Tuesday, May 5, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..6

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..6



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अब आगे
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अजय ने नोट किया की उसकी नज़रें जब भी रिया या मौसीजी की तरफ जाती है तो उसकी साली पूजा की नज़रें उसे घूरने लगती थी,मानो उसे सब पता चल चुका था की अजय के मन में क्या चल रहा है..उसकी शक्की बीबी क्या कम थी जो अब ये उसकी बहन भी उसकी हरकतों पर नज़र रखने लगी है...पर अजय भी बड़ा ढीठ किस्म का बंदा था,एक बार जो ठरक चढ़ गयी थी उसपर अब तो वो उसे पूरा करके ही रहेगा...वैसे भी शादी के बाद उसमे काफ़ी चेंज आ चुका था,वो पहले से काफ़ी बोल्ड हो गया था, ऐसा अगर वो शादी से पहले हुआ करता तो अपने मोहल्ले की ना जाने कितनी भाभियाँ वो अब तक चोद चुका होता..पर अब जो मौका उसके ससुराल में उसे मिल रहा था,वो उसे खोना नही चाहता था..

नाश्ते के बाद सबने शॉपिंग जाने का प्रोग्राम बनाया...अजय का मन नही कर रहा था,इसलिए उसने पहले ही मना कर दिया,क्योंकि वो घर पर रहकर इंडिया-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच देखना चाहता था..इसलिए उसको छोड़कर सभी लोग मार्केट चले गये..दिन में तो वैसे भी कुछ होने वाला नही था, इसलिए अजय को रात का ही इंतजार था..शाम को 8 बजे जब वो सभी घर वापिस आए तो बाहर से ही खाना मंगवा लिया क्योंकि प्राची काफ़ी थकी हुई थी..और अगली सुबह मौसा-मौसी को वापिस भी जाना था इसलिए आज घर पर भी ज्याद गप्पे नही मारी गयी,10 बजे तक सभी सोने के लिए चले गये..

अजय का दिमाग़ तो मौसीजी की तरफ ही लगा हुआ था..क्योंकि डिन्नर टेबल पर भी उसने उनकी छातियों की तरफ घूरना नही छोड़ा था और उसने नोट भी किया था की उनके निप्पल्स वो अटेन्षन पाकर उभर भी रहे हैं...और उनके होंठों पर वही कातिलाना मुस्कान भी उसने देखी जो सुबह नोट की थी उसने..

प्राची तो घूमकर थकी हुई थी, और उसकी बगल में लेटने के साथ ही वो खर्राटे भरने लगी..दूसरे कमरे में क्या हो रहा होगा ये जानना भी ज़रूरी था..पर जाने से पहले वो एक काम कर लेना चाहता था,उसने अपनी पॉकेट से वही बेहोशी वाली दवाई निकाली और उसे प्राची की नाक के पास लेजाकर उसे सूँघा दिया..नींद में ही वो थोड़ी सी कसमसाई और गहरी नींद में डूबती चली गयी...अब अजय उसकी तरफ से निश्चिंत था, भले ही आज की रात वो कुछ कर पाए या नही पर अपनी बीबी की तरफ का डर अब ख़त्म हो चुका था..

और जैसे ही वो अपने बेड से उठा,कमरे में नीलम मौसी खुद आ गयी...और उन्हे वहां देखकर एक पल के लिए अजय भी चोंक गया..

नीलम : "अरे अजय,ये प्राची सो गयी क्या, मुझे इससे कुछ काम था...''

अजय : "हाँ , ये शायद काफ़ी थकी हुई थी,आते ही सो गयी..''

नीलम : "इसके मौसा का भी यही हाल है...कमरे में घुसते ही सो गये...और यहाँ ये भी सो रही है...अब कैसे होगा...''

उनके चेहरे पर थोड़ी चिंता के भाव आ गये...

अजय :"आप मुझे बताइए, क्या काम था, शायद मैं कोई मदद कर सकूँ ...''

