FUN-MAZA-MASTI
अक्सर ऐसा ही होता है, कि किसी लड़के की बहन हो तो या उसकी सहेली को भाई से या भाई को अपनी बहन की सहेली से प्यार हो जाता है. ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी था. मुझे अपनी बहन की सहेली रश्मि बहुत पसंद थी, लेकिन वो थोड़ी हाई-फाई थी और मेँ एकदम नार्मल और सिंपल लड़का. मुझे नहीं मालूम था, कि रश्मि भी मुझे पसंद करती है. हालांकि मेरी बहन ने हम दोनों को काफी बार रूम में अकेले छोड़ा; लेकिन मेरे शर्मीले स्वभाव के कारण, मै उससे कभी अपने प्यार का इज़हार नहीं कर पाया. लेकिन, मुझे अपनी बहन की शादी में एक रात को ऐसा मौका मिला, कि हम दोनों हमेशा-हमेशा के लिए एक हो गए. ३ साल पहले की बात है. मेरी बहन की शादी थी और शादी हम लोग लड़के वालो के शहर में जाकर कर रहे थे, तो हम सभी १० दिन पहले ही उनके शहर के एक धर्मशाला में जाकर रुक गए और सारे काम निपटाने लगे. इस बीच काम के सिलसिले में, मेरा का रश्मि का फासला कम हुआ और हम दोनों एक-दूसरे के बहुत करीब आ गए. अब रश्मि शादी के कामो में हाथ बटाने के साथ-साथ मेरा भी ख्याल रखती और मेरी सेहत का ध्यान रखने के लिए मेरे पीछे पड़ी रहती. मेरे घर वाले शायद ये भाप चुके थे, तभी उन्होंने रश्मि के मम्मी पापा को ४ दिन पहले ही बुला लिया और हम लोगो की शादी की बातें चलने लगी. लेकिन, ये बातें बड़ी गुपचुप थी और किसी ने भी हम दोनों को कानोकान खबर नहीं होने दी.
शादी को २ दिन बाकी थे और काम कर करके मेरा बदन टूट चूका था और उस रात मै अपने कमरे में पड़ा कहरहा रहा था. पुरे शरीर में दर्द था. किसी को कुछ बोल भी नहीं सकता था तो मै ऐसे ही सोने की कोशिश करने लगा. कुछ देर बात, मैने अपनी कमर पैर किसी के हाथ का स्पर्श महसूस किया. उठा, तो देखा रश्मि मेरे लिए गरम तेल लायी थी. उसने मुझे कुरता उतारने को बोला. मै कुछ शर्मा रहा था, तो उसने जबरदस्ती करके मेरे कुर्ते को उतार दिया और मुझे उल्टा लिटाकर मेरे शरीर की मालिश करने लगी. आपको बता नहीं सकता, कि रश्मि उस दिन किसी देवी की तरह आई और उसकी मालिश से मेरा सारा दर्द छू हो गया. मेरी कुछ आँख लग गयी और रश्मि ने भी मेरी नंगा बदन पर अपने सिर रख दिया और सो गयी. कुछ देर बाद मेरी आँख खुली, तो रश्मि को अपने ऊपर देखकर और उसको इतने पास देखकर मेरे बदन को गुदगुद्दी होने लगी. मैने रश्मि को बिना जगाये, पलटकर उसको अपनी गोद में लिटा लिया और उसके बालो से खेलने लगा. रश्मि के कोमल बदन के गरम कामुक स्पर्श से मेरे लंड ने फुंकारना शुरू कर दिया और वो उसके गालो पर टक्कर मारने लगा.
मेरे लंड की इस हरकत से रश्मि की नीद खुल गयी और मुझे मुस्कुराता देखकर, वो जाने लगी. मैने उसको जाने देने की बजाय उसका हाथ पकड़कर अपनी ओर खीच लिया और वो मेरी गोदी में गिर गयी. मैने बिना समय गवाए उसके माथे को चुम लिया और उसके चेहरे को हाथ में लेकर उसके होठो को किस कर लिया. रश्मि मेरी किस से अंदर तक गुदगुदा गयी, लेकिन अब वो भागने के तैयारी में थी और मै इस मौके को गवाना नहीं चाहता था. मैने रश्मि को बिस्तर पर गिरा दिया और उसके ऊपर चढ़ बैठा और अपने होठो को उसके कानो के पास ले जाकर बोला, मुझे मालूम है कि तुम मुझसे प्यार करती हो; लेकिन तुम्हे नहीं मालूम कि मै भी तुमसे बहुत प्यार करता हु और उसको मुस्कुराता देखकर उसके होठो को चूमने लगा. हम दोनों के साँसे बेहद गरम थी और हम दोनों एक दूसरे की साँसों और बदन की गर्मी को महसूस कर सकते थे. मेरे चूमने से रश्मि के मुँह से हलकी सिसकिया निकलने लगी थी और वो मेरे बालो को खींचती हुई, फुसफुसा रही थी. लव यू, मुझे प्यार करो, प्लीज, मै तुमसे बहुत प्यार करती हु, अहह.… ऒओ….. मुझे प्यार करो.
रश्मि ने मेरी छाती को चूमना शुरू कर दिया और मैने अपना पायजामा उतार दिया और पूरा नंगा हो गया. मेरा खड़ा लंड रश्मि के शरीर को छूने की नाकाम कोशिश कर रहा था. मैने रश्मि के कपडे खोल दिए और उसको भी नंगा कर दिया. उसका नंगा खूबसूरत शरीर देखकर मेरे लंड ने और भी जोर से फुंकारना शुरू कर दिया. रश्मि ने शरमाकर अपनी चूत को अपने हाथो से ढक लिया. एक भी बाल नहीं था उसके शरीर पर या चूत पर, एक एकदम गोरा और बहुत चिकना. मैने बहुत बैचेनी से उसका एक हाथ उठाया और उसके हाथ में अपने लंड को पकड़ा दिया और अपने हाथ की मद्दत से उससे अपना मुठ मरवाना शुरू कर दिया. रश्मि ऊऊ नहीं, शादी के बाद, नहीं कर रही थी और मेरा मुठ भी मार रही थि. रश्मि की आँखे बंद थी और हम दोनों के बदन की गर्मी का मज़ा ले रही थी. उसके गोल चुचो पर अपने हाथो को रख दिया और मस्ती में दबा दिया. रश्मि के मुँह से एक मीठी दर्द भरी इश्श्श्श्स करके आवाज़ निकल गयी और मैने उसके मुँह पर हाथ रख दिया ताकि को सुन ना ले. अब मेरा लंड ज्यादा नहीं रुक सकता था और मै पहले सेक्स में रश्मि से पहले नहीं झड़ना चाहता था, तो मैने रश्मि के हाथो को एक हाथ से पकड़ा और अपने लंड को रश्मि की चूत पर रगड़ने लगा. रश्मि को मज़ा आ रहा था और उसके मुँह से कामुक आवाज़े उसकी साँस के साथ बाहर आ रही थी.
मैने तेल से उसकी चूत को चिकना किया और मेरे लंड को भी चिपड़ दिया और एक जोर दार धक्के से अपने पुरे लंड को रश्मि की चूत में उतार दिया. रश्मि चुदाई के दर्द के मारे पुरे जोर से चिलाना चाहती थी, लेकिन मैने उसके मुँह को बंद किया हुआ था. उसने दर्द में अपने दांत मेरे हाथ में गड़ा दिए और बहुत जो से काट रही थी. लेकिन, मै रुका नहीं और जोर से धक्के मार रहा था. कुछ देर बाद, जड़ रश्मि को दर्द काम होने लगा, तो उसके दाँतो की पकड़ ढीली हो गयी और उसकी गांड भी मेरे लंड के साथ चलने लगी. हम दोनों एक साथ झड़ गए और मै रश्मि के ऊपर गिर गया. हम दोनों काफी देर तक नंगे एक दूसरेकी बाहो में लेते रहे और मेरी बहन की शादी के साथ हमारी सगाई हो गयी और कुछ दिन बाद शादी. मेरे साथ कुछ नया नहीं हुआ, मुझे यकीन है आप में से कुछ लोगो भी ऐसा कुछ हुआ होगा.
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बहन की सहेली
अक्सर ऐसा ही होता है, कि किसी लड़के की बहन हो तो या उसकी सहेली को भाई से या भाई को अपनी बहन की सहेली से प्यार हो जाता है. ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी था. मुझे अपनी बहन की सहेली रश्मि बहुत पसंद थी, लेकिन वो थोड़ी हाई-फाई थी और मेँ एकदम नार्मल और सिंपल लड़का. मुझे नहीं मालूम था, कि रश्मि भी मुझे पसंद करती है. हालांकि मेरी बहन ने हम दोनों को काफी बार रूम में अकेले छोड़ा; लेकिन मेरे शर्मीले स्वभाव के कारण, मै उससे कभी अपने प्यार का इज़हार नहीं कर पाया. लेकिन, मुझे अपनी बहन की शादी में एक रात को ऐसा मौका मिला, कि हम दोनों हमेशा-हमेशा के लिए एक हो गए. ३ साल पहले की बात है. मेरी बहन की शादी थी और शादी हम लोग लड़के वालो के शहर में जाकर कर रहे थे, तो हम सभी १० दिन पहले ही उनके शहर के एक धर्मशाला में जाकर रुक गए और सारे काम निपटाने लगे. इस बीच काम के सिलसिले में, मेरा का रश्मि का फासला कम हुआ और हम दोनों एक-दूसरे के बहुत करीब आ गए. अब रश्मि शादी के कामो में हाथ बटाने के साथ-साथ मेरा भी ख्याल रखती और मेरी सेहत का ध्यान रखने के लिए मेरे पीछे पड़ी रहती. मेरे घर वाले शायद ये भाप चुके थे, तभी उन्होंने रश्मि के मम्मी पापा को ४ दिन पहले ही बुला लिया और हम लोगो की शादी की बातें चलने लगी. लेकिन, ये बातें बड़ी गुपचुप थी और किसी ने भी हम दोनों को कानोकान खबर नहीं होने दी.
शादी को २ दिन बाकी थे और काम कर करके मेरा बदन टूट चूका था और उस रात मै अपने कमरे में पड़ा कहरहा रहा था. पुरे शरीर में दर्द था. किसी को कुछ बोल भी नहीं सकता था तो मै ऐसे ही सोने की कोशिश करने लगा. कुछ देर बात, मैने अपनी कमर पैर किसी के हाथ का स्पर्श महसूस किया. उठा, तो देखा रश्मि मेरे लिए गरम तेल लायी थी. उसने मुझे कुरता उतारने को बोला. मै कुछ शर्मा रहा था, तो उसने जबरदस्ती करके मेरे कुर्ते को उतार दिया और मुझे उल्टा लिटाकर मेरे शरीर की मालिश करने लगी. आपको बता नहीं सकता, कि रश्मि उस दिन किसी देवी की तरह आई और उसकी मालिश से मेरा सारा दर्द छू हो गया. मेरी कुछ आँख लग गयी और रश्मि ने भी मेरी नंगा बदन पर अपने सिर रख दिया और सो गयी. कुछ देर बाद मेरी आँख खुली, तो रश्मि को अपने ऊपर देखकर और उसको इतने पास देखकर मेरे बदन को गुदगुद्दी होने लगी. मैने रश्मि को बिना जगाये, पलटकर उसको अपनी गोद में लिटा लिया और उसके बालो से खेलने लगा. रश्मि के कोमल बदन के गरम कामुक स्पर्श से मेरे लंड ने फुंकारना शुरू कर दिया और वो उसके गालो पर टक्कर मारने लगा.
मेरे लंड की इस हरकत से रश्मि की नीद खुल गयी और मुझे मुस्कुराता देखकर, वो जाने लगी. मैने उसको जाने देने की बजाय उसका हाथ पकड़कर अपनी ओर खीच लिया और वो मेरी गोदी में गिर गयी. मैने बिना समय गवाए उसके माथे को चुम लिया और उसके चेहरे को हाथ में लेकर उसके होठो को किस कर लिया. रश्मि मेरी किस से अंदर तक गुदगुदा गयी, लेकिन अब वो भागने के तैयारी में थी और मै इस मौके को गवाना नहीं चाहता था. मैने रश्मि को बिस्तर पर गिरा दिया और उसके ऊपर चढ़ बैठा और अपने होठो को उसके कानो के पास ले जाकर बोला, मुझे मालूम है कि तुम मुझसे प्यार करती हो; लेकिन तुम्हे नहीं मालूम कि मै भी तुमसे बहुत प्यार करता हु और उसको मुस्कुराता देखकर उसके होठो को चूमने लगा. हम दोनों के साँसे बेहद गरम थी और हम दोनों एक दूसरे की साँसों और बदन की गर्मी को महसूस कर सकते थे. मेरे चूमने से रश्मि के मुँह से हलकी सिसकिया निकलने लगी थी और वो मेरे बालो को खींचती हुई, फुसफुसा रही थी. लव यू, मुझे प्यार करो, प्लीज, मै तुमसे बहुत प्यार करती हु, अहह.… ऒओ….. मुझे प्यार करो.
रश्मि ने मेरी छाती को चूमना शुरू कर दिया और मैने अपना पायजामा उतार दिया और पूरा नंगा हो गया. मेरा खड़ा लंड रश्मि के शरीर को छूने की नाकाम कोशिश कर रहा था. मैने रश्मि के कपडे खोल दिए और उसको भी नंगा कर दिया. उसका नंगा खूबसूरत शरीर देखकर मेरे लंड ने और भी जोर से फुंकारना शुरू कर दिया. रश्मि ने शरमाकर अपनी चूत को अपने हाथो से ढक लिया. एक भी बाल नहीं था उसके शरीर पर या चूत पर, एक एकदम गोरा और बहुत चिकना. मैने बहुत बैचेनी से उसका एक हाथ उठाया और उसके हाथ में अपने लंड को पकड़ा दिया और अपने हाथ की मद्दत से उससे अपना मुठ मरवाना शुरू कर दिया. रश्मि ऊऊ नहीं, शादी के बाद, नहीं कर रही थी और मेरा मुठ भी मार रही थि. रश्मि की आँखे बंद थी और हम दोनों के बदन की गर्मी का मज़ा ले रही थी. उसके गोल चुचो पर अपने हाथो को रख दिया और मस्ती में दबा दिया. रश्मि के मुँह से एक मीठी दर्द भरी इश्श्श्श्स करके आवाज़ निकल गयी और मैने उसके मुँह पर हाथ रख दिया ताकि को सुन ना ले. अब मेरा लंड ज्यादा नहीं रुक सकता था और मै पहले सेक्स में रश्मि से पहले नहीं झड़ना चाहता था, तो मैने रश्मि के हाथो को एक हाथ से पकड़ा और अपने लंड को रश्मि की चूत पर रगड़ने लगा. रश्मि को मज़ा आ रहा था और उसके मुँह से कामुक आवाज़े उसकी साँस के साथ बाहर आ रही थी.
मैने तेल से उसकी चूत को चिकना किया और मेरे लंड को भी चिपड़ दिया और एक जोर दार धक्के से अपने पुरे लंड को रश्मि की चूत में उतार दिया. रश्मि चुदाई के दर्द के मारे पुरे जोर से चिलाना चाहती थी, लेकिन मैने उसके मुँह को बंद किया हुआ था. उसने दर्द में अपने दांत मेरे हाथ में गड़ा दिए और बहुत जो से काट रही थी. लेकिन, मै रुका नहीं और जोर से धक्के मार रहा था. कुछ देर बाद, जड़ रश्मि को दर्द काम होने लगा, तो उसके दाँतो की पकड़ ढीली हो गयी और उसकी गांड भी मेरे लंड के साथ चलने लगी. हम दोनों एक साथ झड़ गए और मै रश्मि के ऊपर गिर गया. हम दोनों काफी देर तक नंगे एक दूसरेकी बाहो में लेते रहे और मेरी बहन की शादी के साथ हमारी सगाई हो गयी और कुछ दिन बाद शादी. मेरे साथ कुछ नया नहीं हुआ, मुझे यकीन है आप में से कुछ लोगो भी ऐसा कुछ हुआ होगा.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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