FUN-MAZA-MASTI
फागुन के दिन चार--157
वास्तव में मस्त थी। मान गया मैं दिया को।
दोनों के चेहरे साफ थे।
दिया का मुंह पूरी तरह खुला था , जीभ बाहर निकली थी , उसके भाई के खुले सुपाड़े से आधे इंच दूर रही होगी। कुछ मलाई उसकी जीभ पे रही होगी और कुछ उसके भाई के मोटे सुपाड़े से निकल रही थी।
बहुत ही हाई रिजोल्यूशन की पिक्चर थी।
अगली भी एक सेल्फी थी , दिया अपने भाई का सुपाड़ा मुंह में ले के चुभला रही थी।
रंजी ने लाइक पहले किया देखा बाद में।
फिर कुछ देर तक ध्यान से उसे देखती रही और उसका हाथ शार्ट के ऊपर से मेरे आधे सोये आधे जागे जंगबहादुर के ऊपर पहुँच गया और प्यार से वो उसे हलके हलके दबाने लगी।
एक बार फिर उसने दिया के भाई के औजार को देखा और मुस्कराकर , मुझसे और गुड्डी से बोली ,
मेरा वाला २० है और जोर से शार्ट के ऊपर से उसे दबा दिया।
हंस के गुड्डी ने कहा , " और उसका ," इशारा दिया के भाई की ओर था।
" १८ या १७ " खिलखिला के रंजी बोली और मेरे लिंग को जोर जोर से शॉर्ट के ऊपर से रगड़ने लगी।
ये रंजी का अनुराग था या जिस तरह से थोड़ी देर पहले जंगबहादुर ने हचक के उनकी रगड़ाई की थी , उसका नतीजा।
लेकिन मेरे अंदाज से उसका अंदाज गलत था।
दिया के भाई का मूसल भी जबरदस्त था।
लम्बाई में मेरे से थोड़ा ही कम लेकिन औसत से काफी ज्यादा।
साढ़े सात इंच -आठ इंच के बीच रहा होगा।
हाँ मोटाई में मुझसे काफी कम था लेकिन तब भी सवा दो ढाई इंच तो रहा ही होगा।
" साल्ली दिया अपने भाई के औजार की बड़ी तारीफ करती थी ,एक बार मेरे भैया का अंदर लेगी तो रात भर परपराती फिरेगी। "
रंजी की निगाहें मेरी ओर थीं , प्रशंशा और प्यार से भरी।
और अब वो खुल के शार्ट के ऊपर से मेरा लंड मुठिया रही थी।
गुड्डी ने ताना मारा " हे इतना पसंद है तो अंदर हाथ डाल ले लंड पकड़ न क्या बाहर से झिझक झिझक के न तुझे मजा आएगा न तेरे भैया को कुछ दिया से सीख । "
चल तू भी क्या सोचेगी के अंदाज में रंजी ने सीधे मेरे शार्ट में हाथ डाला और अकुलाते , पगलाते जंगबहादुर सीधे उसकी मुट्ठी में।
कुँवारी किशोरी की मुट्ठी में जाने से जो हाल होता हो , वही उनका हुआ।
फूल कर कुप्पा।
सीधे अपने ९इञ्च लम्बे वाले रूप में आ गए।
और फूल कर रंजी भी कुप्पा हो गयी।
आखिर 'उसका वाला ' दिया वाले से सच में २० था बल्कि २१।
वो जोर जोर से मुठियाने लगी।
मुझे लगा रंजी सच में पैदायशी चुदवासी है।
शीला भाभी और मंजू भाभी जो उसे 'रंडी ' कह के चिढ़ाती हैं , बहुत गलत नहीं है।
जो बातें बहुत सी 'प्रोफेशनल ' बहुत दिन 'काम करके ' सिखती हैं और उसका एक्स्ट्रा चार्ज करती हैं।
रंजी को किसी को सिखाने की जरूरत नहीं थी।
वो नेचुरल थी , अपने आप सीखी सिखाई।
मुठियाते समय भी जिस तरह से वो अपने अंगूठे से सुपाड़े को रगड़ रही थी और फिर उसकी तर्जनी की टिप ' पी होल ' ( पेशाब के छेद ) पे सुरसुरी कर रही थी और साथ में उसका अंगूठा जिस जगह सुपाड़ा , लंड से मिलता है उस रिम पर रगड़ रही थी , जैसे कोई लयबद्ध ढंग से तार छेड़े।
लंड को पागल बना देने के लिए इतना काफी था।
"हे देख ,दिया अपने भाई का कितना मस्त चूस रही है, जबरदस्त सेल्फी पोस्ट की है उसने । तू भी चूस के एक सेल्फी पोस्ट कर न "
