FUN-MAZA-MASTI
होटल में जबरदस्त चुदाई
हैल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम राहुल है और में बेंगलोर में रहता हूँ। मेरी उम्र 23 साल की है। दोस्तों ये कहानी आज से 2 महीने पुरानी है जब में ऑफीस के एक काम से पुणे गया हुआ था। फिर वहाँ मेरा एक फ्रेंड अपनी वाईफ के साथ रहता था तो मैंने उससे फोन पर बात की और मैंने उसे वहाँ पर बुला लिया और फिर हम लोग एरपोर्ट पर ही मिले और फिर में अपने होटल चला गया। ये कहानी उसी होटल की ही है।
फिर में होटल में अन्दर गया रिशेप्शन में एक मस्त सेक्सी लड़की खड़ी थी। उसकी हाईट करीब 5.7 इंच होगी और उसका 34-26-32 का फिगर होगा। वो मस्त गोरी थी। में तो उसे देखते ही उस पर फिदा हो गया और मेरा 7 इंच का लंड पेंट में ही उछलने लगा। फिर उसके काले, घने, खुले, लंबे, बाल ग़ज़ब ढा रहे थे। फिर उसने मुझे गौर से देखा और मेरी बुकिंग देखने लगी। वो साड़ी पहनी हुई थी तो उसकी आधी खुली छाती दिख रही थी और वहाँ पर एक तिल था और छाती पर तिल मुझे क्या सबको बहुत पसंद है।
फिर मुझे ग्राउंड फ्लोर पर ही कमरा मिला और वो आखरी वाला कमरा था और उसके जस्ट पीछे स्टाफ का चेंजिंग रूम था। दोस्तों में आपको बता दूँ कि ये जो लेडिस स्टाफ होता हें वो कभी भी घर से साड़ी पहन कर नहीं आती। वो घर से जीन्स और टी-शर्ट में आती हें और ऑफीस में चेंज करती है। फिर वहाँ रूम में पहुँचते ही मैंने रूम सर्विस में फोन किया क्योंकि मुझे टीवी का रिमोट नहीं मिल रहा था।
फिर कोई वहाँ पर मौजूद नहीं था तो वो लड़की खुद रिमोट लेकर आई क्योंकि मेरा कमरा सेम फ्लोर था। फिर उसने टीवी चालू किया और फिर मुझे रिमोट थमाया। तभी रिमोट लेते हुए मैंने उसके हाथ को छुआ तो वो कुछ नहीं बोली और बस एक स्माईल दी। तभी मुझे लगा कि यहाँ पर कुछ बात बन सकती है फिर उसने कहा कि सर क्या आप भी बेंगलोर से हो और यह एक बहुत अच्छी घूमने की जगह है लेकिन में यहाँ पर काम करती हूँ। तभी उसने मुझे बताया कि वो लड़की बेंगलोर की ही है और पुणे में उसी होटल में जॉब करती थी।
तभी मैंने उससे थोड़ी हिम्मत करके पूछा कि हम वैसे भी एक शहर के है और में पुणे में किसी को जानता नहीं तो अगर वो मेरे साथ शाम की चाय पीये तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा। तभी उसने थोड़ा सोचा और फिर हाँ बोली लेकिन उसका एक कंडीशन था कि वो होटल के बाहर नहीं जाएगी। वो यहीं होटल में कॉफी लौज में ही बैठेगी। तभी मैंने भी जल्दी से हाँ बोल दिया। फिर वो अपनी शिफ्ट के बाद मुझसे मिलने का प्रॉमिस करके चली गयी। फिर उसकी शिफ्ट शाम को 5 बज़े तक खत्म होती थी। फिर करीब शाम 5.20 बजे को मेरे कमरे की डोरबेल बजी। तभी मैंने दरवाजा खोला तो वो लड़की एक जीन्स और टी-शर्ट में एक छोटा सा ब्राउन हॅंड बेग लिए सामने खड़ी थी। फिर मैंने उसे हाय कहा और फिर उसे अंदर आने को कहा। तभी वो अंदर आकर सोफे पर बैठ गयी और फिर में चेंज करने बाथरूम में चला गया। फिर बाहर आकर मैंने उससे पूछा कि साड़ी क्यों उतार दी? वो साड़ी में बहुत खूबसूरत लग रही थी।
तभी उसने कहा कि होटल के रूल्स के हिसाब से। फिर इसलिए वो शिफ्ट खत्म होने के बाद चेंज करके आई है। फिर उसने मुझसे एक रिक्वेस्ट की.. अगर मुझसे कोई पूछे तो में उसे अपना रिलेटिव बता दूँ क्योंकि खुद के ऑफीस में ही और खुद के केन्टीन में एक अंजान मर्द के साथ कॉफी पीते हुए उस पर कोई शक़ ना करे। तभी मैंने उसे एक स्माईल करके हाँ बोल दिया। फिर उसकी बात में एक पॉइंट भी था। में क्यों बैचारी को बदनाम करूँ। फिर हम जब केन्टीन में आए तो उसने अपने साथ काम करने वाले और मॅनेजर को मुझे अपना कजिन बनाकर मिलवाया और सभी लोग मुझसे मिलकर बहुत खुश हुए। फिर किसी किसी ने तो उसे ताने मारे कि चलो बेंगलोर से कोई तो रिश्तेदार आया.. नहीं तो ये लड़की हर हफ्ते घर को याद करके रोती रहती थी।
फिर हम लोग साथ में चाय पीने के लिए बैठे तो मैंने उससे उसका इतना घर वालो को याद करने का रीज़न पूछा। तभी उसने मुझे कुछ नहीं बताया और फिर हम लोग इधर उधर की बातें करने लग गये और फिर धीरे धीरे बात उसकी शादी तक आ गई। तभी वो शरमाकर बोली कि उसके माता पिता उसके लिये लड़का ढूंढ रहे है लेकिन मैंने कहा कि में तो खुद अपने लिए पसंद करूंगा और कोई आपके जैसी अच्छी सुशील लड़की मिले तो बतायें। तभी वो थोड़ा शरमा गई और फिर इधर मेरा लंड फूंकार मारने लगा। फिर जीन्स और टॉप में वो क्या ग़ज़ब लग रही थी। उसके लाल लाल होंठो को चूसने के लिए में बहुत बैताब हो रहा था। उसके 34 साईज़ के बूब्स को दबाने के लिए मेरे हाथ में खुजली हो रही थी लेकिन हम लोग केन्टीन में बैठे थे तो कुछ कर नहीं सकते थे। फिर मैंने एक प्लान बनाया और उसे अपने रूम में लेकर जाने के बारे में सोचने लगा।
दोस्तों आपको तो पता ही होगा कि पुणे में बहुत गर्मी होती है। तभी मैंने उसे गर्मी का बहाना बनाकर ऐसी में बैठने के लिए अपने कमरे में बुलाया और फिर ये भी कहा कि हम रिश्तेदार है ये बात सबको पता है तो कोई कुछ भी ग़लत भी नहीं सोचेगा। तभी वो यह बात सुनकर मान गयी और फिर हम कॉफी लेकर रूम में आ गए। फिर मैंने टीवी चालू किया.. टीवी पर हॉट हॉट गाने आ रहे थे। तभी वो बेड पर बैठी थी और में सोफे पर। फिर में टॉयलेट जाने के बहाने कॉफी मॅग लेकर उठा और जान बूझकर पैर फिसलने का नाटक करके उसके ऊपर गिर गया।
