FUN-MAZA-MASTI
ठरकी की लाइफ में ..8
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अब आगे
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अपने माँ -बाप को स्टेशन छोड़ने के बाद तो रिया के चेहरे की रंगत बदल सी गयी, उसके चेहरे पर आई खुशी और चंचलता देखते ही बनती थी, ऐसा लग रहा था जैसे वो अपने आप को आज़ाद सा फील कर रही थी..
अजय भी उसके साथ इधर - उधर की बातें चोदता रहा, उसको ये एहसास दिलाता रहा ही वो उसके दोस्त जैसा है, कभी भी, कोई भी ज़रूरत हो तो वो उसके साथ अपनी फीलिंग शेयर कर सकती है, पैसो की ज़रूरत हो या कही जाने की,वो उसे कह सकती है वगेरहा वगेरहा...
वो उसे अपनी बोतल मे उतारने की कोशिश कर रहा था, ताकि बाद में उसके साथ जब वो मज़े ले तो आसानी से काम बन जाए..
और रिया भी अबोध बालिका की तरह उसकी हर बात पर खुश होती चली जा रही थी..और अंदर ही अंदर सोच रही थी की उसके जीजू कितने अच्छे हैं, उसका कितना ध्यान रख रहे है अभी से..
पर उसे क्या पता था की उसके ठरकी जीजू के इरादे क्या है.
वो बातें करते हुए जा ही रहे थे की उनकी कार एक रेड लाइट पर रुकी ,जो करीब 4 मिनट लम्बी थी , अचानक रिया चिल्लाई : "देखो जीजू....आपके मतलब की लड़कियाँ...''
अजय ने उस तरफ देखा जहाँ रिया ने इशारा किया था तो देखा की दो लड़कियां स्कूल ड्रेस में जा रही है, शायद 12th की होंगी..पर उन्हे देखकर अजय को कुछ समझ नही आया,उसने अपनी आँखे नचाते हुए रिया की तरफ देखा
वो हंसते हुए बोली : "अरे जीजू...आपने ही तो कहा था की आपको छोटे बूब्स वाली लड़कियाँ पसंद है...ज़रा देखो इन लड़कियों को..मेरे से भी छोटे हैं इनके तो...''
वो हँसती हुई ऐसी उत्तेजना से भरी बात बड़े आराम से करती चली जा रही थी, और ये भी नही सोच रही थी की अजय और उसके लंड पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा..
और प्रभाव पड़ भी गया, अजय के लंड ने पेंट में अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी..जैसे गर्दन बाहर निकाल कर वो भी उन छोटे बूब्स वाली लड़कियों को देखना चाहता हो..
अजय तो खुद ही इतनी देर से सोच रहा था की कैसे उस तरह की बातें शुरू करे रिया के साथ,पर यहाँ उसने खुद ही मौका दे दिया था..
बस फिर क्या था, हमारे ठरकी महाशय शुरू हो गये..
अजय : "अरे नही...इतने भी छोटे नही ...थोड़े तो बड़े होने चाहिए ना..वो देखो..उस लेडी की तरह..वैसे पसंद है मुझे..''
उसने रोड के साइड से जा रही एक लड़की की तरफ इशारा किया, जिसने रेड कलर की एक ग़ज़ब की शार्ट ड्रेस पहनी हुई थी, और जिसमे उसकी मोटी जांघे साफ़ चमक रही थी और उसके बूब्स जो बिल्कुल पर्फेक्ट्ली ब्रा में क़ैद थे वो दूर से ही चमक रहे थे....
रिया ने उस तरफ देखा और बोली : "वाव जीजू, नोट बेड ...आपकी चाय्स वाकई में अच्छी है...''
अजय : "पसंद तो मुझे तुम्हारे भी है...इन्फेक्ट इस लेडी से भी ज़्यादा...''
और अजय ने हिम्मत करते हुए अपना हाथ आगे किया और होले से उसके बूब्स के नीचे लगाकर उसे सहला दिया..
रिया चिहुंक पड़ी : "ऊऊ जीजू .....आप भी ना, सबके सामने मुझे ऐसे छेड़ रहे हो ...''
उसके अल्फ़ाज़ तो नाराज़गी वाले थे, पर आवाज़ में एक दबी हुई सी खुशी और चंचलता थी..
रिया ने दूसरी कार मे बैठे एक बुड्ढे को देखा जो उन्हे ही देख रहा था : "वो देखो ज़रा उन अंकल को...हमे कैसे घूरकर देख रहे है...''
अजय ने अपनी दाँयी तरफ देखा, और सच मे उस कार में बैठा बूढ़ा उन्हे ही घूर रहा था..अजय ने रेड लाइट की तरफ देखा, वहाँ काउंटडाउन चल रहा था, और अभी भी 2 मिनट और थे, काफ़ी लंबी लाइट थी ये तो..और इसी का फायदा उठाते हुए अजय के दिमाग़ में एक तरकीब आई..
वो रिया से बोला : "ऐसे बुड्ढे लोगो की ये आदत हमेशा से रहती है...दूसरो की बीबी और गर्लफ्रेंड को देखकर साले ललचाते रहते हैं,तुम मेरा साथ दो तो इसको और तड़पाया जा सकता है...''