गुड्डी ने चढ़ाया उसे।
और सिर्फ रंजी के पीछे ही नही ,गुड्डी मेरे पीछे भी हाथ धो के पड़ गयी थी।
" हे क्यों बिचारे को थोड़ा सा खोल रही हो। क्या दुल्हन की मुंह दिखाई करनी है . अरे पूरा खोल न। " ये कह के गुड्डी ने मेरा पूरा शार्ट नीचे खींच दिया और यही नहीं ,जमींन से उठा के उसे वार्डरोब के ऊपर फ़ेंक दिया।
मैं क्यों छोड़ता उसे। मैंने उसका रैप खींचना शुरू किया और अब रंजी मेरा साथ दे रही थी ,कभी गुड्डी को गुदगुदी लगाकर ,कभी उसके हाथ पकड़ कर।
और नतीजा सेम ,जो शार्ट के साथ हुआ , रैप मेरे हाथ में था और अगले पल ऊपर वार्डरोब मेरे शार्ट के साथ गलबहियां डाले बतरस में डूबी थी।
बिचारी रंजी ही क्यों कपड़ो में छुपी रहती।
जबरदस्त धींगामुश्ती हुयी। हॉट से हॉट लेस्बियन रेस्लिंग मात।
लेकिन गुड्डी क्या उसका पूरा खानदान कपड़ों का दुश्मन , और वो भी जब कपडे छुटकी ननदिया के हों।
रंजी भी हम दोनों की हालत में हो गयी।
ले चूस अब , गुड्डी ने फिर चढ़ाया।
चूसती हूँ न , रंजी मुस्करा के बोली , और लंड को प्यार से भींच लिया।
लेकिन फिर उसकी चमकी , " हे तू ले न कमीनी। अभी तो मैंने घोंटा था , अब तेरी बारी। "
"डर गयी डर गयी , बड़ी भैया की बहना बनती थी " गुड्डी ने हँसते हुए चिढ़ाया।
" डरी वरी कुछ नहीं। चूसूंगी भी और सेल्फी भी खीचूँगी , और वो भी दिया से मस्त। लेकिन पहले तू चूस। चल बहुत बोलती है न तो तू जितने देर चूसेगी न मैं उससे दो मिनट ज्यादा ही चूसूंगी। " रंजी सुपाड़ा रगड़ते गुड्डी से बोली।
" चल तू भी क्या याद करेगी , चार मिनट मैं करुँगी , उसके बाद छ मिनट तक तुझे लेना होगा , वो भी एकदम जड़ तक पूरा डीप थ्रोट " गुड्डी ने नया चैलेन्ज थ्रो किया।
लेकिन रंजी कौन कम थी उसने चैलेन्ज मंजूर कर लिया।
अगले पल गुड्डी फर्श पर थी और लन्ड उसके मुलायम हाथों में।
और वो बस ज़रा सा होंठ खोल के , सुपाड़े पे अपने रसीले होंठ रगड़ रही थी।
और फिर अचानक उसके होंठ नीचे मुंडे और गुड्डी ने एक बाल गप्प कर ली और उसे जोर जोर से चूसने लगी।
गुड्डी की नरम कलाई ऐक्शन में आ गयी और पहले तो लंड के बेस पे उसकी उंगलीयो ने जोर से दबाया फिर दबाये दबाये , हलके हलके उसने लंड मसलना शुरू कर दिया , जब तक उसके होंठ मेरे ' बाल्स ' चूस रहे थे। एक के बाद दूसरे बाल्स का नंबर लगा। और फिर नुकीली जीभ की टिप लंड और गांड के बीच की जगह पर हलके हलके रगड़ने लगी।
मस्ती से मेरी आँखे आधी मुंदी हुयी थीं।
रंजी बहुत ध्यान से गुड्डी के हर ऐक्शन को निहार रही थी जैसे कोई पटु, गायन की शिष्या , अपने गुरु की हर हरकत , गले की चाल ,हरकत , मींड़ , मुरकी , बोल बनाव देख कर सीख रही हो।
सीखने में तो रंजी की कोई सानी नहीं थी , लेकिन उससे भी बढ़कर वो 'नेचुरल ' थी और सेक्स को देह और मन दोनों से इंजाव्य करती थी।
गुड्डी ने फिर लंड को साइड से चूमना शुरू किया ,एक दो बार सुपाड़े को जीभ से चाटा चूमा और गप्प से मेरा पहाड़ी आलू सा खूब मोटा सुपाड़ा एक झटके में गप्प कर लिया।
और फिर धीमे धीमे जैसे लंड खुद ब खुद सरकता हुआ बिना प्रयास के गुड्डी के मुंह में जा रहा था।
