FUN-MAZA-MASTI
भैया यह सब मत करो.. मुझे डर लगता है
बात उन दिनों की है जब मैं बी.कॉम फर्स्ट ईअर में था… उस टाइम मेरे समर वेकेशन्स शुरु हुए थे तो मेरा मन नहीं लग रहा था तो मैंने मम्मी से कह कर अपनी मौसी के घर जाने की बात कही तो मम्मी ने हाँ कर दी।
मैने अपनी मौसेरी बहन पलक को अपने आने का बताया तो सुन कर मेरी बहन भी काफ़ी खुश हुई…
मेरी बहन का नाम पलक(बदला हुआ नाम) है… हम दोनों बचपन से काफ़ी फ़्रैंक थे… हम लोग हर चीज़ शेयर करते थे एक दूसरे से.. मेरे मौसी के घर में तीन बेडरूम हैं जिनमें दो बेडरूम अटैच हैं और एक अलग…
मैंने कभी अपने बहन के बारे में उल्टा नहीं सोचा था…
एक बार पलक नहाने गई बाथरूम में और बाथरूम में घुसने के बाद उसने मुझे आवाज़ दी शैम्पू पकड़ाने के लिए.. उस टाइम घर पर कोई नहीं था.. मौसा जी और मौसी जी दोनों ऑफ़िस गये हुए थे और पलक की छोटी बहन स्कूल गई हुई थी।
मैं उसे शैम्पू देने गया तो वो तौलिया लपेटी हुई थी, मैंने पहली बार अपनी बहन को ऐसे अधनंगी देखा था।
मैं वापस चला गया पर मेरे से ये सब देख कर बर्दाश्त नहीं हो रहा था.. मेरे मन में उल्टे सीधे ख़याल आने लगे थे।
फिर पलक नहा कर अपने रूम चली गई और बाल झाड़ने लगी। फिर हम दोनों बैठ कर टीवी देखने लगे… मैंने पलक को बहाने से छूने का एक भी मौका नहीं छोड़ा..फिर हम दोनों खाना खाते वक्त टीवी देखने लगे… खाना खाने के बाद हम दोनों एक ही बेड पर लेट गये कर टीवी देखने लगे..
अचानक मैंने चैनल बदला तो एक बहुत ही अडल्ट गाना चल गया टीवी पर जिसमें लड़का लड़की के ऊपर चढ़ कर किस कर रहा था। पलक ने कहा- क्या देख रहे हो…?
मैंने कहा- कितना अच्छा गाना है… तुम्हें नहीं देखना तो सो जाओ!
मैं वही गाना देखता रहा।
मैंने तिरछी नज़रों से देखा तो पलक भी टी वी देख रही थी। फिर वो सो गई और मैं टीवी देखता रहा। पलक ने शॉर्ट स्कर्ट और स्लीवेलेस टॉप पहनी थी… वो पूरी नींद में थी.. मेरी नियत डोलने लगी.. पलक गहरी नींद में होने के कारण उसका स्कर्ट घुटने से पूरी ऊपर उठ चुकी थी… मैं उसकी नंगी टांगें देखता ही रह गया.. पलक की जाँघ दूध सी गोरी थी।
मैं पलक को धीरे से लिप्स पे किस करने लगा.. मुझे लगा कि मैं जन्नत में हूँ.. फिर मैंने उसकी गोल चूचियों को छुआ, उसकी चूचियाँ बहुत ही कड़क थी.. 32″ की थी, मैंने उससे बाद में पूछा था। मैंने अपना पूरा हाथ चूची पे रख दिया और धीरे धीरे दबाने लगा.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
फिर मैंने उसका टॉप उठा दिया और चूचियों को धीरे से चूसने लगा, उसने ब्रा नहीं पहनी थी… डर तो बहुत लग रहा था कि कहीं उठ गई तो क्या सोचेगी मेरे बारे में..
लेकिन क्या करूँ, मेरे से बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मेरा लंड पूरा तन चुका था, ऐसा लग रहा था कि कोई ड्रिलिंग मशीन हो!
