FUN-MAZA-MASTI
फागुन के दिन चार--170
जागो मोहन प्यारे
अब तक
रंग बनारस के छोरा ने लगाय दिया रे
मोरे आगा से आगा सटाय दिया रे ,
मोरे जुबना को दोनों दबाय दिया रे
रंग बनारस के छोरा ने लगाय दिया रे।
उह्ह ओह्ह , हाय दइया
रंग बनारस के छोरा ने लगाय दिया रे
पहिले साया सरकाया , हाथ भीतर घुसाया
मैं बहुत चिल्लाई , मोरा मुंह वो दबाया ,
मोरी जांघन से जांघन सटाया दिया रे।
मोरे दोनों जुबनादिया दिया रे।
रंग बनारस के छोरा ने लगाय दिया रे।
मजा बहुते मोहे आया जब भीतर घुसाया
एक फिट की पिचकारी घुसाय दिया रे।
सटासट , फचफच रंगवा चलाय दिया रे।
मोरो दोनों जुबना दबाय दिया रे।
रंग बनारस के छोरा ने लगाय दिया रे।
क्या जम के मस्ती हो रही थी।
मैं भी उस हुड़दंग में घुस गया।
सारा आसमान अबीर गुलाल से भरा था ,कोई जोगीडे का लौंडा गा रहा था
थूकवा लगाय के रतियों में ठोंके सैयां
पिया परदेशी सखी बड़ा रंग रसिया ,
बुलावे हमें आधी आधी रतिया
हचक के पेलै सैयां , सयवा उठाय के।
और उसी के धुन पे अब मैं रंजी और गूंजा के साथ डांस कर रहा था , गुड्डी बगल में खड़ी मजे ले रही थी।
खूब रंग उड़ रहा था
और तभी धीरे धीरे आसमान का रंग बदलने लगा , अबीर गुलाल की जगह , आसमान गुलाबी से खूनी रंग का हो गया। एकदम लाल जैसे खून से भर गया हो।
सारे लोग उसी तरह नाच गान में मग्न लेकिन उस खुनी रंग के आसमान में अचानक एक गिद्ध आया , बड़ा , भयानक विशालकाय ,और तेज चीखे गूंजने लगी।
लेकिन रंजी उसी तरह मस्त , बेखबर नाचती रही।
गिद्ध एकदम नीचे उड़ रहा था , और उसके पंखो से सूरज छिप गया।
मटमैला , गंदला , और उसकी चोंच खून से लथपथ थी।
उसके पंजे ठीक मेरे ऊपर आ गए थे।
वो मुझे पकड़ने ही वाला था की गुड्डी बीच में आ गयी। उसके हाथ में एक गुलेल थी और वो उसे पत्थर मार रही थी ,
जोर से चिल्ला रही थी , उसे भगा रही थी ,
भाग भाग भाग।
और तभी मेरी नींद खुली
आगे
"जाग जाग जाग न , उठो न। लोग घोड़े बेच के सोते है तू अपनी बहनिया बेच के सो रहा है। "
गुड्डी मुझे जोर जोर से जगा रही थी।
और आँख खुलते ही गुड्डी और रंजी को देखते ही नींद और सपने का असर सब गायब हो गया।
दोनों डिजाइनर जींस में खड़ी थीं , और हाथ में ढेर सारे गिफ्ट हैम्पर , गिफ्ट बाक्सेज और रंजी के हाथ में एक रोल किया हुआ सर्टिफिकेट और गुड्डी के हाथ में एक फाइल फोल्डर सा था।
लेकिन रंजी की माइल लांग स्माइल बता रही थी की ये दोनों कुछ जग जीत के आई हैं।
और राज गुड्डी ने खोला।
जिस फोटो शूट में वो दोनों गयी थीं , वहां उन्होंने झंडे गाड़ दिए थे , और ये गिफ्ट हैम्पर , बाक्सेज उसी के नतीजे थे।
दोनों ने सारे हैम्पर , बाक्सेज के पलंग पे ढेर लगा दिए
और जैसे छोटे बच्चे अपने बर्थडे गिफ्ट खोलते हैं , हम सब मिल कर टूट पड़े।
पहले हैम्पर्स में सिर्फ टॉप थे , लेकिन एक से एक , क्या वैरायटी थी , हाल्टर ,ट्यूब , कमीसोल , और सब टॉप ब्रांड्स के। एलेन सोली , कैंडिस न्यूयार्क , काल्विन क्लीन और कुछ नॉटी भी थे , शियर , वाइल्ड और डीप लो कट। जिस कंपनी ने शूट के लिए बुलाया था उसके भी टॉप थे लेकिन वो हाट एंड वाइल्ड कैटेगरी के ही थे। उन दोनों के हाथ में तो जैसे सिमसिम का मन्त्र हाथ लग गया हो।
और उसके बाद एक हैम्पर में मेकअप किट्स थे वो भी इंटेरेन्शनल , लिपस्टिक्स ,नेल पालिश और एक हैम्पर में लोरियल की दो मेकअप किट्स थी , कम्प्लीट।
मिनरल पाउडर फाउंडेशन , मेकअप बेस , मॉर्फ़ोज सूफले फाउंडेशन।
उसके बाद गिफ्ट बाक्सेज का नंबर आया , और पहले में ही एक कार्ड था इंटरनेशनल नंबर और मेल के साथ , वो विक्टोरिया सीक्रेट का बॉक्स था और रंजी का नाम लिखा था। बाड़ी मेकअप का ,लव स्पेल बाड़ी लोशन ,वनीला एंड सैंडलवुड बाड़ी क्रीम ,वायलेट एंड जैस्मिन बाड़ी वाश और ढेर सारी क्रीम साथ में दो कार्ड , गिफ्ट वाउचर के २०,००० वैल्यू के।
जो अगला गिफ्ट बॉक्स था , उसमे एथनिक कपडे और डिजाइन से एक और छोटा बॉक्स था और उसके एक अंदर गिफ्ट कार्ड था ६७ % डिस्काउंट का एथनिक वियर का जो , बीबा ,फैबइंडिया , सेवा चिकन , और शाकम्भरी के लिए वैलिड था।
