथ रखा और कहा कि जा तू भी मजे ले ले. फिर जब मैं अंदर रूम में गया तो उसने पेंटी और ब्रा पहन लिया था और जींस पहन रही थी और मुझे देखकर गुस्से से कहा कि बाहर निकल जा कमीने. तो मुझे बहुत गुस्सा आया.. लेकिन मैं बाहर आ गया और विनय से कहा कि वो नहीं मान रही और फिर क्या था? वो अंदर गया और ज़बरदस्ती उसके कपड़े लेकर बाहर आ गया और मुझसे कहा कि जा ले ले मज़े और फिर मैं अंदर गया तो वो मुझ पर गालियां निकालने लगी. मैंने उसके बाल पकड़कर कहा कि कुतिया मान जा नहीं तो तुझे नंगी रोड पर चोद दूँगा. तब वो बहुत डर गयी.
फिर मैं उसकी कमर पर धीरे से हाथ ले जाकर सहलाने लगा और तो वो गरम होने लगी. मैंने उसको किस करना चाहा तो उसने मुहं घुमा लिया. तो मैंने उसको जबरदस्ती पकड़ा और बेड पर लेटा दिया और उसकी ब्रा उतार दी और उसके बूब्स चूसने लगा वो आहह आहह की आवाजें निकालने लगी.. तो मैं समझ गया कि अब कोई रुकावट नहीं है.. मैं उसके बूब्स भी दबाने लगा और अब मेरा भी बुरा हाल हो रहा था और मेरा लंड जाल में फंसी मछली की तरह मेरी अंडरवियर मैं फड़फड़ा रहा था. तो मैंने जल्दी से उसकी पेंटी उतारी और उसकी चूत के दर्शन किए.. साली की चूत एकदम साफ थी. मैंने ज्यादा टाईम खराब ना करते हुए उसके ऊपर आ गया और अपना लंड उसकी चूत पर रखकर एक ज़ोर का धक्का मारा.. मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. उसकी चूत बहुत गीली थी.. क्योंकि मुझसे पहले विनय ने उसकी चुदाई की थी. फिर दूसरे धक्के में पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और वो आह्ह्ह उफ्फ्फ माँ मरी की आवाज़े निकालने लगी और चुदाई के मजे लेने लगी और मुझे भी मज़ा आ रहा था.
हम चुदाई में मस्त होकर लगे हुए थे.. उसकी आवाज़ मुझे और जोश दिला रही थी. फिर थोड़ी देर बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है.. लेकिन मैंने आपना काम चालू रखा और फिर करीब 15 मिनट की लगातर चुदाई के बाद मैं उसकी चूत मैं ही झड़ गया और इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी और जब मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो उसकी चूत से मेरा वीर्य और उसका वीर्य बाहर आने लगा और उसकी जांघो पर बहने लगा. तो मैंने उसको कहा कि चल अब घोड़ी बन जा. तो उसने कहा कि अब क्या करना चाहते हो? तो मैंने कहा कि तू अपनी बकवास बंद कर जो मैं कहता हूँ.. सिर्फ वो कर. तो वो घोड़ी बन गई और मैं मेरा लंड उसकी गांड पर रगड़ने लगा और उसके बूब्स मसलने, दबाने लगा.. जिससे वो जोश में आ गई और मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. तभी उसने कहा कि प्लीज इस में मत डालो.. मैंने कभी गांड में लंड नहीं लिया है. फिर मैंने कहा तो आज मेरा लंड ले और मैंने उसकी गांड पर थोड़ा तेल लगा दिया.. लेकिन वो फिर से मना कर रही थी.. लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था और मैं अपना लंड उसकी गांड के छेद मैं डालने लगा. साला गांड का छेद बहुत टाईट था.. लंड जा ही नहीं रहा था और ऊपर से वो चिल्ला रही थी. फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड में चला गया और उसकी चीख आधी निकली और आधी उसके गले में ही अटककर रह गयी और वो उफ्फ्फ आईईई माँ करके रोने लगी और मैं धक्के पे धक्के लगाने लगा और चुदाई के मज़े लेने लगा. फिर बीच बीच मैं वो अपनी गांड भींच लेती.. जिससे मेरा लंड उसमे फंस सा जाता और मैं और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसकी गांड मारने लगता. करीब 10 मिनट के बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया और वो बुरी तरह रो रही थी. फिर मैं कपड़े पहनकर बाहर आ गया और विनय ने अंदर आकर उसे चुप कराया और उसे उसके कपड़े दिए.. तो उसने अपने कपड़े पहने और हमने उसे उसकी ट्यूशन पर ले जाकर छोड़ दिया.. वो हमारी चुदाई की वजह से उस दिन दो घंटे लेट हो गयी थी. उसके बाद हम दोनों दोस्तों ने कई बार मिलकर उसकी चुदाई की और उसने बारी बारी से हमारे लंड लिए ..
