FUN-MAZA-MASTI
शायद वो सब समझती थी
मेरा नाम समीर है.. मैं दिल्ली में अकेला ही रहता हूँ, मेरी उम्र 22 साल है।
मेरी प्रमुख आदतें हैं- कहानियाँ पढ़ना.. और मुठ्ठ मारते हुए किसी चूत का सपना देखना।
इसके अतिरिक्त फेसबुक चलाना भी मेरे शगल में शामिल है।
अब बात करते हैं कहानी की.. चूत चुदाई यह मेरा पहला अनुभव है.. लगभग एक महीने पहले यह घटना घटी।
इससे पहले मैं कई सालों तक चूत के लिए तड़पता रहा और मुठ्ठ मारता रहा।
फेसबुक पर बहुत सारी लड़कियाँ मेरी दोस्त हैं.. जिनमें से कुछ से ही बातचीत हो पाती है। लेकिन इनमें से भी किसी के साथ मेरी बात नहीं बन पाई।
लगभग डेढ़ महीने पहले दिल्ली की ही एक लड़की को फ्रेण्ड रिक्वेस्ट भेजी और उसने एक्सेप्ट कर ली.. उसका नाम आरुषि था.. उसने अपनी उम्र 20 साल बताई थी।
फिर बातों का सिलसिला शुरू हुआ.. दो दिन में ही हम अच्छे दोस्त बन गए, हम देर रात तक बातें करने लगे और धीरे-धीरे हमारी बातें बदलने लगी।
मैंने पूछा- तुमने कभी सेक्स किया है?
तो उसने कहा- नहीं..
फिर उसने भी मुझसे यही सवाल किया।
मैंने भी ‘न’ में उत्तर दिया।
मैंने उससे उसकी फिगर के बारे में पूछा.. तो उसका जवाब था- तुम खुद ही देखकर पता लगा लेना।
उसने प्रोफाईल फोटो नहीं लगा रखी थी.. तो माँगने पर उसने अपनी फोटो मुझे भेज दी।
क्या बला की खूबसूरती थी.. फिगर एकदम कयामत ढहाने वाला.. जहाँ उभारना चाहिए वहाँ मस्त उठा हुआ.. मम्मों ने तो जैसे कसम खाई थी कि किसी न किसी की जान लेना ही है।
उसने मुझसे पूछा- कैसी लगी?
मैंने बिंदास लिख दिया- लण्ड खड़ा हो गया..
फिर उसने हंसते हुए मेरे लण्ड की फोटो माँगी तो मैंने फटाफट अपने सात इन्च के लण्ड की फोटो खींचकर भेज दी।
उसने मेरे लण्ड की तारीफ की.. तो मैंने कहा- कोरी तारीफ़ से क्या होगा.. आजमा के देखो तो याद रखोगी..
बोली- हाँ हाँ.. आजमा भी लूँगी..
मैंने कहा- जब भी चाहो मेरे लण्ड के नीचे तुम्हारा स्वागत है.. पर अब अपनी चूत की फोटो भेजो।
उसने तुरंत भेज दी.. जैसे वो इस बात का इन्तजार ही कर रही थी।
क्या चूत थी.. साली पकौड़ा सी फूली हुई गुलाबी बुर देख कर दिमाग भन्ना गया।
चूत का दोनों मुँह बिल्कुल चिपका हुआ था और थोड़े से बाल ऊपर की तरफ डिजायन में बने हुए थे।
फिर मैंने कहा- अपनी इस चूत को अपने कपड़े में छुपा ले.. हम गुस्ताख लोग हैं.. खुली चूत चोद दिया करते हैं।
उसने जवाब दिया- तो चोद दो.. हम क्या किसी खड़े लण्ड को यूं ही छोड़ देते हैं?
हम दोनों एक ही मिजाज के निकले.. मेरे मन में ख्याल आया कि अब गाड़ी पटरी पर आ गई है तो अब देर नहीं करना चाहिए।
फिर क्या था हमने चुदाई करने का प्लान बनाया।
मैंने उसको नजदिकी मैट्रो स्टेशन बुला लिया.. जब उसे देखा तो देखता ही रह गया।
साली.. क्या माल लग रही थी.. मन कर रहा था.. वहीं पटक कर चोद दूँ.. पर मैंने अपने जज्बातों पर काबू किया और हम दोनों सीधे मेरे घर पर आ गए।
कमरे में आने के बाद हमने कॉफ़ी पी। इसी बीच मैंने लैपटॉप पर एक सनी लियोने Sunny Leone की चुदाई वाली पोर्न-फिल्म Porn Film चला दी।
मैं और मेरा लण्ड तो पहले से ही तैयार थे.. वो भी नंगी सनी लियोने Sunny Leone को देख कर भड़क उठी।
अब वो मेरी गोद में थी.. मैं उसकी गरदन चूम रहा था और मेरे हाथ उसके मम्मों को दबा रहे थे.. जो बिल्कुल छोटे-छोटे संतरे जैसे गोल और एकदम टाइट थे।
एकदम से हम सीधे हुए और एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे।
ऐसा एहसास पहले कभी नहीं हुआ था.. हम एक-दूसरे में खो चुके थे, मेरा लण्ड इतना टाइट हो चुका था कि लग रहा था.. अब फट जाएगा।
मैंने देर न करते हुए उसे बिस्तर पर चित्त लिटा दिया और मैं नीचे खड़ा था.. उसकी कसी हुई चूत मेरे लण्ड के सामने थी।
मैंने एक उंगली चूत की दरार पर फिराई.. वो सिहर उठी..
फिर मैंने उसकी टांगें चौड़ी की और चूत पर लण्ड टिका दिया, अब मैंने हल्का सा जोर डाला.. तो कुछ नहीं हुआ.. मैंने फिर से जोर डाला और मेरा आंवला जैसा फूला हुआ सुपारा चूत में फंस गया था।
उसकी आँखें फ़ैल गईं पर अभी वो अपना दर्द दबाने की कोशिश कर रही थी।
मैं धीरे-धीरे दबाव बनाता रहा और वो मुँह दबा कर चिल्ला रही थी.. पर शायद वो सब समझती थी कि दर्द बहुत होगा तो वो मुझे झेल रही थी।
फिर मेरा पूरा लण्ड उसकी बुर में जड़ तक अन्दर जा चुका था और वो थोड़ा छटपटा कर अपनी तकलीफ भी जाहिर कर रही थी.. पर मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया।
मैं 2-3 मिनट तक लौड़े को चूत में अन्दर-बाहर करने के बाद मैं झड़ गया, इसका कारण यह था कि मेरा लवड़ा बहुत उत्तेजित था और वो उत्तेजना में नहीं.. दर्द में थी उसको मेरे जल्द झड़ जाने से कोई दिक्कत नहीं हुई।
मेरी साँसें फूल चुकी थीं और मैं पसीने में भीग चुका था.. लेकिन वो अभी भी संतुष्ट नहीं लग रही थी।
हम उसी हालत में बैठ कर बातें करने लगे.. लगभग एक घण्टे बाद हम फिर शुरू हो गए।
इस बार मैं तेज धक्के लगा रहा था और वो भी मेरा साथ दे रही थी और मजे ले रही थी।
करीब 8-10 मिनट के बाद वो झड़ गई लेकिन मैं लगातार उसे चोदता रहा.. पांच मिनट बाद मैं भी झड़ गया।
इस बार वो बहुत खुश थी, फिर हमने अपने आपको ठीक किया.. उसके बाद उसने वापस जाने को कहा।