असली चीज तो दिखाई नहीं तूने , गुड्डी ने रंजी को हड़काया. और रंजी ने कुछ झिझकते लजाते , हिचकते वो सर्टिफिकेट ऐसा कागज़ मेरे हवाले कर दिया।
अब तक
रंग बनारस के छोरा ने लगाय दिया रे
मोरे आगा से आगा सटाय दिया रे ,
मोरे जुबना को दोनों दबाय दिया रे
रंग बनारस के छोरा ने लगाय दिया रे।
उह्ह ओह्ह , हाय दइया
रंग बनारस के छोरा ने लगाय दिया रे
पहिले साया सरकाया , हाथ भीतर घुसाया
मैं बहुत चिल्लाई , मोरा मुंह वो दबाया ,
मोरी जांघन से जांघन सटाया दिया रे।
मोरे दोनों जुबनादिया दिया रे।
रंग बनारस के छोरा ने लगाय दिया रे।
मजा बहुते मोहे आया जब भीतर घुसाया
एक फिट की पिचकारी घुसाय दिया रे।
सटासट , फचफच रंगवा चलाय दिया रे।
मोरो दोनों जुबना दबाय दिया रे।
रंग बनारस के छोरा ने लगाय दिया रे।
क्या जम के मस्ती हो रही थी।
मैं भी उस हुड़दंग में घुस गया।
सारा आसमान अबीर गुलाल से भरा था ,कोई जोगीडे का लौंडा गा रहा था
थूकवा लगाय के रतियों में ठोंके सैयां
पिया परदेशी सखी बड़ा रंग रसिया ,
बुलावे हमें आधी आधी रतिया
हचक के पेलै सैयां , सयवा उठाय के।
और उसी के धुन पे अब मैं रंजी और गूंजा के साथ डांस कर रहा था , गुड्डी बगल में खड़ी मजे ले रही थी।
खूब रंग उड़ रहा था
और तभी धीरे धीरे आसमान का रंग बदलने लगा , अबीर गुलाल की जगह , आसमान गुलाबी से खूनी रंग का हो गया। एकदम लाल जैसे खून से भर गया हो।
सारे लोग उसी तरह नाच गान में मग्न लेकिन उस खुनी रंग के आसमान में अचानक एक गिद्ध आया , बड़ा , भयानक विशालकाय ,और तेज चीखे गूंजने लगी।
लेकिन रंजी उसी तरह मस्त , बेखबर नाचती रही।
गिद्ध एकदम नीचे उड़ रहा था , और उसके पंखो से सूरज छिप गया।
मटमैला , गंदला , और उसकी चोंच खून से लथपथ थी।
उसके पंजे ठीक मेरे ऊपर आ गए थे।
वो मुझे पकड़ने ही वाला था की गुड्डी बीच में आ गयी। उसके हाथ में एक गुलेल थी और वो उसे पत्थर मार रही थी ,
जोर से चिल्ला रही थी , उसे भगा रही थी ,
भाग भाग भाग।
और तभी मेरी नींद खुली
आगे
"जाग जाग जाग न , उठो न। लोग घोड़े बेच के सोते है तू अपनी बहनिया बेच के सो रहा है। "
गुड्डी मुझे जोर जोर से जगा रही थी।
और आँख खुलते ही गुड्डी और रंजी को देखते ही नींद और सपने का असर सब गायब हो गया।
दोनों डिजाइनर जींस में खड़ी थीं , और हाथ में ढेर सारे गिफ्ट हैम्पर , गिफ्ट बाक्सेज और रंजी के हाथ में एक रोल किया हुआ सर्टिफिकेट और गुड्डी के हाथ में एक फाइल फोल्डर सा था।
लेकिन रंजी की माइल लांग स्माइल बता रही थी की ये दोनों कुछ जग जीत के आई हैं।
और राज गुड्डी ने खोला।
जिस फोटो शूट में वो दोनों गयी थीं , वहां उन्होंने झंडे गाड़ दिए थे , और ये गिफ्ट हैम्पर , बाक्सेज उसी के नतीजे थे।
दोनों ने सारे हैम्पर , बाक्सेज के पलंग पे ढेर लगा दिए
और जैसे छोटे बच्चे अपने बर्थडे गिफ्ट खोलते हैं , हम सब मिल कर टूट पड़े।
पहले हैम्पर्स में सिर्फ टॉप थे , लेकिन एक से एक , क्या वैरायटी थी , हाल्टर ,ट्यूब , कमीसोल , और सब टॉप ब्रांड्स के। एलेन सोली , कैंडिस न्यूयार्क , काल्विन क्लीन और कुछ नॉटी भी थे , शियर , वाइल्ड और डीप लो कट। जिस कंपनी ने शूट के लिए बुलाया था उसके भी टॉप थे लेकिन वो हाट एंड वाइल्ड कैटेगरी के ही थे। उन दोनों के हाथ में तो जैसे सिमसिम का मन्त्र हाथ लग गया हो।
और उसके बाद एक हैम्पर में मेकअप किट्स थे वो भी इंटेरेन्शनल , लिपस्टिक्स ,नेल पालिश और एक हैम्पर में लोरियल की दो मेकअप किट्स थी , कम्प्लीट।
मिनरल पाउडर फाउंडेशन , मेकअप बेस , मॉर्फ़ोज सूफले फाउंडेशन।
उसके बाद गिफ्ट बाक्सेज का नंबर आया , और पहले में ही एक कार्ड था इंटरनेशनल नंबर और मेल के साथ , वो विक्टोरिया सीक्रेट का बॉक्स था और रंजी का नाम लिखा था। बाड़ी मेकअप का ,लव स्पेल बाड़ी लोशन ,वनीला एंड सैंडलवुड बाड़ी क्रीम ,वायलेट एंड जैस्मिन बाड़ी वाश और ढेर सारी क्रीम साथ में दो कार्ड , गिफ्ट वाउचर के २०,००० वैल्यू के।
जो अगला गिफ्ट बॉक्स था , उसमे एथनिक कपडे और डिजाइन से एक और छोटा बॉक्स था और उसके एक अंदर गिफ्ट कार्ड था ६७ % डिस्काउंट का एथनिक वियर का जो , बीबा ,फैबइंडिया , सेवा चिकन , और शाकम्भरी के लिए वैलिड था।
