FUN-MAZA-MASTI
इतना मोटा कैसे जाएगा?
मेरा नाम रौनक है, मैं 24 साल का हूँ, दिल्ली का रहने वाला हूँ।
यह घटना तब की है जब मैं 21 का था।
मई का महीना था, दोपहर का समय था मैं सो रहा था कि तभी मेरा फ़ोन बजा।
मैंने हेलो कहा तो उधर से किसी लड़की की आवाज सुनाई पड़ी, मैंने पूछा- किससे बात करनी है?
तो उसने मेरा नाम लिया।
मैंने कहा- हाँ, मैं ही बोल रहा हूँ, कहिये क्या काम है और आप कहाँ से बोल रही हैं?
तो उसने जबाब दिया- मैं चंडीगढ़ से बोल रही हूँ।
और उसने भी पूछा- आप कहाँ से बोल रहे हो?
मैंने बताया- मैं दिल्ली से बोल रहा हूँ।
तो यह सुन कर उसने कहा- रोंग नंबर है सॉरी!
इतना बोल कर फ़ोन काट दिया।
मेरे मन में आया कि यह कौन थी जिसे मेरा नाम पता है सही नंबर पे कॉल किया। इसलिए मैंने दोबारा उसे कॉल किया, मैंने उससे पूछा- आपको मेरा नंबर कहाँ से मिला?
तो उसने कहा- मेरे पापा का फ़ोन है, उसमें ये नंबर सेव था लेकिन मुझे जिससे बात करनी है वो चंडीगढ़ में रहता है।
जबकि मैं कभी चंडीगढ़ गया नहीं, तो सुनकर मुझे आश्चर्य हुआ यह कैसे हो सकता है।
फिर मैंने कहा- कोई बात नहीं, आप से बात करके अच्छा लगा… क्या मैं आप से फिर कभी बात कर पाऊँगा?
बोली- ठीक है, बात कर सकते हो।
फिर इसी प्रकार से हमारी बातें शुरू हो गई।
अगले दिन जब मैंने कॉल किया तो उससे मैंने उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम सीमा बताया और फिर मैंने पूछा- आप क्या करती हो?
उसने कहा- मैं जॉब करती हूँ, टीचर हूँ प्राइवेट स्कूल में।
और भी बहुत सारी बातें होती रही।
उस दिन के बाद तो दिन में 3-4 बार बातें कर लिया करते थे।
एक सप्ताह बाद मैंने उसे प्रपोज़ किया तो उसने जबाब दिया कि मैं तुमसे 5 साल बड़ी हूँ।
तो मैंने कहा- कोई बात नहीं।
एक दिन रात में उसने फ़ोन किया और कहा- मन नहीं लगा रहा था तो आपको कॉल किया।
मैंने कहा- अच्छी बात है।
बात ही बात में मैंने उसे ‘आई लव यू’ I Love You कह दिया तो बोली- ठीक है, कल सोच कर बताऊँगी।
उसके अगले दिन रात में उसके कॉल का इंतजार कर ही रहा था कि उसका कॉल आ गया फिर अंत में जब गुड नाईट कह कर कॉल काट करने से पहले उसने कहा- ‘लव यू टू’ Love You Too यह कल का जवाब है।
उस रात तो मिं सो नहीं पाया।
एक दिन बात ही बात में मैंने उससे मिलने के लिए कहा तो बोली- ठीक है, लेकिन कहाँ मिलेंगे?
तो उसने मैंने कहा- मेर घर आ जाओ।
तो बोली- ये ठीक है, आपके घर में सब से मिल भी लूँगी।
फिर जुलाई में उसका प्रोग्राम बना मिलने का। मैं उसे रिसीव करने रेलवे स्टेशन गया जहाँ मैं उससे पहली बार मिला… 5’5″ कद की एक खूबसूरत लड़की जिसके नयन नक्श तीखे थे, बाल लम्बे लम्बे उसके नितम्बों तक आ रहे थे जो उसकी खूबसूरती पर चार चाँद लगा रहे थे। उसके नितम्ब गोल, जांघें सुडौल थी।
मिलते ही हमने हाय हेलो किया, फिर स्टेशन से बाहर निकले, टैक्सी ली और अपने घर की ओर चल दिए।
वो चुप थी इसलिए मैं भी उससे कुछ बोल नहीं पा रहा था, उसे देख कर मैं स्तब्ध था।
हम रास्ते भर चुप ही रहे, जब घर पहुँचे तो घर में कोई नहीं था मेरे अलावा क्यूंकि मॉम-डैड ऑफिस गए थे, छोटा भाई स्कूल गया था।
उसने अपनी चुप्पी तोड़ी, बोली- घर पे कोई नहीं है?
