Tuesday, March 3, 2015

FUN-MAZA-MASTI फागुन के दिन चार--140

FUN-MAZA-MASTI

   फागुन के दिन चार--140


 ८-१० मिनट बाद रंजी उठी तो देखा , दिया अपने टैब से चिपकी थी।

' हे क्या कर रही है , फेसबुक पे स्टेटस अपडेट किया की नहीं अभी ' रंजी ने टोका।

' वही कर रही थी , " मुड़कर खिलखिलाते हुए दिया ने कहा। और पुछा " और तूने " दिया ने भी सवाल दागा।

" कब का , " अपने मोबाईल को दिखाते हुए रंजी बोली , "और साथ में चार ट्वीट भी कर चुकी हूँ बस अभी व्हाट्सऐप पे मेसेज और फोटो शेयर करने जा रही हूँ।

गुड्डी ने जिया से पूछा , " हे तेरी फेसबुक आईडी क्या है , और व्हाट्सऐप "


मालूम तीनो को था की जिया एकदम सोशल नेट्वर्किंग के खिलाफ थी और उसे लगता था इससे लड़के पीछे पड़ जाते हैं। लेकिन चिढ़ाने का मौका कौन लड़की छोड़ती है।

और अब रंजी ने जिया का साथ दिया।

उस ने जिया को बाँहों में भर के भींचते हुए कहा ,

" मेरी सहेली तुम लोगों की तरह नहीं है की दर्जनो फेसबुक अकाउंट हो। "

" दर्जनों किसके , मेरे तो सिर्फ सात हैं " दिया ने मुंह बना के कहा और सब खिलखिला के हंस पड़े।

" मुझसे एक ज्यादा " गुड्डी बोली। और सब लड़कियां दुबारा हंसने लगी।

" मेरे सिर्फ चार हैं लेकिन तुम तो चारों पे हो " रंजी ने गुड्डी से कहा और पांचो व्हाट्सऐप ग्रुुप पे भी।


रंजी का एक अकाउंट घरेलु किस्म का था फेसबुक का जिसमे सिर्फ उसकीसारी कजिन्स और कुछ क्लोज फ्रेंड्स थीं , आल गर्ल्स ग्रूप। और उसी का एक व्हाट्स ऐप ग्रूप भी था. दूसरे में सहेलियां , स्कूल के लड़के थे। और बाकि दो सिर्फ मस्ती।


गुड्डी जिया के पीछे पड़ गयी गयी थी , " अरे यार एकाध तो होगा न , आजकल लड़कियों के झांटे तो आती नही ब्वॉय फ्रेंड पहले आ जाते हैं। मैं मान नहीं सकती फेसबुक अकाउंट नहीं होगा। हाँ न बताना हो हो तो अलग बात है। '

बिचारी जिया उसके समझ में कुछ नहीं आ रहा था , क्या बोले क्या करे।

रंजी ने उसके मुंह पे एक प्यार भरी किस्सी ली और मुस्करा के कहा ," मेरी जिया बड़ी स्पेशल है। हर काम मुहूर्त पर करती है। उसका फेसबुक , व्हाट्सऐप सबका मुहूर्त आज है। ला अपना फोन दे ना , खोलती हूँ आज तेरा , "

जिया बोलती रही , नहीं मेरा अकाउंट ,… मेरा मतलब ,…

वह समझ नहीं पा रही थी , कैसे बोले उसे नहीं खुलवाना और उसे आता भी नहीं ये सब।

तबतक गुड्डी फिर टपक पड़ी , ' अच्छा नीचे वाली गली के अकाउंट खुलवाने का मुहूर्त कब आएगा '

रंजी ने अपना लैपटॉप खोल रखा था और जिया के मोबाइल से सारे नंबर ट्रांसफर कर रही थी। बिना मुंह उठाये वो बोली ,

" आएगा बहोत जल्द आएगा , और पहले मैच में सेंचुरी बनाएगी मेरी सहेली "

जिया ने फिर कुछ बोलने की कोशिश की , तो रंजी ने उसका मुंह बंद करा दिया ,

" अरे मेरी नानी मैं खोल रही रही हूँ न तेरा, क्यों उकता रही है "