अजय ने उसे आँख मारते हुए ये बात कही..
रिया ने तो सोचा भी नही था की उसका जीजा ऐसी शरारती बातें भी सोच सकता है...ऐसी हरकतें तो उसके स्कूल की लड़कियाँ किया करती थी अक्सर...अपने प्रोफेसर की तरफ देखकर मुस्कुराना,उनके सामने अपनी स्कर्ट थोड़ा उपर कर लेना या उनके आगे से मटकते हुए निकल जाना...पर रिया वो कभी नही कर पाई थी...उसकी कभी हिम्मत ही नही हुई वो सब करने की...और आज उसके जीजू ये सब करने के लिए कह रहे हैं तो वो झट से मान गयी आख़िर उसकी भी इच्छा थी की ऐसे किसी को तरसाए...तड़पाये ...
उसकी हाँ मिलते ही अजय ने रिया को पकड़ कर अपनी तरफ खिसका लिया..उसकी पतली कमर मे हाथ डालते ही अजय के लंड की नसें तन सी गयी...और फिर वो रिया की तरफ झुकते हुए उसके कान के पास अपने होंठ ले गया और अपनी जीभ से उसे छू लिया..
रिया तो पता नही क्या सोच रही थी, पर अजय के ऐसा करते ही उसका शरीर अकड़ने सा लगा,और पूरे बदन में झुरजुरी सी दौड़ गयी...आख़िर ऐसा कोई पहली बार जो कर रहा था उसके साथ...
उसके रेशमी बाल,जो खुले हुए थे,अजय के चेहरे पर आ गये थे और उनमे से आ रही शेंपू की भीनी खुश्बू में वो खो सा गया, शायद एक पल के लिए वो ये भी भूल गया था की इस वक़्त वो कहाँ है और किसके साथ है...उसने अपनी जीभ निकाल कर रिया की गर्दन को चाट लिया..
''आआआआआआआआहह जीजू .......क्या कर रहे हो आप ....''
अब वो उसकी गिरफ़्त से निकलने के लिए कसमसा रही थी..और अजय को भी एहसास हो गया की वो शायद कुछ ज़्यादा ही आगे निकल गया है..वो बात संभालते हुए बोला : "अरे पगली, ये सब तो उन अंकल को दिखाने के लिए कर रहा हूँ ...ज़रा देख तो, वो क्या कर रहे हैं...''
रिया ने अजय के कंधे पर सिर रखते हुए दूसरी तरफ देखा तो उसकी हँसी निकल गयी...वो बुड्ढा अपनी आँखे फाड़कर लगातार उन्हे देखे जा रहा था और उसका एक हाथ नीचे की तरफ था और उपर नीचे हो रहा था...वो समझ गयी की वो अपने लंड को उपर नीचे करते हुए मुठ मार रहा है..
और ये देखते ही वो ज़ोर-2 से हँसने लगी..
अजय : "क्या हुआ...हंस क्यो रही हो...''
और उसकी हँसी का फायदा उठाते हुए वो अपने गीले होंठों से उसकी गर्दन पर किस्स भी करता जा रहा था..
रिया (हंसते हुए) : "जीजू, उसका चेहरा देखने लायक है, कही ऐसा ना हो की हमे ऐसे देखकर उन्हे हार्ट अटैक आ जाए...हा हा....और वो अपने हाथ से नीचे की तरफ.....हा हा...''
अजय तो एक पल मे ही समझ गया की वो क्या कहना चाहती है, फिर भी उसकी गर्दन को चूमता हुआ बोला : "क्या...नीचे की तरफ क्या...''
पर वो कुछ बोल पाती इससे पहले ही ग्रीन लाइट हो गयी और पीछे की तरफ से गाड़ियों के हॉर्न बजने लगे..और अजय ने झक मारते हुए अपनी गाड़ी आगे बड़ा दी...और वो बेचारे अंकल वही खड़े रह गये, उनके तो हाथ काँप रहे थे दोबारा सेल्फ़ मारते हुए..
और उनकी हालत की बात करते-2 दोनो काफ़ी देर तक हंसते रहे..
रिया : "यार जीजू...आप सच में बड़े बदमाश हो....''
अजय : "बदमाश तो तुम भी हो...सेक्सी वाली बदमाश हो तुम....''
अपने लिए सेक्सी वर्ल्ड सुनकर रिया थोड़ा सा शरमा गयी और बोली : "ऐवें ही ...आप भी ना...मैं तो सिंपल सी हूँ ...पता नही आपको कहाँ से सेक्सी लग गयी...''
उसके होंठ लरजा रहे थे वो सब बोलते हुए, और अजय ने बॅक व्यू मिरर को उसके चेहरे की तरफ कर लिया था, ताकि उसके चेहरे के एक्शप्रेशन देख सके..
उसके गालों की रंगत बदल चुकी थी...लाल हो चुका था उसका चेहरा और होंठों पर गुलाबीपन भी आ गया था..
अजय : "वैसे एक बात और बोलू, आई लाइक यूर स्मेल...''
और अब ये बात सुनकर तो वो और भी ज्यादा शरमा गयी, और धीरे से बोली : "स्मेल भी भला होती है किसी में ...आप भी ना...''
अजय : "अरे , होती है भई...हर इंसान की अपनी खुश्बू होती है..तू भी जल्द ही जान जाएगी...''
वो बेचारी सोचती रह गयी की ऐसा कैसे हो सकता है..
अजय : "चल छोड़ ये सब, वो अंकल क्या कर रहे थे अपने हाथ से...''
रिया : "जीजूउुउउ....आप भी ना...आप को पता है की मर्द क्या करते है अपने हाथ से...''
अजय (मुस्कुराते हुए) : "कसम से...मुझे नही पता...''
रिया (आँखे गोल करते हुए) : "आप की जगह कोई और होता तो मान भी लेती, पर आपको ये नही पता ,मैं मान ही नही सकती...आजकल हर किसी को पता होता है की मास्टरबेट कैसे करते हैं....''
और ये बात बोलते ही वो फिर से शरमा गयी और उसने झट से मुँह दूसरी तरफ कर लिया....अजय उसे देखकर मुस्कुराता रहा...अजय उसके उपर नीचे हो रहे सीने को देख रहा था,शायद ऐसा बोलते हुए वो एक्साइटिड हो रही थी..
अजय ने धीरे से पुछा : ''तुम करती हो....??''
अजय की ये बात सुनते ही रिया की हालत खराब हो गयी...थोड़ी देर बाद वो धीरे से बोली : "जीजू...प्लीज़....मुझसे ऐसी बातें मत करो...''
अजय ने भी अपने आप को कोसा की कैसे वो एकदम से पहले दिन ही रिया से मूठ मारने की बातें कर रहा है...
उसने धीरे से सॉरी बोला और उसके बाद बिना कोई बात किए वो घर पहुँच गये...
अजय जान बूझकर अब रिया की तरफ देख भी नही रहा था, और अपना फेस भी उसने काफ़ी सीरियस सा बना लिया था...
कुछ देर बाद वो तैयार होकर ऑफीस के लिए निकल गया..और जाते हुए भी उसने रिया की तरफ देखा भी नही..रिया समझ गयी की उसके प्यारे जीजू उससे नाराज़ हो गये हैं..
पर ऑफीस में पूरा दिन वो कार वाली घटना के बारे में ही सोचता रहा...उसकी खुश्बू तो उसके जहन में बस चुकी थी...वो अभी भी गहरी साँस लेता तो ऐसा लग रहा था की जैसे रिया उसके चेहरे के सामने बाल खोलकर खड़ी है और वो उसकी खुश्बू सूंघ रहा है...
ऐसा करते-2 कब शाम हो गयी और कब वो घर पहुँच गया उसे भी पता नही चला...
पर उसे नही मालूम था की उसकी नाराज़ होने की एक्टिंग का कितना बड़ा फायदा होने वाला है उसे..
शाम को जब वो घर पहुँचा तो काफ़ी थका हुआ था,काम की वजह से नही,बल्कि ट्रेफिक की वजह से,प्राची तो आज ऑफीस गयी नही थी, इसलिए दरवाजा उसी ने खोला.और हमेशा की तरह अंदर आते ही उसने उसका बेग लिया और गले लगाकर किस्स किया
प्राची : "उम्म्म्म आ गये आप...आज बड़ी देर कर दी...''
अजय : "यार, आज तो ट्रॅफिक ने परेशान करके रख दिया...''
प्राची : "पता है सुबह से रिया कितनी बार पूछ चुकी है आपके बारे में ...पता नही एक ही दिन मे क्या जादू कर दिया है आपने मेरी भोली भली बहन पर..''
ये बोलते हुए उसके चेहरे पर कुटिल सी मुस्कान थी,जो हर उस पत्नी के चेहरे पर होती है जब वो अपने पति से किसी और औरत के बारे में बात करती है.
रिया का नाम सुनते ही अजय चोंक गया...वैसे भी आज पूरा दिन ऑफीस में वो उसके बारे में ही सोचता रहा था और रास्ते में आते हुए भी वो रिया के बारे में ही सोच रहा था..और घर आते ही अपनी बीबी से उसका नाम सुनने को मिलेगा, ये उसे अंदाज़ा नही था..पर जो भी था, रिया की बात सुनकर उसका लंड फिर से खड़ा हो गया.
अजय ने चौंकते हुए कहा : "रिया...उसे क्या हुआ..उसको भला मुझसे क्या काम है जो मेरे बारे में पूछ रही थी ..''
प्राची : "अब ये तो वो ही जाने...या उसके प्यारे जीजू जाने...हम भला कैसे बताएँ..''
वो अपनी उसी मुस्कान के साथ फिर से उसके करीब आ गयी..अजय तब तक सोफे पर बैठ चुका था..
अजय : "तुम सच में बड़ी शक्की हो...अपनी बहन को भी नही छोड़ा..''
प्राची : "होना पड़ता है जनाब, और ख़ासकर तब, जब पति इतना हेंडसम हो...''
इतना कहते -2 प्राची आकर अजय की गोद में बैठ गयी और अपनी बाहें उसकी गर्दन में लपेट दी..
उसके नर्म कूल्हे अजय की जाँघ पर रेंग रहे उसके खड़े हुए लंड से आ टकराए..और उसकी आँखे आश्चर्या से फैल गयी और बोली : "अच्छा जी, तो साली का नाम सुनते ही आपका ये छोटा शेर खड़ा हो गया है...''
वो अजय को टीज कर रही थी रिया का नाम ले-लेकर..
अजय : "ओफफो...तुम भी ना...ये तो तुम्हे देखकर अकड़ रहा है...पता है कल भी तुम ऐसे ही सो गयी थी..और मेरा इतना मन कर रहा था..''
प्राची : "ओल्ले मेला बैबी...तो मुझे उठा देते ना...आपको तो पता है ,सेक्स जितना आपको पसंद है उतना ही मुझे भी...''
अजय ने उसके मुम्मे दबाते हुए कहा : "पता है जान, पर कल तुम इतना थकी हुई थी की मुझसे तुम्हे उठाया ही नही गया..''
प्राची ने अजय के हाथ पर हाथ रखकर अपना मुम्मा ज़ोर से दबा दिया और सिसकारी मारने के बाद बोली : "उम्म ...हाँ , वो तो है, कल मै शायद ज़्यादा ही थक गयी थी...और नींद भी मुझे गहरी वाली आई...और मेरी वजह से मेरे बैबी को ऐसे ही सोना पड़ा...''
अब वो बेचारी भला क्या जानती थी की उसे वो गहरी वाली नींद कैसे आई थी...और अजय को ऐसे ही नही सोना पड़ा था..उसकी मौसी ने रात अच्छी तरह से सेवा करी थी अपने दामाद की , और दामाद ने भी उनकी गांड मारकर भेजा है वापिस मुंबई उन्हे..
प्राची : "पर कोई बात नही...कल की कमी ,मैं अभी पूरी कर देती हूँ ...''
और इतना कहते ही प्राची टूट पड़ी अजय के चेहरे पर...और अजय भी उसके मुम्मे मसलता हुआ उसके नर्म होंठों को चूसने लगा..
ऐसा अक्सर होता नही था, क्योंकि दोनों एक साथ ही ऑफीस से घर आते थे, इसलिए सेक्स सिर्फ़ रात को ही कर पाते थे, नयी शादीशुदा जिंदगी में एक दिन का गैप भी उत्तेजना भर जाता है...और यही हो रहा था इस वक़्त प्राची के साथ ...और वैसे भी अपने पति को बिना सेक्स के रखने का मतलब उसे बाहर की दुनिया का रास्ता दिखाना , जहाँ जाकर वो अपनी इच्छा की पूर्ति कर सके, ये मौका प्राची नही देना चाहती थी अजय को...
इसलिए उसने अजय के घर आने से पहले से ही ये सोच रखा था की आज उसके आने के साथ ही वो चुदाई करवाएगी..रात वाली शिफ्ट बाद में लगाएगी
और यही कर रही थी वो इस वक़्त...
प्राची ने सूट और सलवार पहनी हुई थी...अजय ने उसके उपर की कमीज़ उतार दी और एक हाथ से उसकी ब्रा भी खोल दी..
उसके दोनो कबूतर फड़फड़ाते हुए बाहर आ गये..और प्राची ने एक कबूतर की गर्दन पकड़ कर अजय के मुँह में अपना निप्पल दे दिया , और अजय भी किसी प्यासे जानवर की तरह उसपर टूट पड़ा और ज़ोर-2 से चुभलाते हुए उसे चूसने लगा..निकालने लगा उसके अंदर जमीं मिठास को
''आआआआआहह ऊओ मेरा बैबी......पी ले.....मम्मा का दूध पी ले...''
ऐसा अक्सर बोला करती थी प्राची..जिसे सुनकर वो ज़्यादा उत्तेजित हो जाया करता था.
प्राची : "आआआआआहह धीरे बैबी ....धीरे....मम्मा को दर्द होता है.....अहह......''
अजय के सिर पर हाथ फेरती हुई प्राची ने अजय की पेंट की जीप खोल दी...और उसके लंड की गर्दन पकड़कर बाहर खींच लिया..
उसके लंड को देखते ही वो नागिन की तरह लहराती हुई नीचे बैठ गयी उसके कदमों में , और उसे पकड़ कर अपनी जीभ से सहलाया...उसे पुचकारा ...और फिर एक गहरी साँस लेकर उसे निगल लिया..
''आआआआआआआआहह प्राची ...........ओ मेरी जान..............एसस्स्स्स्स्स्स्सस्स..... .सकक्क मी.....''
अजय उसके रेशमी बालों पर दबाव देकर अपने लंड को उसके मुँह के और अंदर धकेल रहा था...और वो भी अपने पंजों पर बैठकर अपने पति के छोटे भाई की सेवा अपनी गर्म जीभ से कर रही थी...
उसकी थूक से अजय का लंड नहा गया....अजय ने अपनी बेल्ट खोलकर अपनी पेंट को थोड़ा नीचे खिसका दिया जिसकी वजह से उसका लंड अब पूरी तरह से बाहर निकल आया था...
ठरकी की लाइफ में ..8
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अब आगे
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अपने माँ -बाप को स्टेशन छोड़ने के बाद तो रिया के चेहरे की रंगत बदल सी गयी, उसके चेहरे पर आई खुशी और चंचलता देखते ही बनती थी, ऐसा लग रहा था जैसे वो अपने आप को आज़ाद सा फील कर रही थी..
अजय भी उसके साथ इधर - उधर की बातें चोदता रहा, उसको ये एहसास दिलाता रहा ही वो उसके दोस्त जैसा है, कभी भी, कोई भी ज़रूरत हो तो वो उसके साथ अपनी फीलिंग शेयर कर सकती है, पैसो की ज़रूरत हो या कही जाने की,वो उसे कह सकती है वगेरहा वगेरहा...
वो उसे अपनी बोतल मे उतारने की कोशिश कर रहा था, ताकि बाद में उसके साथ जब वो मज़े ले तो आसानी से काम बन जाए..
और रिया भी अबोध बालिका की तरह उसकी हर बात पर खुश होती चली जा रही थी..और अंदर ही अंदर सोच रही थी की उसके जीजू कितने अच्छे हैं, उसका कितना ध्यान रख रहे है अभी से..
पर उसे क्या पता था की उसके ठरकी जीजू के इरादे क्या है.
वो बातें करते हुए जा ही रहे थे की उनकी कार एक रेड लाइट पर रुकी ,जो करीब 4 मिनट लम्बी थी , अचानक रिया चिल्लाई : "देखो जीजू....आपके मतलब की लड़कियाँ...''
अजय ने उस तरफ देखा जहाँ रिया ने इशारा किया था तो देखा की दो लड़कियां स्कूल ड्रेस में जा रही है, शायद 12th की होंगी..पर उन्हे देखकर अजय को कुछ समझ नही आया,उसने अपनी आँखे नचाते हुए रिया की तरफ देखा
वो हंसते हुए बोली : "अरे जीजू...आपने ही तो कहा था की आपको छोटे बूब्स वाली लड़कियाँ पसंद है...ज़रा देखो इन लड़कियों को..मेरे से भी छोटे हैं इनके तो...''
वो हँसती हुई ऐसी उत्तेजना से भरी बात बड़े आराम से करती चली जा रही थी, और ये भी नही सोच रही थी की अजय और उसके लंड पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा..
और प्रभाव पड़ भी गया, अजय के लंड ने पेंट में अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी..जैसे गर्दन बाहर निकाल कर वो भी उन छोटे बूब्स वाली लड़कियों को देखना चाहता हो..
अजय तो खुद ही इतनी देर से सोच रहा था की कैसे उस तरह की बातें शुरू करे रिया के साथ,पर यहाँ उसने खुद ही मौका दे दिया था..
बस फिर क्या था, हमारे ठरकी महाशय शुरू हो गये..
अजय : "अरे नही...इतने भी छोटे नही ...थोड़े तो बड़े होने चाहिए ना..वो देखो..उस लेडी की तरह..वैसे पसंद है मुझे..''
उसने रोड के साइड से जा रही एक लड़की की तरफ इशारा किया, जिसने रेड कलर की एक ग़ज़ब की शार्ट ड्रेस पहनी हुई थी, और जिसमे उसकी मोटी जांघे साफ़ चमक रही थी और उसके बूब्स जो बिल्कुल पर्फेक्ट्ली ब्रा में क़ैद थे वो दूर से ही चमक रहे थे....
रिया ने उस तरफ देखा और बोली : "वाव जीजू, नोट बेड ...आपकी चाय्स वाकई में अच्छी है...''
अजय : "पसंद तो मुझे तुम्हारे भी है...इन्फेक्ट इस लेडी से भी ज़्यादा...''
और अजय ने हिम्मत करते हुए अपना हाथ आगे किया और होले से उसके बूब्स के नीचे लगाकर उसे सहला दिया..
रिया चिहुंक पड़ी : "ऊऊ जीजू .....आप भी ना, सबके सामने मुझे ऐसे छेड़ रहे हो ...''
उसके अल्फ़ाज़ तो नाराज़गी वाले थे, पर आवाज़ में एक दबी हुई सी खुशी और चंचलता थी..
रिया ने दूसरी कार मे बैठे एक बुड्ढे को देखा जो उन्हे ही देख रहा था : "वो देखो ज़रा उन अंकल को...हमे कैसे घूरकर देख रहे है...''
अजय ने अपनी दाँयी तरफ देखा, और सच मे उस कार में बैठा बूढ़ा उन्हे ही घूर रहा था..अजय ने रेड लाइट की तरफ देखा, वहाँ काउंटडाउन चल रहा था, और अभी भी 2 मिनट और थे, काफ़ी लंबी लाइट थी ये तो..और इसी का फायदा उठाते हुए अजय के दिमाग़ में एक तरकीब आई..
वो रिया से बोला : "ऐसे बुड्ढे लोगो की ये आदत हमेशा से रहती है...दूसरो की बीबी और गर्लफ्रेंड को देखकर साले ललचाते रहते हैं,तुम मेरा साथ दो तो इसको और तड़पाया जा सकता है...''
