FUN-MAZA-MASTI
ठरकी की लाइफ में ..9
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अब आगे
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और अब प्राची उसके लंड के साथ-2 उसकी बॉल्स को भी चाट पा रही थी...
और बॉल्स को चूसना और चाटना प्राची की स्पेशॅलिटी थी...अजय जानता था की ये काम उससे अच्छा कोई और कर ही नही सकता इस दुनिया में ...
अजय ने आँखे मूंद ली और वो रिया को इमेजिन करने लगा...क्योंकि सुबह से वही उसके दिमाग़ पर कब्जा जमाए हुए थी, इसलिए उसे फिर से अपनी बंद आँखो के पीछे बुलाना मुश्किल नही था...अब माहौल ये था की लंड तो प्राची चूस रही थी उसका, पर वो बंद आँखो से ये महसूस कर रहा था की रिया चूस रही है इस वक़्त वो लंड..
अजय का लंड अब पूरी तरह से तैयार था...उसने अपनी आँखे खोल दी..और उसने प्राची को उपर की तरफ खींचकर नंगी होने का आदेश दिया, यानी चुदाई का वक़्त आ गया था..
प्राची खड़ी हुई और उसने अपनी सलवार निकाल दी...और अँग्रेज़ी फिल्मों की तरह अपनी गांड अजय की तरफ करके अपनी पेंटी भी उतार दी...और नीचे झुकने के बाद वो अपनी गोल मटोल गांड लेकर कुछ देर तक उसी पोज़ में खड़ी भी रही...
अजय उसकी मांसल गांड को देखकर अपने लंड को रगड़ता रहा तब तक..
और बोला : "अब आ भी जा प्राची....कम ऑन ....''
प्राची उसकी तरफ पलटी,पूरी नंगी...
और धीरे-2 चलती हुई उसके करीब आई..
और तभी उनके रंग मे भंग डालते हुए बाहर की डोर बेल ज़ोर-2 से बजने लगी..
दोनो के चेहरे पर गुस्सा आ गया..
प्राची : "उफ़फ्फ़ इस वक़्त कौन आ गया....ईडियट...''
अजय ने फ़ौरन अपने लंड को वापिस पेंट के अंदर ठूसा और प्राची ने भी अपने फेले हुए कपड़े लिए और बाथरूम की तरफ भागी और बोली : "आप प्लीज़ देखो ना कौन है...और हो सके तो बाहर से ही टरका देना,चाहे जो भी हो...''
आख़िर उसकी चूत में भी तो आग लगी हुई थी इस वक़्त..
अजय भी झुंझलाते हुए दरवाजे तक गया, तब तक बेल लगातार बजती ही जा रही थी..
अजय : "अरे आ रहा हू बाबा...रूको एक मिनट ...''
अजय ने दरवाजा खोला तो उसका सारा गुस्सा एक ही पल में गायब हो गया...बाहर रिया खड़ी थी.
अजय : "अरे...रिया तुम.....आओ अंदर आओ...''
पिंक कलर के सूट में वो कमाल की लग रही थी
रिया : "मैने दीदी को बोला था की जैसे ही जीजू आए तो मुझे बता देना...वो तो मैने आपकी कार देख ली बाहर खड़े हुए,तब पता चला मुझे की आप आ चुके हो ...''
अजय ने अपने चेहरे पर फिर से वही नाराज़गी वाले एक्स्प्रेशन लगा दिए..और दरवाजा बंद करके उसकी बात का जवाब दिए बिना ही अंदर आ गया..
रिया समझ गयी की उसके जीजू अभी तक नाराज़ है...
रिया (बड़े ही प्यार भरे स्वर मे) : "जीजू...वो मैं क्या कह रही थी...की ....मुझे माफ़ कर दो प्लीज़...सुबह वाली बात के लिए...''
अजय (नाटक करते हुए) : "कौनसी बात ...मुझे तो कोई बात याद भी नही है...''
अजय ने बड़े सपाट स्वर में उसे देखे बिना ये बोला था, रिया समझ गयी की उन्हे मनाना आसान नही होगा...
और इसी बीच अंदर बाथरूम में नंगी खड़ी हुई प्राची उनकी बातें सुनने की कोशिश कर रही थी...उसे ये तो पता चल गया था की रिया आई है, और उसे गुस्सा भी बहुत आ रहा था उसके इस वक़्त आने का...पर अजय ने उसे बाहर से ही क्यों वापिस नही भेज दिया...इसलिए उसपर भी गुस्सा आ रहा था प्राची को...बाथरूम थोड़ा दूर था इसलिए उनकी बातें नही सुन पा रही थी वो...उसने झक्क मारकर अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए..
इसी बीच रिया घूमकर अजय के सामने आई और ठीक उसके सामने अपने कान पकड़कर खड़ी हो गयी...इतने करीब की उसके नन्हे-2 बूब्स अजय को टच कर रहे थे..
रिया उपर मुँह करके धीरे से बोली : "ओके बाबा...सॉरी ...ये लो ...कान पकड़ कर सॉरी...और सुबह वाली बात के लिए आप मुझसे कुछ भी करवा लो...मैं मना नही करूँगी....''
अजय का लंड अभी तक खड़ा हुआ था, और रिया को इतने करीब खड़ा देखकर वो उभरकर उसकी जांघे छूने के लिए मचल उठा..अजय भी थोड़ा आगे बड़ा, उसने रिया की दोनो बाहों को पकड़ा और अपने से और सटा लिया, ऐसा करते हुए उसकी नर्म छातियाँ तो उसके सीने में धँस ही गयी, उसके खड़े हुए लंड को भी अपनी मुराद पूरी करने का मौका मिल गया,उसने रिया की नर्म जांघों को छू लिया..
रिया तो सकपका सी गयी,अपने जीजू द्वारा ऐसे पकड़े जाने के बाद, पर वो उन्हे कुछ बोलकर फिर से नाराज़ नही करना चाहती थी, इसलिए चुप चाप खड़ी रही..
अजय ने उसकी बात दोहराते हुए कहा : "कुछ भी करवा लूँ ...''
रिया के होंठ फड़फडा उठे जवाब देते हुए : ''हाँ जीजू....कुछ भी...''