मैंने कहा- नहीं, भाई स्कूल से 4 बजे तक आएगा, मॉम डैड शाम के 7 बजे तक आएंगे।
बोली- ठीक है, बाथरूम कहाँ है, फ्रेश होना है।
वो फ्रेश होने चली गई, तब तक मैंने उसके लिए कॉफ़ी तैयार की, ब्रेक फ़ास्ट मम्मी तैयार करके गई थी, उसे गरम किया और टेबल पे लाकर रखा ही था कि वो बाहर आई और बोली- क्या बात है… ये सब तुमने किया?
तो मैंने भी जवाब दिया- कोई और यहाँ दिख रहा है?
फिर बोली- ठीक है, मैं अभी आती हूँ कपड़े बदल कर…
मैंने कहा- क्या जरूरत है, ऐसे हो ठीक हो।
क्यूंकि वो मैक्सी में थी और शायद उसने ब्रा नहीं पहनी थी, इसलिए उसके निप्पल उभरे हुए दिख रहे थे जिसे देखते हुए उसने देख लिया था।
मैंने कहा- कोई नहीं, ब्रेक फ़ास्ट कर लो, फिर चेंज कर लेना क्यूंकि कोई नहीं है यहाँ अभी मेरे अलावा।
वो मान गई, हमने मिल कर नाश्ता किया और फिर बातें करने लगे।
मैंने उसकी उसकी खूबसूरती की काफी तारीफ की तो वो पीछे नहीं रही, उसने भी मेरी तारीफ की जिसमें उसने एक बात विशेष रूप से कही वो यह कि मेरी आँखें बहुत नशीली हैं।
तो मैंने कहा- आँखें नशीली तो लड़कियों की होती हैं और मैं लड़की नहीं।
वो हंसने लगी, हंसते हुए बहुत प्यारी लग रही थी वो। ऐसे ही बात करते करते एक घंटा बीत गया, उसने कहा- मेरे होंठ सूख रहे हैं।
मैंने कहा- मैं गीला कर दूँ?
बोली- कैसे?
‘आप बुरा तो नहीं मानोगी?’
बोली- नहीं…
फिर क्या था, मैंने उसके होठों पे होंठ रख दिए, उसे बोलने का मौका तक नहीं दिया, करीब 4-5 मिनट तक किस करने के बाद जब हटा तो मैंने कहा- ऐसे।
फिर मैंने कहा- मैं अभी आता हूँ।
और मैं बाहर गेट बंद करने चला गया, जब आया तो बोली- कहाँ गए थे?
तो मैं बोला- गेट बंद करने…
तो बोली- क्यों?
मैंने कहा- ऐसे ही।
फिर मैंने कहा- एक बार और किस कर लूँ?