असली चीज तो दिखाई नहीं तूने , गुड्डी ने रंजी को हड़काया. और रंजी ने कुछ झिझकते लजाते , हिचकते वो सर्टिफिकेट ऐसा कागज़ मेरे हवाले कर दिया।
रंजी बनी मॉडल
असली चीज तो दिखाई नहीं तूने , गुड्डी ने रंजी को हड़काया. और रंजी ने कुछ झिझकते लजाते , हिचकते वो सर्टिफिकेट ऐसा कागज़ मेरे हवाले कर दिया।
वाउ , मैं देखते ही उछल पड़ा , जो टीन जींस एक विदेशी कंपनी इंडियन मार्केट के लिए लांच करने वाली थी , उसके लिए उसे सेलेक्ट कर लिया गया था। और पहला फोटो शूट , बनारस में था १२ दिन बाद।
और उसे यंगेस्ट फ्रेश फेस टीन मॉडल का उन्होंने सर्टिफिकेट दिया था।
"असली चीज तो दिखा साल्ली कमीनी " गुड्डी ने हड़काया।
और रंजी ने उस सर्टिफिकेट के साथ इन्क्लोज् चेक दिखाया , ७५ ,००० का। और ये जैसे मैच में दिखाते हैं उस तरह का था , पैसा उन्होंने उसके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया था।
मैंने दुबारा वाउ किया और उसे पकड़ के बोला ,
हे कुछ मीठा हो जाय।
वो शायद दे भी देती , लेकिन गुड्डी ने उसे हड़काया।
" अरे मेरी नानी , ये तेरा और इसका लेन देन तो जिंदगी भर चलता रहेगा , अभी फेसबुक पे स्टेटस अपडेट करनी है और ये सब व्हाटसप पे पोस्ट करना है , तेरी सहेलियों की सुलगानी भी है। " और उसका हाथ खींचते हुए बाहर ले गयी।
सर्टिफिकेट वहीँ रह गया।
निकलते निकलते गुड्डी ने आँख मारी और मोबाइल की ओर इशारा किया।
मैं बड़ी जोर से मुस्कराया।
गुड्डी का मतलब मैं समझ गया था। असल में रंजी की जीत में ज्यादा हाथ गुड्डी का था और थोड़ा बहुत मेरे जंगबहादुर का।
दोपहर को जब दोनों जैसे ही गुड्डी रंजी फोटोशूट के लिए बाहर निकली थीं , गुड्डी का एक एस एम एस आया था , सिर्फ लिखा था , फ्रेशली फक्ड लुक।
और मैं सब बात समझ गया था , गुड्डी ने कुछ जुगाड़ कर के पता कर लिया था की जो टैलेंट स्काउट्स है और मॉडल फोटोग्राफर , वो फ्रेशली फक्ड लुक चाहते है।
बस।
और जींस में तो असली चीज पिछवाड़ा होती है। तो बस गुड्डी की प्लानिंग ,मैंने रंजी की हचक के चलने के ठीक पहले गांड मारी और मेरी उँगलियों ने उसे तीन चार बार झाड़ दिया था।
जल्दी के चक्कर में गुड्डी ने गांड से मलाई निकलने भी नहीं दी थी।
आधी जंग तो यही जीत ली गयी।
और उसके बाद रंजी की अदाएं और उसके फोटोजेनिक एंगल। कोई भी उसको मना नहीं कर सकता था।
लेकिन असली बात ये थी की रंजी में वो सारी बाते थी जो एक माडल में होनी चाहिए।
सबसे पहली चीज हाइट थी , असल में मॉडल के लिए हाइट ५-८ या ५ -९ माँगते है , रंजी की हाइट उत्ती तो नहीं थी लेकिन उससे एकाध इंच ही कम होगी। अपने क्लास की लड़कियों से कम से कम तीन चार इंच तो बड़ी थी ही। और उसका बाड़ी स्ट्रक्चर ऐसा था की लम्बी लगती भी थी एकदम सुरु के पेड़ की तरह।
अगर हाइट में उसे १० में ७.५ /८ मिलते तो बाकी चीजों में उसका १० में दस मिलना तय था।
दूसरी चीज मॉडल के साथ हैं बाल , वो असल में रेशमी , चिकने और ड्राई होने चाहिए जिन्हे जो भी शेप देना हो दिया जा सके। और इस मामले में रंजी का कोई मुकाबला नहीं।
तीसरी चीज है ग्लोइंग और अनब्लेमिश्ड स्किन और उस में में भी रंजी को १० में १० नंबर मिलते। बिना किसी मेकअप के भी उसकी त्वचा चमकती रहती थी ,और छूने में हाथ फिसलता था जैसे रेशम।
बोन स्ट्रक्चर और स्लिम फिगर उसकी चौथी ताकत थी , जिसे मॉडलिंग एजेंसी देखती हैं।
और तीन बाते ऐसी थी जिसमे उसे १० में से ११ मिलना तय था , एक तो फोटोजेनिक फेस दूसरा नेचरुल ऐंगल्स। बिना किसी ट्रेनिंग के उसे मालूम था की किस पोज उसका असर मैक्सिमम होगा ,उसकी बॉडी की क्या स्ट्रेंथ है सब उसे मालूम था। और तीसरी बात ऐटिट्यूड।
लेकिन सबसे बड़ी बात होती है मौका मिलने की और ये मौका उसे मिल गया था और उसे अब दोनों हाथों से उसे पकड़ लेना था।
किसी मंझोले किस्म के शहर की लड़की के लिए मॉडलिंग का करियर सोचना ही मुश्किल होता है और फिर फोटोग्राफर , पोर्टफोलियो , ब्रेक और ये सब उसे मिल गए।
सर्टिफिकट मैंने ध्यान से देखा तो पता चला वो सिर्फ जींस वाली कंपनी ही नहीं थी , बल्कि इंटरनेशनल स्काउटिंग एजेंसी भी साथ साथ थी जिसने उसे अप्रूव किया था.
