Wednesday, May 13, 2015

FUN-MAZA-MASTI पापा और मामी का शो

FUN-MAZA-MASTI

पापा और मामी का शो


दोस्तों अब मैं अपनी स्टोरी पर आता हूँ.. कि कैसे मेरे पापा ने मामी को चोदा जैसा कि मैंने मेरी पिछली कहानी में बताया है कि मैंने मामी को चोदा था. तो मामी ने मुझे बताया था कि मेरे पापा भी उन्हें चोदते हैं और मैंने उन्हें कहा था कि प्लीज़ अगली बार जब भी पापा आपको चोदने वाले हो तो मुझे फोन करना.. क्योंकि मुझे आपकी और पापा की चुदाई देखनी है. मामी का फिगर 36-32-37 के करीब होगा और उनकी हाईट 5.5 इंच और उनका कलर बहुत गोरा है. एक दिन जब हम छुट्टीयों में मामा के घर गये हुए थे.. मम्मी और नानी जी शॉपिंग पर गयीं थी और मामा अपने बिजनेस के लिए बाहर गये थे और घर पर सिर्फ मैं , पापा और मामी ही थे. पापा तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर मम्मी और नानी के साथ नहीं गये. पापा ऊपर वाले कमरे में लेटे हुए थे और मैं नीचे ड्राइंग रूम में बैठकर टीवी देख रहा था और मामी किचन में अपना काम कर रही थी. तभी मामी किचन से जल्दी से भागती हुई आईं और बोलीं.
मामी : बाबू आज आपकी ख्वाइश पूरी हो सकती है मामी बचपन से ही मुझे प्यार से बाबू बुलाती है
मैं : वो क्या?
मामी : अरे आपके पापा बीमार नहीं हैं वो सिर्फ बहाना बना रहे है और मामी हंसने लगी.
मैं : अरे वाह तो फिर जाओ ना जल्दी और इससे पहले कि मैं कुछ और बोलता मामी बोल पड़ी.
मामी : आप क्या अपने पापा को बेवकूफ़ समझते हो या अपने आप को ज़्यादा होशियार? और आप क्या सोचते हो अगर आप यहाँ रहोगे तो वो मेरे साथ कुछ करेंगे? कभी नहीं.
मैं : तो अब क्या करें?
मामी : यह लो पकड़ो.
फिर मामी ने मुझे घर की एक दूसरी चाबी पकड़ाई और मुझसे कहा कि आप आधे पोना घंटे में लौटकर वापस आ जाना और हंसने लगी.
मैं : तभी मैं जा ही रहा था कि मुझे एकदम याद आया कि अरे मामी.. लेकिन मैं चुदाई के सीन कैसे देखूँगा? क्योंकि कमरा तो लॉक होगा ना?
मामी : बाबू मुझे तो लगा कि आप बड़े हो गये हो.. लेकिन नहीं आप बच्चे के बच्चे हो अरे मेरे और ऊपर के कमरे का बाथरूम एक ही है.. समझे कुछ मेरे भोलू राम?
मैं : पापा को अगर आवाज़ आ गयी तो?
मामी : कैसी आवाज़?
मैं : अरे मैं बाथरूम से आपको देखूँगा तो बाथरूम में मेरे चलने वगेरह की आवाज़.
मामी : अरे मेरी आवाज़ के सामने जीजा जी को कुछ नहीं सुनाई देगा तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो बस एंजॉय करो.
फिर उन्होंने मुझे एक शरारती स्माईल पास की और मैं वहाँ से चला गया और पूरा वक़्त यही सोचता रहा कि अब क्या होगा? फिर आधे घंटे बाद जैसे ही मैं घर पर लौटने लगा.. हमारे घर के पड़ोस में एक बुजुर्ग आंटी रहती हैं वो मेरे नाना जी की दोस्त हैं. उन्होंने मुझे रोक लिया और हाल चाल पूछा तो मैं घर पर जाने की जल्दी मचाने लगा. तो उन्होंने ज़बरदस्ती मुझे अपने घर में बैठा लिया जैसे तैसे मैं 20-25 मिनट के बाद वहाँ से निकला और भागकर घर में घुसा.. मुझे अब पूरा यकीन था कि मेरा थोड़ा शो तो खत्म हो ही गया होगा. मैं जैसे जैसे सीढ़ियों से ऊपर जाने लगा.. वैसे वैसे मुझे उन लोगों की आवाज़ें आने लगी.. मामी मोनिंग कर रही थी. फिर मैं धीरे से पास वाले कमरे में घुसा और बाथरूम में बिना आवाज़ के अंदर घुस गया. फिर मैंने देखा कि मामी ने पहले से ही बाथरूम के गेट पर एक होल किया हुआ था.. वो बहुत छोटा सा होल था.. लेकिन उससे सारा कमरा साफ साफ दिख रहा था.. लेकिन मैं तो उनकी आवाज़ें सुन सुनकर ही अपना लंड खुजाने लग गया था.
