FUN-MAZA-MASTI
वासना की निगाह
दोस्तो, मैं आदि, मेरी उम्र २० साल है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरा लण्ड छः इंच का है, मैं 6'1" लम्बा हूँ।
बात
आज से लगभग एक साल पहले की है, मेरी मम्मी की तबीयत ख़राब होने के कारण हम
लोगों ने एक आंटी को खाना पकाने के लिए रखा। वैसे वो काम वाली नहीं थी पर
उनके घर की खराब हालत की वजह से वो हमारे घर काम करने आई।
वो बिलकुल
गोरी चिट्टी थी, बड़े-बड़े मम्मे और मोटी गांड एक दम कातिल बदन था उनका।
उनके घर में आते ही मुझे मस्ती चढ़ जाती थी। मैं उन दिनों छुट्टियों की वजह
से घर पर ही रहता था और मेरे घर वाले सुबह ही काम पर चले जाते थे, मम्मी
दो बजे से पहले नहीं आती थी।
तो अब बात पर आते हैं असली बात पर !
आंटी
मुझे वासना की निगाह से देखती है, यह मुझे पता नहीं था। लेकिन वो दिन का
खाना बनाने आधा घंटे पहले ही आ जाती थी। तो मुझे कुछ कुछ महसूस हुआ क्योंकि
वो मुझे कुछ-कुछ काम बताती रहती थी और उसी बहाने मैं उसे छू लिया करता था।
उसे छूते ही मेरे बदन में करंट सा दौड़ने लगता था। मन करता था उसे वहीं
दबोच लूँ पर हिम्मत कभी नहीं होती थी।
धीरे धीरे हमारी दोस्ती बढ़ी
और मैं उन्हें किसी न किसी बहाने से छू लिया करता था और वो भी कभी ऐतराज़
नहीं करती थी। आग दोनों तरफ बराबर लगी थी। मेरा लौड़ा तो उसे देखते ही खड़ा
हो जाता था, वो भी उसे देखती रहती और नीचे झुक कर अपनी चूचियों के दर्शन
कराती थी।
एक दिन अंजू ने मुझसे कहा- आदि, तू मुझे उठा सकता है क्या ?
मैंने कहा- आराम से।
वो बोली- नहीं उठा सकता !
मैंने कहा- तो आओ, उठा कर दिखता हूँ।
और
वो घड़ी आ गई जिसका मुझे और अंजू दोनों को इंतज़ार था। मेरा लौड़ा तो पहले से
ही खड़ा था। मैंने अंजू को उठाया, मेरा एक हाथ उसकी चूची के ऊपर था और उसके
चेहरा बिल्कुल मेरे करीब था। मैंने हिम्मत करके अपने होंठ उसके होंठों पर
रख दिए, उसने भी मेरा साथ दिया।
फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया। मैं उसका कुरता उतारने लगा तो बोली- अपनी अंकल की जगह पर मत जा !
मैंने कहा- सब जगह अब मेरी है !
और
मैंने जोर से उसके होंठ चूम लिये। वो गर्म हो गई थी। मैंने उसका कुरता
उतार दिया और सलवार भी। अब वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी। मैं उसके ऊपर
लेट गया और उसकी चूचियाँ मसलने लगा। वो आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह की
आवाजें निकालने लगी। उन सिसकारियों ने मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर दिया और
मैं उसकी चूचियाँ बहुत बुरी तरह चूसने लगा और चूसते-चूसते मैंने उसकी पैंटी
उतार दी।
अब वो पूरी नंगी थी। फिर उसने पहले मेरी शर्ट उतारी और
मुझे चूमने लगी। फिर उसने मेरी पैंट उतारकर मेरा लौड़ा चूसने लगी। क्या लंड
चूसा उसने, वो मज़ा आ गया।
मैंने भी उसके मुँह में ही धक्के मारने शुरू कर दिये। करीब 15 मिनट बाद वो मेरा सारा माल पी गई।
फिर
वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी। मैंने उसके बाल पकड़
कर उसके होंठ दुबारा चूमे और मैं क्या देखता हूँ- मेरा लण्ड दुबारा खड़ा हो
गया है।
मैंने उसकी टाँगें फैलाई और एक झटके में उसकी चूत में घुसेड़
दिया। वो तड़प उठी और मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया। मैं पूरे जोश में था
और सच बताऊँ दोस्तो, मुझसे कण्ट्रोल भी नहीं हो रहा था। मैं बहुत
तगड़े-तगड़े धक्के मारने लगा, वो बोली- धीरे धीरे मार ! फाड़नी है क्या मेरी
चूत तुझे?
मैंने कहा- आंटी, आज मत रोको ! आज बस भोंसडा बना दूंगा तेरी चूत का।
जैसे-जैसे मैंने जोर से धक्के मारे, वो बोलती- आआ आ आ आअह्हह्ह आदि, धीरे ! मर जाउंगी ! आह आ.....आआ......हय मर गई मैं ! आ......अह।
थोड़ी
देर में वो अपनी गांड उठा-उठा कर चुदने लगी। वो एक बार झड़ चुकी थी। मेरा
माल निकलने वाला था, मैंने धक्के और तेज़ कर दिए। पूरे कमरे में कच कच और
सिसकारियों की आवाजें गूंजने लगी।
वो बोली- आदि, आ आअह्ह्ह ह्ह्ह् ! और जोर से फाड़ दे आह आ अह आह आअह आह आह आह ऊह।
मेरा
भी निकलने वाला था, हम दोनों पसीने पसीने हो गये थे और तभी आंटी फ़िर झड़ गई
और उसके मुँह से संतुष्टि भरी आवाज़ निकली अअआआ.........आआह्ह्ह ह्ह्ह
तभी मैं भी झड़ गया।
थोड़ी देर तो हम ऐसे ही लेटे रहे और फिर हम अलग हो गए।
सच बताऊं दोस्तो, उस दिन को कभी नहीं भूल सकता क्योंकि वो मेरी पहली चुदाई थी।
मेरी और कहानियों के लिए थोड़ा इंतज़ार कीजिये। मेरी कहानी आपको कैसी लगी ज़रुर बताइयेगा।
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