पहला काम रंजी ने ये किया की जिया के चार नए मेल आई डी बनाये। जी मेल , याहू ,री डिफ , सब अलग अलग। और चारों का पासवर्ड एक ही रखा , जो उसने खुद , दिया गुड्डी को मेल कर दिया। फिर उसने आराम से जिया की चुन कर फेसबुक आई डी बनायी , जिसमें उसका पूरा पता , स्कूल , बर्थडे और यहाँ तक की मोबाइल फोन भी सब पब्लिक इंफोर्मेशन में रखा। अबाउट यू , में उसने भरा , मजे देना मजे लेना , और एकदम खुलकर। इसी तरह बाकी चीजें भी उसने इस तरह भरीं की देखने वाले को लगे की कुड़ी पट सकती है , और हाट है।

'फोटो कौन सी डालूँ ' आँख नचा कर उसने पूछा।

" नहीं नहीं कोई नहीं , वैसे भी मेरे पास कोई फोटो नहीं है अभी " जिया घबड़ा कर बोली।

" अरे बच्ची , घबड़ा मत मेरे पास है और मैंने डाल भी दी है। " रंजी प्रोफाइल कम्प्लीट करती बोली।

उसने जो फोटुएं अभी खींची थी उसमें से एक , ब्रा लेस जिया की फोटो को थोड़ा और फोटो शाप कर के एकदम हाट बना के पोस्ट कर दी थी। दिया साथ साथ देख रही थी।

और रंजी ने सेंड कर दिया।

मिनट भर में जिया के फोन पे कन्फर्मेशन के लिए मेसेज वाला कोड आया।

इसी लिए रंजी ने जिया का फोन अपने कब्जे में कर लिया था। और वो कोड जिया के अकाउंट में रंजी ने भर दिया। बस अब अकाउंट पक्का हो गया था।

वो नंबर जिया के नाम ही रजिस्टर्ड था , इसलिए अब ये फेसबुक अकाउंट पक्का था। और सबसे बड़ी बात थी , पासवर्ड बहुत ही कम्प्लीकेटेड रंजी ने भरा था बताने वाली नहीं थीं। इसलिए अब उस अकाउंट में जिया कुछ डाल सकती थी , लेकिन निकालना मुश्किल था।


" अरे एक फोटो से क्या होगा दोचार डालों ना " दिया और गुड्डी ने चढ़ाया।

बस अब एकाउंट खुल गया है न अभी देखो " रंजी बोली , और फिर आलमोस्ट टॉपलेस जो फोटो थीं वो भी प्रोफाइल में डाल दी.

साथ साथ रंजी और दिया ने अपना मोबाइल फोन और टैब पे अपने फेसबुक अकाउंट खोल लिए और जितने लड़के और स्कूल की सहेलियां थी सबको जिया का फेसबुक का लिंक भेज दिया और जो थोड़े 'मस्त ' लड़के थे उनको ये भी मेसेज दे दिए की वो फ्रेंड्स को भी बोलें रिक्वेस्ट भेजने के लिए।

रंजीके रीत ने बनारस में जो १२ यार तय किये थे , उनके पास भी जिया का एकाउंट भेज दिया।

लेकिन खेल अभी शुरू हुआ था। 'मस्त देसी माल ' ' लंड की दीवानी ' ऐसे जो ग्रूप थे , रंजी ने न सिर्फ जिया की गरमागरम फोटुएं भेजीं बल्कि उत्तेजक कमेंट भी पोस्ट किये।


फिर फेसबुक छोड़ कर जिया का व्हाट्सऐप एकाउंट बनाने पे जुटी।

उसके साथ उसने दो चार एडल्ट चैट ग्रुप्स में , जो उसने नए मेल अकाउंट बनाये थे , उसमें न सिर्फ अकाउंट खोले जिया के बल्कि चाट रूम्स में जाके जिया बन के गर्म गर्म बातें की और अपना ( जिया का ) फेसबुक अकाउंट दे दिया। साथ साथ दिया भी अपने सातों अकाउंट में जिया के फोटो पोस्ट कर दी।

जिया के मोबाइल पर कयी साइट्स से कनफर्मेशन कोड अाये जिसे रंजी साइट्स में भर दिया। एक प्रोफाइल पिक्चर , मोबाइल नंबर और कोड का मेल और फोन कन्फर्मेंशन , बस सारी साइट्स ने मेम्बरशिप कन्फर्म कर दी। 