कहते हैं चोर चोरी से जाता है , हेराफेरी से नहीं।
बस वही बात , हैकिंग की आदत और मैंने उस कंपनी और टैलेंट स्काउटिंग कंपनी की साइट खोल दी।
दोनों ही बड़ी कम्पनी थीं और अभी हिन्दुस्तान में घुसने की कोशिश कर रही थीं।
अभी ढेर सारे सेक्टर्स में ४९% फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट परमिट हो गया और कुछ में तो ७०-८० % तक , बस उसी के असर से उन्होंने मार्केटिंग रिसर्च करवाई और ये पता चला की टियर १ और २ शहर तो आलमोस्ट सेचुरेट हो चुके हैं लेकिन अभी भी डीप मार्केटिंग पेन्ट्रेशन से कुछ हो सकता है।
मैं आगे कुछ पढता की धूम धड़ाके से रंजी ने एंट्री मारी , और घुसते ही सीधे उसके गर्मागर्म दहकते होंठ मेरे होंठों पे ,
दो मिनट तक उसने दबा के रखा , चूमती रही , चूसती रही और जैसे मैं बात आगे बढ़ाऊं , उसने झटाक से करेंट काट दिया।
और आँख नचा के बोली , " हो तो तुम सरकारी आदमी ही , बिना घूस के तो काम करोगे नहीं वो भी एडवांस , इसलिए ,… "
" और मेरी मिठाई , " मेरी निगाह उसके टॉप फाडू उरोजों से और झलकते निपल से चिपकी थी।
' नदीदे , भूखे , मिलेगी वो भी मिलेगी , लेकिन यार पहले ये काम तो निबटा दो। तुम बहुत अच्छे हो। "
५०० ग्राम मक्खन उसने लिथड़ दिया। और साथ में वो फोल्डर जो पहले गुड्डी के हाथ में था , पकड़ा दिया।
मॉडलिंग के लिए कांट्रॅक्ट का अग्रीमेंट था और उसमें ढेर सारी टर्म्स एंड कंडीशंस लिखी हुयी थी। आखिरी में चार पेज का एक कंसेंट फार्म भी था और एक रिज्यूमे भी लिखना था।
असली चीज तो दिखाई नहीं तूने , गुड्डी ने रंजी को हड़काया. और रंजी ने कुछ झिझकते लजाते , हिचकते वो सर्टिफिकेट ऐसा कागज़ मेरे हवाले कर दिया।
वाउ , मैं देखते ही उछल पड़ा , जो टीन जींस एक विदेशी कंपनी इंडियन मार्केट के लिए लांच करने वाली थी , उसके लिए उसे सेलेक्ट कर लिया गया था। और पहला फोटो शूट , बनारस में था १२ दिन बाद।
और उसे यंगेस्ट फ्रेश फेस टीन मॉडल का उन्होंने सर्टिफिकेट दिया था।
"असली चीज तो दिखा साल्ली कमीनी " गुड्डी ने हड़काया।
और रंजी ने उस सर्टिफिकेट के साथ इन्क्लोज् चेक दिखाया , ७५ ,००० का। और ये जैसे मैच में दिखाते हैं उस तरह का था , पैसा उन्होंने उसके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया था।
मैंने दुबारा वाउ किया और उसे पकड़ के बोला ,
हे कुछ मीठा हो जाय।
वो शायद दे भी देती , लेकिन गुड्डी ने उसे हड़काया।
" अरे मेरी नानी , ये तेरा और इसका लेन देन तो जिंदगी भर चलता रहेगा , अभी फेसबुक पे स्टेटस अपडेट करनी है और ये सब व्हाटसप पे पोस्ट करना है , तेरी सहेलियों की सुलगानी भी है। " और उसका हाथ खींचते हुए बाहर ले गयी।
सर्टिफिकेट वहीँ रह गया।
निकलते निकलते गुड्डी ने आँख मारी और मोबाइल की ओर इशारा किया।
मैं बड़ी जोर से मुस्कराया।
गुड्डी का मतलब मैं समझ गया था। असल में रंजी की जीत में ज्यादा हाथ गुड्डी का था और थोड़ा बहुत मेरे जंगबहादुर का।
दोपहर को जब दोनों जैसे ही गुड्डी रंजी फोटोशूट के लिए बाहर निकली थीं , गुड्डी का एक एस एम एस आया था , सिर्फ लिखा था , फ्रेशली फक्ड लुक।
और मैं सब बात समझ गया था , गुड्डी ने कुछ जुगाड़ कर के पता कर लिया था की जो टैलेंट स्काउट्स है और मॉडल फोटोग्राफर , वो फ्रेशली फक्ड लुक चाहते है।
बस।
और जींस में तो असली चीज पिछवाड़ा होती है। तो बस गुड्डी की प्लानिंग ,मैंने रंजी की हचक के चलने के ठीक पहले गांड मारी और मेरी उँगलियों ने उसे तीन चार बार झाड़ दिया था।
जल्दी के चक्कर में गुड्डी ने गांड से मलाई निकलने भी नहीं दी थी।
आधी जंग तो यही जीत ली गयी।
और उसके बाद रंजी की अदाएं और उसके फोटोजेनिक एंगल। कोई भी उसको मना नहीं कर सकता था।
लेकिन असली बात ये थी की रंजी में वो सारी बाते थी जो एक माडल में होनी चाहिए।