करीब ६ इंच लंड घोंट के वो रुक गयी। उसका गाल बहुत फूला फूला था , आँखे जैसे बाहर निकल रही थी। लंड के शैफ्ट को वो जीभ से नीचे से चाट रही थी और उसके रसीले होंठ मेरे मोटे लंड को जोर से जकड़े पकड़े हुए थे और लंड घिसटता रगड़ता मुंह में घुस रहां था।
मैंने उसका सर पकड़ के अंदर पेलने की कोशिश की तो उसने आँख के इशारे से मना कर दिया।
ये राउंड उसका था।
और फिर पूरी ताकत से उसने अपना मुंह मेरे लंड पे ठेलना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर में वो चोक होने लगी पर रुकी नहीं।
और अब सुपाड़ा सीधे उसके गले के अंदर तक धंस चुका था , जब मेरे बाल्स उसके होंठों से टकराए।
हम तीनो ने एक साथ घडी की ओर देखा , सिर्फ ढाई मिनट हुए थे।
एक सोर्ड स्वालोअर की तरह उसने ९ इंच का लंड मुंह में घुसेड़ लिया था।
और फिर उसने जो चूसना शुरू किया तो कोई सेल्फ रिस्पेक्टिंग वैकयूम क्लीनर भी हार मान लेता।
चार मिनट के बाद जब वो हटी तो लग रहा था की मैं अब झड़ा तब झडा।
और फिर रंजी ने मोर्चा सम्हाला।
रंजी ने वही किया जो मुझे उम्मीद थी।
वो डायरेक्ट एक्शन में विश्वास करती थी।
झट से , झपाक सेपहले तो उसने सुपाड़ा गप्पाक से मुंह में भर लिया ,
और अगले ही पल टैब ले
दो सेल्फी खींच ली। एक में तो मेरा चेहरा भी साफ था।
और फिर लंड बाहर निकाल कर नीचे से लिक करते हुए लॉलीपॉप की तरह ,
जिससे उसकी लम्बाई और मुटाई पूरी नजर आये।
दो सेल्फी और ,
और ये लड़कियां भी , टैब का आविष्कार शायद उनकी नाजुक उँगलियों के लिए ही हुआ ,
सेल्फी खींचने के साथ साथ दो उसने अपनी फेसबुक पे पोस्ट कर दी ,
अपनी स्टेटस भी डाल दी और साथ साथ ,
सारी सेल्फी दिया को , जिया को और चंडाल चौकड़ी ग्रूप के व्हाट्सऐप पे।
और जब चुसाई शुरू की उसने तो पहले ही धक्के में पूरा सुपाड़ा लील गयी।
और क्या मस्त सपड सपड उसकी जीभ चाट रही थी , जैसे प्यार भरे हण्टर लगा रही हो।
थोड़ा सा निकाल के फिर पूरा पुश किया और अबकी आधे से ज्यादा लंड उसने गप्प कर लिया।
डिम्पल वाले गाल अब पूरी तरह फूले थे , उसकी आँख बाहर निकल पड़ रही थी , लेकिन इतने प्यार से मुझे देख रही थी।
वो नाचती मुस्कराती नशीली आँखे दावत दो , … चोदो न ,…और पूरा चोदो न।
फिर मैंने भी मुख चोदन शुरू कर दिया।
रंजी बस दो पल के लिए रुकी , फिर उसके हाथ ऐक्शन में आये
सेल्फी के लिए , फेसबुक और व्हाट्सऐप पे पोस्ट करने को।
लेकिन लंड अब २/३ उसके मुंह में था और चूसना उसने पल भर के लिए भी बंद नहीं किया।
पक्की नेचरल चूसने में एक्सपर्ट लग रही थी , थोड़ी सी प्रैक्टिस फिर तो बड़ी बड़ी छिनारों के कान काट लेगी।
चार मिनट के बाद उसने पूरा लंड लेलिया , पूरा मतलब आलमोस्ट पूरा , करीब ८ इंच।
वो चोक हो रही थी , गैग हो रही थी
लेकिन गजब का कंट्रोल था उसका गैग रिफ्लेक्स पर। और पल भर के अंदर उसने फिर से चूसना शुरू कर दिया।
कब ६ मिनट बीत गया न उसे पता चला न मुझे।
लेकिन गुड्डी की निगाह तो घडी के ऊपर थी और वो जोर से चिल्लाई , टाइम ओवर।
बड़ी मुश्किल से रंजी ने अपने होंठ हटाये , जैसे किसी नदीदी स्कूल जाने वाली लड़की के हाथ से कोई लॉलीपॉप छीन ले।
लेकिन उसके बाद लंड अपने गालों पर रगड़ते , निप्पल्स पर रगड़ते दो सेल्फी और , ये सीधे व्हाट्सएप्प पे दिया को ,
जैसे कह रही हो देख तो हरदम अपने भाई का गान सुनाती थी न , देख मेरे भाई का फट जायेगी साल्ली देख कर तेरी।