१४२ रिक्वेस्ट्स , ४०० लाइक्स , जिया फेसबुक पर




और जब रंजी ने दुबारा फेसबुक की और रुख किया , उम्मीद से दूना था वहां। 142 रिक्वेस्ट्स और उसमें 40 तो उसके कालेज से , कम से कम २५ सबसे ज्यादा छैले टाइप लड़के और बाकी लड़कियां। रिक्वेस्ट्स आती जा रही थीं। दिया ने अपने फोन से उसके भाई के जितने दोस्त थे सबके नंबर जिया के फोन पे पहले ट्रांसफर किये और फिर जिया के फोन से ही एक ग्रुप मेसेज किया , जस्ट ओपेन्ड माय फेसबुक पेज , डू ज्वाइन , प्लिज्ज्ज्ज्ज्ज्ज। और साथ में नए खुले व्हाट्सऐप से भी , दिस इज माई व्हाट्सऐप नंबर , आओ न। १४ लोग बनारस के थे , रंजी की लिस्ट वाले।

रंजी ने आँख मूँद के न सिर्फ कन्फर्म किया , बल्कि सबके पेज पे जा के किस और लव की स्माइली के साथ अपनी ( जिया की ) एक हाट फोटो भी पोस्ट कर दी।

यही नहीं उसने स्टेटस में बड़े हाट कमेंट्स पोस्ट किये , खुल गया खुल गया , मेरा अकाउंट , आप भी आओ ना। वेट एंड वेटिंग।

नतीजा साफ था , थोड़ी देर में फ्रेंड्स लिस्ट 170 पार कर गयी।

जिया बिचारी उत्सुक थी जानने को की ये दोनों शैतान क्या कर रही है।

और जब जिया ने अपना अकाउंट देखा तो उसकी फट के हाथ में आ गयी।

फोटुएं तो उसी की थीं लेकिन , दो में तो टॉप से निपल साफ झलक रहे थे।

उस के कुछ बोलने के पहले रंजी समझाया , अरे यार पब्लिसिटी के लिए करना पड़ता है , देखो तुम जानती थी किसी को इसमें , लेकिन १८० दोस्त बन गए हैं तेरे। अकाउंट खोलने आधे घंटे के अंदर , इतनी रिक्वेस्ट्स , ये फेस बुक पे रिकार्ड होगा , कम से कम हमारे कालेज के किसी भी लड़की के लिए तो रिकार्ड है ही। सब साल्लियों की सुलग जायेगी। अब किसी की हिम्मत नहीं है , जो तुम्हे बहन जी कहे। '


रंजी की बात सुन के कुछ जिया का मन ठंडा हुआ लेकिन उन फोटुओं को लेकर अभी थोड़ी चिंतित थी।
दिया ने उसकी आग और सुलगाई।

"ये फोटुएं नहीं पसंद है , तो ये डाल दूँ। " दिया ने अपने टैब में से उसे , उसकी टॉपलेस फोटुएं दिखाई , जब उसके कच्चे टिकोरों को रंजी और दिया कस कस के मसल रहे थे, जब दिया उसके होंठों को चूस रही थी।

" क्यों बिचारी को चिढ़ा रही हो , चल अभी सुबह तुम्हे दिखा के सारी ये फोटुएं डिलीट कर देंगे। तुम्हारे सामने , और फेसबुक पे २४ घंटे अकाउंट खोलने के डिलीट नहीं करसकते तो कल शाम को मैं सब चेंज कर दूंगी। देख इन फोटो पर लाइक कितनी आ रही है। " रंजी ने उसे समझाया।

बात सही थी। एक एक फोटो पर ४०-४५ लाइक्स आ चुकी थीं , और २० -२५ हाट कॉमेंट्स भी।

८ फ्रेंड्स रिक्वेस्ट और आ गयी थीं और जिया को दिखा के रंजी ने सब पे कन्फर्म कर दिया।


तब तक घंटी बजी , और गुड्डी जा कर पिज्जा के पैकेट ले आई।

साथ में कोक भी।

रंजी जिया को व्हाट्सऐप के एप्लीकेशन समझा रही थी।

और रंजी ने गुड्डी की ओर देखा तो गुड्डी ने जबरदस्त आँख मारी।

रंजी के चेहरे पै ४४० वाट की मुस्कान छा गयी और उसने व्हाट्सऐप समझाते समझाते पिज्जा का एक टुकड़ा जिया के मुंह में डाल दिया।