उसकी गर्म साँसें अजय को अपने चेहरे पर महसूस ही रही थी...उसका तो मन किया की अभी के अभी उसके गुलाबी होंठों का रस पी जाए, उसे दबोच ले और एक गहरी स्मूच कर दे..
पर तभी उसे बाथरूम में खड़ी प्राची का ख़याल आया और उसने रिया को एक झटके में छोड़ दिया...
और उसकी किस्मत देखिए ज़रा, ठीक उसी वक़्त बाथरूम का दरवाजा खोलकर प्राची बाहर निकली...तब तक रिया अपनी सांसो पर नियंत्रण पाकर सामान्य हो चुकी थी और अजय ने भी थपकीयाँ देकर अपने लंड को वापिस सुला दिया था.
प्राची : "अरे रिया...तुम....मैं तुझे फोन करने ही वाली थी...अजय बस अभी आएँ है...चल कर ले इनसे वो अपनी ज़रूरी वाली बात, तब तक मैं अजय के लिए चाय बनाकर लाती हूँ ...''
रिया को देखकर अंदर ही अंदर वो जल भुन तो काफ़ी रही थी ...पर आख़िर थी तो उसकी कजन सिस्टर ही ना, इसलिए मन मारकर रह गयी बेचारी..और चुदाई को उसने रात के लिए टाल दिया..
रिया : "दीदी, वो तो बस मैं जीजू से ये पूछना चाहती थी की ये मेरा एडमिशन कहाँ करवाएँगे, मुझे एडमिशन से पहले अपनी कंप्यूटर नॉलेज इम्प्रूव करनी है...''
अजय : "तुम चिंता ना करो, मैने कहा था ना,मैं करवा दूँगा...तुम चाहो तो कल ही चलना मेरे साथ..''
प्राची उनकी बातें सुनती हुई किचन में चली गयी..
उसके जाते ही रिया ने अजय से दबे स्वर मे कहा : "जीजू...आपने मुझे माफ़ कर दिया न...''
अजय भी दबे स्वर में बोला : "इसका फ़ैसला तब होगा जब तुम अपनी सज़ा पूरी कर लोगी...''
अजय ने उसकी कुछ देर पहले कही हुई बात का हवाला दिया..
रिया भोली ज़रूर थी पर इतनी भी नही की ऐसे कही हुई बातों को समझ ना सके..
बेचारी का दिल जोरों से धड़कने लगा की पता नही उसके जीजू उसे कैसी सज़ा देंगे..
वो बेचारी ये सोच ही रही थी की प्राची वापिस आ गयी, चाय लेकर..और सभी सोफे पर बैठकर बातें करने लगे और चाय पीने लगे.
प्राची : "अरे, तू एकदम से इतनी परेशन क्यो हो गयी ...बोल तो रहे है तेरे जीजू की कल चलेंगे तेरे साथ...''
रिया : "वो ...दीदी ...मैं तो सोच रही थी की..पता नही मुझे ढंग के कॉलेज में एडमिशन मिलेगा भी या नही..''
प्राची : " अरे, तू फ़िक्र ना कर...तेरे जीजू को सभी इन्स्टिट्यूट और कॉलेजस के बारे में पता है अच्छी तरह से..पूजा का एडमिशन भी तो इन्होने करवाया था..तू फ़िक्र ना कर..और वैसे भी आजकल तो सारी इंफोर्मेशन नेट पर मिल ही जाती है...ये सब देख लेंगे..''
अब भला प्राची को वो कैसे समझती की उसे अपने एडमिशन की नही बल्कि जीजू की कही हुई बात की चिंता सता रही है..
पर उसने भी मन में ठान लिया था की चाहे कुछ भी हो जाए,जीजू तो उसकी हेल्प ही कर रहे हैं ना..ऐसे में उन्हे नाराज़ करके वो नही रख सकती..
और दूसरी तरफ अजय के दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था...वो इस हाथ आए मौके का फायदा अच्छी तरह से उठाना चाहता था..रिया तो उसके लिए कोई चुनोती नही थी, उसका दिमाग़ तो पूजा की तरफ चल रहा था, और अपनी योजना के अनुसार वो रिया का इस्तेमाल करके पूजा को जाल में फंसाना चाहता था..
चाय ख़त्म होते ही प्राची वापिस किचन में चली गयी और अजय ने दबे स्वर में रिया से कहा : "अब तुम जाओ...मैं थोड़ी देर में वहीं आता हूँ ..और जो मै कहूं वो चुपचाप मानती रहना, कोई आर्गुमेंट नही,वरना अपनी डील कैंसल ..समझी...''
रिया बेचारी को कुछ समझ नही आया की आख़िर अजय क्या करवाना चाहता है उससे...बुरे से बुरा तो वो यही समझ रही थी की शायद उसके जीजू उसके साथ कुछ ग़लत काम...यानी किस्स वगेरह या कुछ और करेंगे...पर उनकी बातों से तो ऐसा कुछ लग ही नही रहा था...और वैसे भी उसने इतना तो सोच ही लिया था की ये छोटे-मोटे काम के लिए वो उन्हे नही टोकेगी,पर हद से आगे भी नही बढ़ने देगी...
वो चुपचाप सी सिर हिला कर अजय की बात मानती हुई उठी और वापिस चली गयी..
उसके जाने के बाद अजय वापिस किचन में गया,जहाँ प्राची काम कर रही थी और उसकी उभरी हुई गांड में अपना लंड फँसा कर खड़ा हो गया..और अपने हाथ उपर करते हुए उसके बूब्स दबाने लगा..
और उसके कानो को मुँह में लेकर धीरे से बोला : "चलो ना...जो काम अधूरा छोड़ा था वो पूरा करते हैं...''
प्राची (थोड़ा गुस्से में ) : "रहने दो...मैने कहा था ना उस वक़्त की जो भी हो उसे वापिस भेज देना, पता है मैं बाथरूम में नंगी खड़ी थी , फिर भी आपने रिया को अंदर कैसे आने दिया..अब मेरा मूड नही है कुछ भी करने का..''
अजय : "अरे,तुम्हारी बहन है,मैं उसे कैसे मना कर सकता हूँ अपने घर आने से...और अपने मूड का ज़ोर मुझपर ना चलाया करो...... समझी...''
और अजय भी गुस्सा होते हुए बाहर निकल गया.
प्राची बेचारी अपना सिर पीटकर रह गयी...शायद गुस्सा दिखाने के चक्कर में उसने कुछ ज़्यादा ही बोल दिया और अजय को नाराज़ कर दिया..और वो अच्छी तरह से समझती थी की सेक्स के मामले में ठुकराया हुए इंसान को बाहर मुँह मारने में देर नही लगती...वैसे भी पहले पूजा और अब रिया ने आकर माहौल को कुछ ज़्यादा ही गरम कर दिया है...ऐसे मे अगर अजय को वो खुश ना रख पाई तो ऐसा ना हो की वो उसकी बहनों की तरफ आकर्षित हो जाए...जिसका पूरा-पूरा चांस था...
और ये सोचने के साथ ही वो भागकर बाहर आई..पर तब तक अजय बाहर निकल चुका था..
वो समझ गयी की अब अजय को मनाना थोड़ा मुश्किल होगा...पता नही कहाँ गया होगा वो..
पर उसे क्या पता था की वो तो वहां से निकल कर सीधा अपने पड़ोस में यानी अपने ससुराल जा पहुँचा था..
रिया वापिस . जाकर गुमसुम सी होकर सोफे पर बैठ गयी थी,और उसे ऐसे बैठा देखकर पूजा उसके पास आई, पूजा अभी घर पर अकेली थी,उसके मम्मी-पापा मार्किट गए हुए थे, और बोली : "क्या हुआ रिया...तू तो जीजू से मिलने गयी थी ना...क्या बोला उन्होने...''
पर वो चुपचाप सी बैठी रही...पूजा के तेज दिमाग़ में एक विचार कोंधा की कहीं जीजू ने उसके साथ कोई ऐसी-वैसी हरकत तो नही कर दी ना,वैसे भी पूजा और रिया आपस मे कुछ ज़्यादा ही क्लोज़ थे,और पूजा तो उसे अपनी सग़ी बहन से भी बढ़कर मानती थी,इसलिए उसकी काफ़ी केयर करती थी.
पूजा : "बोल ना रिया, क्या हुआ...जीजू ने कुछ ग़लत किया क्या तेरे साथ...''
रिया : "अर्रे नही....जीजू भला ऐसा क्या करेंगे...वो तो बस...''
और तभी बाहर की बेल बज उठी...पूजा ने उठ कर दरवाजा खोला और सामने अजय को खड़ा देखकर वो चौंक गयी, अभी एक मिनट पहले ही रिया वहाँ से आई है और अब उसके जीजू भी उसके पीछे-2 आ गये, कुछ तो गड़बड़ है...
पर थे तो उसके जीजू ही ना, इसलिए मुस्कुरा कर उन्हे अंदर बुलाया और सोफे पर बिठा कर पानी लेने चली गयी..
अजय ने रिया को देखा और उसे अपने पास आकर बैठने को कहा..वो चुपचाप आकर बैठ गयी...अजय उसके चेहरे को देखकर ही समझ गया था की वो उसकी बात से परेशान हो रही है,इसलिए उसे धीमी आवाज़ में नॉर्मल रहने को कहा,और अपनी डील की याद भी दिलाई..
वो थोड़ा मुस्कुराते हुए नॉर्मल होने की एक्टिंग करने लगी..
तब तक पूजा भी पानी लेकर आ गयी
पूजा : "ये क्या जीजू...आप तो नयी साली के आने के बाद अपनी पुरानी साली को भूल ही गये...और इसे भी आपने पता नही क्यों नाराज़ सा कर दिया है, देखो तो ज़रा,अभी जाने से पहले इसका चेहरा बिल्कुल खिला हुआ सा था और अब मुरझा गया है...''
अजय : "अरे पूजा डार्लिंग, तुम्हे मैं कैसे भूल सकता हूँ ,और ये मेरी वजह से नही बल्कि तुम्हारी दीदी की वजह से परेशान लग रही है,उसने इसे डांट दिया की मेरे आते ही अपना काम लेकर आ गयी है...है ना रिया..''
वो रिया की तरफ देखता हुआ बोला, और रिया तो उसकी गुलाम बन चुकी थी,इसलिए वो भी मुस्कुराते हुए अजय का साथ देने लगी और पूजा से बोली : "हाँ पूजा, मैं भी तुझे यही कहने वाली थी,जीजू की वजह से नही बल्कि दीदी की वजह से अपसेट थी मैं ...''
पूजा : "अरे मेरी प्यारी बहन, तू भी ना, भला बड़ी बहन के डाँटने पर भी कोई ऐसे बिहेव करता है भला...और दीदी भी सही है अपनी जगह , उनका पति सुबह का थका हुआ घर आया है और तुम उसी वक़्त पहुँच गयी उनके पास,उन्हे तंग करने...थोड़ा तो सोचना चाहिए था भला...''
वो शरारती हँसी हंसते हुए ये बात बोल रही थी...और उसकी बात का मतलब अजय तो समझ रहा था पर भोली भाली रिया उल्लू जैसा चेहरा बना कर उन दोनो को देखे जा रही थी..वो समझ तो चुकी थी की पूजा का इशारा किस तरफ है..
इसलिए वो बोली : ''अब इसमे क्या प्राब्लम है...जीजू तो अभी-2 घर आए थे...और वो काम तो रात को ही होते है ना...''
उसकी बात सुनकर पूजा तो एकदम से झेंप ., उसे उम्मीद नही थी की रिया ऐसी बात बिना सोचे समझे बोल देगी...और अजय तो जैसे इसी मौके की ताक में बैठा था,वो बोला : "अरे मेरी भोली साली साहिबा,जब तुम्हारी शादी होगी ना अब पता चलेगा की ये रात वाले काम दिन में करने में कितने मज़े आते हैं..और ख़ासकर तब जब तुम्हे मेरे जैसा ठरकी पति मिलेगा..''
ठरकी बोलते हुए वो पूजा को ही देख रहा था,जो शायद उसे दुनिया का सबसे बड़ा ठरकी समझती थी...और आज उसके सामने ये बात कबूल कर वो उसके चेहरे के एक्शप्रेशन देखना चाहता था..