सबसे पहली चीज हाइट थी , असल में मॉडल के लिए हाइट ५-८ या ५ -९ माँगते है , रंजी की हाइट उत्ती तो नहीं थी लेकिन उससे एकाध इंच ही कम होगी। अपने क्लास की लड़कियों से कम से कम तीन चार इंच तो बड़ी थी ही। और उसका बाड़ी स्ट्रक्चर ऐसा था की लम्बी लगती भी थी एकदम सुरु के पेड़ की तरह।
अगर हाइट में उसे १० में ७.५ /८ मिलते तो बाकी चीजों में उसका १० में दस मिलना तय था।
दूसरी चीज मॉडल के साथ हैं बाल , वो असल में रेशमी , चिकने और ड्राई होने चाहिए जिन्हे जो भी शेप देना हो दिया जा सके। और इस मामले में रंजी का कोई मुकाबला नहीं।
तीसरी चीज है ग्लोइंग और अनब्लेमिश्ड स्किन और उस में में भी रंजी को १० में १० नंबर मिलते। बिना किसी मेकअप के भी उसकी त्वचा चमकती रहती थी ,और छूने में हाथ फिसलता था जैसे रेशम।
बोन स्ट्रक्चर और स्लिम फिगर उसकी चौथी ताकत थी , जिसे मॉडलिंग एजेंसी देखती हैं।
और तीन बाते ऐसी थी जिसमे उसे १० में से ११ मिलना तय था , एक तो फोटोजेनिक फेस दूसरा नेचरुल ऐंगल्स। बिना किसी ट्रेनिंग के उसे मालूम था की किस पोज उसका असर मैक्सिमम होगा ,उसकी बॉडी की क्या स्ट्रेंथ है सब उसे मालूम था। और तीसरी बात ऐटिट्यूड।
लेकिन सबसे बड़ी बात होती है मौका मिलने की और ये मौका उसे मिल गया था और उसे अब दोनों हाथों से उसे पकड़ लेना था।
किसी मंझोले किस्म के शहर की लड़की के लिए मॉडलिंग का करियर सोचना ही मुश्किल होता है और फिर फोटोग्राफर , पोर्टफोलियो , ब्रेक और ये सब उसे मिल गए।
सर्टिफिकट मैंने ध्यान से देखा तो पता चला वो सिर्फ जींस वाली कंपनी ही नहीं थी , बल्कि इंटरनेशनल स्काउटिंग एजेंसी भी साथ साथ थी जिसने उसे अप्रूव किया था.
कहते हैं चोर चोरी से जाता है , हेराफेरी से नहीं।
बस वही बात , हैकिंग की आदत और मैंने उस कंपनी और टैलेंट स्काउटिंग कंपनी की साइट खोल दी।
दोनों ही बड़ी कम्पनी थीं और अभी हिन्दुस्तान में घुसने की कोशिश कर रही थीं।
अभी ढेर सारे सेक्टर्स में ४९% फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट परमिट हो गया और कुछ में तो ७०-८० % तक , बस उसी के असर से उन्होंने मार्केटिंग रिसर्च करवाई और ये पता चला की टियर १ और २ शहर तो आलमोस्ट सेचुरेट हो चुके हैं लेकिन अभी भी डीप मार्केटिंग पेन्ट्रेशन से कुछ हो सकता है।
मैं आगे कुछ पढता की धूम धड़ाके से रंजी ने एंट्री मारी , और घुसते ही सीधे उसके गर्मागर्म दहकते होंठ मेरे होंठों पे ,
दो मिनट तक उसने दबा के रखा , चूमती रही , चूसती रही और जैसे मैं बात आगे बढ़ाऊं , उसने झटाक से करेंट काट दिया।
और आँख नचा के बोली , " हो तो तुम सरकारी आदमी ही , बिना घूस के तो काम करोगे नहीं वो भी एडवांस , इसलिए ,… "
" और मेरी मिठाई , " मेरी निगाह उसके टॉप फाडू उरोजों से और झलकते निपल से चिपकी थी।
' नदीदे , भूखे , मिलेगी वो भी मिलेगी , लेकिन यार पहले ये काम तो निबटा दो। तुम बहुत अच्छे हो। "
५०० ग्राम मक्खन उसने लिथड़ दिया। और साथ में वो फोल्डर जो पहले गुड्डी के हाथ में था , पकड़ा दिया।
मॉडलिंग के लिए कांट्रॅक्ट का अग्रीमेंट था और उसमें ढेर सारी टर्म्स एंड कंडीशंस लिखी हुयी थी। आखिरी में चार पेज का एक कंसेंट फार्म भी था और एक रिज्यूमे भी लिखना था।
मॉडलिंग कांट्रेक्ट
मॉडलिंग के लिए कांट्रॅक्ट का अग्रीमेंट था और उसमें ढेर सारी टर्म्स एंड कंडीशंस लिखी हुयी थी। आखिरी में चार पेज का एक कंसेंट फार्म भी था और एक रिज्यूमे भी लिखना था।
" साइन कर के , स्कैन कर के एक घंटे के अंदर भेजना था लेकिन वो जो तेरी चहेती है बनारस वाली , बाँकी हिरनिया , उस कमीनी के चक्कर में मैं भूल ही गयी थी खाली बैठ के फेसबुक पे स्टेट्स अपडेट करती रही।
जानते हो दिया तो ,साली जल के कबाब हो गयी।
लेकिन प्लीज कर दो न अब सिर्फ ४० मिनट बचे है। तुम भले बाकी मामलों में बुद्धू हो , लेकिन पढ़ने लिखने में तो तेज हो ही। झट से पढ़ लो और आखिर में जहाँ जो भी लिखना हो लिख देना बस मैं अपने कोमल कोमल हाथों से कोमलता से साइन कर दूंगी। "
आँख नचा के रंजी भोलेपन से बोली।