ट्यूशन के बहाने
हेलो दोस्तों.. सभी रीडर्स को जय का नमस्कार.. दोस्तों यह कहानी एकदम सच्ची है और यह कहानी मेरी और मेरे दोस्त की है.. कैसे मैंने और उसने उसकी गर्लफ्रेंड को ठोका. अब ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए मैं अपनी कहानी पर आता हूँ.दोस्तों यह बात पिछले महीने की है.. जब सुबह सुबह मेरे पास दोस्त का फोन आया.. मैं उस समय गहरी नींद मैं था. तभी उसने कहा कि वो मुझे लेने मेरे घर पर आ रहा है.. उसका नाम विनय है और उसकी उम्र 22 साल है. फिर मैं जल्दी से उठा और बाथरूम में नहाने चला गया और नहा धोकर नाश्ता करके तैयार हो गया और उसके आने का इंतजार करने लगा. फिर कुछ देर बाद वो आया और हम कॉलेज के लिए निकल पड़े.. तभी रास्ते मैं उसकी गर्लफ्रेंड रिया का कॉल आया और वो दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे और वह कहने लगा कि तुझसे मिले कितने दिन हो गये और फिर वो फोन पर ही किस करने लगे. तो यह सुनकर मुझे मेरी गर्लफ्रेंड की याद आने लगी और मैं उसकी चुदाई के बारे मैं सोचने लगा. मेरा लंड खड़ा हो गया.. फिर मैंने उसे कहा कि साले मेरा लंड खड़ा हो गया.. जल्दी से फोन काट. फिर उसने कहा कि मुझे तेरी बहुत याद आ रही है और मिलने का मन हो रहा है. तो रिया ने कहा कि मैं नहीं मिल सकती. तभी विनय ने गुस्सा होकर फोन कट कर दिया और फिर थोड़ी देर बाद उसका कॉल आया और उसने कहा कि मिलने का मन तो मेरा भी हो रहा है.. लेकिन मैं घर से क्या बहाना बनाकर निकलूं? तभी विनय ने कहा कि तू ट्यूशन के बहाने घर से बाहर आ जाना और उसका ट्यूशन 4-5 घंटे का होता है और मैंने कहा कि मैं तुझे ट्यूशन के रास्ते से साथ मैं ले जाऊंगा.
फिर कॉलेज के बाद करीब दो बजे हम दारू के ठेके पर गये और दोनों ने बियर पी और शाम की प्लानिंग करने लगे.. दारू पीते पीते तीन बज गये और फिर हम उसके ट्यूशन वाले रास्ते की ओर निकल गये. मैं रिया से पहली बार मिलने वाला था और हम थोड़ी दूरी पर रुककर उसका इंतज़ार करने लगे. फिर करीब 25 मिनट बाद रिया वहाँ पर आ गयी. क्या मस्त थी.. यार वो एक नंबर का माल थी और एकदम गोरी थी.. उसने टॉप और जींस पहनी हुई थी.. उसका फिगर करीब 30-26-32 होगा. तो उसको देखकर मैं सोचने लगा कि काश मुझे भी इसकी चुदाई का मौका मिल जाए. फिर रिया और विनय कार की पिछली सीट पर गये और मैं कार चलाने लगा और थोड़ी देर बाद वो दोनों किस करने लगे और विनय उसके बूब्स भी दबा रहा था और किस भी कर रहा था. फिर उसने उसका टॉप उतार दिया और वो दोनों पूरे जोश मैं लगे हुए थे और उन्हे देखकर मैं भी गरम होने लगा था. तभी विनय ने कहा कि जल्दी से कोठी की तरफ मोड ले.. यह कोठी हमारे एक बहुत अच्छे दोस्त की थी.. जो वहाँ पर किराए पर रहता था.. वहाँ पर तीन लोग रहते थे और वो तीनों स्टूडेंट थे. फिर हम कोठी पहुंच गये और मैं जल्दी से उतरकर उनके पास गया और कहा कि तुम एक कमरा खाली करो और फिर वो तीनो एक कमरे में चले गये. विनय और रिया एक कमरे में चले गये.. लेकिन मैं बाहर बैठ था और अपने मोबाइल पर फ़ेसबुक चला रहा था.. तो मुझे अंदर से उफफ आहह आहह की आवाजें आ रही थी और यह सुनकर मुझे भी जोश आने लगा.. लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकता था. फिर आधे घंटे के बाद विनय बाहर आया.. वो बनियान और अंडरवियर में था और पूरी तरह पसीने से भीगा हुआ और हाफ़ भी रहा था. तो मैंने पूछा कि क्यों कैसा रहा? उसने कहा कि मज़ा आ गया. तो मैंने थोड़ा संकोच करते हुए उसे पूछा कि यार मुझे भी दिला दे.. उसने मुझे कभी भी किसी चीज़ के लिए मना नहीं किया था.. हम दोनों भाई की तरह थे. फिर वो अपने चेहरे पर एक स्माईल लाया और मेरी पीठ पर हाथ रखा और कहा कि जा तू भी मजे ले ले. फिर जब मैं अंदर रूम में गया तो उसने पेंटी और ब्रा पहन लिया था और जींस पहन रही थी और मुझे देखकर गुस्से से कहा कि बाहर निकल जा कमीने. तो मुझे बहुत गुस्सा आया.. लेकिन मैं बाहर आ गया और विनय से कहा कि वो नहीं मान रही और फिर क्या था? वो अंदर गया और ज़बरदस्ती उसके कपड़े लेकर बाहर आ गया और मुझसे कहा कि जा ले ले मज़े और फिर मैं अंदर गया तो वो मुझ पर गालियां निकालने लगी. मैंने उसके बाल पकड़कर कहा कि कुतिया मान जा नहीं तो तुझे नंगी रोड पर चोद दूँगा. तब वो बहुत डर गयी.