तब तक गुड्डी और रंजी दोनों की निगाह उन आलमारियों पर पड़ी
जिसपर लाल रंग से लिखी चिट चिपकी थी
" बच्चियों के लिए नहीं "
और दोनों एक साथ बोल पड़ीं , खोल न इसे।
" अरे मेरा क्या होगा " परेशान हो कर अपने क़ुतुब मीनार की ओर इशारा करते मैंने कहा।
रंजी जोर से खिलखिलाई और मेरे पास आ के गाल पे हलके से काटते बोली ,
" ये राउंड इसके नाम ,इससे कहो न आखिर चूसना इसी ने शुरू किया था न "
गुड्डी कौन पीछे रहने वाली थी ," क्यों क्या एक बार में ही ऐसी की तैसी हो गयी "
वो रंजी को चिढ़ाते बोली।
बात टालने में लड़कियों का कोई जवाब नहीं। दोनों एक बार फिर खुसुर पुसुर करने लगीं और रंजी ने एक कबर्ड खोल दिया जिस पर चिट लगी थी
" बच्चियों के लिए नहीं "
और जब खुला तो एक पल के लिए दोनों चौक गयीं।
कुछ ख़ास नहीं सिर्फ सी डी थी।
लेकिन मैं समझ गया की वो सिर्फ ट्रिपल एक्स ही नहीं होगी बल्कि सुपर हॉट होंगी।
और सी डी के नाम देखते ही उन दोनों किशोरियों के गाल जिस तरह से ब्लश हुए मैं समझ गया की उनमें क्या है।
और गुड्डी ने नाम दिखा भी दिया
एस अकीरा अनलिमिटेड
किंकी हार्डकोर
गोंजा मूवीज
लेकिन रंजी ने छिपा लिया और गुड्डी के कान में कुछ बोला।
पर गुड्डी तो गुड्डी थी उसने रंजी को धक्का देकर मेरे ऊपर ठेल दिया और बोली ,
" क्यों ,चाहिए ये माल "
" नेकी और पूछ पूछ " हंस के बोल लिया और गाल काटने की बारी अबकी मेरी थी।
रंजी अब मेरी बाँहों में भिंची थी।
" चल अब ये सीडी लगाती हूँ और जैसे इसमें होगा वैसे तुम दोनों को करना होगा। "
खिलखिला के गुड्डी बोली।
" हे हट ये सब क्या है , मुझे कुछ नहीं करना , करवाना। तू जोर से मार खायेगी आज मेरे हाथ से " बनावटी गुस्से में रंजी बोली।
" डर गयी न , अभी तू असल में छोटी बच्ची है तेरे बस की नहीं है सब। बस एक बार बोल दे तू डर गयी तो मैं नहीं लगाउंगी।" गुड्डी ने रंजी को चढ़ाया और वो चढ़ गयी।
" मैं नहीं डरने वाली , ऐसा कुछ नहीं है " सीना उभार कर रंजी बोली और मेरे सीने में दुबक गयी।
लगाने के पहले चुपके से गुड्डी ने मुझे सी डी दिखाई , मेरी फेवरिट पोज और अगले काम के लिए परफेक्ट।
हाट डॉगी पोज
गुड्डी ने गेम का अगला नियम भी सेट कर दिया।
" चल तू भी क्या याद करेगी , सी डी लगा के तू फास्ट फारवर्ड कर देना , जहाँ रुके बस वही ,हाँ हिम्मत न पड़े तो मैं मान लुंगी की तू छोटी बच्ची है। "
और सीडी लगा के रिमोट रंजी के हाथ में कर दिया।
एक मिनट के लिए फास्ट फारवर्ड कर रंजी ने प्ले कर दिया।
बहुत ही हाट सीन था।
कोई एडल्ट एक्ट्रेस , सनी लियोन की फिगर वाली , झुकी हुयी थी घुटनों के बल।
उसके बड़े बड़े चूतड़ हवा में थे और भारी भारी चूंचियां लटकी हुयी थी लेकिन एकदम कड़ी और फर्म।
और एक आदमी उसके पीछे आया ,खूब मोटा लम्बा तना हुआ लंड ,सुपाड़ा खुला , और पीछे से चढ़ गया।
अब फ़िल्म में क्लोज अप था , मोटे लंड का और उसकी फुदकती चूत का।
रंजी की निगाह वहीँ चिपकी थी।
फिर एक पल के लिए मेरी ओर मुड़ी और अचानक जोर से मेरे लिप्स पे किस कर के बोली ,
" मेरा वाला इससे भी २० है। "
" और मेरी वाली उससे २१ " जोर से उसके जोबन दबाते मैं हंस के बोला।
……………………………………………………………….
