Tuesday, May 5, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..7

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..7



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अब आगे
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 मौसी की नज़रें अजय के लंड पर थी और अजय की उनके लपलपाते हुए होंठों पर...जैसे ही वो नीचे झुकने लगी ,अजय ने उन्हे बीच मे ही दबोच लिया और अपनी छाती से लगा कर जोरों से भींच दिया..

''आआआआआआहह ........ धीरे अजय......तुम तो मुझे निचोड़ रहे हो...''

अजय : "अभी कहा मौसी, निचोड़ूँगा तो अब....''

और इतना कहकर उसने अपने होंठों उनके होंठों पर रख दिए और पागलों की तरह उन्हे चूसने लगा..

ऐसी मस्त औरत के लिप्स भी बड़े मीठे होते हैं, ये बात अजय को आज मालूम हुई थी..एक तो इतने मोटे होंठ और उपर से उनमे से निकल रहा मीठा पानी, अजय तो उन्हे चूसता ही रह गया.



प्राची के होंठ काफ़ी पतले थे, पर चूस्टी वो भी कमाल की थी, आज अजय ने अपनी बीबी के अलावा पहली बार किसी और के लिप्स चूसे थे, इसलिए भी वो काफ़ी मजेदार लग रहे थे, वैसे भी आदमी को घर के खाने के बाद यकायक बाहर का खाना मिल जाए तो स्वाद तो लगेगा ही.

अजय इतनी तेज़ी और ज़ोर से उन्हे चूस रहा था की मौसी की हालत खराब हो गयी...उसके बूड़े पति ने शायद अपनी पूरी जिंदगी मे उसे इतना नही चूसा होगा जितना आज अजय चूस रहा था...और ऐसा करवाते हुए उन्हे मज़ा भी आ रहा था..तभी तो ऐसी आंटियाँ जवान मर्दों की दीवानी होती है..

अजय ने बड़ी ही बेदर्दी से अपनी ही बीबी के अंडरगार्मेंट्स, जो इस वक़्त नीलम मौसी ने पहने हुए थे, फाड़ डाले...ब्रा इतनी बेदर्दी से फाड़ी की पीछे के हुक कहां गये उनका तो पता नही, आगे के कप भी फाड़कर अलग कर दिए...और उन्हे उछाल कर उसने जानबूझकर सोए हुए मौसा जी के चेहरे की तरफ फेंका..और जब कच्छी फटी तो उसकी सुरीली छररर की आवाज़ सुनकर वो कुछ ज़्यादा ही भावना में बह गया और उस फटी हुई पेंटी को पहले उसने सूँघा और फिर अपनी जीभ निकाल कर उस गीली कच्छी को चाट लिया...और ये था उसकी जिंदगी का दूसरा चूतामृत, पहला उसकी बीबी का और अब अपनी बीबी की मौसी का...और इसमे प्राची के मुकाबले कुछ ज़्यादा नमकीनपन था..जो अजय को शायद ज़्यादा ही अक्चा लगा..इसलिए उसने अपनी दो उंगलियाँ उनकी चूत में डाली और निकाल कर चूस ली...



 और अब नीलम मौसी खड़ी थी उसके सामने, पूरी मदरजात नंगी होकर...और वो भी बड़े गर्व से अपना नंगा बदन उभार-2 कर दिखा रही थी...और दिखाए भी क्यो ना...उसका नशीला बदन था ही ऐसा..और जब ऐसी बॉडी होती है तो औरत मे एक अलग ही कॉन्फिडेंस आ जाता है, क्योंकि उसे पता होता है की सामने वाला मर्द उसकी तारीफ ही करेगा...


मौसी भी अपने दामाद के इस जंगलिपन को देखकर उपर वाले का धन्यवाद कर रही थी क्योंकि ऐसे जोशीले मर्द से चुदवाने में जो मज़ा आने वाला था वो तो वही जानती थी.

नीलम भी उसके साथ-2 उसकी तरह जंगली हरकतों पर उतर आई...और उसने अपनी गर्म जीभ से उसके चेहरे को पूरा चाटना शुरू कर दिया...जैसे कोई कुतिया अपने मालिक को चाटती है..

नीलम : "आआआआहह अजय ................ तूने तो मेरे अंदर आग लगा दी है रे.....आआआअहह''

अजय : "ओह मौसी.....आग मैने लगाई है तो बुझाऊँगा भी मैं ही....''

इतना कहते-2 उसने अपने भी कपड़े उतारने शुरू कर दिए....और कुछ ही देर में वो पूरा नंगा होकर नीलम के सामने था...

नीलम : "आआआआआहह अजय.............कितना लंबा है रे तेरा.....''

अजय ने अपने लड को हिलाते हुए कहा : "क्या मौसीजी .....''

ये सुनकर वो शरमा गयी....उसके निप्पल और ब्रेस्ट तनी हुई थी...और चूत से आग के गोले भभक-2 कर निकल रहे थे...अजय के दोबारा पूछने पर वो धीरे से बोली : "तुम्हारा....ल ..लंड ....''

अजय का लंड भी अपनी तारीफ सुनकर मौसी को थेंक यू बोल गया मन ही मन में ...

अजय ने भी बड़ी बेबाकी से कहा : "और आप भी कमाल की हो मौसी...आपको देखकर पता ही नही चल रहा की आपकी एक जवान बेटी भी है...''

जवान बेटी बोलते हुए अजय के दिमाग़ मे उसकी बेटी रिया का जिस्म नाच उठा...और अपनी कल्पना में ही उसने उसे नंगा भी कर दिया..

पर अभी रिया के बारे में सोचने का नही, उसकी माँ को चोदने का समय था...


 वो आगे बड़ा और उसने अपनी शक्तिशाली बुझाओं में मौसी जी को उठा लिया...उनका वजन 60 के करीब था, फिर भी उसने उन्हे बड़ी आसानी से उपर उठा लिया और उन्होने भी अपनी टांगे उसकी कमर मे लपेट कर अपना शरीर अजय के उपर टीका दिया...और अजय उन्हे चूमता हुआ सा दीवार की तरफ ले गया और उनकी पीठ वहाँ टीकाकार अपना मुँह नीचे करते हुए उनके रसीले पपीते चूसने लगा...


''आआआआआआआआहह ......उम्म्म्मममममममममममम....... आआआआअहह मज़ा आ रहा है......... आआआआआअहह......''

मज़ा तो अजय को भी आ रहा था...इन्ही मुम्मों को देखकर उसने दो दिनों तक अपनी जीभ होंठों पर फेरी थी...आज उन्हे चूसने का मौका आया तो अपने दांतो से उनपर चित्रकारी करने लगा...उन्हे काटने लगा,नोचने लगा...निप्पलों पर तो उसने ऐसा कहर बरपाया जैसे उन्हे उघाड़ ही देगा..अपने मुँह को पूरी ताक़त से उनकी बड़ी ब्रेस्ट पर मार सा रहा था वो...


और मौसी भी उसके इस जंगलिपन को सहन करती हुई मज़े से सिसकारियाँ लेती हुई उसे बढ़ावा दे रही थी..

''आआआआआआआआअहह हाआाआअन्णन्न् ऐसे ही ............खा जा इन्हे अजय........खा जा.......काट ले इनको....चूस मेरे निप्पलो को...........आआह मेरा बच्चा .............''

और ऐसी चूसम चुसाई में अचानक मौसी को एहसास हुआ की नीचे से अजय का लंड उनकी चूत से नाममात्र की दूरी पर ही है...और अगले ही पल उसके लंड का सुपाड़ा उनकी चूत से आ टकराया..शायद उनके वजन की वजह से उनका शरीर धीरे-2 नीचे आ रहा था...और जैसे ही उन दोनो को ये एहसास हुआ,दोनो रुक से गये...और एक दूसरे की आँखों में देखने लगे...

और अगले ही पल नीलम ने अपनी बाहें पूरी ताकत से उसकी गर्दन में लपेटी , अपनी आँखे बंद की , होंठ उसके होंठों से चिपकाए, और अपना रहा -सहा भार भी नीचे की तरफ खिसका दिया...



 और अजय का पठानी लंड सरसराता हुआ सा नीलम की चूत के अंदर घुसता चला गया...किसी रॉकेट की तरह...

''आआआआआआआआआआआआआआआहह उम्म्म्ममममममममममममममममम..... ओह अजय ......................सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....''


एक तो वो इतना मोटा और उपर से लंबा भी काफ़ी...इसलिए रुक-रुककर,अटकता हुआ सा वो अंदर जा रहा था...और उसके लंड पर अपनी चूत के भार उतर रही नीलम को तो ऐसा लग रहा था की जैसे ये सफ़र कभी ख़त्म ही नही होगा....एक-एक इंच पर उसकी चूत नयी करवटें बदल रही थी...इतने सालो से एक ही लंड से चुदने के बाद जब मोटे लंड का आगमन होता है तो अंदर की दीवारें ऐसे ही खिसकती है...पर उस खिसकन में जो रोमांच और मज़ा फील होता है वो तो उसे महसूस करने वाली ही जान सकती है...जो इस वक़्त नीलम को महसूस हो रहा था...

अपने मुँह खोले हुए वो अपनी चूत के थ्रू अजय के लंड को निगले जा रही थी...निगले ही जा रही थी..

और आधे से ज़्यादा अंदर जाने के बाद अजय को भी थोड़ी टाइटनेस महसूस होने लगी, जो उसके लंड की अकड़ को और बढ़ावा दे रही थी....और फिर एक वक़्त ऐसा भी आया जब उसका पूरा लंड नीलम की चूत में धंसा पड़ा था...और वहाँ पहुँचकर दोनो कुछ देर के लिए रुक गये और गहरी साँसे लेने लगे...और गहरी साँसे लेते हुए कब वो गहरी स्मूचे लेने लगे, उन्हे भी पता नही चला...और फिर अजय ने एक बार फिर से अपनी शक्तिशाली बाजुओं का परिचय देते हुए उसकी जाँघों के नीचे अपने हाथ रखे और उसे उपर नीचे करते हुए चोदने लगा...

''आआआअहह ओफ्फ्फ्फ्फ्फ़ उफफफफफ्फ़ आअsssssssssssss हाआँ ऐसे आआअहह ही ............ बड़ा ...मज़ा आ रहा ....है अजय ....अहह उम्म्म्ममममम ज़ोर से ....करो .......और ज़ोर से .....''

अजय समझ गया की वो मस्ता चुकी है....इसलिए उसकी रेलगाड़ी बना कर चुदाई करनी पड़ेगी...इसलिए उसने लेजाकर बेड पर पटक दिया...और ऐसा करते हुए उसका लंड भी बाहर निकल आया जो उसकी चाशनी में नहाकर बुरी तरह से चमक रहा था...

नीलम ने ये मौका नही छोड़ा और झपटकर बेड पर बैठ गयी और उसके लंड को पकड़कर सीधा अपने मुँह मे डाल लिया...और ज़ोर-2 से चूसने लगी..


अपनी ही चूत का रस चाटा पहले तो उसने और फिर एक-दो बूंदे उसके लंड से जो निकल रही थी उन्हे भी चाट गयी और तभी उसने सोच लिया की उसके रस को अपनी चूत में नही बल्कि मुँह मे निकलवाएगी, इतना टेस्टी जो था वो...

वो उसके रस को बाद मे पीने की सोच रही थी और अजय कुछ और सोच रहा था...ये वही पलंग था जिसपर इस वक़्त मौसा जी गहरी नींद में सो रहे थे, और जहाँ पर कल यही नीलम मौसी बेहोशी में सो रही थी..उसने अपने कमरे से यहाँ आते हुए ही सोच लिया था की वो यहाँ आकर वही करेगा जो कल मौसा ने उसकी सास के साथ किया था...


 कुछ देर तक अपना लंड चुसवाने के बाद अजय ने घुमाकर मौसी को घोड़ी बना दिया...वो भी मुस्कुराती हुई घूम कर झुक गयी और अपनी गांद को उसने अजय के सामने लहरा दिया..


इतनी गोरी चिट्टी और सुडोल गांद को देखकर अजय के मुँह में पानी आ गया...

उसने अपने दोनो हाथों से उनकी गांड को आटे की तरह मसलना शुरू कर दिया..

इतनी गद्देदार गांड का सही से इस्तेमाल कर रहा था वो..

और बीच-2 में अपने हाथ की उंगलियों से वो उनकी चूत और गांड के छेद को भी सहला रहा था..

और उसके हर स्पर्श से उसकी चूत और गांड अंदर की तरफ सिकुड जाती...

नीलम : "अब डालो भी अजय...क्यो तरसा रहे हो.....''

नीलम के बिल्कुल सामने उसका पति गहरी नींद में सो रहा था...वो उसके चेहरे की तरफ देखती हुई अजय से अपनी चुदाई की दुहाई कर रही थी...

अजय ने अपने लंड पर ढेर सारी थूक लगाई और लंड को उनकी चूत पर ना लगाकर गांड के छेद पर टीका दिया...और जब तक वो कुछ समझ पाती एक जोरदार झटका मारकर अंदर भी दाखिल हो गया..



''आआआआआअहह........................अजय ...................यहाँ दर्द होगा रे......बड़ा मोटा है तेरा लंड ......''

और ऐसा भी नही था की वो पहली बार अपनी गांड मरवा रही थी...ये बात तो अजय उसके अंदर दाखिल होते ही जान चुका था...क्योंकि उसने प्राची की भी गांड मारी थी, शुरू-2 में वो भी काफ़ी चिल्लाती थी पर बाद में आसानी से करवा लेती थी...पर असली मज़ा उसे आगे से ही आता था...वो इस अन-नेचुरल सेक्स को ज़्यादा एंजाय नही करती थी..

पर नीलम के साथ ऐसा नही था....उसे दोनो जगह लंड लेने में एक जैसा ही मज़ा आता था...इसलिए जब भी उसका पति उसकी चुदाई करता था तो हमेशा चूत से शुरू होकर गांड पर आकर रुकता था...

अब ऐसी समझदार बीबी हर किसी को तो मिलती नही है...आजकल की लड़कियों को शायद ये नही पता की एक बार गांड मरवाना जब शुरू हो जाता है तो उसमे मिलने वाले मज़े का मुकाबला वो चूत से मिलने वाले मज़े से तो कर ही नही सकते...बस वो एक बार शुरू तो करे...

नीलम को अजय के लंबे लंड को चूत में लेने मे थोड़ी तकलीफ़ हुई थी तो सोचिए गांड में लेते हुए क्या हाल हो रहा होगा...पर वो अपना मुँह पिल्लो के अंदर दबाए चुपचाप कुतिया बनी लेटी रही और उसके लंड को धीरे-2 करते हुए अपनी गांड के अंदर निगल गयी...

एक तो उनकी गांड भी इतनी मजेदार और उपर से इतनी टाइटनेस फील होती देखकर अजय के तो मज़े हो गये...उसने उनकी चौड़ी-चिकनी गांड पर हाथ रखा और अपनी रेलगाड़ी दौड़ा दी उनकी गांड की पटरी पर...

दर्द तो शुरू -2 मे ही हुआ नीलम को, और जब मज़ा आने लगा तो उसने भी अपना सिर उठा लिया और मजेदार सिसकारियाँ लेते हुए अपनी गांड मरवाने लगी...

''आआआआहह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओफफफफफफ्फ़ उम्म्म्ममममममममममममम......... एसस्स्स्स्सस्स अजय ............ऐसे ही .......हाआआआआआ ज़ोर से ...............चोदो मुझे ..............मारो मेरी गांड ..........अहह....''



 और ऐसे ही मचलते-2 उसके हाथों में अपने पति के उपर की चादर आ गयी और वो नीचे की तरफ खींचती चली गयी...और एकदम से उसकी आँखो के सामने उसके पति का लंड आ गया जो एक छोटी सी फ्रेंची में क़ैद था....सोते हुए शायद वो सिर्फ अंडरवीयर में ही सोते थे , और ना जाने उसके मन में क्या आया उसने अपने पति के अंडरवीयर को नीचे खिसका दिया और उसके मरे हुए चूहे जैसे लंड को अपने हाथ से हिलाने लगी...

पीछे की तरफ उसकी गांड मार रहा अजय ये सब नही देख पाया...वो तो बस अपनी ही धुन में उसकी गांड की धुनाई करने में लगा हुआ था...और ये सोचकर वो उत्तेजित हो रहा था की कल उसकी सास यहाँ गांड मरवा रही थी अपने जीजा से और आज वो उसी जीजा की बीबी,यानी अपनी सास की बहन की गांड मार रहा है...उसके पति के सामने...

इसी बीच , गहरी नींद और बेहोशी के बावजूद, मौसा जी के लंड ने रिस्पोन्स देना शुरू कर दिया...और एक मिनट के अंदर ही उनके लंड में कसाव आने लगा...और जैसे ही थोड़ा करारापन आया उनके लंड में , नीलम ने आगे होते हुए अपने पति के लंड को अपने प्यासे मुँह से निगल लिया और ज़ोर-2 से चूसने लगी...

और ये उसकी एक फेंटसी थी....की अपने ही पति के सामने वो किसी किसी के लंड से चुदे , अब देखा जाए तो हो तो ऐसा ही रहा था, और अपने पति की बेहोशी का फायदा उठाते हुए उसने थोड़ी हिम्मत दिखाई और उनके लंड को चूसने भी लगी..

अजय ने भी अब तक ये देख लिया था और अपनी मौसी के इस रंगीन कदम को देखकर वो भी मुस्कुरा उठा...उसने भी उन्हे नही टोका और अपना काम करने में लगा रहा.

अब पुर कमरे में सिर्फ़ अजय की सिसकारियाँ गूँज रही थी...क्योंकि नीलम मौसी का मुँह तो लंड चूसने में बिज़ी था...

अजय पूरी मस्ती में लगा हुआ था...और मौसी भी....और देखा जाए तो मौसा जी भी मस्ती में ही थे...भले ही वो गहरी नींद में थे पर उनका लंड अब पूरे शबाब पर आ चुका था...शायद नींद में वो अपनी साली की चुदाई कर रहे थे..

और अचानक उनका शरीर सोते-2 अकड़ने सा लगा...उम्र ज़्यादा होने की वजह से पतन भी जल्द ही होता है...और अगले ही पल नीलम के मुँह मे उन्होने अपनी रसमलाई भर दी....अपने पति के लंड से निकली मिठाई तो वो कितनी ही बार खा चुकी थी...पर आज वो अजय का माल निगलना चाहती थी...इसलिए जल्दी-2 उसने अपने पति के लंड को खाली किया, उसे चूसकर वापिस अंडरवीयर में डाल दिया और उनपर फिर से वही चादर ओड़ा दी...

और इसी बीच अजय के मुँह से निकलने वाली सिसकारियाँ तेज होने लगी और नीलम समझ गयी की वो भी झड़ने ही वाला है...

नीलम : "अजय.....अहह.....प्लीज़ .......मेरे .....मुँह में निकालना......अहह.....प्लीज़.....''

अब अपनी मौसी सास की बात वो भला कैसे टाल सकता था...एकदम आख़िरी पल में उसने अपने लंड को उनकी गांड की टनल से बाहर निकाला और वो भी झटके से पलटकर उसके सामने बैठ गयी और अगले ही पल उसके लंड से निकलने वाली पिचकारियाँ उसके खुले मुँह में जाने लगी...



और एक मिनट पहले जिस मुँह ने मौसा जी का माल चूसा था, अब अजय के माल को निगलने लगा...

काफ़ी माल उनके मुँह के अंदर गया और जो बाहर गिरा था वो उन्होने अपनी उंगलियों से साफ़ करते हुए चाट लिया....और ऐसा करते हुए वो किसी रंडी से कम नही लग रही थी...

और अजय भी गहरी साँसे लेता हुआ नीचे बेड पर लेट गया...

पर उसके बाद उसने वहाँ ज़्यादा देर रुकना सही नही समझा...और अपने कपड़े पहन कर वापिस अपनी बीबी की बगल में आकर लेट गया...

सुबह उसकी नींद अलार्म से खुली जो प्राची ने लगाया हुआ था, क्योंकि मौसा-मौसी की ट्रेन थी 8 बजे की...बेहोशी की वजह से प्राची को उठने में काफ़ी परेशानी हुई पर फिर भी वो उठ ही गयी, उसने मौसी को भी जाकर उठा दिया और वो नहा धोकर तैयार हो गये एक घंटे में ...और फिर अजय उन्हे स्टेशन छोड़ने भी गया...और साथ में गयी उनकी बेटी रिया, अपने मम्मी - पापा को स्टेशन छोड़ने के लिए..

अगली बार जल्द आने का वादा करके दोनो चले गये..

और अजय और उसकी साली रिया वापिस चल दिए अपने घर की तरफ...अकेले...




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