फिर मैं उसकी कमर पर धीरे से हाथ ले जाकर सहलाने लगा और तो वो गरम होने लगी. मैंने उसको किस करना चाहा तो उसने मुहं घुमा लिया. तो मैंने उसको जबरदस्ती पकड़ा और बेड पर लेटा दिया और उसकी ब्रा उतार दी और उसके बूब्स चूसने लगा वो आहह आहह की आवाजें निकालने लगी.. तो मैं समझ गया कि अब कोई रुकावट नहीं है.. मैं उसके बूब्स भी दबाने लगा और अब मेरा भी बुरा हाल हो रहा था और मेरा लंड जाल में फंसी मछली की तरह मेरी अंडरवियर मैं फड़फड़ा रहा था. तो मैंने जल्दी से उसकी पेंटी उतारी और उसकी चूत के दर्शन किए.. साली की चूत एकदम साफ थी. मैंने ज्यादा टाईम खराब ना करते हुए उसके ऊपर आ गया और अपना लंड उसकी चूत पर रखकर एक ज़ोर का धक्का मारा.. मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. उसकी चूत बहुत गीली थी.. क्योंकि मुझसे पहले विनय ने उसकी चुदाई की थी. फिर दूसरे धक्के में पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और वो आह्ह्ह उफ्फ्फ माँ मरी की आवाज़े निकालने लगी और चुदाई के मजे लेने लगी और मुझे भी मज़ा आ रहा था.
हम चुदाई में मस्त होकर लगे हुए थे.. उसकी आवाज़ मुझे और जोश दिला रही थी. फिर थोड़ी देर बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है.. लेकिन मैंने आपना काम चालू रखा और फिर करीब 15 मिनट की लगातर चुदाई के बाद मैं उसकी चूत मैं ही झड़ गया और इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी और जब मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो उसकी चूत से मेरा वीर्य और उसका वीर्य बाहर आने लगा और उसकी जांघो पर बहने लगा. तो मैंने उसको कहा कि चल अब घोड़ी बन जा. तो उसने कहा कि अब क्या करना चाहते हो? तो मैंने कहा कि तू अपनी बकवास बंद कर जो मैं कहता हूँ.. सिर्फ वो कर. तो वो घोड़ी बन गई और मैं मेरा लंड उसकी गांड पर रगड़ने लगा और उसके बूब्स मसलने, दबाने लगा.. जिससे वो जोश में आ गई और मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. तभी उसने कहा कि प्लीज इस में मत डालो.. मैंने कभी गांड में लंड नहीं लिया है. फिर मैंने कहा तो आज मेरा लंड ले और मैंने उसकी गांड पर थोड़ा तेल लगा दिया.. लेकिन वो फिर से मना कर रही थी.. लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था और मैं अपना लंड उसकी गांड के छेद मैं डालने लगा. साला गांड का छेद बहुत टाईट था.. लंड जा ही नहीं रहा था और ऊपर से वो चिल्ला रही थी. फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड में चला गया और उसकी चीख आधी निकली और आधी उसके गले में ही अटककर रह गयी और वो उफ्फ्फ आईईई माँ करके रोने लगी और मैं धक्के पे धक्के लगाने लगा और चुदाई के मज़े लेने लगा. फिर बीच बीच मैं वो अपनी गांड भींच लेती.. जिससे मेरा लंड उसमे फंस सा जाता और मैं और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसकी गांड मारने लगता. करीब 10 मिनट के बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया और वो बुरी तरह रो रही थी. फिर मैं कपड़े पहनकर बाहर आ गया और विनय ने अंदर आकर उसे चुप कराया और उसे उसके कपड़े दिए.. तो उसने अपने कपड़े पहने और हमने उसे उसकी ट्यूशन पर ले जाकर छोड़ दिया.. वो हमारी चुदाई की वजह से उस दिन दो घंटे लेट हो गयी थी. उसके बाद हम दोनों दोस्तों ने कई बार मिलकर उसकी चुदाई की और उसने बारी बारी से हमारे लंड लिए ..
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