नीलम के चेहरे पर वही मुस्कान एक बार फिर से लौट आई...और वो बोली : "नही ...रहने दे...मैं सुबह पूछ लूँगी...''

अजय अब ये मौका नही छोड़ना चाहता था...वैसे भी वो खुद उनके रूम की तरफ जाने वाला था और बात करने का कोई बहाना ढूंढता बाद में ,यहाँ तो उसका काम पहले से ही बन चुका था.

अजय : "अरे ,आप मुझे अपना नही समझती क्या...बोलिए ना..''

नीलम (थोड़ा शरमाते हुए) : "वो मैं पैकिंग कर रही थी अपने कपड़ो की...और मैने अपने अंडरगार्मेंट्स आज मॉर्निंग में वॉशिंग मशीन में डाले थे,धोने के लिए,पर अब वो वहां नही है,शायद प्राची ने उन्हे अपने कपड़ो के साथ ही रख लिया है...''

मौसी ने जिस अंदाज से ''अंडरगार्मेंट्स'' बोला था, वो अजय के लंड को पूरी तरह से तन्ना गया..और उसने उनके सामने ही अपने लंड को एडजस्ट करते हुए कहा : "ओहो....तो ये बात है...यानी कल पहनने के लिए भी आपके पास कुछ नही है अब...''

नीलम का चेहरा ये सुनकर लाल सुर्ख हो गया , वो बोली : "बदमाश ....ऐसे बोलते है क्या...''

और फिर से उसके दोनो नन्हे निप्पल उभर कर प्रकट हो गये...


मर्दों का लंड खड़ा होता है और औरतों के निप्पल..और दोनो को छुपाना संभव नही होता ..

अजय : "सॉरी, मेरी तो मज़ाक करने की आदत है ...आप तो जानती ही है...''

नीलम : "अरे, इसमे सॉरी क्यो बोल रहे हो...मैं तो इसलिए कह रही थी की कहीं प्राची ना उठ जाए...''

उसने प्राची की तरफ इशारा करते हुए कहा..

यानी उसे अजय की बात बिल्कुल बुरी नही लगी थी...और ये अजय के लिए ग्रीन सिग्नल था.

अजय :"आप इसकी चिंता मत करिए...इस वक़्त तो मैं इसके साथ कुछ कर भी लू तो भी ये नही उठेगी...''

नीलम ने आँखे नचा कर कहा : "ऐसा भी नही होता कोई...''

अजय ने अपनी बात साबित करने के लिए प्राची के गाल पर जाकर एक गहरी किस्स कर दी...जिसे देखकर मौसी की आँखे फिर से गोल हो गयी..

नीलम : "अच्छा मान ली तेरी बात...अब रुक जा...नही तो तू मेरे सामने ही शुरू हो जाएगा इसके साथ...''

अजय : "अब क्या करू मौसीजी...मन तो बड़ा कर रहा था आज भी पर ये इतनी थकी हुई थी की आते ही सो गयी...''

अजय के हाथ लगातार अपने लंड को सहला रहे थे...

नीलम : "हम्म्म सही है...नयी शादी का यही तो फयडा होता है...हमे तो अब कभी-2 ही मौका मिलता है...''

अब वो धीरे-2 खुलने लगी थी...

अजय : "ओहो...यानी आप लोग अभी भीकरते हैं ....सही है...''

नीलम : "चुप कर ....तू सच में बड़ा बदमाश है....रजनी सही कहती है तेरे बारे में ...''

अपनी सास का नाम आते ही अजय चौंक गया, वो बोला : "क्या कहती है...बताइए ना...''

नीलम : "वो हमारी आपस की बात है...तुझे बताने की ज़रूरत नही है...चल अब मुझे उसकी अलमारी से मेरी ब्रा - पेंटी निकाल दे,मुझे पैकिंग करनी है..''