और अगले ही पल रंजी उसी तरह , उस डबल बेड पे पोज में ,
फागुन के दिन चार--157
वास्तव में मस्त थी। मान गया मैं दिया को।
दोनों के चेहरे साफ थे।
दिया का मुंह पूरी तरह खुला था , जीभ बाहर निकली थी , उसके भाई के खुले सुपाड़े से आधे इंच दूर रही होगी। कुछ मलाई उसकी जीभ पे रही होगी और कुछ उसके भाई के मोटे सुपाड़े से निकल रही थी।
बहुत ही हाई रिजोल्यूशन की पिक्चर थी।
अगली भी एक सेल्फी थी , दिया अपने भाई का सुपाड़ा मुंह में ले के चुभला रही थी।
रंजी ने लाइक पहले किया देखा बाद में।
फिर कुछ देर तक ध्यान से उसे देखती रही और उसका हाथ शार्ट के ऊपर से मेरे आधे सोये आधे जागे जंगबहादुर के ऊपर पहुँच गया और प्यार से वो उसे हलके हलके दबाने लगी।
एक बार फिर उसने दिया के भाई के औजार को देखा और मुस्कराकर , मुझसे और गुड्डी से बोली ,
मेरा वाला २० है और जोर से शार्ट के ऊपर से उसे दबा दिया।
हंस के गुड्डी ने कहा , " और उसका ," इशारा दिया के भाई की ओर था।
" १८ या १७ " खिलखिला के रंजी बोली और मेरे लिंग को जोर जोर से शॉर्ट के ऊपर से रगड़ने लगी।
ये रंजी का अनुराग था या जिस तरह से थोड़ी देर पहले जंगबहादुर ने हचक के उनकी रगड़ाई की थी , उसका नतीजा।
लेकिन मेरे अंदाज से उसका अंदाज गलत था।
दिया के भाई का मूसल भी जबरदस्त था।
लम्बाई में मेरे से थोड़ा ही कम लेकिन औसत से काफी ज्यादा।
साढ़े सात इंच -आठ इंच के बीच रहा होगा।
हाँ मोटाई में मुझसे काफी कम था लेकिन तब भी सवा दो ढाई इंच तो रहा ही होगा।
" साल्ली दिया अपने भाई के औजार की बड़ी तारीफ करती थी ,एक बार मेरे भैया का अंदर लेगी तो रात भर परपराती फिरेगी। "
रंजी की निगाहें मेरी ओर थीं , प्रशंशा और प्यार से भरी।
और अब वो खुल के शार्ट के ऊपर से मेरा लंड मुठिया रही थी।
गुड्डी ने ताना मारा " हे इतना पसंद है तो अंदर हाथ डाल ले लंड पकड़ न क्या बाहर से झिझक झिझक के न तुझे मजा आएगा न तेरे भैया को कुछ दिया से सीख । "
चल तू भी क्या सोचेगी के अंदाज में रंजी ने सीधे मेरे शार्ट में हाथ डाला और अकुलाते , पगलाते जंगबहादुर सीधे उसकी मुट्ठी में।
कुँवारी किशोरी की मुट्ठी में जाने से जो हाल होता हो , वही उनका हुआ।
फूल कर कुप्पा।
सीधे अपने ९इञ्च लम्बे वाले रूप में आ गए।
और फूल कर रंजी भी कुप्पा हो गयी।
आखिर 'उसका वाला ' दिया वाले से सच में २० था बल्कि २१।
वो जोर जोर से मुठियाने लगी।
मुझे लगा रंजी सच में पैदायशी चुदवासी है।
शीला भाभी और मंजू भाभी जो उसे 'रंडी ' कह के चिढ़ाती हैं , बहुत गलत नहीं है।
जो बातें बहुत सी 'प्रोफेशनल ' बहुत दिन 'काम करके ' सिखती हैं और उसका एक्स्ट्रा चार्ज करती हैं।
रंजी को किसी को सिखाने की जरूरत नहीं थी।
वो नेचुरल थी , अपने आप सीखी सिखाई।
मुठियाते समय भी जिस तरह से वो अपने अंगूठे से सुपाड़े को रगड़ रही थी और फिर उसकी तर्जनी की टिप ' पी होल ' ( पेशाब के छेद ) पे सुरसुरी कर रही थी और साथ में उसका अंगूठा जिस जगह सुपाड़ा , लंड से मिलता है उस रिम पर रगड़ रही थी , जैसे कोई लयबद्ध ढंग से तार छेड़े।
लंड को पागल बना देने के लिए इतना काफी था।
"हे देख ,दिया अपने भाई का कितना मस्त चूस रही है, जबरदस्त सेल्फी पोस्ट की है उसने । तू भी चूस के एक सेल्फी पोस्ट कर न "
गुड्डी ने चढ़ाया उसे।
और सिर्फ रंजी के पीछे ही नही ,गुड्डी मेरे पीछे भी हाथ धो के पड़ गयी थी।
" हे क्यों बिचारे को थोड़ा सा खोल रही हो। क्या दुल्हन की मुंह दिखाई करनी है . अरे पूरा खोल न। " ये कह के गुड्डी ने मेरा पूरा शार्ट नीचे खींच दिया और यही नहीं ,जमींन से उठा के उसे वार्डरोब के ऊपर फ़ेंक दिया।
मैं क्यों छोड़ता उसे। मैंने उसका रैप खींचना शुरू किया और अब रंजी मेरा साथ दे रही थी ,कभी गुड्डी को गुदगुदी लगाकर ,कभी उसके हाथ पकड़ कर।
और नतीजा सेम ,जो शार्ट के साथ हुआ , रैप मेरे हाथ में था और अगले पल ऊपर वार्डरोब मेरे शार्ट के साथ गलबहियां डाले बतरस में डूबी थी।
बिचारी रंजी ही क्यों कपड़ो में छुपी रहती।
जबरदस्त धींगामुश्ती हुयी। हॉट से हॉट लेस्बियन रेस्लिंग मात।
लेकिन गुड्डी क्या उसका पूरा खानदान कपड़ों का दुश्मन , और वो भी जब कपडे छुटकी ननदिया के हों।
रंजी भी हम दोनों की हालत में हो गयी।
ले चूस अब , गुड्डी ने फिर चढ़ाया।
चूसती हूँ न , रंजी मुस्करा के बोली , और लंड को प्यार से भींच लिया।
लेकिन फिर उसकी चमकी , " हे तू ले न कमीनी। अभी तो मैंने घोंटा था , अब तेरी बारी। "
"डर गयी डर गयी , बड़ी भैया की बहना बनती थी " गुड्डी ने हँसते हुए चिढ़ाया।
" डरी वरी कुछ नहीं। चूसूंगी भी और सेल्फी भी खीचूँगी , और वो भी दिया से मस्त। लेकिन पहले तू चूस। चल बहुत बोलती है न तो तू जितने देर चूसेगी न मैं उससे दो मिनट ज्यादा ही चूसूंगी। " रंजी सुपाड़ा रगड़ते गुड्डी से बोली।
" चल तू भी क्या याद करेगी , चार मिनट मैं करुँगी , उसके बाद छ मिनट तक तुझे लेना होगा , वो भी एकदम जड़ तक पूरा डीप थ्रोट " गुड्डी ने नया चैलेन्ज थ्रो किया।
लेकिन रंजी कौन कम थी उसने चैलेन्ज मंजूर कर लिया।
अगले पल गुड्डी फर्श पर थी और लन्ड उसके मुलायम हाथों में।
और वो बस ज़रा सा होंठ खोल के , सुपाड़े पे अपने रसीले होंठ रगड़ रही थी।
और फिर अचानक उसके होंठ नीचे मुंडे और गुड्डी ने एक बाल गप्प कर ली और उसे जोर जोर से चूसने लगी।
गुड्डी की नरम कलाई ऐक्शन में आ गयी और पहले तो लंड के बेस पे उसकी उंगलीयो ने जोर से दबाया फिर दबाये दबाये , हलके हलके उसने लंड मसलना शुरू कर दिया , जब तक उसके होंठ मेरे ' बाल्स ' चूस रहे थे। एक के बाद दूसरे बाल्स का नंबर लगा। और फिर नुकीली जीभ की टिप लंड और गांड के बीच की जगह पर हलके हलके रगड़ने लगी।
मस्ती से मेरी आँखे आधी मुंदी हुयी थीं।
रंजी बहुत ध्यान से गुड्डी के हर ऐक्शन को निहार रही थी जैसे कोई पटु, गायन की शिष्या , अपने गुरु की हर हरकत , गले की चाल ,हरकत , मींड़ , मुरकी , बोल बनाव देख कर सीख रही हो।
सीखने में तो रंजी की कोई सानी नहीं थी , लेकिन उससे भी बढ़कर वो 'नेचुरल ' थी और सेक्स को देह और मन दोनों से इंजाव्य करती थी।
गुड्डी ने फिर लंड को साइड से चूमना शुरू किया ,एक दो बार सुपाड़े को जीभ से चाटा चूमा और गप्प से मेरा पहाड़ी आलू सा खूब मोटा सुपाड़ा एक झटके में गप्प कर लिया।
और फिर धीमे धीमे जैसे लंड खुद ब खुद सरकता हुआ बिना प्रयास के गुड्डी के मुंह में जा रहा था।
करीब ६ इंच लंड घोंट के वो रुक गयी। उसका गाल बहुत फूला फूला था , आँखे जैसे बाहर निकल रही थी। लंड के शैफ्ट को वो जीभ से नीचे से चाट रही थी और उसके रसीले होंठ मेरे मोटे लंड को जोर से जकड़े पकड़े हुए थे और लंड घिसटता रगड़ता मुंह में घुस रहां था।
मैंने उसका सर पकड़ के अंदर पेलने की कोशिश की तो उसने आँख के इशारे से मना कर दिया।
ये राउंड उसका था।
और फिर पूरी ताकत से उसने अपना मुंह मेरे लंड पे ठेलना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर में वो चोक होने लगी पर रुकी नहीं।
और अब सुपाड़ा सीधे उसके गले के अंदर तक धंस चुका था , जब मेरे बाल्स उसके होंठों से टकराए।
हम तीनो ने एक साथ घडी की ओर देखा , सिर्फ ढाई मिनट हुए थे।
एक सोर्ड स्वालोअर की तरह उसने ९ इंच का लंड मुंह में घुसेड़ लिया था।
और फिर उसने जो चूसना शुरू किया तो कोई सेल्फ रिस्पेक्टिंग वैकयूम क्लीनर भी हार मान लेता।
चार मिनट के बाद जब वो हटी तो लग रहा था की मैं अब झड़ा तब झडा।
और फिर रंजी ने मोर्चा सम्हाला।
रंजी ने वही किया जो मुझे उम्मीद थी।
वो डायरेक्ट एक्शन में विश्वास करती थी।
झट से , झपाक सेपहले तो उसने सुपाड़ा गप्पाक से मुंह में भर लिया ,
और अगले ही पल टैब ले
दो सेल्फी खींच ली। एक में तो मेरा चेहरा भी साफ था।
और फिर लंड बाहर निकाल कर नीचे से लिक करते हुए लॉलीपॉप की तरह ,
जिससे उसकी लम्बाई और मुटाई पूरी नजर आये।
दो सेल्फी और ,
और ये लड़कियां भी , टैब का आविष्कार शायद उनकी नाजुक उँगलियों के लिए ही हुआ ,
सेल्फी खींचने के साथ साथ दो उसने अपनी फेसबुक पे पोस्ट कर दी ,
अपनी स्टेटस भी डाल दी और साथ साथ ,
सारी सेल्फी दिया को , जिया को और चंडाल चौकड़ी ग्रूप के व्हाट्सऐप पे।
और जब चुसाई शुरू की उसने तो पहले ही धक्के में पूरा सुपाड़ा लील गयी।
और क्या मस्त सपड सपड उसकी जीभ चाट रही थी , जैसे प्यार भरे हण्टर लगा रही हो।
थोड़ा सा निकाल के फिर पूरा पुश किया और अबकी आधे से ज्यादा लंड उसने गप्प कर लिया।
डिम्पल वाले गाल अब पूरी तरह फूले थे , उसकी आँख बाहर निकल पड़ रही थी , लेकिन इतने प्यार से मुझे देख रही थी।
वो नाचती मुस्कराती नशीली आँखे दावत दो , … चोदो न ,…और पूरा चोदो न।
फिर मैंने भी मुख चोदन शुरू कर दिया।
रंजी बस दो पल के लिए रुकी , फिर उसके हाथ ऐक्शन में आये
सेल्फी के लिए , फेसबुक और व्हाट्सऐप पे पोस्ट करने को।
लेकिन लंड अब २/३ उसके मुंह में था और चूसना उसने पल भर के लिए भी बंद नहीं किया।
पक्की नेचरल चूसने में एक्सपर्ट लग रही थी , थोड़ी सी प्रैक्टिस फिर तो बड़ी बड़ी छिनारों के कान काट लेगी।
चार मिनट के बाद उसने पूरा लंड लेलिया , पूरा मतलब आलमोस्ट पूरा , करीब ८ इंच।
वो चोक हो रही थी , गैग हो रही थी
लेकिन गजब का कंट्रोल था उसका गैग रिफ्लेक्स पर। और पल भर के अंदर उसने फिर से चूसना शुरू कर दिया।
कब ६ मिनट बीत गया न उसे पता चला न मुझे।
लेकिन गुड्डी की निगाह तो घडी के ऊपर थी और वो जोर से चिल्लाई , टाइम ओवर।
बड़ी मुश्किल से रंजी ने अपने होंठ हटाये , जैसे किसी नदीदी स्कूल जाने वाली लड़की के हाथ से कोई लॉलीपॉप छीन ले।
लेकिन उसके बाद लंड अपने गालों पर रगड़ते , निप्पल्स पर रगड़ते दो सेल्फी और , ये सीधे व्हाट्सएप्प पे दिया को ,
जैसे कह रही हो देख तो हरदम अपने भाई का गान सुनाती थी न , देख मेरे भाई का फट जायेगी साल्ली देख कर तेरी।
तब तक गुड्डी और रंजी दोनों की निगाह उन आलमारियों पर पड़ी
जिसपर लाल रंग से लिखी चिट चिपकी थी
" बच्चियों के लिए नहीं "
और दोनों एक साथ बोल पड़ीं , खोल न इसे।
" अरे मेरा क्या होगा " परेशान हो कर अपने क़ुतुब मीनार की ओर इशारा करते मैंने कहा।
रंजी जोर से खिलखिलाई और मेरे पास आ के गाल पे हलके से काटते बोली ,
" ये राउंड इसके नाम ,इससे कहो न आखिर चूसना इसी ने शुरू किया था न "
गुड्डी कौन पीछे रहने वाली थी ," क्यों क्या एक बार में ही ऐसी की तैसी हो गयी "
वो रंजी को चिढ़ाते बोली।
बात टालने में लड़कियों का कोई जवाब नहीं। दोनों एक बार फिर खुसुर पुसुर करने लगीं और रंजी ने एक कबर्ड खोल दिया जिस पर चिट लगी थी
" बच्चियों के लिए नहीं "
और जब खुला तो एक पल के लिए दोनों चौक गयीं।
कुछ ख़ास नहीं सिर्फ सी डी थी।
लेकिन मैं समझ गया की वो सिर्फ ट्रिपल एक्स ही नहीं होगी बल्कि सुपर हॉट होंगी।
और सी डी के नाम देखते ही उन दोनों किशोरियों के गाल जिस तरह से ब्लश हुए मैं समझ गया की उनमें क्या है।
और गुड्डी ने नाम दिखा भी दिया
एस अकीरा अनलिमिटेड
किंकी हार्डकोर
गोंजा मूवीज
लेकिन रंजी ने छिपा लिया और गुड्डी के कान में कुछ बोला।
पर गुड्डी तो गुड्डी थी उसने रंजी को धक्का देकर मेरे ऊपर ठेल दिया और बोली ,
" क्यों ,चाहिए ये माल "
" नेकी और पूछ पूछ " हंस के बोल लिया और गाल काटने की बारी अबकी मेरी थी।
रंजी अब मेरी बाँहों में भिंची थी।
" चल अब ये सीडी लगाती हूँ और जैसे इसमें होगा वैसे तुम दोनों को करना होगा। "
खिलखिला के गुड्डी बोली।
" हे हट ये सब क्या है , मुझे कुछ नहीं करना , करवाना। तू जोर से मार खायेगी आज मेरे हाथ से " बनावटी गुस्से में रंजी बोली।
" डर गयी न , अभी तू असल में छोटी बच्ची है तेरे बस की नहीं है सब। बस एक बार बोल दे तू डर गयी तो मैं नहीं लगाउंगी।" गुड्डी ने रंजी को चढ़ाया और वो चढ़ गयी।
" मैं नहीं डरने वाली , ऐसा कुछ नहीं है " सीना उभार कर रंजी बोली और मेरे सीने में दुबक गयी।
लगाने के पहले चुपके से गुड्डी ने मुझे सी डी दिखाई , मेरी फेवरिट पोज और अगले काम के लिए परफेक्ट।
हाट डॉगी पोज
गुड्डी ने गेम का अगला नियम भी सेट कर दिया।
" चल तू भी क्या याद करेगी , सी डी लगा के तू फास्ट फारवर्ड कर देना , जहाँ रुके बस वही ,हाँ हिम्मत न पड़े तो मैं मान लुंगी की तू छोटी बच्ची है। "
और सीडी लगा के रिमोट रंजी के हाथ में कर दिया।
एक मिनट के लिए फास्ट फारवर्ड कर रंजी ने प्ले कर दिया।
बहुत ही हाट सीन था।
कोई एडल्ट एक्ट्रेस , सनी लियोन की फिगर वाली , झुकी हुयी थी घुटनों के बल।
उसके बड़े बड़े चूतड़ हवा में थे और भारी भारी चूंचियां लटकी हुयी थी लेकिन एकदम कड़ी और फर्म।
और एक आदमी उसके पीछे आया ,खूब मोटा लम्बा तना हुआ लंड ,सुपाड़ा खुला , और पीछे से चढ़ गया।
अब फ़िल्म में क्लोज अप था , मोटे लंड का और उसकी फुदकती चूत का।
रंजी की निगाह वहीँ चिपकी थी।
फिर एक पल के लिए मेरी ओर मुड़ी और अचानक जोर से मेरे लिप्स पे किस कर के बोली ,
" मेरा वाला इससे भी २० है। "
" और मेरी वाली उससे २१ " जोर से उसके जोबन दबाते मैं हंस के बोला।
……………………………………………………………….
और अगले ही पल रंजी उसी तरह , उस डबल बेड पे पोज में ,
No comments:
Post a Comment