मैं थोड़ा और ज़ोर से चूसने लगा और चूची को पूरा में लेने की कोशिश करने लगा… इतने में पलक ने हरकत की और मैं पलट कर सोने की एक्टिंग करने लगा.. फिर से उसके सोने के बाद मैं पलटा तो देखा कि पलक ने अपने दोनों टांगे फैला दी हैं।
मैं अंदर से बहुत खुश हुआ और सोचा कि पलक भी एक्साइटेड हो रही है.. फिर मैं नीचे सरका और पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लगा.. उसकी चूत के दर्शन के लिए मैं बेकरार था..
फिर मैंने धीरे से उसकी कच्छी उतारी.. मैं तो देखता ही रह गया… पलक की पूरी चूत एकदम साफ थी.. पलक ने शेव कर रखी थी अपनी चूत..
फिर अपने हाथ से मैं उसकी चूत सहलाने लगा… फिर मुंह से उसकी चूत को धीरे धीरे चाटने लगा..
पलक हरकत करने लगी थी.. उसके मुख से ‘अयाया… म्म्म्मन्न ओम्मन्न…’ की आवाज़ें आने लगी.. मैं समझ गया कि पलक भी यही चाहती है..
फिर क्या था, मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया।
पलक जाग चुकी थी.. और उठते ही उसने मेरा लण्ड देखा और इतना बड़ा लौड़ा देख कर डर गई वो… बोलने लगी- भैया यह सब मत करो.. मुझे डर लगता है…
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा, मैं धीरे धीरे करूँगा…
वो कुछ देर तक राज़ी नहीं हुई फिर मेरे बहुत मनाने के बाद वो मान गई…
मैंने पलक के सारे कपड़े उतार दिए, क्या बदन था पलक का… बहुत गोरी लचकती कमर.. सेक्सी जाँघें… मैं पूरा पागल हो गया था…
मैंने पलक को बेड पे लिटाया, फिर उसे पागल की तरह किस करने लगा, वो भी मेरा सहयोग करने लगी थी अब… मैंने पूरी चूची मुँह में ले ली… पलक पूरी पागल हो चुकी थी।
पलक- भैया…प्लीज़ कुछ करो मेरे से अब रहा नहीं जा रहा.. प्लीज़ कुछ करो!
मैंने झट से अपना लंड उसकी चूत पे रख दिया और रगड़ने लगा… वो और पागल होते जा रही थी.. फिर मैंने धीरे से अपने लंड उसकी चूत में डाला.. वो दर्द के मारे चिल्ला उठी- भैया प्लीज़ बाहर निकालो…प्लीज़्ज़ बहुत दर्द हो रहा ह…प्लीज़्ज़्ज़ !
मैंने फिर थोड़ा शांत रहने के बाद एक झटका दिया ज़ोर का और लंड पूरा अंदर चला गया… वो पूरा दर्द से पागल हो गई… उसके आँसू निकल गये… उसकी चूत से खून निकलने लगा.. उसकी यह पहली चुदाई थी…
फिर मैं धीरे धीरे अंदर-बाहर करने लगा.. वो दर्द के मारे चिल्ला री थी- …आहह आअह आअहह हमम्म… ममन्ण… ऊहह आआहह..
मैं करता रहा.. फिर थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा, फिर उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया… पलक की आवाज़ें सुन कर मैं और पागल हो रहा था- …म्म्मणन् म्म्म्मंणन् ऊऊहह हमम्मंणन…
पलक झड़ने वाली थी, उसने कहा- आई लव यू भैया… आप बहुत अच्छे हो… और करो.. और करो.. ज़ोर से… आआहह म्ममंणन हमम्न्न…
पलक दूसरी बार झड़ चुकी थी, मैंने अपनी रफ़्तार तेज़ की और ज़ोर जोर से करने लगा।
बीस मिनट के बाद मैं भी झड़ गया और पलक के ऊपर ही ढेर हो गया। फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे।
मौसा और मौसी जी का भी आने का टाईम हो चुका था… फिर हम दोनों एक साथ नहाने चले गये…..हम दोनों बिल्कुल नंगे थे… हनने शॉवर चला दिया… हम दोनों शॉवर के नीचे थे… मैंने पहले बहुत किस की पलक को… फिर मैंने पलक को डॉगी पोज़ में होने को कहा तो वो पूछने लगी- क्यूँ?
मैंने कहा- अब मैं तेरी गाण्ड मारूँगा…
तो वो मना करने लगी…
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा पलक घबराओ मत…
तब वो मान गई… मैंने बाथरूम में ही रखे कोकोनट आयल को उठाया और अपने लंड में लगा लिया और पलक की गाण्ड के छेद में भी लगा दिया.. इससे लंड आसानी से अंदर जाता…
फिर पलक डॉगी पोज़ में हुई और मैंने अपना लंड उसकी गांद के छेद में रख दिया.. पहले तो लंड जा नहीं रहा था क्यूंकि बहुत छोटी सी गाण्ड थी पलक की और टाइट भी..
फिर मैंने थोड़ा ज़ोर लगा कर धक्का लगाया तो लंड थोड़ा सा अंदर गया.. पलक दर्द से उछल गई.. उसने कहा- प्लीज़ मत करो भैया, बहुत दर्द हो रहा है… फिर मैंने एक और ज़ोर का झटका लगाया और लंड पूरा अंदर चला गया…
मैंने पलक को ज़ोर से पकड़ लिया.. फिर धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.. मैं अपने दोनों हाथों से पलक की चूचियाँ दबा रहा था और उसकी गाण्ड मार रहा था..
मैंने अपनी रफ़्तार तेज़ कर दी और पलक भी खूब मज़े लेकर चुदने लगी…
कुछ देर बाद मैं फिर झड़ गया और पलक के ऊपर ही गिर गया…
फिर हम दोनों नहा कर निकले और फ्रेश होकर टीवी देखने लगे।
फिर मौसा और मौसी जी भी आ गई… हम अब जब भी मौका मिलता है, सेक्स करते हैं।
भैया यह सब मत करो.. मुझे डर लगता है
बात उन दिनों की है जब मैं बी.कॉम फर्स्ट ईअर में था… उस टाइम मेरे समर वेकेशन्स शुरु हुए थे तो मेरा मन नहीं लग रहा था तो मैंने मम्मी से कह कर अपनी मौसी के घर जाने की बात कही तो मम्मी ने हाँ कर दी।
मैने अपनी मौसेरी बहन पलक को अपने आने का बताया तो सुन कर मेरी बहन भी काफ़ी खुश हुई…
मेरी बहन का नाम पलक(बदला हुआ नाम) है… हम दोनों बचपन से काफ़ी फ़्रैंक थे… हम लोग हर चीज़ शेयर करते थे एक दूसरे से.. मेरे मौसी के घर में तीन बेडरूम हैं जिनमें दो बेडरूम अटैच हैं और एक अलग…
मैंने कभी अपने बहन के बारे में उल्टा नहीं सोचा था…
एक बार पलक नहाने गई बाथरूम में और बाथरूम में घुसने के बाद उसने मुझे आवाज़ दी शैम्पू पकड़ाने के लिए.. उस टाइम घर पर कोई नहीं था.. मौसा जी और मौसी जी दोनों ऑफ़िस गये हुए थे और पलक की छोटी बहन स्कूल गई हुई थी।
मैं उसे शैम्पू देने गया तो वो तौलिया लपेटी हुई थी, मैंने पहली बार अपनी बहन को ऐसे अधनंगी देखा था।
मैं वापस चला गया पर मेरे से ये सब देख कर बर्दाश्त नहीं हो रहा था.. मेरे मन में उल्टे सीधे ख़याल आने लगे थे।
फिर पलक नहा कर अपने रूम चली गई और बाल झाड़ने लगी। फिर हम दोनों बैठ कर टीवी देखने लगे… मैंने पलक को बहाने से छूने का एक भी मौका नहीं छोड़ा..फिर हम दोनों खाना खाते वक्त टीवी देखने लगे… खाना खाने के बाद हम दोनों एक ही बेड पर लेट गये कर टीवी देखने लगे..