लेकिन ये लाइफ लांग फैसला था , मैंने पूछा ,
" यार , ये एक बार की बात नहीं कम से कम साल भर का होगा और एक बार चल गयी तो हरदम , मम्मी से पुछा की नहीं? "
" तू भी ना यार , पूछा था। उन्होंने भी तेरे ऊपर टाल दिया। कहा , मुझे क्या मालूम इन सब के बारे में , और मैं तुमसे पूछ लूँ जो तुम कहो वैसे कर दूँ। "
मेरे गाल से अपने कोमल गाल रगड़ते वो बोली।
मन तो मेरा कह रहा था की कह दूँ चल पहले मिठाई खिला लेकिन सामने दीवाल पर लटकी टिकटिक रानी चिल्ला रही थी टाइम कम है और काम सीरियस है।
" चल तू भी क्या याद करेगी , आधे घंटे में आ जाना " फोल्डर खोलते मैं बोला।
" तू भी न झक्कास है यार , उस बनारस वाली की किस्मत अच्छी है जो तू उसके पल्ले पड़ा। वैसे भी मुझे अभी व्हाट्सऐप पे सब गिफ्ट डालनी थी। "
निकलते समय दरवाजे के पास खड़े हो के उसने जबरदस्त पोज मारी और पुछा , चाय चलेगी।
' नेकी और पूछ पूछ , लेकिन तेरे ऐसी हाट होनी चाहिए " फोल्डर पढ़ते मैंने बोला।
" ओ के मिलते हैं ब्रेक के बाद " और वो उड़न परी उड़न छू हो गयी।
और मैं उस कॉन्ट्रैक्ट के अंदर धंस लिया।
मुझे अंदाज था की जो खतरे वाली बातें होंगी ,वो आखिरी पेजों पे होगीं या फॉण्ट साइज ८ वाले टर्म्स और कंडीशंस में।
और कई बाते मिलीं भी।
दो बार मैंने उसे शुरू से अंत तक पढ़ा , और पहली बात ये थी की इसमें एक में दो कांट्रैक्ट थे।
एक तो जींस वाली कंपनी का , और दूसरा उस इंटरनेशनल मॉडलिंग एजेंसी का , जिसके टैलेंट स्काउट और फोटोग्राफर फोटो शूट में थे।
मॉडलिंग एजेंसी के जरिये ही जींस वाली कंपनी का कांट्रेक्ट लागू होना था। और इसमें एक साल का रिटेनर था। ९ महीने के बाद म्यूचुअली अग्रिड टर्म्स पर कांट्रेक्ट या तो एक्सटेंड होता या टर्मिनेट होता।
इस पीरियड में वह किसी और जींस , लेगिंग या बॉटम वियर या किसी और ऐसे प्रॉड्कट के लिए ऐड , मॉडलिंग नहीं कर सकती थी।
इसके अलावा भी अगर किसी और प्रॉड्कट के लिए मॉडलिंग करनी होगी तो उसी एजेंसी के जरिये ही करनी होगी।
अगर टाइम की कोई कॉन्फ्लिक्ट होगी तो सबसे पहले रंजी को जींस की कंपनी को टाइम देना होगा।
मॉडलिंग कंपनी की शर्ते फाइनेंसियल ज्यादा थीं , उसके अनुसार जो भी पहले साल का पेमेंट होगा वो एजेंसी के थ्रू ही होगा और एजेंसी उसमे से २०% कमीशन काटेगी।
लेकिन अगर उस जींस की कंपनी के अलावा कोई और कंपनी है , तो यह राशि २५ % होगी।
अगर उस कंपनी ने रंजी से सीधे सम्पर्क किया है तो एजेंसी सिर्फ २५ % काटेगी , लेकिन अगर उस प्रॉड्कट का काम एजेंसी ने दिलवाया है तो पहले ६ महीने के पेमेंट में १५% प्रोमोशन चार्ज यानी कुल मिलाकर ४०% काटेगी।
इसके अलावा एजेंसी बाड़ी ट्रेनिंग किट , ट्रेनर , बाड़ी स्कल्पटिंग , डाइटसियन इत्यादि का भी अरेंजमंट करेगी , जिसके लिए वह ४% पूरे साल की आमदनी या ४ लाख काम से काम चार्ज करेगी। रंजी को डाइट , ट्रेनिंग , फिगर ,वेट इत्यादि के सारे रूल्स मानने होंगे।
मॉडलिंग एजेंसी , रंजी के लिए एक्सक्ल्यूसिव मैनेजर होगी , मॉडलिंग , एड्स और इंटरटेनमेंट के लिए।
एजेंसी , रंजी के लिए फैशन फोटोग्राफर से पोर्टफोलियो तैयार करवाएगी , जिसके लिए वो ४, लाख अलग से साल भर का , चार किश्तों में चार्ज करेगी। लेकिन पहली किश्त वो तभी लेगी जब उसके दो सक्सेसफुल शूट हो जाएंगे।
जींस वाली कम्पनी के भी नियम सख्त थे। पहला शूट बनारस में होगा १२ दिन के बाद , उस में ४ दिन उसे शूटिंग टीम के साथ रहना होगा।
उस के रिजल्ट अप्रेल में आ जाएंगे। उस के बाद के ६ शूट के शेड्यूल उसे दे दिये जाएंगे।
हर शूट के लिए उस ५-६ दिन के लिए शूटिंग की जगह रहना होगा , होटल, फ्लाइट ट्रांसपोर्ट और बाकी सारे इन्सिडेंटल कंपनी की जिम्मेदारी होगी।
इन शूटिंग में उसे अकेले , और मेल मॉडल्स दोनों के साथ शूट करना होगा। सारे फोटोग्राफ्स , शूट मटेरियल ,कंपनी प्रॉपर्टी होंगे और कंपनी उस का जिस तरह चाहे इस्तेमाल कर सकती है।
