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सौतेली माँ से लिया बदला--4
आगे की कहानी …
हैल्लो फ्रेंड्स में आशु फिर हाज़िर हूँ। “ सौतेली माँ से लिया बदला – 4” लेकर लेकिन उससे पहले मे आप सब इसके रीडर्स से माफी चाहता हूँ कि मैंने ये 4th पार्ट आप सभी के पास भेजने में बहुत देर कर दी। में अपने काम मे इतना व्यस्त था कि आगे लिखने का समय ही नहीं मिलता था। अब में आ गया हूँ आगे की बात बताने के लिए। इस कहानी का 1st, 2nd, 3rd भाग सभी को बहुत पसंद आया।सौतेली माँ से लिया बदला--4
आगे की कहानी …
मेरी आपसे से ये गुज़ारिश है कि वो पहले 1st, 2nd, 3rd पार्ट पढ़ने के बाद इस भाग को पड़ेंगे तो समझ में आएगा और मज़ा भी आएगा कि कैसे एक लड़का अपनी सौतेली माँ से बदला लेता है। वो उनका मलिक बन गया और उन्हे रोज़ चुदाई का मज़ा देने लगा और इसमे में भी पूरी तरह से मेरे दोस्त के साथ था।
दोस्तों अब में अपनी कहानी पर आता हूँ। जैसा कि मैंने आप सभी लोगों को पिछली स्टोरी में बताया था कि रवि की तबीयत खराब हो गई थी और वो 15 दिनो तक किसी को नहीं चोद सकता था। इन 15 दिनों मे मोना से मेरी अच्छी दोस्ती हो गई थी। पहले तो वो मुझसे डर डर के बात करती थी, क्योंकि मे रवि का बहुत अच्छा दोस्त था और उससे बहुत बड़ा भी था। लेकिन अब वो मुझसे पूरी तरह खुलकर बात करती है। अब में बात करते करते उसके शरीर पर हाथ मार देता था और वो कुछ नहीं कहती थी। सन्डे को हम चारों सुबह 7 बजे फार्म हाउस के लिए निकल गये। रवि ने मुझे मेरे भैया के घर से पिक किया। घर में भाभी की देखभाल करने के लिए उनकी चचेरी बहन सेफाली आई थी। जैसे ही रवि मुझे लेने आया तो भाभी ने मुझे पूछा कि देवर जी आप कहाँ जा रहे हो?
फिर मैंने कहा “भाभी मे रवि के साथ उसके फार्म हाउस मे जा रहा हूँ। में रात को घर पर नहीं आऊंगा, भाभी ने कहा कि अगर ऐसी बात है तो सेफाली को भी साथ ले जाओ थोड़ा उसका भी मन बहल जाएगा। फिर मैंने भाभी को झूठ बोल दिया कि हमारे साथ बहुत सारे लड़के जा रहे है। ऐसे मे सेफाली का वहाँ पर जाना ठीक नहीं होगा और फिर यहाँ पर आपकी देखभाल कौन करेगा? भाभी मान गयी और में बाहर आ गया। मेरे साथ साथ सेफाली भी मुझे बाहर छोड़ने आ गई, रवि को सेफाली की बात मालूम थी। फिर उसने सेफाली को देखा तो मुझसे पूछने लगा क्या ये भी हमारे साथ जाएगी? तभी मैंने कहा नहीं ये बस मुझे बाय कहने आई है। रवि बोला फिर ठीक है आज तो तुझे मोना के साथ रासलीला माननी है। सेफाली को फिर किसी दिन लेकर जाएँगे, फिर हम लोग वहाँ से चले गये।
रवि और में आगे बैठे थे। सोनू और मोना पीछे की सीट पर बैठे थे। कुछ दूर जाने के बाद एक होटल पर हम सभी ने खाना खाया, वहीं पर रवि ने अकेले में सोनू को मेरी और मोना की चुदाई वाली बात बताई, उसने सोनू से कहा कि अभी गाड़ी मे तुम आगे की सीट पर बैठ जाना, पीछे मोना के साथ बैठ जाएगा तो उन दोनो मे थोड़ी बातचीत हो जाएगी। तभी सोनू मान गई में पीछे मोना के साथ बैठ गया फिर हम लोग चल पड़े। रवि का फार्म हाउस उसके घर से 50 किलोमीटर की दूरी पर था।