अचानक मैंने चैनल बदला तो एक बहुत ही अडल्ट गाना चल गया टीवी पर जिसमें लड़का लड़की के ऊपर चढ़ कर किस कर रहा था। पलक ने कहा- क्या देख रहे हो…?
मैंने कहा- कितना अच्छा गाना है… तुम्हें नहीं देखना तो सो जाओ!
मैं वही गाना देखता रहा।
मैंने तिरछी नज़रों से देखा तो पलक भी टी वी देख रही थी। फिर वो सो गई और मैं टीवी देखता रहा। पलक ने शॉर्ट स्कर्ट और स्लीवेलेस टॉप पहनी थी… वो पूरी नींद में थी.. मेरी नियत डोलने लगी.. पलक गहरी नींद में होने के कारण उसका स्कर्ट घुटने से पूरी ऊपर उठ चुकी थी… मैं उसकी नंगी टांगें देखता ही रह गया.. पलक की जाँघ दूध सी गोरी थी।
मैं पलक को धीरे से लिप्स पे किस करने लगा.. मुझे लगा कि मैं जन्नत में हूँ.. फिर मैंने उसकी गोल चूचियों को छुआ, उसकी चूचियाँ बहुत ही कड़क थी.. 32″ की थी, मैंने उससे बाद में पूछा था। मैंने अपना पूरा हाथ चूची पे रख दिया और धीरे धीरे दबाने लगा.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
फिर मैंने उसका टॉप उठा दिया और चूचियों को धीरे से चूसने लगा, उसने ब्रा नहीं पहनी थी… डर तो बहुत लग रहा था कि कहीं उठ गई तो क्या सोचेगी मेरे बारे में..
लेकिन क्या करूँ, मेरे से बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मेरा लंड पूरा तन चुका था, ऐसा लग रहा था कि कोई ड्रिलिंग मशीन हो!
मैं थोड़ा और ज़ोर से चूसने लगा और चूची को पूरा में लेने की कोशिश करने लगा… इतने में पलक ने हरकत की और मैं पलट कर सोने की एक्टिंग करने लगा.. फिर से उसके सोने के बाद मैं पलटा तो देखा कि पलक ने अपने दोनों टांगे फैला दी हैं।
मैं अंदर से बहुत खुश हुआ और सोचा कि पलक भी एक्साइटेड हो रही है.. फिर मैं नीचे सरका और पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लगा.. उसकी चूत के दर्शन के लिए मैं बेकरार था..
फिर मैंने धीरे से उसकी कच्छी उतारी.. मैं तो देखता ही रह गया… पलक की पूरी चूत एकदम साफ थी.. पलक ने शेव कर रखी थी अपनी चूत..
फिर अपने हाथ से मैं उसकी चूत सहलाने लगा… फिर मुंह से उसकी चूत को धीरे धीरे चाटने लगा..
पलक हरकत करने लगी थी.. उसके मुख से ‘अयाया… म्म्म्मन्न ओम्मन्न…’ की आवाज़ें आने लगी.. मैं समझ गया कि पलक भी यही चाहती है..
फिर क्या था, मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया।
पलक जाग चुकी थी.. और उठते ही उसने मेरा लण्ड देखा और इतना बड़ा लौड़ा देख कर डर गई वो… बोलने लगी- भैया यह सब मत करो.. मुझे डर लगता है…
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा, मैं धीरे धीरे करूँगा…
वो कुछ देर तक राज़ी नहीं हुई फिर मेरे बहुत मनाने के बाद वो मान गई…
मैंने पलक के सारे कपड़े उतार दिए, क्या बदन था पलक का… बहुत गोरी लचकती कमर.. सेक्सी जाँघें… मैं पूरा पागल हो गया था…
मैंने पलक को बेड पे लिटाया, फिर उसे पागल की तरह किस करने लगा, वो भी मेरा सहयोग करने लगी थी अब… मैंने पूरी चूची मुँह में ले ली… पलक पूरी पागल हो चुकी थी।
पलक- भैया…प्लीज़ कुछ करो मेरे से अब रहा नहीं जा रहा.. प्लीज़ कुछ करो!