''अंडरगार्मेंट्स'' से ''ब्रा-पेंटी'' पर उतर आई थी अब वो..अजय का लंड फिर से एक जोरदार झटके लगाकर अपने जलवे दिखाने लगा.

अजय उठा और उसने तुरंत प्राची की अलमारी खोल दी...और ब्रा-पेंटी वाली ड्रॉयर खोल कर उसने अंदर के सारे कपड़े उठाकर एक ही बार में बाहर रख दिए..जिसमे प्राची की रंग बिरंगी,नेट वाली,डिज़ाइनर ब्रा-पेंटी भरी पड़ी थी..

मौसीजी के चेहरे पर फिर से शरारती हँसी उभर आई..: "ये सब क्यों निकाल रहा है...मुझे तो मेरी वाली ही आएगी ना...''

अजय ने एक ब्रा उठाकर देखी और फिर मौसीजी की छातियों को घूरकर देखा और बोला : "वैसे ट्राइ करके देख लो आप, शायद ये भी आ ही जाएँ...''

वो थोड़ा करीब आई ...और अजय के हाथ से ब्रा लेकर बोली : "मेरी उम्र अब ये बच्चियों वाली ब्रा पहनने की नही रही...सामान भी बड़ गया है उम्र के साथ...''

अजय : "पर मुझे तो नही लगता...की आपकी उम्र कुछ ज़्यादा है..और ना ही सामान...''

दोनो बेशर्मी पर उतर आए थे...

नीलम : "तेरी प्राची के 34 से ज़्यादा नही है...और मेरे 38 प्लस है...''

अजय (जानबूझकर) : "क्या ??''

नीलम और करीब आई और उसकी आँखो मे आँखे डालकर बोली : "मेरी ब्रेस्ट का साइज़...अब इतना भी बच्चा नही है तू जो ना समझे की मैं किस बारे में बात कर रही हूँ ...''

अजय खिसियानी हँसी हंसते हुए बोला : "वैसे मुझे बड़े ही अच्छे लगते हैं...''

और ये बात करते हुए उसे अपने कमीनेपन पर ही हँसी आ रही थी...क्योंकि आज सुबह ही वो उनकी बेटी रिया को ये बोल रहा था की उसे छोटी ब्रेस्ट पसंद है...एक ही दिन में दोनो माँ-बेटी से उनकी ब्रेस्ट के बारे में बात करना कोई छोटी बात नही होती..

उसकी बात सुनकर नीलम बोली : "पता है मुझे....की तुम्हे बड़े पसंद है...''

अजय फिर से चोंक गया ये सुनकर, उसने पूछा : "आपको कैसे पता...?''

नीलम : "अभी बताया था ना मैने...रजनी ने बोला मुझे ये...''

अजय का सिर चकरा गया ये सुनकर...यानी उसकी सास ने भी नोट किया था की वो उनकी छातियों को घूरता रहता है...और उन्होने ये बात अपनी बहन को भी बता दी...

नीलम : "और मैने भी नोट किया है कल से कई बार...तुम्हारी नज़रें जिस तरह से मेरी ब्रेस्ट को घूर रही थी,मुझे अच्छी तरह पता है की क्या देख रहे थे तुम...''

अजय समझ गया की अब बात बन सकती है...


नीलम ने उस ढेर में से अपनी ब्रा-पेंटी खोजनी शुरू कर दी..और जल्द ही उसे अपने दोनो सेट मिल गये उनके बीच...पर वो बिल्कुल नॉर्मल से थे...क्रीम कलर के...बिना कोई डिज़ाइन और कंपनी के...

अजय : "ओहो...मौसी जी ..आप इतने पुराने स्टाइल के पहनती हो...एक काम करो...ये पहन कर देखो...''

कहते हुए अजय ने एक जोड़ा निकाल कर रख दिया नीलम के हाथ में ..

नीलम ने उसे देखा और बोली : "वैसे देखा जाए तो रिश्ते में मैं भी तेरी सास ही लगती हूँ ...और तू अपनी सास समान औरत को अपनी बीबी की ब्रा-पेंटी दे रहा है...चक्कर क्या है...''

अजय : "कुछ नही...आपके उपर ये सही लगेगी...इसलिए बोला मैं ...और वैसे भी ये स्ट्रेचएबल कपड़ा है..आपको आ भी जाएगी..''

उसने ब्रा के कपड़े को खींचकर दोनो तरफ फेला कर दिखाया..और नीलम की हँसी निकल गयी.

''तुम तो ऐसे दिखा रहे हो जैसे मैं किसी शॉप पर आई हू और तुम सेल्समेन हो इनके..''

अजय : "आप मुझे सेल्समेन ही समझ लो...पर आपको इनमे देखने का बड़ा मन कर रहा है...''

उसकी ये बात सुनकर उसने अपनी भौहें उपर उठा ली और बोली : "मुझ बुढ़िया को देखकर भला तुम्हे क्या मिलेगा...तुम्हारी उम्र तो अभी जवानी लूटने की है...''

उसने एक बार फिर से सोती हुई प्राची की तरफ इशारा किया.

अजय : "सिर्फ़ जवानी ही नही एक्सपीरियन्स नाम की भी कोई चीज़ होती है...उसका भी मज़ा लेना चाहिए..''

अजय की हाजिरजवाबी देखकर वो मुस्कुरा दी और उसके हाथ से ब्रा-पेंटी लेकर वो उन्ही के बाथरूम की तरफ चल दी...अजय ने भी नही रोका उन्हे..

और अंदर जाकर उन्होने दरवाजा बंद कर लिया.

अजय का दिल जोरो से धड़क रहा था...उसने तो सोचा भी नही था की ये सब इतनी आसानी से होता चला जाएगा... उसने जो चांस लिया था वो सफल होता दिख रहा था..और कुछ और मेहनत की जाए तो इनकी चूत भी मारने को मिल सकती है अभी...पर साथ ही साथ उसे मौसा जी की भी चिंता हो रही थी...वो फ़ौरन उनके कमरे में गया और जेब से वही शीशी निकाल कर उनको सूँघा दी...वो भी थोड़ा कसमसाए और गहरी नींद में चले गए ...उनके ही हथियार से उन्हे बेहोश कर दिया था अजय ने..और फिर वो भागकर वापिस अपने कमरे में आ गया..प्राची अभी तक उसी पोज़ में थी और गहरी नींद में डूबी हुई थी..उसे पता भी नही था की उसका पति इस वक़्त क्या करने में लगा हुआ है..

और तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और अजय की नज़रें उस तरफ चली गयी...

और एक पल के लिए तो उसे लगा की समय थम सा गया है...क्योंकि इतना लबाबदार माल उसने अपनी जिंदगी में कभी नही देखा था...



नीलम मौसी सिर्फ़ ब्रा पेंटी में बाहर आकर खड़ी थी, और उनका शरीर थोड़ा भारी तो था ही पर एकदम गोरी चिट्टी होने की वजह से वो कमाल की लग रही थी...ब्रा-पेंटी का साइज़ छोटा होने की वजह से वो बड़ी मुश्किल से आई थी उन्हे.. कपड़ा पूरी तरह से स्ट्रेच हो चुका था और ट्रांसपेरेंट सा लग रहा था, इसलिए अजय को उनके खरबूजों के उपर लगे बीज और जांघों के बीच का चीरा दूर खड़े होकर सॉफ दिख रहा था..

और वो भी बड़ी ही बेशर्मी और बेफिक्री से खड़ी होकर अपना जलवा दिखा रही थी..

नीलम : "मैने कहा था ना की ये मुझे नही आएगी....देखो कितनी टाइट है...''

अजय उनके करीब आया और गोर से उनके हर अंग को निहारने लगा...ब्रा के कप भी काफ़ी छोटे थे जो उनकी बड़ी-2 ब्रेस्ट को ढक नही पा रहे थे, इसलिए उनकी लगभग नंगी छातियाँ देखकर उससे रहा नही गया और उसने पयज़ामे के उपर से अपने लंड को सहलाना शुरू कर दिया...

और वो जब घूमकर उनके पीछे पहुँचा तो नीलम की चौड़ी गांड देखकर उसका धैर्य जवाब दे गया और वो पीछे से जाकर उनसे लिपट गया...और अपना स्टील रोड जैसा लंड उनके नितंबो के बीच लगाकर ज़ोर से दबा दिया..

नीलम : "आआहह ....ये क्या कर रहे हो अजय....''
 


उनकी आवाज़ भी नशे मे डूबी हुई सी लग रही थी...और रोकने जैसा तो कुछ लगा ही नही अजय को...इसलिए उसने अपने हाथ उपर करते हुए उनके दोनो मुम्मे अपने हाथों में उठा लिए और ज़ोर से दबा दिया...

''आआआआआहह अजय..........ये सही नही है.....प्राची मेरी बेटी जैसी है...और तुम उसके पति हो...''

अजय उनके कान मे फुसफुसाया : "वो देख रही होती तब सही नही होता....ये जो भी होगा हमारे बीच उसे पता भी नही चलेगा....और वैसे भी अब आपको छोड़ना मेरे बस में नही है....मुझे तो अपना लंड आपकी चूत में डालकर ही रहना है आज ...''

और अजय का दाँया हाथ फिसलकर उनकी चूत पर आया और उसने उसे ज़ोर से दबा दिया...और उसे ऐसा लगा की चाशनी से भीगा हुआ बड़ा सा बंगाली रसगुल्ला दबा दिया है उसने...उसके हाथ में उनकी चूत से निकला पानी भर गया..

वो एकदम से पलटी और अजय को अपने गले से लगा लिया...''अहह....यानी अब तुम नही मनोगे...''

''नही..''

''ओक....रूको ...मैं उन्हे देखकर आती हू ज़रा...कहीं वो उठ ना गये हो...''

अजय उन्हे रोकना चाहता था पर तब तक वो बाहर निकल गयी...

कल वो बेहोशी में थी और उसके पति ने अपनी साली की गांड मारी थी उसके ही सामने...आज वो बेहोश है तो उसकी बीबी की भी वहीं मारनी चाहिए ना, उसके सामने...ये सोचते-2 वो उनके कमरे की तरफ ही चल दिया...जहाँ नीलम अपने पति के चेहरे को गोर से देखकर ये जानने की कोशिश कर रही थी की वो गहरी नींद में है या कच्ची में ..

अजय : "वो अब सुबह से पहले नही उठेंगे...मैने उनको कुछ सूँघा दिया है...''

इतना कहकर अजय ने अपनी पॉकेट से वो शीशी निकाल कर दिखाई..

अजय : "और प्राची को भी मैने ये सूँघा दी थी...अब इनके सामने जितना भी चिल्लओ ये नही उठने वाले...''

नीलम तो हैरान रह गयी, उसने तो सोचा भी नही था की अजय इतना चालाक भी हो सकता है...

''यानी, ये सब तुमने पहले से सोच रखा था...''

''सोचा तो नही था,पर हा चांस ज़रूर लिया...और सफल भी हो गया...''

नीलम : "सच मे...बड़े कामीने हो तुम.....''

अजय : "कमीना नहीं, ठरकी , हा हा ''

अजय ने एक ही झटके में अपना पायजामा नीचे कर दिया और अपना लंड लहरा दिया उनके सामने : "मुझसे बड़ा कमीना तो ये है, जो मुझसे ऐसे काम करवाता है...''

नीलम इतने लंबे लंड को देखकर भोचक्की रह गयी....उसके पति का ना तो इतना लंबा था और ना ही इतना सख़्त...

वो अपने होंठों पर जीभ फेरती हुई उसकी तरफ चल दी.

अजय के लिए ये रात एक यादगार होने वाली थी..
 

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