बिना ध्यान दिए जिया ने गप्प से घोंट लिया।

रंजी और गुड्डी दोनों ने मुश्किल से मुस्कराहट छिपायी।

पिज्जा खाते खाते बात होली की शुरू हो गयी।


और गुड्डी ने दिया से पुछा , " होली कैसी रही "


फ्लैश बैक , थोड़ा सा


और गुड्डी ने दिया से पुछा , " होली कैसी रही "

" जबरदस्त , हैट ट्रिक हुयी " हँसते हुए दिया बोली।


" पहले भैया के दोस्त आ गए थे , वहां होली का खाता खुला। फिर एक सहेली के यहाँ गयी वहां उसके भाई ने पहले पिचकारी पकड़ाई , फिर घोंटाई। और लौटते हुए भाभियों ने पकड़ लिया ,मुहल्ले की, खूब रगड़ाई हुयी , और भाभी के हसबैंड ने वहीँ , भौजाई के सामने ही निहुरा कर भांग के नशे में ठोंक दिया। '

" भाभी के हसबैंड , या भैया " हँसते हुए जिया ने टोका।

और हम सब हंसने लगे।

तब तक दिया ने यू ट्यूब खोल दिया था , जिसमें उसकी , उसके भाई के दोस्तों के साथ हुयी होली की वीडियो थी। 'सब कुछ ' दिखता था।


दिया के भाई के दो दोस्तों ने एक साथ दबोच रखा था , तब तक तीसरें ने एक बाल्टी रंग सीधे उसकी कुर्ती पे डाला। वो उसके उभारों से चिपक गया था। पहले तो दोनों ऊपर से जोबन दबाते रहे , फिर एक ने चरचराकर कुर्ती फाड़ दी। अब ब्रा का स्ट्रैप साफ दिख रहा था।

कुछ देर साफ कुछ नहीं दिखा ,

फिर एक लड़के का हाथ उसकी फटी कुर्ती के अंदर दिया के बड़े बड़े उभार दाबते दिख रहा था। और एक ने उसकी पजामी के अंदर हाथ डाल रखा था। अगले सीन में कुर्ती सामने से फटी थी, और दोनों जोबन लड़कों के हाथ में थे।

फेसबुक पे और साफ है , दिया बोली और अपना फेसबुक पेज खोल दिया।

उसमे दो लड़के उसके उभार दबा रहे थे।

एक में वो निहरी हुयी थी और पीछे से कोई लगा रहा था।

दर्जनो फोटो और ५-६ में वो टॉपलेस


गुड्डी ने जिया के कान में कहा , तू बेकार में शर्मा रही थी। दिया की देख और सीख।


फिर गुड्डी ने अपना होली का हाल बताना शुरू किया , और साथ में वो टैब पर फोटो और वीडियो भी दिखा रही थी।


जिया का मुंह खुला का खुला रह गया , जब गुड्डी ने बताया की कैसे रंजी के कजिन को उसकी भौजाइयों ने पहले तो कपडे फाड़ दिए और फिर कैसे जबरदस्ती , उन्हें उनकी एक राखी बाँधने वाली बहन के साथ ,

जिया बोली , " नहीं मैं नहीं मान सकती " तो हंस के गुड्डी ने टैब में से वो फोटो दिखाई जो मोहल्ले की भाभियों ने खींची थी।

उस फोटो में मिश्रायिन भाभी मंजू के साथ मिलकर ' दी ' की फिस्टिंग कर रही थी। फोटो बहुत साफ नहीं थी , लेकिन ये अंदाज लगाना मुश्किल नहीं था की क्या हो रहा है।

गुड्डी ने फिर दी का फेसबुक पेज भी खोल कर उन लोगों की कपड़ा फाड़ होली की फोटुएदिखायीं।



कई में दी की आलमोस्ट टॉपलेस फोटुएं थीं , जिनमें उनके भरे भरे उरोजों पर कई कोट रंग लगा हुआ था। दो चार फोटुओं में वो गुड्डी के साथ भी थीं , गुड्डी का टॉप फाड़ती , उसकी जाँघों के बीच रंग लगाती , मसलतीं।