तो बोली- कर लो।
मैंने फिर से उसे किस किया, इस बार मेरा लन्ड खड़ा हो गया जो उसके जांघों के बीच धंसता जा रहा था, जब उसे अहसास हुआ इसका तो वो पीछे हो गई, बोली- यह ठीक नहीं है।
मैंने कहा- क्यों? सब ठीक तो है।
फिर वो कुछ नहीं बोली। मैंने फिर से बाँहों में भर लिया और किस करने लगा, उसकी चूची मेरे सीने से टकराई, मुझे बहुत अच्छा लगा क्यूंकि यह पहली बार था जब मैं किसी लड़की के साथ कुछ कर रहा था।
मेरा एक हाथ उसके पीठ को सहला रहा था और दूसरा उसकी मैक्सी को उठाने में व्यस्त था जो उठ नहीं रही थी।
फिर मैंने उसकी चूत को ऊपर से ही सहलाना शुरू किया जिससे उसकी सांसें तेज हो गई और अजीब सी आवाजें भी निकलने लगी- उम्म्म…! हम्म्म… सी!…! सि…! उफ़…
फिर मैंने उसकी मैक्सी को उठा दिया, उसने नीचे पैंटी पहन रखी थी, मैं उसे उतारने लगा तो उसने अपने जांघें भींच ली लेकिन मैंने फिर भी उतार दी, जब मैंने उसकी पैंटी उतार दी तो उसने अपने हाथों से अपनी चूत को छुपा लिया।
फिर मैंने उसका हाथ हटाने की कोशिश की और सफल भी रहा।
उसकी चूत पर काले काले और रेशमी बाल उगे थे जो काफी छोटे थे, ऐसा लग रहा था कि कुछ दिन पहले ही उसने अपनी झाँटें साफ़ की थी।
उसकी चूत पर मैं अपना हाथ फिराने लगा, जैसे ही हाथ लगे उसका शरीर सिहर उठा।
मैंने उसे सोफे पे लिटा दिया और उसकी चूत पर हाथ फिराने लगाम हाथ फिराते फिराते मैंने उसकी चूत की पंखुरियों को खोला तो वो अंदर से सुर्ख गुलाबी थी और एक छोटा सा छेद था, ऊपर मटर के दाने जैसा क्लाइटोरिस…
जब मैं उसकी क्लाइटोरिस को छूता था, तब वो अपनी नितम्बों को उचकाती थी और जोर ‘सी सीई सी स्स्सीईई’ करती थी।
मैं उस समय टी शर्ट और हाफ पैंट पहने हुए था, उसने मेरा हाफ पेंट खोल दिया और मैंने टी शर्ट उतार दी, अब मैंने सिर्फ चड्डी पहन रखी थी, उसने कहा- इसे उतार दो।
मैंने कहा- तुम इसे उतारो।
उसने मेरी चड्डी उतार दी, मेरा लंड तन कर खड़ा था, जो 6″ लम्बा था, देख कर बोली- इतना मोटा कैसे जाएगा?
मैंने कहा- चला जाएगा।
फिर उसे सोफे से उतार कर वहीं फर्श पर आ गया, मैंने उसकी टांगों को फैलाया और उसकी चूत पर लौड़ा रख कर हल्का सा धक्का लगाया लेकिन नहीं गया, 2-3 बार तो असफल रहा, फिर उसने खुद ही वहाँ पकड़ कर रखा और कहा- अब अंदर करो।
मैंने फ़िर धक्का लगाया तो वो थोड़ा सा अंदर गया और वो तड़प उठी, बोली- बस अब रहने दो।
लेकिन मैंने फिर थोड़ा सा धक्का दिया तो आधा चला गया और उसकी चूत में से खून निकलने लगा और वो दर्द से तड़पने लगी।
थोड़ी देर मैं भी शांत रहा और फिर मैंने एक ही झटके में उसे अंदर कर दिया और वो बहुत तेज चिल्लाई, मैंने उसके होठों पर होंठ रख दिए और उसके रसीले होठों का रसपान करने लगा।
5 मिनट बाद वो नीचे से अपने नितम्बों को हिलाने लगी तो मैं भी अंदर बाहर झटके लगाने लगा।
अब उसके मुख से ‘आआह्ह उह्ह्ह उफ्फ सीईई स्सीईईई आह्ह्हा… की आवाज आने लगी।
दस मिनट बाद वो झड़ गई और उसके साथ मैं भी झड़ गया।
मैं उसे किस कर रहा था और उसके ऊपर लेटा हुआ था और हम ऐसे ही कुछ देर तक लेटे रहे।
फिर जब मैंने उसकी चूत को देखा तो वो पूरी तरह से खून से लाल हो गई थी, मैंने उसे साफ किया और उसने अपने तौलिये से मेरे लौड़े को साफ किया।
साफ़ करते करते फिर से मेरा लण्ड खड़ा हो गया और एक बार फिर से हम कामवासना में लिप्त हो गए।
इतना मोटा कैसे जाएगा?