तभी सारी कॉफी उसकी ड्रेस पर गिर गई फिर वो चौंक कर खड़ी हुई। फिर उसे थोड़ी जलन हो रही थी। तभी मैंने जार से पानी निकाल कर वहाँ डाला। दोस्तों वो कॉफी सीधे उसके बूब्स के ऊपर ड्रेस पर गिरी थी और वहाँ पानी लगने की वजह से उसका टॉप उसकी स्किन से बिलकुल चिपक सा गया था.. लेकिन क्या लग रही थी वो.. उसके सेक्सी बड़े बड़े बूब्स बाहर से साफ दिख रहे थे। फिर खुले बाल में भी पानी की बूंदे थी और फिर उसके बूब्स की स्किन साफ साफ दिख रही थी। फिर उसकी टीशर्ट पर कॉफी का दाग लग चुका था और वो घबराने लगी थी। तभी में तो उसके काले कलर की ब्रा देख रहा था.. ब्रा भी पूरी भीगी हुई थी। तभी वो रोने लगी और बोली ऐसे दाग वाले कपड़े पहनकर वो कैसे बाहर जाएगी? फिर बाहर लोग क्या समझेंगे? तभी प्लान के मुताबिक मैंने उससे कहा कि तुम इसे उतार कर धो डालो और जब तक सूखती नहीं तब तक तुम मेरी एक शर्ट पहन लो।
मेरे पास एक ट्रेवल प्रेस बॉक्स था। तभी मैंने उसे निकाला और फिर बोला कि इससे ही में सुखा देंगे। फिर वो बहुत सोचने के बाद और कोई चारा ना मिलने पर मेरी बात मान गई। फिर मैंने एक शर्ट निकाल कर उसे दिया। मेरी शर्ट का साईज़ उसके लिए बहुत बड़ा था। फिर वो अंदर जाकर अपना टॉप धोने लगी और फिर उसे सुखाने के लिए बाथरूम के दरवाजे पर डाला ब्रा भी खोल दी क्योंकि वो भी पूरी गीली हो गई थी। फिर वो जीन्स और मेरी शर्ट पहन कर बाहर निकली। फिर मैंने जानबूझ कर उसे एक पारदर्शी शर्ट दी थी पहनने के लिए। फिर क्या था जैसे ही वो बाहर निकली में उसे देखता ही रह गया और उसे भी पता चल रहा था कि में क्या देख रहा हूँ। फिर बिना ब्रा के उसके बूब्स बहुत बड़े लग रहे थे और पके हुए आम की तरह लटक रहे थे।
फिर उसके भूरे कलर के निप्पल आराम से बाहर दिखाई दे रहे थे और फिर इधर मेरा लंड अपना सर आसमान में उठा रहा था। तभी ऐसी सेक्सी लड़की देखकर में पागल हो गया और चोदने को बेकरार हो गया। फिर मैंने उसे देखते ही बोला कि तुम बहुत सेक्सी लग रही हो, ऐसे ही पहना करो बहुत मर्द तुम्हारे गुलाम बनकर रहेंगे.. तो वो शरम से नीचे देखने लगी। फिर प्रेस से कपड़े सुखाने के लिए मुझसे कहा। तभी मैंने तुरंत प्रेस निकाली और उसकी टी-शर्ट पर प्रेस करने लगा और फिर कुछ 15 मिनट बाद वो सूख गई। तभी उसे थोड़ी शान्ति मिली लेकिन ब्रा तो अभी तक गीली थी। फिर उसने मुझसे प्रेस मांगी और बोलने लगी.. में खुद करूँगी।
तभी मैंने पूछा ऐसा कौन सा कपड़ा है जो में प्रेस नहीं कर सकता। तभी वो चुप रही और फिर बार बार पूछने पर एक छोटी सी आवाज़ निकली मेरी ब्रा भी गीली हो गई है। तभी में हंसा और वो शरमाई.. तभी मैंने कहा कि शरमाओ मत मुझे दे दो में सुखा दूँगा। ये प्रेस बहुत छोटी है। कहीं तुम्हारे हाथ ना जल जाएँ और फिर हिचकिचाते हुए उसने मुझे ब्रा दे दी और ब्रा का सीधा कफ बिल्कुल गीला था। फिर में ब्रा पकड़ते ही हॉट फील करने लगा और फिर मैंने गौर से देखा तो वो सस्ती ब्रा है। फिर में सोचने लगा कि वो इतनी अच्छे बूब्स की मालकिन इतनी सस्ती ब्रा क्यों पहनेगी। फिर यही सोचते सोचते में उसे सुखाने लगा और फिर मेरा ध्यान भटक गया। तभी गर्म प्रेस मेरी उंगली को छू गई और मेरी उंगली जल गई। तभी मैंने जैसे ही ऊह्ह कहा और ऊँगली जल रही थी तो झटसे उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और वो जली हुई उंगली मुहं में डालकर चूसने लगी। वाह्ह मुझे बहुत अच्छा लगा रहा था। फिर उसकी आँखों में भी मुझे थोड़ी मदहोशी दिखने लगी थी। तभी मैंने उसे एक की जगह दो उंगली दे दी और फिर वो दो उंगली मुहं में लेकर चूसने लगी।
तभी मैंने तुरंत उंगली निकाली और फिर उसे स्मूच करने लगा। पहले तो वो थोड़ा छटपटाई फिर वो भी मेरा साथ देने लगी। ज़ुबान से ज़ुबान मिल गई थी और बड़े मज़े से में कभी उसके होंठो को चूसता तो कभी उसकी जीभ और कभी दोनो होंठो को एक साथ तो कभी एक एक को बारी बारी से। फिर वो भी मस्ती में मेरा साथ दे रही थी। फिर वैसे ही होंठ चूसते चूसते मैंने उसके बूब्स दबाना शुरू किया लेकिन उसने मुझे रोका नहीं क्योंकि तब तक वो पूरी गर्म हो चुकी थी। तभी उसी गर्मी का फ़ायदा उठाते हुए में उसके बूब्स को थोड़ा और ज़ोर से प्रेस करने लगा। वाहह क्या नरम और बड़े बड़े बूब्स थे।
फिर में खुद मदहोशी में था नीचे मेरा छोटू (लंड) फूँकार मार रहा था। फिर अब तक सब कुछ प्लान के मुताबिक चल रहा था और फिर में उसे किस करते हुए उसके बूब्स को दोनों हाथों से दबाने लगा। फिर मैंने उसकी शर्ट के बटन खोलना शुरू किया तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। फिर आँखों ही आँखों में उसने मुझे मना किया लेकिन में कहाँ सुनने वाला था। तभी मैंने थोड़ा ज़ोर लगाया और वो शर्ट फट गयी लेकिन कोई प्राब्लम नहीं थी क्योंकि शर्ट तो मेरी ही थी और फिर मैंने उसे पूरी ही फाड़ डाली।
