Thursday, November 6, 2014

FUN-MAZA-MASTI पापा प्लीज........2

FUN-MAZA-MASTI

 पापा प्लीज........2

 कुछ ही पलों में एस.पी. की बीवी और बेटी आती नजर आई...साथ में दो कांस्टेबल उनके पीछे हाथ में सामान पकड़े चला आ रहा था...कालिया की नजर उसे देखते ही चमक पड़ी...ड्राइवर कालिया की तरफ देखते हुए शेल्फ लगा दी...

उन दोनों के गाड़ी के निकट पहुँचते ही गाड़ी का ड्राइवर झट से बाहर निकला और गेट खोल दिया...तब तक दूसरी तरफ से एक और पुलिस का जवान गाड़ी से उतरा और खड़ा हो गया...

कुल तीन जवान थे और एक ड्राइवर...कालिया अपने पैनी नजर उन पर डाले वक्त का इंतजार कर रहा था...

दोनों मां-बेटी के बैठते ही दो कांस्टेबल गाड़ी के पीछे डिक्की में घुस गया जबकि जवान ड्राइवर के बगल में बैठ गया...तब तक ड्राइवर भी अपनी जगह ले गाड़ी को स्टॉर्ट कर दिया...

गाड़ी जैसे ही बढ़ी, अगली दोनों टायर फिस्स करती हुई अपनी सारी हवा बाहर कर दी और गाड़ी झटके लेती वहीं पर जम गई...ये देख कालिया और उसके साथी कुटिल मुस्कान से मुस्कुरा पड़े...

ड्राइवर तुरंत बाहर निकल गाड़ी की दशा पर झल्लाता हुआ कुछ बड़बड़ाने लगा...जवान और कांस्टेबल भी तब तक उतर गया और टायर देख ड्राइवर से पूछताछ करने लगा...

फिर जवान ने एस.पी. की बीवी से उतरने की हालत बयां करते हुए बताया...दोनों मां बेटी उतर कर साइड हो गई...एक टायर होती तो बदल भी सकता था फौरन पर दो थे तो बिना बनवाए नहीं होने वाला था....

गाड़ी से उतरते ही एस.पी. की बेटी फोन लगा दी...शायद पापा को बता रही थी और दूसरी गाड़ी मंगवा लेगी....ये देख कालिया थोड़ा परेशान जरूर हुआ क्योंकि दूसरी गाड़ी एस.पी. के घर से आने में करीब दस मिनट लगेंगे और कोई गाड़ी आसपास हुई तो 2-3 मिनट काफी हैं....

रिस्क लेने की सोच कालिया गाड़ी आगे बढ़ाने का इशारा कर दिया...गाड़ी कोई 40-50 गज की दूरी पर थी...5-7 गज ही गाड़ी बढ़ी थी कि एस.पी. की बेटी फोन बंद कर दी और सड़क के दूसरी तरफ नजर दौड़ाती मम्मी से कुछ कहने लगी...

ये देखते ही कालिया के रोंगटे खड़े हो गए और "धीरे.." कहते हुए एस.पी. की बेटी की नजर का पीछा किया...उस जगह नजर पड़ते ही कालिया हंस पड़ा...वो गोलगप्पे वाला था...

कालिया कांस्टेबल की तरफ नजर किया तो दोनों बैठ कर ड्राइवर को टायर खोलते देख रहा था जबकि जवान वहां पर नहीं था...तभी एस.पी. की बेटी गोलगप्पे वाले की तरफ बढ़ गई जो कि सड़क के उस पार खड़ा था...

तभी कालिया "जल्दी लो उसके पास...." कहते हुए लगभग चीख पड़ा...और पलक झपकते ही कालिया की गाड़ी सड़क के बीचोंबीच पहुँच चुकी एस.पी. के बेटी की बगल में जा कर रूकी...