फिर हमने दीर्घ-चुम्बन किया और मैं उसे मैट्रो स्टेशन छोड़ कर वापस आ गया।
उसके बाद से मैंने आज तक चुदाई नहीं की है.. अब वो भी मुझे नहीं मिलती है क्योंकि वो दिल्ली से बाहर चली गई है।
अब एक बार फिर चूत का इन्तजार कर रहा हूँ।
शायद वो सब समझती थी
मेरा नाम समीर है.. मैं दिल्ली में अकेला ही रहता हूँ, मेरी उम्र 22 साल है।
मेरी प्रमुख आदतें हैं- कहानियाँ पढ़ना.. और मुठ्ठ मारते हुए किसी चूत का सपना देखना।
इसके अतिरिक्त फेसबुक चलाना भी मेरे शगल में शामिल है।
अब बात करते हैं कहानी की.. चूत चुदाई यह मेरा पहला अनुभव है.. लगभग एक महीने पहले यह घटना घटी।
इससे पहले मैं कई सालों तक चूत के लिए तड़पता रहा और मुठ्ठ मारता रहा।
फेसबुक पर बहुत सारी लड़कियाँ मेरी दोस्त हैं.. जिनमें से कुछ से ही बातचीत हो पाती है। लेकिन इनमें से भी किसी के साथ मेरी बात नहीं बन पाई।
लगभग डेढ़ महीने पहले दिल्ली की ही एक लड़की को फ्रेण्ड रिक्वेस्ट भेजी और उसने एक्सेप्ट कर ली.. उसका नाम आरुषि था.. उसने अपनी उम्र 20 साल बताई थी।
फिर बातों का सिलसिला शुरू हुआ.. दो दिन में ही हम अच्छे दोस्त बन गए, हम देर रात तक बातें करने लगे और धीरे-धीरे हमारी बातें बदलने लगी।
मैंने पूछा- तुमने कभी सेक्स किया है?
तो उसने कहा- नहीं..
फिर उसने भी मुझसे यही सवाल किया।
मैंने भी ‘न’ में उत्तर दिया।
मैंने उससे उसकी फिगर के बारे में पूछा.. तो उसका जवाब था- तुम खुद ही देखकर पता लगा लेना।
उसने प्रोफाईल फोटो नहीं लगा रखी थी.. तो माँगने पर उसने अपनी फोटो मुझे भेज दी।
क्या बला की खूबसूरती थी.. फिगर एकदम कयामत ढहाने वाला.. जहाँ उभारना चाहिए वहाँ मस्त उठा हुआ.. मम्मों ने तो जैसे कसम खाई थी कि किसी न किसी की जान लेना ही है।
उसने मुझसे पूछा- कैसी लगी?
मैंने बिंदास लिख दिया- लण्ड खड़ा हो गया..
फिर उसने हंसते हुए मेरे लण्ड की फोटो माँगी तो मैंने फटाफट अपने सात इन्च के लण्ड की फोटो खींचकर भेज दी।
उसने मेरे लण्ड की तारीफ की.. तो मैंने कहा- कोरी तारीफ़ से क्या होगा.. आजमा के देखो तो याद रखोगी..
बोली- हाँ हाँ.. आजमा भी लूँगी..
मैंने कहा- जब भी चाहो मेरे लण्ड के नीचे तुम्हारा स्वागत है.. पर अब अपनी चूत की फोटो भेजो।
उसने तुरंत भेज दी.. जैसे वो इस बात का इन्तजार ही कर रही थी।
क्या चूत थी.. साली पकौड़ा सी फूली हुई गुलाबी बुर देख कर दिमाग भन्ना गया।
चूत का दोनों मुँह बिल्कुल चिपका हुआ था और थोड़े से बाल ऊपर की तरफ डिजायन में बने हुए थे।
फिर मैंने कहा- अपनी इस चूत को अपने कपड़े में छुपा ले.. हम गुस्ताख लोग हैं.. खुली चूत चोद दिया करते हैं।
उसने जवाब दिया- तो चोद दो.. हम क्या किसी खड़े लण्ड को यूं ही छोड़ देते हैं?