तभी उसके गोरे-गोरे और बड़े-बड़े बूब्स बाहर निकल आए। फिर वो दोनों बूब्स इस तरह से बाहर आए जैसे कि वो पहले से ही आने को तरस रहे हो और फिर में टाईम ज्यादा खराब ना करते हुये उन बूब्स को चूमने लगा और उसके भूरे निप्पल को चूसने लगा। तभी उसके मुहं से कामुक आवाज निकल रही थी अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह और फिर में मस्ती में बूब्स चूसे जा रहा था। फिर में एक निप्पल को होंठो से चूसता तो दूसरे को एक हाथ से पकड़ कर मसल देता। फिर वो मस्ती में मेरे बाल के ऊपर उंगलियाँ फेर रही थी। तभी मैंने ऊपर देखा तो वो आँख बंद किए हुए मज़े ले रही थी।
फिर मैंने थोड़ा नॉटी बनने के लिए चूसना मसलना बंद कर दिया। तभी उसने आँखे खोली और फिर हमारी नज़रें टकराई वो थोड़ा शरमाकर इशारों में पूछने लगी कि क्या हुआ? रुक क्यों गये? तभी मैंने उससे मज़ाक में कहा कि यहाँ रस तो बहुत है लेकिन दूध नहीं निकल रहा तो वो शरमाते हुए बोली बुद्धू एसे थोड़ी ना दूध निकलता है और उसने मेरा सर फिर से अपने दोनों बूब्स के ऊपर दबा दिया।
में फिर से काम पर लग गया लेकिन चूसते चूसते उसके गोरे बूब्स लाल हो गये थे लेकिन में नहीं थका था। फिर करीब 20 मिनट चूसने के बाद मैंने उसे आज़ाद किया फिर उसे बेड पर लेटा दिया और फिर मैंने जल्दी से उसकी जीन्स खोल दी। नीचे वो ब्लू कलर की पेंटी पहनी हुई थी फिर उसके दोनों पैरो को चूमते चूमते मैंने उसकी चूत तक सारा इलाक़ा चूम चूमकर पूरा लाल कर दिया। वो बस मज़े में आँख बंद करके मजे कर रही थी और फिर मेरे दोनों हाथ उसके बड़े बड़े बूब्स दबा रहे थे और में नीचे से अपने दाँत से उसकी पेंटी उतार रहा था। दोस्तों क्या नज़ारा था गुलाबी चूत और एक भी बाल नहीं एकदम चकनी हाथ रखते ही फिसल जाए।
उसने शायद सुबह ही चूत को साफ किया था मुझसे अब और रहा नहीं गया और फिर में उसकी चूत चाटने लगा वो करहा उठी और फिर अपने दोनों हाथो मेरा सर पकड़ कर और चूत के अंदर तक धकेलने लगी। तभी में समझ गया कि उसे अब मज़ा आ रहा है। फिर चूत की भीनी भीनी खुश्बू का मज़ा लेते हुए में अपनी जीभ उसकी चूत के छेद के अंदर डालकर उसे मज़े देने लगा। फिर क्या था दो मिनट के अंदर ही वो एकदम से पूरी अकड़ गई और फिर उसने पानी छोड़ दिया.. वो झड़ चुकी थी और फिर ढीली पड़ गई और फिर चूत से मेरे सर को हटाने लगी। तभी में उठकर बैठ गया।
फिर वो बिस्तर पर पूरी नंगी पड़ी थी और में अपने पूरे कपड़ों में था। तभी उसने आँख खोली और मुझे देख कर शरमाते हुए थेंक्स बोला। तभी मैंने तुरंत उससे कहा कि मुझे भी तो थेंक्स बोलने का मौका दो.. फिर उसने थोड़ी स्माईल दी और उठकर बैठ गयी। फिर उसने मेरी शर्ट और बनियान निकाल दिए और बेल्ट खोलकर मेरा ट्राउज़र भी निकाल दिया और मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी। तब तक मेरा लंड पूरा का पूरा खड़ा हो चुका था वो अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी तो मैंने खुद ही मेरा अंडरवियर निकाल दिया। तभी मेरा तना हुआ लंड देखकर उसकी आँखों में चमक आ गई और शायद मुहं में पानी भी। तभी उसने तुरंत मेरे लंड को हाथ में लेकर स्किन को ऊपर नीचे करने लगी। तभी वो बोला कि कितना बड़ा है? फिर मैंने उसे कहा कि सिर्फ़ हाथ में रखोगी या कुछ और भी करोगी तभी उसने मेरा इशारा समझते हुए मेरे लंड को मुहं में भर लिया। उसका मुहं एक आग की भट्टी थी।
फिर लंड के टोपे को जीभ से चाटते हुए एक प्रोफेशनल की तरह लंड को चूसने लगी दोस्तों मैंने भी बहुत लड़कियाँ चोदी है अपने अनुभव से में इतना तो बोल सकता हूँ की उसे लंड चूसने का पहले से अनुभव था। तभी मैंने उससे पूछने की सोची फिर सोचा कि क्यों अपने पैरों पर में कुल्हाड़ी मारुँ और वो बुरा मान गयी तो। फिर वो इतने मज़े लेकर चूस रही थी कि मेरा वीर्य बस निकल ही जाता लेकिन में इतनी आसानी से उसे जीतने नहीं दे सकता था। तभी मैंने उसके मुहं से लंड बाहर खींच लिया वो समझ गयी कि मैंने क्यों खींचा। फिर उसने कहा कि डरो मत आगे भी सब कुछ मिलेगा। बस कुछ देर और चूसने दो.. मुझे तुम्हारा वीर्य टेस्ट करना है। इसका मतलब साफ था कि उसे चूसने की आदत थी। फिर मेरी तो लॉटरी लग गयी। मैंने फिर उसके मुहं में अपना लंड डाला और फिर वो जोर जोर से चूसने लगी। मेरा वीर्य छूटने वाला था तो मैंने उसे बताया कि में झड़ने वाला हूँ। तभी उसने और जोर से चूसा और एक गर्मागरम वीर्य की धार मेरे लंड से निकल कर उसके मुहं में पूरा भर गई। तभी वो सोच भी नहीं पा रही थी की इतना सारा वीर्य निकलेगा फिर उसने ट्राई करते हुए सारा वीर्य पी लिया लेकिन कुछ फिर भी उसके मुहं से नीचे गिर रहा था जिसे वो बाद में हाथ से चाट चाटकर खा गयी। तभी उसकी चाटने के प्रति रूचि देखकर मेरे मुहं से निकल गया लगता है शायद तुम बहुत दिनों भूखी थी? तभी वो हंसी और बोली कि उसका एक बॉयफ्रेंड है लेकिन उसका लंड ना ही इतना बड़ा है और ना ही इतना सारा वीर्य वो निकालता है। तभी इससे साफ जाहिर था कि उसे पहले से लंड चूसने का अनुभव था।
मैंने फिर पूछा मेरा वाला लंड पसंद आया क्या? तभी वो शरमा नहीं रही थी.. वो बहुत खुल चुकी थी। वो बोली हाँ पसंद आया। फिर हम लोगों ने किस करना शुरू किया और मैंने फिर से उसकी चूत को चाटा और फिर से उसे गरम किया। उसने फिर से मेरा लंड चूस चूसकर खड़ा किया फिर बोली अब आओ चढ़ जाओ मेरे ऊपर और क़िला फ़तह करो। समझदार को इशारा काफ़ी होता है। फिर में उसके ऊपर चढ़ कर क़िले का दरवाजा ढूंढने लगा तो उसने खुद मेरा लंड अपने क़िले के दरवाजे पर रख दिया।