पहले तो रिया और अब अजय की ऐसी बात सुनकर पूजा तो पानी-2 हुई जा रही थी...उसे रिया के बारे में तो पता था की उसे ऐसी बातों की कुछ ज़्यादा समझ नही है,पर अजय ने उसकी बात पकड़कर जो फायदा उठाया है वो उसे बिल्कुल अक्चा नही लगा था,पर वो कर भी क्या सकती थी भला,आख़िर ऐसी बात करनी तो रिया ने ही शुरू की थी ना...
पूजा कुछ बोलने ही वाली थी रिया को की तभी रिया ने एक और धमाका किया : "ये ठरकी क्या होता है...मैं हमेशा से सुनती आ रही हू,स्कूल में भी कई लड़कियाँ हमारे टीचर्स को या दूसरे बाय्स को ठरकी बोला करती थी..पर इसका मतलब मैं आजतक नही समझ सकी हूँ ...बताओ ना जीजू..क्या मतलब होता है इसका...''
उसकी ये बात सुनकर अजय के साथ -2 पूजा की भी हँसी निकल गयी....और दोनो अपना पेट पकड़ कर हंसते-2 दोहरे हो गये...और बेचारी रिया उन दोनो को ऐसे हंसता देखकर अपनी कही हुई बात का मतलब समझने की कोशिश कर रही थी की उसने ऐसा क्या बोल दिया आख़िर..
और हँसी रुकने के बाद पूजा बोली : "रिया...तुझे ना अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है...वैसे भी आज से तू मेरे कमरे में ही सोएगी,तुझे ट्रेनिंग देना मेरी ज़िम्मेदारी है अब...''
अजय भी मौके का फायदा उठाकर बोला : "और कोई एडवांस ट्रेनिंग चाहिए तो बंदा हाजिर है...''
पूजा उसकी बात का मतलब समझकर शरमा गयी...और रिया की तरफ से वो खुद बोल पड़ी और वो भी मंद-2 मुस्कुराते हुए : "नो थेंक्स जीजू...आप अपनी सर्विस हमारी दीदी तक ही रखे तो ही अच्छा होगा..''
अजय (बुरा सा मुँह बनाते हुए) : "अरे उन्हे सर्विस देने की कोशिश ही कर रहा था की रिया बीच में आ गयी और आपकी दीदी का मूड ऑफ हो गया...''
अब पूजा समझ गयी की क्यों प्राची ने रिया को डाँटा होगा...भले ही ऐसा कुछ हुआ नही था, पर अजय ने सभी बातों को ऐसे जोड़ कर कहानी बना दी की पूजा को भी उसकी बातों का विश्वास हो गया..
पूजा : "अच्छा ...तो इसका मतलब है सच में कुछ चल रहा था ..''
अजय : "और नही तो क्या, मैं झूट बोल रहा हूँ ...चाहो तो अपनी बहन से जाकर पूछ लो...''
पूजा फिर से शरमा गई, कैसे वो और उसके जीजू सेक्स की बातें ऐसे कर रहे थे,और वो लोग क्या सच में सेक्स कर रहे थे...ये सोचकर ही उसका शरीर तपने लगा था..और उसने खुद ही नोट किया की उसके निप्पल बाहर की तरफ निकल कर उभर आए हैं...
पूजा : ''आप बैठो,मैं आपके लिए कुछ लेकर आती हूँ ...''
और इतना कहकर वो भागकर किचन में आ गयी...क्योंकि अजय की ठरक भरी नजरों ने उसकी छाती में लगे बल्ब जलते हुए देख लिए थे...
अंदर जाकर उसने बड़ी मुश्किल से अपनी तेज सांसो को नियंत्रित किया और धीरे से बोली : "ये जीजू कितने शरारती है...सच में ...इनसे तो रिया को बचाकर रखना होगा...वरना पता नही क्या होगा..''
और दूसरी तरफ अंदर बैठा हुआ अजय रिया को कल के बारे में समझा रहा था और उसके डॉक्युमेंट्स को रेडी रखकर अगले दिन का . फिक्स कर रहा था.
पूजा जब बाहर आई तो उन्हे ऐसे बातें करता देखकर उसे पता नही क्यो अंदर ही अंदर रिया के लिए डर सा सताने लगा..क्योंकि जितनी भोली उसकी कजिन थी उतने ही चालक उसके जीजू थे..ऐसे में वो अकेले में रहकर उसका कितना फायदा उठा सकते है ये बताने की ज़रूरत नही थी..
उसने भी निश्चय कर लिया की वो आज रात से ही रिया को अच्छे से ट्रैनिंग देनी शुरू कर देगी..और ज़्यादा से ज़्यादा रिया के साथ रहने की कोशिश करेगी ताकि उसके जीजू या और भी कोई उसका कोई ग़लत फायदा ना उठा सके..
और अंदर ही अंदर पता नही क्यों पर पूजा को अपने जीजू पर पहला हक उसका खुद का लग रहा था...क्योंकि रिया के आने से पहले भी उसके जीजू उसके साथ छेड़ छाड़ करते रहते थे, भले ही उपर से वो थोड़ा बहुत गुस्सा दिखाती थी पर अंदर ही अंदर उसे वो सब कब अच्छा लगने लग गया था वो भी नही जानती थी...और अब रिया के साथ जब उसके जीजू वही सब शरारतें कर रहे है तो वो अपने आप को पीछे छूटता हुआ महसूस कर रही थी...
अजय कुछ देर तक बैठा रहा और फिर चला गया...और वहां से निकल कर वो अपने घर नही गया बल्कि एक दोस्त से मिलने चला गया,क्योंकि अभी अपनी बीबी को वो थोड़ा और गुस्सा दिखाना चाहता था..उसे पता था की ऐसी बीबियों को ठीक करने का यही तरीका है
और उसके जाने के बाद पूजा ने रिया को समझाया की ऐसे बिना सोचे समझे कोई भी बात हर किसी के आगे नही बोलनी चाहिए...और क्या-2 नही बोलना चाहिए इसकी ट्रेनिंग आज रात को वो उसको देगी...