अजय ने उसे आँख मारते हुए ये बात कही..
रिया ने तो सोचा भी नही था की उसका जीजा ऐसी शरारती बातें भी सोच सकता है...ऐसी हरकतें तो उसके स्कूल की लड़कियाँ किया करती थी अक्सर...अपने प्रोफेसर की तरफ देखकर मुस्कुराना,उनके सामने अपनी स्कर्ट थोड़ा उपर कर लेना या उनके आगे से मटकते हुए निकल जाना...पर रिया वो कभी नही कर पाई थी...उसकी कभी हिम्मत ही नही हुई वो सब करने की...और आज उसके जीजू ये सब करने के लिए कह रहे हैं तो वो झट से मान गयी आख़िर उसकी भी इच्छा थी की ऐसे किसी को तरसाए...तड़पाये ...
उसकी हाँ मिलते ही अजय ने रिया को पकड़ कर अपनी तरफ खिसका लिया..उसकी पतली कमर मे हाथ डालते ही अजय के लंड की नसें तन सी गयी...और फिर वो रिया की तरफ झुकते हुए उसके कान के पास अपने होंठ ले गया और अपनी जीभ से उसे छू लिया..
रिया तो पता नही क्या सोच रही थी, पर अजय के ऐसा करते ही उसका शरीर अकड़ने सा लगा,और पूरे बदन में झुरजुरी सी दौड़ गयी...आख़िर ऐसा कोई पहली बार जो कर रहा था उसके साथ...
उसके रेशमी बाल,जो खुले हुए थे,अजय के चेहरे पर आ गये थे और उनमे से आ रही शेंपू की भीनी खुश्बू में वो खो सा गया, शायद एक पल के लिए वो ये भी भूल गया था की इस वक़्त वो कहाँ है और किसके साथ है...उसने अपनी जीभ निकाल कर रिया की गर्दन को चाट लिया..
''आआआआआआआआहह जीजू .......क्या कर रहे हो आप ....''
अब वो उसकी गिरफ़्त से निकलने के लिए कसमसा रही थी..और अजय को भी एहसास हो गया की वो शायद कुछ ज़्यादा ही आगे निकल गया है..वो बात संभालते हुए बोला : "अरे पगली, ये सब तो उन अंकल को दिखाने के लिए कर रहा हूँ ...ज़रा देख तो, वो क्या कर रहे हैं...''
रिया ने अजय के कंधे पर सिर रखते हुए दूसरी तरफ देखा तो उसकी हँसी निकल गयी...वो बुड्ढा अपनी आँखे फाड़कर लगातार उन्हे देखे जा रहा था और उसका एक हाथ नीचे की तरफ था और उपर नीचे हो रहा था...वो समझ गयी की वो अपने लंड को उपर नीचे करते हुए मुठ मार रहा है..
और ये देखते ही वो ज़ोर-2 से हँसने लगी..
अजय : "क्या हुआ...हंस क्यो रही हो...''
और उसकी हँसी का फायदा उठाते हुए वो अपने गीले होंठों से उसकी गर्दन पर किस्स भी करता जा रहा था..
रिया (हंसते हुए) : "जीजू, उसका चेहरा देखने लायक है, कही ऐसा ना हो की हमे ऐसे देखकर उन्हे हार्ट अटैक आ जाए...हा हा....और वो अपने हाथ से नीचे की तरफ.....हा हा...''
अजय तो एक पल मे ही समझ गया की वो क्या कहना चाहती है, फिर भी उसकी गर्दन को चूमता हुआ बोला : "क्या...नीचे की तरफ क्या...''
पर वो कुछ बोल पाती इससे पहले ही ग्रीन लाइट हो गयी और पीछे की तरफ से गाड़ियों के हॉर्न बजने लगे..और अजय ने झक मारते हुए अपनी गाड़ी आगे बड़ा दी...और वो बेचारे अंकल वही खड़े रह गये, उनके तो हाथ काँप रहे थे दोबारा सेल्फ़ मारते हुए..
और उनकी हालत की बात करते-2 दोनो काफ़ी देर तक हंसते रहे..
रिया : "यार जीजू...आप सच में बड़े बदमाश हो....''
अजय : "बदमाश तो तुम भी हो...सेक्सी वाली बदमाश हो तुम....''
अपने लिए सेक्सी वर्ल्ड सुनकर रिया थोड़ा सा शरमा गयी और बोली : "ऐवें ही ...आप भी ना...मैं तो सिंपल सी हूँ ...पता नही आपको कहाँ से सेक्सी लग गयी...''
उसके होंठ लरजा रहे थे वो सब बोलते हुए, और अजय ने बॅक व्यू मिरर को उसके चेहरे की तरफ कर लिया था, ताकि उसके चेहरे के एक्शप्रेशन देख सके..
उसके गालों की रंगत बदल चुकी थी...लाल हो चुका था उसका चेहरा और होंठों पर गुलाबीपन भी आ गया था..
अजय : "वैसे एक बात और बोलू, आई लाइक यूर स्मेल...''
और अब ये बात सुनकर तो वो और भी ज्यादा शरमा गयी, और धीरे से बोली : "स्मेल भी भला होती है किसी में ...आप भी ना...''
अजय : "अरे , होती है भई...हर इंसान की अपनी खुश्बू होती है..तू भी जल्द ही जान जाएगी...''
वो बेचारी सोचती रह गयी की ऐसा कैसे हो सकता है..
अजय : "चल छोड़ ये सब, वो अंकल क्या कर रहे थे अपने हाथ से...''
रिया : "जीजूउुउउ....आप भी ना...आप को पता है की मर्द क्या करते है अपने हाथ से...''
अजय (मुस्कुराते हुए) : "कसम से...मुझे नही पता...''
रिया (आँखे गोल करते हुए) : "आप की जगह कोई और होता तो मान भी लेती, पर आपको ये नही पता ,मैं मान ही नही सकती...आजकल हर किसी को पता होता है की मास्टरबेट कैसे करते हैं....''
और ये बात बोलते ही वो फिर से शरमा गयी और उसने झट से मुँह दूसरी तरफ कर लिया....अजय उसे देखकर मुस्कुराता रहा...अजय उसके उपर नीचे हो रहे सीने को देख रहा था,शायद ऐसा बोलते हुए वो एक्साइटिड हो रही थी..
अजय ने धीरे से पुछा : ''तुम करती हो....??''
अजय की ये बात सुनते ही रिया की हालत खराब हो गयी...थोड़ी देर बाद वो धीरे से बोली : "जीजू...प्लीज़....मुझसे ऐसी बातें मत करो...''
अजय ने भी अपने आप को कोसा की कैसे वो एकदम से पहले दिन ही रिया से मूठ मारने की बातें कर रहा है...
उसने धीरे से सॉरी बोला और उसके बाद बिना कोई बात किए वो घर पहुँच गये...
अजय जान बूझकर अब रिया की तरफ देख भी नही रहा था, और अपना फेस भी उसने काफ़ी सीरियस सा बना लिया था...
कुछ देर बाद वो तैयार होकर ऑफीस के लिए निकल गया..और जाते हुए भी उसने रिया की तरफ देखा भी नही..रिया समझ गयी की उसके प्यारे जीजू उससे नाराज़ हो गये हैं..
पर ऑफीस में पूरा दिन वो कार वाली घटना के बारे में ही सोचता रहा...उसकी खुश्बू तो उसके जहन में बस चुकी थी...वो अभी भी गहरी साँस लेता तो ऐसा लग रहा था की जैसे रिया उसके चेहरे के सामने बाल खोलकर खड़ी है और वो उसकी खुश्बू सूंघ रहा है...
ऐसा करते-2 कब शाम हो गयी और कब वो घर पहुँच गया उसे भी पता नही चला...
पर उसे नही मालूम था की उसकी नाराज़ होने की एक्टिंग का कितना बड़ा फायदा होने वाला है उसे..
शाम को जब वो घर पहुँचा तो काफ़ी थका हुआ था,काम की वजह से नही,बल्कि ट्रेफिक की वजह से,प्राची तो आज ऑफीस गयी नही थी, इसलिए दरवाजा उसी ने खोला.और हमेशा की तरह अंदर आते ही उसने उसका बेग लिया और गले लगाकर किस्स किया
प्राची : "उम्म्म्म आ गये आप...आज बड़ी देर कर दी...''
अजय : "यार, आज तो ट्रॅफिक ने परेशान करके रख दिया...''
प्राची : "पता है सुबह से रिया कितनी बार पूछ चुकी है आपके बारे में ...पता नही एक ही दिन मे क्या जादू कर दिया है आपने मेरी भोली भली बहन पर..''
ये बोलते हुए उसके चेहरे पर कुटिल सी मुस्कान थी,जो हर उस पत्नी के चेहरे पर होती है जब वो अपने पति से किसी और औरत के बारे में बात करती है.
रिया का नाम सुनते ही अजय चोंक गया...वैसे भी आज पूरा दिन ऑफीस में वो उसके बारे में ही सोचता रहा था और रास्ते में आते हुए भी वो रिया के बारे में ही सोच रहा था..और घर आते ही अपनी बीबी से उसका नाम सुनने को मिलेगा, ये उसे अंदाज़ा नही था..पर जो भी था, रिया की बात सुनकर उसका लंड फिर से खड़ा हो गया.
अजय ने चौंकते हुए कहा : "रिया...उसे क्या हुआ..उसको भला मुझसे क्या काम है जो मेरे बारे में पूछ रही थी ..''
प्राची : "अब ये तो वो ही जाने...या उसके प्यारे जीजू जाने...हम भला कैसे बताएँ..''
वो अपनी उसी मुस्कान के साथ फिर से उसके करीब आ गयी..अजय तब तक सोफे पर बैठ चुका था..
अजय : "तुम सच में बड़ी शक्की हो...अपनी बहन को भी नही छोड़ा..''
प्राची : "होना पड़ता है जनाब, और ख़ासकर तब, जब पति इतना हेंडसम हो...''
इतना कहते -2 प्राची आकर अजय की गोद में बैठ गयी और अपनी बाहें उसकी गर्दन में लपेट दी..
उसके नर्म कूल्हे अजय की जाँघ पर रेंग रहे उसके खड़े हुए लंड से आ टकराए..और उसकी आँखे आश्चर्या से फैल गयी और बोली : "अच्छा जी, तो साली का नाम सुनते ही आपका ये छोटा शेर खड़ा हो गया है...''
वो अजय को टीज कर रही थी रिया का नाम ले-लेकर..
अजय : "ओफफो...तुम भी ना...ये तो तुम्हे देखकर अकड़ रहा है...पता है कल भी तुम ऐसे ही सो गयी थी..और मेरा इतना मन कर रहा था..''
प्राची : "ओल्ले मेला बैबी...तो मुझे उठा देते ना...आपको तो पता है ,सेक्स जितना आपको पसंद है उतना ही मुझे भी...''
अजय ने उसके मुम्मे दबाते हुए कहा : "पता है जान, पर कल तुम इतना थकी हुई थी की मुझसे तुम्हे उठाया ही नही गया..''
प्राची ने अजय के हाथ पर हाथ रखकर अपना मुम्मा ज़ोर से दबा दिया और सिसकारी मारने के बाद बोली : "उम्म ...हाँ , वो तो है, कल मै शायद ज़्यादा ही थक गयी थी...और नींद भी मुझे गहरी वाली आई...और मेरी वजह से मेरे बैबी को ऐसे ही सोना पड़ा...''
अब वो बेचारी भला क्या जानती थी की उसे वो गहरी वाली नींद कैसे आई थी...और अजय को ऐसे ही नही सोना पड़ा था..उसकी मौसी ने रात अच्छी तरह से सेवा करी थी अपने दामाद की , और दामाद ने भी उनकी गांड मारकर भेजा है वापिस मुंबई उन्हे..
प्राची : "पर कोई बात नही...कल की कमी ,मैं अभी पूरी कर देती हूँ ...''
और इतना कहते ही प्राची टूट पड़ी अजय के चेहरे पर...और अजय भी उसके मुम्मे मसलता हुआ उसके नर्म होंठों को चूसने लगा..
ऐसा अक्सर होता नही था, क्योंकि दोनों एक साथ ही ऑफीस से घर आते थे, इसलिए सेक्स सिर्फ़ रात को ही कर पाते थे, नयी शादीशुदा जिंदगी में एक दिन का गैप भी उत्तेजना भर जाता है...और यही हो रहा था इस वक़्त प्राची के साथ ...और वैसे भी अपने पति को बिना सेक्स के रखने का मतलब उसे बाहर की दुनिया का रास्ता दिखाना , जहाँ जाकर वो अपनी इच्छा की पूर्ति कर सके, ये मौका प्राची नही देना चाहती थी अजय को...
इसलिए उसने अजय के घर आने से पहले से ही ये सोच रखा था की आज उसके आने के साथ ही वो चुदाई करवाएगी..रात वाली शिफ्ट बाद में लगाएगी
और यही कर रही थी वो इस वक़्त...
प्राची ने सूट और सलवार पहनी हुई थी...अजय ने उसके उपर की कमीज़ उतार दी और एक हाथ से उसकी ब्रा भी खोल दी..
उसके दोनो कबूतर फड़फड़ाते हुए बाहर आ गये..और प्राची ने एक कबूतर की गर्दन पकड़ कर अजय के मुँह में अपना निप्पल दे दिया , और अजय भी किसी प्यासे जानवर की तरह उसपर टूट पड़ा और ज़ोर-2 से चुभलाते हुए उसे चूसने लगा..निकालने लगा उसके अंदर जमीं मिठास को
''आआआआआहह ऊओ मेरा बैबी......पी ले.....मम्मा का दूध पी ले...''
ऐसा अक्सर बोला करती थी प्राची..जिसे सुनकर वो ज़्यादा उत्तेजित हो जाया करता था.
प्राची : "आआआआआहह धीरे बैबी ....धीरे....मम्मा को दर्द होता है.....अहह......''
अजय के सिर पर हाथ फेरती हुई प्राची ने अजय की पेंट की जीप खोल दी...और उसके लंड की गर्दन पकड़कर बाहर खींच लिया..
उसके लंड को देखते ही वो नागिन की तरह लहराती हुई नीचे बैठ गयी उसके कदमों में , और उसे पकड़ कर अपनी जीभ से सहलाया...उसे पुचकारा ...और फिर एक गहरी साँस लेकर उसे निगल लिया..
''आआआआआआआआहह प्राची ...........ओ मेरी जान..............एसस्स्स्स्स्स्स्सस्स..... .सकक्क मी.....''
अजय उसके रेशमी बालों पर दबाव देकर अपने लंड को उसके मुँह के और अंदर धकेल रहा था...और वो भी अपने पंजों पर बैठकर अपने पति के छोटे भाई की सेवा अपनी गर्म जीभ से कर रही थी...
उसकी थूक से अजय का लंड नहा गया....अजय ने अपनी बेल्ट खोलकर अपनी पेंट को थोड़ा नीचे खिसका दिया जिसकी वजह से उसका लंड अब पूरी तरह से बाहर निकल आया था...
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