वहाँ पर रवि का बहुत ही बड़ा एक मेंगो का बगीचा था और भी तरह तरह के पेड़ थे। में पीछे मोना के साथ बात करने लगा, हम दोनो को मालूम था कि ये पिकनिक हमारे मिलन के लिए ही थी लेकिन वो फिर भी मुझसे थोड़ी डर रही थी। फिर बात करते करते मैंने आहिस्ते से अपना एक हाथ उसकी पीठ पर रख दिया। हमारी बातचीत चालू थी और सामने सोनू भी रवि के लंड को पकड़ कर बैठी थी। फिर मैंने धीरे से मोना की पीठ को सहलाना शुरू किया तो वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगी। मुझे तो बस सिग्नल का इंतज़ार था उसका सिग्नल मिलते ही में उसकी चूचियों को दबाने लगा। उसने अपनी आँखें बंद कर ली। मोना ने स्कर्ट और टी-शर्ट पहनी थी।
फिर में उसकी टी-शर्ट के अंदर हाथ डालकर ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को मसलने लगा। मोना मस्त होने लगी। मैंने उसके हाथ को मेरे लंड के ऊपर रख दिया तो पेंट के ऊपर से वो मेरे लंड को दबाने लगी। फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को उठाकर ब्रा को थोड़ा ऊपर कर दिया तो उसकी दोनों चूचियाँ मेरे सामने निकाल दी। मेरे दबाने से उसके दोनो निप्पल कड़क हो गये थे। ये देखकर मुझसे रहा नहीं गया और जल्दी से में उसके एक बूब्स को मुहं मे लेकर चूसने लगा तो मोना अपने दांतों से होंठो को काटने लगी। ये देखकर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि मोना बहुत ही सेक्सी लड़की थी।
सोनू और मोना दिखने में बिल्कुल एक जैसी थी लेकिन सोनू की हाईट मोना से थोड़ी छोटी थी लेकिन दोनों ही बहनें बहुत ही खूबसूरत थी। गौरा रंग, दोनो की बड़ी बड़ी चूचियाँ, स्लिम बॉडी, साला कोई भी इनको देखे तो पागल हो जाएगा और खड़े खड़े उसका पानी निकल आएगा। मैंने मोना की दोनो चूचियों को चूस चूसकर लाल कर दिया। फिर एक हाथ उसकी स्कर्ट के अंदर घुसाकर पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा। अब तक उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था। जिससे उसकी पेंटी पूरी गीली हो गयी थी और फिर मेरा हाथ क्या मस्त फिसल रहा था। फिर में पेंटी के अंदर हाथ डालकर उसकी चूत के दाने को रग़ड़ने लगा तो मोना मुझसे लिपट गई और सिसकारियाँ भरने लगी। फिर मैंने धीरे से उसकी चूत के होंठो को खोलकर एक उंगली अंदर घुसेड़ दी कुछ देर मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली चलाकर तूफान मचा दिया। वो मदहोश होने लगी और उसके मुहं से क्या मस्त मस्त आवाज़ें निकल रही थी। उसकी साँसे तेज़ हो गयी थी और मुहं से गरम गरम साँसे मेरे कान में महसूस हो रही थी।
वो भी मेरी पेंट की ज़िप खोलकर लंड की चमड़ी को ऊपर नीचे कर रही थी। इन सभी हरकतों से मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था। लेकिन क्या करें चुदाई करने के लिए ये जगह ठीक नहीं थी। सामने सोनू ये सब देखकर गरम होने लगी तो वह रवि से कार रोक कर उसे चोदने के लिए कह रही थी। मगर हम लोग फार्म हाउस पहुँचने वाले थे इसलिए रवि ने सोनू से थोड़ा सब्र रखने को कहा। फिर भी पीछे हम दोनो का काम चालू था। मैंने मोना की चूत को उंगली से चोदना शुरू कर दिया तो उसकी चूत मे हलचल मच गयी। फिर वो इतनी मदहोश हो गई कि आँखें खोल ही नहीं पा रही थी। फिर मैंने उसके कान को काट लिया तो उसके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी। फिर उसने मुझे ज़ोर से अपनी बाँहों में जकड़ लिया था। जब भी में मोना की चूत से ऊँगली को बाहर निकालकर फिर से अंदर डालता वो पागलों की तरह अपने दाँतों से अपने होंठो को काट लेती। फिर हम दोनों सेक्स करने मे इतने मदहोश हो गये थे कि कब हम फार्महाउस पहुँच गये पता ही नहीं चला।