ठरकी की लाइफ में ..9
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अब आगे
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और अब प्राची उसके लंड के साथ-2 उसकी बॉल्स को भी चाट पा रही थी...
और बॉल्स को चूसना और चाटना प्राची की स्पेशॅलिटी थी...अजय जानता था की ये काम उससे अच्छा कोई और कर ही नही सकता इस दुनिया में ...
अजय ने आँखे मूंद ली और वो रिया को इमेजिन करने लगा...क्योंकि सुबह से वही उसके दिमाग़ पर कब्जा जमाए हुए थी, इसलिए उसे फिर से अपनी बंद आँखो के पीछे बुलाना मुश्किल नही था...अब माहौल ये था की लंड तो प्राची चूस रही थी उसका, पर वो बंद आँखो से ये महसूस कर रहा था की रिया चूस रही है इस वक़्त वो लंड..
अजय का लंड अब पूरी तरह से तैयार था...उसने अपनी आँखे खोल दी..और उसने प्राची को उपर की तरफ खींचकर नंगी होने का आदेश दिया, यानी चुदाई का वक़्त आ गया था..
प्राची खड़ी हुई और उसने अपनी सलवार निकाल दी...और अँग्रेज़ी फिल्मों की तरह अपनी गांड अजय की तरफ करके अपनी पेंटी भी उतार दी...और नीचे झुकने के बाद वो अपनी गोल मटोल गांड लेकर कुछ देर तक उसी पोज़ में खड़ी भी रही...
अजय उसकी मांसल गांड को देखकर अपने लंड को रगड़ता रहा तब तक..
और बोला : "अब आ भी जा प्राची....कम ऑन ....''
प्राची उसकी तरफ पलटी,पूरी नंगी...
और धीरे-2 चलती हुई उसके करीब आई..
और तभी उनके रंग मे भंग डालते हुए बाहर की डोर बेल ज़ोर-2 से बजने लगी..
दोनो के चेहरे पर गुस्सा आ गया..
प्राची : "उफ़फ्फ़ इस वक़्त कौन आ गया....ईडियट...''
अजय ने फ़ौरन अपने लंड को वापिस पेंट के अंदर ठूसा और प्राची ने भी अपने फेले हुए कपड़े लिए और बाथरूम की तरफ भागी और बोली : "आप प्लीज़ देखो ना कौन है...और हो सके तो बाहर से ही टरका देना,चाहे जो भी हो...''
आख़िर उसकी चूत में भी तो आग लगी हुई थी इस वक़्त..
अजय भी झुंझलाते हुए दरवाजे तक गया, तब तक बेल लगातार बजती ही जा रही थी..
अजय : "अरे आ रहा हू बाबा...रूको एक मिनट ...''
अजय ने दरवाजा खोला तो उसका सारा गुस्सा एक ही पल में गायब हो गया...बाहर रिया खड़ी थी.
अजय : "अरे...रिया तुम.....आओ अंदर आओ...''
पिंक कलर के सूट में वो कमाल की लग रही थी
रिया : "मैने दीदी को बोला था की जैसे ही जीजू आए तो मुझे बता देना...वो तो मैने आपकी कार देख ली बाहर खड़े हुए,तब पता चला मुझे की आप आ चुके हो ...''
अजय ने अपने चेहरे पर फिर से वही नाराज़गी वाले एक्स्प्रेशन लगा दिए..और दरवाजा बंद करके उसकी बात का जवाब दिए बिना ही अंदर आ गया..
रिया समझ गयी की उसके जीजू अभी तक नाराज़ है...
रिया (बड़े ही प्यार भरे स्वर मे) : "जीजू...वो मैं क्या कह रही थी...की ....मुझे माफ़ कर दो प्लीज़...सुबह वाली बात के लिए...''
अजय (नाटक करते हुए) : "कौनसी बात ...मुझे तो कोई बात याद भी नही है...''
अजय ने बड़े सपाट स्वर में उसे देखे बिना ये बोला था, रिया समझ गयी की उन्हे मनाना आसान नही होगा...
और इसी बीच अंदर बाथरूम में नंगी खड़ी हुई प्राची उनकी बातें सुनने की कोशिश कर रही थी...उसे ये तो पता चल गया था की रिया आई है, और उसे गुस्सा भी बहुत आ रहा था उसके इस वक़्त आने का...पर अजय ने उसे बाहर से ही क्यों वापिस नही भेज दिया...इसलिए उसपर भी गुस्सा आ रहा था प्राची को...बाथरूम थोड़ा दूर था इसलिए उनकी बातें नही सुन पा रही थी वो...उसने झक्क मारकर अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए..
इसी बीच रिया घूमकर अजय के सामने आई और ठीक उसके सामने अपने कान पकड़कर खड़ी हो गयी...इतने करीब की उसके नन्हे-2 बूब्स अजय को टच कर रहे थे..
रिया उपर मुँह करके धीरे से बोली : "ओके बाबा...सॉरी ...ये लो ...कान पकड़ कर सॉरी...और सुबह वाली बात के लिए आप मुझसे कुछ भी करवा लो...मैं मना नही करूँगी....''
अजय का लंड अभी तक खड़ा हुआ था, और रिया को इतने करीब खड़ा देखकर वो उभरकर उसकी जांघे छूने के लिए मचल उठा..अजय भी थोड़ा आगे बड़ा, उसने रिया की दोनो बाहों को पकड़ा और अपने से और सटा लिया, ऐसा करते हुए उसकी नर्म छातियाँ तो उसके सीने में धँस ही गयी, उसके खड़े हुए लंड को भी अपनी मुराद पूरी करने का मौका मिल गया,उसने रिया की नर्म जांघों को छू लिया..
रिया तो सकपका सी गयी,अपने जीजू द्वारा ऐसे पकड़े जाने के बाद, पर वो उन्हे कुछ बोलकर फिर से नाराज़ नही करना चाहती थी, इसलिए चुप चाप खड़ी रही..
अजय ने उसकी बात दोहराते हुए कहा : "कुछ भी करवा लूँ ...''
रिया के होंठ फड़फडा उठे जवाब देते हुए : ''हाँ जीजू....कुछ भी...''