फिर जैसे ही मैंने होल से बाहर की तरफ झाँका तो मेरे सामने जन्नत थी. पापा बेड पर पूरे नंगे लेटे हुए थे और मामी, पापा का लंड बड़े मजे से चूस रही थी. तो मेरे अंदर एक करंट सा दौड़ गया और मैं ज़ोर ज़ोर से अपना लंड हिलाने लगा.. लेकिन मुझे अफ़सोस भी हो रहा था कि मेरा आधा शो निकल गया. मामी ज़ोर ज़ोर से पापा का लंड चूसे जा रही थी और अज़ीब अज़ीब सी आवाज़ें निकाल रही थी.. मामी इतनी ज़ोर से लंड चूस रही थी कि पुच पुच की आवाज़ आ रही थी और अभी मामी को लंड चूसते हुए दो मिनट ही हुए होंगे कि पापा ने मामी के बाल पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उनके होंठ चूसने लगे और वो दोनों एक दूसरे के होंठों को ऐसे चूस रहे थे जैसे कि खा ही जाएँगे. फिर 5 मिनट किस करने के बाद पापा ने कहा कि मेडम जी तैयार हो जाईए.. पापा, मेरी मामी को हमेशा से ही मेडम जी कहते हैं क्योंकि शादी के पहले मामी ने कुछ साल नर्सरी के बच्चो को और उनके घर के पास के बच्चों को भी पढ़ाया है.
मामी : आपके लिए तो मैं हमेशा तैयार ही रहती हूँ जीजा जी.
तो पापा ने मामी को लेटाया और उनके ऊपर आ गए. पापा अपना 7 इंच का लंड मामी की चूत पर रगड़ने लगे और एक हाथ से मामी की चूत को सहलाकर उनको गरम करने लगे और जब थोड़ी देर के बाद पापा को लगा कि मामी गरम हो चुकी है तो पापा ने लंड को चूत पर रखकर एक ज़ोर का धक्का दिया और मामी को चोदने लगे.. लेकिन दो चार धक्को के बाद लंड फिसलकर बाहर आया.
मामी : जीजा जी थोड़ा आराम से चोदो मुझे.
फिर मामी ने एक हाथ से पापा का लंड अपनी चूत पर सेट किया और मामी एक हाथ से पापा की गांड पर हाथ रखकर उन्हें अपनी तरफ धकेल रही थी.. लेकिन पापा अपने आप को हिलने भी नहीं दे रहे थे.
मामी : अरे जीजा जी प्लीज और मत तड़पाईए ना.
फिर पापा ने एक ज़ोरदार झटका मारा और पापा का 7 इंच का लंड आधे से भी ज़्यादा मामी की चूत में समा गया. मामी की चूत बहुत गीली और खुली हुई थी तो उन्हे ज़्यादा दर्द नहीं हुआ.. लेकिन वो थोड़ा थोड़ा मोन कर रही थी तो पापा ने धीरे धीरे धक्के देना शुरू किया.. मामी ने पापा को पूरा अपने से चिपका लिया और उनको एकदम टाईट पकड़ कर गले लगा रखा था. मुझे उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था मानो हवा भी उन दोनों के बीच से नहीं निकल सकती.. लेकिन मेरी तरफ उनका मुहं नहीं था. मुझे सिर्फ पापा का लंड मामी की चूत के अंदर बाहर होता हुआ साफ साफ दिख रहा था. फिर पापा ने धीरे धीरे धक्के और तेज़ कर दिए और मामी भी आहें भरने लगी और सिसकियाँ लेने लगी थी.. अहह ईईई उफ्फ्फ्फ़ हाँ और अंदर जीजा जी.. आज के जैसा मौका पता नहीं फिर कब मिले आह आह और वो भी अपनी गांड उठा उठाकर पापा का साथ देने लगी.
पापा : अरे मेडम जी आज मैं आपको ऐसे चोदूंगा कि आप बहुत टाईम तक मुझे याद रखेंगी और दोनों हंसने लगे.
फिर बीच बीच में मुझे पापा के भी चिल्लाने की आवाज़ आती आह तो मैं सोचता यह पापा को क्या हुआ कितना दम लगा रहें हैं? क्योंकि पापा मामी की चूत बहुत ज़ोर से मार रहे थे और मुझे ऐसा लग रहा था मानो आज वो उनकी चूत को फाड़ ही देंगे और मुझे तो बस अच्छे से मामी की चूत और उसमें जाता हुआ पापा का लंड दिख रहा था.. लेकिन थोड़ी देर बाद मेरा ध्यान गया कि मामी, पापा की कमर पर हाथ घुमा रही है और बीच बीच में नाख़ून भी गड़ा रही है. फिर पापा को मामी को चोदते हुए 5-7 मिनट हुए होंगे कि मामी ने अपने दोनों पैर पापा की कमर पर कस लिए और उन्हे पूरा अपने हाथ पैर से जकड़ लिया और पापा ने अपनी स्पीड इतनी तेज़ कर ली कि मैं भी उन्हे देखकर हैरान हो गया.. कि पापा इस उम्र में भी कितना ज़ोर से चोदते हैं. फिर 5 मिनट तक एकदम तेज़ स्पीड में मामी को चोदते रहे और पूरा कमरा केवल दोनों की आह्ह अहह की आवाज़ और पापा के आंड की मामी की गांड से टकराने की आवाज़ से भर गया ठप ठप उहह उहह ऑश. मैं तो यहाँ पर अपना पानी एक बार दीवार पर छोड़ भी चुका था.. लेकिन अभी भी मैं अपने लंड के साथ खेले जा रहा था.
तभी 5 मिनट के बाद पापा रुक गये और मामी की चूत में से अपना लंड निकालकर थोड़ा साईड में लेट गये. तो मुझे लगा कि दोनों का काम पूरा हो गया.. लेकिन दोनों में से किसी के भी झड़ने का तो पता ही नहीं चला और मैं सही था.. क्योंकि अभी तक किसी का भी पानी नहीं छूटा था और अगर कुछ छूटा था तो वो था पसीना दोनों पसीने में भीगे हुए थे. फिर मामी उठीं और एक रुमाल से अपना बदन साफ किया और वही रुमाल पापा को दे दिया.. तो पापा ने भी अपना बदन साफ करते हुए साईड टेबल पर पड़े जग से पानी पिया और थोड़ी देर चैन की सांस ली. मामी बेड की तरफ वापस आ ही रही थी कि पापा एक झटके से बेड से उठे और मामी के पास गये और उन्हें ज़ोर से किस किया और फिर वो दोनों जंगलियों की तरह एक दूसरे के होंठ चूसने लगे. तभी पापा ने मामी को जल्दी से पलटाया और अलमारी के सहारे खड़ा कर दिया और खुद ने नीचे घुटनों के बल बैठकर मामी की गांड फैलाई और चाटने लगे.
तभी मुझे पता चल रहा था कि सेक्स को लेकर मुझमें इतना असर क्यों हैं? और मुझे लेडीज़ की गांड मारना इतना पसंद क्यों है? क्योंकि यह असर शायद मेरे खून में ही है. फिर पापा ने 5 मिनट मामी की गांड चाटी और मामी अपनी गांड हिला हिलाकर पापा से चटवा रही थी.. पापा बीच बीच में मामी की चूत में भी उंगली कर रहे थे. पापा ने केवल दो मिनट मामी की गांड में उंगली कि और फिर खड़े होकर मामी को अलमारी की तरफ धक्का देकर बुरी तरह दबाया और बार बार अपनी छाती को पीछे ले जाते और फिर मामी से टकराते जैसे चोदने के लिए धक्का मारते हैं वैसे ही.. लेकिन पापा, मामी को चोद नहीं रहे थे इससे तो यह हो रहा था कि मामी के बूब्स अलमारी से टकरा कर दब रहे थे और मामी के अलमारी से टकराने की बहुत ज़ोर से आवाज़ हो रही थी. फिर पापा अपने हाथ आगे ले गये और मामी के बूब्स पकड़ कर दबाने लगे और मामी की गांड में अपना लंड सेट करके धक्का देने लगे..
दो तीन बार ट्राई करने पर जब लंड अंदर नहीं गया तो पापा ने मामी के बूब्स दबाना छोड़कर अपने हाथों से मामी की गांड फैलाई और अपना लंड सेट करके ज़ोर से एक धक्का मारा.. तभी थोड़ा सा लंड अंदर चला गया और मामी की आहह्ह्ह उफ्फ्फ निकल गयी. तो पापा ने फिर मामी के बूब्स पकड़ कर दबाने शुरू किए और उनकी गांड पर लंड को ज़ोर से धक्का देने लगे.. जिससे पापा का पूरा का पूरा लंड सरककर अंदर चला गया और पापा ने ऐसे ही 5-7 मिनट तक मामी के बूब्स दबाए और गांड मारी और फिर कुछ देर धक्के देने के बाद पापा झड़ गये और मामी भी अब झड़ चुकी थी और फिर मामी, पापा का लंड चूसने लगी और फिर पापा जाकर बेड पर लेट गये. तभी पापा बाथरूम आने के लिए उठे.. तो उस वक़्त मेरी गांड फट गयी थी.. लेकिन धन्यवाद मेरी मामी को उन्होंने पापा को अपनी तरफ खींचा और किसिंग शुरू कर दी और मैंने मौके का फायदा उठाया और जल्दी से बाथरूम से निकल कर नीचे चला गया और फिर घर के बिल्कुल बाहर जाकर डोर बेल बजा दी.
तो मामी ने आकर गेट खोला और उन्हे गेट तक आने में 5 मिनट लगे और मामी मेक्सी में थी उनके बाल बिखरे हुए थे. वो पसीने से पूरी गीली थी और हाफ रही थी.. लेकिन वो अपनी चुदाई से बहुत खुश थी. फिर मामी ने मुझे देखकर स्माईल पास की और फिर इशारे मैं मुझसे पूछा कि क्यों सब देख लिया? तो मैंने भी खुश होकर हाँ मैं सर हिलाया और अंदर चला गया. तो दोस्तों यह थी मेरी एक सच्ची घटना और मैं उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को बहुत पसंद आएगी ..

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator