FUN-MAZA-MASTI
पापा प्लीज........7
शरीर की थकावट और नशे ने पल भर में ही कालिया और रत्ना पर हावी हो गया और वे दोनों जल्द ही नींद की आगोश में चले गए...बिल्कुल नंग-धड़ंग...वो दोनों लड़की भी सो गई थी वहीं पर....
उधर दूसरे कमरे में वो लड़की जैसे रोते हुए कमरे में घुसी थी, घुसते ही बिस्तर पर पसर गई और खूब रोई...उसे दूसरे कमरे में बज रही साउण्ड की आवाजें और चिढ़ा रही थी...वो रोती हुई ढ़ेर सारी गाली उन दोनों को दे रही थी...ढ़ेर सारी बददुआएं दे रही थी...
पर वो कमरे में साउण्ड की आड़ में जो वासना का नंगा नाच चल रहा था वो सुनाई नहीं पड़ रहा था...वर्ना वो पता नहीं खुद का ही सर नोच लेती...उसे यहां फंसा कर खुद मजे ले रहा है...
और कुछ देर तक यूं ही रोते रोते लड़की भी कब नींद की आगोश में चली गई,मालूम नहीं...
उधर एस.पी. फोन अब तक नहीं आ पाने से बौखला सा गया...उसका दिमाग शून्य सा हो गया था...वो क्या करे,कुछ मालूम नहीं पड़ रहा था...सघन छापेमारी के साथ हर एक गुंडे से किसी भी क्लू के लिए वो भरकस प्रयास में तो लगा ही था...
शहर के जितने भी सक्रिय गुंडे थे सब के सब पूछताछ में आ गए थे और किसी से कुछ हासिल नहीं हुआ...अचानक उसने अपने दिमाग पर हल्का जोर दिया और सोचना शुरू कर दिया....कुछ दिमाग में आते ही वो तुरंत चौकीदार को बुलवाता है...
चौकीदार के आते ही एस.पी. बोला,"देखो, अब तक जितने भी सक्रिय हरामी लोग हैं उनमें से सिर्फ कालिया और उसके साथी को छोड़कर सब पकड़े जा चुके हैं...मतलब ये काम भी उसी का है पर मेरी समझ में ये नहीं आ रहा है कि आखिर वो किस मकसद ये ऐसी हरकत की है..."
चौकीदार उनकी बात सुन "जी सर..." कह रहा था...एस.पी. आगे बोला,"खैर, मकसद उससे कोई सम्पर्क हो तभी मेरे समझ में आ सकता है कि वो चोरी के आरोप से बचने के लिए मुझे परेशान कर रहा है या फिर कुछ वो अपना काम को फैलाना चाहता है...अभी तुम एक काम करो कि कालिया के साथ शुरू से जितने भी आदमी साथी थे उनकी लिस्ट तैयार कर के लाओ.."
"और हाँ ध्यान से उन लिस्ट में किसी का नाम नहीं छूटना चाहिए..चाहे वो कोई हो...जाओ.." एस.पी. के कहते ही वो बाहर निकल गया...
करीब आधे घंटे में ही चौकीदार ने वो लिस्ट एस.पी को थमा दी...एस.पी. एक सरसरी निगाह डाली तो कई एक नाम तो ऐसे थे अभी भी सक्रिय थे बस उनका गैंग अलग था...और वो इधर आ भी चुका था पूछताछ में...
तो उसने उन नामों को हटा दिया...अब लिस्ट
में सिर्फ कालिया के फरार साथी के अलावा चार नाम और मात्र रह गए थे...उसने तुरंत अपनी एक टीम को बुला उन चारों को पकड़ कर लाने का आदेश दे दिया...
कुछ ही देर में चारों के चारों आ चुके थे...इनमें से दो वो भी आ गए जिसने कालिया को हेल्प की थी...एक जिसके घर पर कालिया रूका था और दूसरा ड्राइवर...
एस.पी. उसके पास आए और कालिया के बारे में पूछा तो सबका एक ही जवाब था..."सर, जब मैं उसके साथ रहता था तो वो मेरी नासमझी थी...उस वक्त सही गलत के मायने भी नहीं पता थे...जब पता चला तो मैंने उन गलती को सुधारा और कईक सालों हो गए उससे मतलब नहीं रखता..."
एस.पी. सुनते ही ताड़ गया कि सब कुछ नहीं बताने वाले हैं...फिर भी वो करीब एक घंटे तक हर एक चीज कालिया के बारे में पूछते रहे और ये चारों सब कुछ बताते रहे...बस एक चीज को छिपाकर कि इस कांड में दो साथी हम सब में से ही था...
उसके बाद एस.पी. ने उन चारों को छोड़ दिया जब कुछ सुराग हाथ नहीं लगा...पर उनके पीछे अपने गुप्त आदमी भी लगा दिए...कि इन चारों की हर गतिविधि पर नजर रखे...
अगर इनमें से एक भी हुआ तो वो जरूर कोई ना कोई गलती करेगा...उसका दिमाग अब नॉर्मल नहीं बल्कि परेशानी में चलेगा और परेशानी में तो गलत लोग अक्सर गलत कदम बढ़ा देते हैं...
उधर रत्ना के अड्डे पर...
करीब दो घंटे बाद जब एस.पी. की बेटी की भूख से नींद खुली तो वो उठ कर बैठी...फिर बाथरूम में हाथ मुँह धो बाहर निकली...जहाँ वो दोनों लड़की वहीं रत्ना के रूम के ठीक आगे बैठी बातें कर रही थी...
उन दोनों की नजर इस पर पड़ते ही वो चुप हो गई...एस.पी. की बेटी उसे चुप होते देख थोड़ी और आगे बढ़ पूछी,"वो..कालिया कहाँ है..?"
"वो तो सो रहे हैं...कोई काम है तो बोलिए.."उनमें से एक लड़की बोली..तो एस.पी. की बेटी बोली,"मुझे भूख लगी है...कुछ खाने को मिलेगा..?"
ये सुनते ही दोनों ही उठ गई और बोली,"आप रूम में जाओ...मैं अभी ले कर आती हूँ..." और फिर दोनों नीचे किचन की तरफ बढ़ जाने लगी कि तभी पीछे से एक बार फिर एस.पी. की बेटी बोल पड़ी...
"एक मिनट...पहले मैं नहाना चाहूंगी...वो कपड़े कहाँ हैं जो तुमने दी थी..."ये सुनते ही दोनों रूकी और वापस आती हुई मुस्कुराती हुई बोली,"अभी लाती हूँ..." कह कर एक वहीं पर रूक गई और दूसरी कपड़े लाने चली गई...
वो लड़की एस.पी. की बेटी से कुछ पूछने जानने के लिए रूकी थी पर उसकी हालत देख पूछ नहीं सकी...रोने से आँखें लाल हो चुकी थी....चेहरे पर बिल्कुल मायूसी छाई हुई थी...
तब तक कपड़े ला उसने दे दिए और कपड़े ले "आती हूँ ....." कह वो रूम में चली गई फ्रेश होने...वो दोनों लड़की भी वापस अपनी जगह पर आ बैठ गई और गप्पें लड़ाने लगी...
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
पापा प्लीज........7
शरीर की थकावट और नशे ने पल भर में ही कालिया और रत्ना पर हावी हो गया और वे दोनों जल्द ही नींद की आगोश में चले गए...बिल्कुल नंग-धड़ंग...वो दोनों लड़की भी सो गई थी वहीं पर....
उधर दूसरे कमरे में वो लड़की जैसे रोते हुए कमरे में घुसी थी, घुसते ही बिस्तर पर पसर गई और खूब रोई...उसे दूसरे कमरे में बज रही साउण्ड की आवाजें और चिढ़ा रही थी...वो रोती हुई ढ़ेर सारी गाली उन दोनों को दे रही थी...ढ़ेर सारी बददुआएं दे रही थी...
पर वो कमरे में साउण्ड की आड़ में जो वासना का नंगा नाच चल रहा था वो सुनाई नहीं पड़ रहा था...वर्ना वो पता नहीं खुद का ही सर नोच लेती...उसे यहां फंसा कर खुद मजे ले रहा है...
और कुछ देर तक यूं ही रोते रोते लड़की भी कब नींद की आगोश में चली गई,मालूम नहीं...
उधर एस.पी. फोन अब तक नहीं आ पाने से बौखला सा गया...उसका दिमाग शून्य सा हो गया था...वो क्या करे,कुछ मालूम नहीं पड़ रहा था...सघन छापेमारी के साथ हर एक गुंडे से किसी भी क्लू के लिए वो भरकस प्रयास में तो लगा ही था...
शहर के जितने भी सक्रिय गुंडे थे सब के सब पूछताछ में आ गए थे और किसी से कुछ हासिल नहीं हुआ...अचानक उसने अपने दिमाग पर हल्का जोर दिया और सोचना शुरू कर दिया....कुछ दिमाग में आते ही वो तुरंत चौकीदार को बुलवाता है...
चौकीदार के आते ही एस.पी. बोला,"देखो, अब तक जितने भी सक्रिय हरामी लोग हैं उनमें से सिर्फ कालिया और उसके साथी को छोड़कर सब पकड़े जा चुके हैं...मतलब ये काम भी उसी का है पर मेरी समझ में ये नहीं आ रहा है कि आखिर वो किस मकसद ये ऐसी हरकत की है..."
चौकीदार उनकी बात सुन "जी सर..." कह रहा था...एस.पी. आगे बोला,"खैर, मकसद उससे कोई सम्पर्क हो तभी मेरे समझ में आ सकता है कि वो चोरी के आरोप से बचने के लिए मुझे परेशान कर रहा है या फिर कुछ वो अपना काम को फैलाना चाहता है...अभी तुम एक काम करो कि कालिया के साथ शुरू से जितने भी आदमी साथी थे उनकी लिस्ट तैयार कर के लाओ.."
"और हाँ ध्यान से उन लिस्ट में किसी का नाम नहीं छूटना चाहिए..चाहे वो कोई हो...जाओ.." एस.पी. के कहते ही वो बाहर निकल गया...
करीब आधे घंटे में ही चौकीदार ने वो लिस्ट एस.पी को थमा दी...एस.पी. एक सरसरी निगाह डाली तो कई एक नाम तो ऐसे थे अभी भी सक्रिय थे बस उनका गैंग अलग था...और वो इधर आ भी चुका था पूछताछ में...
तो उसने उन नामों को हटा दिया...अब लिस्ट
में सिर्फ कालिया के फरार साथी के अलावा चार नाम और मात्र रह गए थे...उसने तुरंत अपनी एक टीम को बुला उन चारों को पकड़ कर लाने का आदेश दे दिया...
कुछ ही देर में चारों के चारों आ चुके थे...इनमें से दो वो भी आ गए जिसने कालिया को हेल्प की थी...एक जिसके घर पर कालिया रूका था और दूसरा ड्राइवर...
एस.पी. उसके पास आए और कालिया के बारे में पूछा तो सबका एक ही जवाब था..."सर, जब मैं उसके साथ रहता था तो वो मेरी नासमझी थी...उस वक्त सही गलत के मायने भी नहीं पता थे...जब पता चला तो मैंने उन गलती को सुधारा और कईक सालों हो गए उससे मतलब नहीं रखता..."
एस.पी. सुनते ही ताड़ गया कि सब कुछ नहीं बताने वाले हैं...फिर भी वो करीब एक घंटे तक हर एक चीज कालिया के बारे में पूछते रहे और ये चारों सब कुछ बताते रहे...बस एक चीज को छिपाकर कि इस कांड में दो साथी हम सब में से ही था...
उसके बाद एस.पी. ने उन चारों को छोड़ दिया जब कुछ सुराग हाथ नहीं लगा...पर उनके पीछे अपने गुप्त आदमी भी लगा दिए...कि इन चारों की हर गतिविधि पर नजर रखे...
अगर इनमें से एक भी हुआ तो वो जरूर कोई ना कोई गलती करेगा...उसका दिमाग अब नॉर्मल नहीं बल्कि परेशानी में चलेगा और परेशानी में तो गलत लोग अक्सर गलत कदम बढ़ा देते हैं...
उधर रत्ना के अड्डे पर...
करीब दो घंटे बाद जब एस.पी. की बेटी की भूख से नींद खुली तो वो उठ कर बैठी...फिर बाथरूम में हाथ मुँह धो बाहर निकली...जहाँ वो दोनों लड़की वहीं रत्ना के रूम के ठीक आगे बैठी बातें कर रही थी...
उन दोनों की नजर इस पर पड़ते ही वो चुप हो गई...एस.पी. की बेटी उसे चुप होते देख थोड़ी और आगे बढ़ पूछी,"वो..कालिया कहाँ है..?"
"वो तो सो रहे हैं...कोई काम है तो बोलिए.."उनमें से एक लड़की बोली..तो एस.पी. की बेटी बोली,"मुझे भूख लगी है...कुछ खाने को मिलेगा..?"
ये सुनते ही दोनों ही उठ गई और बोली,"आप रूम में जाओ...मैं अभी ले कर आती हूँ..." और फिर दोनों नीचे किचन की तरफ बढ़ जाने लगी कि तभी पीछे से एक बार फिर एस.पी. की बेटी बोल पड़ी...
"एक मिनट...पहले मैं नहाना चाहूंगी...वो कपड़े कहाँ हैं जो तुमने दी थी..."ये सुनते ही दोनों रूकी और वापस आती हुई मुस्कुराती हुई बोली,"अभी लाती हूँ..." कह कर एक वहीं पर रूक गई और दूसरी कपड़े लाने चली गई...
वो लड़की एस.पी. की बेटी से कुछ पूछने जानने के लिए रूकी थी पर उसकी हालत देख पूछ नहीं सकी...रोने से आँखें लाल हो चुकी थी....चेहरे पर बिल्कुल मायूसी छाई हुई थी...
तब तक कपड़े ला उसने दे दिए और कपड़े ले "आती हूँ ....." कह वो रूम में चली गई फ्रेश होने...वो दोनों लड़की भी वापस अपनी जगह पर आ बैठ गई और गप्पें लड़ाने लगी...
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
No comments:
Post a Comment