फिर मुझे बस एक क़िला फ़तह करना था फिर जैसे ही मैंने पहला शॉट मारा तो उसने मुझे जकड़ लिया और बोली देखो तुम्हारा लंड मेरे बॉयफ्रेंड से बहुत बड़ा है। प्लीज थोड़ा आराम से डालना.. कहीं मेरी चूत फट ना जाए। तभी मैंने कहा कि डार्लिंग तुम बेकार में डर रही हो.. थोड़ा सब्र करो फिर में तुम्हे जन्नत का मज़ा दूँगा। तभी उसने स्माईल किया लेकिन उसकी आँखों में थोड़ा सा डर और परेशानी दिख रही थी। दोस्तों जब अपना लंड ज़िंदाबाद तो चुदा हुआ भोसड़ा भी कुवांरी चूत वाले मज़े देता है।
फिर मैंने पहले धीरे से एक शॉट मारा ताकि सिर्फ़ सुपाड़ा अंदर जाए इतने में ही वो सिसकियाँ लेने लगी और इसस्स आअहह की आवाज़ करने लगी। शायद उसने ये समझ लिया कि क़िला फ़तह हो गया लेकिन उसे मेरे लंड की ताकत का पता नहीं था। में वहीं सुपाड़ा डालकर उसकी चूत को और थोड़ा नरम करने लगा। धीरे धीरे थोड़ा थोड़ा अंदर बाहर करने लगा। दोस्तों एक बात है कि चूत का सिर्फ़ ऊपरी हिस्सा गीला होता है अंदर तो टाईट ही होती है और लड़की को अच्छे से गरम ना किया जाए तो उसे बहुत तकलीफ़ भी होती है। फिर मैंने अचानक एक ऐसा करारा झटका मारा कि मेरा लंड उसकी चूत की दीवार को चीरता हुआ सीधे जाकर बच्चेदानी पर टकराया। तभी वो चिल्ला उठी फिर मैंने एक हाथ से उसका मुहं बंद कर दिया और उसकी आखें फटी की फटी रह गयी। उसने मुझे छोड़कर अब बिस्तर की चादर को भींच लिया था। फिर में उसके ऊपर था तो वो उठ भी नहीं पाई और दर्द सह भी नहीं पाई.. आँखों से आंसू निकलने लगे उसकी हालत देख कर मुझे और जोश आ गया और फिर मैंने भी बड़ी बेहरमी से उसे और जोरदार ढक दिए। उसकी तो हालत पतली हो गई.. वो दर्द से करहा रही थी। लेकिन में कहाँ सुनने वाला था बस उसे जबरदस्ती से चोदने लगा। ऐसा चोदा.. ऐसा चोदा कि साला मेरा लंड ही जलने लगा.. अभी तक उसकी चूत सूखी थी और लंड की रगड़ जलन पैदा कर रही थी। आह्ह्ह करके करहा रही थी और लंड बाहर निकालने के लिए मन्नतें कर रही थी।
फिर में थोड़ी देर शांत हुआ और उसे किस करने लगा उसके बूब्स चूसने लगा। नीचे हाथ ले जाकर उसकी चूत को सहलाने लगा। तभी थोड़ी देर बाद उसकी चूत थोड़ा थोड़ा पानी छोड़ने लगी तब जाकर वो जलन कम हुई। अब उसकी आँखों में दर्द की जगह खुमारी छाने लगी और मदहोशी आने लगी। फिर मैंने कहा कि अगर इतना दर्द हो रहा है तो में निकाल लेता हूँ। मुझसे तुम्हारा यह दर्द अब देखा नहीं जाता। तभी वो बोली जब मन्नते करके बोल रही थी दर्द हो रहा है तो आपने कुछ सुना नहीं और अब मज़ा आ रहा है तो निकालने की बात कर रहे हो.. प्लीज़ मत निकालो और वैसे ही चोदो मुझे। प्लीज़ चोदो मुझे.. प्लीज़ प्लीज़.. रहा नहीं जा रहा है.. ऐसी चुदाई मेरी कभी नहीं हुई और तुम मस्त चोद रहे हो.. लगातार करो प्लीज़ मुझे आधे रास्ते पर मत छोड़ो.. चोदो मुझे.. वो पागल हुए जा रही थी और जब कोई लड़की इतनी रिक्वेस्ट कर रही है तो एक अच्छे इन्सान का फ़र्ज़ बनता है कि उसे चोदा जाए।
फिर शुरू हुई हमारी क़िला फ़तह वाली लड़ाई.. कभी में ऊपर तो कभी वो ऊपर.. कभी डॉगी स्टाईल तो कभी बेड पर तो कभी खड़े खड़े। फिर में पहले एक बार उसके मुहं में झड़ चुका था तो मुझे झड़ने में अभी टाईम था और मानना पड़ेगा उस लड़की को जो मेरा भरपूर साथ दे रही थी। तभी इस बीच वो शायद 3 बार झड़ चुकी थी। वो जब भी झड़ जाती थी तो लंड को चूत से बाहर निकाल लेती क्योंकि झड़ी हुई चूत तुरंत लंड नहीं ले पाएगी लेकिन वो चुप नहीं बैठती थी। फिर हम 69 पोज़िशन में आ गये। उसने मेरा लंड चूस चूस कर उसका कड़कपन बनाए रखा और में उसकी चूत चाटकर उसे फिर से गरम करता। फिर ऐसे करते करते मुझे भी थोड़ा सा ब्रेक मिल जाता और फिर से हमारी चुदाई शुरू हो जाती। वो तो मेरी पावर का मजाक ही बन गयी अब तो उसने ठान ही लिया कि इस बार मेरा वीर्य निकाल कर ही रहेगी।
तभी वो मेरे लंड पर चढ़ गयी और खुद ऊपर नीचे होते हुए मेरे लंड से अपनी चूत चोदने लगी। दोस्तों इतनी खूबसूरत लड़की खुद अगर अपने आपको चोदने लगे तो आप ज़्यादा देर ठहर नहीं सकते और में भी एक लंबा आआअहह करते हुए उसकी चूत के अंदर ही झड़ गया। तभी उसी टाईम पर वो भी झड़ गई थी फिर वो मेरे ऊपर लेट गयी और में उसे साईड करके हाँफने लगा। दोनों ही एक दूसरे को देखते हुए हांफ रहे थे.. मज़ा आ गया था। तभी उसने मेरे माथे पर चूमा और थेंक्स कहा। फिर मैंने उसे आग्रह किया कि वो उस रात वहीं रुक जाए। तभी वो मान गयी और हम रात भर चुदाई करने के नये नये हथकंडे करने लगे। फिर उसके हिसाब से उसके बॉयफ्रेंड से में लगभग 10 गुना ज्यादा मजबूत था। फिर उसने अगले दिन छुट्टी लेकर घर पर आराम किया, क्योंकि उस रात पूरे 14 घंटे चुदने के बाद कोई अगले दिन काम नहीं कर पाएगा। फिर में भी अगले दिन अपनी फ्लाईट पकड़ कर बेंगलोर वापस आ गया और फिर हम दोनों फोन पर बात करते है। फिर जब भी में पुणे जाता हूँ तो उसी होटल में रुकता हूँ और हम दोनों की सेक्स की कहानी फिर चालू हो जाती है लेकिन अब शायद वो शादी करने वाली है वही उसी बॉयफ्रेंड से क्योंकि उसका बॉयफ्रेंड उसे बहुत ज़्यादा प्यार करता है। ये भी उससे बहुत प्यार करती है और भगवान करे वो शादी करके खुशी खुशी रहे ।।
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होटल में जबरदस्त चुदाई