हम दोनों एक ही मिजाज के निकले.. मेरे मन में ख्याल आया कि अब गाड़ी पटरी पर आ गई है तो अब देर नहीं करना चाहिए।
फिर क्या था हमने चुदाई करने का प्लान बनाया।
मैंने उसको नजदिकी मैट्रो स्टेशन बुला लिया.. जब उसे देखा तो देखता ही रह गया।
साली.. क्या माल लग रही थी.. मन कर रहा था.. वहीं पटक कर चोद दूँ.. पर मैंने अपने जज्बातों पर काबू किया और हम दोनों सीधे मेरे घर पर आ गए।
कमरे में आने के बाद हमने कॉफ़ी पी। इसी बीच मैंने लैपटॉप पर एक सनी लियोने Sunny Leone की चुदाई वाली पोर्न-फिल्म Porn Film चला दी।
मैं और मेरा लण्ड तो पहले से ही तैयार थे.. वो भी नंगी सनी लियोने Sunny Leone को देख कर भड़क उठी।
अब वो मेरी गोद में थी.. मैं उसकी गरदन चूम रहा था और मेरे हाथ उसके मम्मों को दबा रहे थे.. जो बिल्कुल छोटे-छोटे संतरे जैसे गोल और एकदम टाइट थे।
एकदम से हम सीधे हुए और एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे।
ऐसा एहसास पहले कभी नहीं हुआ था.. हम एक-दूसरे में खो चुके थे, मेरा लण्ड इतना टाइट हो चुका था कि लग रहा था.. अब फट जाएगा।
मैंने देर न करते हुए उसे बिस्तर पर चित्त लिटा दिया और मैं नीचे खड़ा था.. उसकी कसी हुई चूत मेरे लण्ड के सामने थी।
मैंने एक उंगली चूत की दरार पर फिराई.. वो सिहर उठी..
फिर मैंने उसकी टांगें चौड़ी की और चूत पर लण्ड टिका दिया, अब मैंने हल्का सा जोर डाला.. तो कुछ नहीं हुआ.. मैंने फिर से जोर डाला और मेरा आंवला जैसा फूला हुआ सुपारा चूत में फंस गया था।
उसकी आँखें फ़ैल गईं पर अभी वो अपना दर्द दबाने की कोशिश कर रही थी।
मैं धीरे-धीरे दबाव बनाता रहा और वो मुँह दबा कर चिल्ला रही थी.. पर शायद वो सब समझती थी कि दर्द बहुत होगा तो वो मुझे झेल रही थी।
फिर मेरा पूरा लण्ड उसकी बुर में जड़ तक अन्दर जा चुका था और वो थोड़ा छटपटा कर अपनी तकलीफ भी जाहिर कर रही थी.. पर मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया।
मैं 2-3 मिनट तक लौड़े को चूत में अन्दर-बाहर करने के बाद मैं झड़ गया, इसका कारण यह था कि मेरा लवड़ा बहुत उत्तेजित था और वो उत्तेजना में नहीं.. दर्द में थी उसको मेरे जल्द झड़ जाने से कोई दिक्कत नहीं हुई।
मेरी साँसें फूल चुकी थीं और मैं पसीने में भीग चुका था.. लेकिन वो अभी भी संतुष्ट नहीं लग रही थी।
हम उसी हालत में बैठ कर बातें करने लगे.. लगभग एक घण्टे बाद हम फिर शुरू हो गए।
इस बार मैं तेज धक्के लगा रहा था और वो भी मेरा साथ दे रही थी और मजे ले रही थी।
करीब 8-10 मिनट के बाद वो झड़ गई लेकिन मैं लगातार उसे चोदता रहा.. पांच मिनट बाद मैं भी झड़ गया।
इस बार वो बहुत खुश थी, फिर हमने अपने आपको ठीक किया.. उसके बाद उसने वापस जाने को कहा।
फिर हमने दीर्घ-चुम्बन किया और मैं उसे मैट्रो स्टेशन छोड़ कर वापस आ गया।
उसके बाद से मैंने आज तक चुदाई नहीं की है.. अब वो भी मुझे नहीं मिलती है क्योंकि वो दिल्ली से बाहर चली गई है।
अब एक बार फिर चूत का इन्तजार कर रहा हूँ।
No comments:
Post a Comment