फिर जैसे ही गाड़ी गेट के अंदर घुसी तो रवि ने मुझे हिलाकर कहा कि हम लोग फार्महाउस पहंच गये है। तू बाकी की कसर अंदर पूरी कर लेना अभी तुम दोनो अपने कपड़े ठीक कर लो। लेकिन हमें एक दूसरे को छोड़ने का मन तो नहीं था मगर क्या करें मजबूरी में हमे अलग होना पड़ा। वैसे तो मुझे ग्रूप सेक्स या किसी और के सामने चोदने मे अच्छा नहीं लगता था। मैंने जब भी किसी लड़की या औरत को चोदा है तो बस अकेले में आराम से चोदा है। मुझे चोदने के लिए एकांत चाहिए। क्योंकि दोस्तों आप जब भी किसी को चोदते है तो आराम से मज़े लेते हुए और लड़की को मज़े देते हुए चोदना चाहिए। मैंने अपने गाँव मे देखा है कि अक्सर लोग चोदने को एक काम की तरह करते है। आदमी जब अपनी पत्नी को चोदने जाता है तो वो उसके पास जाकर पहले तो उसकी साड़ी को ऊपर कर लेता है जिससे की उसकी चूत दिखाई दे। मगर वो चूत की तरफ देखे या चूत को बिना हाथ लगाए अपना लंड निकाल कर औरत की चूत में घुसेड़ देता है। ये भी नहीं सोचता है कि उसकी पत्नी जाग रही है या सो रही है और पत्नी भी वैसे ही बिना आँखे खोले अपने मर्द का लंड चूत में ले लेती है। फिर वो आदमी लंड को चूत मे ठोकने लगता है और बहुत ही जल्द झड़ जाता है। उसके लंड का सारा पानी चूत मे पूरी तरह गिरता भी नहीं और वो अपना लंड बाहर निकल कर चला जाता है और सो जाता है। फिर पत्नी वैसे ही नींद में अपनी साड़ी को नीचे करके सो जाती है। बहुत से लोग चाहे अपनी पत्नी को चोदे या किसी बाहर की औरत को चोदे हर किसी के साथ यही करते है। अब आप लोग मुझे बताइए इसमे सेक्स का क्या मज़ा मिलता होगा। दोस्तों मज़ा तो छोड़िए उन दोनों को महसूस भी नहीं होता है कि उन्होने सेक्स किया है। दोस्तों मेरा मानना है कि लड़की चाहे कैसी भी हो जब वो किसी के साथ सेक्स करती है तो उस वक़्त वो सिर्फ़ एक वासना भरी औरत या लड़की होती है।
तो दोस्तों रवि के फार्म हाउस की रखवाली करने के लिए उसके बाप ने दो आदमियों को रखा था। एक का नाम हरिया और दूसरे का नाम रामू था। वो दोनो हमेशा बंदूक लेकर खड़े रहते थे क्योंकि पास ही मे एक घना जंगल है और ये जगह भी शहर से दूर बिल्कुल सुनसान है। हरिया और रामू अपने दो परिवार के साथ यहाँ रहते थे। हरिया के घर में उसकी पत्नी और एक बेटी थी। रामू के घर मे उसकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी थी। उन लोगों को रहने के लिए उसी दीवारी में दो कमरे दिये हुए थे। हम लोग जैसे ही गाड़ी से उतरे तो हरिया हमे देखते ही भागकर चला आया। उसने साथ मे रामू को भी बुला लिया उन दोनो ने हम सब को नमस्ते किया। फिर रवि ने उसनको गाड़ी से सामान उतार कर अंदर रूम में रखने को कहा रवि का फार्महाउस बहुत ही बड़ा था। उसमे एक किचन, चार बेड रूम, एक बड़ा सा हॉल और सभी रूम के साथ अटेच बाथरूम था। हॉल में भी एक जनरल बाथरूम था। हर कमरे में एक एक डबल बेड, एसी, टीवी सीडी प्लेयर के साथ था।