एस.पी.की बेटी डर से लगभग चीखती हुई रूकी और जबतक कुछ समझती, कालिया उसकी बांह पकड़ अंदर खींच लिया और फिर उससे भी दुगुनी गति से गाड़ी चल पड़ी...

पीछे कांस्टेबल और ड्राइवर कुछ समझ के चिल्लाता, तब तक कालिया दूर जा चुका था...जवान ऐन मौके पर नदारद हो गया था जो कम से कम फायरिंग भी करके रोकने की कोशिश करता...


ये खबर जैसे ही एस.पी. को लगी, वो तो सर पकड़ कर बैठ गया कि ये क्या मुसीबत आ गई मेरी बेटी के साथ...पर ये सोचने का नहीं, कुछ करने का वक्त था...

उसने अपने दिल को संभाला और फौरन एक्शन में आ गया...आधे घंटे में शहर क्या; पूरे डिस्ट्रिक के बॉर्डर को सील कर दिया...और पूरे जिले के पुलिस को कुत्ते के माफिक दौड़ा दिया....

पर असली कुत्ता और इस बनावटी कुत्ते में कुछ तो फर्क होता है... गाड़ी में ही कालिया ने उसके मुंह पर टेप चिपका के हाथ बाँध दिया और उसे हल्की नशे की दवा सूंघा दिया, जिसे सूंघते ही वो बेहोश हो लुढ़क पड़ी...

कालिया के साथी ड्राइवर को तुरंत फोन आ गइ कि पूरे शहर के साथ साथ जिलों को भी सील कर दिया गया है और सभी लफंगों को पागल की तरह पीट पीट कर पूछताछ कर रहा है एस.पी....

कालिया चौकन्ना हो गया और वो पाँच मिनट में ही किसी से सम्पर्क किया और बाहर निकलने के लिए पता कर लिया...हर जगह दो रास्ते होते ही हैं ये सिर्फ कहावत ही नहीं बल्कि सच्चाई है....

सो उसने दूसरे रास्ते अपनाए जो कि बिल्कुल साफ और सुरक्षित थी...आगे से कच्ची सड़क जंगल से हो के निकलती थी और सीधे बॉर्डर से 5 किमी दूर मेन रोड पर मिलती थी...

पर एक दिक्कत थी कि उस रास्ते में 4 व्हीलर नहीं जा पाती थी...और ये कालिया को फायदे ही पहुँचाती...उसने एक बाइक मंगवायी और गाड़ी चेंज कर कर दी...

4 व्हीलर को सलीके से वापस भेज दिया और बाइक पर खुद लड़की के पीछे बैठा, लड़की बीच में और एक दूसरा साथी बाइक चला रहा था...

लड़की पूरी तरह बेहोश थी तो उस पूरी मजबूती से पकड़ना पड़ रहा था...इसी मजबूत पकड़ में कालिया का हाथ अचानक से उस लड़की की चुची पर पकड़ बना लिया...

कालिया सन्न रह गया...हालांकि इससे पहले भी वो कई बार ना जाने कितनी रंडिया चोद चुका था पर इस पल की बात ही कुछ और थी...

वो दुनिया से बेखबर हो चुका था और अपने सीने पर लड़की की लुढ़की सर को एक टक से निहारने लगा...अंधेरे की वजह से चेहरा तो नहीं दिख रहा था पर बनावट जरूर पता चल रही थी...

एकदम किसी हिरोइन माफिक ना गोल, ना लम्बी बनावट.. और फिर वो इन चांद जैसे बनावट को देखते देखते काफी निकट अपना चेहरा कर लिया...

कालिया के चेहरे पर लड़की की गर्म साँसे अब पड़ रही थी और वो इन साँसों में ही मदहोश होने लगी...इन्हीं मदहोशी में कालिया के अंदर मर्द जाग गया और उसके हाथ उसकी चुची को मसलने लगा....

कड़क हाथों की मसाज पाते ही फूल सी लड़की दर्द से कुनमुना गई पर होश में नहीं आ पाई...ये देख कालिया होश में आ तुरंत अपने हाथ रोक दिए...