मैंने झट से अपना लंड उसकी चूत पे रख दिया और रगड़ने लगा… वो और पागल होते जा रही थी.. फिर मैंने धीरे से अपने लंड उसकी चूत में डाला.. वो दर्द के मारे चिल्ला उठी- भैया प्लीज़ बाहर निकालो…प्लीज़्ज़ बहुत दर्द हो रहा ह…प्लीज़्ज़्ज़ !
मैंने फिर थोड़ा शांत रहने के बाद एक झटका दिया ज़ोर का और लंड पूरा अंदर चला गया… वो पूरा दर्द से पागल हो गई… उसके आँसू निकल गये… उसकी चूत से खून निकलने लगा.. उसकी यह पहली चुदाई थी…
फिर मैं धीरे धीरे अंदर-बाहर करने लगा.. वो दर्द के मारे चिल्ला री थी- …आहह आअह आअहह हमम्म… ममन्ण… ऊहह आआहह..
मैं करता रहा.. फिर थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा, फिर उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया… पलक की आवाज़ें सुन कर मैं और पागल हो रहा था- …म्म्मणन् म्म्म्मंणन् ऊऊहह हमम्मंणन…
पलक झड़ने वाली थी, उसने कहा- आई लव यू भैया… आप बहुत अच्छे हो… और करो.. और करो.. ज़ोर से… आआहह म्ममंणन हमम्न्न…
पलक दूसरी बार झड़ चुकी थी, मैंने अपनी रफ़्तार तेज़ की और ज़ोर जोर से करने लगा।
बीस मिनट के बाद मैं भी झड़ गया और पलक के ऊपर ही ढेर हो गया। फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे।
मौसा और मौसी जी का भी आने का टाईम हो चुका था… फिर हम दोनों एक साथ नहाने चले गये…..हम दोनों बिल्कुल नंगे थे… हनने शॉवर चला दिया… हम दोनों शॉवर के नीचे थे… मैंने पहले बहुत किस की पलक को… फिर मैंने पलक को डॉगी पोज़ में होने को कहा तो वो पूछने लगी- क्यूँ?
मैंने कहा- अब मैं तेरी गाण्ड मारूँगा…
तो वो मना करने लगी…
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा पलक घबराओ मत…
तब वो मान गई… मैंने बाथरूम में ही रखे कोकोनट आयल को उठाया और अपने लंड में लगा लिया और पलक की गाण्ड के छेद में भी लगा दिया.. इससे लंड आसानी से अंदर जाता…
फिर पलक डॉगी पोज़ में हुई और मैंने अपना लंड उसकी गांद के छेद में रख दिया.. पहले तो लंड जा नहीं रहा था क्यूंकि बहुत छोटी सी गाण्ड थी पलक की और टाइट भी..
फिर मैंने थोड़ा ज़ोर लगा कर धक्का लगाया तो लंड थोड़ा सा अंदर गया.. पलक दर्द से उछल गई.. उसने कहा- प्लीज़ मत करो भैया, बहुत दर्द हो रहा है… फिर मैंने एक और ज़ोर का झटका लगाया और लंड पूरा अंदर चला गया…
मैंने पलक को ज़ोर से पकड़ लिया.. फिर धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.. मैं अपने दोनों हाथों से पलक की चूचियाँ दबा रहा था और उसकी गाण्ड मार रहा था..
मैंने अपनी रफ़्तार तेज़ कर दी और पलक भी खूब मज़े लेकर चुदने लगी…
कुछ देर बाद मैं फिर झड़ गया और पलक के ऊपर ही गिर गया…
फिर हम दोनों नहा कर निकले और फ्रेश होकर टीवी देखने लगे।
फिर मौसा और मौसी जी भी आ गई… हम अब जब भी मौका मिलता है, सेक्स करते हैं।
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