अब हम चारों सेक्स के नशे में थे तो मैंने रवि से कहा कि यार हरिया और रामू से कह दे कि हमे बिल्कुल भी डिस्टर्ब ना करे। रवि ने उनसे कहा कि जब तक में ना बुलाऊ कोई अंदर नहीं आ सकता या तुम किसी को मत भेजना। फिर हम लोग तुरंत अंदर चले गये अंदर जाते ही दोनो बहने हम दोनों पर टूट पड़ी। फिर मैंने कहा कि पहले हम सभी थोड़ा फ्रेश हो जाते है। फिर ये सब करेंगे लेकिन सबसे ज़्यादा सोनू उतावली थी चुदवाने के लिए क्योंकि जब कोई लड़की अपनी चूत मे लंड का मज़ा ले लेती है तो फिर बार बार लेने का मन करता है। वो ये चाहती है कि कोई भी लड़का उसे दिनभर चोदता रहे।
सोनू ने कहा कि जल्दी से एक राउंड यहाँ हॉल में ही मार लेते है फिर फ्रेश होकर आराम से सेक्स करेंगे। रवि ने हाँ कहा लेकिन मुझे ऐसे सेक्स करने में मज़ा नहीं आता तो मैंने कहा कि तुम दोनो अपना काम कर लो में फ्रेश होने के बाद बेडरूम में अकेले मे करूँगा। लेकिन मोना नहीं मान रही थी तो मैंने उसे कहा कि तुम फ्रेश हो जाओ फिर देखना कि चुदवाने मे कितना मज़ा आता है। सोनू और रवि वहाँ पर शुरू हो गये, में और मोना बाथरूम मे जाकर फ्रेश होने लगे। उसके बाद हम दोनो फ्रेश होकर बेड पर लेट गये। में बहुत सारी ब्लू फिल्म लेकर आया था ताकि चोदते टाईम उसे चला कर चुदाई का पूरा आनंद लिया जाए। मैंने बेग में से सारी ब्लू फिल्म की सीडी निकली और एक अच्छी सी फिल्म लगा कर लेटे लेटे देखने लगे।
मोना मेरे कंधे पर सर रखकर देख रही थी। मैंने सिर्फ़ एक हाफ पेंट पहनी हुई थी और मोना टावल अपने ऊपर लपेट कर सोई हुई थी। फिर देखते ही देखते हम दोनो को सेक्स का नशा चड़ने लगा। फिर मैंने मोना के गाल को सहलाना शुरू किया वो भी मेरी छाती पर हाथ फैर रही थी। फिर मैंने अपने होंठो को मोना के होंठो से लगा दिया और उसको चूसने लगा। मोना भी बराबर मेरा साथ दे रही थी। उसने अपनी जीभ मेरे मुहं के अंदर डाल दी और मेरी जीभ को चाटने लगी। तभी मैंने मोना के टावल को खोल दिया और उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को दबाने लगा। इस हरकत से हम दोनो एक साथ मदहोश हो गये उस वक़्त हम दोनो एक दूसरी दुनियाँ में थे। कानों मे हमारी उस फिल्म की चुदाई की आवाज़ें पड़ रही थी जिससे और भी नशा चड़ने लगा।
फिर कुछ देर बाद में मोना के पीछे बैठ गया लेकिन हमारी चुम्मा चाटी जारी थी। फिर में पीछे से एक हाथ से उसकी चूचियों को मसल रहा था और दूसरा हाथ उसकी चूत की तरफ बड़ाने लगा। फिर जैसे ही मैंने उसकी टांगो के बीच हाथ रखा तो उसकी दोनो टाँगे अपने आप फैल गई जिससे मेरा हाथ सीधा जाकर उसकी चूत को सहलाने लगा। फिर उस वक़्त मोना की चूत ने पानी छोड़ना आरंभ कर दिया था इसी कारण उसकी चूत गीली होने लगी थी। गीली चूत में उंगलियाँ ऐसे चल रही थी जैसे कि मक्खन में हाथ मार रहा हूँ।
फिर उसके मुहं से वासना से भरी आवाज़ें निकल रही थी। ओह अह्ह्ह्हम्य आज ऐसा लग रहा है कि में दुनिया की सबसे किस्मत वाली लड़की हूँ, जिसको तुम आज अपनी जैसे मर्ज़ी चाहे चोद सकते हो। आज से मे तुम्हारी और सिर्फ़ तुम्हारी हूँ। तभी ये सुनकर मुझे भी नशा छाने लगा में कभी कभी उसके कान को काट लेता था। हम दोनो ही पागल हुए जा रहे थे। फिर मोना ने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरी पेंट को खोलकर फेंक दिया। अब हम दोनो बिल्कुल नंगे थे वो मेरे ऊपर चढ़ गई और पागलों की तरह मुझे किस करने लगी। फिर उसने मेरे सीने के निप्पल को जैसे ही चूसा तो मैंने उसे ज़ोर से अपनी बाँहों मे दबोच लिया वो धीरे धीरे मेरे लंड की तरफ बढ़ने लगी। फिर वो मेरे लंड को मुहं मे लेकर चूसने लगी। मोना इन सभी कामो में माहिर थी क्योंकि वो हर रात को रवि को उसकी माँ और मौसी को चुदते हुये देखती थी और फिर रूम मे आकर सोनू के साथ सेक्स करती थी। तभी उसने मेरे लंड को ऐसा मुहं मे दबाकर रखा था कि मानो जैसे कोई लोलीपॉप हो।
इधर में भी पागल हो रहा था फिर 15-20 मिनट बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया। मोना ने मेरे सारे वीर्य को पी लिया और मेरे लंड को तब तक चूसती रही जब तक कि मेरा सारा पानी निकल ना गया हो, उसने एक भी बूँद नहीं छोड़ा। फिर में थोड़ा शांत हो गया में मोना को बेड पर सुलाकर उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी दोनों चूचियों को एक एक करके चूसने लगा। वो बहुत ही गरम हो गयी थी। मैंने फिर उसके पेट की नाभी को भी चूसा। मैंने उसके शरीर की सारी जगह पर किस करते करते उसकी टांगो के बीच अपना मुहं ले गया। उस वक़्त पहली बार मैंने मोना की चूत को देखा था, चूत बिल्कुल साफ थी, एक भी बाल नहीं था क्योंकि जब से सोनू और मोना दोनो एक दूसरे के साथ सेक्स करने लगे तब से दोनों अपनी अपनी चूत के सारे बालों शेविंग करने लगी थी। इस कारण उसकी चूत बिल्कुल साफ थी। इससे पहले मोना को किसी ने नहीं चोदा था तो उसकी चूत फूली हुई थी। उसकी चूत से अमृत की धारा बह रही थी जिससे चूत लाईट में एकदम चमक रही थी। फिर धीरे से उसकी चूत के छेद को खोला तो वो सिसकियाँ भरने लगी। चूत अंदर से गुलाबी दिख रही थी, उसकी चूत ने आज तक किसी का लंड नहीं लिया था इसलिए उसका छेद छोटा था। जिसमे उंगली भी मुश्किल से जा रही थी। अब ये सब देखकर मे तो घायल हो गया। फिर धीरे धीरे उसकी चूत के छेद में अपनी उंगली ऊपर नीचे करने लगा। इस हरकत से उसके शरीर मे करंट सा दौड़ गया। तभी उसने झट से अपनी चूत को टाईट कर लिया जिससे उसकी चूत का छेद थोड़ा छोटा हो गया।
फिर अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने तुरंत ही अपना मुहं उसकी चूत के पास ले जाकर चूत के दाने को चाटना शुरू किया।
फिर में चूत के होंठो को खोलकर अंदर जीभ को घुसाकर चूसने लगा। मोना ने मेरे सर को पकड़ रखा था और अपनी चूत मे ज़ोर जोर से दबा रही थी, फिर अब मेरा सोया हुआ लंड भी जागने लगा में मोना की चूत को चूसने में लगा था और वो अपनी मुहं से अह्ह्ह्हह की आवाज़ें निकाल रही थी। फिर कुछ देर बाद उसकी चूत से पानी का फव्वारा फूट पड़ा और मेरे चहरे को पूरा नहला दिया और तभी मोना ने अपनी आँखें बंद कर ली थी। में अब उसके ऊपर आ गया और उसके मुहं मे जीभ घुसाकर किस करने लगा और उसने नीचे से मेरे लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी।
अब में उसकी चूचियों को मसलने में लगा था और मोना के हाथ लगाने से ही मेरा लंड बिल्कुल लोहे की तरह खड़ा हो गया। फिर उसने मुझे पूछा कि बहुत देर हो गई है कब में उसे चोदना स्टार्ट करूँगा? वो फिर से गरम हो गयी थी। अब तो मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था लेकिन में उसे और भी गरम करना चाहता था क्योंकि ये उसकी पहली चुदाई है तो मेरा लंड घुसते ही वो छटपटाने लगेगी। दोस्तों लड़की जितनी गरम हो उसे चोदने मे उतना ही मज़ा आता है। फिर में उसके ऊपर से उठा और टाँगों के बीच बैठ गया। में उसकी चूत के छेद को खोलकर अपना लंड रगड़ने लगा उसकी चूत बहुत ही गरम थी उसमे से फिर से थोड़ा थोड़ा पानी निकलने लगा, मैंने पहले से ही बेड के साईड में टेबल पर एक तेल की शीशी रखी थी।
तभी उसे मैंने वहाँ से उठाया और मोना की चूत में ढेर सारा तेल लगाने लगा ताकि चूत के अंदर तक तेल भर जाए और जब में अपने लंड को अंदर डालूं तो फिसलन के कारण आराम से चूत मे घुस जाये और इससे मोना को भी थोड़ा कम दर्द होगा। में उंगली से तेल उसकी चूत के अंदर घुसाने लगा जिससे चूत मे फ़च फ़च की आवाज़ आने लगी। फिर मैंने थोड़ा सा तेल अपने लंड के ऊपर डाल दिया जिसको मोना ने अच्छे से मालिश कर दिया। अब वो चुदने के लिए तैयार थी जितना हो सके उसने अपनी टाँगों को फैला दिया और अपने दोनो हाथो से चूत का मुहं खोल दिया। फिर में धीरे से उसकी चूत मे लंड घुसाने लगा ज़्यादा फिसलन के कारण फकहक की आवाज के साथ मेरा लंड एक ही बार में उसकी चूत के अंदर समा गया और खून निकलने लगा, वो तड़पने लगी ओह यहह्ा गुड लेकिन इसके लिए वो पहले से ही तैयार थी तो वो ज़्यादा नहीं चिल्लाई।
तभी उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे फिर भी उसने मुझे बिना रुके चोदने के लिए कहा। फिर में धीरे धीरे लंड को चूत मे अंदर बाहर करने लगा वो सिर्फ़ उम्म माआआआ य्ाआआ बस चोदते रहो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। फिर में उसकी चूचियों को चूसने लगा और हाथ से चूत के दाने को सहला रहा था, अब वो भी चूतड़ उठा उठा कर चुदवाने लगी और हम दोनों को मज़ा आने लगा लेकिन उसकी आँखों से लगातार आँसू निकल रहे थे क्योंकि उसे दर्द बहुत हो रहा था। लेकिन फिर भी वो मज़े ले लेकर चुदवा रही थी और उसकी चूत का छेद बहुत ही छोटा था जिससे मुझे लंड को अन्दर बाहर करने में और भी मज़ा आ रह था क्योंकि टाईट चूत में लंड डालने मे बहुत मज़ा आता है। फिर हम दोनो के ऊपर सेक्स का भूत सवार था तो आज हम दोनो एक दूसरी ही दुनियाँ में थे। इसलिए कुछ भी हमारे कानो को सुनाई नहीं दे रहा था और हम दोनों ने एक दूसरे की आँखों मे आँखे डालकर चुदाई कर रहे थे। फिर हमारे दिल के अंदर का प्यार एक दूसरे के दिमाग़ में ट्रान्स्फर हो रहा था और मैंने स्पीड बढ़ा दी तो उसके मुहं से अहह य्ाआआ ओहह्ह्ह में जन्नत मे हूँ आवाज़ें निकलने लगी और मोना तेल मे तलमिला कर चुदवा रही थी और मेरा भरपूर साथ दे रही थी। जिससे चुदाई का मज़ा दुगना हो गया में उसकी चूचियों को छोड़कर उसकी जीभ को चाट रहा था। मेरा लंड अब पूरी तरह उसकी चूत में घुस रहा था उसकी चूत से फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी जिससे पूरा कमरा उस आवाज़ से भर गया था। जब मुझे लगा के मे झड़ने वाला हूँ तो अपना लंड चूत से निकालकर में उसको किस करने लग गया।