उसकी गर्म साँसें अजय को अपने चेहरे पर महसूस ही रही थी...उसका तो मन किया की अभी के अभी उसके गुलाबी होंठों का रस पी जाए, उसे दबोच ले और एक गहरी स्मूच कर दे..
पर तभी उसे बाथरूम में खड़ी प्राची का ख़याल आया और उसने रिया को एक झटके में छोड़ दिया...
और उसकी किस्मत देखिए ज़रा, ठीक उसी वक़्त बाथरूम का दरवाजा खोलकर प्राची बाहर निकली...तब तक रिया अपनी सांसो पर नियंत्रण पाकर सामान्य हो चुकी थी और अजय ने भी थपकीयाँ देकर अपने लंड को वापिस सुला दिया था.
प्राची : "अरे रिया...तुम....मैं तुझे फोन करने ही वाली थी...अजय बस अभी आएँ है...चल कर ले इनसे वो अपनी ज़रूरी वाली बात, तब तक मैं अजय के लिए चाय बनाकर लाती हूँ ...''
रिया को देखकर अंदर ही अंदर वो जल भुन तो काफ़ी रही थी ...पर आख़िर थी तो उसकी कजन सिस्टर ही ना, इसलिए मन मारकर रह गयी बेचारी..और चुदाई को उसने रात के लिए टाल दिया..
रिया : "दीदी, वो तो बस मैं जीजू से ये पूछना चाहती थी की ये मेरा एडमिशन कहाँ करवाएँगे, मुझे एडमिशन से पहले अपनी कंप्यूटर नॉलेज इम्प्रूव करनी है...''
अजय : "तुम चिंता ना करो, मैने कहा था ना,मैं करवा दूँगा...तुम चाहो तो कल ही चलना मेरे साथ..''
प्राची उनकी बातें सुनती हुई किचन में चली गयी..
उसके जाते ही रिया ने अजय से दबे स्वर मे कहा : "जीजू...आपने मुझे माफ़ कर दिया न...''
अजय भी दबे स्वर में बोला : "इसका फ़ैसला तब होगा जब तुम अपनी सज़ा पूरी कर लोगी...''
अजय ने उसकी कुछ देर पहले कही हुई बात का हवाला दिया..
रिया भोली ज़रूर थी पर इतनी भी नही की ऐसे कही हुई बातों को समझ ना सके..
बेचारी का दिल जोरों से धड़कने लगा की पता नही उसके जीजू उसे कैसी सज़ा देंगे..
वो बेचारी ये सोच ही रही थी की प्राची वापिस आ गयी, चाय लेकर..और सभी सोफे पर बैठकर बातें करने लगे और चाय पीने लगे.
प्राची : "अरे, तू एकदम से इतनी परेशन क्यो हो गयी ...बोल तो रहे है तेरे जीजू की कल चलेंगे तेरे साथ...''
रिया : "वो ...दीदी ...मैं तो सोच रही थी की..पता नही मुझे ढंग के कॉलेज में एडमिशन मिलेगा भी या नही..''
प्राची : " अरे, तू फ़िक्र ना कर...तेरे जीजू को सभी इन्स्टिट्यूट और कॉलेजस के बारे में पता है अच्छी तरह से..पूजा का एडमिशन भी तो इन्होने करवाया था..तू फ़िक्र ना कर..और वैसे भी आजकल तो सारी इंफोर्मेशन नेट पर मिल ही जाती है...ये सब देख लेंगे..''
अब भला प्राची को वो कैसे समझती की उसे अपने एडमिशन की नही बल्कि जीजू की कही हुई बात की चिंता सता रही है..
पर उसने भी मन में ठान लिया था की चाहे कुछ भी हो जाए,जीजू तो उसकी हेल्प ही कर रहे हैं ना..ऐसे में उन्हे नाराज़ करके वो नही रख सकती..
और दूसरी तरफ अजय के दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था...वो इस हाथ आए मौके का फायदा अच्छी तरह से उठाना चाहता था..रिया तो उसके लिए कोई चुनोती नही थी, उसका दिमाग़ तो पूजा की तरफ चल रहा था, और अपनी योजना के अनुसार वो रिया का इस्तेमाल करके पूजा को जाल में फंसाना चाहता था..
चाय ख़त्म होते ही प्राची वापिस किचन में चली गयी और अजय ने दबे स्वर में रिया से कहा : "अब तुम जाओ...मैं थोड़ी देर में वहीं आता हूँ ..और जो मै कहूं वो चुपचाप मानती रहना, कोई आर्गुमेंट नही,वरना अपनी डील कैंसल ..समझी...''
रिया बेचारी को कुछ समझ नही आया की आख़िर अजय क्या करवाना चाहता है उससे...बुरे से बुरा तो वो यही समझ रही थी की शायद उसके जीजू उसके साथ कुछ ग़लत काम...यानी किस्स वगेरह या कुछ और करेंगे...पर उनकी बातों से तो ऐसा कुछ लग ही नही रहा था...और वैसे भी उसने इतना तो सोच ही लिया था की ये छोटे-मोटे काम के लिए वो उन्हे नही टोकेगी,पर हद से आगे भी नही बढ़ने देगी...
वो चुपचाप सी सिर हिला कर अजय की बात मानती हुई उठी और वापिस चली गयी..
उसके जाने के बाद अजय वापिस किचन में गया,जहाँ प्राची काम कर रही थी और उसकी उभरी हुई गांड में अपना लंड फँसा कर खड़ा हो गया..और अपने हाथ उपर करते हुए उसके बूब्स दबाने लगा..
और उसके कानो को मुँह में लेकर धीरे से बोला : "चलो ना...जो काम अधूरा छोड़ा था वो पूरा करते हैं...''
प्राची (थोड़ा गुस्से में ) : "रहने दो...मैने कहा था ना उस वक़्त की जो भी हो उसे वापिस भेज देना, पता है मैं बाथरूम में नंगी खड़ी थी , फिर भी आपने रिया को अंदर कैसे आने दिया..अब मेरा मूड नही है कुछ भी करने का..''
अजय : "अरे,तुम्हारी बहन है,मैं उसे कैसे मना कर सकता हूँ अपने घर आने से...और अपने मूड का ज़ोर मुझपर ना चलाया करो...... समझी...''