और फिर उसकी चुची पर हाथ चला उसकी कसावट मापने लगा...एकदम कड़क और सुडौल चुची थी...निप्पल भी मध्यम आकार की थी...कालिया तुरंत भांप गया कि ये कली तो बिल्कुल ही अनछुई है...

इस दौरान कालिया का लण्ड कब अकड़ के तोप बन गया, उसे मालूम ही नहीं चला और वो तोप लड़की की गांड़ में सलवार को भेद कर जाने के लिए तड़पने लगा...

वो किसी तरह कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था...बाइक पर कुछ करता तो बैलेंस बिगड़ सकती थी और लेने के देने पड़ जाते...उसने लण्ड से मन हटाने के लिए बार फिर उसकी चुची सहलाने लगा और उसके चेहरे देखने लगा....

वो एक बार फिर मदहोश होता गया और उसके होंठ उसके गालों से रगड़ खाने लगी...और अगले ही पल मुंह पर चिपकी टेप को दांतों तले दबा वो हटाने लगा...और वो फिर अपने होंठों से उसके चेहरे को मापने लगा...

उसके होंठ जब लड़की की नर्म और रसीले होंठों पर पड़ी तो कालिया के अंदर भूचाल सा आ गया...आज दूसरी बार लड़की सामने आई थी पर कल जहाँ लड़की नहीं, उसके सूटकेस दिख रहे थे और आज मार्केट में खुद बचने के टेंशन में लड़की की खुबसूरती निहार नहीं पाया था...

पर इस वक्त वो सब भुला इस हूर की परी को बस अंधेरे में भी साफ साफ देख रहा था...

"कालिया भाई, मेन रोड आने वाली है...अपने आदमी से सम्पर्क कर लूँ कि वो पहुँचा या नहीं..." तभी बाइक वाला साथी बोला...

जिससे कालिया स्वर्ग की सुंदरता से बाहर आते हुए बोला,"हाँ, इधर ही रोक कर पता कर लो..." कालिया के बोलते ही बाइक रूकी और वो फोन पर बात करने लगा...

सब ठीक ठाक थी और आगे आदमी तैयार भी था तो फिर से चल दिया...अब कालिया के पास और ज्यादा वक्त नहीं था कि और इस दुनिया में खो के रहे...

सो वो मुस्कुराते हुए अंधेरे में ही उलके होंठों को चूमा और वापस अपनी वर्तमान में पहुँचने की कोशिश करने लगा...पर उसका दिल नहीं मान रहा था...

तभी अचानक से कालिया के दिमाग ने कुछ कह डाला जिससे वो शर्म से मरने लगा...क्या जो तुम कर रहे वो सही है...एक मजबूर लड़की जिसका तुमने किडनैप कर लिया उसकी इज्जत भी लोगे क्या?

बचने के लिए इसे तुम उठाए और इसी का शिकार करोगे...ये तो जीतेजी मर जाएगी..इसके माध्यम से बचना चाहते तो ठीक है...इसके बाप से सम्पर्क करना और केस नहीं करने को कह बच जाना और शायद मजबूर हो एस.पी. मान भी जाए पर इसके साथ ऐसी हरकत कर रहे ये सही नहीं है...

वो इसी तरह की बातें सुन खून के घूंट पी कर रह गया और सर को झटकते हुए ऐसी हरकत ना करने की ठान ली और फिर वापस इस दुनिया में गया...अब वो एक ही बात सोचने लगा कि किसी भी तरह इसे किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दूंगा और इसके बाप को किसी तरह मनाने की कोशिश करूंगा कि वो केस ना करे...

हां नहीं माना तो देखा जाएगा पर इसके साथ कुछ भी गलत नहीं करूंगा...चाहे एस.पी. को ही क्यों ना उठाना पड़े...अजीब थी एक ही दिन में कालिया एस.पी. को उठाने की सोचने लग गया...








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