हैल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम राहुल है और में बेंगलोर में रहता हूँ। मेरी उम्र 23 साल की है। दोस्तों ये कहानी आज से 2 महीने पुरानी है जब में ऑफीस के एक काम से पुणे गया हुआ था। फिर वहाँ मेरा एक फ्रेंड अपनी वाईफ के साथ रहता था तो मैंने उससे फोन पर बात की और मैंने उसे वहाँ पर बुला लिया और फिर हम लोग एरपोर्ट पर ही मिले और फिर में अपने होटल चला गया। ये कहानी उसी होटल की ही है।
फिर में होटल में अन्दर गया रिशेप्शन में एक मस्त सेक्सी लड़की खड़ी थी। उसकी हाईट करीब 5.7 इंच होगी और उसका 34-26-32 का फिगर होगा। वो मस्त गोरी थी। में तो उसे देखते ही उस पर फिदा हो गया और मेरा 7 इंच का लंड पेंट में ही उछलने लगा। फिर उसके काले, घने, खुले, लंबे, बाल ग़ज़ब ढा रहे थे। फिर उसने मुझे गौर से देखा और मेरी बुकिंग देखने लगी। वो साड़ी पहनी हुई थी तो उसकी आधी खुली छाती दिख रही थी और वहाँ पर एक तिल था और छाती पर तिल मुझे क्या सबको बहुत पसंद है।
फिर मुझे ग्राउंड फ्लोर पर ही कमरा मिला और वो आखरी वाला कमरा था और उसके जस्ट पीछे स्टाफ का चेंजिंग रूम था। दोस्तों में आपको बता दूँ कि ये जो लेडिस स्टाफ होता हें वो कभी भी घर से साड़ी पहन कर नहीं आती। वो घर से जीन्स और टी-शर्ट में आती हें और ऑफीस में चेंज करती है। फिर वहाँ रूम में पहुँचते ही मैंने रूम सर्विस में फोन किया क्योंकि मुझे टीवी का रिमोट नहीं मिल रहा था।
फिर कोई वहाँ पर मौजूद नहीं था तो वो लड़की खुद रिमोट लेकर आई क्योंकि मेरा कमरा सेम फ्लोर था। फिर उसने टीवी चालू किया और फिर मुझे रिमोट थमाया। तभी रिमोट लेते हुए मैंने उसके हाथ को छुआ तो वो कुछ नहीं बोली और बस एक स्माईल दी। तभी मुझे लगा कि यहाँ पर कुछ बात बन सकती है फिर उसने कहा कि सर क्या आप भी बेंगलोर से हो और यह एक बहुत अच्छी घूमने की जगह है लेकिन में यहाँ पर काम करती हूँ। तभी उसने मुझे बताया कि वो लड़की बेंगलोर की ही है और पुणे में उसी होटल में जॉब करती थी।
तभी मैंने उससे थोड़ी हिम्मत करके पूछा कि हम वैसे भी एक शहर के है और में पुणे में किसी को जानता नहीं तो अगर वो मेरे साथ शाम की चाय पीये तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा। तभी उसने थोड़ा सोचा और फिर हाँ बोली लेकिन उसका एक कंडीशन था कि वो होटल के बाहर नहीं जाएगी। वो यहीं होटल में कॉफी लौज में ही बैठेगी। तभी मैंने भी जल्दी से हाँ बोल दिया। फिर वो अपनी शिफ्ट के बाद मुझसे मिलने का प्रॉमिस करके चली गयी। फिर उसकी शिफ्ट शाम को 5 बज़े तक खत्म होती थी। फिर करीब शाम 5.20 बजे को मेरे कमरे की डोरबेल बजी। तभी मैंने दरवाजा खोला तो वो लड़की एक जीन्स और टी-शर्ट में एक छोटा सा ब्राउन हॅंड बेग लिए सामने खड़ी थी। फिर मैंने उसे हाय कहा और फिर उसे अंदर आने को कहा। तभी वो अंदर आकर सोफे पर बैठ गयी और फिर में चेंज करने बाथरूम में चला गया। फिर बाहर आकर मैंने उससे पूछा कि साड़ी क्यों उतार दी? वो साड़ी में बहुत खूबसूरत लग रही थी।
तभी उसने कहा कि होटल के रूल्स के हिसाब से। फिर इसलिए वो शिफ्ट खत्म होने के बाद चेंज करके आई है। फिर उसने मुझसे एक रिक्वेस्ट की.. अगर मुझसे कोई पूछे तो में उसे अपना रिलेटिव बता दूँ क्योंकि खुद के ऑफीस में ही और खुद के केन्टीन में एक अंजान मर्द के साथ कॉफी पीते हुए उस पर कोई शक़ ना करे। तभी मैंने उसे एक स्माईल करके हाँ बोल दिया। फिर उसकी बात में एक पॉइंट भी था। में क्यों बैचारी को बदनाम करूँ। फिर हम जब केन्टीन में आए तो उसने अपने साथ काम करने वाले और मॅनेजर को मुझे अपना कजिन बनाकर मिलवाया और सभी लोग मुझसे मिलकर बहुत खुश हुए। फिर किसी किसी ने तो उसे ताने मारे कि चलो बेंगलोर से कोई तो रिश्तेदार आया.. नहीं तो ये लड़की हर हफ्ते घर को याद करके रोती रहती थी।
फिर हम लोग साथ में चाय पीने के लिए बैठे तो मैंने उससे उसका इतना घर वालो को याद करने का रीज़न पूछा। तभी उसने मुझे कुछ नहीं बताया और फिर हम लोग इधर उधर की बातें करने लग गये और फिर धीरे धीरे बात उसकी शादी तक आ गई। तभी वो शरमाकर बोली कि उसके माता पिता उसके लिये लड़का ढूंढ रहे है लेकिन मैंने कहा कि में तो खुद अपने लिए पसंद करूंगा और कोई आपके जैसी अच्छी सुशील लड़की मिले तो बतायें। तभी वो थोड़ा शरमा गई और फिर इधर मेरा लंड फूंकार मारने लगा। फिर जीन्स और टॉप में वो क्या ग़ज़ब लग रही थी। उसके लाल लाल होंठो को चूसने के लिए में बहुत बैताब हो रहा था। उसके 34 साईज़ के बूब्स को दबाने के लिए मेरे हाथ में खुजली हो रही थी लेकिन हम लोग केन्टीन में बैठे थे तो कुछ कर नहीं सकते थे। फिर मैंने एक प्लान बनाया और उसे अपने रूम में लेकर जाने के बारे में सोचने लगा।
दोस्तों आपको तो पता ही होगा कि पुणे में बहुत गर्मी होती है। तभी मैंने उसे गर्मी का बहाना बनाकर ऐसी में बैठने के लिए अपने कमरे में बुलाया और फिर ये भी कहा कि हम रिश्तेदार है ये बात सबको पता है तो कोई कुछ भी ग़लत भी नहीं सोचेगा। तभी वो यह बात सुनकर मान गयी और फिर हम कॉफी लेकर रूम में आ गए। फिर मैंने टीवी चालू किया.. टीवी पर हॉट हॉट गाने आ रहे थे। तभी वो बेड पर बैठी थी और में सोफे पर। फिर में टॉयलेट जाने के बहाने कॉफी मॅग लेकर उठा और जान बूझकर पैर फिसलने का नाटक करके उसके ऊपर गिर गया।
तभी सारी कॉफी उसकी ड्रेस पर गिर गई फिर वो चौंक कर खड़ी हुई। फिर उसे थोड़ी जलन हो रही थी। तभी मैंने जार से पानी निकाल कर वहाँ डाला। दोस्तों वो कॉफी सीधे उसके बूब्स के ऊपर ड्रेस पर गिरी थी और वहाँ पानी लगने की वजह से उसका टॉप उसकी स्किन से बिलकुल चिपक सा गया था.. लेकिन क्या लग रही थी वो.. उसके सेक्सी बड़े बड़े बूब्स बाहर से साफ दिख रहे थे। फिर खुले बाल में भी पानी की बूंदे थी और फिर उसके बूब्स की स्किन साफ साफ दिख रही थी। फिर उसकी टीशर्ट पर कॉफी का दाग लग चुका था और वो घबराने लगी थी। तभी में तो उसके काले कलर की ब्रा देख रहा था.. ब्रा भी पूरी भीगी हुई थी। तभी वो रोने लगी और बोली ऐसे दाग वाले कपड़े पहनकर वो कैसे बाहर जाएगी? फिर बाहर लोग क्या समझेंगे? तभी प्लान के मुताबिक मैंने उससे कहा कि तुम इसे उतार कर धो डालो और जब तक सूखती नहीं तब तक तुम मेरी एक शर्ट पहन लो।
मेरे पास एक ट्रेवल प्रेस बॉक्स था। तभी मैंने उसे निकाला और फिर बोला कि इससे ही में सुखा देंगे। फिर वो बहुत सोचने के बाद और कोई चारा ना मिलने पर मेरी बात मान गई। फिर मैंने एक शर्ट निकाल कर उसे दिया। मेरी शर्ट का साईज़ उसके लिए बहुत बड़ा था। फिर वो अंदर जाकर अपना टॉप धोने लगी और फिर उसे सुखाने के लिए बाथरूम के दरवाजे पर डाला ब्रा भी खोल दी क्योंकि वो भी पूरी गीली हो गई थी। फिर वो जीन्स और मेरी शर्ट पहन कर बाहर निकली। फिर मैंने जानबूझ कर उसे एक पारदर्शी शर्ट दी थी पहनने के लिए। फिर क्या था जैसे ही वो बाहर निकली में उसे देखता ही रह गया और उसे भी पता चल रहा था कि में क्या देख रहा हूँ। फिर बिना ब्रा के उसके बूब्स बहुत बड़े लग रहे थे और पके हुए आम की तरह लटक रहे थे।
फिर उसके भूरे कलर के निप्पल आराम से बाहर दिखाई दे रहे थे और फिर इधर मेरा लंड अपना सर आसमान में उठा रहा था। तभी ऐसी सेक्सी लड़की देखकर में पागल हो गया और चोदने को बेकरार हो गया। फिर मैंने उसे देखते ही बोला कि तुम बहुत सेक्सी लग रही हो, ऐसे ही पहना करो बहुत मर्द तुम्हारे गुलाम बनकर रहेंगे.. तो वो शरम से नीचे देखने लगी। फिर प्रेस से कपड़े सुखाने के लिए मुझसे कहा। तभी मैंने तुरंत प्रेस निकाली और उसकी टी-शर्ट पर प्रेस करने लगा और फिर कुछ 15 मिनट बाद वो सूख गई। तभी उसे थोड़ी शान्ति मिली लेकिन ब्रा तो अभी तक गीली थी। फिर उसने मुझसे प्रेस मांगी और बोलने लगी.. में खुद करूँगी।
तभी मैंने पूछा ऐसा कौन सा कपड़ा है जो में प्रेस नहीं कर सकता। तभी वो चुप रही और फिर बार बार पूछने पर एक छोटी सी आवाज़ निकली मेरी ब्रा भी गीली हो गई है। तभी में हंसा और वो शरमाई.. तभी मैंने कहा कि शरमाओ मत मुझे दे दो में सुखा दूँगा। ये प्रेस बहुत छोटी है। कहीं तुम्हारे हाथ ना जल जाएँ और फिर हिचकिचाते हुए उसने मुझे ब्रा दे दी और ब्रा का सीधा कफ बिल्कुल गीला था। फिर में ब्रा पकड़ते ही हॉट फील करने लगा और फिर मैंने गौर से देखा तो वो सस्ती ब्रा है। फिर में सोचने लगा कि वो इतनी अच्छे बूब्स की मालकिन इतनी सस्ती ब्रा क्यों पहनेगी। फिर यही सोचते सोचते में उसे सुखाने लगा और फिर मेरा ध्यान भटक गया। तभी गर्म प्रेस मेरी उंगली को छू गई और मेरी उंगली जल गई। तभी मैंने जैसे ही ऊह्ह कहा और ऊँगली जल रही थी तो झटसे उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और वो जली हुई उंगली मुहं में डालकर चूसने लगी। वाह्ह मुझे बहुत अच्छा लगा रहा था। फिर उसकी आँखों में भी मुझे थोड़ी मदहोशी दिखने लगी थी। तभी मैंने उसे एक की जगह दो उंगली दे दी और फिर वो दो उंगली मुहं में लेकर चूसने लगी।
तभी मैंने तुरंत उंगली निकाली और फिर उसे स्मूच करने लगा। पहले तो वो थोड़ा छटपटाई फिर वो भी मेरा साथ देने लगी। ज़ुबान से ज़ुबान मिल गई थी और बड़े मज़े से में कभी उसके होंठो को चूसता तो कभी उसकी जीभ और कभी दोनो होंठो को एक साथ तो कभी एक एक को बारी बारी से। फिर वो भी मस्ती में मेरा साथ दे रही थी। फिर वैसे ही होंठ चूसते चूसते मैंने उसके बूब्स दबाना शुरू किया लेकिन उसने मुझे रोका नहीं क्योंकि तब तक वो पूरी गर्म हो चुकी थी। तभी उसी गर्मी का फ़ायदा उठाते हुए में उसके बूब्स को थोड़ा और ज़ोर से प्रेस करने लगा। वाहह क्या नरम और बड़े बड़े बूब्स थे।
फिर में खुद मदहोशी में था नीचे मेरा छोटू (लंड) फूँकार मार रहा था। फिर अब तक सब कुछ प्लान के मुताबिक चल रहा था और फिर में उसे किस करते हुए उसके बूब्स को दोनों हाथों से दबाने लगा। फिर मैंने उसकी शर्ट के बटन खोलना शुरू किया तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। फिर आँखों ही आँखों में उसने मुझे मना किया लेकिन में कहाँ सुनने वाला था। तभी मैंने थोड़ा ज़ोर लगाया और वो शर्ट फट गयी लेकिन कोई प्राब्लम नहीं थी क्योंकि शर्ट तो मेरी ही थी और फिर मैंने उसे पूरी ही फाड़ डाली।
तभी उसके गोरे-गोरे और बड़े-बड़े बूब्स बाहर निकल आए। फिर वो दोनों बूब्स इस तरह से बाहर आए जैसे कि वो पहले से ही आने को तरस रहे हो और फिर में टाईम ज्यादा खराब ना करते हुये उन बूब्स को चूमने लगा और उसके भूरे निप्पल को चूसने लगा। तभी उसके मुहं से कामुक आवाज निकल रही थी अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह और फिर में मस्ती में बूब्स चूसे जा रहा था। फिर में एक निप्पल को होंठो से चूसता तो दूसरे को एक हाथ से पकड़ कर मसल देता। फिर वो मस्ती में मेरे बाल के ऊपर उंगलियाँ फेर रही थी। तभी मैंने ऊपर देखा तो वो आँख बंद किए हुए मज़े ले रही थी।
फिर मैंने थोड़ा नॉटी बनने के लिए चूसना मसलना बंद कर दिया। तभी उसने आँखे खोली और फिर हमारी नज़रें टकराई वो थोड़ा शरमाकर इशारों में पूछने लगी कि क्या हुआ? रुक क्यों गये? तभी मैंने उससे मज़ाक में कहा कि यहाँ रस तो बहुत है लेकिन दूध नहीं निकल रहा तो वो शरमाते हुए बोली बुद्धू एसे थोड़ी ना दूध निकलता है और उसने मेरा सर फिर से अपने दोनों बूब्स के ऊपर दबा दिया।
में फिर से काम पर लग गया लेकिन चूसते चूसते उसके गोरे बूब्स लाल हो गये थे लेकिन में नहीं थका था। फिर करीब 20 मिनट चूसने के बाद मैंने उसे आज़ाद किया फिर उसे बेड पर लेटा दिया और फिर मैंने जल्दी से उसकी जीन्स खोल दी। नीचे वो ब्लू कलर की पेंटी पहनी हुई थी फिर उसके दोनों पैरो को चूमते चूमते मैंने उसकी चूत तक सारा इलाक़ा चूम चूमकर पूरा लाल कर दिया। वो बस मज़े में आँख बंद करके मजे कर रही थी और फिर मेरे दोनों हाथ उसके बड़े बड़े बूब्स दबा रहे थे और में नीचे से अपने दाँत से उसकी पेंटी उतार रहा था। दोस्तों क्या नज़ारा था गुलाबी चूत और एक भी बाल नहीं एकदम चकनी हाथ रखते ही फिसल जाए।
उसने शायद सुबह ही चूत को साफ किया था मुझसे अब और रहा नहीं गया और फिर में उसकी चूत चाटने लगा वो करहा उठी और फिर अपने दोनों हाथो मेरा सर पकड़ कर और चूत के अंदर तक धकेलने लगी। तभी में समझ गया कि उसे अब मज़ा आ रहा है। फिर चूत की भीनी भीनी खुश्बू का मज़ा लेते हुए में अपनी जीभ उसकी चूत के छेद के अंदर डालकर उसे मज़े देने लगा। फिर क्या था दो मिनट के अंदर ही वो एकदम से पूरी अकड़ गई और फिर उसने पानी छोड़ दिया.. वो झड़ चुकी थी और फिर ढीली पड़ गई और फिर चूत से मेरे सर को हटाने लगी। तभी में उठकर बैठ गया।
फिर वो बिस्तर पर पूरी नंगी पड़ी थी और में अपने पूरे कपड़ों में था। तभी उसने आँख खोली और मुझे देख कर शरमाते हुए थेंक्स बोला। तभी मैंने तुरंत उससे कहा कि मुझे भी तो थेंक्स बोलने का मौका दो.. फिर उसने थोड़ी स्माईल दी और उठकर बैठ गयी। फिर उसने मेरी शर्ट और बनियान निकाल दिए और बेल्ट खोलकर मेरा ट्राउज़र भी निकाल दिया और मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी। तब तक मेरा लंड पूरा का पूरा खड़ा हो चुका था वो अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी तो मैंने खुद ही मेरा अंडरवियर निकाल दिया। तभी मेरा तना हुआ लंड देखकर उसकी आँखों में चमक आ गई और शायद मुहं में पानी भी। तभी उसने तुरंत मेरे लंड को हाथ में लेकर स्किन को ऊपर नीचे करने लगी। तभी वो बोला कि कितना बड़ा है? फिर मैंने उसे कहा कि सिर्फ़ हाथ में रखोगी या कुछ और भी करोगी तभी उसने मेरा इशारा समझते हुए मेरे लंड को मुहं में भर लिया। उसका मुहं एक आग की भट्टी थी।
फिर लंड के टोपे को जीभ से चाटते हुए एक प्रोफेशनल की तरह लंड को चूसने लगी दोस्तों मैंने भी बहुत लड़कियाँ चोदी है अपने अनुभव से में इतना तो बोल सकता हूँ की उसे लंड चूसने का पहले से अनुभव था। तभी मैंने उससे पूछने की सोची फिर सोचा कि क्यों अपने पैरों पर में कुल्हाड़ी मारुँ और वो बुरा मान गयी तो। फिर वो इतने मज़े लेकर चूस रही थी कि मेरा वीर्य बस निकल ही जाता लेकिन में इतनी आसानी से उसे जीतने नहीं दे सकता था। तभी मैंने उसके मुहं से लंड बाहर खींच लिया वो समझ गयी कि मैंने क्यों खींचा। फिर उसने कहा कि डरो मत आगे भी सब कुछ मिलेगा। बस कुछ देर और चूसने दो.. मुझे तुम्हारा वीर्य टेस्ट करना है। इसका मतलब साफ था कि उसे चूसने की आदत थी। फिर मेरी तो लॉटरी लग गयी। मैंने फिर उसके मुहं में अपना लंड डाला और फिर वो जोर जोर से चूसने लगी। मेरा वीर्य छूटने वाला था तो मैंने उसे बताया कि में झड़ने वाला हूँ। तभी उसने और जोर से चूसा और एक गर्मागरम वीर्य की धार मेरे लंड से निकल कर उसके मुहं में पूरा भर गई। तभी वो सोच भी नहीं पा रही थी की इतना सारा वीर्य निकलेगा फिर उसने ट्राई करते हुए सारा वीर्य पी लिया लेकिन कुछ फिर भी उसके मुहं से नीचे गिर रहा था जिसे वो बाद में हाथ से चाट चाटकर खा गयी। तभी उसकी चाटने के प्रति रूचि देखकर मेरे मुहं से निकल गया लगता है शायद तुम बहुत दिनों भूखी थी? तभी वो हंसी और बोली कि उसका एक बॉयफ्रेंड है लेकिन उसका लंड ना ही इतना बड़ा है और ना ही इतना सारा वीर्य वो निकालता है। तभी इससे साफ जाहिर था कि उसे पहले से लंड चूसने का अनुभव था।
मैंने फिर पूछा मेरा वाला लंड पसंद आया क्या? तभी वो शरमा नहीं रही थी.. वो बहुत खुल चुकी थी। वो बोली हाँ पसंद आया। फिर हम लोगों ने किस करना शुरू किया और मैंने फिर से उसकी चूत को चाटा और फिर से उसे गरम किया। उसने फिर से मेरा लंड चूस चूसकर खड़ा किया फिर बोली अब आओ चढ़ जाओ मेरे ऊपर और क़िला फ़तह करो। समझदार को इशारा काफ़ी होता है। फिर में उसके ऊपर चढ़ कर क़िले का दरवाजा ढूंढने लगा तो उसने खुद मेरा लंड अपने क़िले के दरवाजे पर रख दिया।
फिर मुझे बस एक क़िला फ़तह करना था फिर जैसे ही मैंने पहला शॉट मारा तो उसने मुझे जकड़ लिया और बोली देखो तुम्हारा लंड मेरे बॉयफ्रेंड से बहुत बड़ा है। प्लीज थोड़ा आराम से डालना.. कहीं मेरी चूत फट ना जाए। तभी मैंने कहा कि डार्लिंग तुम बेकार में डर रही हो.. थोड़ा सब्र करो फिर में तुम्हे जन्नत का मज़ा दूँगा। तभी उसने स्माईल किया लेकिन उसकी आँखों में थोड़ा सा डर और परेशानी दिख रही थी। दोस्तों जब अपना लंड ज़िंदाबाद तो चुदा हुआ भोसड़ा भी कुवांरी चूत वाले मज़े देता है।
फिर मैंने पहले धीरे से एक शॉट मारा ताकि सिर्फ़ सुपाड़ा अंदर जाए इतने में ही वो सिसकियाँ लेने लगी और इसस्स आअहह की आवाज़ करने लगी। शायद उसने ये समझ लिया कि क़िला फ़तह हो गया लेकिन उसे मेरे लंड की ताकत का पता नहीं था। में वहीं सुपाड़ा डालकर उसकी चूत को और थोड़ा नरम करने लगा। धीरे धीरे थोड़ा थोड़ा अंदर बाहर करने लगा। दोस्तों एक बात है कि चूत का सिर्फ़ ऊपरी हिस्सा गीला होता है अंदर तो टाईट ही होती है और लड़की को अच्छे से गरम ना किया जाए तो उसे बहुत तकलीफ़ भी होती है। फिर मैंने अचानक एक ऐसा करारा झटका मारा कि मेरा लंड उसकी चूत की दीवार को चीरता हुआ सीधे जाकर बच्चेदानी पर टकराया। तभी वो चिल्ला उठी फिर मैंने एक हाथ से उसका मुहं बंद कर दिया और उसकी आखें फटी की फटी रह गयी। उसने मुझे छोड़कर अब बिस्तर की चादर को भींच लिया था। फिर में उसके ऊपर था तो वो उठ भी नहीं पाई और दर्द सह भी नहीं पाई.. आँखों से आंसू निकलने लगे उसकी हालत देख कर मुझे और जोश आ गया और फिर मैंने भी बड़ी बेहरमी से उसे और जोरदार ढक दिए। उसकी तो हालत पतली हो गई.. वो दर्द से करहा रही थी। लेकिन में कहाँ सुनने वाला था बस उसे जबरदस्ती से चोदने लगा। ऐसा चोदा.. ऐसा चोदा कि साला मेरा लंड ही जलने लगा.. अभी तक उसकी चूत सूखी थी और लंड की रगड़ जलन पैदा कर रही थी। आह्ह्ह करके करहा रही थी और लंड बाहर निकालने के लिए मन्नतें कर रही थी।
फिर में थोड़ी देर शांत हुआ और उसे किस करने लगा उसके बूब्स चूसने लगा। नीचे हाथ ले जाकर उसकी चूत को सहलाने लगा। तभी थोड़ी देर बाद उसकी चूत थोड़ा थोड़ा पानी छोड़ने लगी तब जाकर वो जलन कम हुई। अब उसकी आँखों में दर्द की जगह खुमारी छाने लगी और मदहोशी आने लगी। फिर मैंने कहा कि अगर इतना दर्द हो रहा है तो में निकाल लेता हूँ। मुझसे तुम्हारा यह दर्द अब देखा नहीं जाता। तभी वो बोली जब मन्नते करके बोल रही थी दर्द हो रहा है तो आपने कुछ सुना नहीं और अब मज़ा आ रहा है तो निकालने की बात कर रहे हो.. प्लीज़ मत निकालो और वैसे ही चोदो मुझे। प्लीज़ चोदो मुझे.. प्लीज़ प्लीज़.. रहा नहीं जा रहा है.. ऐसी चुदाई मेरी कभी नहीं हुई और तुम मस्त चोद रहे हो.. लगातार करो प्लीज़ मुझे आधे रास्ते पर मत छोड़ो.. चोदो मुझे.. वो पागल हुए जा रही थी और जब कोई लड़की इतनी रिक्वेस्ट कर रही है तो एक अच्छे इन्सान का फ़र्ज़ बनता है कि उसे चोदा जाए।
फिर शुरू हुई हमारी क़िला फ़तह वाली लड़ाई.. कभी में ऊपर तो कभी वो ऊपर.. कभी डॉगी स्टाईल तो कभी बेड पर तो कभी खड़े खड़े। फिर में पहले एक बार उसके मुहं में झड़ चुका था तो मुझे झड़ने में अभी टाईम था और मानना पड़ेगा उस लड़की को जो मेरा भरपूर साथ दे रही थी। तभी इस बीच वो शायद 3 बार झड़ चुकी थी। वो जब भी झड़ जाती थी तो लंड को चूत से बाहर निकाल लेती क्योंकि झड़ी हुई चूत तुरंत लंड नहीं ले पाएगी लेकिन वो चुप नहीं बैठती थी। फिर हम 69 पोज़िशन में आ गये। उसने मेरा लंड चूस चूस कर उसका कड़कपन बनाए रखा और में उसकी चूत चाटकर उसे फिर से गरम करता। फिर ऐसे करते करते मुझे भी थोड़ा सा ब्रेक मिल जाता और फिर से हमारी चुदाई शुरू हो जाती। वो तो मेरी पावर का मजाक ही बन गयी अब तो उसने ठान ही लिया कि इस बार मेरा वीर्य निकाल कर ही रहेगी।
तभी वो मेरे लंड पर चढ़ गयी और खुद ऊपर नीचे होते हुए मेरे लंड से अपनी चूत चोदने लगी। दोस्तों इतनी खूबसूरत लड़की खुद अगर अपने आपको चोदने लगे तो आप ज़्यादा देर ठहर नहीं सकते और में भी एक लंबा आआअहह करते हुए उसकी चूत के अंदर ही झड़ गया। तभी उसी टाईम पर वो भी झड़ गई थी फिर वो मेरे ऊपर लेट गयी और में उसे साईड करके हाँफने लगा। दोनों ही एक दूसरे को देखते हुए हांफ रहे थे.. मज़ा आ गया था। तभी उसने मेरे माथे पर चूमा और थेंक्स कहा। फिर मैंने उसे आग्रह किया कि वो उस रात वहीं रुक जाए। तभी वो मान गयी और हम रात भर चुदाई करने के नये नये हथकंडे करने लगे। फिर उसके हिसाब से उसके बॉयफ्रेंड से में लगभग 10 गुना ज्यादा मजबूत था। फिर उसने अगले दिन छुट्टी लेकर घर पर आराम किया, क्योंकि उस रात पूरे 14 घंटे चुदने के बाद कोई अगले दिन काम नहीं कर पाएगा। फिर में भी अगले दिन अपनी फ्लाईट पकड़ कर बेंगलोर वापस आ गया और फिर हम दोनों फोन पर बात करते है। फिर जब भी में पुणे जाता हूँ तो उसी होटल में रुकता हूँ और हम दोनों की सेक्स की कहानी फिर चालू हो जाती है लेकिन अब शायद वो शादी करने वाली है वही उसी बॉयफ्रेंड से क्योंकि उसका बॉयफ्रेंड उसे बहुत ज़्यादा प्यार करता है। ये भी उससे बहुत प्यार करती है और भगवान करे वो शादी करके खुशी खुशी रहे ।।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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