रंजी का किसी भी चीज पर कापी राइट नहीं होगा। किसी भी मामले में शूटिंग कोऑर्डिनेटर का डिसिजन फाइनल होगा।
साल में २१ दिन वह छुट्टी ले सकती है लेकिन उसके लिए उसे कम से कम दो महीने पहले बताना होगा।
६ महीने के बाद अगर कंपनी चाहेगी तो रंजी को किसी मेट्रोपोलिस में रिलोकेट करना होगा और रिलोकशन चार्जेज कंपनी देगी।
आउटडोर शूट के अलावा , प्रॉडक्ट प्लेसमेंट के किसी भी तरीके के लिए कम्पनी उस का इस्तेमाल कर सकती है।
बनारस की शूटिंग के लिए उसे १ लाख मिलेगा।
लेकिन उसके बाद हर शूट के लिए उसे ४ लाख , ज्वाइनिंग बोनस १ लाख और हर महीने ७५,००० रिटेनरशिप मिलेगी। इसके अलावा मेकअप , ड्रेसज , ट्रेनिंग के लिए हर ६ महीने में लम्प सम एक फोटो शूट के बराबर पेमेंट मिलेगा।
एक रिपुटेड कंपनी का सब कुछ कवर करने वाला मेडिकल इन्स्योरेंस होगा ज्सिका पीरियड तब तक रहेगा , जब तक वह उस कंपनी के लिए मॉडलिंग करेगी।
एक बार मैंने फिर देखा , कंडीशन टफ थी लेकिन पेमेंट कंडीशंस अच्छी थी और ये जानी हुयी बात है की मॉडलिंग की दुनिया है ही बहुत कट थ्रोट।
लेकिन दो बातें अभी बाकी थी ,एक तो बिटवीन द लाइंस , अलिखित शर्तें , और दूसरी उस से भी बड़ी बात , अग्रीमेंट अभी फाइनल नहीं था। रंजी को अपना रिज्यूमे भरना था और बहुत सी बातें लिखनी थी और उसे मेल किया जाना था।
कंपनी का मैनेजमेंट उसे एक्जामिन कर के एक घंटे में फाइनल एक्सेपेटेंस लेटर मेल करता या कुछ और इंक्वायरीज करता।
अब मैंने बिटवीन द लाइंस सोचना और ढूंढ़ना शुरू कर दिया।
मॉडलिंग के लिए कांट्रॅक्ट का अग्रीमेंट था और उसमें ढेर सारी टर्म्स एंड कंडीशंस लिखी हुयी थी। आखिरी में चार पेज का एक कंसेंट फार्म भी था और एक रिज्यूमे भी लिखना था।
" साइन कर के , स्कैन कर के एक घंटे के अंदर भेजना था लेकिन वो जो तेरी चहेती है बनारस वाली , बाँकी हिरनिया , उस कमीनी के चक्कर में मैं भूल ही गयी थी खाली बैठ के फेसबुक पे स्टेट्स अपडेट करती रही।
जानते हो दिया तो ,साली जल के कबाब हो गयी।
लेकिन प्लीज कर दो न अब सिर्फ ४० मिनट बचे है। तुम भले बाकी मामलों में बुद्धू हो , लेकिन पढ़ने लिखने में तो तेज हो ही। झट से पढ़ लो और आखिर में जहाँ जो भी लिखना हो लिख देना बस मैं अपने कोमल कोमल हाथों से कोमलता से साइन कर दूंगी। "
आँख नचा के रंजी भोलेपन से बोली।
लेकिन ये लाइफ लांग फैसला था , मैंने पूछा ,
" यार , ये एक बार की बात नहीं कम से कम साल भर का होगा और एक बार चल गयी तो हरदम , मम्मी से पुछा की नहीं? "
" तू भी ना यार , पूछा था। उन्होंने भी तेरे ऊपर टाल दिया। कहा , मुझे क्या मालूम इन सब के बारे में , और मैं तुमसे पूछ लूँ जो तुम कहो वैसे कर दूँ। "
मेरे गाल से अपने कोमल गाल रगड़ते वो बोली।
मन तो मेरा कह रहा था की कह दूँ चल पहले मिठाई खिला लेकिन सामने दीवाल पर लटकी टिकटिक रानी चिल्ला रही थी टाइम कम है और काम सीरियस है।
" चल तू भी क्या याद करेगी , आधे घंटे में आ जाना " फोल्डर खोलते मैं बोला।
" तू भी न झक्कास है यार , उस बनारस वाली की किस्मत अच्छी है जो तू उसके पल्ले पड़ा। वैसे भी मुझे अभी व्हाट्सऐप पे सब गिफ्ट डालनी थी। "
निकलते समय दरवाजे के पास खड़े हो के उसने जबरदस्त पोज मारी और पुछा , चाय चलेगी।
' नेकी और पूछ पूछ , लेकिन तेरे ऐसी हाट होनी चाहिए " फोल्डर पढ़ते मैंने बोला।
" ओ के मिलते हैं ब्रेक के बाद " और वो उड़न परी उड़न छू हो गयी।
और मैं उस कॉन्ट्रैक्ट के अंदर धंस लिया।
मुझे अंदाज था की जो खतरे वाली बातें होंगी ,वो आखिरी पेजों पे होगीं या फॉण्ट साइज ८ वाले टर्म्स और कंडीशंस में।
और कई बाते मिलीं भी।
दो बार मैंने उसे शुरू से अंत तक पढ़ा , और पहली बात ये थी की इसमें एक में दो कांट्रैक्ट थे।
एक तो जींस वाली कंपनी का , और दूसरा उस इंटरनेशनल मॉडलिंग एजेंसी का , जिसके टैलेंट स्काउट और फोटोग्राफर फोटो शूट में थे।