" तुम किसकी ओर थी , भौजाइयों की ओर या ननदों की ओर " जिया ने बड़े भोलेपन से पूछा।

" अरे यार हमारे भाई से चुदवायेगी , तो हमारी क्या पूरे शहर की भौजाई ही होगी न "

गुड्डी के गाल शरारत से पिंच करते हुए रंजी बोली।

" और तुम सब हमारी ननद हुयी , लेकिन बच के रहना , मैं ननदो की फड़वा के रहती हूँ और वो भी उनके भाइयों से। मैं मजे लूँ , और वो भूखी रहे बड़ी नाइंसाफी होगी न , और नजर अलग लगाएंगी सब नदीदी। "

जिया के अधखुले टिकोरों को दबाती मसलती , उसे चिढ़ाते हुए गुड्डी बोली।

फिर गुड्डी ने एक और फेसबुक पेज दिखाया , वही' समोसे वाली' का , उम्र में जिया से ६-७ महीने छोटी ही रही होगी। उसके पेज पर भी उसकी और गुड्डी की होली फोटुएं थीं , लेकिन जिया की फट के रह गयी जब गुड्डी ने टैब में होली की पूरी ७- ८ मिनट का वीडियो दिखाया।

पहले वो बहुत चहक रही थी और उस के साथ ढेर सार कच्ची कलियाँ वाली ननदे थीं , भौजाइयों को चिढ़ा रही थीं , गन्दी गन्दी गालियां दे रही।

" भौजी हमारी आज चुदेंगी , सारी रात चुदेंगी , बिना नागा चुदेंगी। "

रीतू भाभी बिचारी उस समय आनंद , रंजी के कजिन के नीचे दबी लौंडे का धक्का खा रही थीं।

जवाब गुड्डी ने दिया , ' समोसे वाली ' को पीछे से दबोच कर।

" छिनरो , अरे भौजाइयां तो आती ही है अपने मायके से तुम्हारे यहां तेरे भाई से चुदवाने , शादी कर के। लेकिन सालियों , तुम क्यों ललचा रही हो। चल होली के पहले अपने सैयां और देवरों से चुदवाउंगी। और फिर अपने भाइयों से। और उस से भी तेरे चूत की आग न बुझे न तो साल्ली तुझे कालीन गंज में कोठे पेबिठा दूंगी ,रात भर चुदेगी और पैसा अलग। "

एक झटके में उसका टॉप जमीन पर था और गुड्डी उसके टिकोरे जोर जोर से दबा रही थी।


जिया , दिया ध्यान से देख रही थीं की कैसे गुड्डी के मसलने से उस 'छुटकी ननदिया ' के कच्चे टिकोरे एकदम पथरा गए थे , मस्ती से।




और फिर गुड्डी जोर जोर से उसके निपल खींच रही थी , पिंच कर रही थी। वो 'समोसे वाली ' कभी मारे दर्द के कराहती , तो कभी सिसक उठती मजे से। अचानक गुड्डी झुकी और उसने उस उठती जवानी के निपल मुंह में ले के चबा लिए और वो जोर से चीखी।

अब बारी चारो और से उसे घेर कर खड़ी भौजाइयों के हंसने और छेड़ने की थी। रंगो और गालियों की बारिश साथ साथ हो रही थी।

गुड्डी ने चीखने की परवाह नहीं की और एक हाथ उसकी जांघो के बीच में डाल के रगड़ना शुरू किया और तब तक एक और भाभी मैदान में आगयी और उस 'समोसे वाली ' को बॉटमलेस भी कर दिया सिर्फ छोटी सी पैंटी के।

और अब रीतू भाभी भी मैदान में आगयी थी , और एक झटके में उन्होंने उसकी पैंटी फाड़ दी और गुड्डी उसे उंगली में ले के झंडे की तरह लहराने लगी ,

" कौन चोदेगा , इस कच्ची कली को। चूत के साथ गांड फ्री। इसको चोदो , साथ में मेरी दो और ननदें फ्री , ले लो ले लो " गुड्डी जोर जोर से बोल रही थी।

" अरे और कौन चोदेगा , इसका भंडुवा भाई चोदेगा , हमारी सब ननदें भाईचोदी होती है। " सब भौजाइयों ने एक साथ आवाज लगाई।