मेरा नाम रौनक है, मैं 24 साल का हूँ, दिल्ली का रहने वाला हूँ।
यह घटना तब की है जब मैं 21 का था।
मई का महीना था, दोपहर का समय था मैं सो रहा था कि तभी मेरा फ़ोन बजा।
मैंने हेलो कहा तो उधर से किसी लड़की की आवाज सुनाई पड़ी, मैंने पूछा- किससे बात करनी है?
तो उसने मेरा नाम लिया।
मैंने कहा- हाँ, मैं ही बोल रहा हूँ, कहिये क्या काम है और आप कहाँ से बोल रही हैं?
तो उसने जबाब दिया- मैं चंडीगढ़ से बोल रही हूँ।
और उसने भी पूछा- आप कहाँ से बोल रहे हो?
मैंने बताया- मैं दिल्ली से बोल रहा हूँ।
तो यह सुन कर उसने कहा- रोंग नंबर है सॉरी!
इतना बोल कर फ़ोन काट दिया।
मेरे मन में आया कि यह कौन थी जिसे मेरा नाम पता है सही नंबर पे कॉल किया। इसलिए मैंने दोबारा उसे कॉल किया, मैंने उससे पूछा- आपको मेरा नंबर कहाँ से मिला?
तो उसने कहा- मेरे पापा का फ़ोन है, उसमें ये नंबर सेव था लेकिन मुझे जिससे बात करनी है वो चंडीगढ़ में रहता है।
जबकि मैं कभी चंडीगढ़ गया नहीं, तो सुनकर मुझे आश्चर्य हुआ यह कैसे हो सकता है।
फिर मैंने कहा- कोई बात नहीं, आप से बात करके अच्छा लगा… क्या मैं आप से फिर कभी बात कर पाऊँगा?
बोली- ठीक है, बात कर सकते हो।
फिर इसी प्रकार से हमारी बातें शुरू हो गई।
अगले दिन जब मैंने कॉल किया तो उससे मैंने उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम सीमा बताया और फिर मैंने पूछा- आप क्या करती हो?
उसने कहा- मैं जॉब करती हूँ, टीचर हूँ प्राइवेट स्कूल में।
और भी बहुत सारी बातें होती रही।
उस दिन के बाद तो दिन में 3-4 बार बातें कर लिया करते थे।
एक सप्ताह बाद मैंने उसे प्रपोज़ किया तो उसने जबाब दिया कि मैं तुमसे 5 साल बड़ी हूँ।
तो मैंने कहा- कोई बात नहीं।
एक दिन रात में उसने फ़ोन किया और कहा- मन नहीं लगा रहा था तो आपको कॉल किया।
मैंने कहा- अच्छी बात है।
बात ही बात में मैंने उसे ‘आई लव यू’ I Love You कह दिया तो बोली- ठीक है, कल सोच कर बताऊँगी।
उसके अगले दिन रात में उसके कॉल का इंतजार कर ही रहा था कि उसका कॉल आ गया फिर अंत में जब गुड नाईट कह कर कॉल काट करने से पहले उसने कहा- ‘लव यू टू’ Love You Too यह कल का जवाब है।
उस रात तो मिं सो नहीं पाया।
एक दिन बात ही बात में मैंने उससे मिलने के लिए कहा तो बोली- ठीक है, लेकिन कहाँ मिलेंगे?
तो उसने मैंने कहा- मेर घर आ जाओ।
तो बोली- ये ठीक है, आपके घर में सब से मिल भी लूँगी।
फिर जुलाई में उसका प्रोग्राम बना मिलने का। मैं उसे रिसीव करने रेलवे स्टेशन गया जहाँ मैं उससे पहली बार मिला… 5’5″ कद की एक खूबसूरत लड़की जिसके नयन नक्श तीखे थे, बाल लम्बे लम्बे उसके नितम्बों तक आ रहे थे जो उसकी खूबसूरती पर चार चाँद लगा रहे थे। उसके नितम्ब गोल, जांघें सुडौल थी।
मिलते ही हमने हाय हेलो किया, फिर स्टेशन से बाहर निकले, टैक्सी ली और अपने घर की ओर चल दिए।
वो चुप थी इसलिए मैं भी उससे कुछ बोल नहीं पा रहा था, उसे देख कर मैं स्तब्ध था।
हम रास्ते भर चुप ही रहे, जब घर पहुँचे तो घर में कोई नहीं था मेरे अलावा क्यूंकि मॉम-डैड ऑफिस गए थे, छोटा भाई स्कूल गया था।
उसने अपनी चुप्पी तोड़ी, बोली- घर पे कोई नहीं है?
मैंने कहा- नहीं, भाई स्कूल से 4 बजे तक आएगा, मॉम डैड शाम के 7 बजे तक आएंगे।
बोली- ठीक है, बाथरूम कहाँ है, फ्रेश होना है।
वो फ्रेश होने चली गई, तब तक मैंने उसके लिए कॉफ़ी तैयार की, ब्रेक फ़ास्ट मम्मी तैयार करके गई थी, उसे गरम किया और टेबल पे लाकर रखा ही था कि वो बाहर आई और बोली- क्या बात है… ये सब तुमने किया?
तो मैंने भी जवाब दिया- कोई और यहाँ दिख रहा है?
फिर बोली- ठीक है, मैं अभी आती हूँ कपड़े बदल कर…
मैंने कहा- क्या जरूरत है, ऐसे हो ठीक हो।
क्यूंकि वो मैक्सी में थी और शायद उसने ब्रा नहीं पहनी थी, इसलिए उसके निप्पल उभरे हुए दिख रहे थे जिसे देखते हुए उसने देख लिया था।
मैंने कहा- कोई नहीं, ब्रेक फ़ास्ट कर लो, फिर चेंज कर लेना क्यूंकि कोई नहीं है यहाँ अभी मेरे अलावा।
वो मान गई, हमने मिल कर नाश्ता किया और फिर बातें करने लगे।
मैंने उसकी उसकी खूबसूरती की काफी तारीफ की तो वो पीछे नहीं रही, उसने भी मेरी तारीफ की जिसमें उसने एक बात विशेष रूप से कही वो यह कि मेरी आँखें बहुत नशीली हैं।
तो मैंने कहा- आँखें नशीली तो लड़कियों की होती हैं और मैं लड़की नहीं।
वो हंसने लगी, हंसते हुए बहुत प्यारी लग रही थी वो। ऐसे ही बात करते करते एक घंटा बीत गया, उसने कहा- मेरे होंठ सूख रहे हैं।
मैंने कहा- मैं गीला कर दूँ?
बोली- कैसे?
‘आप बुरा तो नहीं मानोगी?’
बोली- नहीं…
फिर क्या था, मैंने उसके होठों पे होंठ रख दिए, उसे बोलने का मौका तक नहीं दिया, करीब 4-5 मिनट तक किस करने के बाद जब हटा तो मैंने कहा- ऐसे।
फिर मैंने कहा- मैं अभी आता हूँ।
और मैं बाहर गेट बंद करने चला गया, जब आया तो बोली- कहाँ गए थे?
तो मैं बोला- गेट बंद करने…
तो बोली- क्यों?
मैंने कहा- ऐसे ही।
फिर मैंने कहा- एक बार और किस कर लूँ?
तो बोली- कर लो।
मैंने फिर से उसे किस किया, इस बार मेरा लन्ड खड़ा हो गया जो उसके जांघों के बीच धंसता जा रहा था, जब उसे अहसास हुआ इसका तो वो पीछे हो गई, बोली- यह ठीक नहीं है।
मैंने कहा- क्यों? सब ठीक तो है।
फिर वो कुछ नहीं बोली। मैंने फिर से बाँहों में भर लिया और किस करने लगा, उसकी चूची मेरे सीने से टकराई, मुझे बहुत अच्छा लगा क्यूंकि यह पहली बार था जब मैं किसी लड़की के साथ कुछ कर रहा था।
मेरा एक हाथ उसके पीठ को सहला रहा था और दूसरा उसकी मैक्सी को उठाने में व्यस्त था जो उठ नहीं रही थी।
फिर मैंने उसकी चूत को ऊपर से ही सहलाना शुरू किया जिससे उसकी सांसें तेज हो गई और अजीब सी आवाजें भी निकलने लगी- उम्म्म…! हम्म्म… सी!…! सि…! उफ़…
फिर मैंने उसकी मैक्सी को उठा दिया, उसने नीचे पैंटी पहन रखी थी, मैं उसे उतारने लगा तो उसने अपने जांघें भींच ली लेकिन मैंने फिर भी उतार दी, जब मैंने उसकी पैंटी उतार दी तो उसने अपने हाथों से अपनी चूत को छुपा लिया।
फिर मैंने उसका हाथ हटाने की कोशिश की और सफल भी रहा।
उसकी चूत पर काले काले और रेशमी बाल उगे थे जो काफी छोटे थे, ऐसा लग रहा था कि कुछ दिन पहले ही उसने अपनी झाँटें साफ़ की थी।
उसकी चूत पर मैं अपना हाथ फिराने लगा, जैसे ही हाथ लगे उसका शरीर सिहर उठा।
मैंने उसे सोफे पे लिटा दिया और उसकी चूत पर हाथ फिराने लगाम हाथ फिराते फिराते मैंने उसकी चूत की पंखुरियों को खोला तो वो अंदर से सुर्ख गुलाबी थी और एक छोटा सा छेद था, ऊपर मटर के दाने जैसा क्लाइटोरिस…
जब मैं उसकी क्लाइटोरिस को छूता था, तब वो अपनी नितम्बों को उचकाती थी और जोर ‘सी सीई सी स्स्सीईई’ करती थी।
मैं उस समय टी शर्ट और हाफ पैंट पहने हुए था, उसने मेरा हाफ पेंट खोल दिया और मैंने टी शर्ट उतार दी, अब मैंने सिर्फ चड्डी पहन रखी थी, उसने कहा- इसे उतार दो।
मैंने कहा- तुम इसे उतारो।
उसने मेरी चड्डी उतार दी, मेरा लंड तन कर खड़ा था, जो 6″ लम्बा था, देख कर बोली- इतना मोटा कैसे जाएगा?
मैंने कहा- चला जाएगा।
फिर उसे सोफे से उतार कर वहीं फर्श पर आ गया, मैंने उसकी टांगों को फैलाया और उसकी चूत पर लौड़ा रख कर हल्का सा धक्का लगाया लेकिन नहीं गया, 2-3 बार तो असफल रहा, फिर उसने खुद ही वहाँ पकड़ कर रखा और कहा- अब अंदर करो।
मैंने फ़िर धक्का लगाया तो वो थोड़ा सा अंदर गया और वो तड़प उठी, बोली- बस अब रहने दो।
लेकिन मैंने फिर थोड़ा सा धक्का दिया तो आधा चला गया और उसकी चूत में से खून निकलने लगा और वो दर्द से तड़पने लगी।
थोड़ी देर मैं भी शांत रहा और फिर मैंने एक ही झटके में उसे अंदर कर दिया और वो बहुत तेज चिल्लाई, मैंने उसके होठों पर होंठ रख दिए और उसके रसीले होठों का रसपान करने लगा।
5 मिनट बाद वो नीचे से अपने नितम्बों को हिलाने लगी तो मैं भी अंदर बाहर झटके लगाने लगा।
अब उसके मुख से ‘आआह्ह उह्ह्ह उफ्फ सीईई स्सीईईई आह्ह्हा… की आवाज आने लगी।
दस मिनट बाद वो झड़ गई और उसके साथ मैं भी झड़ गया।
मैं उसे किस कर रहा था और उसके ऊपर लेटा हुआ था और हम ऐसे ही कुछ देर तक लेटे रहे।
फिर जब मैंने उसकी चूत को देखा तो वो पूरी तरह से खून से लाल हो गई थी, मैंने उसे साफ किया और उसने अपने तौलिये से मेरे लौड़े को साफ किया।
साफ़ करते करते फिर से मेरा लण्ड खड़ा हो गया और एक बार फिर से हम कामवासना में लिप्त हो गए।
No comments:
Post a Comment