जब मुझे कुछ लगा तो मैंने फिर से एक ही झटके में चूत मे लंड डाल दिया में फिर से उसकी चूत मे ज़ोर जोर से लंड आगे पीछे करने लगा। इस बीच मोना तीन बार झड़ चुकी थी लेकिन उसका जोश अभी भी वैसा का वैसा था। फिर मुझे महसूस हुआ कि मे झड़ने वाला हूँ तो मैंने मोना को उल्टे लेटने को कहा क्योंकि मे अपना वीर्य उसकी चूत के अंदर और बाहर कहीं नहीं गिराना चाहता था इसलिए मैंने उसकी गांड मे झड़ने का सोचा लेकिन उसकी गांड भी चूत की तरह कुवांरी थी तो मैंने उसकी गांड के छेद में भी बहुत सारा तेल डाल दिया। अब पहले उसकी गांड के छेद को खोला और धीरे से उसके अंदर अपना लंड घुसाने लगा लेकिन उसकी गांड का छेद चूत से भी ज़्यादा टाईट था। फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का मारकर उसकी गांड में अपने लंड को डाल दिया।
इस बार मोना थोड़ा हाथ पैर मारने लगी लेकिन में रुका नहीं और जोर जोर से चोदने लगा। फिर वो चिल्ला रही थी आह्ह फट गई मेरीईईईई गांड, हम दोनो बहुत गरम हो गये थे। फिर 10-15 मिनट धक्के मारने के बाद मे झड़ गया और सारा वीर्य उसकी गांड में ही भर दिया। मेरे साथ साथ मोना एक बार फिर से झड़ गयी और मैंने उसकी गांड से तब तक लंड नहीं निकाला जब तक मेरे लंड से सारा वीर्य उसकी गांड में ना गिर जाए। हमारी बहुत लंबी चुदाई के बाद हम दोनो ही थक गये थे और मे ऐसे ही गांड में अपने लंड को घुसाए हुए उसके ऊपर पड़ा रहा। में चाहता तो पहले ही अपना लंड मोना की गांड से निकाल देता। लेकिन ऐसा करने से लड़की हो या औरत किसी को भी अच्छा नहीं लगता। वो चाहती है की लड़कों का वीर्य निकलने के बाद भी वो ऐसे ही कुछ देर अपना लंड उनके छेद मे घुसाकर रखे, जब तक दोनो शांत ना हो जाए और फिर लंड वैसे भी सिकुड के बाहर आ जाता है।
फिर कुछ देर बाद मैंने मोना की गांड से लंड निकालकर उसे सीधा लिटा दिया और उसे किस करने लगा और मोना बहुत ही खुश थी। आज उसने अपनी जिन्दगी का एक बड़ा सपना पूरा कर लिया जिसका वो कई महीनो से इंतज़ार कर रही थी। उसने मुझे मेरे नाम से बुलाया तो मुझे सुनकर बहुत अच्छा लगा। उसने कहा “डार्लिंग आज से मे सिर्फ़ आपकी हूँ, आप जब भी चाहे जैसे चाहे मुझे चोद सकते है मे कभी मना नहीं करूँगी। आप कहेंगे तो मे आज से आपके साथ रहूंगी। फिर मैंने कहा “नहीं स्वीर्ट हार्ट तुम मेरे साथ नहीं रह सकती क्योंकि मेरा खुद का कोई घर नहीं है। में अपने भैया और भाभी के साथ रहता हूँ लेकिन तुम रवि के घर रहो या मेरे घर बात एक ही है। हम जब चाहे चुदाई कर सकते है हमे रोकने बाला कौन है?
फिर मैंने मोना से पूछा क्या तुम्हे दर्द तो नहीं हो रहा है? चलो तुम कुछ खाना ख़ाकर एक पेन किलर ले लो तभी उसने कहा दर्द तो हो रहा है लेकिन जो आनंद आज आपने मुझे दिया उसके सामने में ऐसे कितने ही दर्द सह सकती हूँ। अभी दर्द हो रहा है लेकिन ज़्यादा नहीं, आप चाहें तो मुझे अभी फिर से चोद सकते है। फिर मैंने बोला बेबी अभी तो हमारे पास पूरा दिन और एक रात है। हम आराम से फिर चुदाई कर सकते है। ये सुनते ही हम दोनों लिपट गए और वो मेरे फेस पर किस करने लगी। ये मेरी जिन्दगी की सबसे अच्छी चुदाईयों में से एक है और में इस चुदाई को कभी भूल नहीं सकता ।।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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