मॉडलिंग एजेंसी के जरिये ही जींस वाली कंपनी का कांट्रेक्ट लागू होना था। और इसमें एक साल का रिटेनर था। ९ महीने के बाद म्यूचुअली अग्रिड टर्म्स पर कांट्रेक्ट या तो एक्सटेंड होता या टर्मिनेट होता।
इस पीरियड में वह किसी और जींस , लेगिंग या बॉटम वियर या किसी और ऐसे प्रॉड्कट के लिए ऐड , मॉडलिंग नहीं कर सकती थी।
इसके अलावा भी अगर किसी और प्रॉड्कट के लिए मॉडलिंग करनी होगी तो उसी एजेंसी के जरिये ही करनी होगी।
अगर टाइम की कोई कॉन्फ्लिक्ट होगी तो सबसे पहले रंजी को जींस की कंपनी को टाइम देना होगा।
मॉडलिंग कंपनी की शर्ते फाइनेंसियल ज्यादा थीं , उसके अनुसार जो भी पहले साल का पेमेंट होगा वो एजेंसी के थ्रू ही होगा और एजेंसी उसमे से २०% कमीशन काटेगी।
लेकिन अगर उस जींस की कंपनी के अलावा कोई और कंपनी है , तो यह राशि २५ % होगी।
अगर उस कंपनी ने रंजी से सीधे सम्पर्क किया है तो एजेंसी सिर्फ २५ % काटेगी , लेकिन अगर उस प्रॉड्कट का काम एजेंसी ने दिलवाया है तो पहले ६ महीने के पेमेंट में १५% प्रोमोशन चार्ज यानी कुल मिलाकर ४०% काटेगी।
इसके अलावा एजेंसी बाड़ी ट्रेनिंग किट , ट्रेनर , बाड़ी स्कल्पटिंग , डाइटसियन इत्यादि का भी अरेंजमंट करेगी , जिसके लिए वह ४% पूरे साल की आमदनी या ४ लाख काम से काम चार्ज करेगी। रंजी को डाइट , ट्रेनिंग , फिगर ,वेट इत्यादि के सारे रूल्स मानने होंगे।
मॉडलिंग एजेंसी , रंजी के लिए एक्सक्ल्यूसिव मैनेजर होगी , मॉडलिंग , एड्स और इंटरटेनमेंट के लिए।
एजेंसी , रंजी के लिए फैशन फोटोग्राफर से पोर्टफोलियो तैयार करवाएगी , जिसके लिए वो ४, लाख अलग से साल भर का , चार किश्तों में चार्ज करेगी। लेकिन पहली किश्त वो तभी लेगी जब उसके दो सक्सेसफुल शूट हो जाएंगे।
जींस वाली कम्पनी के भी नियम सख्त थे। पहला शूट बनारस में होगा १२ दिन के बाद , उस में ४ दिन उसे शूटिंग टीम के साथ रहना होगा।
उस के रिजल्ट अप्रेल में आ जाएंगे। उस के बाद के ६ शूट के शेड्यूल उसे दे दिये जाएंगे।
हर शूट के लिए उस ५-६ दिन के लिए शूटिंग की जगह रहना होगा , होटल, फ्लाइट ट्रांसपोर्ट और बाकी सारे इन्सिडेंटल कंपनी की जिम्मेदारी होगी।
इन शूटिंग में उसे अकेले , और मेल मॉडल्स दोनों के साथ शूट करना होगा। सारे फोटोग्राफ्स , शूट मटेरियल ,कंपनी प्रॉपर्टी होंगे और कंपनी उस का जिस तरह चाहे इस्तेमाल कर सकती है।
रंजी का किसी भी चीज पर कापी राइट नहीं होगा। किसी भी मामले में शूटिंग कोऑर्डिनेटर का डिसिजन फाइनल होगा।
साल में २१ दिन वह छुट्टी ले सकती है लेकिन उसके लिए उसे कम से कम दो महीने पहले बताना होगा।
६ महीने के बाद अगर कंपनी चाहेगी तो रंजी को किसी मेट्रोपोलिस में रिलोकेट करना होगा और रिलोकशन चार्जेज कंपनी देगी।
आउटडोर शूट के अलावा , प्रॉडक्ट प्लेसमेंट के किसी भी तरीके के लिए कम्पनी उस का इस्तेमाल कर सकती है।
बनारस की शूटिंग के लिए उसे १ लाख मिलेगा।
लेकिन उसके बाद हर शूट के लिए उसे ४ लाख , ज्वाइनिंग बोनस १ लाख और हर महीने ७५,००० रिटेनरशिप मिलेगी। इसके अलावा मेकअप , ड्रेसज , ट्रेनिंग के लिए हर ६ महीने में लम्प सम एक फोटो शूट के बराबर पेमेंट मिलेगा।
एक रिपुटेड कंपनी का सब कुछ कवर करने वाला मेडिकल इन्स्योरेंस होगा ज्सिका पीरियड तब तक रहेगा , जब तक वह उस कंपनी के लिए मॉडलिंग करेगी।
एक बार मैंने फिर देखा , कंडीशन टफ थी लेकिन पेमेंट कंडीशंस अच्छी थी और ये जानी हुयी बात है की मॉडलिंग की दुनिया है ही बहुत कट थ्रोट।
लेकिन दो बातें अभी बाकी थी ,एक तो बिटवीन द लाइंस , अलिखित शर्तें , और दूसरी उस से भी बड़ी बात , अग्रीमेंट अभी फाइनल नहीं था। रंजी को अपना रिज्यूमे भरना था और बहुत सी बातें लिखनी थी और उसे मेल किया जाना था।
कंपनी का मैनेजमेंट उसे एक्जामिन कर के एक घंटे में फाइनल एक्सेपेटेंस लेटर मेल करता या कुछ और इंक्वायरीज करता।
अब मैंने बिटवीन द लाइंस सोचना और ढूंढ़ना शुरू कर दिया।
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