और अजय भी गुस्सा होते हुए बाहर निकल गया.
प्राची बेचारी अपना सिर पीटकर रह गयी...शायद गुस्सा दिखाने के चक्कर में उसने कुछ ज़्यादा ही बोल दिया और अजय को नाराज़ कर दिया..और वो अच्छी तरह से समझती थी की सेक्स के मामले में ठुकराया हुए इंसान को बाहर मुँह मारने में देर नही लगती...वैसे भी पहले पूजा और अब रिया ने आकर माहौल को कुछ ज़्यादा ही गरम कर दिया है...ऐसे मे अगर अजय को वो खुश ना रख पाई तो ऐसा ना हो की वो उसकी बहनों की तरफ आकर्षित हो जाए...जिसका पूरा-पूरा चांस था...
और ये सोचने के साथ ही वो भागकर बाहर आई..पर तब तक अजय बाहर निकल चुका था..
वो समझ गयी की अब अजय को मनाना थोड़ा मुश्किल होगा...पता नही कहाँ गया होगा वो..
पर उसे क्या पता था की वो तो वहां से निकल कर सीधा अपने पड़ोस में यानी अपने ससुराल जा पहुँचा था..
रिया वापिस . जाकर गुमसुम सी होकर सोफे पर बैठ गयी थी,और उसे ऐसे बैठा देखकर पूजा उसके पास आई, पूजा अभी घर पर अकेली थी,उसके मम्मी-पापा मार्किट गए हुए थे, और बोली : "क्या हुआ रिया...तू तो जीजू से मिलने गयी थी ना...क्या बोला उन्होने...''
पर वो चुपचाप सी बैठी रही...पूजा के तेज दिमाग़ में एक विचार कोंधा की कहीं जीजू ने उसके साथ कोई ऐसी-वैसी हरकत तो नही कर दी ना,वैसे भी पूजा और रिया आपस मे कुछ ज़्यादा ही क्लोज़ थे,और पूजा तो उसे अपनी सग़ी बहन से भी बढ़कर मानती थी,इसलिए उसकी काफ़ी केयर करती थी.
पूजा : "बोल ना रिया, क्या हुआ...जीजू ने कुछ ग़लत किया क्या तेरे साथ...''
रिया : "अर्रे नही....जीजू भला ऐसा क्या करेंगे...वो तो बस...''
और तभी बाहर की बेल बज उठी...पूजा ने उठ कर दरवाजा खोला और सामने अजय को खड़ा देखकर वो चौंक गयी, अभी एक मिनट पहले ही रिया वहाँ से आई है और अब उसके जीजू भी उसके पीछे-2 आ गये, कुछ तो गड़बड़ है...
पर थे तो उसके जीजू ही ना, इसलिए मुस्कुरा कर उन्हे अंदर बुलाया और सोफे पर बिठा कर पानी लेने चली गयी..
अजय ने रिया को देखा और उसे अपने पास आकर बैठने को कहा..वो चुपचाप आकर बैठ गयी...अजय उसके चेहरे को देखकर ही समझ गया था की वो उसकी बात से परेशान हो रही है,इसलिए उसे धीमी आवाज़ में नॉर्मल रहने को कहा,और अपनी डील की याद भी दिलाई..
वो थोड़ा मुस्कुराते हुए नॉर्मल होने की एक्टिंग करने लगी..
तब तक पूजा भी पानी लेकर आ गयी
पूजा : "ये क्या जीजू...आप तो नयी साली के आने के बाद अपनी पुरानी साली को भूल ही गये...और इसे भी आपने पता नही क्यों नाराज़ सा कर दिया है, देखो तो ज़रा,अभी जाने से पहले इसका चेहरा बिल्कुल खिला हुआ सा था और अब मुरझा गया है...''
अजय : "अरे पूजा डार्लिंग, तुम्हे मैं कैसे भूल सकता हूँ ,और ये मेरी वजह से नही बल्कि तुम्हारी दीदी की वजह से परेशान लग रही है,उसने इसे डांट दिया की मेरे आते ही अपना काम लेकर आ गयी है...है ना रिया..''
वो रिया की तरफ देखता हुआ बोला, और रिया तो उसकी गुलाम बन चुकी थी,इसलिए वो भी मुस्कुराते हुए अजय का साथ देने लगी और पूजा से बोली : "हाँ पूजा, मैं भी तुझे यही कहने वाली थी,जीजू की वजह से नही बल्कि दीदी की वजह से अपसेट थी मैं ...''
पूजा : "अरे मेरी प्यारी बहन, तू भी ना, भला बड़ी बहन के डाँटने पर भी कोई ऐसे बिहेव करता है भला...और दीदी भी सही है अपनी जगह , उनका पति सुबह का थका हुआ घर आया है और तुम उसी वक़्त पहुँच गयी उनके पास,उन्हे तंग करने...थोड़ा तो सोचना चाहिए था भला...''
वो शरारती हँसी हंसते हुए ये बात बोल रही थी...और उसकी बात का मतलब अजय तो समझ रहा था पर भोली भाली रिया उल्लू जैसा चेहरा बना कर उन दोनो को देखे जा रही थी..वो समझ तो चुकी थी की पूजा का इशारा किस तरफ है..
इसलिए वो बोली : ''अब इसमे क्या प्राब्लम है...जीजू तो अभी-2 घर आए थे...और वो काम तो रात को ही होते है ना...''
उसकी बात सुनकर पूजा तो एकदम से झेंप ., उसे उम्मीद नही थी की रिया ऐसी बात बिना सोचे समझे बोल देगी...और अजय तो जैसे इसी मौके की ताक में बैठा था,वो बोला : "अरे मेरी भोली साली साहिबा,जब तुम्हारी शादी होगी ना अब पता चलेगा की ये रात वाले काम दिन में करने में कितने मज़े आते हैं..और ख़ासकर तब जब तुम्हे मेरे जैसा ठरकी पति मिलेगा..''
ठरकी बोलते हुए वो पूजा को ही देख रहा था,जो शायद उसे दुनिया का सबसे बड़ा ठरकी समझती थी...और आज उसके सामने ये बात कबूल कर वो उसके चेहरे के एक्शप्रेशन देखना चाहता था..
पहले तो रिया और अब अजय की ऐसी बात सुनकर पूजा तो पानी-2 हुई जा रही थी...उसे रिया के बारे में तो पता था की उसे ऐसी बातों की कुछ ज़्यादा समझ नही है,पर अजय ने उसकी बात पकड़कर जो फायदा उठाया है वो उसे बिल्कुल अक्चा नही लगा था,पर वो कर भी क्या सकती थी भला,आख़िर ऐसी बात करनी तो रिया ने ही शुरू की थी ना...
पूजा कुछ बोलने ही वाली थी रिया को की तभी रिया ने एक और धमाका किया : "ये ठरकी क्या होता है...मैं हमेशा से सुनती आ रही हू,स्कूल में भी कई लड़कियाँ हमारे टीचर्स को या दूसरे बाय्स को ठरकी बोला करती थी..पर इसका मतलब मैं आजतक नही समझ सकी हूँ ...बताओ ना जीजू..क्या मतलब होता है इसका...''
उसकी ये बात सुनकर अजय के साथ -2 पूजा की भी हँसी निकल गयी....और दोनो अपना पेट पकड़ कर हंसते-2 दोहरे हो गये...और बेचारी रिया उन दोनो को ऐसे हंसता देखकर अपनी कही हुई बात का मतलब समझने की कोशिश कर रही थी की उसने ऐसा क्या बोल दिया आख़िर..
और हँसी रुकने के बाद पूजा बोली : "रिया...तुझे ना अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है...वैसे भी आज से तू मेरे कमरे में ही सोएगी,तुझे ट्रेनिंग देना मेरी ज़िम्मेदारी है अब...''
अजय भी मौके का फायदा उठाकर बोला : "और कोई एडवांस ट्रेनिंग चाहिए तो बंदा हाजिर है...''
पूजा उसकी बात का मतलब समझकर शरमा गयी...और रिया की तरफ से वो खुद बोल पड़ी और वो भी मंद-2 मुस्कुराते हुए : "नो थेंक्स जीजू...आप अपनी सर्विस हमारी दीदी तक ही रखे तो ही अच्छा होगा..''
अजय (बुरा सा मुँह बनाते हुए) : "अरे उन्हे सर्विस देने की कोशिश ही कर रहा था की रिया बीच में आ गयी और आपकी दीदी का मूड ऑफ हो गया...''
अब पूजा समझ गयी की क्यों प्राची ने रिया को डाँटा होगा...भले ही ऐसा कुछ हुआ नही था, पर अजय ने सभी बातों को ऐसे जोड़ कर कहानी बना दी की पूजा को भी उसकी बातों का विश्वास हो गया..
पूजा : "अच्छा ...तो इसका मतलब है सच में कुछ चल रहा था ..''
अजय : "और नही तो क्या, मैं झूट बोल रहा हूँ ...चाहो तो अपनी बहन से जाकर पूछ लो...''
पूजा फिर से शरमा गई, कैसे वो और उसके जीजू सेक्स की बातें ऐसे कर रहे थे,और वो लोग क्या सच में सेक्स कर रहे थे...ये सोचकर ही उसका शरीर तपने लगा था..और उसने खुद ही नोट किया की उसके निप्पल बाहर की तरफ निकल कर उभर आए हैं...
पूजा : ''आप बैठो,मैं आपके लिए कुछ लेकर आती हूँ ...''
और इतना कहकर वो भागकर किचन में आ गयी...क्योंकि अजय की ठरक भरी नजरों ने उसकी छाती में लगे बल्ब जलते हुए देख लिए थे...
अंदर जाकर उसने बड़ी मुश्किल से अपनी तेज सांसो को नियंत्रित किया और धीरे से बोली : "ये जीजू कितने शरारती है...सच में ...इनसे तो रिया को बचाकर रखना होगा...वरना पता नही क्या होगा..''
और दूसरी तरफ अंदर बैठा हुआ अजय रिया को कल के बारे में समझा रहा था और उसके डॉक्युमेंट्स को रेडी रखकर अगले दिन का . फिक्स कर रहा था.
पूजा जब बाहर आई तो उन्हे ऐसे बातें करता देखकर उसे पता नही क्यो अंदर ही अंदर रिया के लिए डर सा सताने लगा..क्योंकि जितनी भोली उसकी कजिन थी उतने ही चालक उसके जीजू थे..ऐसे में वो अकेले में रहकर उसका कितना फायदा उठा सकते है ये बताने की ज़रूरत नही थी..
उसने भी निश्चय कर लिया की वो आज रात से ही रिया को अच्छे से ट्रैनिंग देनी शुरू कर देगी..और ज़्यादा से ज़्यादा रिया के साथ रहने की कोशिश करेगी ताकि उसके जीजू या और भी कोई उसका कोई ग़लत फायदा ना उठा सके..
और अंदर ही अंदर पता नही क्यों पर पूजा को अपने जीजू पर पहला हक उसका खुद का लग रहा था...क्योंकि रिया के आने से पहले भी उसके जीजू उसके साथ छेड़ छाड़ करते रहते थे, भले ही उपर से वो थोड़ा बहुत गुस्सा दिखाती थी पर अंदर ही अंदर उसे वो सब कब अच्छा लगने लग गया था वो भी नही जानती थी...और अब रिया के साथ जब उसके जीजू वही सब शरारतें कर रहे है तो वो अपने आप को पीछे छूटता हुआ महसूस कर रही थी...
अजय कुछ देर तक बैठा रहा और फिर चला गया...और वहां से निकल कर वो अपने घर नही गया बल्कि एक दोस्त से मिलने चला गया,क्योंकि अभी अपनी बीबी को वो थोड़ा और गुस्सा दिखाना चाहता था..उसे पता था की ऐसी बीबियों को ठीक करने का यही तरीका है
और उसके जाने के बाद पूजा ने रिया को समझाया की ऐसे बिना सोचे समझे कोई भी बात हर किसी के आगे नही बोलनी चाहिए...और क्या-2 नही बोलना चाहिए इसकी ट्रेनिंग आज रात को वो उसको देगी...
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