दिया जिया और रंजी , टैब में गुड्डी की होली देख रही थीं। देख देख कर सबकी , ख़ास तौर पर जिया को मस्ती चढ़ रही थी।

लेकिन उसके बाद जो हुआ वो देख के तो जिया की फट के हाथ में आ गयी। लेकिन निगाह उसकी टैब पर ही चिपकी रही।


रीतू भाभी ने उस छुटकी ननदिया को पटक दिया था और वो उसके ऊपर आगयी थीं। कुछ देर तक तो जबरदस्त उन्होंने अपनी चूत से उसकी चूत पर घिस्से दिए। गुड्डी उस समय उसकी चूंचियां रगड़ने में लगी थी , फिर रीतू भाभी उसके ऊपर आ गयी।

गुड्डी ने जोर से उस कच्ची किशोरी के दोनों हाथ जबरदस्त पकड़ रखे थे। एक इंच हिल नहीं सकती थी वो।

रीतू भाभी ने जोर जोर से उसके मुंह पर अपनी चूत रगड़नी शुरू की , और फिर सरक कर अपने भारी भारी चूतड़ उसके मुंह पे


" चाट साली गांड चाट " जोर से बोलीं वो।

उस ननद ने जोर से अपने होंठ भींच रखे थे , लेकिन बनारस की सीखी पढ़ी गुड्डी के आगे , … गुड्डी ने जोर से उसके नथुने भींचे , सांस बंद की और दूसरे हाथ से निपल नोच लिया।

जोर से चीखी वो।

रीतू भाभी को मौका मिल गया था , और हलके से उन्होंने अपने चूतड़ उपर उठाये , दोनों हाथों से अपनी गांड का छेद फैलाया और सीधे , अपनी छुटकी ननद का मुंह सील कर दिया।

गुड्डी अभी भी उसके नथुने पिंच किये हुए थी।

" छिनार जोर जोर से गांड के अंदर जीभ डॉल के चूस , चाट , एक पल के लिए रुकी न तो फिर सांस रोक दूंगी " गुड्डी समोसे वाली के कान में बोली।


दिया कभी टैब में देखती तो कभी तारीफ से गुड्डी को। है ये एकदम पक्की।

जिया की निगाह टैब से हट नहीं रही थी।

और फिर रीतू भाभी की बुर अब अपनी ननद के खुले मुंह पर थी ,

और अब जो हुआ , वो दिया भी नहीं सोच सकती थी ,

घल घल ,… घल घल , पूरे एक मिनट तक ,

सुनहली शराब , रीतू भाभी से सीधे ननद के मुंह के अंदर , थोड़ी चेहरे पर भी।

जब फ़िल्म बंद हुयी तो भी सब लडकियां टैब पे देख रही थीं।

"यू ट्यूब पे तो इसे पोस्ट नहीं सकती थी , हाँ रेड ट्यूब , एक्स एक्स एक्स ट्यूब ऐसे पांच चैनेल पे इसे पोस्ट कर दिया है और हाँ अपनी छुटकी ननद के फेसबुक साइट पे इसका लिंक भी पोस्ट कर दिया है।

बस और अब तक ७८ लाइक्स कर चुके हैं। " मुस्कारती हुयी टैब बंद करती गुड्डी बोली।


" देख देख साली , तू फालतू में शर्मा रही थी। कैसी हॉट हॉट फोटो गुड्डी की छुटकी ननदिया की साइट पर पोस्ट हैं। अरे साल्ले लड़के तो फेसबुक पे पहले यही देखते हैं , कौन माल कितना हाट है , फिर लाइन मारते हैं . "

रंजी ने जिया के गाल पे चुटकी काट के कहा।


गुड्डी तो हमेशा से रंजी से एक हाथ आगे थी। उसने टॉप उठा के जिया के कच्चे टिकोरों को सहलाया और रंजी से बोली ,

" अरे तू क्या समझती है , ये भी मेरी छुटकी ननदिया ही है , और सुबह तक इसकी फेसबुक पेज पूरे शहर के लौंडियों में सबसे हाट होगी। जी जी आई सी ( गर्वमेंट गर्ल्स इंटर कालेज , जहाँ जिया , रंजी और दिया पढ़ती थी )से लेकर कालीन गंज तक लाइन लगी होगी लौंडो की। "
 









No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator